रविवार, 30 मई 2021

योगी ने यूपी में अनलॉक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया

हरिओम उपाध्याय              
लखनऊ। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लगाए गए कोरोना कर्फ्यू को खत्म करते हुए उत्तर प्रदेश को अनलॉक की तरफ आगे बढ़ा दिया गया है। सरकार की ओर से जारी की गई नई गाइडलाइन के मुताबिक, 1 जून से प्रदेश के 20 जनपदों को छोड़कर अन्य सभी जिलों में सवेरे 7.00 बजे से लेकर शाम 7.00 बजे तक कोरोना कर्फ्यू में कुछ शर्तों के साथ ढील दी जाएगी। इस दौरान शनिवार और रविवार की साप्ताहिक बंदी पहले की तरह जारी रहेगी। 600 से अधिक कोरोना संक्रमित केसों वाले जनपदों को फिलहाल अभी कोरोना कर्फ्यू की छूट से बाहर रखा गया है। रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से जुड़े फ्रंटलाइन सरकारी विभागों में कर्मचारियों की पूरी उपस्थिति रहेगी और अन्य से सरकारी कार्यालय अधिकतम 50 प्रतिशत कर्मचारियों की उपस्थिति के साथ खुलेंगे। इसमें 50 प्रतिशत कर्मचारी ही रहेंगे। निजी कंपनियों के कार्यालय भी मास्क लगाने की अनिवार्यता के साथ खोले जा सकेंगे। इस दौरान औद्योगिक संस्थान खुले रहेंगे और सब्जी मंडिया भी पहले की तरह खुली रहेंगी। सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक स्कूल, कालेज, तथा अन्य शिक्षण संस्थान शिक्षण कार्य के लिए बंद रहेंगे। रेस्टोरेंट में केवल होम डिलीवरी की अनुमति होगी। सेंट जॉन को छोड़कर शेष धर्म स्थलों के अंदर एक बार में केवल पांच ही श्रद्धालु जा सकेंगे। अंडे, मांस और मीट मछली की दुकानों को पर्याप्त साफ-सफाई और सैनिटाइजर का ध्यान रखते हुए बंद स्थान अथवा ढके स्थान पर खोलने की अनुमति होगी। इस दौरान प्रदेश में गेहूं क्रय केंद्र एवं राशन की दुकानें खुली रहेंगी। प्रदेश में कोचिंग संस्थान, सिनेमा, जिम, स्विमिंग पूल, क्लब और शॉपिंग मॉल अभी पूर्णतया बंद रहेंगे। कोरोना कफ्र्यू से फिलहाल प्रदेश के मेरठ, लखनऊ, सहारनपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, गोरखपुर, मुजफ्फरनगर, बरेली, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, झांसी, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, जौनपुर, बागपत, मुरादाबाद, गाजीपुर ,बिजनौर और देवरिया जनपद में फिलहाल कोई छूट नहीं दी गई है।

चीन पर कोविड-19 वायरस उत्पत्ति का आरोप तय

लंदन। ब्रिटेन के खुफिया एजेंटों ने चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से कोविड-19 वायरस की उत्पत्ति को संभाव्य बताया है। द संडे टाइम्स की रिपोर्ट में रविवार को इस आशय की जानकारी दी गयी है। इससे पहले डेली मेल ने शनिवार को बताया था कि ब्रिटेन के प्रोफेसर एंगस डाल्गलिश और नॉर्वे के वैज्ञानिक बिर्गर सोरेंसन ने एक अध्ययन किया था। जिसमें दावा किया गया था कि कोविड-19 वायरस प्रयोगशाला से उत्पन्न हुआ था।

अध्ययन में कहा गया है कि चीनी वैज्ञानिकों ने वुहान प्रयोगशाला में कोविड-19 वायरस विकसित किया, जिसके बाद उन्होंने चमगादड़ से प्रसारित वायरस को प्राकृतिक दिखाने के लिए 'जानबूझकर विनाश, डेटा को छिपाने या दूषित करने' का प्रयास किया। चीन ने हालांकि बार-बार इस तरह के आरोपों से इंकार किया है।जनवरी में, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने वुहान की यात्रा की, जहां उन्होंने कोविड-19 की उत्पत्ति के सुराग के लिए प्रयोगशाला, अस्पतालों और बाजारों की जांच की, जो वायरस कोविड-19 फैलने का कारण बनता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ मिशन ने तब एक रिपोर्ट तैयार की, जिसमें कहा गया था कि वुहान की एक प्रयोगशाला से नए कोरोना वायरस के लीक होने की संभावना बहुत कम है। मार्च में जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि नए वायरस के सबसे अधिक संभावना एक मध्यस्थ जरिये के माध्यम से चमगादड़ों से मनुष्यों में फैलती है।

ऑनलाइन क्लास आयोजित करने पर लगा प्रतिबंध

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार द्वारा ऑफलाइन क्लास पूरी तरह बंद कर दी गई थी। कुछ दिनों तक ऑनलाइन क्लास चलती रही मगर 4 मई को राज्य सरकार ने 5 मई से लेकर 31 मई तक राज्य में सभी शिक्षण संस्थाओं में गर्मी की छुट्टी की घोषणा की थी। इस दौरान कोई भी ऑनलाइन क्लास या परीक्षा आयोजित करने पर प्रतिबंध लगा दिया।

अब कोरोना संक्रमण के रफ्तार धीरे-धीरे कम पड़ने लगी है और आम नागरिकों को राहत भी मिलने लगी है। इसी बीच ओडिशा सरकार ने यह फैसला लिया है। राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान आगामी 1 जून से ऑनलाइन क्लास शुरू कर सकेगी। राज्य के सभी स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में ऑनलाइन पढ़ाई शुरू हो सकेगी। बात अगर लॉकडाउन की स्थिति की की करें तो कुछ राज्यों ने अपने यहां लॉकडाउन में धीरे-धीरे दिल ढील देना भी शुरू कर दिया है। अगर सब कुछ अच्छा रहा तो आने वाले समय में आम जन जीवन पहले की तरह चालू हो जाएगा।

पीएम के 7 साल पूरे होने पर गृहमंत्री ने बधाईं दी

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनकी सरकार के सात साल पूरे होने के अवसर पर बधाई देते हुए कहा कि इस अवधि में देश ने सुरक्षा, जन कल्याण और सुधार के क्षेत्र में ‘अभूतपूर्व उपलब्धि’ हासिल की है। शाह ने कई ट्वीट कर मोदी को गरीबों, किसानों और वंचितों का जीवन स्तर सुधारने और उन्हें मुख्य धारा में लाने का श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि उनके मजबूत नेतृत्व में समग्र और कल्याणकारी नीतियां अपनाई गई है और भारत शक्तिशाली राष्ट्र बन रहा है। शाह ने ट्वीट किया, ”प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के अभूतपूर्व उपलब्धियों से परिपूर्ण सात वर्ष पूरे होने पर मोदी जी का अभिनंदन करता हूं। मोदी सरकार ने विकास, सुरक्षा, जनकल्याण और ऐतिहासिक सुधारों के समांतर समन्वय का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।”

ओवल टेस्ट ने मेरे लिए सब कुछ बदल दिया: जडेजा

हरिओम उपाध्याय   

नई दिल्ली। टीम इंडिया इन दिनों इंग्लैंड दौरे की तैयारियों में जुटी है। ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा को भी इस अहम दौरे के लिए टीम में जगह मिली है। जडेजा कोहनी की चोट की वजह से इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज से बाहर रहे थे। इसी बीच जडेजा ने अपने करियर के बुरे वक्त को याद किया है। 2018 के इंग्लैंड दौरे से पहले जडेजा काफी समय तक भारतीय टेस्ट और वनडे टीम से बाहर थे। लेकिन उस दौरे ने जडेजा की किस्मत बदल कर रख दी।

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में रवींद्र जडेजा ने कहा, 'सच कहूं तो वो डेढ़ साल रातों की नींद हराम कर गए। उस दौर में, मुझे याद है कि मैं सुबह 4-5 बजे उठ जाता था। मैं सोचता था कि क्या करूं, मैं वापसी करूं? मैं लेटा रहता था, लेकिन जगा ही रहता। मैं टेस्ट स्क्वॉड में था लेकिन नहीं खेल रहा था। मैं वनडे भी नहीं खेल रहा था। भारतीय टीम के साथ यात्रा करने के चलते मैं डोमेस्टिक क्रिकेट भी नहीं खेलता था। मुझे खुद को साबित करने का कोई मौका नहीं मिल रहा था। मैं सोचता रहता कि मैं वापस कैसे आऊंगा।
'32 साल के जडेजा ने आगे कहा, 'ओवल टेस्ट ने मेरे लिए सब कुछ बदल दिया। मेरा प्रदर्शन, मेरा आत्मविश्वास, सब कुछ। जब आप बेस्ट गेंदबाजी यूनिट के खिलाफ इंग्लिश परिस्थितियों में स्कोर करते हैं, तो आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। यह आपको महसूस कराता है कि आपकी तकनीक दुनिया में कहीं भी रन‌ बनाने लिए काफी अच्छी है। बाद में हार्दिक पंड्या चोटिल हो गए और मैंने वनडे में वापसी की। तब से मेरा खेल अच्छा चल रहा है। मुझे याद है कि जब मैं ओवल टेस्ट में बैटिंग के लिए गया था, तो पहले से मेरी कोई योजना नहीं थी। मैंने अपना समय लिया था और डेब्यू कर रहे हनुमा विहारी को भी ऐसा करने को कहा।
'आईपीएल के बारे में जडेजा ने कहा, 'मैंने अपने प्रैक्टिस के तरीकों में सुधार किया, क्योंकि मुझे अहसास हुआ कि टी20 में टाइमिंग के अलावा पावर हिटिंग की भी जरूरत है। जब आप टेस्ट मैचों की तरह रन बनाने की जल्दी में नहीं होते, तो टाइमिंग आपके काम आती है। मैंने सीजन से पहले अपना ट्रेनिंग सत्र बढ़ाया था। साथ ही शरीर के ऊपरी हिस्से और कंधे पर बहुत काम किया। आईपीएल 2020 से पहले मैंने डेढ़ महीने का अभ्यास किया था, मैंने एक भी दिन इसे मिस नहीं किया।
गौरतलब है कि रवींद्र जडेजा ने 2018 में ओवल टेस्ट में 86 रनों की पारी खेलकर टेस्ट टीम में शानदार वापसी की थी। उस टेस्ट की पहली पारी में भारत का स्कोर एक समय 160/6 रन था, लेकिन जडेजा ने 86 रन बनाकर भारत को 292 रनों तक पहुंचाया था। इसके बाद से जडेजा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया की अहम कड़ी बन गए। जडेजा अभी उन चुनिंदा भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हैं, जो तीनों फॉर्मेट खेला करते हैं।

भाजपा सांसद का काफिला रोका, काले झंडे दिखाए

साहब राम 
दादरी। तीन कृषि कानूनों के विरोध में अब किसानों के प्रदर्शन तेज होते जा रहे हैं। आज पूर्व खिलाड़ी और भाजपा नेत्री बबीता फौगाट को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा है। किसानों ने बबीता फौगाट को काले झंडे दिखाए और उनके काफिले को रोक लिया, इस दौरान पुलिस ने बड़ी मुश्किल से रास्ता खुलवाया ।भाजपा नेत्री और चेयरमैन बबीता फौगाट का आज दादरी के बिरही कलां गांव में विरोध किया गया। बबीता फौगाट किसी काम से जा रही थी कि रास्ते में किसानों ने बबीता को रोक लिया। इस दौरान किसानों ने काले झंडे दिखाए और विरोध किया। पुलिस ने इस दौरान किसानों को हटाने की भी खूब कोशिश की।

जून में 12 करोड़ टीके की खुराक उपलब्ध होगी

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को बताया कि देश में कोविड-19 टीकाकरण के लिए जून के महीने में करीब 12 करोड़ खुराक उपलब्ध होंगी। इससे पहले मई के महीने में टीके की 7.94 करोड़ खुराक उपलब्ध थीं। मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को टीके की खुराकों का आवंटन वहां होने वाली खपत, उसकी जनसंख्या और टीके की बर्बादी के आधार पर किया जाता है।

वक्तव्य के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस बात की स्पष्ट तौर पर जानकारी दे दी गयी है कि जून 2021 में उन्हें टीके की कितनी खुराकों की आपूर्ति की जाएगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ” भारत सरकार की ओर से जून के महीने में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को उनके वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मचारियों के अलावा 45 अथवा उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए टीके की 6.09 करोड़ खुराक निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।”इसके अतिरिक्त विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के अलावा निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए टीके की 5,86,10,000 खुराक उपलब्ध होंगी, अर्थात जून 2021 में राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीके की करीब 12 करोड़ (11,95,70,000) खुराक उपलब्ध होंगी।

मंत्रालय ने कहा कि टीके के आवंटन का कार्यक्रम राज्यों के साथ तय समय पर साझा किया जाएगा। मंत्रालय ने कहा कि राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे टीकाकरण कार्यक्रम से जुड़े संबंधित अधिकारियों को टीके की आवंटित खुराकों का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करने और टीके की बर्बादी को कम करने का निर्देश दें।

मंत्रालय ने कहा कि टीके की खुराकों के आवंटन के बारे में राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को पहले जानकारी इसलिए दी जा रही है ताकि वे टीके की आपूर्ति और प्रबंधन को लेकर बेहतर योजना बना सकें। मंत्रालय के मुताबिक मई में केन्द्र की ओर से राज्यों को टीके की 4,03,49,830 खुराक उपलब्ध कराई गयीं। इसके अतिरिक्त राज्यों और निजी अस्पतालों द्वारा सीधी खरीद के लिए टीके की 3,90,55,370 खुराक उपलब्ध थीं। इस प्रकार मई में राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए कुल मिलाकर टीके की 7,94,05,200 खुराक उपलब्ध थीं।

स्कूल में दफन किये गये 215 बच्चों के ​शव मिले

कनाडा। प्रसिद्ध व ऐतिहासिक कैमलूप्स इंडियन रेजिडेंटीयल स्कूल में दफन किये गये 215 बच्चों के ​शव मिले हैं। सम्भावना जताई जा रही है कि शवों की संख्या इससे भी कही अधिक होती है। दफन लाशों में बहुत से की आयु 2 से 6 साल के बीच आंकी जा रही है। यह घटना कनाडा के इतिहास में मासूम बच्चों के साथ हुई भयानक बर्बरता का सबूत दुनिया के सामने पेश कर रही है। कनाडा के प्रधानमंत्री ने इसके लिए अफसोस जताते हुए इसे कनाडा के इतिहास का सबसे शर्मनाक अध्याय बताया है।

बताया जा रहा है कि बच्चों की यह मौतें वर्ष 1890 से 1969 के मध्य हुई हैं। स्कूल के एक अधिकारी रोजैन केसिमीर ने इस घटना से पर्दा उठाते हुए एक ऐसी ऐतिहासिक घटना का जिक्र किया, जो शायद इससे पहले कभी दुनिया के सामने खुल नही पाई। उन्होंने बताया कि “19वीं सदी की शुरुआत से लेकर 1970 तक क्रिश्चियन स्कूलों में देशभर से 1.50 लाख से ज्यादा बच्चों को लाया गया था। उनके ऊपर क्रिश्चियन में कन्वर्ट करने का दबाव डाला जाता था और उन्हें अपनी मातृभाषा तक बोलने नहीं दी जाती थी। कइयों को पीटा गया। ऐसा कहा जाता है कि इस दौरान करीब 6 हजार बच्चे मारे गए थे।”आपको बता दें कि कनाडा का यह स्कूल एक वक्त में कनाडा का सबसे बड़ा बोर्डिंग स्कूल माना जाता था। यह ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत में स्थित कैमलूप्स स्कूल 1978 में बंद हो गया था। कैमलूप्स स्कूल 1890 से 1969 तक चलाया गया था। इसके बाद सरकार ने कैथोलिक चर्च से इसका नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया। इस स्कूल को 1978 में बंद कर दिया गया।

ज्ञात रहे कि बच्चों की मौत को लेकर वर्ष 2008 में कनाडा की तत्कालीन सरकार ने संसद में माफी भी मांगी थी और माना था कि उस वक्त क्रिश्चियन स्कूलों में बच्चों के साथ शारीरिक और यौन शोषण भी होता था।पांच वर्ष पूर्व ट्रूथ एंड रिकॉन्सिलिएशन कमिशन की एक रिपोर्ट आई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि दुर्व्यवहार और लापरवाही के कारण कम से कम 3,200 बच्चों की मौत हुई थी। जबकि, 1915 से 1963 के बीच कैमलूप्स स्कूल में 51 बच्चों की मारे जाने की रिपोर्ट दर्ज की गई थी।

इधर इस घटना पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूड्यू ने भी दु:ख जताया है। उन्होंने कहा, “स्कूल में शव मिलने की खबर दिल दु:खाती है। ये हमारे देश के इतिहास के काले और शर्मनाक अध्याय की दर्दनाक याद है। मैं उन सभी लोगों के बारे में सोच रहा हूं जो इस दुखद खबर से प्रभावित हुए हैं। हम आपके लिए यहां हैं।”

पीएम पद का सम्मान नहीं करती है ममता: भाजपा

मीनाक्षी लोधी   
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रमुख दिलीप घोष ने रविवार को ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि वह प्रधानमंत्री पद का सम्मान नहीं करतीं और दावा किया कि उन्होंने राजनीतिक कारणों से चक्रवात से मची तबाही पर बुलाई गई समीक्षा बैठक में शिरकत नहीं की। घोष ने खगड़पुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन किया है, और ” अब हर कोई जान गया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के लिए किस तरह की भाषा और शब्दों का इस्तेमाल करती हैं।”भाजपा नेता ने दावा किया, “उन्होंने (बनर्जी ने) तब भी राजनीति की जब राज्य के लोग चक्रवात और कोविड-19 महामारी के कारण संकट से जूझ रहे हैं। 
हम जानते हैं कि वह बैठक कक्ष में कैसे पहुंचीं, जहां प्रधानमंत्री मौजूद थे, उन्होंने कैसे बात की, और फिर मुख्य सचिव के साथ चली गईं।” घोष की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तापस रॉय ने कहा, “घोष द्वारा लगाए गए आरोपों पर पलटवार करने की कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है। अब उनकी पार्टी में कोई अहमियत नहीं है।”उन्होंने कहा, “चूंकि उन्होंने कुछ टिप्पणियां की हैं, मैं कहना चाहूंगा कि यह भाजपा ही है जो चक्रवात की तबाही और कोविड स्थिति का राजनीतिकरण कर रही है।” उनके सुर में सुर मिलाते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि चुनाव में हार के बाद भाजपा ममता बनर्जी सरकार को बदनाम करने के तरीके खोज रही है।

मुख्मयमंत्री ने शनिवार को कहा था कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ‘बदले की राजनीति’ कर रही है और मोदी तथा शाह हर कदम पर उनकी सरकार के लिए परेशानी पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने विधानसभा चुनाव में अबतक भाजपा की हार नहीं मानी है। उन्होंने पूछा कि चक्रवात से मची तबाही को लेकर प्रधानमंत्री के साथ उनकी समीक्षा बैठक में विपक्षी भाजपा के नेताओं को क्यों आमंत्रित किया गया? बनर्जी ने यह भी कहा था कि उन्हें इससे अपमानजनक महसूस हुआ है।

नए डिजिटल नियमों के साथ ब्योरा साझा किया

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। गूगल और फेसबुक जैसी बड़ी डिजिटल कंपनियों ने भारत के नए सोशल मीडिया नियमों के हिसाब से शिकायत अधिकारी की नियुक्ति समेत अन्य जानकारी सार्वजनिक करने के उद्देश्य से अपनी वेबसाइट अद्यतन (अपडेट) करने शुरू कर दिए हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार गूगल, फेसबुक और व्हाट्सऐप जैसी बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों ने नए डिजिटल नियमों के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्रालय के साथ ब्योरा साझा किये हैं।
हालांकि ट्विटर अभी भी नियमों का अनुपालन नहीं कर रही। नए नियमों के तहत प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों को शिकायत निपटान अधिकारी, नोडल अधिकारी और मुख्य परिचालन अधिकारी नियुक्त करने की आवश्यकता है। इन अधिकारियों के लिये जरूरी है कि उनकी नियुक्ति भारत में हो और वे यहां रहे। प्रमुख सोशल मीडिया मध्यस्थों की श्रेणी में वे सोशल मीडिया मंच आते हैं जिनके उपयोगकर्ताओं की संख्या 50 लाख से अधिक है।
उद्योग सूत्रों ने कहा कि फेसबुक और व्हाट्सऐप पहले ही अनुपालन रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के साथ साझा कर चुकी हैं। नये शिकायत अधिकारियों की नियुक्ति के बारे में जानकारी इन मंचों पर अद्यतन की जा रही है। गूगल ने ‘कांटेक्ट अस’ पृष्ठ पर जो ग्रियर का नाम दिया है। उनका पता माउंटेन व्यू अमेरिका का है। इस पृष्ठ पर यूट्यूब के लिये शिकायत निपटान व्यवस्था के बारे में भी जानकारी दी गयी है।

नियमों के अनुसार सभी सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी-अपनी वेबसाइट, ऐप या दोनों पर शिकायत निपटान अधिकारी और उनके पते के बारे में जानकारी देनी है। साथ ही शिकायत के तरीके को बताना है जिसके जरिये उपयोगकर्ता या पीड़ित अपनी शिकायत कर सके। शिकायत अधिकारी को 24 घंटे के भीतर दर्ज की गयी शिकायत प्राप्त करने के बारे में सूचना देनी होगी। साथ ही ऐसे शिकायतों का निपटान प्राप्ति की तारीख से 15 दिन की अवधि में करना होगा।

सरकारी सूत्रों ने शुक्रवार को कहा कि ट्विटर नियमों का पालन नहीं कर रही। कंपनी ने मंत्रालय को मुख्य अनुपालन अधिकार के नाम के बारे में जानकारी मंत्रालय को नहीं भेजी। उसने विधि कंपनी में काम करने वाले एक वकील का नाम बतौर संपर्क अधिकरी और शिकायत अधिकारी के रूप में दिया है। सूत्रों के अनुसार जबकि आईटी नियमों में साफ कहा गया है कि सोशल मीडिया मंचों के मनोनीत अधिकारियों के कंपनी का कर्मचारी होना और उसका भारत में निवासी होना जरूरी है।

इस बारे में ट्विटर ने ई-मेल के जरिये पूछे गये सवालों का जवाब नहीं दिया। कंपनी की वेबसाइट पर भारत के लिये शिकायत अधिकारी (अंतरिम) के तौर पर धर्मेन्द्र चतुर का नाम दिया गय है। गूगल, फेसबुक और व्हाट्सऐप ने भी नये आईटी नियमों के तहत जरूरी नियुक्तियों के बारे में ई-मेल के जरिये पूछे गये विस्तृत सवालों के जवाब नहीं दिये। सूत्रों ने पूर्व में कहा था कि नये नियमों के प्रावधानों को लागू करने के संदर्भ में गूगल, फेसबुक और व्हाट्सऐप के अलावा कू, सर्चचैट, टेलीग्राम और लिंक्डइन जैसे महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थों ने मंत्रालय के साथ ब्योरा साझा किये हैं।


1 जून से राष्ट्रव्यापी 'काला दिवस' मनाएंगा आईएमए

अकांशु उपाध्याय                
नई दिल्ली। बाबा रामदेव और आईएमए के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दिनों दिन यह विवाद एक नया मोड़ लेता जा रहा है। डॉक्टर जहां इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पक्ष में है और एलोपैथिक का समर्थन कर रहे हैं, तो वही देश के कुछ लोग बाबा रामदेव का भी समर्थन कर रहे हैं। कुछ लोग एलोपैथी को लेकर यह कहते हैं कि वास्तव में एलोपैथी से इलाज हो रहा है मगर महंगा इलाज भी हो रहा है। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं दूसरी ओर कुछ लोगों का मत ऐसा भी है कि आयुर्वेदिक उपचार से भी लोग ठीक हो रहे हैं। कोरोना मरीज को काढ़ा पिलाना आयुर्वेद की श्रेणी में ही आता है। 

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया का कहना की एलोपैथिक पर बाबा रामदेव का बयान बेहद आपत्तिजनक है। वह डॉक्टर को आहत करने वाला है। इसीलिए 1 जून को पूरे देश में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करेगा और काला दिवस मनाएगा। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन इंडिया का कहना है कि कोरोना योद्धा और आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ योग गुरु रामदेव के बयानों के विरोध में आवाज उठाने के लिए रोगी की देखभाल में बिना बाधा डाले ही देशव्यापी काला दिवस मनाया जाएगा और विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

अभिभावकों को 4000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे

हरिओम उपाध्याय                     

लखनऊ। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने बड़ा कहर देश के अंदर ढहाया है। चारों तरफ हाहाकार मचा रहा। कोई ऑक्सीजन के अभाव में मरा, तो किसी को समय पर दवाई नही मिल पाई, किसी को समय पर इलाज ना मिलने के कारण उसने अपने प्राण त्याग दिए। कई घर ऐसे भी हैं, जिनके परिजन अब इस दुनिया में नहीं रहे और उनके घर में कोई कमाने वाला शख्स भी इस दुनिया में नहीं रहा और संक्रमण की दूसरी उसे इस दुनिया से ले गई।

इसी कड़ी में कई पत्रकारों ने भी अपनी जान गवाई है कोरोना संक्रमण की लहर की चपेट में आकर कई पत्रकार इस दुनिया से विदा हो गए। आज हिंदी पत्रकारिता दिवस है। इस अवसर पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महामारी से दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को सहायता राशि देने का ऐलान किया है। पीएम ने घोषणा की है कि दिवंगत पत्रकारों के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। सरकार के इस फैसले ने परिजनों के लिए थोड़ी राहत दी है। जाने वाले इस दुनिया से चले गए। मगर सरकार के इस फैसले के बाद कोरोना संक्रमण के दौरान जान गवाने वाले पत्रकारों के परिजनों को थोड़ी राहत अवश्य मिलेगी।

इससे पहले कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की देखभाल का जिम्मा भी योगी सरकार ने उठाया है। मुख्यमंत्री ने बाल सेवा योजना शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत सरकार ऐसे बच्चों की देखभाल का जिम्मा उठाएगी जिनके माता-पिता इस महामारी में नहीं रहे। ऐसे बच्चों के वयस्क होने तक उनके अभिभावकों को सरकार 4000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।

कहर: जहरीली शराब से और 19 लोगों ने तोड़ा दम

अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली शराब के कारण हुई मौतों का आंकड़ा निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। पहले दिन जहां मौतों का आंकड़ा कम था, वह दूसरे दिन 19 लोगों ने अस्पतालों के गांव में दम तोड़ दिया। अब तक कुल मिलाकर 51 लोग मौत के आगोश में जा चुके हैं। हालांकि प्रशासन का कहना है कि अब तक 25 लोगों की मौत हुई है। प्रशासन ने केवल 25 लोगों की मौत की पुष्टि की है।

फरार चले पचास पचास हजार के इनामी शराब ठेकेदारों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। वहीं एसएसपी ने एसओ लोधा अभय कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया है। मुख्य आरोपी की पत्नी समेत छह अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। शुक्रवार की सुबह से लेकर रात तक गांव देहात अस्पतालों के चक्कर लगाने वाले अफसरों को शनिवार को भी दिन निकलते ही बुरी खबरों ने चौका दिया। सुबह पिसावा थाना क्षेत्र के गांव शादीपुर में 5 लोगों की मौत से अफसरों में हड़कंप मच गया। तहसीलदार संतोष कुमार ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा। ग्रामीणों का आरोप था कि सभी मौत जहरीली शराब से हुई है। इसके बाद जट्टारी का गांव मादक और लोधा के करसुआ में मौत की सूचना मिली। करसुआ में गैस प्लांट के बाहर कैप्सूल ट्रक में भी शव बरामद हुआ है। अलग-अलग गांव से मौतों का आंकड़ा निरंतर बढ़ रहा है। मेडिकल कॉलेज में 2 दिन में शराब से 25 लोगों की मौत दर्ज की गई है।

झूठी छवि लिए किसी भी विषय पर बोलना होगा

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘झूठी छवि’ के लिए उनकी सरकार के किसी विभाग के मंत्री किसी भी विषय पर बोलने को मजबूर हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ”प्रधानमंत्री की झूठी छवि के लिए किसी भी विभाग का मंत्री किसी भी विषय पर कुछ भी बोलने के लिए मजबूर है।”

इससे पहले कोरोना संकट को लेकर राहुल गांधी ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि टीकाकरण की जो गति अभी चल रही है वह यदि इसी प्रकार चलती रही तो उसके पूरा होने में तीन साल लग जाएंगे। उन्होंने यह आरोप भी लगाया था कि प्रधानमंत्री की ‘नौटंकी’ के कारण कोरोना की दूसरी लहर आई।

पीएम बोरिस ने 23 साल छोटी कैरी से शादी की

कविता गर्ग   
लंदन। अगले साल शादी के बंधन में बंधने की खबरें आने के बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बेारिस जॉनसन को लेकर एक बड़ी खबर आई है। बताया जा रहा है कि जॉनसन ने अपनी मंगेतर कैरी साइमंड्स से एक सीक्रेट सेरेमनी में शादी कर ली है। इस शादी में दोनों के परिजन और कुछ करीबी दोस्‍त ही शामिल हुए हैं। जबकि हाल ही में खबरें आईं थीं कि कपल अगले साल शादी करने वाला है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जॉनसन और साइमंड्स ने बेहद निजी समारोह में शादी कर ली है। इससे पहले उनके 30 जुलाई 2022 को शादी करने की चर्चा थी। और इसके लिए 56 वर्षीय प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और उनकी 33 वर्षीय मंगेतर कैरी साइमंड्स ने अपने परिवार और दोस्‍तों को शादी में आने का न्‍योता भी भेज दिया था। हालांकि कार्ड में शादी का वेन्‍यू  नहीं दिया गया था।

2019 में जॉनसन के प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही जॉनसन और साइमंड्स डाउनिंग स्ट्रीट में एक साथ रह रहे हैं. पिछले साल उनका एक बेटा भी हुआ है। बेटे का नाम विल्फ्रेड लॉरी निकोलस जॉनसन है। इससे पहले जॉनसन की शादी मरीना व्हीलर से हुई थी। इन दोनों के 4 बच्चे हैं। शादी के 25 साल बाद सितंबर 2018 में उन्‍होंने घोषणा की थी कि वे अलग हो गए हैं। व्‍हीलर से पहले जॉनसन ने एलेग्रा मोस्टिन-ओवेन से शादी की थी। साइमंड्स उनकी तीसरी पत्नी होंगी।

राहत: कुछ पाबंदियां हटाई, रात्रि कर्फ्यू जारी रहेगा

राणा ओबरॉय   
चंडीगढ़। हरियाणा में कोविड-19 की रोकथाम के लिए लॉकडाउन को एक हफ्ते के लिए यानी सात जून तक बढ़ा दिया गया है। राज्य सरकार ने रविवार को यह घोषणा की जिसमें दुकान खोलने के वक्त और मॉल पर लगाई गई पाबंदियों में ढील देने की जानकारी भी दी गई। राज्य सरकार ने लॉकडाउन को “महामारी अलर्ट/सुरक्षित हरियाणा” करार दिया है। मुख्यमंत्री मनोहल लाल खट्टर ने ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भले ही राज्य में कोविड-19 की स्थिति में सुधार हुआ हो, लेकिन यह फैसला किया गया है कि “महामारी अलर्ट/ सुरक्षित हरियाणा” लॉकडाउन को कुछ और रियायतों के साथ सात जून सुबह पांच बजे तक बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन दुकानों को पूर्व में सम-विषम आधार पर सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई थी वे अब सुबह नौ बजे से दोपहर तीन बजे तक खुल सकेंगी। 
खट्टर ने कहा, “हमें बाजार संगठनों से प्रतिवेदन मिले हैं कि जिसके बाद हमने समय बदलने का फैसला किया है। हालांकि, दुकानें अब भी सम-विषम व्यवस्था के आधार पर ही खुलेंगी।” उन्होंने कहा कि मॉलों को कुछ खास शर्तों के साथ सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक खोलने की अनुमति होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी मॉल के भीतर कितने लोगों को प्रवेश मिलेगा, यह मॉल के आकार पर निर्भर करेगा।

खट्टर ने कहा कि जिन्हें अनुमति मिलेगी उन्हें एक सीमित समय तक ही भीतर रहने की इजाजत होगी और अन्य को प्रवेश इस आधार पर मिलेगा कि किसी खास वक्त में मॉल के भीतर कितने लोग हैं। उन्होंने कहा कि मॉल के संचालकों को इस लिहाज से एक प्रणाली बनानी होगी और संबंधित उपायुक्तों से जरूरी इजाजत लेनी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलेज, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और स्कूल 15 जून तक बंद रहेंगे जैसा कि पहले भी घोषणा की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि राज्य में दैनिक “कोरोना कर्फ्यू” का समय रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक पहले की ही तरह रहेगा। मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि पिछले साल के लॉकडाउन में राज्य के राजस्व संग्रह को जबर्दस्त झटका लगा था लेकिन मौजूदा लॉकडाउन के कारण इस बार सीमा शुल्क और जीएसटी संग्रह पर मामूली प्रभाव पड़ा है। राज्य सरकार ने तीन मई को एक हफ्ते का लॉकडाउन लगाया था जिसे अब तक चार बार बढ़ाया जा चुका है।

दूसरी लहर पर भी 'भारत' विजय हासिल करेगा

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि देश ने कोविड-19 की पहली लहर के खिलाफ पूरे हौसले से लड़ाई लड़ी थी और अब दूसरी लहर में भी वह मजबूती से उसका मुकाबला कर रहा है। मास्क, उचित दूरी का पालन और टीकाकरण को बचाव का सही उपाय बताते हुए उन्होंने विश्वास जताया कि भारत इस बार भी महामारी पर विजय हासिल करेगा।
आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात’’ की 77वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जहां कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है वहीं हाल के दिनों में उसे विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ा है और भारत ने सामूहिक शक्ति से उसका भी डटकर मुकाबला किया। उन्होंने कहा, ‘‘अभी-अभी पिछले 10 दिनों में ही देश ने, फिर दो बड़े चक्रवातों का सामना किया।पश्चिमी तट पर चक्रवात ‘ताऊ ते’ और पूर्वी तट पर चक्रवात ‘यास’ आया। इन दोनों चक्रवातों ने कई राज्यों को प्रभावित किया। देश और देश की जनता इनसे पूरी ताक़त से लड़ी और कम से कम जनहानि सुनिश्चित की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम अब ये अनुभव करते हैं कि पहले के वर्षों की तुलना में, ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचा पा रहे हैं।’’

विपदा की इस कठिन और असाधारण परिस्थिति का साहस, धैर्य और अनुशासन के साथ मुकाबला करने के लिए उन्होंने चक्रवात से प्रभावित हुए सभी राज्यों के लोगों की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र, राज्य सरकारें और स्थानीय प्रशासन सभी, एक साथ मिलकर इस आपदा का सामना करने में जुटे हुए हैं।’’

मोदी ने 7 सालों में देश बर्बाद कर दिया: कांग्रेस

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार के सात वर्ष पूरे होने पर उसकी विफलताओं की झड़ी लगाते हुए इस सरकार को भारत के लिए हानिकारक बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सात सालों में देश को बर्बाद कर दिया है और जनता उनकी नाकामयाबियों को भुगत रही है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दो साल पूरे होने पर शुक्रवार को यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मोदी शासन के सात साल में अर्थव्यवस्था गर्तव्यवस्था बन गई है।

पिछले सात दशक में देश ने जो तरक्की की थी मोदी शासन ने सात साल में उसे तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने सिर्फ अर्थव्यवस्था को ही तबाह नहीं किया बल्कि बेरोजगारी बेतहाशा बढ़ी है और 45 साल में देश में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंची है। उन्होंने कहा कि मोदी शासन में महंगाई चरम पर पहुंच गई है। महंगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और इससे चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है।

खाद्य पदार्थों के भाव आसमान छू रहे है। पेट्रोल 100 लीटर तथा सरसों का तेल 200 रुपए प्रति लीटर को पार कर गया है। वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार सत्ता में आई थी तो पेट्रोल करीब 71 रुपए और डीजल पर 55 प्रति लीटर की दर से बिक रहा था लेकिन आज पेट्रोल 102 और डीजल 94 रुपए पर पहुंच गया है। रसोई गैस की कीमतों में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने किसानों के मुद्दे पर भी सरकार को घेरते हुए कहा कि यह सरकार अहंकारी है और उसने देश के अन्नदाता पर भी प्रहार किया है। उनका कहना था कि मोदी किसान को उसकी फसल पर लागत का 50 फीसदी मुनाफा देने का वादा कर सत्ता में आए थे लेकिन सरकार बनने के बाद उन्होंने किसानों से किए वादे को पूरा करने की बजाय उन पर प्रहार किया और किसान विरोधी कानूनों को संसद में पारित करवा दिया।

आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त किया: भाजपा

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के सात साल पूरा होने पर दावा किया कि इस दौरान ना सिर्फ देश का आत्मविश्वास जागा बल्कि गांव के गरीबों ओर वंचितों को पहली बार एहसास हुआ कि केंद्र में उनकी अपनी सरकार है। नड्डा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी और ‘‘राजग परिवार’’ को बधाई और शुभकामनाएं दीं और कहा कि भाजपा आज के दिन को ‘‘सेवा दिवस’’ के रूप में मनाएगी और इस दौरान उसके कार्यकर्ता एक लाख गांवों में सेवा कार्य करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देशवासियों ने चुनौतियों का डटकर सामना किया। उनके मार्गदर्शन में भारत का आत्मविश्वास जागा, आत्मनिर्भर भारत की राह बनी है और देश के गांव, गरीब, किसान, दलित, पीड़ित व वंचित को पहली बार यह अहसास हुआ है कि केंद्र में उनकी अपनी सरकार है।’भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर भारतीय की चिंता करते हुए तुरंत राहत पैकेज घोषित किए। उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र, संगठन व सभी से जरूरतमंदों की मदद करने के प्रधानमंत्री के आह्वान पर भाजपा ने ‘‘सेवा ही संगठन’’ के मंत्र को आत्मसात किया और संकट काल में करोड़ों लोगों तक मदद पहुंचाई। ज्ञात हो कि 23 मई 2019 में लोकसभा चुनाव के नतीजे आए थे। भाजपा ने 303 सीटें जीतकर जनादेश हासिल किया और नरेंद्र मोदी ने 30 मई को लगातार दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली थी।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-288 (साल-02)
2. सोमवार, मई 31, 2021
3. शक-1984, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि-पंचमी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:53, सूर्यास्त 07:09।
5. न्‍यूनतम तापमान -18 डी.सै., अधिकतम-40+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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