गुरुवार, 3 जून 2021

बांस व बेंत का कारोबार बंदी के कगार पर पहुंचा

संदीप मिश्र                 

बरेली। कच्चे माल के दाम में लगातार बढ़ रही महंगाई से बरेली की खास पहचान बांस और बेंत का कारोबार बंदी की कगार पर पहुंच गया है। बाजार में बढ़ते सस्ते लकड़ी और स्टील के बने सस्ते उत्पादों के सामने बरेली में बांस से बना सजावटी सामान का कारोबार धीरे-धीरे दम तोड़ रहा है। बरेली शहर झुमके और सुरमा के साथ बांस कारोबार के लिए भी जाना जाता है। मगर मौजूद समय में बरेली के बांस की कारीगरी की चमक फीकी पड़ती जा रही है। बाजारों में लकड़ी और स्टील के बने सामान सस्ते में मिल जाते हैं। जिसके चलते बांस और बेंत से बने उत्पाद लोग ज्यादा नहीं खरीदते हैं। एक फर्नीचर बनाने में आठ दिन लग जाते हैं, इसलिए कीमत भी ज्यादा रहती है।

करीब पांच साल पहले बांस और बेत से बने सोफा सेट, रैक, कुर्सी, स्टूल, डाइनिंग टेबल, शीशा, फ्रेम, झूला आदि कई चीजों की मांग रहती थी। शहर से हर माह करीब 1 हजार गाड़ी माल बाहर भेजा जाता था। यह माल पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और मुबई आदि जगह जाती थी। मगर अब 100 से 200 ही गाड़ी ही जा पा रही है। बेंत और बांस के काम से जुड़े लोगों का कहना है, पिछले पांच साल में 30 कारखाने बंद हो चुके है। कच्चे माल की बढ़ती कीमतों को बड़ी समस्या भी काम की मंदी की मेन वजह है। कारखाना संचालक इश्हाक का कहना है कि सामान को जितने दाम में खरीदते है। उतने में मेहनताना भी नहीं मिल पता है।

5 देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा की: अमेरिका

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका ने भारत समेत पांच देशों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की। जो अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनियों पर डिजिटल सेवा कर लगा रहे हैं या लगाने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, इसके फौरन बाद इस कर को छह माह के लिए निलंबित करने की घोषणा भी कर दी गई। अमेरिका ने आर्थिक सहयोग और विकास संगठन और जी-20 में अंतरराष्ट्रीय कराधान को लेकर चल रही बहुपक्षीय वार्ता के पूरा होने के लिए समय देते हुए छह महीने के लिए इस अतिरिक्त शुल्क को लगाने के साथ ही निलंबित कर दिया। 

अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई ने एक बयान जारी कर ऑस्ट्रिया, भारत, इटली, स्पेन, तुर्की और ब्रिटेन द्वारा अपनाए गए डिजिटल सर्विस टैक्स पर एक साल की जांच के समापन की घोषणा की।  यूएसटीआर ने एक बयान में कहा, 'जांच के अंतिम निर्णय में इन देशों के कुछ सामानों पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का फैसला किया गया। इस अतिरिक्त शुल्क को हालांकि लगाए जाने के साथ ही 180 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया। ताकि ओईसीडी और जी20 प्रक्रिया में अंतर्राष्ट्रीय कराधान पर चल रही बहुपक्षीय वार्ताओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मिल सके।

12वीं की परीक्षा पर सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टाली

अंकाशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं की परीक्षा पर सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है। सीबीएसई और आईसीएसई ने आज सुप्रीम कोर्ट को परीक्षा रद्द कर देने की आधिकारिक जानकारी दी लेकिन छात्रों को अंक देने के ऑब्जेक्टिव क्राइटेरिया पर जानकारी देने के लिए समय मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात संतोष जताया कि सरकार ने कोरोना की स्थिति देखते हुए परीक्षा रद्द कर दी है।
 इससे पहले 31 मई को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था कि सरकार जल्द ही इस मामले में फैसला लेने वाली है। इसलिए इस मामले पर सुनवाई टाल देनी चाहिए। तब कोर्ट ने कहा था कि इसमें कोई दिक्कत नहीं है लेकिन एक बात का ख्याल रखें कि सरकार अगर पिछले साल से अलग कोई फैसला कर रही है यानी परीक्षा करा रही है तो आपको उसके लिए उचित कारण बताना होगा। पिछले साल परीक्षा स्थगित होने से पहले जो पेपर हो चुके थे, उनके औसत के आधार पर रिजल्ट घोषित किए गए थे।
 याचिका में कहा गया है कि बारहवीं की परीक्षा करियर का अहम मोड़ होती है और इसका रिजल्ट उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश का आधार बनता है। याचिका टोनी जोसेफ और ममता शर्मा ने दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि बारहवीं की परीक्षा रद्द करने से उन छात्रों के साथ अन्याय होगा, जिन्होंने बोर्ड की परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है। याचिका में कहा गया है कि स्कूलों की ओर से आयोजित आंतरिक मूल्यांकन और आंतरिक ऑनलाइन परीक्षाओं के आधार पर छात्रों का रिजल्ट देना उनके साथ अन्याय है, क्योंकि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शायद ही किसी शिक्षक ने किसी छात्र को आमने-सामने देखा हो। याचिका में कहा गया है कि कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीबीएसई ने बारहवीं की बोर्ड परीक्षा को स्थगित करने का फैसला किया है। 

वयोवृद्ध लोगों को शीघ्र कोरोना टीका लगाया जाएं

कविता गर्ग                
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को राज्य एवं केंद्र सरकार से कहा कि दिव्यांग और वयोवृद्ध लोगों को कोरोना रोधी टीका लगाए जाने का शीघ्र इंतजाम करना चाहिए। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि जुलाई महीने तक वैक्सीन की उपलब्धता के आधार पर टीकाकरण की प्रक्रिया और तेज की जाएगी। 
हाईकोर्ट में वकील ध्रुति कापड़िया और वकील कुणाल तिवारी की दिव्यांग और वयोवृद्ध लोगों को घर जाकर टीकाकरण करवाए जाने से संबंधित जनहित याचिका पर बुधवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायाधीश जी.एस. कुलकर्णी सुनवाई कर रहे थे। हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना रोधी टीकाकरण में जब हाउसिंग सोसाइटीज शामिल हो रही हैं तो राज्य और केंद्र सरकार घर-घर जाकर वयोवृद्ध और बिस्तर पर पड़े हुए दिव्यांग लोगों का टीकाकरण क्यों नहीं कर रही हैं। 
हाईकोर्ट ने विभिन्न सोसाइटीज के इस कार्य की प्रशंसा भी की और कहा कि इससे सरकार को प्रेरणा लेनी चाहिए। सरकार की ओर पेश वकील अनिल सिंह ने कहा कि इस समय कोरोना रोधी वैक्सीन कम मात्रा में उपलब्ध है। वैक्सीन जुलाई तक उपलब्ध हो सकता है। उस समय सभी नागरिकों को वैक्सीन दिया जा सकेगा।

रामदेव को गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए

राणा ओबराय            
हिसार। एलोपैथी व डॉक्टरों के बारे में बाबा रामदेव के कथित अपमानजनक बयान से आहत इंडियन मेडिकल ऐसोसिएशन (आईएमए) ने कहा कि बाबा रामदेव को ऐसे गैर जिम्मेदाराना बयान नहीं देने चाहिए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से बोलते हुए डॉ. संदीप कालड़ा ने कहा कि एलोपेथी, आयुर्वेद, होम्पयोपेथी व यूनानी आदि चिकित्सा प्रणालियों का अपना अलग महत्व है। बाबा रामदेव के बयानों से अस्थिरता व अशांति पैदा हो रही है और विदेशों में वैज्ञानिक उनके बयानों की खिल्ली उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे अनुचित बयानों से भ्रांति फैलती है।
डॉ. जेपीएस नलवा ने कहा कि बाबा रामदेव पहले योग गुरू थे, फिर भोग गुरू बन गए हैं और अब उद्योग गुरू बन गए हैं। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव ने कोविड का कोई अस्पताल नहीं खोला और न ही उपचार किया। चिकित्सा की दूसरी पद्धतियों को गलत कहना अनुचित है। वे अपराधपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उनके खिलाफ केस दर्ज करके गिरफ्तार किया जाना चाहिए।इस अवसर पर डॉ. एपी सेतिया ने कहा कि बाबा रामदेव को तो सहयोग करते हुए टीकाकरण के पक्ष में प्रचार करना चाहिए, क्योंकि आम जनता उनकी बातों को मानती है। उन्होंने कहा कि आईएमए की 1750 शाखाएं हैं। वह बाबा रामदेव पर मानहानि और क्षतिपूर्ति का केस करेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव के भ्रामक प्रचार से कोविड के खिलाफ राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान को नुकसान हुआ है। इस टीकाकरण के कारण लोग ठीक होकर घर लौट रहे हैं।

यूपी सहित कई राज्यों में इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द

हरिओम उपाध्याय                       
लखनऊ। कोरोना संकट के बीच 12वीं की सीबीएसई परीक्षा रद्द किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द कर दी गई है।जिसमें 26 लाख छात्र शामिल होने वाले थे। परीक्षा रद्द होने के बाद सबसे बड़ा सवाल लोगों के मन में यही आ रहा है कि आखिर छात्रों का रिजल्‍ट किस तरह तैयार होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में स्थिति स्‍पष्‍ट की है। प्राप्‍त जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 12वीं के विद्यार्थियों को 10वीं और 11वीं में उनके परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे। दोनों कक्षाओं में उन्हें मिले औसत अंक निकाले जाएंगे। 
जिन 11वीं की परीक्षा नहीं दी होगी, उनके 12वीं प्री बोर्ड के अंक जोड़े जाएंगे। अगर विद्यार्थियों ने 11वीं और 12वीं प्री बोर्ड दोनों की परीक्षा नहीं दी है तो उनके लिए सामान्य प्रमोशन का विकल्प तलाशा जाएगा।सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो स्‍टूडेंट्स अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें अपना रिजल्ट बेहतर बनाने के लिए दोबारा परीक्षा में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। फिर इसके आधार पर उनकी मार्किंग होगी। विद्यार्थी एक, दो, तीन या चाहें तो सभी विषयों की परीक्षा देकर अपने परीक्षा परिणाम के अंक बेहतर कर सकते हैं। हालांकि यह परीक्षा कब होगी, इस बारे में फिलहाल जानकारी नहीं दी गई है।
सरकार ने कोरोना महामारी की स्थिति में सुधार के बाद इसकी जानकारी देने की बात कही है। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ सीबीएसई ने भी कहा है कि 12वीं के जो छात्र अपने परीक्षा परिणाम से संतुष्ट नहीं होंगे, उन्हें परीक्षा में शामिल होने का विकल्‍प होगा। सीबीएसई 12वीं के परीक्षा परिणाम कैसे तैयार करेगा, इस बारे में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। सीबीएसई ने कहा है कि इसके लिए मानदंड तय किए जा रहे हैं और इसमें दो सप्ताह का वक्त लग सकता है।

सीएम ने राशि 74 लाख क्रय मद में स्वीकृत की

पंकज कपूर            

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में एनपीवी के भुगतान/ भूमि अधिग्रहण हेतु भूमि क्रय मद के लिए 25 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। बड़कोट में वाहन पार्किंग के निर्माण हेतु प्रथम किश्त के रूप में 1 करोड़ 99 लाख रूपये एवं विधानसभा यमुनोत्री के अन्तर्गत 2 निर्माण कार्यों के लिए मुख्यमंत्री ने 74 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

विधानसभा क्षेत्र डोईवाला में फायर स्टेशन की स्थापना हेतु प्रथम किश्त के रूप में 1 करोड़ 50 लाख रूपये की स्वीकृति मुख्यमंत्री ने दी है। विधानसभा क्षेत्र राजपुर रोड के अंतर्गत कांवली रोड के दोनों ओर फुटपाथ, रेलिंग व दून अस्पताल चौक से दर्शनलाल चौक तक दोनों ओर पटरी तथा क्षतिग्रस्त स्थानों के सुधारीकरण हेतु 1 करोड़ 89 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है। कुंजापुरी के पास हिंडोलाखाल में पार्किंग निर्माण के लिए भी मुख्यमंत्री ने 1 करोड़ 54 लाख रूपये की स्वीकृति दी है।

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...