सोमवार, 7 जून 2021

साध्वी ने 'मस्जिद' में हवन करने का ऐलान किया

सुनील चौबे   
अलीगढ़। विवादित टिप्पड़ियों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाली वीएचपी नेता साध्वी प्राची ने एक बार फिर से कुछ ऐसा कह दिया है, जिसे लेकर हड़कंप मचा हुआ है। अलीगढ़ के टप्पल से हिंदू परिवारों के पलायन के बीच साध्वी प्राची ने मस्जिद में हवन किए जाने की बात कही है। उनके इस ऐलान के बाद गांव में हड़कंप मचा हुआ है। हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि गांव में पुलिस फोर्स की तैनाती करनी पड़ी है। साध्वी प्राची के हवन की बात सुनकर गांव का माहौल काफी खराब हो गया है।
बतादें कि मुस्लिमों द्वारा दलितों की बारात पर हमला किए जाने की खबर के बाद साध्वी प्राची ने गांव की मस्जिद में हवन का ऐलान कर दिया था। रविवार को साध्वी प्राची खुद तो टप्पल के नूरपुर गांव नहीं पहुंची लेकिन भगवा दलों के कई कार्यकर्ताओं ने गांव के भीतर घुसने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने उन्हें भीतर जाने से रोक दिया। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ तीखी बहस भी हो गई। हालांकि सभी को गांव में नहीं घुसने दिया गया। साध्वी प्राची का दौरा अब तक कैंसिल नहीं हुआ है इसीलिए मामला अब भी संजीदा बना हुआ है।
बारात पर मस्जिद के सामने हुआ था हमला
खबर के मुताबिक 26 मई को नूरपुर गांव में एक हिंदू की बारात मस्जिद के सामने से होकर गुजर रही थी तभी बारात पर लाठी-डंडों से हमला किया गया था। मजिस्द के सामने गाना बजाए जाने को लेकर मुस्लिमों ने आपत्ति जताई थी। बारात पर हुए हमले में कई लोग घायल भी हो गए थे। इस घटना से डरे लोगों ने गांव छोड़ने के लिए घर के आगे मकान बिकाऊ है के पोस्टर्स लगा दिए थे।
दोषियों की सजा दूसरों के लिए बनेगी मिसाल’
जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो अलीगढ़ के बीजेपी सांसद सतीश गौतम और विधायक अनूप प्रधान गांव पहुंचे थे। सांसद ने पीड़ितों को भरोसा देते हुए कहा था कि सीएम योगी के राज में किसी को भी पलायन करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने कहा था कि दोषियों को ऐसी सजा मिलेगी जो दूसरों के लिए मिसाल बनेगी। वहीं आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। उन्हें गिरफ्तार करने की लगातार कोशिश की जा रही है।

कोरोना टीकों का बच्चों पर परीक्षण शुरू किया गया

 अविनाश श्रीवास्तव   

पटना। कोरोना वायरस संक्रमण से बच्चों के बचाव की तैयारी की जा रही है। स्वदेश निर्मित कोवैक्सीन के टीके के बच्चों में परीक्षण के लिए, यहां के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में सोमवार से दो वर्ष के बच्चे से 18 साल तक के किशोर की जांच शुरू हो गई।

पटना स्थित एम्स में बच्चों में यह पता लगाने के लिए परीक्षण शुरू हो गया है कि क्या भारत बायोटेक के टीके बच्चों के लिए ठीक हैं ? जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। यह परीक्षण 525 स्वस्थ बच्चों पर किया जाएगा जिसके तहत बच्चों को टीके की दो खुराकें दी जाएगीं। इनमें से पहली खुराक के 28वें दिन दूसरी खुराक दी जाएगी। एम्स के ‘सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन’ के प्रोफेसर डॉ. संजय राय ने कहा, ‘‘कोवैक्सीन के परीक्षण के लिए बच्चों की जांच शुरू कर दी गई है और जांच रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चों को टीके की खुराक दी जाएगी।’’ भारत के दवा नियामक ने कोवैक्सीन का दो साल के बच्चे से ले कर 18 साल की उम्र के किशोरों पर परीक्षण करने की मंजूरी 12 मई को दे दी थी। देश में टीकाकरण अभियान में वयस्कों को कोवैक्सीन के टीके लगाए जा रहे हैं।

सरकार ने पिछले सप्ताह आगाह किया कि कोरोना वायरस संक्रमण का अभी तक भले ही बच्चों में गंभीर प्रभाव नहीं हुआ है, लेकिन वायरस के व्यवहार में परिवर्तन होने पर उनमें इसका प्रभाव बढ़ सकता है । इसके साथ ही सरकार ने कहा कि इस तरह की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयारी जारी है। निति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि बच्चों में संक्रमण की समीक्षा करने और इससे नई तैयारियों के साथ निपटने के लिए एक राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस समूह को ऐसे लक्षणों की जांच की है, जो चार-पांच माह पहले नहीं थे। इस दल ने मौजूद आंकड़े, बीमारी के आयाम, वायरस की प्रकृति सहित तमाम चीजों पर गौर किया है और इसके आधार पर नए दिशा निर्देश बने हैं जो शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।

पॉल से पूछा गया कि अगर फाइजर का टीका भारत आ जाता है तो क्या 12 से 15 वर्ष की उम्र के बच्चों को इसे लगाया जा सकता है, जैसा कि ब्रिटेन में हो रहा है ? इस पर पॉल ने कहा था कि देश के पास अपने टीके हैं और उन्हें ही बच्चों के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा,‘‘बच्चों की आबादी कोई कम नहीं है। मेरे अनुमान के मुताबिक, 12 से 18 वर्ष के बीच आयु वर्ग के बच्चों की संख्या 13 से 14 करोड़ है और इसके लिए हमें टीके की 25-26 करोड़ खुराकें चाहिए होंगी।’’ उन्होंने यह भी कहा कि जायडस कैडिला के टीकों का बच्चों पर परीक्षण शुरू हो चुका है।

कोविड के बाद ब्लैक फंगस का अटैक जारी, बचाव

अकांशु उपाध्याय            
नई दिल्ली। कोविड के बाद ब्लैक फंगस का अटैक जिस तरह से बढ़ा है। उसमें बार-बार यह बात कही जा रही है कि जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर हुई है। ब्लैक फंगस उन पर अटैक कर रहा है। साथ ही यह भी कि स्टेरॉयड लेने की वजह से इम्युनिटी कमजोर होती है और इसके गलत इस्तेमाल की वजह से दिक्कत बढ़ रही है।
इस सवाल पर फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हॉस्पिटल में जॉइंट रिप्लेसमेंट डायरेक्टर और पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि स्टेरॉयड एक तरह का केमिकल है। जो बॉडी में खुद ही हॉर्मोन की तरह बनता है। जब भी किसी को इमरजेंसी होती है उस वक्त ये लाइव सेविंग हार्मोन की तरह काम करता है। जैसे अगर आप सड़क पार कर रहे हैं और अचानक आपके सामने एक गाड़ी आ जाए और एक्सिटेंड होते होते बचे। उस वक्त दिल की धड़कन तेज हो जाती है और तुरंत एक्शन करके आप खुद को बचाने की कोशिश करते हैं।
यह रेस्पॉन्स बॉडी के अंदर स्टेरॉयड के निकलने से होता है जो एड्रीनल ग्लैंड से निकलता है। जब स्टेरॉयड को बाहर से दिया जाता है तो एड्रीनल ग्लैंड अपना काम करना बंद कर देती है और बॉडी के अंदर से बनने वाला स्टेरॉयड नहीं बनता है। बाहर से दिए गए स्टेरॉयड के असर की वजह से इंफ्लेमेशन बहुत कम हो जाता है। इसी वजह से इम्युनिटी कम होती है क्योंकि इम्युनिटी एक तरह का इंफ्लेमेशन ही होता है।
धर्मशिला सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. अंशुमान कुमार ने कहा कि अगर शरीर में कहीं इंफ्लामेशन हो रहा है तो स्टेरॉयड उसे कम करने का काम करता है। तो पहले यह समझा जाए कि ये इंफ्लामेशन क्या होता है? डॉ. अंशुमान ने बताया कि जब भी कोई एंटीजन यानी कि बाहरी एलिमेट बॉडी में आता है, जैसे कोरोना वायरस तो इसमें तीन तरह की संभावना रहती है। पहली ये कि कुछ नहीं होगा यानी कोई लक्षण नहीं होंगे इसका मतलब है कि बॉडी में एंटीबॉडी बहुत कम मात्रा में बन रही है और एंटीजन के साथ कोई लड़ाई नहीं हुई है बल्कि बॉडी ने उस वायरस को स्वीकार किया है और धीरे धीरे एंटीबॉडी बना रहा है।
दूसरी आशंका होती है कि हल्की सर्दी खांसी या बुखार हो। यानी हल्का इंफ्लामेटरी रिस्पॉन्स आया। मतलब यह कि बॉडी ने एंटीबॉडी बनाया और वायरस के साथ लड़ाई हुई और बॉडी को उसका अहसास भी हुआ। तीसरी संभावना होती है गंभीर केस। यानी कि वायरस और एंटीबॉडी के बीच लड़ाई इतना ज्यादा हो गई कि उससे शरीर के दूसरे हिस्सों में भी डैमेज होने लगा। जब यह इंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स बहुत ज्यादा हो जाता है तो लंग्स में भी इंजरी होती है। ऐसे में स्टेरॉयड मदद करता है। स्टेरॉयडी एंटी इंफ्लामेटरी काम करता है। 
इंफ्लामेटरी का मतलब यह कि एंटीजन और एंटीबॉडी के बीच जो लड़ाई हो रही है और इसमें प्रतिरोधक क्षमता बनने की प्रक्रिया में शरीर में जो चेंज होने लगते हैं। यह कम भी हो सकते हैं और ज्यादा भी। डॉ. अंशुमान कुमार कहते हैं कि स्टेरॉयड की यह प्रॉपर्टी होती है कि अगर बिना जरूरत के स्टेरॉयड दिया तो वह इम्यून सिस्टम पर काम करने लगता है। जब लोग बिना जरूरत के, लंबे वक्त तक या फिर गलत तरीके से स्टेरॉयड लेते हैं तो यह इम्यून सिस्टम को दबाने लगता है। अगर डॉक्टर की देखरेख में स्टेरॉयड लेंगे तो वह घातक नहीं होगा क्योंकि डॉक्टर तभी स्टेरॉयड देंगे जब बॉडी का इंफ्लामेटरी रिस्पॉन्स ज्यादा होगा। ऐसे में स्टेरॉटड इंफ्लामेटरी रिस्पॉन्स को कम करने में ही खप जाता है और इम्युनिटी पर गलत असर नहीं डालता। हालांकि स्टेरॉयड ब्लड शुगर भी बढ़ाता है। ऐसे में डॉक्टर की निगरानी में स्टेरॉयड लिया जाए तो ब्लड शुगर भी मॉनिटर होती है।
डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि जब कम वक्त के लिए मरीज को स्टेरॉयड देने से उसकी बॉडी की रिकवरी तेज होने लगती है और शरीर का दर्द कम होता है। फिर मरीज इसे बिना डॉक्टर की सलाह के भी खाने लगता है जिसकी वजह से उसके साइड इफेक्ट होते हैं। इम्युनिटी कम हो जाना, शरीर में सूजन आ जाना, बॉडी में पानी भर जाना इसके साइडइफेक्ट हैं। 
कभी कभी डॉक्टर एनाबोलिक स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हैं जिसका मतलब है कि बॉडी के मेटाबॉलिजम को बेहतर करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। इसका कई लोग बॉडी बिल्डिंग में गलत इस्तेमाल करते हैं। एथलीट में स्टेरॉयड का गलत इस्तेमाल न हो इसलिए नैशनल- इंटरनैशनल गेम्स में डोप टेस्ट का प्रावधान है।
कुछ बीमारियों में स्टेरॉयड का इस्तेमाल लंबे वक्त तक किया जाता है। जैसे गठिया (रियुमेटॉइड आर्थराइटिस), ऑटो इम्यून डिसऑर्डर। कभी कभी कुछ बीमारियों में जब बॉडी में स्टेरॉयड बनना कम होता है तो थोड़ी मात्रा में डॉक्टर की सलाह पर स्टेरॉयड लेने से बॉडी नॉर्मल काम करती है। जब एक्सिडेंट के बाद मरीज शॉक में जाता है तब भी हम स्टेरॉयड का इस्तेमाल कर मरीज की जान बचाते हैं। 
उन्होंने कहा कि जब किसी भी बीमारी की वजह से या किसी और वजह से शरीर में स्टेरॉयड कम हो जाता है तो इसे हम दवा की तरह देते हैं। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल गर्भ निरोधक गोलियों में होता है। इन गोलियों में भी स्टेरॉयड होता है। किसी को अगर गंभीर कोरोना हुआ है और स्टेरॉयड से इलाज किया गया है तो फिर इम्युनिटी ठीक होने में कितना वक्त लगता है? डॉक्टर्स के मुताबिक आम तौर पर हम चार हफ्ते का वक्त रखते हैं। कोविड से रिकवरी हो गई है तो 4 हफ्तों तक सावधानी बरतते हैं। स्टेरॉयड लिया है तो दो हफ्तों तक इम्युनिटी कम होगी और उसके बाद दो हफ्ते रिकवरी में लगते हैं। इसलिए हम चार हफ्ते एहतियात बरतने को कहते हैं। लेकिन अगर किसी की डायबिटीज अनकंट्रोल्ड है तो उसे लंबा वक्त भी लग सकता है। वैसे 4 हफ्ते बाद सामान्य तौर पर इम्युनिटी सिस्टम नॉर्मल काम करने लगता है।
इम्युनिटी का ऐसे कोई अलग टेस्ट नहीं होता। 
डॉक्टर्स के मुताबिक शरीर में सेल्स और एंटीबॉडी होती है। खून में वाइट ब्लड सेल्स होते हैं और उसमें फिर पांच टाइप के सेल होते हैं। वाइट ब्लड सेल्स की सामान्य संख्या प्रति क्यूबिक मिलीमीटर खून में 4 हजार से 11 हजार तक होती है। इसके अलावा शरीर में पांच टाइप के एंटीबॉडी होते हैं। इनका अलग टेस्ट होता है। यह भी हो सकता है कि वाइट ब्लट सेल की संख्या ठीक हो लेकिन फिर भी इम्युनिटी कम हो। हो सकता है कि एंटीबॉडी नहीं हो। इन सबकी मात्रा हर मरीज पर टेस्ट नहीं कर सकते हैं। इसलिए हम ये मान सकते हैं कि जिनको गंभीर तौर पर कोविड हुआ है तो उन्हें सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर डायबिटीज के मरीज, कैंसर के मरीज या फिर ऐसे किसी शख्स को कोविड हुआ है जिसका कोई ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुआ है या वो इम्युनोसप्रेसिव ड्रग्स (इम्यून को दबाने वाली दवाई) ले रहा तो इसमें इम्युनिटी में गड़बड़ी देखने को मिलती है। ऐसे मरीजों को ज्यादा ऐहतियात बरतना होता है।
डॉ. अंशुमान के मुताबिक इम्युनिटी की ऑटोरिकवरी होती है। 
मतलब जैसे ही बॉडी की वायरस से लड़ाई खत्म हुई एंटीबॉडी बनता है। बोन मैरो, थाइमस सहित शरीर के कई अंगों में इम्युनटी के सेल्स बनते हैं और सर्कुलेटिंग एंटीबॉडी बनता है। अगर इन सारे अंग के फंक्शन सही हैं तो दो हफ्ते बाद अपने आप इम्युनिटी ठीक हो जाती है। इसे सपोर्ट के लिए प्रोटीन की मात्रा अच्छी खानी चाहिए क्योंकि एंटीबॉडी बनता ही प्रोटीन से है। कोई अगर प्रोटीन ना ले तो बोन मैरो काम भी कर रहा होगा तो वह एंटीबॉडी नहीं बना पाएगा। विटामिन सी एंटीबॉडी बनाने में काम करता है। 
आयरन इसमें सपोर्ट करता है। इसलिए इन सबकी कमी नहीं होनी चाहिए। खाने में यह लेना चाहिए और इम्युनिटी की ऑटोरिकवरी हो जाती है। डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि संतुलित आहार लेने से सभी की इम्युनिटी नॉर्मल रही है। जब शरीर में किसी भी चीज के कमी होती है तो उसे सप्लिमेंट के तौर पर दिया जाता है। जैसे विटामिन सी, जिंक, विटामिन डी और दूसरे सप्लिमेंट। कई ऐसे मैसेज सर्कुलेट हो रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि वैक्सीन लगाने के कुछ वक्त बाद तक इम्युनटी कम रहती है। क्या यह सही है? डॉ. कौशल कांत मिश्रा ने कहा कि किसी भी वैक्सीन के देने से बॉडी की इम्युनिटी पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। बल्कि वैक्सीन इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए ही दी जाती है। बच्चों में तो एक साथ कई वैक्सीन दी जाती हैं।

उम्र के हिसाब से बढ़ती-घटती इम्युनिटी...

डॉ. अंशुमान कहते हैं कि कम उम्र में इम्यून सबसे तेज होता है। लेकिन एक साल से छोटे बच्चे में इम्युनिटी विकसित नहीं होती है। 60 साल से ज्यादा उम्र में भी इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है। जिस तेजी से युवाओं में इम्यून सिस्टम काम करेगा उतना 60 साल से ज्यादा उम्र में रिस्पॉन्स नहीं करेगा। इम्यून सिस्टम बॉडी के सिगनल पर काम करता है। अगर बॉडी में कोई वायरस (एंटीजन) आया तो उस मैसेज को अंगों तक पहुंचाने का बॉडी का सिगनल कमजोर पड़ता है और ज्यादा उम्र में प्रोटीन की मात्रा भी कम होती है। इसलिए इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। अगर खानपान सही हो और स्वस्थ हो तो बच्चों से लेकर अडल्ट तक यानी 18 साल तक सबसे अच्छा इम्यून सिस्टम होता है।

बस स्टैंड पर आतंकियों का ग्रेनेड से हमला, घायल

पुलवामा। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल इलाके में स्थित बस स्टैंड पर आतंकियों ने रविवार शाम को ग्रेनेड से हमला कर दिया। इस हमले में वहां तैनात सीआरपीएफ जवानों को तो कोई नुकसान नहीं पहुंचा लेकिन राह चलते सात लोगों को मामूली चोटे आईं हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
उधर, आतंकी हमला कर मौके से भाग निकले। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर आतंकियों की धर-पकड़ के लिए तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। खबर लिखने तक तलाशी अभियान जारी था तथा किसी भी आतंकी के पकड़े या मारे जाने की कोई सूचना नहीं थी।

दिल्ली-नोएडा के बीच आज से चलनी शुरू होगीं मेट्रो

विजय भाटी                  
गौतमबुद्ध नगर। ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो बुधवार से चलेगी। वहीं दूसरी ओर दिल्ली-नोएडा के बीच मेट्रो सोमवार से चलनी शुरू होगी।
दिल्ली-नोएडा के बीच चलने वाली मेट्रो का संचालन डीएमआरसी करता है। जबकि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो चलाने का जिम्मा नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) के पास है। 
डीएमआरसी सोमवार से मेट्रो चलानी शुरू कर देगी। ऐसे में दिल्ली के द्वारका से सेक्टर-62 इलेक्ट्रॉनिक सिटी और जनकपुरी से सेक्टर-38 बॉटनकिल गार्डन तक मेट्रो चल सकेगी। इससे दिल्ली-एनसीआर आने-जाने वाले नोएडा वासियों का सफर आसान हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर एनएमआरसी के अधिकारियों का कहना है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के बीच मेट्रो सोमवार से नहीं बल्कि बुधवार से चलेगी। कोरोना से बचाव को देखते हुए सभी एतिहयात बरतते हुए मेट्रो चलाई जाएगी।

यूपी: 24 घंटे में संक्रमित संख्या 1 हजार से भी कम

हरिओम उपाध्याय            
लखनऊ। सरकार और स्वास्थ्य विभाग की रणनीति के चलते उत्तर प्रदेश को कोरोना से राहत मिलने लगी है। यहां किसी भी जिले में बीते 24 घंटे में मिलने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 100 से भी कम दर्ज हुई है। वहीं, पूरे प्रदेश में यह संख्या एक हजार से भी कम है। जबकि रिकवरी रेट 97.8 प्रतिशत दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह जानकारी सोमवार  कोविड-19 प्रबंधन की समीक्षा बैठक में को टीम-09 ने दी। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना के कुल 727 नए केस सामने आए हैं। इसके विपरीत, 02 हजार 860 मरीज ठीक होकर घर जा चुके हैं। इस समय प्रदेश में कुल एक्टिव केसों की संख्या 15 हजार, 681 हैं। इस बीच रविवार को 3.88 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई। वहीं, 3 लाख 09 हजार 674 टेस्ट किए गये। अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में कुल 05 करोड़, 13 लाख, 42 ​हजार 537 टेस्ट किये जा चुके हैं। 
अधिकारियों ने बताया कि दो जनपदों में कोरोना का कोई भी केस नहीं है। प्रदेश के 47 जनपदों में इकाई में कोरोना मामले दर्ज हुए हैं। वहीं, 26 जनपद ऐसे हैं, जहां संक्रमित केस दहाई में हैं। उन्होंने कहा कि एक भी ऐसा जनपद नहीं है, जहां 100 से अधिक कोरोना मामले हैं।  
 प्रदेश के 02 करोड़, 02 लाख, 54 हजार नागरिकों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। उन्होंने बताया कि अब केवल तीन जनपद मेरठ, लखनऊ और गोरखपुर में 600 से ज्यादा सक्रिय मामले हैं। यहां क्रमश: 898, 777 और 623 कोरोना के मामले हैं। इनके अलावा अन्य सभी जिले कोरोना कर्फ्यू से मुक्त हो गए हैं। घरों में एकांतवास करने वाले मरीजों की संख्या 9 हजार, 286  है। अधिकारियों ने बताया कि कल प्रदेश में 324 मीट्रिक टन ऑक्सीजन वितरित की गई।

सीजी: ब्लैक फंगस का आंकड़ा बढ़कर 259 हुआ

दुष्यंत टीकम                  
रायपुर। प्रदेश में ब्लैक फंगस तेजी से पांव पसारता दिख रहा है। 5 मई को जो आंकड़ा 229 था वह 6 मई को बढ़कर 259 पहुंच गया है। बता दें कि एम्स में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या रविवार को 152 पहुंच गई। इनमें से 73 मरीजों का आपरेशन हुआ है। सेक्टर-9 भिलाई में 17 और मेकाहारा में अब तक 25 का आपरेशन हो चुका है। 
सर्वाधिक आंकड़े दुर्ग से  दुर्ग में अब तक 67 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं राजधानी रायपुर में 48, बिलासपुर में 33, रायगढ़ में 21, राजनांदगांव में 16 और जांजगीर-चांपा में 14 मरीजों की पुष्टि हुई है।

उत्तराखंड में कर्फ्यू की अवधि 15 जून तक बढ़ाईं

पंकज कपूर               
देहरादून। उत्तराखंड राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू की अवधि एक सप्ताह यानि 15 जून तक के लिए बढ़ा दी है। राज्य में 9 जून से तीन दिन शराब की दुकानें और दो दिन परचून और किताबों की दुकानें खोलने की अनुमति दी गई है। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने रविवार को बताया कि एक सप्ताह यानि 15 जून तक के लिए कोरोना कर्फ्यू को बढ़ा दिया गया है। सप्ताह में दो दिन के लिए परचून और किताबों की दुकानें 9 जून और 14 को खोलने की छूट दी गई हैं। स्टेशनरी की दुकान खुलेंगी। बाकी व्यवस्था यथावत रहेगी। इससे पहले प्रदेश में 8 जून तक के लिए कोविड कर्फ्यू का आदेश जारी हुवा था। 
रविवार को शासन की और से जारी एसओपी में पिछली बार की तुलना में आंशिक संशोधन किया गया है। कोविड कर्फ्यू के दौरान इस सप्ताह सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें रोजाना सुबह आठ से दोपहर 12 बजे तक खुलेंगी। वहीं, स्टेशनरी की दुकानें, जनरल स्टोर और किराने की दुकानें, 9 जून और 14 जून को सुबह आठ से दोपहर एक बजे तक खुलेंगी। वही 3 दिन शराब की दुकानें 9, 11 और 14 जून को सुबह 8 बजे से 1 बजे तक खोली जाएंगी।  वहीं कृषि कार्यों को पूरी तरह छूट में रखी गई है। 
इसके साथ ही ग्रमीण क्षेत्रों के लिए जिलाधिकारी को आदेश में छूट और पालन को लेकर अधिकार दिये गए हैं। इन सबके अतिरिक्त कोरोना कर्फ्यू के दौरान जिन चीजों पर पहले से प्रतिबंध लगाए गए हैं उन सभी चीजों पर प्रतिबंध जारी रहेंगे। आवश्यक वस्तु की दुकानों का समय पूर्ववत सुबह आठ बजे से 12 बजे तक रहेगा। इन दुकानों में सब्जी, फल, अंड़ा, दूध, बेकरी और दवा की दुकानें शामिल हैं। इस दौरान जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए आवाजाही की छूट रहेगी। आम जनता सीधे मंडी नहीं जाने की छूट नहीं रहेगी। 

सीएम एके की लोगों से सावधानी बरतने की अपील

अकांशु उपाध्याय                  

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार से द्वितीय चरण के अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मेट्रो से लेकर ऑफिस और बाजार तक सभी जरूरी निर्देशों के साथ खुल रहे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल से सन्देश जारी करते हुए लिखा, 'आज से दिल्ली में कई गतिविधियां फिर से शुरू हो रही हैं। पर कोरोना से बचाव के सभी एहतियात पूरी तरह से बरतें - मास्क पहनें, सोशल डिस्टेन्सिंग रखें और हाथ धोते रहें, बिल्कुल ढिलाई नहीं करनी। कोरोना संक्रमण से बचकर भी रहना है और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर भी लाना है।' 

दिल्ली सरकार ने आज से राष्ट्रीय राजधानी को चरणबद्ध तरीके से अनलॉक करने की दिशा में दूसरा कदम बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री केजरीवाल का कहना है कि कम होते कोरोना संक्रमण के बीच ये जरूरी है कि अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए ये फैसला जरूरी है। जिसके तहत बाजार, मॉल ऑड-ईवन के आधार पर खोले जाएंगे। वहीं निजी कार्यालयों को 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति होगी।  सरकारी कार्यालयों के ग्रुप ए कर्मचारियों को 100 प्रतिशत , ग्रुप बी 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करने की अनुमति होगी।  उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार कम हो रहे हैं। दिल्ली सरकार की तरफ से रविवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घण्टे में 381 नए मामले सामने आए हैं।

जबकि शनिवार को ये आंकड़ा 414 था। वहीं इस दौरान 30 मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि संक्रमण दर 0.50 प्रतिशत की रही। दिल्ली में कोरोना की स्थिति धीरे धीरे नियंत्रण में आ रही है। इस बात की गवाही यहां के अस्पताल खुद दे रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर जब अपने शिखर पर थी तो दिल्ली के अस्पतालों में पैर रखने की जगह कम पड़ गई थी। लेकिन अब स्थिति बदल रही है दिल्ली के अस्पतालों में अभी 2936 कोरोना के मरीज एडमिट हैं जबकि 21367 बेड फिलहाल खाली बताए जा रहे हैं। वहीं 2327 लोग होम आइसोलेशन में हैं।

  

9 जून को टिकैत से सीएम ममता करेंगी मुलाकात

अकांशु उपाध्याय          

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भारी जीत हासिल कर प्रदेश में तीसरी बार अपनी सरकार बनाने वाली सीएम ममता बनर्जी अब बंगाल के बाहर अपने पांव जमाने की कोशिशों में जुट गई है। भाजपा के खिलाफ पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार करने वाले भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथ आगामी 9 जून को सीएम ममता बनर्जी मुलाकात करने वाली हैं। जिसके चलते राजनीतिक क्षेत्रों में भारी गहमागहमी शुरू हो गई है। भारतीय किसान यूनियन के नेता एवं संगठन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत की आगामी 9 जून को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कोलकाता में मुलाकात होने जा रही है। 

ममता बनर्जी से होने वाली मुलाकात के दौरान भाकियू प्रवक्ता केंद्र द्वारा लाए गए नये कृषि कानूनों के खिलाफ मौजूदा किसान आंदोलन को धार देते हुए आगे बढ़ाने पर उनके साथ चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि 9 जून को होने वाली इस मुलाकात के दौरान भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत सीएम ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में मिली बड़ी जीत पर बधाई देंगे। इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच नये कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी के गाजीपुर, टीकरी और सिंघु बार्डर पर चलाये जा रहे किसान आंदोलन को लेकर भी चर्चा की जाएगी। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव से पहले भी भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने बंगाल का दौरा किया था और तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनाव प्रचार करते हुए वोट मांगे थे।

दरअसल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब चौधरी राकेश टिकैत के जरिए बंगाल से बाहर अपना प्रभाव जमाने की तैयारी कर रही है। जिसके चलते चौधरी राकेश टिकैत उन्हें अपने मुफीद दिखाई दे रहे हैं। सीएम ममता बनर्जी की कोशिश है कि वह पश्चिम बंगाल के बाहर भी भाजपा के खिलाफ एक अभियान चलाकर उसे अन्य राज्यों में भी सरकार बनाने से रोके। वैसे भी भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केंद्र द्वारा पिछले दिनों लाये गये नये कृषि कानूनों को लेकर भाजपा पर हमलावर रहे है। पिछले दिनों राजधानी के गाजीपुर बार्डर पर चल रहे धरनास्थल् पर भारी पुलिस बल के साथ किसान नेता की गिरफ्तारी के प्रयास किये जाने के बाद चौधरी राकेश टिकैत भाजपा के प्रति और भी ज्यादा मुखर हो गये है। अब देखने वाली बात यह रह गई है कि भाकियू प्रवक्ता के साथ होने वाली दीदी की मुलाकात के क्या परिणाम अगले दिनों में सामने आ पाते हैं।

शासन में लगातार आ रहीं टैक्स बढ़ोतरी की 'लहरें'

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों में जारी बढ़ोतरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए सोमवार को कहा कि उनके शासन में टैक्स बढ़ोतरी की लहरें लगातार आ रही है। जिससे महंगाई आसमान छू रही है और आम लोगों का जीना दूभर हो गया है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया,"कई राज्यों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो रही है। पेट्रोल पम्प पर बिल देते समय आपको मोदी सरकार द्वारा किया गया महंगाई में विकास दिखेगा। टैक्स वसूली महामारी की लहरें लगातार आती जा रही हैं।" 

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी टैक्स बढ़ोतरी को लेकर सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए ट्वीट किया, "भयंकर जनलूट - पिछले 13 महीने में पेट्रोल 25.72 रुपए, डीज़ल 23.93 रुपए प्रति लीटर महँगा हुआ। कई राज्यों में 100 रुपये प्रति लीटर पार हुआ। पेट्रोल-डीज़ल में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी के लिए कच्चे तेल की क़ीमतें नहीं, मोदी सरकार द्वारा बढ़ाए गए टैक्स ज़िम्मेदार हैं।"

भेदभावपूर्ण ट्वीट की जांच, क्रिकेट से निलंबित किया

लंदन। इंग्लैंड के तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन को 2012—13 में किये गये भेदभावपूर्ण ट्वीट की जांच लंबित रहने तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से निलंबित कर दिया गया है। इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने रविवार को कहा कि रॉबिन्सन न्यूजीलैंड के खिलाफ गुरुवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच के लिये उपलब्ध नहीं रहेंगे। रॉबिन्सन ने लार्ड्स में खेले गये श्रृंखला के पहले मैच में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।उन्होंने मैच में सात विकेट लिये तथा इंग्लैंड की पहली पारी में 42 रन बनाए। रॉबिन्सन ने ये ट्वीट तब किये थे जब वह 18 और 19 साल के थे। ये ट्वीट नस्लवादी और लिंगभेद से जुड़े थे। मैच के पहले दिन इन ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा होती रही जिसके बाद रॉबिन्सन ने माफी मांगी थी। ईसीबी ने ससेक्स के इस गेंदबाज के बारे में कहा, ‘रॉबिन्सन तुंरत ही इंग्लैंड की टीम को छोड़कर अपनी काउंटी में वापसी करेंगे।

पेट्रोल-डीजल के दाम में फिर 28 पैसे तक बढ़ोतरी

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल के दाम सोमवार को लगातार दूसरे दिन बढ़कर नये रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गये। देश के चार महानगरों में आज दोनों जीवाश्म ईंधनों के दाम 28 पैसे तक बढ़ गये। गत 04 मई से अब तक 20 दिन पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाये गये हैं जबकि शेष 15 दिन कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस दौरान दिल्ली में पेट्रोल 4.91 रुपये तथा डीजल 5.49 रुपये महंगा हो चुका है।
अग्रणी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 28 पैसे बढ़कर 95.31 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई। डीजल दिल्ली में 27 पैसे महंगा हुआ और इसकी कीमत 86.22 रुपये प्रति लीटर हो गई। मुंबई में पेट्रोल 27 पैसे और डीजल 28 पैसे महंगा हुआ। वहां एक लीटर पेट्रोल 101.52 रुपये और एक लीटर डीजल 93.58 रुपये का बिका।
कोलकाता में पेट्रोल 26 पैसे महंगा होकर 95.28 रुपये और डीजल 27 पैसे महंगा होकर 89.07 रुपये प्रति लीटर पर रहा। चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 24 पैसे और डीजल की 26 पैसे बढ़ी। वहां एक लीटर पेट्रोल 96.71 रुपये और एक लीटर डीजल 90.92 रुपये का मिला। पेट्रोल-डीजल के मूल्यों की रोजाना समीक्षा होती है और उसके आधार पर हर दिन सुबह छह बजे से नयी कीमतें लागू की जाती हैं।

रिकवरी दर बढ़कर 93.67 फीसदी हुई: भारत

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ने और इस महामारी को मात देने वालों की संख्या में निरंतर इजाफा होने से सक्रिय मामलों की दर घटकर 5.13 प्रतिशत रह गयी है जबकि रिकवरी दर बढ़कर अब 93.67 फीसदी हो गयी है। इस बीच रविवार को 13 लाख 90 हजार 916 लोगों को कोरोना के टीके लगाये गये। देश में अब तक 23 करोड़ 27 लाख 86 हजार 482 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सोमवार की सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में 1,00,636 नये मामले आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर दो करोड़ 89 लाख नौ हजार 975 हो गया। इस दौरान एक लाख 74 हजार 399 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिसे मिलाकर देश में अब तक दो करोड़ 71 लाख 59 हजार 180 लोग इस महामारी को मात दे चुके हैं।सक्रिय मामले 76 हजार 190 और कम होकर 14 लाख 01 हजार 609 रह गये हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान 2427 मरीज अपनी जान गंवा बैठे और इस बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर तीन लाख 49 हजार 186 हो गयी है। देश में कोरोना से मृत्यु दर अभी 1.20 फीसदी है। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में सक्रिय मामले 2494 घटकर 1,88,384 रह गये हैं।

इसी दौरान राज्य में 14433 और मरीजों के ठीक हाेने के बाद कोरोनामुक्त होने वालों की तादाद बढ़कर 55,43,267 हो गयी है जबकि 618 और मरीजों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा बढ़कर एक लाख के पार 1,00,130 हो गया है। केरल में इस दौरान सक्रिय मामले 6984 कम हुए हैं और इनकी संख्या अब 1,61,065 रह गयी है तथा 21,429 मरीजों के स्वस्थ होने से कोरोना को मात देने वालों की संख्या बढ़कर 24,62,071 हो गयी है

जबकि 227 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 9946 हो गयी है। कर्नाटक में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले 13,770 घटे हैं जिससे इनकी संख्या 2,54,526 रह गयी है। वहीं 320 और मरीजों की मौत से मृतकों का आंकड़ा 31,580 हो गया है। राज्य में अब तक 24,09,417 मरीज स्वस्थ हुए हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना के सक्रिय मामले 842 कम हुए हैं और अब इनकी संख्या 5,889 रह गयी है। यहां 34 और मरीजों की मौत के साथ इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 24,591 हो गयी है।

वहीं 13,98,764 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं। तेलंगाना में सक्रिय मामले 2,192 घटकर 27,016 रह गये हैं, जबकि अब तक 3378 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 5,60,776 लोग इस महामारी से ठीक हुए हैं। आंध्र प्रदेश में सक्रिय मामले 4,682 घटकर 1,23,426 रह गये हैं। राज्य में कोरोना को मात देने वालों की तादाद 16,23,447 हो गयी है जबकि 11,466 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

तमिलनाडु में सक्रिय मामलों की संख्या 13,174 घटकर 2,44,289 रह गयी है तथा 434 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 27,005 हो गयी है। वहीं 19,65,939 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं। आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान 1,494 सक्रिय मामले कम हुए हैं और इनकी संख्या अब 17,944 रह गयी है। राज्य में इस महामारी से 85 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या 21,236 हो गयी है तथा 16,59,209 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।

छत्तीसगढ़ में कोरोना के सक्रिय मामले 1,615 घटकर 23,280 रह गये हैं। वहीं 9,44,078 लोग कोरोनामुक्त हो चुके हैं जबकि 25 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 13,217 हो गयी है। मध्य प्रदेश में सक्रिय मामले 1,241 घटकर 10,103 रह गये हैं तथा अब तक 7,66,756 लोग स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 8337 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। पंजाब में सक्रिय मामले 2,294 घटकर 22,160 रह गये हैं तथा संक्रमण से निजात पाने वालों की संख्या 5,42,324 हो गयी है जबकि 15,076 मरीजों की जान जा चुकी है।

गुजरात में सक्रिय मामले 2,079 घटकर 18,008 रह गये हैं तथा अब तक 9,933 लोगाें की मौत हुई है। वहीं 7,88,293 मरीज संक्रमण मुक्त हुए हैं। हरियाणा में सक्रिय मामले 877 घटकर 9,097 हो गये हैं। राज्य में इस महामारी से 8,712 लोगों की मौत हो चुकी है तथा अब तक 7,44,482 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले 8,987 घटकर 35,454 रह गये हैं और इस महामारी के संक्रमण से 16,259 लोगों की मौत हुई है। राज्य में अब तक 13,74,419 मरीज स्वस्थ हुए हैं। बिहार में सक्रिय मामले 920 कम होकर 8,708 रह गए है।

राज्य में कोरोना वायरस से अभी तक 5381 लोगों की मौत हुई है, जबकि 6,99,028 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। कोरोना महामारी से अब तक राजस्थान में 8656 , उत्तराखंड में 6699, झारखंड में 5054, जम्मू-कश्मीर में 4074, असम में 3658, हिमाचल प्रदेश में 3297, ओडिशा में 2994, गोवा में 2760, पुड्डुचेरी में 1628, मणिपुर में 881, चंडीगढ़ में 772, मेघालय में 664 , त्रिपुरा में 564, नागालैंड में 426, सिक्किम में 273, लद्दाख में 195, अरुणाचल प्रदेश में 125, अंडमान-निकाेबार द्वीप समूह में 122, मिजोरम में 55, लक्षद्वीप में 38 तथा दादर-नागर हवेली एवं दमन-दीव में चार लोगों की मौत हुई है।

वायरस: 17.32 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित

वाशिंगटन, रियो डि जेनेरो, नई दिल्ली। विश्वभर में कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप जारी है और अब तक इससे 17.32 करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 37.26 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केंद्र (सीएसएसई) की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 192 देशों एवं क्षेत्रों में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 17 करोड़ 32 लाख 06 हजार 254 हो गयी है, जबकि 37 लाख 26 हजार 396 लोगों की इस संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है।

विश्व में महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना वायरस की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी है। हालांकि यहां संक्रमितों की संख्या तीन करोड़ 33 लाख 62 हजार 535 हो गयी है और 5.97 लाख से अधिक लोगों की इस संक्रमण से मौत हो गयी है। दुनिया में कोरोना संक्रमितों के मामले में भारत दूसरे स्थान पर और मृतकों के मामले में तीसरे स्थान पर है। पिछले 24 घंटों में 1,00,636 नये मामले आने के साथ ही संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर दो करोड़ 89 लाख 09 हजार 975 हो गया।

इस दौरान एक लाख 74 हजार 399 मरीज स्वस्थ हुए हैं। जिसे मिलाकर देश में अब तक दो करोड़ 71 लाख 59 हजार 180 लोग इस महामारी को मात दे चुके हैं। सक्रिय मामले 14 लाख 01 हजार 609 रह गये हैं। इस दौरान 2427 मरीज अपनी जान गंवा बैठे और इस बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर तीन लाख 49 हजार 186 हो गयी है। ब्राजील संक्रमितों के मामले में अब तीसरे स्थान पर है। इस देश में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से बढ़ रहे हैं और अभी तक इससे 1.69 करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 4.73 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

ब्राजील कोरोना से मौतों के मामले में विश्व में दूसरे स्थान पर है। संक्रमण के मामले में फ्रांस चौथे स्थान पर है जहां कोरोना वायरस से अब तक 57.74 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं जबकि 1.10 लाख से अधिक मरीजों की मौत हो चुकी है। कोरोना प्रभावितों के मामले में तुर्की रूस से आगे निकल गया है और यहां कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 52.88 लाख हो गयी है और 48,164 मरीजों की मौत हो चुकी है। रूस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 50.67 लाख से अधिक हो गई है और इसके संक्रमण से 1.21 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

सीबीएफ के अध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप

साओ पाउलो। ब्राजीली फुटबॉल परिसंघ (सीबीएफ) के अध्यक्ष रोजेरियो काबोक्लो को यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण 30 दिन के लिये निलंबित कर दिया गया है। सीबीएफ ने रविवार को बयान में कहा कि नैतिक समिति ने उसे काबोक्लो को अस्थायी रूप से निलंबित करने के फैसले से अवगत कराया है।समिति अभी आरोपों की जांच कर रही है और निलंबन को आगे बढ़ाया जा सकता है। काबोक्लो ने किसी भी तरह के गलत काम से इन्कार किया है। ग्लोबो ईस्पोर्ट वेबसाइट के अनुसार उन पर एक पूर्व महिला कर्मचारी ने शुक्रवार को यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये थे। काबोक्लो के वकील ने शनिवार को कहा कि काबोक्लो एक मामले में अपनी बेगुनाही साबित करेंगे लेकिन इस बारे में उन्होंने विस्तार से नहीं बताया।
काबोक्लो की अगुवाई में ही ब्राजील ने पिछले सप्ताह ही कोपा अमेरिका की मेजबानी हासिल की थी जो 13 जून से शुरू होना है। अर्जेंटीना और कोलंबिया को संयुक्त मेजबानी से हटाये जाने के बाद ब्राजील को इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के आयोजन की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी। काबोक्लो की जगह 82 वर्षीय एंटोनियो कार्लोस ननेस अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। ननेस ने इससे पहले काबोक्लो के पूर्ववर्ती मार्कोपोलो डेल नीरो को फीफा द्वारा भ्रष्टाचार के लिये प्रतिबंधित किये जाने के कारण 2017 से 2019 तक यह पद संभाला था।

छवि बचाने के लिए, मौतों के आंकड़ो का दुष्प्रचार

 हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली/लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को सरकार पर कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन आंकड़ों को लोगों की जान बचाने की बजाय सरकार एवं नेताओं की छवि बचाने के लिए दुष्प्रचार के माध्यम के तौर पर इस्तेमाल किया गया। उन्होंने सरकार से प्रश्न करने की अपनी श्रृंखला ‘जिम्मेदार कौन’ के तहत की गई फेसबुक पोस्ट में उत्तर प्रदेश के कई जिलों के श्मशानों और कब्रस्तानों में अंतिम संस्कार से संबंधित संख्या का हवाला देते हुए यह दावा किया कि देश की सबसे अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश में आंकड़ों को छिपाया गया है।कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी ने कहा, ‘‘कोरोना महामारी में लोगों ने सरकार से आंकड़ों की पारदर्शिता की आवश्यकता स्पष्ट की थी। ऐसा इसलिए जरूरी है कि आंकड़ों से ही पता लगता है: बीमारी का फैलाव क्या है, संक्रमण ज्यादा कहां है, किन जगहों को सील करना चाहिए या फिर कहाँ टेस्टिंग बढ़ानी चाहिए। इस पर अमल नहीं हुआ। जिम्मेदार कौन?’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘आज भी टीकाकरण के आंकड़ों की कुल संख्या दी जा रही है आबादी का अनुपात नहीं। और उसमें पहली व दूसरी डोज़ को एक में ही जोड़ कर बताया जा रहा है। ये आंकड़ों की बाज़ीगरी है।’’ प्रियंका गांधी ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस से जुड़े तमाम आंकड़ों को केवल सरकारी चैम्बरों में कैद रखा गया एवं वैज्ञानिकों द्वारा पत्र लिखकर इन आकड़ों को सार्वजनिक करने की मांग के बावजूद भी ये नहीं किया गया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों ने जांच के आंकड़ों में भारी हेरफेर की। सरकार ने कुल जांच की संख्या में आरटीपीसीआर एवं एंटीजन जांच के आंकड़ों को अलग-अलग करके नहीं बताया। इसके चलते कुल संख्या में तो टेस्ट ज्यादा दिखे लेकिन वायरस का पता लगाने की एंटीजन टेस्ट की सीमित क्षमता के चलते वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या का सही अंदाजा नहीं लग सका।’’

प्रियंका ने सवाल किया, ‘‘वैज्ञानिकों द्वारा बार-बार मांगने के बावजूद कोरोना वायरस के बर्ताव एवं बारीक अध्ययन से जुड़े आंकड़ों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया? केंद्र सरकार आंकड़ों को अपनी छवि बचाने के माध्यम की तरह क्यों प्रस्तुत करती है?’’ उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘क्या इनके नेताओं की छवि, लाखों देशवासियों की जान से ज्यादा महत्वपूर्ण है? सही आंकड़ें अधिकतम भारतीयों को इस वायरस के प्रभाव से बचा सकते हैं। आखिर क्यों सरकार ने आंकड़ों को दुष्प्रचार का माध्यम बनाया न कि सुरक्षा का ?’’

50 फ़ीसदी क्षमता के साथ मेट्रो का संचालन प्रारंभ

 उपाध्याय   
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संबंधी हालात बेहतर होने के बाद दिल्ली मेट्रो की सेवा सोमवार को करीब तीन हफ्ते के अंतराल के बाद बहाल की गई। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो में क्षमता से 50 फीसदी यात्री ही बैठ सकेंगे तथा खड़े रहकर यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन के चलते दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) की सेवाएं 20 मई को पूरी तरह से निलंबित कर दी गई थीं। कोरोना वायरस के फैलने के मद्देनजर दिल्ली में 19 अप्रैल को लॉकडाउन लगाया गया था और उसके बाद दिल्ली सरकार इसकी अवधि बढ़ाती गई। शुरुआत में तो मेट्रो सेवा आंशिक तौर पर जारी रही जिसमें केवल आवश्यक सेवाओं के कर्मियों को ही यात्रा करने की इजाजत थी। लेकिन कोरोना वायरस की दूसरी लहर में संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इसे 10 मई को बंद कर दिया गया। सोमवार को मेट्रो ट्रेन का परिचालन अपने निर्धारित समय सुबह छह बजे से आरंभ हो गया।
डीएमआरसी के एक अधिकारी ने रविवार को कहा था, ‘‘मेट्रो की विभिन्न लाइनों पर केवल आधी ट्रेनों का ही संचालन किया जाएगा और हर पांच से 15 मिनट के अंतराल पर मेट्रो मिला करेगी।’’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को लॉकडाउन में और छूट देने की घोषणा करते हुए कहा था कि सात जून से दिल्ली मेट्रो 50 फीसदी क्षमता के साथ चलेगी तथा बाजार और मॉल सम-विषम आधार पर खुलेंगे।केजरीवाल द्वारा लॉकडाउन के नियमों में ढील देने की घोषणा के बाद डीएमआरसी ने एक वक्तव्य में कहा था, ‘‘सामाजिक दूरी और ट्रेनों के भीतर 50 प्रतिशत यात्रियों का सफर सुनिश्चित करने के वास्ते लोगों को अपने दैनिक आवागमन के लिए अतिरिक्त समय लेने और स्टेशनों के बाहर प्रवेश के लिए अपनी बारी की प्रतीक्षा करते समय भी कोविड उपयुक्त व्यवहार करने की सलाह दी जाती है।’’

आमने-सामने रेल गाड़ी टकराई, 50 लोगों की मौत

कराची। पाकिस्तान के दक्षिणी सिंध प्रांत में सोमवार को दो रेलगाड़ियों के बीच टक्कर हो गई और इस हादसे में कम से कम 50 लोग मारे गए और कई घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। डॉन न्यूज की खबर में बताया गया कि कराची से सरगोधा जा रही ‘मिलात एक्सप्रेस’ पटरी से उतर गई थी, जिससे लाहौर से कराची आ रही ‘सर सैय्यद एक्सप्रेस’ टकरा गई। इस घटना में मिलात एक्सप्रेस की बोगियां पलट गईं। यह हादसा अपर सिंध के घोतकी जिले के धारकी शहर के निकट हुआ। ट्रेन दुर्घटना के बाद घोतकी, धारकी, ओबारो और मीरपुर माठेलो के अस्पतालों में आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई।डॉन न्यूज ने घोतकी के उपायुक्त उस्मान अब्दुल्ला के हवाले से कहा कि ट्रेन दुर्घटना में कम से कम 50 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 50 से ज्यादा घायल हैं। इसमें बताया गया कि हादसे में पलटी बोगियों के भीतर फंसे लोगों को निकालने में भी अधिकारियों को मुश्किलें आ रही हैं।

अब्दुल्ला ने जियो न्यूज से कहा कि इस पूरे हादसे में 13 से 14 बोगियां पटरी से उतर गईं तथा छह से आठ बोगियां ‘‘पूरी तरह क्षतिग्रस्त’’ हो गईं। उन्होंने कहा कि बोगियों में फंसे यात्रियों को बचाना बचाव अधिकारियों के लिए चुनौती बना हुआ है। उन्होंने बताया कि रोहरी से एक ‘राहत रेलगाड़ी’ भेजी गई है।

उपायुक्त ने कहा, ‘‘यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। जो लोग अभी भी फंसे हुए हैं उन्हें निकालने के लिए भारी मशीनरी का उपयोग किया जाएगा और इस काम में वक्त लगेगा। लोगों को चिकित्सीय मदद देने के लिए हम चिकित्सा शिविर भी लगा रहे हैं। घोतकी के एसएसपी उमर तुफैल ने कहा कि एक बोगी में यात्री अब भी फंसे हुए हैं तथा हमें आशंका है कि ‘‘मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।’’ राहत एवं बचाव अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-296 (साल-02)
2. मंगलवार, जून 08, 2021
3. शक-1984, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:45, सूर्यास्त 07:13।
5. न्‍यूनतम तापमान -16 डी.सै., अधिकतम-38+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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संपर्क सूत्र :- +919350302745  
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यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...