शनिवार, 26 जून 2021
वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण साझेदार है भारत: यूएसए
हरियाणा की और नहीं बढ पा रही है मानसूनी हवाएं
राणा ओबरॉय
चंडीगढ़। मानसून की उत्तरी सीमा 19 जून से बाड़मेर, भीलवाड़ा, धौलपुर, अलीगढ़, मेरठ, अम्बाला, अमृतसर पर ही बनी हुई है तथा इस के बाद मॉनसूनी हवायों के आगे बढ़ने के लिए अनुकूल परिस्थितियां पश्चिमीविक्षोभ के प्रभाव के कारण ऊपरी सतह की अधिक ऊँचाई वाली पाश्चिमी हवायों के चलने के कारण नहीं बन पा रही है। मॉनसून टर्फ उत्तर में ऊपर हिमालय की तलहटियों की तरफ बढ़ने के कारण मानसूनी हवाएँ नीचे की तरफ हरियाणा की और नहीं बढ पा रही है।
मानसूनी हवायों की सक्रियता के लिए अनुकूल परिस्थितियां अगले पांच से सात दिनों के बाद ही बनने की सम्भावना है। पश्चिमीविक्षोभ के आंशिक प्रभाव के कारण राजस्थान के ऊपर बने एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन से उत्तरी व दक्षिण पाश्चिमी क्षेत्रों में 24 से 26 जून के बीच धूलभरी हवायों व गरजचमक के साथ कहीं बूंदाबांदी व कहीं हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई।
स्वास्थ्य विज्ञानियों की चेतावनी, अलर्ट जारी किया
पंकज कपूर
देहरादून। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर भले ही काफी हद तक थम चुकी हो। मगर तीसरी लहर को लेकर चिंता बढ़ गई है। स्वास्थ्य विज्ञानियों की चेतावनी के बाद उत्तराखंड सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेताया है कि निरंतर रूप बदल रहा कोरोना का नया रूप ‘डेल्टा वेरिएंट नई चुनौती बन सकता है। इस स्थिति को देखते हुए अलर्ट जारी किया जा रहा है। शनिवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) को पत्र लिखकर तैयारियां पुख्ता रखने को कहा है।
स्वास्थ्य महानिदेशक के पत्र के मुताबिक, कोरोना के डेल्टा वेरिएंट की प्रसार क्षमता बेहद तीव्र है। साथ ही यह फेफड़ों के लिए अधिक खतरनाक माना जा रहा है और इससे संक्रमित व्यक्तियों की रोगप्रतिरोधक क्षमता को अधिक नुकसान पहुंचता है। एक तरह से एक शरीर में मौजूद एंटीबाडी के खिलाफ भी खुद को अधिक शक्तिशाली बना लेता है। ऐसे में आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) के निर्देशों के मुताबिक कोरोना जांच में किसी भी तरह की शिथिलता भारी पड़ सकती है। लिहाजा, निरंतर जांच के साथ कोरोना जैसे गंभीर लक्षण वाले व्यक्तियों की शीघ्र पहचान कर उन्हें तत्काल उपचार दिया जाए। इस तरह के रोगियों की पहचान के लिए निगरानी तंत्र को भी सुदृढ़ बनाए रखने को कहा गया है। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि सभी तरह के कोविड अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों आदि में पुख्ता संसाधन सुनिश्चत किए जाएं।
'तीसरी लहर' बच्चों के लिए घातक होने की आशंका
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयारियां जोरो से चल रही है। चिंता की बात यह है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक होने की आशंका है। मौजूदा स्थिति में ही बच्चों के संक्रमण होने की दर बढ़ गई है। प्रतिदिन 10 वर्ष से कम आयु के 5 से 10 बच्चे कोरोना के चपेट में आ रहे है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने बच्चों का विशेष ध्यान रखने समझाइस दी है। प्रदेश सहित पुरे देश में बीते कुछ दिनों से लगातार छोटे बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो रहे है।
चिकित्सक एवं वैज्ञानिक पहले ही चेतावनी दे दी है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक हो सकती है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है। सबसे पहले अभिभावकों को आगाह किया है कि बच्चों का विशेष ख्याल रखें और बच्चों को भी पुरे तरह से गाइडलाइन का पालन करना सिखाएं। मौजूदा स्थिति में बिलासपुर शहर अंतर्गत कोरोना से संक्रमित होने वाले बच्चों के लिए सिर्फ दो अस्पताल संचालित हो रहे है। जहाँ पर 34 बेड बच्चों के लिए है। लेकिन अब बेड संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए चिल्ड्रन अस्पतालों से संपर्क किया जा रहा है। ताकि समय आने पर बच्चो के इलाज में किसी भी प्रकार का दिक्कत न हो।
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'तीसरी लहर' के लिए सरकार ने कोई तैयारी नहीं की
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को खस्ताहाल बताते हुये कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर के लिये सरकार ने कोई तैयारी नहीं की है। अजय कुमार लल्लू ने शनिवार को कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बहुत खराब हालत से गुजर रही है। कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन, एम्स व अन्य विशेषज्ञाें ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि इसका सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों पर होगा। जिसको लेकर यूपी की सरकार की कोई तैयारी नहीं है, सिर्फ हवाई दावे किये जा रहे हैं।
उन्होने कहा कि प्रदेश में 0-18 साल के बच्चे करीब साढ़े आठ करोड़ हैं। जिसमें 70 प्रतिशत बच्चों की आबादी ग्रामीण क्षेत्र में है। जहां ग्रामीण क्षेत्रों की सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी) व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर बाल चिकित्सक न के बराबर हैं। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार प्रति एक हजार बच्चों पर एक बाल रोग विशेषज्ञ की आवश्यकता है। लेकिन उत्तर प्रदेश में इतनी दयनीय स्थिति है कि लगभग 13 हजार बच्चों पर एक बाल रोग चिकित्सक है। ऐसे में यदि ग्रामीण क्षेत्र में दुर्भाग्यवश कोरोना संकट फैला तो वहां बच्चों को कैसे बचाया जायेगा। प्रदेश सरकार को इसकी कोई फिक्र नहीं है।
1 दर्जन जिलाध्यक्षों को पद से बर्खास्त किया: यादव
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के आदेशानुसार, गोरखपुर और भदोही सहित लगभग एक दर्जन जिलाध्यक्षों को पद से बर्खास्त कर दिया है। उन्होंने इन जिलाध्यक्षों को समाजवादी पार्टी को जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष प्रत्याशी के लिये नामांकन नहीं कर पाये है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देशानुसार समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने लगभग एक दर्जन जिलाध्यक्षों को तत्काल प्रभाव सेे जिलाध्यक्ष पद से पदमुक्त कर दिया है।
अखिलेश यादव ने गोरखपुर, मुरादाबाद, झांसी, आगरा, गौतबुद्धनगर, मऊ, बलरामपुर, श्रावस्ती, भदोही, गोंडा और ललितपुर जिले के जिलाध्यक्षों को जिलाध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया है। उन्होंने इन जिलाध्यक्षों को इसलिये बर्खास्त किया है। क्योंकि यह समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रत्याशी का नामांकन नहीं करा पाये हैं।
टूर्नामेंट का पहला संस्करण लगातार दूसरे साल टाला
लंदन। कोरोना महामारी के कारण यूरो टी-20 स्लेम टूर्नामेंट का पहला संस्करण लगातार दूसरे साल टाल दिया गया है। बोर्ड ने इस संबंध में हाल ही में बैठक की है और टूर्नामेंट के पहले संस्करण को 2022 तक ले जाने का फैसला किया है। क्रिकेट आयरलैंड ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “ टूर्नामेंट के स्थगित होने का मुख्य कारण पुनर्निर्धारित आईपीएल के साथ-साथ कोरोना महामारी के नए वेरिएंट द्वारा उत्पन्न मुश्किल तार्किक चुनौतियां हैं। जो यूरो टी-20 स्लेम की खिड़की पर प्रभाव डाल रही हैं।
क्रिकेट आयरलैंड के मुख्य कार्यकारी वारेन ड्यूट्रोम ने एक बयान में कहा, “ पिछले साल हम प्रतियोगिता की संरचना को बदलने के लिए सहमत हुए थे। कोरोना महामारी के चलते यात्रा को कम करने और विभिन्न क्वारंटीन आवश्यकताओं पर हुई बातचीत के आधार पर एक ही देश में टूर्नामेंट के आयोजन की कल्पना की गई थी। आपको केवल आईपीएल और पीएसएल जैसी स्थापित प्रतियोगिताओं पर उभरती महामारी के प्रभावों को देखना होगा। यह जानते हुए कि जटिलता और अनिश्चितता को अभी भी प्रबंधित करने की आवश्यकता है। ”
राष्ट्रपति को ले जा रहें हेलीकॉप्टर पर गोलीबारी की
बोगोटा। कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान डुके ने शुक्रवार को बताया कि वेनेजुएला की सीमा से लगे दक्षिणी कैटाटुम्बो में उन्हें और उनके वरिष्ठ अधिकारियों को ले जा रहे हेलीकॉप्टर पर गोलीबारी की गई। यह किसी राष्ट्रपति के विमान पर सीधे हमला किए जाने की दुर्लभ घटना है। डुके ने बताया कि हेलीकॉप्टर में सवार सभी व्यक्ति सुरक्षित हैं। हेलीकॉप्टर में डुके के अलावा देश के रक्षा मंत्री डिएगो मोलानो, गृह मंत्री डेनियल पलासियोस और नॉर्ट डी सैंटेंडर राज्य के गवर्नर सिल्वानो सेरानो सवार थे। वे ‘वैधता के साथ शांति- सतत कैटाटुम्बो अध्याय” शीर्षक वाले समारोह में शामिल हुए थे।
राष्ट्रपति ने एक बयान में कहा, ”मैं देश को सूचित करना चाहता हूं कि कैटाटुम्बो के सार्डिनटा में एक प्रतिबद्धता पूरी करने के बाद कुकुटा शहर के पास राष्ट्रपति के हेलीकॉप्टर पर हमला किया गया।” उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर में लगे उपकरणों एवं उसकी क्षमताओं ने बड़ी दुर्घटना होने से रोक ली।
राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक वीडियो में कोलंबियाई वायुसेना के हेलीकॉप्टर में गोलियां लगने के कारण कई छेद नजर आ रहे हैं। डुके ने यह नहीं बताया कि हमला किस समय किया गया था या हमला किसने किया, लेकिन ऐसा माना जाता है कि इलाके में कई सशस्त्र समूह सक्रिय हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि ये ”कायराना” हमले उन्हें नशीले पदार्थों की तस्करी, आतंकवाद और संगठित अपराध के खिलाफ लड़ाई लड़ने से रोक नहीं सकते। उन्होंने कहा, ”संदेश यह है कि कोलंबिया अपराध के खिलाफ हमेशा मजबूती से खड़ा है और हमारे संस्थान किसी भी खतरे से ऊपर हैं।”
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समर्थित प्रत्याशी का मुकाबला नहीं कर सकीं भाजपा
अश्वनी उपाध्याय
गाज़ियाबाद। जिलें में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन भारतीय जनता पार्टी समर्थित प्रत्याशी का मुकाबला नहीं कर सकीं। स्थिति कुछ ऐसी हो गई कि गठबंधन की प्रत्याशी नसीम बेगम नामांकन भी नहीं कर सकी। ऐसी स्थिति में भाजपा प्रत्याशी ममता त्यागी का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है, बस औपचारिकता शेष रह गई है। वहीं समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम बेगम के पति एवं बसपा के निलंबित विधायक असलम चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक अजीत पाल त्यागी एवं वरिष्ठ नेता बृजपाल तेवतिया उनके एक प्रस्तावक को होटल से उठाकर ले गये। इस मामले में अजीत पाल त्यागी की होटल के सामने खड़े हुए वीडियो भी वायरल हो रही है।
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए भाजपा ने पार्टी के पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष बसंत त्यागी की पत्नी ममता त्यागी को प्रत्याशी बनाया था। शनिवार को सुबह भाजपा के सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारियों के साथ ही केंद्रीय मंत्री एवं स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह, जिला प्रभारी सत्येंद्र शिशौदिया, जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल, महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा, राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल, विधायक सुनील शर्मा, अजीत पाल त्यागी, नंद किशोर गुर्जर, डा. मंजू शिवाच, मोदीनगर नगर पालिका चेयरमैन अशोक माहेश्वरी, लोनी नगर पालिका चेयरमैन रंजीता धामा, खोड़ा नगर पालिका चेयरमैन रीना भाटी समेत सभी एकत्र हुए।
यहां से दोनों अध्यक्षों के साथ ही सांसद, विधायक कलक्ट्रेट पहुंचे तथा जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह को ममता त्यागी ने दो सैट में नामांकन पत्र के दो सैट सौंपे। नामांकन में प्रस्ताव एवं अनुमोदक में परमिता कसाना, अंशु मावी एवं बसपा के जिला पंचायत सदस्य शौकेंद्र चौधरी रहे। नामांकन पत्र भरे जाने के बाद भाजपा के जिला प्रभारी सत्येंद्र शिशौदिया ने कहा कि अधिकांश जिला पंचायत सदस्य भाजपा प्रत्याशी ममता त्यागी के साथ है। सभी जिला पंचायत सदस्य विकास एवं राष्ट्रवाद के मुद्दे पर एक साथ है। इस स्थिति में ममता त्यागी की जीत सुनिश्चित है।
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पीएम ने आयोध्या विकास परियोजना की समीक्षा की
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ आयोध्या विकास परियोजना की समीक्षा की और कहा कि राम की इस नगरी को आध्यात्मिक और वैश्विक पर्यटन केंद्र के साथ ही एक टिकाऊ स्मार्ट शहर के रूप में विकसित करना है। वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हुई इस समीक्षा बैठक में उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के अलावा उत्तर प्रदेश सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बैठक में अयोध्या के विकास से जुड़ी परियोजना के विभन्न पहलुओं पर उत्तर प्रदेश के अधिकारियों की ओर से एक प्रस्तुती दी गई।
बयान में कहा गया कि अयोध्या के विकास की कल्पना में एक अध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन केंद्र और टिकाऊ स्मार्ट सिटी विकसित करना है। बैठक में प्रधानमंत्री को अयोध्या के संपर्क को बेहतर करने से संबंधित ढांचागत विकास से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं से अवगत कराया गया। इस दौरान हवाई अड्डे के विकास से जुड़ी परियोजनाओं, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, सड़कों और राजमार्गों के विकास से संबंधित योजनाओं पर चर्चा की गई।
बयान में कहा गया बैठक के दौरान एक हरित उपनगर बसाने को लेकर भी चर्चा की गई ताकि यहां दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आश्रम, होटल और विभिन्न राज्यों के भवनों की सुविधा उपलब्ध हो। एक आधुनिक पर्यटन सुविधा केंद्र और वैश्विक स्तर का एक संग्रहालय बनाए जाने को लेकर बैठक में चर्चा की गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या हर भारतीय की सांस्कृतिक चेतना का शहर है इसलिए वहां की परियोजनाओं में उत्कृष्ट परंपरा और सर्वाश्रेष्ठ विकासात्मक बदलाव का प्रदर्शन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयोध्या के मानवीय लोकाचार भविष्य के बुनियादी ढांचों से मिलते जुलते होने चाहिए। उन्होंने अयोध्या की पहचान का जश्न मनाने, नवीन तरीकों से इसकी सांस्कृतिक जीवंतता को बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयासों का आह्वान किया।
7 साल से देश के अन्नदाताओं का दमन किया: कांग्रेस
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा है कि सात साल से देश के अन्नदाताओं के साथ पाखंड कर उनका दमन किया जा रहा है उनके अधिकारों का हनन हो रहा है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को यहां जारी बयान में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार कभी किसानों पर लाठी बरसाती है। कभी आँसू गैस छोड़ती है, तो कभी उनकी राहों में कील और काँटे बिछाती है। सड़कों पर सोने को मजबूर किसानों को सरकार कभी आतंकी, कभी खालिस्तानी बताती है
किसानों के साथ कांग्रेस की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी किसानों के आज आयोजित प्रदर्शन का समर्थन करती है और अधिकारों की हर लड़ाई में देश के किसान के साथ खड़ी है। उनका कहना था कि सरकार पिछले सात माह से किसानों को प्रताड़ित कर रही है और उन्हें परास्त करने के लिए षडयंत्र कर रही है। सुरजेवाला ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार ने सबसे पहले अध्यादेश के माध्यम से किसानों की ज़मीन हड़पने की कोशिश की। फिर उन्हें समर्थन मूल्य पर लागत के साथ 50 प्रतिशत मुनाफा देने से इंकार कर दिया। वर्ष 2018 में किसान सम्मान निधि से देश के 14 करोड़ 65 लाख किसानों को वंचित किया।
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