शुक्रवार, 18 जून 2021

दुनिया की पहली दवा के लिए खजाना खोला: यूएसए

वाशिंगटन डीसी। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग के लिए अमेरिका ने वैक्‍सीन के बाद अब दुनिया की पहली दवा के लिए खजाना खोल दिया है। जो बाइडन प्रशासन एंटीवायरल दवा विकसित करने के लिए 3.2 अरब डॉलर देने जा रहा है। अगर यह दवा बनाने में सफलता मिलती है तो कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज में बहुत आसानी हो जाएगी। साथ ही यह कोरोना वायरस के खिलाफ पहली कारगर दवा होगी।
अमेरिका के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ और राष्‍ट्रपति बाडइन के सलाहकार एंथनी फाउची ने इस अरबों डॉलर के निवेश का ऐलान किया। इस पैसे के जरिए विभिन्‍न दवाओं के क्लिनिकल ट्रायल को तेज किया जाएगा। ये दवाएं किसी कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के गंभीर रूप से बीमार होने से पहले ही उसको बेकार कर देंगी। अगर यह ट्रायल सफल रहता है तो इस साल के आखिर तक दुनिया में कोरोना वायरस की पहली दवा सामने आ सकती है।

दिल्ली में हरियाणा की सियासी गतिविधियां ज्यादा बढ़ीं

राणा ओबराय                
नई दिल्ली। किसी भी कार्य की अटकलें तब लगती है जब उसमें कुछ सच्चाई होती है। यह तय माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल फेरबदल शीघ्र होगा। इसीलिए सहयोगी पार्टी जेजेपी सहित मुख्यमंत्री, गृहमंत्री दिल्ली दरबार मे हाजरी भर रहे हैं। इसलिए मनोहर लाल मंत्रिमंडल में बदलाव की अटकलों के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हरियाणा की सियासी गतिविधियां बढ़ गई हैं। चंडीगढ़ में अपनी गठबंधन सरकार के 600 दिन की उपलब्धियां गिनाने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल नई दिल्ली पहुंचे। उनके बाद राज्य के गृहमंत्री अनिल विज भी अचानक दिल्ली पहुंच गए। 

सीएम मनोहर लाल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की, तो अनिल विज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने जा पहुंचे। इसके बाद ह‍रियाणा कैबिनेट में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं।बता दें, पिछले एक पखवाड़े से राष्ट्रीय राजधानी हरियाणा की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बनी हुई है। 31 मई को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद जेपी नड्डा से भी मुलाकात की। इसके बाद 11 जून को मनोहर सरकार में साझेदार जजपा नेता और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे। दुष्यंत की शाह से मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों यह चर्चा आम हो गई कि मनोहर मंत्रिमंडल का शीघ्र विस्तार होगा। यह चर्चा तब और प्रबल हो गई जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बुधवार चंडीगढ़ में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाकात की।

यूपी: यूनिसेफ के साथ बैठक में आवश्यक निर्देश दिएं

कौशाम्बी। संचारी रोगों की रोकथाम के संबंध में उप जिलाधिकारी सिराथू प्रखर उत्तम में मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज सिराथू, कड़ा, सीडीपीओ व यूनिसेफ के साथ बैठक में आवश्यक निर्देश दिए है। इस अवसर पर संचारी रोग नियंत्रण के साथ बचाव संबंधी दिशा-निर्देशों को अनुपालन करने का आवाहन करते हुए स्वयं को सुरक्षित रखते हुए संबंधित विभाग संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत किये जाने वाले कार्यों का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को अंतर विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए अभियान का सफल संचालन के लिए विभाग आवंटित किए गए हैं। उप जिला अधिकारी प्रखर उत्तम ने बताया इस वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण डेंगू चिकनगुनिया मलेरिया दिमागी बुखार के साथ-साथ कोरोना बचाव के बारे में भी प्रचार-प्रसार कर आवश्यक जानकारी लोगो को साझा की जाएं।
सन्तलाल मौर्य 

लाइसेंस लिए जाने के कानून का कड़ा विरोध किया

अश्वनी उपाध्याय              

गाजियाबाद। राष्ट्रीय व्यापार मंडल के निमंत्रण पर गुरुवार को व्यापारियों गोविंदपुरम में बैठक संपन्न हुई। बैठक में व्यापारियों ने तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला की बिक्री के लिए लाइसेंस लिए जाने के कानून का कड़ा विरोध किया। सरकार पर छोटे दुकानदारों के शोषण का आरोप लगाया। व्यापारियों ने प्रदेश सरकार से यह फैसला वापस लेने की मांग की है। संगठन के संरक्षक अशोक भारतीय ने कहा कि इस फैसले से छोटे दुकानदार का उत्पीड़न बढ़ेगा।

सरकार चाहे तो तंबाकू पर पूर्ण प्रतिबंध लगा कर अच्छा संदेश दे सकती है लेकिन लाइसेंस के नाम पर छोटे दुकानदारों का उत्पीड़न सही नहीं होगा। जिला अध्यक्ष बालकिशन गुप्ता ने कहा सरकार ने तंबाकू, सिगरेट, पान, मसाला बेचने के लिए लाइसेंस लिए जाने का कानून बनाया है। साथ ही इसकी फीस भी काफी अधिक रखी गई है। इसमें यह प्रावधान है कि जो लोग तंबाकू, सिगरेट आदि बेचेंगे, वह दुकानों पर अन्य टॉफी, बिस्केट आदि की बिक्री नहीं कर सकेंगे।

कोविड़ टीकों को मुफ्त में बेच रहीं हैं सरकार: भाजपा

अकांशु उपाध्याय            

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया कि राज्य सरकार कोविड टीके लोगों को मुफ्त में उपलब्ध कराने के बजाय ऊंचे दामों पर बेच रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पंजाब में कोरोना के टीके जो लोगों को मुफ्त में लगायी जानी चाहिए, उन्हें राज्य सरकार अधिक कीमतों पर बेच रही है। राज्य सरकार 309 रुपये की कीमत वाली वैक्सीन की 1560 रुपये में बेच कर काला बाज़ारी कर रही है।

पुरी ने कहा "पंजाब सरकार के अधिकारी और कोविड टीकाकरण के प्रभारी ने 29 मई के कुछ आंकड़ों में इस बात का ज़िक्र किया था कि कोविशील्ड टीकों की 4.29 लाख डोज 13.25 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी। इसकी औसत कीमत 309 रुपये है। वहीं 1,14,190 कोवैक्सिन टीकों को औसतन 4.70 करोड़ रुपये में खरीदी गई जिसके एक टीके का दाम 412 रुपये हैं।" उन्होंने कहा कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की केंद्र सरकार ने जनता के लिए 41 ऑक्सीजन प्लांट को मंजूरी दी है, जिसमें से कुछ तुरंत ही शुरू कर दिए जाएंगे और कुछ 15 अगस्त यानि कि देश की 74वीं आजादी की वर्षगांठ के दिन से शुरू किए जाएंगे।

पुरी ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर कृषि कानूनों के बारे में कोई संदेह है, तो हम किसान नेताओं के साथ बैठकर चर्चा के लिए तैयार हैं। हम सुझावों के लिए खुले तौर पर उनका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें आंदोलन स्थल से दुष्कर्म की खबरें मिल रही हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। इससे पहले भी कई भाजपा नेता इस मुद्दे को उठा चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने पंजाब के 333 सिखों को काली सूची से हटा दिया है। केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की वजह से हजारों सिख भाई-बहनों को देश की नागरिकता मिली है। वहीं गुरुद्वारों के लिए केंद्र सरकार ने लंगर सेवा पर जीएसटी से छूट दी है।

हापुड़: जंगल में एक सांड़ बना खूंखार, हमला किया

अतुल त्यागी              
हापुड़। मामला जनपद के थाना धौलाना क्षेत्र के गांव समाना का है। जहां जंगल में एक विजार खूंखार बना हुआ है। जहां भी ग्रामीणों को देख लेता है, उनके पीछे भाग कर हमला करता है। बताया जा रहा है कई ग्रामीण इसके शिकार भी हो चुके हैं। लेकिन, कोई इसे पकड़ने के लिए तैयार नहीं है। आज मामला उस वक्त संज्ञान में आया। जब एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 
लोगों को जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ना पड़ा लेकिन, खूंखार बना विजार काफी समय तक लोगों के पेड़ से उतरने का पेड़ के नीचे ही खड़ा होकर इंतजार करता रहा। लेकिन, ग्रामीण पेड़ पर ही चढ़े रहे लोगों की कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह विजार को वहां से भगाया गया। ऐसा ना हो कहीं कोई खूंखार बने विजार का शिकार होजाए और जिंदगी से हाथ धोना पड़ जाए पहले भी बहुत किस्से सामने आए हैं। धौलाना क्षेत्र का मामला।

सतर्क, कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है: पीएम

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस अभी खत्म नहीं हुआ है और इसके म्यूटेशन की संभावना बनी हुई है। जिसके मद्देनजर देशवासियों को हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोविड-19 अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के लिये ‘विशेष क्रैश-कोर्स’ कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 26 राज्यों के 111 केंद्रों में चलाया जायेगा। इस पहल के तहत लगभग एक लाख अग्रिम पंक्तियों के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय, कई अन्य केंद्रीय मंत्री, राज्यों के मंत्री, विशेषज्ञ और अन्य हितधारक उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह शुरूआत कोरोना से लड़ने का एक अहम कदम है। उन्होंने आगाह किया कि वायरस अभी मौजूद है और उसके म्यूटेशन की संभावना बनी हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर ने यह बता दिया है कि वायरस कैसी-कैसी चुनौतियां हमें दे सकता है। देश को हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिये और एक लाख से अधिक अग्रिम पंक्ति के जांबाजों का प्रशिक्षण इसी दिशा में उठाया गया कदम है।

'प्रकृति' का सृजन हर सवाल का सटीक जवाब हैं

अकांशु उपाध्याय            

नई दिल्ली। प्रकृति का सृजन अपने आप में हर सवाल का सटीक जवाब है। किसी प्राणी की वास्तविक आवश्यकता और जीवन की हर एक वस्तु प्रकृति ने अपनी गोद में संजो रखी है। इसका लाखों-करोड़ों प्राणियों के प्रति प्यार, माँ के समान अनमोल और अतुलनीय है, जो अपने सभी बच्चों को समान दृष्टि से देखने का हुनर रखती है। बदले में प्राणियों का भी कर्तव्य है, प्रकृति के मोल को समझना। इसके बिना अपने जीवन की कल्पना करना भी प्राणी के लिए उसकी मृत्यु को निमंत्रण देने के बराबर है। लेकिन सत्य तो यही है कि अन्य प्राणियों से परे मानव अपने जीवन को दांव पर लगाने को उतारू हो चला है। अपने फायदे के लिए लगातार पेड़ों को काटना, अपशिष्ट पदार्थों को नदियों में प्रवाहित करना या जमीन में गाढ़ना, आदि तमाम कारण हैं, जिनके परिणाम दुष्कर हैं। 

यह विचारणीय है कि क्या वाकई में इसमें मानव का कुछ फायदा है ? पीआर 24x7 के फाउंडर, अतुल मलिकराम कहते हैं कि मध्यप्रदेश के बकस्वाहा के स्वाहा किए जाने वाले बेशकीमती जंगल अब मानव को मूल्यहीन लगने लगे हैं। कारण यह है कि उसकी नजर में हीरों का मोल जीवन से कहीं गुना अधिक है। एक बार स्वयं से यह सवाल करने के बाद जवाब खुद-ब-खुद मानव को मिल जाएगा कि पृथ्वी से जीवन का विनाश हो जाने के बाद ये हीरे किसके और क्या काम आएँगे ? अब समय आ गया है प्रकृति से खिलवाड़ को पूर्णतः रोकने का। सरकार को इसके लिए ठोस नियम बनाने पर गंभीरता से विचार करने की सख्त आवश्यकता है। 

जिसके अंतर्गत पेड़ काटने, जंगलों का विनाश करने, जलाशयों को समाप्त करने, अपशिष्ट पदार्थों के अनुचित प्रवाह, अन्य प्राणियों के जीवन को दांव पर लगाने आदि पर भारी मात्रा में दंड सुनिश्चित किए जाएं।  ऑक्सीजन तथा जल ही जीवन के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं, और इन दोनों पर ही वर्तमान में खतरा मंडरा रहा है, जिसके परिणाम भविष्य का विनाश करने वाले होंगे। आर्टिफिशियल ऑक्सीजन के परिणाम हमने इस महामारी में देख ही लिए हैं। कुछ महीनों में ही इसकी भारी मात्रा में कमी सामने आ गई। विचार करें कि जब इस क्षति के चलते धरती का हर एक प्राणी आर्टिफिशियल ऑक्सीजन का उपयोग करने को मजबूर हो जाएगा, तो क्या इतने कम समय में इसकी आपूर्ति हो सकेगी।

जितने कम समय में हमें पेड़ ऑक्सीजन देते हैं। जब प्रकृति हम पर इतने उपकार करने के लिए अपना फायदा नहीं देखती है, तो हम क्यों अपने फायदे के लिए प्रकृति का नाश कर रहे है ? हम अब भी संभल सकते हैं। सरकार के कानूनों के अलावा हम भी यह प्रण जरूर लें कि हम कम से कम एक या दो पेड़ अवश्य लगाएंगे। साथ ही अन्य लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करेंगे और इन्हें काटने का सख्त विरोध करेंगे। अपने-अपने स्तर पर जलाशयों को स्वच्छ रखने में बेहतर योगदान देंगे और अन्य लोगों द्वारा इन्हें दूषित किए जाने पर अधिकार से रोकेंगे। यदि अब भी हमने पर्यावरण पर ध्यान नहीं दिया, तो हम बहुत ही कम समय में खुद को अँधेरे गर्त में झोंक देंगे, और इससे हमें बाहर निकालने प्रकृति भी नहीं आएगी।

वैज्ञानिकों ने मर्दों को प्रेग्नेंट करने का चमत्कार किया

बीजिंग। चीन के वैज्ञानिक अजीबोगरीब रिसर्च करते रहते हैं। बीते दिनों चीन के वुहान लैब से निकले एक वैज्ञानिक ने दावा किया था कि चीन अजीबोगरीब रिसर्च करते रहता है। वहां कई ऐसे रिसर्च किये जाते हैं, जो आमतौर पर अन्य देशों में बैन है। इसी के बीच अब चीन के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्होंने मर्दों को प्रेग्नेंट करने का चमत्कार कर दिखाया है। इसके लिए वो कई सालों से रिसर्च कर रहे थे। अब जाकर इस रिसर्च का नतीजा सामने आ गया है। चीन में वैज्ञानिकों द्वारा किये इस रिसर्च में नर चूहे की बॉडी पर एक्सपेरिमेंट किया गया। इसमें नर की बॉडी में सर्जरी के जरिये मादा की बॉडी से निकाला गया बच्चेदानी फिट किया गया। इसके बाद नर को प्रेग्नेंट कर सिजेरियन के जरिये बच्चे पैदा करवाए गए। इस रिसर्च के बाद अब फ्यूचर में मर्दों के प्रेग्नेंट होने के चांसेस बढ़ गए हैं। इंफोवार्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस रिसर्च के बाद अब वैसे ट्रांसजेंडर जो बच्चे पैदा करना चाहते हैं, को मदद मिलेगी।

ये एक्सपेरिमेंट शंघाई के नेवल मेडिकल यूनिवर्सिटी  द्वारा किया गया। इसमें रिसर्चर्स ने मादा चूहों की बॉडी से बच्चेदानी को पहले बाहर निकला। इसके बाद उसे नर चूहे की बॉडी में फिट किया। इस यूट्रस ट्रांसप्लांट के बाद नर को प्रेग्नेंट कर उसकी सिजेरियन के जरिये डिलीवरी करवाई गई। इस रिसर्च को चार स्टेप में पूरा किया गया। इसे रैट मॉडल बताया गया। हालांकि, अभी इसकी सक्सेस रेट मात्र 3.68 परसेंट ही बताई गई है। नर चूहे में एक्सपेरिमेंट कामयाब हो गया और नर ने 10 बच्चे पैदा किये। 

चीन के रिसर्चर अब रैट मॉडल को इंसानों पर अपनाने की फ़िराक में हैं। ऐसा पहली बार हुआ है कि एक्सपेरिमेंट में नर को प्रेग्नेंट किया गया। मैमल में हुए इस एक्सपेरिमेंट से अब इसके इंसानों में कामयाब होने की उम्मीद बढ़ गई है। इससे पहले स्कूल ऑफ़ मेडिसिन ने ट्रांसजेंडर्स के लिए भी ऐसा एक एक्सपेरिमेंट किया था। इसमें वैसे ट्रांसजेंडर्स जो प्रेग्नेंट होना चाहते हैं। अपने यूट्रस की सर्जरी नहीं करवाते और मेल की बॉडी में ही प्रेग्नेंट हो जाते हैं।

तीसरी लहर से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं

संदीप मिश्र               

बलिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि इसके लिए सावधानी जरूरी है और इसके बचाव के लिए प्रदेश में मुकम्मल तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बलिया में अपने चार घंटे के प्रवास के दौरान उन्होंने जिला अस्पताल के कोविड सेंटर का निरीक्षण किया और मरीजों से मुलाकात की। उन्होंने मरीजो से पूछा कि यह व्यवस्था केवल आज के लिए की गई है कि पहले भी रहती है। कोविड वार्ड का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ट्रामा सेंटर के वैक्सीनेशन केंद्र पहुंचे और वहां तैनात एएनएम व जीएनएम से पूछताछ की। 

अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री हनुमानगंज विकासखंड के हैबतपुर गांव पहुंचे और वहां बीस मिनट तक रहें। गांव में उन्होंने छोटे बच्चों से बातचीत की और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से गरीबों को फ्री राशन देने के कार्यक्रम को देखा। इस मौके पर पांच लाभार्थियों को राशन वितरण करने के साथ ही उनसे पूछताछ भी की। बाद में योगी कलेक्ट्रेट गए और वहां जनप्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिले की स्थिति की समीक्षा की। बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर अब पूर्ण नियंत्रण की ओर है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बारे में आशंका व्यक्त की जा रही थी कि मई माह के अंत तक यहां संक्रमितों की संख्या तीस से पचास लाख होगी। लेकिन यहां संक्रमितों की संख्या अब छह हजार तक सीमित हो गई है। उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के नियंत्रण में निगरानी समितियों का कार्य काफी सराहनीय रहा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रत्येक जिले में अभिभावक बूथ बनाए गए हैं।जहां बारह वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों का वैक्सीनेशन का कार्य तेजी पर है। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर से बचाव के लिए जिलों में दवाओं को पहुंचाने का कार्य तेजी पर है। दवा वितरण के लिए आयु के अनुसार चार ग्रुप 0- 1, 1- 5,5 – 12 व 12-18 बनाए गए हैं। योगी ने कहा कि जिस अवधि में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है वह समय संक्रमण का होता है। मलेरिया, चिकनगुनिया, वायरल बुखार आदि के फैलने का समय होता है। इससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं बल्कि इससे सुरक्षा के उपाय किए जाने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक जिले में पीकू वार्ड बनाए जाने का कार्य प्रगति पर है।

महामारी अधिनियम को कड़ाई से लागू किया जाएं

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि स्वास्थ्य कर्मियों की कुशलता तथा सुरक्षा के लिए तेजी से कदम उठाये जाएं और संशोधित महामारी अधिनियम को कड़ाई से लागू किया जाए। मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रधान सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि स्वास्थ्य कर्मियों की हर मोर्चे पर कोविड-19 प्रबंधन में सबसे अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने कई मौकों पर स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के रहने और काम करने के स्थानों पर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है।

अधिकारी ने कहा, ”देश ने व्यापक तौर पर स्वास्थ्य क्षेत्र के लोगों के प्रयासों की सराहना की है। लेकिन कुछ उदाहरण हैं। जिनमें उनकी साख पर धब्बा लगाया गया और कुछ मामलों में तो स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा हुई।” अग्रवाल ने पत्र में लिखा कि हाल ही में असम, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक समेत कुछ जगहों से डॉक्टरों, स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मियों तथा अन्य पेशेवरों के खिलाफ हिंसा की खबरें आईं। उन्होंने कहा, ”इस तरह के वाकये हमारे स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मियों के मनोबल को प्रभावित करते हैं जिन्होंने कोविड-19 प्रबंधन में सभी चुनौतियों के खिलाफ अत्यंत प्रतिबद्धता से काम किया।” उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक अध्यादेश जारी किया था और बाद में इसे कानून के रूप में अधिसूचित किया जिसके तहत स्वास्थ्य क्षेत्र के कर्मियों के विरुद्ध हिंसा गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध है।

ममता की याचिका पर 24 को सुनवाई करेगा एचसी

मिनाक्षी लोढी            

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नंदीग्राम विधानसभा सीट से निर्वाचन को चुनौती देने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका पर 24 जून को सुनवाई करेगा। इससे पूर्व दिन में अदालत ने मामले पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। नंदीग्राम से अधिकारी के निर्वाचन को अमान्य घोषित करने संबंधी याचिका पर न्यायमूर्ति कौशिक चंदा की पीठ ने सुनवाई की। न्यायाधीश ने कहा कि बनर्जी को सुनवाई के पहले दिन पेश होना होगा, क्योंकि यह एक चुनाव याचिका है।

बनर्जी के वकील ने कहा कि वह कानून का पालन करेंगी। मामले की सुनवाई को 24 जून तक स्थगित करते हुए न्यायमूर्ति चंद्रा ने निर्देश दिया, ‘‘इस बीच उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार इस अदालत के सामने एक रिपोर्ट पेश करेंगे कि क्या यह याचिका जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 के अनुरुप दाखिल की गयी है।’’ तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बनर्जी ने अपनी याचिका में भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी पर जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 123 के तहत भ्रष्ट तरीका अपनाने का आरोप लगाया है। बनर्जी ने याचिका में यह भी दावा किया है कि मतगणना प्रक्रिया में विसंगतियां थीं। निर्वाचन आयोग ने पिछले महीने कांटे के मुकाबले के बाद अधिकारी को नंदीग्राम सीट पर विजयी घोषित किया था।


चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया

चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया  इकबाल अंसारी  चेन्नई। देश में इन दिनों आईपीएल की धूम मची हुई है। गत चैम्पियन चेन्नई सुपर...