शनिवार, 12 जून 2021

अभियान, सैकड़ों अरब डॉलर की परियोजनाएं: मंजूर

वाशिंगटन डीसी। दुनिया के सबसे संपन्न सात देशों (जी 7) के शिखर सम्मेलन में शनिवार को चीन मुख्य मुद्दा रहा। चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ अमेरिका की अगुआई में जी 7 देशों ने पहली बार इतने आक्रामक ढंग से फैसले किए। चीन के वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) अभियान के जवाब में अमेरिका और पश्चिमी देश मिलकर बुनियादी सुविधाओं के विकास का नया अभियान शुरू करेंगे। इस अभियान में सैकड़ों अरब डॉलर (सैकड़ों लाख करोड़ रुपये) की परियोजनाएं होंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जी 7 देशों के अन्य नेताओं के अनुसार इस परियोजना का नाम बिल्ड बैक बेटर व‌र्ल्ड (बी3डब्ल्यू) होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस कार्यालय के अनुसार इस अभियान के तहत पारदर्शी तरीके और आपसी साझेदारी से आधारभूत ढांचे का विकास किया जाएगा। इसके तहत विकासशील देशों में 2035 तक 40 ट्रिलियन डॉलर की रकम खर्च की जाएगी।

एससी के प्रस्ताव को वापस लेने का अनुरोध किया

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के हाल के उस प्रस्ताव को वापस लिये जाने का अनुरोध किया है। जिसमें शीर्ष न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों को उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किये जाने का सुझाव दिया गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने संबंधित प्रस्ताव को संवैधानिक मानदंडों के प्रतिकूल बताया है और कहा कि यह चयन प्रक्रिया की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप है तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए निर्धारित कानून के विरुद्ध है। प्रत्येक उच्च न्यायालय की अपनी स्वतंत्र चयन पद्धति होती है तथा संबंधित उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम द्वारा उम्मीदवारों के व्यक्तिगत मूल्यांकन के आधार नियुक्ति की जाती है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं की उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए विचार करने के अनुरोध को दोहराया था। विकास सिंह के अनुसार शीर्ष न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों के पास दीवानी, आपराधिक, संवैधानिक, वाणिज्यिक कानून आदि से संबंधित सभी प्रकार के मुद्दों से निपटने का व्यापक और सर्वश्रेष्ठ अनुभव है। लेकिन हाईकोर्ट कॉलेजियम द्वारा शायद ही कभी उन पर विचार किया जाता है। क्योंकि वे उच्च न्यायालय के समक्ष नियमित रूप से प्रैक्टिस नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन मुख्य न्यायाधीश को वकीलों की एक सूची सौंप सकती है। जो इसे हाईकोर्ट कॉलेजियम को भेज सकते हैं।

गाजियाबाद: निर्धारित शर्तों के हिसाब से कर्फ्यू लागू

अश्वनी उपाध्याय             

गाज़ियाबाद। जिले के सभी बाजार दो दिन के लिए सोमवार की सुबह सात बजे तक पूर्ण रूप से शासन की तरफ से निर्धारित शर्तों के हिसाब से कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। इस अवधि सिर्फ दूध, मेडिकल स्टोर व आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी। सभी मजिस्ट्रेट और थानों की पुलिस सुनिश्चित कराएगी, कि कोरोना कंर्फ्यू का कड़ा से पालन कराए। इसके लिए पहले से सेक्टर और जोन वाइज मजिस्ट्रेट की ड्यूटी निर्धारित है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान सिर्फ चिकित्सकीय कारण, अस्पताल, मेडिकल स्टोर, पैथोलॉजी लैब और इंडस्ट्री में काम करने वाले अधिकारियों और श्रमिकों को ही निकलने की अनुमति होगी। इसके साथ ही अगर किसी की ट्रेन या बस से टिकट बुक हैं तो उन्हें भी जाने की इजाजत दी जाएगी। बाकी किसी को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी।

कौशाम्बी: जल जीवन मिशन अभियान की शुरुआत की

कौशाम्बी। समाज में जन जन को व प्रत्येक को घर को शुद्ध पेयजल लगाने हेतु नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के तत्वाधान में पेय जल एवं स्वच्छता मिशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में जल जीवन मिशन अभियान की शुरुआत की गई है।
चायल तहसील के समस्त ग्राम पंचायतों में आयोजित पेय जल एवं स्वच्छता मिशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में जल जीवन मिशन कौशांबी के अंतर्गत संस्था मातृभूमि विकास परिषद परिषद द्वारा हर घर नल अभियान संचालित किया गया। जिसके अंतर्गत ग्राम पंचायत चक बादशाहपुर में ग्राम सभा की खुली बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति का ग्राम वासियों द्वारा अपने घरों में नल लगाने की सहमति व्यक्त की है।
क्रम में ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर व ग्राम पंचायत दनियालपुर में जल चौपाल का आयोजन किया गया। जल चौपाल में संस्था के परियोजना प्रबंधक मोहिनी सिंह द्वारा उपस्थित जनसमूह को सरकार द्वारा संचालित हर घर नल योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।संस्था के विषय विशेषज्ञ सुनील कुमार राय द्वारा पेयजल एवं स्वच्छता स्क्रीन के बारे में कार्यों की अध्यक्षता ग्राम प्रधान बादशाहपुर व ग्राम प्रधान मोहम्मदपुर व ग्राम प्रधान दनियालपुर द्वारा की गई। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख रूप से मोहिनी सिंह व सुनील कुमार राय, शमा परवीन, अफरोज अहमद, बालकरन, मोहम्मद अदास, रामचंद्र, मोहम्मद आकिब, रईस अहमद, सर्वेश कुमार, चंद्रशेखर, आदि ने कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त उपस्थिति ग्राम वासियों द्वारा नल लगाने पर सहमति व्यक्त की गई।
गणेश साहू 

हादसा: मृत शरीर को देखकर भयभीत हुए लोग

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। ग्राम बख्शी मोड़ा अपने साले प्रकाश की लड़की की शादी में उपस्थित हुए थे। बताया जा रहा है, पिछले एक महीना से इसी ग्राम बख्शी मोड़ा में रह रहे थे। क्षेत्र के लोगों के अनुसार बताया जा रहा है। तकरीबन, रात बीती रात 2:00 बजे के बाद से यह गांव में नहीं थे। सुबह शौच के लिए निकलने वाले लोगो की नजर पड़ी, तो बक्सी मोड़ा से करेलाबाग संपर्क मार्ग पुल के नीचे एक मृत्य पड़ी डेड बॉडी को देखकर लोग भयभीत हुए। उसके बाद गांव में लोगों ने जब सूचना मिली, तो पता चला कि दिलीप भारतीय के डेड बॉडी है। उसके बाद संबंधित थाना को सूचित किया गया। मौके पर पहुंचे एएसआई कौशलेंद्र बहादुर सिंह पुलिस बल के साथ डेड बॉडी का पंचनामा भरवा कर मर्चरी भेजने का प्रबंध किया।

अपराध: पैसे के लेनदेन को लेकर सलमान की हत्या


अतुल त्यागी                
हापुड़। जनपद के कोतवाली क्षेत्र चितोली रोड़ पर आज उस समय सनसनी फैल गई। जब सूचना मिली, कि एक युवक की लाश यहां पड़ी है। मौके पर पहुंच एक अज्ञात शव पुलिस को बरामद हुआ। पुलिस ने चंद घंटों की मशक्कत के बाद ही केस का खुलासा करते हुए बताया, कि एक दोस्त ने दूसरे दोस्त की हत्या पैसे के लेनदेन को लेकर की। सबह करीब 8:00 बजे पुलिस को 112 नंबर पर सूचना मिली थी। चितोली रोड पर एक व्यक्ति की लाश पड़ी है। मोके पर तत्काल कोतवाली पुलिस पहुंची आसपास। 
उसकी पहचान कराई गई तो पता चला कि युवक सलमान पुत्र शराफत निवासी रामपुर रोड पुरानी चुंगी, हापुड़ नगर का रहने वाला है। इस संदर्भ में जब छानबीन की गई तो एक नाम पुलिस के सामने आया शाहिल पुत्र शफीक निवासी मोहला करीमपुरा बुलंदशहर हापुड़ ने पैसे के लेनदेन को लेकर सलमान की हत्या की है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शाहिल को गिरफ्तार कर लिया तथा उचित कार्रवाई करते हुए उसको जेल भेज दिया। वहीं मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पुलिस ने साहिल  से एक तमंचा एक खोखा कारतूस वह एक जिंदा कारतूस बरामद किया तथा मृतक का मोबाइल भी बरामद किया।

'क्लब हाउस’ संवाद के अनुच्छेद 370 पर बयान दिया

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ‘क्लब हाउस’ संवाद के अनुच्छेद 370 को लेकर विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और राज्य का दर्जा खत्म करना ‘बहुत दुखद’ है तथा उनकी पार्टी इस पर पुनर्विचार करेगी। उनके बयान को भाजपा ने आड़े होथों लिया।भाजपा ने कांग्रेस पर भारत के खिलाफ बोलने तथा पाकिस्तान की ‘हां में हां’ मिलाने का आरोप लगाया। भाजपा का कहना है कि सिंह ने पाकिस्तानी मूल के पत्रकार के साथ संवाद के दौरान यह टिप्पणी की।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बयान देना चाहिए। उधर, दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ”अनपढ़ लोगों की जमात को ‘शैल’ (करेंगे) और ‘कंसिडर’ (विचार करना) में फ़र्क़ शायद समझ में नहीं आता।” कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मामले पर कहा कि अगस्त, 2019 में कांग्रेस कार्य समिति ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया था और वही पार्टी का आधिकारिक रुख है तथा वरिष्ठ नेताओं को उसी प्रस्ताव को देखना चाहिए।

कोरोना 'संक्रमण' की भयावहता को उजागर किया

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने जिम्मेदार अभियान को आगे बढाते हुए फेसबुक पोस्ट में एक महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की पंक्तियों का हवाला देते हुए हाल ही में मंद हुई कोरोना संक्रमण की भयावहता का उजागर किया है। गंगा नदी के पानी में शव उतरा रहे थे। श्मशान घाटों में इतने शव थे कि उन्हें जलाने के लिए लकड़ियाँ कम पड़ गई थीं। पलक झपकते ही मेरे पूरे परिवार को मेरी नजरों के सामने महामारी ने लील लिया। कांग्रेस नेता ने कहा है कि महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने अपने उपन्यास कुल्ली भाट में इन पक्तियों के जरिए आज से लगभग 100 साल पहले आई स्पेनिश फ्लू महामारी की भयावहता को बयां किया था। 

एक भयानक भविष्यदर्शी की तरह ये लाइनें आज के समय में और भी चुभती हैं। क्योंकि आज किसी संकट में सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारी से मुँह मोड़ने के कारण पैदा हुई सामूहिक पीड़ा बीते जमाने की बात होनी चाहिए। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार से पूछा है कि आखिर क्या वजह है कि इस महामारी से गुजरते समय हमें वही अनुभव करना पड़ा तो पिछली सदी में स्पेनिश फ्लू महामारी के दौरान देशवासियों ने किया था ? सरकार द्वारा भगवान भरोसे छोड़े दिए गए भारतवासी आखिर क्यों मदद की गुहार लगाते हुए अपनी जान बचाने के लिए दौड़ रहे थे ? गंगा नदी में दिनों-दिन तक उतराते शवों का जो मंजर देख पूरा विश्व व्याकुल था, वह क्यों हुआ ?

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि एक मजबूत नेता संकट के समय सच का सामना करता है और जिम्मेदारी अपने हाथ में लेकर ऐक्शन लेता है। दुर्भाग्य से, प्रधानमंत्री जी ने इसमें से कुछ भी नहीं किया। महामारी की शुरुआत से ही उनकी सरकार का सारा जोर सच्चाई छिपाने और जिम्मेदारी से भागने पर रहा। नतीजतन, जब कोरोना की दूसरी लहर ने अभूतपूर्व ढंग से कहर बरपाना शुरू कियाय मोदी सरकार निष्क्रियता की अवस्था में चली गई। इस निष्क्रियता ने वायरस को भयानक क्रूरता से बढ़ने का मौका दिया जिससे देश को अकथनीय पीड़ा सहनी पड़ी।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री देश-दुनिया के विशेषज्ञों द्वारा दी गई अनगिनत सलाहों को नजरअंदाज नहीं करते और यदि प्रधानमंत्री खुद के एम्पावर्ड ग्रुप या स्वास्थ्य मामलों की संसदीय समिति की ही सलाह पर ध्यान दे देते तो देश अस्पताल में बेडों, ऑक्सीजन एवं दवाइयों के भीषण संकट के दौर से नहीं गुजरता। कांग्रेस नेता ने कहा है कि अगर वे एक जिम्मेदार नेता होते और देशवासियों द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी की जरा भी परवाह करते तो वे कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के बीच अस्पताल के बेडों की संख्या कम नहीं करते। तब उन्होंने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने के लिए नए टैंकर जरूर खरीदे होते और औद्योगिक ऑक्सीजन के मेडिकल इस्तेमाल के लिए तैयारी जरूर की होती। तब उन्होंने हिन्दुस्तानियों के लिए व्यवस्था करने से पहले लाखों जीवन रक्षक दवाइयों की डोज विदेशों को नहीं भेजी होती। तब अनगिनत परिवारों को अपने प्रियजनों के लिए मदद मांगते हुए दर-बदर भटकना नहीं पड़ता। इतने लोगों की अनमोल जानें नहीं जाती यदि प्रधानमंत्री आने वाले खतरे के लिए पहले से योजना बनाते और निपटने की तैयारी करते।

शादीशुदा जीवन की स्वतंत्रता की मांग, याचिका दाखिल

बृजेश केसरवानी           
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अंतर धार्मिक विवाहित से जुड़ा ने शादीशुदा जीवन की स्वतंत्रता की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक कि याचिकाकर्ता ने जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप नहीं लगाया हो। सुरक्षा सुनिश्चित करते समय महिला के इस्लाम में धर्मांतरण से फर्क नहीं पड़ेगा। हाईकोर्ट ने कहा कि दो बालिग विवाहित न होने पर भी साथ रहने के हकदार हैं। इसके लिए उनके विवाह के प्रमाण पत्र की कोई जरूरत नहीं है।
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के लता सिंह केस के आधार पर अनुच्छेद 141 के अनुपालन का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूरे देश में प्रशासन और पुलिस के अधिकारी यह सुनिश्चित करें।आवश्यक दस्तावेज पेश करने पर कानून के मुताबिक आवश्यक कदम उठाएं ताकि बालिग विवाहित जोड़ों को कोई परेशान ना करें और हिंसा न पहुंचाए। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे वैवाहिक जोड़ों को धमकाने पर क्रिमिनल एक्ट के तहत कार्रवाई करने का भी आदेश है। बता दें 20 वर्ष की हिंदू लड़की यशी देवी ने 40 साल के गुच्छन खान से धर्म परिवर्तन कर शादी की है।
याचिका में लड़की के परिजनों पर वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप का आरोप लगाया गया है। यशी देवी व तीन अन्य की ओर से ये याचिका दाखिल की गई है। हाईकोर्ट के जस्टिस सलिल कुमार राय एकल पीठ ने याचिका निस्तारित की।

कंपनियों के टीके मुफ्त में नहीं लगाएं जाएंगे, निर्णय

अकांशु उपाध्याय                       
नई दिल्ली। कोरोना की महामारी के खिलाफ चलाए जा रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान का फाइजर और मॉडर्ना कंपनी के टीके हिस्सा नहीं होंगे। यानी सरकारी टीकाकरण सेंटरों पर इन दोनों ही कंपनियों के टीके मुफ्त में नहीं लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार इन दोनों कंपनियों के टीकों को हासिल करने में मदद जरूर करेगी। केंद्र सरकार की दोनों कंपनियों के साथ चल रही बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि माह जुलाई तक फाइजर का टीका भारत में उपलब्ध हो जाएगा। फाइजर और माडर्ना कंपनी के टीकों की कीमत बहुत ज्यादा है। इस वजह से इन टीकों की खरीद भारी मात्रा में की जाएगी। साथ ही सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम में इन दोनों के शामिल किए जाने की संभावना भी घटेगी। दरअसल देशभर में कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान चलाते हुए केंद्र सरकार की ओर से कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 
जिसके तहत देशवासियों को को-वैक्सीन और कोविशील्ड के टीके मुफ्त लगाए जा रहे है।
अब केंद्र सरकार ने फाइजर और माडर्ना कंपनी के कोरोना टीकों को भारत में इस्तेमाल की अपनी मंजूरी दी है। लेकिन इन दोनों ही कंपनियों के टीकों को सरकार की ओर से चलाये जा रहे कोविड-19 अभियान में शामिल नहीं किया गया है। सरकार केवल इन टीकों को हासिल करने में मदद जरूर करेगी। फाइजर और मॉडर्ना के टीके मुफ्त में उपलब्‍ध न कराए जाने के पीछे एक बड़ी वजह इन टीकों के कोल्‍ड चेन मैनेजमेंट की है। दोनों टीकों को 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान पर स्‍टोर करना होता है। ऐसा केवल बड़े अस्‍पतालों में संभव है। यानी अगर सरकार यह टीके मुफ्त में देना चाहे तो उसे बड़े पैमाने पर देश में कोल्‍ड चेन पर निवेश करना होगा। अधिकारी के अनुसार, हम ऐसा करने के बजाय लोगों के लिए और टीके खरीदना चाहेंगे।

मामलें का पटाक्षेप, पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में होंगे

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। पुलिस के 2 असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की कथित रूप से किसानों द्वारा की गई पिटाई के बाद किसान आंदोलन से एक और नया विवाद जुड़ गया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश करते हुए कहा है कि पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में होंगे। किसानों को लगा होगा कि वह चैनल के लोग हैं। जो किसानों को गलत ढंग से दिखाते हैं। हमारे लोग मारपीट नहीं करते हैं। दरअसल, 10 जून की बताई जा रही घटना के तहत दिल्ली पुलिस के 2 असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के फोटो खींच रहे थे। दोनों को फोटो खींचते हुए देख नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने आपत्ति जताई। 
आरोप है कि फोटों खींचने बंद करने पर इस दौरान उन दोनों की पिटाई कर दी गई। इस मामले में राजधानी दिल्ली के नरेला थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। उधर किसान नेता एवं भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश करते हुए कहा है कि वह पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में होंगे। किसानों को ऐसा लगा होगा कि वह चैनल के लोग हैं जो किसानों के आंदोलन को गलत तरीके से दिखाते हैं। हमारे लोग किसी के साथ मारपीट नहीं करते हैं। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार और पुलिस चाहती है कि हम किसानों के साथ पंगेबाजी करें। जिससे किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का मौका मिल सके। 
उधर नरेला थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के 2 असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने 10 जून को सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल की तस्वीरें खींची। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने उनके ऊपर कथित रूप से हमला बोल दिया।

उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 11 नए मामलें मिलें

पंकज कपूर            

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जहां तेजी से कम हो रहा है। वही ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में आज ब्लैक फंगस के 11 नए मामले तथा 2 मरीजों की मौत हुई। शनिवार की शाम 6:30 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के अब तक 380 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 60 मरीजों की मौत हो चुकी है। वही 35 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक 239 मामले सामने आए। जिनमें 40 की मौत हो चुकी है। 6 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसके अलावा दून मेडिकल कॉलेज में 20, मैक्स हॉस्पिटल में 14, महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में 27, जौलीग्रांट में 34, आरोग्यधाम हॉस्पिटल में दो, कृष्णा अस्पताल हल्द्वानी में तीन, सुशीला तिवारी अस्पताल में 29, सिटी अस्पताल में, तिवारी नर्सिंग होम में एक, जिला अस्पताल उधम सिंह नगर में एक, ओएनजीसी हॉस्पिटल में एक , सिनर्जी हॉस्पिटल में 2, उत्तरकाशी डिस्टिक हॉस्पिटल में 02 , मिलट्री हॉस्पिटल रुड़की में दो तथा मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में एक मामले सामने आए है।

इंवेस्टिगेटिव पत्रकारिता के लिए 'पुलित्जर' पुरस्कार

अखिलेश पाण्डेय              
न्यूयॉर्क। अशांत शिंजियांग प्रांत में लाखों मुसलमानों को हिरासत में रखने के लक्ष्य से चीन द्वारा गोपनीय तरीके से बनाए गए जेल और अन्य भवनों के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने वाली खबरें लिखने वाली भारतीय मूल की पत्रकार मेघा राजगोपालन और दो अन्य पत्रकारों को इनोवेटिव इंवेस्टिगेटिव पत्रकारिता के लिए पुलित्जर पुरस्कार दिया गया है। बजफीड न्यूज की पत्रकार राजगोपालन भारतीय मूल की उन दो पत्रकारों में से एक हैं। जिन्हें शुक्रवार को अमेरिका का शीर्ष पत्रकारिता पुरस्कार दिया गया। टम्पा बे टाइम्स के नील बेदी को स्थानीय रिपोर्टिंग के लिए यह पुरस्कार दिया गया। बेदी और कैथलीन मैकग्रॉरी ने भविष्य के संदिग्ध अपराधियों की पहचान करने के लिए कंप्यूटर मॉडलिंग का उपयोग करने के शेरीफ कार्यालय के कदम के संबंध में खबर लिखने के लिए पुरस्कृत किया गया है। शेरीफ कार्यालय इस योजना के तहत बच्चों सहित करीब 1,000 लोगों की निगरानी कर रहा था। 
बेदी टम्पा बे टाइम्स में इंवेस्टिगेटिव रिपोर्टर हैं। टाइम्स के कार्यकारी संपादक मार्क कैचेस ने कहा, ”कैथलीन और नील ने पास्को काउंटी में जिस सूचना को सार्वजनिक किया उसका समुदाय पर विस्तृत प्रभाव पड़ा है।” उन्होंने कहा, ”कोई भी अच्छा इंवेस्टिगेटिव पत्रकार यही कर सकता है और इसलिए यह जरूरी है।” राजगोपालन के शिंजियांग सीरीज को अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टिंग श्रेणी में पुलित्जर पुरस्कार मिला है। पुरस्कार पाने के कुछ ही मिनट बाद राजगोपालन ने बजफीड न्यूज से कहा कि वह पुरस्कार समारोह का सीधा प्रसारण नहीं देख रही थीं क्योंकि जीतने की आशा नहीं थी। उन्होंने कहा कि एक दोस्त ने जब फोन करके उन्हें बधाई दी, तब उन्हें पुलित्जर जीतने का पता चला। उन्होंने लंदन से फोन पर कहा, ”मैं आश्चर्यचकित हूं, मुझे इसकी आशा नहीं थी।

आखिरी थ्रो में भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीता: नीरज

लिस्बन। स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने अपने अंतर्राष्ट्रीय सत्र की शुरुआत सिटी ऑफ लिस्बन एथलेटिक्स मीट में गुरूवार को 83.18 मीटर की थ्रो के साथ स्वर्ण पदक जीतते हुए की। नीरज ने लिस्बन यूनिवर्सिटी स्टेडियम में 80.17 मीटर के साथ शुरुआत की और अपनी छठी एवं आखिरी थ्रो में 83.18 मीटर तक भाला फेंककर स्वर्ण पदक जीत लिया। एशियाई खेलों के चैंपियन चोपड़ा का इस वर्ष मार्च में पटियाला में इंडियन ग्रां प्री में 88.07 मीटर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। उन्होंने छह राउंड में से तीन फ़ाउल किये। उनकी एक अन्य वैध थ्रो चौथी थी जिसमें उन्होंने 78.50 मीटर तक भाला फेंका था। 
23 वर्षीय नीरज ने अपनी जीत के बाद कहा कि उनका यह स्वर्ण जीतने का प्रयास ट्रेनिंग मोड में था और वह आगामी अंतर्राष्ट्रीय मीट में अपना प्रदर्शन और आगे बढ़ा सकते हैं। यह मीट एक वर्ष से ज्यादा समय में नीरज की पहली अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता थी।नीरज ने कहा,”हम पहले से जानते थे कि लिस्बन में कौन-कौन भाग लेंगे और मेरे कोच ने कहा था ट्रेनिंग मोड में प्रतिस्पर्धा करना और अपना 100 फीसदी नहीं करना।” उनका आखिरी प्रयास पहले 78.15 मीटर दिखाया गया जिसका मतलब था कि वह 80.71.मीटर की पहली थ्रो के साथ स्वर्ण जीत सकते थे। उनके टीम प्रबंधन ने आयोजकों से फ़ाइनल थ्रो की मैनुअल नाप का आग्रह किया और फिर यह थ्रो 83.18 मीटर आयी।

चिकित्सा ग्रेड ऑक्सीजन, कर की दर में कटौती की

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद ने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली दवाओं मसलन रेमडेसिविर तथा उपकरणों ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर तथा चिकित्सा ग्रेड ऑक्सीजन पर कर की दर में कटौती की है। हालांकि कोविड-19 के टीके पर कर की दर को पांच प्रतिशत पर कायम रखा गया है। परिषद ने ब्लैक फंगस की दो दवाओं टोसिलिजुमैब और एम्फोटेरिसिन पर कर को समाप्त करने का फैसला किया है। अभी इन पर पांच प्रतिशत कर लगता था।
रेमडेसिविर और हेपारिन पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर पांच प्रतिशत की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि चिकित्सा ग्रेड ऑक्सीजन, ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर, वेंटिलेटर, बीआईपीएपी मशीनों तथा एचएफएनसी उपकरणों पर भी कर की दर को 12 से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।
कोविड जांच किट पर अब पांच प्रतिशत कर देय होगा। अभी तक इस पर 12 प्रतिशत कर लगता था। पल्स ऑक्सीमीटर, हैंड सैनिटाइजनर, तापमान जांच उपकरणों कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है। एम्बुलेंस पर कर की दर 28 से घटाकर 12 प्रतिशत की गई है।

इक़बाल बानो ने फैज़ अहमद को गाया, विरोध झेला

राणा ओबराय               
रोहतक। एक मध्यवर्गीय परिवार में जन्मी दसक साल की उस दुबली मुस्लिम लड़की की एक सबसे पक्की हिंदू सहेली थी। सहेली और उसकी बहन अपने संगीतप्रेमी पिता के निर्देशन में क्लासिकल गाना सीख रही थीं। एक दिन उस लड़की ने उनके सामने ऐसे ही कुछ गा दिया। शाम को सहेली के पिता उसे घर छोड़ने गए और उसके पिता से बोले,“मेरी बेटियां अच्छा गा लेती हैं पर आपकी बेटी को ईश्वर से गायन का आशीर्वाद मिला हुआ है। संगीत की तालीम दी जाए तो वह बहुत नाम कमाएगी।”1945 के आसपास उस लड़की के लिए दिल्ली घराने के एक बड़े उस्ताद की शागिर्दी में भर्ती किये जाने की राह खुली। उस्ताद की संगत में जल्द ही उसने दादरा और ठुमरी जैसी शास्त्रीय विधाओं में प्रवीणता हासिल कर ली। 
पार्टीशन के 4-5 साल तक वह दिल्ली में गाना सीखती रही। 17 की हुईं तो उम्र में उनसे काफी बड़े एक पाकिस्तानी जमींदार को उनसे इश्क हो गया। जल्द ही इस शर्त पर दोनों का निकाह हो गया कि शादी के बाद भी उस की संगीत यात्रा पर कोई रोक नहीं आने दी जाएगी। पति ने अपना वादा अपनी मौत यानी 1980 तक निभाया। हमें इक़बाल बानो नसीब हुईं। हम देखेंगे वाली इक़बाल बानो। इक़बाल बानो की गायकी का सफर उनकी जिंदगी जैसा ही हैरतअंगेज रहा। कौन सोच सकता था दादरा और ठुमरी जैसी कोमल चीजें गाते-गाते वह दुबली लड़की उर्दू-फारसी की गजलें गाने लगेगी और भारत-पाकिस्तान से आगे ईरान-अफगानिस्तान तक अपनी आवाज का झंडा गाड़ देगी। उसकी आवाज में एक ठहराव था और गायकी में शास्त्रीयता को बरतने की तमीज। 1977 उसके मुल्क में अपने साथ जिया उल हक जैसा क्रूर तानाशाह लेकर आया। धार्मिक कट्टरता के पक्षधर इस निरंकुश फौजी शासक ने तय करना शुरू किया कि क्या रहेगा और क्या नहीं। इस क्रम में सबसे पहले उसने अपने विरोधियों को कुचलना शुरू किया। उसके बाद डेमोक्रेसी और स्त्रियों की बारी आई। जिया उल हक ने यह तक तय कर दिया कि औरतें क्या पहन सकती हैं और क्या नहीं। पाकिस्तान की औरतों के साड़ी पहनने पर इसलिए पाबंदी लग गयी कि वह हिंदू औरतों का पहनावा थी। 
कला-संगीत-कविता जैसी चीजों को गहरा दचका भी इस दौर में लगा। फैज़ अहमद फैज को मुल्कबदर कर दिया गया। हबीब जालिब को जेल भेज दिया गया। उस्ताद मेहदी हसन का एक अल्बम बैन हुआ। शायरों-कलाकारों को सार्वजनिक रूप से कोड़े लगे। करीब बारह साल के उस दौर की पाशविकताओं और अत्याचारों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है। ऐसे माहौल में इक़बाल बानो ने विद्रोह और इंकलाब के शायर फैज़ को गाना शुरू किया। सन 1981 में जब उन्होंने पहली बार फैज़ को गाया, निर्वासित फैज़ बेरूत में रह रहे थे और उनकी शायरी प्रतिबंधित थी। उसके बाद जमाने ने इक़बाल बानो का जो रूप देखा उसकी खुद उन्हें कल्पना नहीं रही होगी। बीस साल पहले उनकी आवाज कोमल, तीखी और सुंदर हुआ करती थी। अनुभव और संघर्ष के ताप ने अब उसे किसी पुराने दरख्त के तने जैसा मजबूत, दरदरा और पायेदार बना दिया था। अचानक सारा मुल्क पिछले ही साल विधवा हुई इस प्रौढ़ औरत की तरफ उम्मीद से देखने लगा था। गुप्त महफ़िलें जमाई जातीं। प्रतिबंधित कविताएं गाई जातीं। स्कूल-युनिवर्सिटियों में पर्चे बांटे जाते। इक़बाल बानो हर जगह होतीं। 
महफिल में जिसे जहां जगह मिली वहीं बैठते गए
फिर 1986 की 13 फरवरी को लाहौर के अलहमरा आर्ट्स काउंसिल के ऑडीटोरियम में वह तारीखी महफिल सजी। पूरा हॉल भर चुकने के बाद भी भीड़ बढ़ती जा रही थी। आयोजकों ने जोखिम उठाते हुए गेट खोल दिए। सीढियों पर, फर्श पर, गलियारों मेंं, जिसे जहां जगह मिली वहीं बैठ गया। कुछ हजार सुनने वालों के सामने इक़बाल बानो ने फैज़ अहमद फैज़ को गाना शुरू किया।

यूपी-गुजरात, एमपी के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग

अकांशु उपाध्याय             
नई दिल्ली। कांग्रेस ने कोविड से मौत के आंकडे़ छुपाने का आरोप लगाते हुए भाजपा की प्रदेश सरकारों को आड़े हाथ लिया। उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग की। कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों योगी आदित्यनाथ, विजय रुपाणी और शिवराज सिंह चौहान को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए।मुख्य विपक्षी पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह आग्रह भी किया कि देश में कोविड से हुई मौतों का सही आंकड़ा पता करने और आंकड़े छिपाने वालों की जवाबदेही तय करने के लिए न्यायिक जांच कराई जाए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मध्य प्रदेश में कोविड से मौत के आंकड़ों से संबंधित एक खबर का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस पर जवाब देना चाहिए। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता ने ट्वीट किया, ‘‘170000 मौत- अकेले मई माह में- सिर्फ़ मप्र में! जो न सोचा, न सुना, वो सत्य सामने है।
मध्यप्रदेश में अकेले मई माह में छह महीने के बराबर मौतें हो गईं। इंसान की जान सबसे सस्ती कैसे हो गई? क्यों आत्मा मर गई? कैसे शासन पर बैठे हैं ‘शिवराज’? प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री सामने आएं, बताएं कि कौन जिम्मेदार। पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एनडीए का मतलब ही ‘नो डेटा अवेलेबल’ (कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं) है। अर्थव्यवस्था और नौकरियों के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं। अब लोगों की जान जाने के आंकड़े छिपाए जा रहे हैं, जो बहुत ही दुखद है। नए भारत में अब मरने वालों का सही आंकड़ा भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मई महीने में मध्य प्रदेश में 1.7 लाख लोगों की मौत हुई, जबकि सरकारी आंकड़े में सिर्फ 2451 लोगों की मौत कोविड से होने की बात की गई है। सच्चाई यह है आंकड़ा छिपाया गया है। गुजरात और उत्तर प्रदेश में भी आंकड़े छिपाए गए हैं। इन दोनों राज्यों के बारे में भी ऐसी खबरें आ चुकी हैं। खेड़ा ने दावा किया, ‘‘ऐसा लगता है कि भाजपा शासित राज्यों में कोविड से मरने वालों का आंकड़ा छिपाने की होड़ लगी हुई है।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘क्या आंकड़े छिपाने वाले इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कुर्सी पर बने रहने का नैतिक अधिकार है? मुख्यमंत्रियों की जिम्मेदारी बनती है। इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि पूरे देश में कोविड से मरने वालों की संख्या का पता करने के लिए न्यायिक जांच कराई जाए। सही आंकड़े सामने आना चाहिए और आंकड़े छिपाने वालों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।

जेडीयू को भी मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए

अविनाश श्रीवास्तव   
पटना। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार और उसमें जनता दल यूनाइटेड के शामिल होने की अटकलों के बीच जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार की चर्चा उन्होंने भी सुनी है। जेडीयू भी गठबंधन में शामिल है और एनडीए गठबंधन में शामिल होने के नाते जेडीयू को भी मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। आपको बता दें कि शुक्रवार से लगातार यह चर्चा तेज हो गई है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। मोदी कैबिनेट में फेरबदल की खबरों के बीच ही यह खबर भी सामने आई कि जनता दल यूनाइटेड भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाला है। जेडीयू के से दो मंत्रियों को बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में आरसीपी सिंह का यह ताजा बयान बेहद महत्वपूर्ण है।
गौरतलब हो कि सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि जल्द ही केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। इसके लिए पीएम मोदी मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा भी कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल की अटकलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ विचार-विमर्श किया। वर्ष 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद मोदी ने अपने मंत्रिमंडल में कोई विस्तार नहीं किया है।

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अज्ञातवास पर रहने वाले जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने वापसी की है। आरसीपी सिंह कोरोना संक्रमण के दौरान राजनीतिक तौर पर सक्रिय नहीं थे। कोरोना की दूसरी लहर जब कमजोर पड़ी और संक्रमण के मामले कम हुए तो यह सवाल उठने लगा कि आखिर आरसीपी सिंह क्यों अज्ञातवास पर हैं। बिहार के राजनीतिक गलियारे में तरह-तरह की चर्चा भी तेज हो गई। लेकिन अब जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने वापसी कर ली है। वापसी के साथ उन्होंने पार्टी कार्यालय में बैठकों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। आरसीपी सिंह ने आज जनता दल यूनाइटेड कार्यालय स्थित कर्पूरी सभागार में पार्टी के अलग-अलग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्षों के साथ बैठक की। इस बैठक में पार्टी के कई पदाधिकारी भी शामिल हुए। इस दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी मौजूद थे। इसके पहले आरसीपी सिंह ने शुक्रवार को पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ की बैठक की थी और कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से बचने के लिए टीकाकरण अभियान को रफ्तार देने का टास्क के जेडीयू के नेताओं को दिया था।

आरसीपी सिंह ने कहा था कि कोरोना की तीसरी लहर से केवल वैक्सीन ही बचा सकती है। ऐसे में पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ की तरफ से टास्क फोर्स बनाकर टीकाकरण अभियान को सौ फ़ीसदी कामयाब बनाने की जरूरत है। आपको याद दिला दें कि आरसीपी सिंह जब संक्रमण के दौरान सक्रिय नहीं थे। तब लगातार सोशल मीडिया समेत राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा हो रही थी कि क्या उनके अज्ञातवास से जेडीयू में उपेंद्र कुशवाहा का कद बड़ा होता जा रहा है। हालांकि फर्स्ट बिहार ने आपको उस वक्त भी बताया था कि आरसीपी सिंह के नहीं रहने के बावजूद नीतीश कुमार और उनके बीच जो ट्यूनिंग है उस पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। तमाम चर्चाओं के बावजूद आरसीपी सिंह नीतीश कुमार की पसंद है और उनके सबसे ज्यादा करीबी भी हैं। अब आरसीपी सिंह ने दूसरी लहर कमजोर पड़ने के बाद राजनीतिक सक्रियता बढ़ाई है।

पानी भरे गड्ढे में डूबने से 5 बच्चों की दर्दनाक मौत

अविनाश श्रीवास्तव   
सहरसा। इस वक्त एक बड़ी खबर बिहार के सहरसा जिले से सामने आ रही है जहां पानी भरे गड्ढे में डूबने से 5 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है। सभी बच्चों की उम्र 8 से 12 साल के बीच की है। मरने वाले सभी बच्चे अलग-अलग परिवार से आते हैं। मौत की खबर से परिजनों में कोहराम मच गया है और इलाके में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। बताया जा रहा है कि ईट भट्टा चिमनी के लिए गड्ढा खोदा गया था। सभी बच्चे उसी गड्ढे में नहाने के लिए गए हुए थे। नहाने के दौरान 5 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद भारी संख्या में आसपास के लोगों की भीड़ जुटने लगी। वहीं मृतक के परिजनों में कोहराम मचा हुआ है। घटना की मिली जानकारी के बाद सदर एसडीओ शंभुनाथ झा और सदर एसडीपीओ संतोष कुमार मौके पर पहुंचकर मामले की जांच में जुट गए हैं। मृतक बच्चों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है। मामले की जांच की जा रही है।

जनप्रतिनिधियों के माध्यम से करें, सुविधा व वितरण

हरिओम उपाध्याय  
लखनऊ। दो दिवसीय ​दिल्ली प्रवास के बाद वापस राजधानी लखनऊ पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जनप्र​तिनिधयों का ख्याल आया है। उन्होंने अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपदा राहत हो अथवा राज्य सरकार द्वारा आम आदमी को दी जाने वाली अन्य किसी प्रकार की सहायता राशि, उन सभी का वितरण स्थानीय जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ही कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों में स्थानीय सांसद-विधायकों की उपस्थिति हो। राहत व सहायता वितरण उन्हीं के द्वारा कराया जाए।
टीम के साथ कोविड प्रबंधन पर आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान में औसतन 04 लाख लोगों को हर दिन वैक्सीनेट किया जा रहा है। इस क्षमता को अगले माह तक 10 से 12 लाख प्रतिदिन तक बढ़ाये जाने की दिशा में काम किया जाएं। वहीं, मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के फायदों और जरूरतों के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। 
टीम-09 ने कोविड प्रबंधन की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कुछ जानकारियां दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपर मुख्य सचिव, सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि बीते 24 घंटे में कोरोना के 524 केस दर्ज हुए हैं। रिकवरी दर बेहतर होकर 98.1 प्रतिशत हो गई है। जबकि 1 हजार, 757 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। राज्य में कुल एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 9 हजार, 806 रह गई है।  
सहगल ने बताया कि बीते 24 घंटों में 02 लाख, 74 हजार 811 टेस्ट हुए हैं। 04 लाख, 61 हजार 412 लोगों ने वैक्सीन कवर प्राप्त किया है। अब तक यहां 05 करोड़, 30 लाख ,55 हजार, 495 सैम्पल की टेस्टिंग हुई है। अब तक 02 करोड़, 25 लाख, 08 हजार 802 कुल वैक्सीन डोज दिए जा चुके हैं। इनमें, 01 करोड़, 87 लाख 45 हजार 171 लोगों ने पहली डोज ली है, जबकि 37 लाख, 63 हजार, 631 लोग वैक्सीन के दोनों डोज प्राप्त कर चुके हैं। बता दें कि राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि प्रदेश भर में रुठे जनप्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री को विधायकों, सांसदों को भरोसे में लेने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि सबके साथ संवाद करना होगा। उनके क्षेत्र की समस्याओं का त्वरित निदान करना होगा।

मात्र 619 नये मामले दर्ज, टिकाकरण अभियान तेज

संदीप मिश्र  
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना के संक्रमण में तेजी से कमी आ रही है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश से मात्र 619 नये मामले दर्ज हुये हैं। वहीं, प्रदेश में टीकाकरण का अभियान तेजी से बढ़ रहा है। अब तक प्रदेश में करीब 2.20 करोड़ लोगों को कोरोना से बचाव की वैक्सीन लगाई जा चुकी है। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने शुक्रवार को यहां बताया कि बीते 24 घंटों में 07 जनपदों में शून्य, 23 जनपदों में दो डिजिट तथा 45 जनपदों में सिंगल डिजिट में कोरोना के नये मामले आये हैं। गत एक दिन में कुल 02 लाख 76 हजार से अधिक सैम्पल की जांच की गयी है। प्रदेश में अब तक कुल 05 करोड़ 27 लाख से अधिक सैम्पल की जांच की गयी है। कोविड-19 के टेस्ट में आधे से ज्यादा आरटीपीसीआर के माध्यम किए जा रहे हैं। 
3टी अभियान से संक्रमण नियंत्रण में मिल रही सफलता 
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 3टी नीति के तहत प्रदेश भर में ट्रेस, ट्रैक और ट्रीट का अभियान चलाया जा रहा है। 3टी अभियान के तहत वृहद टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश में कोविड संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए आंशिक कोरोना कर्फ्यू लागू किया गया था। इस कोरोना कर्फ्यू के दौरान औद्योगिक गतिविधियां चालू रखी गई थीं, जिसमें जीवन और जीविका दोनों को बचाया गया। 
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के लिए चलाये जा रहे अभियान की जमीनी हकीकत की समीक्षा एवं निरीक्षण 40 जनपदों तथा 18 मण्डलों का भ्रमण करके किया गया है। मुख्यमंत्री ने द्वारा भ्रमण के दौरान कोविड-19 की समीक्षा की गई है, ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमित लोगों से उनका हालचाल लिया गया है तथा बनाये गये कैन्टेनमेन्ट जोन का निरीक्षण भी किया गया है। 
उन्होंने बताया कि आज प्रदेश में 11,127 एक्टिव मामले हैं, जो 30 अप्रैल के 3 लाख, 10 हजार,783 एक्टिव मामलों से लगभग 96 प्रतिशत कम है। सर्विलांस के माध्यम से निगरानी समितियों द्वारा ट्रेसिंग के तहत घर-घर जाकर संक्रमण की जानकारी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में एक विशेष अभियान चलाकर, जिसमें लगभग 80 हजार से अधिक निगरानी समितियों द्वारा घर-घर जाकर उन लोगों का जिनमें किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण होने पर उनका एन्टीजन टेस्ट भी कराया जा रहा है। अगर एन्टीजन टेस्ट निगेटिव आ रहा है और लक्षण हैं तो उनका आरटीपीसीआर टेस्ट भी कराया जा रहा है। 
बताया कि सर्विलांस के माध्यम से सरकारी मशीनरी द्वारा उत्तर प्रदेश की 24 करोड़ की जनसंख्या में से अब तक 18 करोड़ लोगों से उनका हालचाल जाना गया है। प्रदेश में संक्रमण कम होने पर भी कोविड-19 के टेस्टों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी की जा रही है, ताकि संक्रमित व्यक्ति की पहचान करके इलाज किया जा सके। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक टेस्ट कराये जा रहे हैं। 31 मार्च से अब तक 65 प्रतिशत टेस्ट ग्रामीण क्षेत्रों में किये गये है।
सहगल ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों में कोविड के एक्टिव केसों की संख्या 600 से कम होने पर जनपदों में आंशिक कोरोना कर्फ्यू हटाकर पूर्व की तरह साप्ताहिक बंदी एवं रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू रहेगा। साप्ताहिक बंदी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों व शहरी क्षेत्रों में फोगिंग, सैनेटाइजेशन व साफ-सफाई का अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में ग्रामीण क्षेत्रों तथा शहरी क्षेत्रों में 1.60 लाख कर्मचारी लगाये गये हैं।
अब तक 2.20 करोड़ लोगों का हुआ टीकाकरण 
उन्होंने बताया कि टीकाकरण अभियान के तहत अब तक करीब 02 करोड़ 20 लाख लोगों का टीकाकरण किया गया है, जिसमें 40 लाख अधिक 18-44 वर्ष के लोगों का टीकाकरण किया गया है। 01 करोड़ 82 लाख 45 वर्ष से अधिक लोगों का टीकाकरण की डोज दी गई है। 37 लाख लोगों को कोविड-19 की दूसरी डोज दी गई है। कल एक दिन में 04 लाख 28 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण किया गया है, जो कि अन्य प्रदेशों में किए जा रहे एक दिन के टीकाकरण से अधिक है। मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिदिन किए जा रहे टीकाकरण को 06 लाख करते हुए इसे 10 लाख तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। माह जून में 01 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। अगले माह से प्रतिदिन 10 लाख से अधिक टीके लगाने का लक्ष्य रखा गया है। तीन महीनों में 10 करोड़ टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग अपना पंजीकरण कराकर सीएचसी अथवा पीएचसी में जाकर अपना टीकाकरण अवश्य करवायें। उन्होंने लोगों से कहा कि टीकाकरण के संबंध में किसी प्रकार के अफवाह में न आयें। 
बढ़ाई जा रही अवस्थापना सुविधाएं 
सहगल ने बताया कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में अवस्थापना सुविधा बढ़ाई जा रही है, जिसके तहत लगभग 80 हजार बेड बढ़ाए गये हैं। उन्होंने बताया कि 04 सालों में 39 मेडिकल कालेज बनाये गये हैं। प्रदेश में ऑक्सीजन समुचित मात्रा में उपलब्ध है। भविष्य में ऑक्सीजन की प्रदेश में कोई समस्या न हो इसके लिए 428 ऑक्सीजन प्लाण्ट अस्पतालों में लगाये जा रहे हैं, जिसमें से 72 प्लाण्ट क्रियाशील हो गए हैं। 
प्रदेश में कल लगभग 350 मी0टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गयी है। उन्होंने बताया कि संभावित कोविड की तीसरी लहर के तहत सभी मेडिकल कालेज में 100-100 बेड पीआईसीयू, हर जिला अस्पताल में 20-20 बेड पीआईसीयू के और कम से कम दो सीएससी में पीकू व नीकू के बेड बढ़ाये जा रहे हैं। इसके साथ-साथ सभी सीएचसी में 20-20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इसके साथ ही रेहड़ी, पटरी आदि लोगों को 1000 रुपये भत्ता देने हेतु पात्र व्यक्तियों का सत्यापन किया जा रहा है।

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...