शनिवार, 26 जून 2021

यूपी में आने वाले हर यात्री का टेस्ट किया जाएं: सीएम

हरिओम उपाध्याय            

लखनऊ। यूपी में भी डेल्टा प्लस वैरिएंट का मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि प्रदेश में आने वाले हर यात्री का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाए और उसका सैम्पल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए। वैरिएंट का पता लगाने के लिए जिलों से मंगाए गए है। केजीएमयू में आज से 150 नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग जांच शुरू हो गई है। 

देशभर में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ‘डेल्टा प्लस’ का खतरा अब उत्तर प्रदेश में भी मंडराने लगा है। नागपुर से आए एक व्यक्ति में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अहम निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने प्रदेश में आने वाले यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच कर उनके की जीनोम सीक्वेंसिंग कराने के निर्देश दिए हैं।

यूपी की जेल नियमावली में बदलाव करने पर विचार

हरिओम उपाध्याय        

लखनऊ। योगी आदित्यनाथ सरकार राज्य की जेल नियमावली में बदलाव करने पर विचार कर रही है। ताकि, कैदियों का बेहतर रख-रखाव सुनिश्चित हो सके और जेलों को सुरक्षित बनाया जा सके। जेल विभाग द्वारा जेल नियमावली के संशोधित प्रारूप की प्रस्तुति देखने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि जेल में बंद कैदियों के रखरखाव में सुधार के प्रयास किए जाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों को कैदियों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़कर उनके कौशल का विकास करना चाहिए ताकि वे रिहा होने के बाद सही मानसिकता के साथ सामान्य जीवन जी सकें। सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने जेल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि महिला कैदियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले।

कांग्रेस नेता द्वारा लिखें पत्र ने परेशानी में डाला: तोमर

अकांशु उपाध्याय           

नई दिल्ली। किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा लिखे गए एक पत्र ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को परेशानी में डाल दिया है। पत्र का आशय है कि तोमर का किसानों से कभी कोई लेना-देना नहीं रहा है और न ही उनकी पृष्ठभूमि किसानों की है, वे तो समाज सेवी हैं। पत्र के मुताबिक, यह तथ्य तोमर ने निर्वाचन आयोग को दिए शपथ पत्र में स्वयं दर्ज कराए हैं। उल्लेखनीय है कि किसान आंदोलन की शुरुआत में कृषि मंत्री तोमर ने किसानों को संबोधित 8 पेज का एक पत्र लिखा था। जिसमें उन्होंने स्वयं को किसान परिवार से बताया था। मगर दिग्विजय सिंह के पत्र के मुताबिक तोमर ने लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में अपनी संपत्ति की जानकारी में यह स्वीकार किया था कि उनके पास कोई भी कृषि भूमि नहीं है।

तोमर ने अपने व्यवसाय के कॉलम में किसान नहीं बल्कि समाजसेवी होने का तथ्य दर्ज कराया था। दिग्विजय सिंह ने उसी शपथ पत्र के आधार पर तोमर को पत्र लिखकर पूछा है यदि आप किसान हैं तो शपथ पत्र झूठा है और यदि शपथ पत्र सही है तो आप किसान नहीं है। अभी तक कृषि मंत्री ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पत्र का जवाब नहीं दिया है। यह भी एक संयोग है कि दोनों नेता एक ही राज्य से है। इस पत्र के आधार पर तोमर के संसदीय क्षेत्र के कुछ लोगों ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भी पत्र भेजा है और शपथ पत्र की जांच करवाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि पिछले 7 महीने से कृषि से संबंधित तीन कानूनों के विरोध में किसान आंदोलनरत हैं। उसी संदर्भ में कांग्रेस नेता ने उन्हें पत्र लिखा था कि यदि कृषि कानूनों को संसद की प्रवर समिति को सौंप दिया होता तो किसान आंदोलन की नौबत ही न आती।

कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने कृषि विधेयकों पर चर्चा कराने की मांग की थी मगर उसे भी निरस्त कर दिया गया था जबकि संसदीय परंपराओं में यदि एक भी सदस्य मत विभाजन की मांग करता है तो लोकसभा अध्यक्ष को मानना पड़ता है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से कृषि मंत्री पर आरोप लगाया है कि सभी संसदीय परंपराओं को ठुकराते हुए मनमाने तरीके से कृषि बिल पास कराए गए और भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय जोड़ दिया गया। यह सब कार्पोरेट जगत को लाभ पहुंचाने के लिए किया गया है।

इस पत्र के माध्यम से उन्होंने कृषि मंत्री से 10 सवाल किए थे मगर लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी जवाब नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि कृषि क्षेत्र के तीनों कानूनों के विरोध में किसान देशभर में आंदोलनरत है और दिल्ली सीमा पर पिछले 6 माह से ज्यादा समय से धरने पर बैठे हुए हैं। जिसमें कई किसानों की अब तक मृत्यु भी हो चुकी है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी हाईकमान ने कुछ बड़े लोगों को आंदोलन समाप्त करवाने के लिए लगाया है। कृषि मंत्री तोमर ने भी किसानों को फिर से बातचीत का न्योता भेजा है।

स्वास्थ्य पर खर्च के केस में भारत का स्थान 176वां हैं

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। स्वास्थ्य पर खर्च के मामले में भारत का स्थान विश्व के 196 देशों में 176वां है। भारत अपने सकल घरेलू उत्पाद का सिर्फ 1.8 फीसद स्वास्थ्य पर खर्च करता है। जबकि मालदीव जैसा नन्हा-सा देश भी अपने नागरिकों को स्वस्थ रखने के लिए जीडीपी का 6.65 फीसद खर्च कर देता है। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के ग्लोबल हेल्थ एक्सपेंडीचर डेटाबेस के मुताबिक विकासशील देशों में मालदीव के अलावा लेटिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना जीडीपी का 5.91 फीसद तथा कोलंबिया 5.47 फीसद स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च करता है। जहां तक विकसित देशों का सवाल है तो स्वीडन इस मामले में सबसे आगे है। वो अपने नागरिकों को स्वस्थ रखने के लिए हर वर्ष जीडीपी की 9.27 फीसद राशि खर्च कर देता है। स्वीडन के बाद जापान का नंबर आता है। जिसका खर्च 9.21 फीसद है। इस क्रम में जर्मनी जीडीपी का 8.88 फीसद, नॉर्वे 8.57 फीसद तथा अमेरिका 8.51 फीसद स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च करता है।

बरेली: पटेल चौक पर स्काई वॉक बनाने की तैयारी शुरू

संदीप मिश्र                

बरेली। स्मार्ट सिटी के तहत पटेल चौक पर स्काई वॉक बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। इंजीनियरों ने इसका डिजाइन बनाना शुरू कर दिया है। जल्द ही करीब 10 करोड़ के टेंडर किए जाएंगे। स्काई वॉक बनने के बाद पटेल चौक पर लगने वाले जाम से लोगों को काफी राहत मिल जाएगी। स्मार्ट सिटी के इंजीनियरों का कहना है कि इसका काम अगस्त में शुरू करने की कोशिश की जा रही है।

स्मार्ट सिटी परियोजना में पटेल चौक की तस्वीर काफी बदल जाएगी। शहर के अति व्यस्त रहने वाले इस चौराहे पर यातायात का काफी दबाव रहता है। इस वजह से लोगों को आवागमन में परेशानी होती है। अभी कुछ दिन पहले स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है। स्काई वॉक को बनाने के लिए अनुमानित लागत लगभग दस करोड़ रुपए आंकी गई है।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-315 (साल-02)
2. रविवार, जून 27, 2021
3. शक-1984,अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि-तीज, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:42, सूर्यास्त 07:16।
5. न्‍यूनतम तापमान -21 डी.सै., अधिकतम-38+ डी.सै.।
बरसात की संभावना
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

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