शनिवार, 26 जून 2021

वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण साझेदार है भारत: यूएसए

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। चीन और पाकिस्‍तान के बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका यह बयान पाकिस्‍तान और चीन को जरूर बेचैन करेगा। अमेरिका ने कहा हैं कि भारत हमारा वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण साझेदार है। हम भारत के साथ मिलकर आर्थिक, रणनीतिक और सुरक्षा संबंधी कई मामलों में कार्य कर रहे हैं। व्हाइट हाउस की प्रेस प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि अमेरिका भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए कई कदम उठा रहा है। हम इस महामारी से लड़ने में भारत को हर तरह की मदद कर रहे हैं। 

उनका यह बयान ऐसे समय आया है। जब सीमा पर चीन, भारत पर लगातार दबाव बना रहा है। ऐसे में अमेरिका का खुलकर भारत के साथ आना चीन और पाकिस्‍तान के लिए चिंता का सबब हो सकता है। प्रेस प्रवक्ता जेन साकी ने कहा कि बाइडन प्रशासन ने भारत के लिए वैक्सीन की भी आपूर्ति की है। अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने चार जून को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर वार्ता की और उनके द्वारा महामारी में की जा रही मदद की जानकारी दी। भारत के लिए अमेरिका-इंडिया चैंबर आफ कामर्स फाउंडेशन ने वेंटीलेटर, आक्सीजन कंसंट्रेटर और आक्सीजन सिलेंडर की भी आपूर्ति की।

हरियाणा की और नहीं बढ पा रही है मानसूनी हवाएं

राणा ओबरॉय             

चंडीगढ़। मानसून की उत्तरी सीमा 19 जून से बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला, अमृतसर पर ही बनी हुई है तथा इस के बाद मॉनसूनी हवायों के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पश्चिमीविक्षोभ के प्रभाव के कारण ऊपरी सतह की अधिक ऊँचाई वाली पाश्चिमी हवायों के चलने के कारण नहीं बन पा रही है। मॉनसून टर्फ उत्तर में ऊपर हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ने के कारण मानसूनी हवाएँ नीचे की तरफ हरियाणा की और नहीं बढ पा रही है।

मानसूनी हवायों की सक्रियता के लिए अनुकूल परिस्थितियां अगले पांच से सात दिनों के बाद ही बनने की सम्भावना है। पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राजस्थान के ऊपर बने एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन से उत्तरी व दक्षिण पाश्चिमी क्षेत्रों में 24 से 26 जून के बीच धूलभरी हवायों व गरजचमक के साथ कहीं बूंदाबांदी व कहीं हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।

स्वास्थ्य विज्ञानियों की चेतावनी, अलर्ट जारी किया

पंकज कपूर             

देहरादून। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले ही काफी हद तक थम चुकी हो। मगर तीसरी लहर को लेकर चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य विज्ञानियों की चेतावनी के बाद उत्तराखंड सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि निरंतर रूप बदल रहा कोरोना का नया रूप ‘डेल्टा वेरिएंट नई चुनौती बन सकता है। इस स्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किया जा रहा है। शनिवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) को पत्र लिखकर तैयारियां पुख्ता रखने को कहा है।

स्वास्थ्य महानिदेशक के पत्र के मुताबिक, कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की प्रसार क्षमता बेहद तीव्र है। साथ ही यह फेफड़ों के लिए अधिक खतरनाक माना जा रहा है और इससे संक्रमित व्यक्तियों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को अधिक नुकसान पहुंचता है। एक तरह से एक शरीर में मौजूद एंटीबाडी के खिलाफ भी खुद को अधिक शक्तिशाली बना लेता है। ऐसे में आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के निर्देशों के मुताबिक कोरोना जांच में किसी भी तरह की शिथिलता भारी पड़ सकती है। लिहाजा, निरंतर जांच के साथ कोरोना जैसे गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियों की शीघ्र पहचान कर उन्हें तत्काल उपचार दिया जाए। इस तरह के रोगियों की पहचान के लिए निगरानी तंत्र को भी सुदृढ़ बनाए रखने को कहा गया है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि सभी तरह के कोविड अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों आदि में पुख्ता संसाधन सुनिश्चत किए जाएं।

'तीसरी लहर' बच्चों के लिए घातक होने की आशंका

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां जोरो से चल रही है। चिंता की बात यह है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक होने की आशंका है। मौजूदा स्थिति में ही बच्चों के संक्रमण होने की दर बढ़ गई है। प्रतिदिन 10 वर्ष से कम आयु के 5 से 10 बच्चे कोरोना के चपेट में आ रहे है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों का विशेष ध्यान रखने समझाइस दी है। प्रदेश सहित पुरे देश में बीते कुछ दिनों से लगातार छोटे बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे है। 

चिकित्सक एवं वैज्ञानिक पहले ही चेतावनी दे दी है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक हो सकती है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। सबसे पहले अभिभावकों को आगाह किया है कि बच्चों का विशेष ख्याल रखें और बच्चों को भी पुरे तरह से गाइडलाइन का पालन करना सिखाएं। मौजूदा स्थिति में बिलासपुर शहर अंतर्गत कोरोना से संक्रमित होने वाले बच्चों के लिए सिर्फ दो अस्पताल संचालित हो रहे है। जहाँ पर 34 बेड बच्चों के लिए है। लेकिन अब बेड संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए चिल्ड्रन अस्पतालों से संपर्क किया जा रहा है। ताकि समय आने पर बच्चो के इलाज में किसी भी प्रकार का दिक्कत न हो। 

27-28 जून को पूर्वी लद्दाख के दौरे पर रहेंगे राजनाथ

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली/ बीजिंग। चीनी विदेश मंत्रालय​​​ ​के एक बयान के बाद बढ़ी तल्खी के बीच ​​​​​​रक्षा मंत्री राजनाथ ​सिंह 27-28 जून को पूर्वी लद्दाख के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वह​ ​लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (​एलएसी) के पास ​भारत की ​तैयारि​​यों का ​​जायजा लेंगे। वह एलएसी के पास ​कई सड़कों का उद्घाटन भी करेंगे।​ उन्होंने करीब एक हफ्ते पहले ​​अरुणाचल प्रदेश ​की सीमा से लगी ​​12 ​सड़कें राष्ट्र को समर्पित ​की थीं। रक्षा मंत्रालय के ​अधीन ​बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ​(बीआरओ) ​पाकिस्तान और चीन ​सीमा तक सैनिकों की ‌आवाजाही सुगम बनाने के लिए ​लगातार ​​​सड़कों का जाल ​​बिछा रहा है। ​​रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह​ के इस लद्दाख ​दौरे में ​मुख्य फोकस बीआरओ के बुनियादी ढांचे ​पर होगा। लेकिन उनकी यह यात्रा ​ऐसे समय हो रही है।
जब चीनी​ सैनिक अभी भी एलएसी के अन्य क्षेत्रों जैसे ​​गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स से अलग नहीं हुए हैं। पिछले एक साल में एलएसी ​के करीब चीनी सेना का निर्माण जारी है जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है।​ अभी दो दिन पहले ​​चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने​​ भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ​के एक बयान के जवाब में भारत को अतिक्रमणकारी देश तक करार दिया है। ऐसे बयानों को देखते हुए लद्दाख में जारी तनाव कम होता दिखाई नहीं दे ​रहा है। सैनिकों की तैनाती को लेकर दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है। इसके बावजूद पूर्वी लद्दाख के कई क्षेत्रों में दोनों देशों की सेनाएं आज भी आमने-सामने तैनात हैं।​​​​
दरअसल, विदेश मंत्री जयशंकर ने कतर इकनॉमिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत के साथ विवादित सीमा पर चीन की सैन्य तैनाती और बीजिंग सैनिकों को कम करने के अपने वादे को पूरा करेगा या नहीं, इस बारे में अनिश्चितता दोनों पड़ोसियों के संबंधों के लिए चुनौती बनी हुई हैं।​ ​उन्होंने कहा था कि क्या भारत और चीन आपसी संवेदनशीलता और सम्मान पर आधारित संबंध बना सकते हैं और क्या पेइचिंग सीमावर्ती क्षेत्र में दोनों पक्षों के किसी बड़े सशस्त्र बल को तैनात नहीं करने की लिखित प्रतिबद्धता का पालन करेगा।​ इस पर चीन ने भारत के अतिक्रमण को सीमा पर तनाव का असली कारण ​बताते हुए कहा है कि हमें सीमा मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से ​हल करने के लिए इसे द्विपक्षीय संबंधों से ​नहीं ​जोड़ा जाना चाहिए। ​इसी साल की शुरुआत में भारत से समझौते के बाद ​पैन्गोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे​ से दोनों देशों के सैनिक पीछे हटे हैं। 
लेकिन अब भी दोनों तरफ से 50-60 हजार सैनिक एलएसी पर तैनात हैं। भारत ने पिछले ​एक साल में भारत और पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में इंफ्रास्ट्रक्चर सुधारने में तेजी से काम किया है।​ इस समय भी जम्मू-कश्मीर में 61, पंजाब में ​0​6, राजस्थान में 23 सड़कों पर काम चल रहा है। ​इनमें से अधिकतर ऑल वेदर रोड है यानी जो हर मौसम में इस्तेमाल की जा सकेंगी।​ रक्षा मंत्री​ ने 17 जून को ​अरुणाचल प्रदेश​ में ​12 ​सड़कें राष्ट्र को समर्पित​ करते हुए कहा था कि इन सामरिक सड़कों से न केवल संपर्क को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पास सुरक्षा बल तेजी से आवाजाही हो सकेगी​​
चीन वार्ता की टेबल पर तो सहमत दिखता है लेकिन जमीनी हालात जस के तस हैं​। ​भारत​-​चीन कूटनीतिक स्तर की वार्ता या परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (​डब्ल्यूएमसीसी) ​की 25 जून को हुई 22​वें दौर ​की बैठक में दोनों पक्ष ​पूर्वी लद्दाख में एलएसी के साथ शेष मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने की आवश्यकता पर सहमत हुए।​ ​बैठक में सितम्बर, 2020 में दोनों ​देशों के ​विदेश मंत्रियों के बीच हुए समझौते को ध्यान में रखते हुए​ इस बात पर भी सहमति बनी कि मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार ​वरिष्ठ​ सैन्य कमांडरों ​के बीच 12वें दौर ​की वार्ता जल्द से जल्द आयोजित ​की जाए।​ चीन ने 9 अप्रैल को हुई कोर कमांडर स्तरीय 11वीं वार्ता में ​एलएसी के​ अन्य विवादित क्षेत्रों ​गोगरा और हॉट स्प्रिंग्स​ से ​अपनी सैन्य टुकड़ी को हटाने से इनकार कर दिया था। 

'तीसरी लहर' के लिए सरकार ने कोई तैयारी नहीं की

हरिओम उपाध्याय             

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को खस्ताहाल बताते हुये कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिये सरकार ने कोई तैयारी नहीं की है। अजय कुमार लल्लू ने शनिवार को कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब हालत से गुजर रही है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स व अन्य विशेषज्ञाें ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर होगा। जिसको लेकर यूपी की सरकार की कोई तैयारी नहीं है, सिर्फ हवाई दावे किये जा रहे हैं।

उन्होने कहा कि प्रदेश में 0-18 साल के बच्चे करीब साढ़े आठ करोड़ हैं। जिसमें 70 प्रतिशत बच्चों की आबादी ग्रामीण क्षेत्र में है। जहां ग्रामीण क्षेत्रों की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर बाल चिकित्सक न के बराबर हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार प्रति एक हजार बच्चों पर एक बाल रोग विशेषज्ञ की आवश्यकता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में इतनी दयनीय स्थिति है कि लगभग 13 हजार बच्चों पर एक बाल रोग चिकित्सक है। ऐसे में यदि ग्रामीण क्षेत्र में दुर्भाग्यवश कोरोना संकट फैला तो वहां बच्चों को कैसे बचाया जायेगा। प्रदेश सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है।

1 दर्जन जिलाध्यक्षों को पद से बर्खास्त किया: यादव

हरिओम उपाध्याय           

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेशानुसार, गोरखपुर और भदोही सहित लगभग एक दर्जन जिलाध्यक्षों को पद से बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने इन जिलाध्यक्षों को समाजवादी पार्टी को जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी के लिये नामांकन नहीं कर पाये है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने लगभग एक दर्जन जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव सेे जिलाध्यक्ष पद से पदमुक्त कर दिया है। 

अखिलेश यादव ने गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतबुद्धनगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर जिले के जिलाध्यक्षों को जिलाध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया है। उन्होंने इन जिलाध्यक्षों को इसलिये बर्खास्त किया है। क्योंकि यह समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी का नामांकन नहीं करा पाये हैं।

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...