बुधवार, 30 जून 2021

अफगान में बदलाव को लेकर कई देशों ने जताईं चिंता

वाशिंगटन डीसी/ काबुल। अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के हटने के बाद आतंकी संगठन तालिबान के हमले तेज हो गए हैं और उसने देश के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया है। अफगानिस्तान में इस बदलाव को लेकर अमेरिका समेत भारत और अन्य देशों ने चिंता जताई है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय के अफगानिस्तान के प्रभारी रॉस विल्सन ने कहा, कि जैसा, कि हम मीडिया रिपोर्टिंग और देश के विभिन्न हिस्सों में तालिबान के प्रत्यक्ष तौर पर हमलों और अफगानिस्तान में नागरिकों को निशाना बना कर किए जा रहे हमलों को देख रहे हैं। हम तालिबान से जारी हिंसा को समाप्त करने और बातचीत की मेज पर लौटने का आह्वान करते हैं।

ज्ञात हो कि पिछले 25 जून को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और राष्ट्रीय पुनर्गठन वाली उच्च परिषद के चेयरमैन अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मुलाकात की। बाइडन ने अफगानिस्तान की सुरक्षा के स्तर पर अमेरिकी सहयोग दोहराने के साथ ही स्पष्ट किया कि 11 सितंबर तक अमेरिकी फौजों की वापसी को लेकर उनका फैसला नहीं बदलेगा। तब तक नाटो सेनाओं की भी वापसी हो जाएगी। यह सब तब होगा। जब तालिबान ने अभी तक अमेरिकी योजनाओं के अनुरूप कदम उठाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है।

अमूल दूध की कीमतों में ₹2 प्रति लीटर की बढ़ोतरी

अहमदाबाद। गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) ने बुधवार को कहा कि अमूल दूध की कीमतों में एक जुलाई से सभी ब्रांडों के लिए दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जाएगी। अमूल ब्रांड नाम के तहत दूध और डेयरी उत्पादों का विपणन करने वाले जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा कि लगभग एक साल और सात महीने के बाद कीमतों में बढ़ोतरी की जा रही है। 

जो उत्पादन लागत में वृद्धि के कारण जरूरी हो गई थी। उन्होंने कहा, ”अमूल दूध की कीमतों में कल से पूरे भारत में 2 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की जाएगी। नई कीमतें सभी अमूल दूध ब्रांडों जैसे सोना, ताजा, शक्ति, टी-स्पेशल, साथ ही गाय और भैंस के दूध पर भी लागू होंगी।”

आर्थिक परिदृश्य में मील का पत्थर साबित हुआ: भारत

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के चार साल पूरे होने के अवसर पर कहा, कि यह व्यवस्था भारत के आर्थिक परिदृश्य में मील का पत्थर साबित हुआ है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ”जीएसटी भारत के आर्थिक परिदृश्य में मील का एक पत्थर है। इसने करों की संख्या कम की है। अनुपालन बोझ के साथ ही आम आदमी पर कुल मिलाकर करों का बोझ कम किया है। जबकि पारदर्शिता, अनुपालन और संग्रह में खासी वृद्धि हुई है।” ज्ञात हो कि पूरे देश में एक जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था। जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13 उपकर जैसे कुल 17 स्थानीय कर समाहित थे।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के चार साल पूरे होने के मौके पर वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए, कर की दरें में कटौती हुई और करदाताओं की संख्या में बढ़ी है। पूरे देश में एक राष्ट्रव्यापी जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13 उपकर जैसे कुल 17 स्थानीय कर समाहित थे। 

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि जीएसटी ने सभी करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बना दिया है और जीएसटी परिषद ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप के मद्देनजर कई राहत उपायों की सिफारिश भी की है। जीएसटी के तहत 40 लाख रुपये तक वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को कर से छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और केवल एक प्रतिशत कर का भुगतान कर सकते हैं। इसी तरह सेवाओं के लिए एक साल में 20 लाख रुपये तक कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट दी गई है।

प्रचार पाने के पैंतरे के लिए एनजीओ की खिंचाई की

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आखिरी क्षण में अदालत का रुख करते हुए ”प्रचार पाने के पैंतरे” के लिए एक एनजीओ की बुधवार को खिंचाई की। एनजीओ ने यहां सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में अधिक पारदर्शिता के लिए परीक्षा परिणाम घोषित करने से पहले 10वीं कक्षा के छात्रों के अंकों के मूल्यांकन के मापदंड का तार्किक दस्तावेज अपनी वेबसाइटों पर प्रकाशित करने का निर्देश देने का अनुरोध अदालत से किया है। 

उच्च न्यायालय ने कहा कि एनजीओ को निजी वादी की तरह बर्ताव नहीं करना चाहिए। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति नवीन चावला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ”आप सोचते हैं कि आप अंतिम क्षण में आएंगे और हर चीज पर रोक लगवा सकेंगे। यह प्रचार पाने का पैंतरा है। यह बहुत खराब बात है। आप हमारे साथ जो कर रहे हैं वह बहुत अनुचित है। किसी निजी वादी की तरह बर्ताव मत करिए।

वैक्सीन नहीं, टीका कैंप लगा रहा है स्वास्थ्य विभाग

अश्वनी उपाध्याय             

गाजियाबाद। कोरोना के खिलाफ जारी जंग में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए गाज़ियाबाद स्वास्थ्य विभाग इन दिनों दिन रात एक कर रहा है। विभाग के अधिकारियों की चुस्ती का यह आलम है कि पर्याप्त मात्रा में टीके न होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग टीका कैंप लगा रहा है। अधिकारियों की इस लापरवाही का खामियाजा उस भोली भली जनता को भुगतना पड़ रहा है। जो इस भीषण गर्मी में भी टीका लगवाने के लिए कैंप में पहुँच रही है। पर्याप्त मात्रा में टीके न होने के कारण ट्रांस हिंडन क्षेत्र में मकनपुर स्थित बरातघर में लगे। ऐसे ही एक कैंप में 850 लोगों को टीका लग सका। जबकि टीका लगवाने के लिए एक हजार से भी अधिक लोग पहुंचे थे। 

ऐसे में जिन्हें टीका नहीं लगा, वे विरोध करने लगे। हालत ऐसे हो गए कि कैंप के आयोजक और क्षेत्रीय पार्षद कपिल त्यागी को मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी। उधर, वैशाली सेक्टर एक स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर लोगों को बिना टीका लगवाए वापस लौटना पड़ा। वैशाली सेक्टर छह रामप्रस्थ ग्रीन में मंगलवार को टीकाकरण शिविर लगाने की पूरी तैयारी की गई। स्थानीय पार्षद मधु सिंह व उनके पति राजकुमार सिंह ने टीकाकरण शिविर लगने का प्रचार-प्रसार भी किया। मंगलवार सुबह-सुबह लोगों को पता चला कि टीके की डोज ही नहीं है। ऐसे में कैंप नहीं लगेगा। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष प्रमोद द्विवेदी ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब डोज ही नहीं थी तो शिविर लगाने की तैयारी ही क्यों की गई।

भाजपा की शुरुआत से अब तक वर्कर हूं: सीताराम

राणा ओबराय               
चंडीगढ़। भाजपा पार्टी के समर्पित नेता व अटेली विधानसभा से विधायक सीताराम यादव ने राष्ट्रीय खोज/भारतीय न्यूज़ के संपादक राणा ओबराय से विशेष बातचीत करते हुए बताया, कि मैं भाजपा का उस समय से वर्कर हूं। जब भाजपा पार्टी का जन्म हुआ। 1980 से लेकर अब तक भाजपा के लिए ही कार्य किया है। उन्होंने बताया सभी विधानसभा चुनाव में एक महीना पहले ही घर छोड़कर भाजपा प्रत्याशियों के जिताने के लिए काम करता था। उन्होंने बताया, कि 1982 से भाजपा प्रत्याशी रामबिलास शर्मा के चुनाव में तन मन धन से मदद करता था। 

सीताराम यादव ने बताया कि मैंने अपने हलके में विकास कार्य करवाने के लिए अभी तक 100 करोड रुपए की ग्रांट राशि खर्च की है। अटेली विधानसभा में दो उपमंडल आते हैं और दोनों में ही विकास कार्य जोरो से हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कनीना उपमंडल में ज्यूडिशियल कंपलेक्स का उद्घाटन भी हो चुका है। अटेली से कनीना रोड तक फ्लाई ओवर के निर्माण भी हुआ है। सीताराम यादव ने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, तथा कांटी व दोगड़ा अहीर में 2 पीएचसी भी बनवाई है। विशेष तौर से नहर की मरम्मत आरसीसी से करवाई गई है। जिसकी लंबे अरसे तक मरम्मत करवाने की जरूरत नही पड़ेगी।

मेरठ: राष्ट्रपति के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया

सत्येंद्र पंवार            
मेरठ। बहुजन मुक्ति पार्टी ने मनुवादी मनुस्मृति चाहने वाले नए संविधान नए संसद की मांग करने वाले और मुस्लिम समाज के मदरसों को बंद करने और इंडियन लायर एसोसिएशन को बंद की मांग करने वाले यतींद्र नाथ गिरी पर सीओ प्रथम मेरठ से मिलकर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया और राष्ट्रपति महोदय के नाम सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा ज्ञापन भेजा।
बहुजन मुक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय बीएल मातंग, कार्यकारिणी राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवेद्र प्रताप सिंह, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर रामधारी दिनकर के निर्देशानुसार, उत्तर प्रदेश के समस्त जिलों में यतेन्द्र नाथ गिरी पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर मेरठ जिला अध्यक्ष ओमवीर सिंह ने प्रदेश मीडिया प्रभारी आर डी गादरे एवं कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के साथ सीओ मेरठ से मिलकर कोतवाली में यतींद्र नाथ गिरी के विरुद्ध देशद्रोह का की मांग करते हुए मुकदमा दर्ज कराया। 
तदोपरांत मेरठ कचहरी पहुंचकर सिटी मजिस्ट्रेट के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार के नाम बहुजन मुक्ति पार्टी का ज्ञापन भेजा। ज्ञात हो कि 28 जून 2021 को जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्र नाथ गिरी द्वारा दैनिक समाचार पत्र अमर उजाला कानपुर मे नए संविधान के साथ नई संसद में प्रवेश नामक शीर्षक से प्रकाशित समाचार को लेकर और देश की नई संसद में नए संविधान के साथ प्रवेश होना चाहिए। जनसंख्या पर नियंत्रण रोक का कानून बनाने के अलावा धर्मांतरण को अपराध घोषित कर मदरसों का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आईएमए को समाप्त करने की मांग को निराधार मानकर बहुजन मुक्ति पार्टी ने गिरी के विरुद्ध जिला कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराने का अभियान के तहत मेरठ जिले में भी यतेंद्र नाथ गिरी द्वारा बोले गए राष्ट्रीय अखंडता और धर्मनिरपेक्षता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन का प्राख्यान है। 
यतींद्र नाथ गिरी के द्वारा नए संविधान में आरक्षण पर कोई विचार की टिप्पणी कर आरक्षित वर्ग को अनावश्यक जन आंदोलन के लिए उत्प्रेरित करने तथा जनान्दोलन के संबंध में निराधार संभाषण करने वर्ग विशेष को जानबूझकर आरोपित करना और भारत व विश्व में मुस्लिम इस्लाम धर्म के समस्त अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं को अपमानित और आहत करने तथा संपूर्ण विश्व में भारत की धर्मनिरपेक्षता की गरिमा में छवि धूमिल करना एवं जन सामान्य तथा मुस्लिम वर्ग के अनुयायियों के बीच शत्रुता का सम परिवर्तन करना सोहार्द प्रतिकूलतः प्रभावित करना तथा लोक प्रशांति में विघ्न उत्पन्न करने और राष्ट्रीय अखंडता और धर्मनिरपेक्षता का प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन का पूरा प्राख्यान भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 124 क 153 क 153 ब, 295 क, व 120 बी एवं  राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम,  1971 की धारा -2 के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में मानकर प्रकरण की गंभीरता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए जूना अखाड़ा मंडलेश्वर यतींद्र नाथ गिरी और साथियों के विरुद्ध उपर्युक्त लिखित धाराओं में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने दंड एवं दंडात्मक कार्यवाही करने की भी मांग की गई। 
तदोपरांत महामहिम भारत सरकार राष्ट्रपति के नियम नाम भी सिटी मजिस्ट्रेट से मिलकर ज्ञापन भेजा ज्ञापन भेजने वालों में आर डी गादरे ओमबीर सिंह,  शाहनवाज, प्रदीप, मोहम्मद दिलशाद, सूफी अमजद अली, अरुण सिंह, अतर सिंह गुप्ता, ओमवीर सिंह, एडवोकेट आवेश उमेश रूपचंद आदि मौजूद रहे।

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...