शनिवार, 12 जून 2021

अभियान, सैकड़ों अरब डॉलर की परियोजनाएं: मंजूर

वाशिंगटन डीसी। दुनिया के सबसे संपन्न सात देशों (जी 7) के शिखर सम्मेलन में शनिवार को चीन मुख्य मुद्दा रहा। चीन की विस्तारवादी नीतियों के खिलाफ अमेरिका की अगुआई में जी 7 देशों ने पहली बार इतने आक्रामक ढंग से फैसले किए। चीन के वन बेल्ट-वन रोड (ओबीओआर) अभियान के जवाब में अमेरिका और पश्चिमी देश मिलकर बुनियादी सुविधाओं के विकास का नया अभियान शुरू करेंगे। इस अभियान में सैकड़ों अरब डॉलर (सैकड़ों लाख करोड़ रुपये) की परियोजनाएं होंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जी 7 देशों के अन्य नेताओं के अनुसार इस परियोजना का नाम बिल्ड बैक बेटर व‌र्ल्ड (बी3डब्ल्यू) होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस कार्यालय के अनुसार इस अभियान के तहत पारदर्शी तरीके और आपसी साझेदारी से आधारभूत ढांचे का विकास किया जाएगा। इसके तहत विकासशील देशों में 2035 तक 40 ट्रिलियन डॉलर की रकम खर्च की जाएगी।

एससी के प्रस्ताव को वापस लेने का अनुरोध किया

अकांशु उपाध्याय                

नई दिल्ली। कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के हाल के उस प्रस्ताव को वापस लिये जाने का अनुरोध किया है। जिसमें शीर्ष न्यायालय में प्रैक्टिस कर रहे वकीलों को उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत किये जाने का सुझाव दिया गया है। कलकत्ता हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने संबंधित प्रस्ताव को संवैधानिक मानदंडों के प्रतिकूल बताया है और कहा कि यह चयन प्रक्रिया की स्वतंत्रता में हस्तक्षेप है तथा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए निर्धारित कानून के विरुद्ध है। प्रत्येक उच्च न्यायालय की अपनी स्वतंत्र चयन पद्धति होती है तथा संबंधित उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम द्वारा उम्मीदवारों के व्यक्तिगत मूल्यांकन के आधार नियुक्ति की जाती है।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं की उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नति के लिए विचार करने के अनुरोध को दोहराया था। विकास सिंह के अनुसार शीर्ष न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों के पास दीवानी, आपराधिक, संवैधानिक, वाणिज्यिक कानून आदि से संबंधित सभी प्रकार के मुद्दों से निपटने का व्यापक और सर्वश्रेष्ठ अनुभव है। लेकिन हाईकोर्ट कॉलेजियम द्वारा शायद ही कभी उन पर विचार किया जाता है। क्योंकि वे उच्च न्यायालय के समक्ष नियमित रूप से प्रैक्टिस नहीं करते हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन मुख्य न्यायाधीश को वकीलों की एक सूची सौंप सकती है। जो इसे हाईकोर्ट कॉलेजियम को भेज सकते हैं।

गाजियाबाद: निर्धारित शर्तों के हिसाब से कर्फ्यू लागू

अश्वनी उपाध्याय             

गाज़ियाबाद। जिले के सभी बाजार दो दिन के लिए सोमवार की सुबह सात बजे तक पूर्ण रूप से शासन की तरफ से निर्धारित शर्तों के हिसाब से कोरोना कर्फ्यू लागू रहेगा। इस अवधि सिर्फ दूध, मेडिकल स्टोर व आवश्यक वस्तुओं की दुकानें खुलेंगी। सभी मजिस्ट्रेट और थानों की पुलिस सुनिश्चित कराएगी, कि कोरोना कंर्फ्यू का कड़ा से पालन कराए। इसके लिए पहले से सेक्टर और जोन वाइज मजिस्ट्रेट की ड्यूटी निर्धारित है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान सिर्फ चिकित्सकीय कारण, अस्पताल, मेडिकल स्टोर, पैथोलॉजी लैब और इंडस्ट्री में काम करने वाले अधिकारियों और श्रमिकों को ही निकलने की अनुमति होगी। इसके साथ ही अगर किसी की ट्रेन या बस से टिकट बुक हैं तो उन्हें भी जाने की इजाजत दी जाएगी। बाकी किसी को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं होगी।

कौशाम्बी: जल जीवन मिशन अभियान की शुरुआत की

कौशाम्बी। समाज में जन जन को व प्रत्येक को घर को शुद्ध पेयजल लगाने हेतु नमामि गंगे तथा ग्रामीण जलापूर्ति विभाग उत्तर प्रदेश सरकार के तत्वाधान में पेय जल एवं स्वच्छता मिशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में जल जीवन मिशन अभियान की शुरुआत की गई है।
चायल तहसील के समस्त ग्राम पंचायतों में आयोजित पेय जल एवं स्वच्छता मिशन उत्तर प्रदेश के तत्वाधान में जल जीवन मिशन कौशांबी के अंतर्गत संस्था मातृभूमि विकास परिषद परिषद द्वारा हर घर नल अभियान संचालित किया गया। जिसके अंतर्गत ग्राम पंचायत चक बादशाहपुर में ग्राम सभा की खुली बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें ग्राम पेयजल एवं स्वच्छता समिति का ग्राम वासियों द्वारा अपने घरों में नल लगाने की सहमति व्यक्त की है।
क्रम में ग्राम पंचायत मोहम्मदपुर व ग्राम पंचायत दनियालपुर में जल चौपाल का आयोजन किया गया। जल चौपाल में संस्था के परियोजना प्रबंधक मोहिनी सिंह द्वारा उपस्थित जनसमूह को सरकार द्वारा संचालित हर घर नल योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।संस्था के विषय विशेषज्ञ सुनील कुमार राय द्वारा पेयजल एवं स्वच्छता स्क्रीन के बारे में कार्यों की अध्यक्षता ग्राम प्रधान बादशाहपुर व ग्राम प्रधान मोहम्मदपुर व ग्राम प्रधान दनियालपुर द्वारा की गई। कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख रूप से मोहिनी सिंह व सुनील कुमार राय, शमा परवीन, अफरोज अहमद, बालकरन, मोहम्मद अदास, रामचंद्र, मोहम्मद आकिब, रईस अहमद, सर्वेश कुमार, चंद्रशेखर, आदि ने कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त उपस्थिति ग्राम वासियों द्वारा नल लगाने पर सहमति व्यक्त की गई।
गणेश साहू 

हादसा: मृत शरीर को देखकर भयभीत हुए लोग

बृजेश केसरवानी
प्रयागराज। ग्राम बख्शी मोड़ा अपने साले प्रकाश की लड़की की शादी में उपस्थित हुए थे। बताया जा रहा है, पिछले एक महीना से इसी ग्राम बख्शी मोड़ा में रह रहे थे। क्षेत्र के लोगों के अनुसार बताया जा रहा है। तकरीबन, रात बीती रात 2:00 बजे के बाद से यह गांव में नहीं थे। सुबह शौच के लिए निकलने वाले लोगो की नजर पड़ी, तो बक्सी मोड़ा से करेलाबाग संपर्क मार्ग पुल के नीचे एक मृत्य पड़ी डेड बॉडी को देखकर लोग भयभीत हुए। उसके बाद गांव में लोगों ने जब सूचना मिली, तो पता चला कि दिलीप भारतीय के डेड बॉडी है। उसके बाद संबंधित थाना को सूचित किया गया। मौके पर पहुंचे एएसआई कौशलेंद्र बहादुर सिंह पुलिस बल के साथ डेड बॉडी का पंचनामा भरवा कर मर्चरी भेजने का प्रबंध किया।

अपराध: पैसे के लेनदेन को लेकर सलमान की हत्या


अतुल त्यागी                
हापुड़। जनपद के कोतवाली क्षेत्र चितोली रोड़ पर आज उस समय सनसनी फैल गई। जब सूचना मिली, कि एक युवक की लाश यहां पड़ी है। मौके पर पहुंच एक अज्ञात शव पुलिस को बरामद हुआ। पुलिस ने चंद घंटों की मशक्कत के बाद ही केस का खुलासा करते हुए बताया, कि एक दोस्त ने दूसरे दोस्त की हत्या पैसे के लेनदेन को लेकर की। सबह करीब 8:00 बजे पुलिस को 112 नंबर पर सूचना मिली थी। चितोली रोड पर एक व्यक्ति की लाश पड़ी है। मोके पर तत्काल कोतवाली पुलिस पहुंची आसपास। 
उसकी पहचान कराई गई तो पता चला कि युवक सलमान पुत्र शराफत निवासी रामपुर रोड पुरानी चुंगी, हापुड़ नगर का रहने वाला है। इस संदर्भ में जब छानबीन की गई तो एक नाम पुलिस के सामने आया शाहिल पुत्र शफीक निवासी मोहला करीमपुरा बुलंदशहर हापुड़ ने पैसे के लेनदेन को लेकर सलमान की हत्या की है। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए शाहिल को गिरफ्तार कर लिया तथा उचित कार्रवाई करते हुए उसको जेल भेज दिया। वहीं मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पुलिस ने साहिल  से एक तमंचा एक खोखा कारतूस वह एक जिंदा कारतूस बरामद किया तथा मृतक का मोबाइल भी बरामद किया।

'क्लब हाउस’ संवाद के अनुच्छेद 370 पर बयान दिया

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ‘क्लब हाउस’ संवाद के अनुच्छेद 370 को लेकर विवादित बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना और राज्य का दर्जा खत्म करना ‘बहुत दुखद’ है तथा उनकी पार्टी इस पर पुनर्विचार करेगी। उनके बयान को भाजपा ने आड़े होथों लिया।भाजपा ने कांग्रेस पर भारत के खिलाफ बोलने तथा पाकिस्तान की ‘हां में हां’ मिलाने का आरोप लगाया। भाजपा का कहना है कि सिंह ने पाकिस्तानी मूल के पत्रकार के साथ संवाद के दौरान यह टिप्पणी की।

भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि इस मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को बयान देना चाहिए। उधर, दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया, ”अनपढ़ लोगों की जमात को ‘शैल’ (करेंगे) और ‘कंसिडर’ (विचार करना) में फ़र्क़ शायद समझ में नहीं आता।” कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मामले पर कहा कि अगस्त, 2019 में कांग्रेस कार्य समिति ने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया था और वही पार्टी का आधिकारिक रुख है तथा वरिष्ठ नेताओं को उसी प्रस्ताव को देखना चाहिए।

कोरोना 'संक्रमण' की भयावहता को उजागर किया

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने जिम्मेदार अभियान को आगे बढाते हुए फेसबुक पोस्ट में एक महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की पंक्तियों का हवाला देते हुए हाल ही में मंद हुई कोरोना संक्रमण की भयावहता का उजागर किया है। गंगा नदी के पानी में शव उतरा रहे थे। श्मशान घाटों में इतने शव थे कि उन्हें जलाने के लिए लकड़ियाँ कम पड़ गई थीं। पलक झपकते ही मेरे पूरे परिवार को मेरी नजरों के सामने महामारी ने लील लिया। कांग्रेस नेता ने कहा है कि महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने अपने उपन्यास कुल्ली भाट में इन पक्तियों के जरिए आज से लगभग 100 साल पहले आई स्पेनिश फ्लू महामारी की भयावहता को बयां किया था। 

एक भयानक भविष्यदर्शी की तरह ये लाइनें आज के समय में और भी चुभती हैं। क्योंकि आज किसी संकट में सरकार द्वारा अपनी जिम्मेदारी से मुँह मोड़ने के कारण पैदा हुई सामूहिक पीड़ा बीते जमाने की बात होनी चाहिए। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने सरकार से पूछा है कि आखिर क्या वजह है कि इस महामारी से गुजरते समय हमें वही अनुभव करना पड़ा तो पिछली सदी में स्पेनिश फ्लू महामारी के दौरान देशवासियों ने किया था ? सरकार द्वारा भगवान भरोसे छोड़े दिए गए भारतवासी आखिर क्यों मदद की गुहार लगाते हुए अपनी जान बचाने के लिए दौड़ रहे थे ? गंगा नदी में दिनों-दिन तक उतराते शवों का जो मंजर देख पूरा विश्व व्याकुल था, वह क्यों हुआ ?

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है कि एक मजबूत नेता संकट के समय सच का सामना करता है और जिम्मेदारी अपने हाथ में लेकर ऐक्शन लेता है। दुर्भाग्य से, प्रधानमंत्री जी ने इसमें से कुछ भी नहीं किया। महामारी की शुरुआत से ही उनकी सरकार का सारा जोर सच्चाई छिपाने और जिम्मेदारी से भागने पर रहा। नतीजतन, जब कोरोना की दूसरी लहर ने अभूतपूर्व ढंग से कहर बरपाना शुरू कियाय मोदी सरकार निष्क्रियता की अवस्था में चली गई। इस निष्क्रियता ने वायरस को भयानक क्रूरता से बढ़ने का मौका दिया जिससे देश को अकथनीय पीड़ा सहनी पड़ी।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री देश-दुनिया के विशेषज्ञों द्वारा दी गई अनगिनत सलाहों को नजरअंदाज नहीं करते और यदि प्रधानमंत्री खुद के एम्पावर्ड ग्रुप या स्वास्थ्य मामलों की संसदीय समिति की ही सलाह पर ध्यान दे देते तो देश अस्पताल में बेडों, ऑक्सीजन एवं दवाइयों के भीषण संकट के दौर से नहीं गुजरता। कांग्रेस नेता ने कहा है कि अगर वे एक जिम्मेदार नेता होते और देशवासियों द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी की जरा भी परवाह करते तो वे कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के बीच अस्पताल के बेडों की संख्या कम नहीं करते। तब उन्होंने ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट करने के लिए नए टैंकर जरूर खरीदे होते और औद्योगिक ऑक्सीजन के मेडिकल इस्तेमाल के लिए तैयारी जरूर की होती। तब उन्होंने हिन्दुस्तानियों के लिए व्यवस्था करने से पहले लाखों जीवन रक्षक दवाइयों की डोज विदेशों को नहीं भेजी होती। तब अनगिनत परिवारों को अपने प्रियजनों के लिए मदद मांगते हुए दर-बदर भटकना नहीं पड़ता। इतने लोगों की अनमोल जानें नहीं जाती यदि प्रधानमंत्री आने वाले खतरे के लिए पहले से योजना बनाते और निपटने की तैयारी करते।

शादीशुदा जीवन की स्वतंत्रता की मांग, याचिका दाखिल

बृजेश केसरवानी           
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक अंतर धार्मिक विवाहित से जुड़ा ने शादीशुदा जीवन की स्वतंत्रता की मांग को लेकर याचिका दाखिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद अहम आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि जब तक कि याचिकाकर्ता ने जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप नहीं लगाया हो। सुरक्षा सुनिश्चित करते समय महिला के इस्लाम में धर्मांतरण से फर्क नहीं पड़ेगा। हाईकोर्ट ने कहा कि दो बालिग विवाहित न होने पर भी साथ रहने के हकदार हैं। इसके लिए उनके विवाह के प्रमाण पत्र की कोई जरूरत नहीं है।
कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के लता सिंह केस के आधार पर अनुच्छेद 141 के अनुपालन का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि पूरे देश में प्रशासन और पुलिस के अधिकारी यह सुनिश्चित करें।आवश्यक दस्तावेज पेश करने पर कानून के मुताबिक आवश्यक कदम उठाएं ताकि बालिग विवाहित जोड़ों को कोई परेशान ना करें और हिंसा न पहुंचाए। हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे वैवाहिक जोड़ों को धमकाने पर क्रिमिनल एक्ट के तहत कार्रवाई करने का भी आदेश है। बता दें 20 वर्ष की हिंदू लड़की यशी देवी ने 40 साल के गुच्छन खान से धर्म परिवर्तन कर शादी की है।
याचिका में लड़की के परिजनों पर वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप का आरोप लगाया गया है। यशी देवी व तीन अन्य की ओर से ये याचिका दाखिल की गई है। हाईकोर्ट के जस्टिस सलिल कुमार राय एकल पीठ ने याचिका निस्तारित की।

कंपनियों के टीके मुफ्त में नहीं लगाएं जाएंगे, निर्णय

अकांशु उपाध्याय                       
नई दिल्ली। कोरोना की महामारी के खिलाफ चलाए जा रहे कोविड-19 टीकाकरण अभियान का फाइजर और मॉडर्ना कंपनी के टीके हिस्सा नहीं होंगे। यानी सरकारी टीकाकरण सेंटरों पर इन दोनों ही कंपनियों के टीके मुफ्त में नहीं लगाए जाएंगे। केंद्र सरकार इन दोनों कंपनियों के टीकों को हासिल करने में मदद जरूर करेगी। केंद्र सरकार की दोनों कंपनियों के साथ चल रही बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। उम्मीद की जा रही है कि माह जुलाई तक फाइजर का टीका भारत में उपलब्ध हो जाएगा। फाइजर और माडर्ना कंपनी के टीकों की कीमत बहुत ज्यादा है। इस वजह से इन टीकों की खरीद भारी मात्रा में की जाएगी। साथ ही सार्वजनिक टीकाकरण कार्यक्रम में इन दोनों के शामिल किए जाने की संभावना भी घटेगी। दरअसल देशभर में कोरोना महामारी के खिलाफ अभियान चलाते हुए केंद्र सरकार की ओर से कोविड-19 टीकाकरण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 
जिसके तहत देशवासियों को को-वैक्सीन और कोविशील्ड के टीके मुफ्त लगाए जा रहे है।
अब केंद्र सरकार ने फाइजर और माडर्ना कंपनी के कोरोना टीकों को भारत में इस्तेमाल की अपनी मंजूरी दी है। लेकिन इन दोनों ही कंपनियों के टीकों को सरकार की ओर से चलाये जा रहे कोविड-19 अभियान में शामिल नहीं किया गया है। सरकार केवल इन टीकों को हासिल करने में मदद जरूर करेगी। फाइजर और मॉडर्ना के टीके मुफ्त में उपलब्‍ध न कराए जाने के पीछे एक बड़ी वजह इन टीकों के कोल्‍ड चेन मैनेजमेंट की है। दोनों टीकों को 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान पर स्‍टोर करना होता है। ऐसा केवल बड़े अस्‍पतालों में संभव है। यानी अगर सरकार यह टीके मुफ्त में देना चाहे तो उसे बड़े पैमाने पर देश में कोल्‍ड चेन पर निवेश करना होगा। अधिकारी के अनुसार, हम ऐसा करने के बजाय लोगों के लिए और टीके खरीदना चाहेंगे।

मामलें का पटाक्षेप, पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में होंगे

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। पुलिस के 2 असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर की कथित रूप से किसानों द्वारा की गई पिटाई के बाद किसान आंदोलन से एक और नया विवाद जुड़ गया है। किसान नेता राकेश टिकैत ने मामले का पटाक्षेप करने की कोशिश करते हुए कहा है कि पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में होंगे। किसानों को लगा होगा कि वह चैनल के लोग हैं। जो किसानों को गलत ढंग से दिखाते हैं। हमारे लोग मारपीट नहीं करते हैं। दरअसल, 10 जून की बताई जा रही घटना के तहत दिल्ली पुलिस के 2 असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के फोटो खींच रहे थे। दोनों को फोटो खींचते हुए देख नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने आपत्ति जताई। 
आरोप है कि फोटों खींचने बंद करने पर इस दौरान उन दोनों की पिटाई कर दी गई। इस मामले में राजधानी दिल्ली के नरेला थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। उधर किसान नेता एवं भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चैधरी राकेश टिकैत ने डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश करते हुए कहा है कि वह पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में होंगे। किसानों को ऐसा लगा होगा कि वह चैनल के लोग हैं जो किसानों के आंदोलन को गलत तरीके से दिखाते हैं। हमारे लोग किसी के साथ मारपीट नहीं करते हैं। भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार और पुलिस चाहती है कि हम किसानों के साथ पंगेबाजी करें। जिससे किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का मौका मिल सके। 
उधर नरेला थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के मुताबिक दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच के 2 असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने 10 जून को सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल की तस्वीरें खींची। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने उनके ऊपर कथित रूप से हमला बोल दिया।

उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के 11 नए मामलें मिलें

पंकज कपूर            

देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना का कहर जहां तेजी से कम हो रहा है। वही ब्लैक फंगस के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। राज्य में आज ब्लैक फंगस के 11 नए मामले तथा 2 मरीजों की मौत हुई। शनिवार की शाम 6:30 बजे स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार उत्तराखंड में ब्लैक फंगस के अब तक 380 मामले सामने आ चुके हैं। जबकि 60 मरीजों की मौत हो चुकी है। वही 35 मरीज स्वस्थ होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज हो चुके हैं।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में ब्लैक फंगस के सबसे अधिक 239 मामले सामने आए। जिनमें 40 की मौत हो चुकी है। 6 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुके हैं। इसके अलावा दून मेडिकल कॉलेज में 20, मैक्स हॉस्पिटल में 14, महंत इंद्रेश हॉस्पिटल में 27, जौलीग्रांट में 34, आरोग्यधाम हॉस्पिटल में दो, कृष्णा अस्पताल हल्द्वानी में तीन, सुशीला तिवारी अस्पताल में 29, सिटी अस्पताल में, तिवारी नर्सिंग होम में एक, जिला अस्पताल उधम सिंह नगर में एक, ओएनजीसी हॉस्पिटल में एक , सिनर्जी हॉस्पिटल में 2, उत्तरकाशी डिस्टिक हॉस्पिटल में 02 , मिलट्री हॉस्पिटल रुड़की में दो तथा मिलिट्री हॉस्पिटल देहरादून में एक मामले सामने आए है।

अगले 5 दिनों में लू चलने की संभावना जताई

अगले 5 दिनों में लू चलने की संभावना जताई इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। दिल्ली समेत देशभर में गर्मी बढ़ रही है। आने वाले दिनों के लिए भारत मौसम वि...