शुक्रवार, 28 मई 2021

योगी ने दोषियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया

बृजेश केसरवानी   
लखनऊ/अलीगढ़। जहरीली शराब ने एक बार फिर उजाड़ दी परिवारों की खुशियों को। इतनी सख्ती के बाद भी जहरीली शराब की बिक्री बंद नहीं हो पा रही है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली खराब पीने से 7 लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि मरने वालों में अलीगढ़ एचपी गैस प्लांट के ट्रक ड्राइवर भी शामिल हैं। इसके अलावा लोधा क्षेत्र के करसुआ, निमाना, हैवतपुर, अंडला गांव के ग्रामीणों की भी मौत हुई है। अभी कई लोगों की हालत गंभीर है। उनका इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।

इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने अलीगढ़ के अधिकारियों से बात करके पीड़ितों की मदद करने का निर्देश दिया। साथ ही आरोपियों पर एनएसए लगाने का आदेश दिया है। इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि अगर सरकारी ठेके से शराब खरीदी गई थी तो उसे सीज किया जाए और दोषियों की संपत्ति भी कुर्क की जाए।

इस बीच अलीगढ़ के गांवों में जहरीली शराब से मौत के बाद दहशत का माहौल है। इसके साथ ही लोगों में गुस्सा भी है. अलीगढ़ के जिलाधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि अभी तक 7 लोगों की मौत हुई है, मामले की जांच की जा रही है, जांच में जो भी निकल कर आएगा, उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी।अलीगढ़ के थाना लोधा क्षेत्र के अंतर्गत गांव करसुआ में जहरीली शराब पीने से सात लोगों की मौत हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि मरने वालों ने गांव ही ठेके से शराब खरीद कर पी थी। मरने वालों में दो करसुआ में स्थित एचपी गैस बॉटलिंग प्लांट के ड्राइवर हैं। मौके पर अफसर पहुंच गए हैं और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।

ग्रामीणों की शिकायत के बाद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने देसी शराब के ठेके को सील करा दिया है. साथ ही शराब के सैंपल लिए जा रहे हैं. जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि लोगों की मौत कैसे हुई? क्या ठेके पर नकली शराब बेची जा रही? इस बीच ग्रामीण गुस्से में हैं और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

व्यापार प्रकोष्ठ के द्वारा श्रद्धांजलि सभा आयोजित

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि सभा आयोजन
सुनील पुरी   
कानपुर। उत्तर प्रदेश कांग्रेस उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ के तत्वाधान में सरसैया घाट कानपुर में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर उनको याद करते हुए श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई ।
इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने कहा की आजादी के बाद देश को कैसे जवाहरलाल नेहरू ने अपने गौरवशाली विराट व्यक्तित्व के नेतृत्व में एक मजबूत वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बना दिया। इसीलिए उनको आधुनिक भारत का निर्माता कहा जाता है। भारत में आईआईटी इत्यादि जैसे वैश्विक स्तर के प्रौद्योगिकी संस्थान एवं एम्स जैसे चिकित्सा संस्थान जवाहरलाल नेहरू जैसे स्वप्न दृष्टा के नेतृत्व में ही संभव हो पाया। आज भारत परमाणु शक्ति है और उसका मुख्य श्रेय  नेहरू जी को जाता है ।
नेहरू जी एक बेहद विनम्र , शालीन , अत्यंत शिक्षित एवं जमीन से जुड़े हुए आम जनमानस के विराट लीडर थे । उनके योगदान एवं उनके जीवन के लिए देश हमेशा उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा ।

इस अवसर पर प्रकोष्ठ के चेयरमैन पवन गुप्ता , महासचिव महेश मेघानी महासचिव दिनेश बाजपेई , नगर ग्रामीण अध्यक्ष आदित्य चौबे , प्रदेश सचिव काजी समी , दिनेश दीक्षित , रमेश खन्ना , कमल जयसवाल , अब्दुल वहीद ,साईं रक्षा  जयसवाल , राजन अग्रवाल , विजय पुरी इत्यादि व्यापारी नेता और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

पूर्व प्रधान की हत्या, सड़क पर रखा शव: आक्रौश

प्रशांत कुमार   

चंदौली। अमड़ा गांव निवासी पूर्व प्रधान की लाश देर रात रेलवे ट्रैक पर मिलने से ग्रामीण आकोशित हो गए हैं। उन्होंने शुक्रवार की सुबह पूर्व प्रधान की लाश को नेशनल हाईवे पर रखकर प्रदर्शन किया।

जानकारी के अनुसार चंदौली जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के अमड़ा गांव निवासी पूर्व प्रधान रमेश यादव 24 मई को घर से लापता हो गए थे। बुधवार की रात सुल्तानपुर में रेलवे ट्रैक पर उनका शव मिला। परिजनों के अनुसार उनकी हत्या की गई है। पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर गुरुवार को ग्रामीणों ने सदर कोतवाली का घेराव किया।

प्रधान के परिजनों का कहना है कि हम लोगों को अंदेशा था कि उनका अपहरण किया गया है। इसलिए हमने थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई लेकिन पुलिस उतनी सक्रिय नहीं हुई। जिसके चलते उनकी हत्या हो गई। पुलिस अधिकारियों के आश्वासन और समझाने.बुझाने पर ग्रामीण मान गए।

आर्थिक तंगी के कारण राम लड्डू बेच रहे अभिनेता

शैलेश श्रीवास्तव   
मिर्जापुर। कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर के लोग परेशान है। लाखों लोगों ने अपनो को खो दिया और बाकी बचे लोग बेरोजगारी से जुझ रहे है। हर फिल्ड की तरह कोविड-19 की वजह से मनोरंजन जगत में भी सन्नाटा छाया हुआ हैकोरोना की वजह से अब तक कई सेलेब काम ना होने की वजह से अपनी खराब आर्थिक स्थिति का खुलासा कर चुके हैं। इस बीच ‘मिर्जापुर’ के अभिनेता ने भी एक फोटो शेयर है। मिर्जापुर के ‘पंडित जी’ यानी राजेश तैलंग की फोटो तेजी से वायरल हो रही है।तस्वीर में राजेश तैलंग सड़क पर खोमचा लगाए दिखाई दे रहे हैं। 
हैरानी की बात ये है कि एक्टर ने ये फोटो खुद ही शेयर की है। उन्होंने ट्विटर पर अपनी ये फोटो पोस्ट की है, जिसमें वह सड़क पर खोमचा लगाकर राम लड्डू बेचते नजर आ रहे हैं। राजेश तैलंग की ये फोटो देखकर उनके फैंस काफी परेशान है। कई यूजर्स ने कमेंट करते हुए चिंता जाहिर की है। जहां कुछ को लग रहा है कि एक्टर की ये फोटो किसी शो या मूवी की शूटिंग की हो सकती है तो कई उनसे उनकी आर्थिक स्थिति को लेकर सवाल कर रहे हैं।
एक यूजर ने पूछ कि ‘ये कौन हैं?’ इसके जवाब में एक्टर कहते हैं- ‘नवाब भाई, मैं राजेश तैलंग हूं। एक एक्टर। उम्मीद करता हूं आप ठीक होंगे। सुरक्षित रहें।’ वहीं एक यूजर ने लिखा- ‘राजेश भाई, तब तक एक प्लेट राम लड्डू हमें भी खिला दीजिए। ’बता दें कि राजेश तैलंग ने ‘मिर्जापुर’ में ‘गुड्डू भइया’ यानी अली फजल और ‘बबलू भइया’ यानी विक्रांत मैसी के पिता ‘पंडित जी’ का किरदार निभाया था। उनके अभिनय की काफी सरहाना भी हुई थी।

संक्रमित गुमशुदा मौतों की संख्याओं की छानबीन

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। कोरोना से जितने लोग संक्रमित हुए हैं, उनमें एक चौथाई की ही जांच हो पाई है। यही हाल कोरोना से होने वाली मौतों का भी है। अस्पतालों में मरने वालों का तो रिकॉर्ड है, लेकिन जो घर-गांव, सड़क और झोलाछाप नर्सिंगहोमों में मर गए, उनके बारे में कुछ पता नहीं। निजी अस्पतालों के रिकॉर्ड में भी घपला है। मौतों को कई-कई दिन के बाद पोर्टल पर अपलोड किया गया। उनमें बहुत सी मौतों के छिपा लेने का भी संदेह है।

हर तरफ आंकड़े दबाए जाने की खबरें छपने और बहस शुरू होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना की गुमशुदा मौतों की संख्या पता करने की कोशिश में लग गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ताजा रिपोर्ट में कोरोना संक्रमितों और मौतों का आंकड़ा कम दर्ज किए जाने की बात कही गई है। पांच से नौ सितंबर 2020 में हुए सीरो सर्वे की रिपोर्ट में भी इसके संकेत मिले थे। नगर में 1442 लोगों के सैंपल की जांच की गई थी।इस दौरान 16 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। बाकी 1426 की रिपोर्ट निगेटिव थी। जब सीरो टेस्ट हुआ तो इनमें 23 फीसदी के शरीर में कोरोना की एंटी बॉडीज पाई गईं। इसका मतलब, ये लोग कोरोना से संक्रमित हुए और ठीक हो गए। हर संक्रमित सेे संक्रमण की एक चेन भी होगी, जिसकी जांच नहीं की गई।

अगर जांच होती संक्रमितों की संख्या तीन गुना से अधिक हो सकती थी। इसी तरह की स्थिति कोरोना से होने वाली मौतों की भी है।  बहुत से रोगी अस्पतालों में कोरोना से मरे, लेकिन रिकार्ड में आने से रह गए। निजी अस्पतालों ने धांधली की। शासन के निर्देश के बाद मौत का आंकड़ा उसी दिन अपडेट नहीं किया।

डाटा फीडिंग डेस्क होने के बाद भी देर की गई। संदेह है कि डाटा फीडिंग में भी आंकड़ों में खेल किया गया। इसके अलावा सबसे अधिक संख्या तो अस्पताल न पहुंच पाने वाले कोरोना रोगियों की है। माना जा रहा है कि अगर सब रिकार्ड हुआ होता तो आंकड़ा कुछ और ही होता। यही संदेह डब्ल्यूएचओ ने भी जाहिर किया है।

एक चौथाई संक्रमितों की हो पाई होगी जांच

स्वरूपनगर के रहने वाले और अमेरिका के इमरजेंसी सेवाओं के विशेषज्ञ डॉ. कृष्ण कुमार का कहना है कि कानपुर की आबादी अधिक है। एक चौथाई संक्रमितों की ही जांच हो पाई होगी। अगर सबकी होती तो आंकड़ा कुछ और होता। कोरोना संक्रमण की चेन बड़ी लंबी खिंचती चली जाती है। बहुत से लोग बिना लक्षण के होते हैं, वे खुद बिना इलाज ही ठीक हो जाते हैं लेकिन संक्रमण बहुत फैला देते हैं।

कोरोना काल में 13 हजार अंतिम संस्कार

जिले के श्मशान घाटों पर एक अप्रैल से पांच मई के बीच साढ़े 11 अंतिम संस्कार होने का अनुमान है। आम दिनों में रोजाना लगभग सौ के औसत से 35 दिनों में लगभग साढ़े तीन हजार अंतिम संस्कार होते थे। इसी तरह शहर के तीस कब्रिस्तानों में भी 35 दिनों में लगभग डेढ़ हजार जनाजों को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। आम दिनों में यह संख्या 10 से 12 के बीच होती थी। कोरोना काल में हुए अंतिम संस्कार और सुपुर्द-ए-खाक में संक्रमित मरीजों के अलावा अन्य बीमारियों से हुई मौतें भी शामिल है।

बर्रा के रहने वाले रवि श्रीवास्तव (54) की आरटीपीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इसके बाद घर वाले अस्पतालों में लेकर भागते रहे। कोविड कमांड सेंटर से फोन करवाया गया, फिर भी बेड नहीं मिला। ऑक्सीजन लेवल गिरता गया। आखिर में मौत हो गई। इनका रिकार्ड कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में नहीं है। मौत 17 अप्रैल को हुई थी।

सुजातगंज की रहने वाली 60 वर्षीय महिला और उनकी 23 साल की बेटी की कोरोना से मौत हुई। पहले उन्हें आर्यनगर स्थित निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद सरकारी अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए घरवाले कोशिश करते रहे। इस बीच, मौत हो गई। इनकी मौत भी कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में दर्ज नहीं हुई।

कोरोना रोगियों की कुछ मौतें छूट गई थीं। तीन बार विशेष अभियान चलाकर छूटी हुई मौतों को आंकड़े में शामिल किया गया। इसी वजह से कभी-कभी एक दिन में बहुत अधिक मौतें अपलोड हो गईं। अब भी पता किया जा रहा है कि अगर किसी की मौत कोरोना से हुई है तो उसे आंकड़ों में जोड़ा जाएगा।

हाथ पैरों में ठोकी कील, पीड़ित ने खुद रचा षड्यंत्र

संदीप मिश्र   

बरेली। पुलिस पर अपने हाथ-पैर में कील ठोक देने का आरोप लगाने वाले युवक ने अब कबूल किया है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने यह काम खुद किया था। पुलिस ने उसके इस बयान का वीडियो बनाकर जारी किया है। इसके साथ उसके खिलाफ कार्रवाई करने की भी तैयारी कर रही है। जोगीनवादा में रहने वाला रंजीत बुधवार को अपनी मां शीला के साथ एसएसपी ऑफिस पहुंचा था। एसएसपी के सामने उसने आरोप लगाया कि 24 मई की रात मास्क न लगाने की वजह से जोगीनवादा चौकी की पुलिस ने उसे पकड़ा और फिर उसके हाथ-पैर में कील ठोक दीं।

एसएसपी ने मामले की जांच कराई तो पता चला कि रंजीत पुलिसकर्मी से मारपीट करके भागा था जिसकी रिपोर्ट भी दर्ज है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पुलिस पर हाथ-पैर में कील ठोकने का आरोप लगा रहा है।पुलिस ने बृहस्पतिवार को जांच की तो पता चला कि सिपाही से मारपीट के बाद रंजीत जोगीनवादा में ही मैसर के जरी कारखाने पर पहुंचा था जहां उसने खुद ही एक व्यक्ति से अपने हाथ और पैर में कील ठुकवाई थी।उन लोगों ने इसके फोटो खींच लिए और पुलिस को दे दिए। पुलिस ने यह फोटो रंजीत को दिखाए तो उसने कबूल कर लिया कि अपने हाथ-पैर में कीलें खुद उसने ठुकवाई थीं। पुलिस ने उसके कबूलनामे का वीडियो बनाकर भी सार्वजनिक किया है। इसके साथ रंजीत के खिलाफ कार्रवाई की भी तैयारी कर रही है।

फिर ठोक सकता हूं कील
रंजीत ने बताया कि उसने उलटे पांव के अंगूठे और अंगुली में कील फंसाकर अपने हाथ में ठोकी थी। इस पर  एसएसपी ने आश्चर्य जताते हुए उससे पूछा कि उसे क्या दर्द नहीं हुआ तो वह बोला, कील मंगवाओ अभी फिर ठोककर दिखा सकता है।

एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने जानकारी दी है कि रंजीत ने पुलिस पर जो आरोप लगाए थे, वे झूठे पाए गए हैं। रंजीत ने खुद ही कील ठोकने की बात स्वीकार कर ली है। उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। 

उनकी नौटंकी जनता ने कब की बंद कर दी: प्रकाश

हरिओम उपाध्याय   
नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आरोपों पर अब बीजेपी ने पलटवार किया है। रांहुल गांधी ने कहा था कि देश में दूसरी लहर के लिए प्रधानमंत्री की ‘नौटकीं’ जिम्मेदार है। जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि उनकी नौटंकी जनता ने कब की बंद कर दी है। जावड़ेकर ने कहा, “प्रधानमंत्री देश की जनता के साथ कोविड का सामना कर रहे हैं तब ये (राहुल गांधी) ऐसे प्रयासों के लिए नौटंकी शब्द का उपयोग करते हैं। ये देश और जनता का अपमान है। हम उनकी नौटंकी ऐसे शब्द का इस्तेमाल नहीं करेंगे क्योंकि उनकी नौटंकी जनता ने कब की बंद कर दी है।”

“2024 नहीं, इसी साल सभी को लगेगी वैक्सीन”

प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “पहले तो कांग्रेस को वैक्सीन पर भरोसा नहीं था, उनके एक साथी ने इसे बीजेपी की वैक्सीन कहा। कोवैक्सीन को लेकर आपने भ्रम फैलाया। राहुल जी समझ लीजिए वैक्सीन का विरोध आपने किया। पिछले साल से ही वैक्सीन तैयार हो गई थी। राहुल गांधी कहते हैं कि 2024 तक सभी को वैक्सीन लगेगी। हम कहते हैं इस साल के अंत तक सभी को टीका लग जाएगा। दिसंबर अंत तक लोगों को वैक्सीन लग जाएगी।”

कांग्रेस पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “राहुल जी अगर आपको वैक्सीन की चिंता है तो पहले अपनी सरकार वाले राज्यों पर ध्यान दीजिए। राजस्थान में आए दिन बलात्कार हो रहे हैं। हाल ही में एक एंबुलेंस का इस्तेमाल रेप करने के लिए किया गया। एक महिला सांसद पर कांग्रेस के गुंडों ने हमला किया। देश को उपदेश देने की बजाए अपने राज्य पर ध्यान दीजिए।”

लक्षद्वीप: जिसमें 36 द्वीप यानी आइलैंड का समूह

अकांशु उपाध्याय  

लक्षद्वीप। भारत का सबसे छोटा संघ राज्यक्षेत्र यानी केंद्र शासित प्रदेश है। भारत के मालदीव के तौर पर विख्यात लक्षद्वीप एक द्वीपसमूह है जिसमें 36 द्वीप यानी आइलैंड हैं। लक्षद्वीप को अपने सुंदर, मनोहारी और सूरज को चूमते हुए समुद्री तटों और हरे भरे प्राकृतिक नजारों के लिए जाना जाता है। लेकिन इन दिनों देश के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक लक्षद्वीप के समंदर में सियासी ज्वार आया हुआ।

लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल द्वारा मसौदा नियमों के रूप में पेश किए गए प्रशासनिक उपायों के खिलाफ लक्षद्वीप द्वीपसमूह में विरोध बढ़ रहा है। इसने यहां के साथ-साथ देश की राजनीति में भी उबाल ला दिया है। यह बवाल है यहां विकास के एजेंडे को लेकर लाए जा रहे सुधार कानूनों को दमनात्मक बताया जा रहा है।हालांकि, प्रशासन इसे विकास से जोड़ते हुए प्राकृतिक संरक्षण का हवाला देते हुए सुधारवादी बताया है। लेकिन पक्ष और विपक्ष यानी भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी आदि दलों के राजनेता भी इन नियमों और आदेशों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। आइए जानते हैं विस्तार से

क्या है लक्षद्वीप का नया मसौदा?

  • पूर्व में गुजरात के गृह राज्य मंत्री रहे एवं वर्तमान में लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ापटेल द्वारा पेश मसौदे में ये प्रमुख नियम हैं …
  • लक्षद्वीप विकास प्राधिकरण विनियमन 2021 (LDAR) का मसौदा पेश किया, जो प्रशासक को विकास के उद्देश्य से किसी भी संपत्ति को जब्त करने और उसके मालिकों को स्थानांतरित करने या हटाने की अनुमति देता है।
  • असामाजिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए प्रिवेंशन ऑफ एंटी-सोशल एक्टीविटीज (PASA) एक्ट भी पेश किया है, जो किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से गिरफ्तारी का खुलासा किए बिना सरकार द्वारा एक साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।
  • इसके अलावा, मसौदा पंचायत चुनाव अधिसूचना भी है जो किसी ऐसे व्यक्ति को पंचायत चुनाव लड़ने से रोकती है जिसके दो से अधिक बच्चे हैं।
  • लक्षद्वीप पशु संरक्षण विनियमन भी है जो स्कूलों में मांसाहारी भोजन परोसने पर प्रतिबंध के साथ-साथ गोमांस की बिक्री, खरीद या खपत पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है।
  • साथ ही प्रशासक की ओर से प्रस्तावित नए मसौदा कानून के तहत लक्षद्वीप में शराब के सेवन पर रोक हटाई गई है।

लक्षद्वीप के मसौदे पर विवाद क्यों है?

  • पक्ष और विपक्ष यानी लक्षद्वीप से एनसीपी सांसद समेत भाजपा और कांग्रेस के आदि दलों के राजनेता भी इन नियमों और आदेशों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। प्रशासक द्वारा क्षेत्र की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान नष्ट करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
  • द्वीपसमूह की 60,000 से अधिक आबादी के साथ अच्छी तरह से नीचे नहीं गया है, जिनमें से 90% मुस्लिम हैं और लगभग 95% अनुसूचित जनजाति के रूप में वर्गीकृत हैं।
  • इसके अतिरिक्त, कोविड -19 महामारी के मद्देनजर द्वीपों में किसी भी आगंतुक के लिए 14 दिनों के अनिवार्य संगरोध को हटाने के परिणामस्वरूप कोरोना के 6,800 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जबकि क्षेत्र पिछले साल काफी हद तक कोविड-मुक्त था।
  • राजनेताओं का यह भी आरोप है कि यह सब, नए दमनकारी कानून एक ऐसे क्षेत्र में लागू किए जा रहे हैं, जहां 2019 तक हत्या और बलात्कार के मामले लगभग शून्य थे। हालांकि, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, महिलाओं पर हमले के पांच मामले थे।

लक्षद्वीप की भौगोलिक स्थिति

  • केरल के तटीय शहर कोच्चि से करीब 220 से 440 किमी दूर, पन्ना अरब सागर में स्थित लक्षद्वीप एक जिला संघ राज्य क्षेत्र है और इसमें 12 एटोल, तीन रीफ, पांच जलमग्न बैंक और 10 बसे हुए द्वीप यानी आइलैंड हैं।
  • यह सभी द्वीप 32 वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र में फैले हुए हैं। लक्षद्वीप की राजधानी कवरत्ती है और यह यहां का प्रमुख शहर भी है। यह भारत की सबसे शांतिपूर्ण जगह मानी जाती है।
  • लक्षद्वीप समूह के सभी द्वीप प्राकृतिक परिदृश्य, रेतीले समुद्र तट, वनस्पतियों और जीवों की बहुतायत और एक आरामदायक जीवन शैली के साथ लक्षद्वीप की शोभा और आकर्षण को बढ़ाती है।
  • हालांकि, लक्षद्वीप में प्रवेश सीमित है। यहां जाने के लिए लक्षद्वीप प्रशासन से यात्रा के लिए परमिट यानी पूर्व अनुमति लेने की आवश्यकता होती है।
  • कोच्चि से संचालित जहाजों और उड़ानों द्वारा लक्षद्वीप तक पहुंचा जा सकता है। सभी पर्यटकों के लिए कोच्चि ही लक्षद्वीप का गेट-वे है।

एक नजर में लक्षद्वीप समूह

  • लक्षद्वीप समूह में 36 द्वीप हैं और यहां का कुल क्षेत्रफल 32.69 वर्ग किलोमीटर है।
  • लक्षद्वीप की आबादी 2011 की जनगणना के अनुसार 64,473 है।
  • लक्षद्वीप की साक्षरता दर 91.82% है।
  • प्रशासनिक आधार पर लक्षद्वीप को एक जिला माना जाता है।
  • लक्षद्वीप में पहले चार तहसील थी, लेकिन अब 10 राजस्व उपखंड यानी रेवेन्यू सब डिवीजन बनाए गए हैं।
  • लक्षद्वीप में निवास योग्य 10 द्वीप ग्राम पंचायत हैं।

दूध में उबालकर पिए तुलसी, अधिक लाभ होगा

तुलसी की पत्तियों का सेवन करने से न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ती है बल्कि कई तरह के गंभीर रोगों से भी छुटकारा मिलता है। कोरोना महामारी के समय लोग तुलसी की पत्तियों से बना काढ़ा पीकर अपने इम्यून सिस्टम को स्ट्रॉन्ग बना रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि तुलसी की पत्तियों को दूध में उबालकर पीने से यह और अधिक लाभकारी हो जाता है और बहुत से रोगों से आपको दूर रखता है। आइए आपको बताते हैं कि तुलसी मिलक पीने से आप किन बीमारियों से बच सकते हैं और इसे बनाने का सही तरीका और पीने का सही समय क्या है।

कैसे करें तुलसी मिल्क का सेवन-तुलसी मिल्क बनाने के लिए आपको सबसे पहले डेढ़ गिलास दूध को उबालना है। दूध के उबलने पर इसमें 8 से 10 तुलसी की पत्तियां डालकर उसे और थोड़ी देर उबालना है। जब दूध लगभग एक गिलास रह जाए तब गैस बंद कर दें। दूध के हल्का गुनगुना होने पर इसका सेवन करें। याद रखें इस दूध का नियमित सेवन करने से ही आपकी इम्यूनिटी स्टॉग बनेगी और आप कई तरह के रोगों से दूर रहेंगे।
तुलसी मिल्क किन रोगों से लड़ने में करता है मदद

माइग्रेन से राहत-दूध में तुलसी के पत्ते उबालकर पीने से सिर दर्द या माइग्रेन जैसी बीमारियों में आराम मिलता है। अगर आप लंबे समय से इस समस्या से परेशान हैं हैं तो आप चाय की जगह रोजाना दूध में तुलसी के पत्ते डालकर पी सकते हैं।

तनाव व स्ट्रेस होता है दूर-तुलसी के पत्तों में न सिर्फ औषधीय गुण मौजूद होते हैं बल्कि इन पत्तियों में हीलिंग गुण भी शामिल होते हैं। यदि आप भी अपने ऑफिस के काम को लेकर टेंशन में हैं या फिर परिवार की कलह की वजह से डिप्रेशन जैसी समस्या से घिरे हुए हैं तो दूध में तुलसी की पत्तियों को उबालकर पिएं। ऐसा करने से डिप्रेशन की समस्या से उबरने में मदद मिलती है।

इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद-कोरोना महामारी के दौर में हर व्यक्ति अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने की तरफ ध्यान दे रहा है। कोई भी रोग आपको तभी घेर सकता है जब आपकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। ऐसे में तुलसी के पत्तों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा तुलसी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल एवं एंटीवायरल गुण सर्दी, खांसी और जुकाम से भी दूर रखते हैं।

दिल का रखता है ख्याल-दूध में तुलसी के पत्तों को उबालकर पीने से दिल भी स्वस्थ रहता है। रोजाना खाली पेट तुलसी मिल्क पीने से ह्रदय रोगियों को काफी फायदा मिलता है।

अस्थमा में लाभ-अगर आप सांस संबंधी समस्याओं से परेशान हैं तो तुलसी मिल्क जरूर पिएं। बदलते मौसम से होनी वाली परेशानियों से यह घरेलू नुस्खा दूर रखता है।

चक्रवात ‘यास’ से हुए नुकसान की समीक्षा की: पीएम

भुवनेश्वर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को भुवनेश्वर पहुंचे और यहां एक बैठक में चक्रवात ‘यास’ से राज्य के विभिन्न इलाकों में हुए नुकसान की समीक्षा की। राज्यपाल गणेशी लाल, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और प्रताप सारंगी ने बीजू पटनायक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। ज्ञात हो कि चक्रवात यास से जुड़ी घटनाओं में अब तक चार लोगों की मौत हो गयी जबकि इसके कारण ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड में 21 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। चक्रवात के कारण ओडिशा में तीन लोगों और पश्चिम बंगाल में एक व्यक्ति की मौत हो गयी।

पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया है कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण कम से कम एक करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। ‘ताउते’ के बाद एक सप्ताह के भीतर देश के तटों से टकराने वाला ‘यास’ दूसरा चक्रवाती तूफान है। प्रधानमंत्री ओडिशा के प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और वहां भी एक समीक्षा बैठक करेंगे। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को उत्तर 24 परगना जिले में चक्रवात प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय के साथ मुख्यमंत्री ने हिंगलगंज, हसनाबाद, संदेशखली, पिनाखा और जिले के अन्य इलाकों में चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लिया। ममता बनर्जी ने कहा कि मैंने देखा है कि अधिकतर क्षेत्र जलमग्न हैं। मकान और खेतों के बड़े भू-भाग जलमग्न हैं। इस संबंध में फील्ड सर्वेक्षण भी किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों और खंड विकास पदाधिकारियों के साथ प्रशासनिक बैठक भी की। पूर्वी मेदिनीपुर, दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना जिलों में कई इलाके चक्रवात ‘यास’ से प्रभावित हैं। चक्रवात ‘यास’ बुधवार सुबह पड़ोसी ओडिशा के तट से टकराया था। इसके चलते इन जिलों में कई जगहों पर भारी बारिश हुई और तेज चक्रवाती तूफान आये। बनर्जी बाद में दक्षिण 24 परगना जिले के चक्रवात प्रभावित इलाकों और पूर्वी मेदिनीपुर में नतटीय शहर दीघा का भी दौरा करेंगी।

सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए बंगाल के 2 मंत्री

मिनाक्षी लोढी                

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने नारद स्टिंग टेप मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों- सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हाकिम, टीएमसी विधायक मदन मित्रा और शहर के पूर्व महापौर सोवन चटर्जी को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। उच्च न्यायालय की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इन सभी को अंतरिम जमानत देते हुये कई शर्तें लगायीं हैं। पीठ ने चारों आरोपी नेताओं को दो-दो लाख रुपये का निजी मुचलका जमा कराने का निर्देश दिया है। ये सभी नजरबंद हैं। पीठ ने उनसे मामले के संबंध में मीडिया में या सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी न करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने आरोपियों को निर्देश दिया है कि जांच अधिकारियों द्वारा बुलाये जाने पर वे डिजिटल माध्यम से उनसे मुलाकात करें। कलकत्ता उच्च न्यायालय के 2017 के आदेश पर नारद स्टिंग टेप मामले की जांच कर रही सीबीआई ने चारों नेताओं को 17 मई की सुबह को गिरफ्तार किया था। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने चारों आरोपियों को 17 मई को अंतरिम जमानत दी थी लेकिन उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंड पीठ ने बाद में फैसले पर रोक लगा दी थी। इसके बाद इन नेताओं को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। पांच न्यायाधीशों की पीठ में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश जिंदल और न्यायमूर्ति आई पी मुखर्जी, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति सोमेन सेन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी शामिल थे।

कोरोना टीकाकरण को लेकर पीएम पर साधा निशाना

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश में कोरोना रोधी टीकाकरण की कथित तौर पर धीमी गति होने को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने जिस तरह से ‘नौटंकी’ की और अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई, उस कारण कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को कोरोना से होने वाली मौतों को लेकर ‘झूठ बोलने’ की बजाय सच्चाई देश को बतानी चाहिए तथा विपक्ष के सुझावों को सुनना चाहिए कि विपक्ष सरकार का दुश्मन नहीं है।

राहुल गांधी ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”कोरोना संकट को लेकर हमने एक के एक बाद सरकार को सलाह दी, लेकिन सरकार ने हमारा मजाक बनाया है। प्रधानमंत्री ने समय से पहले यह घोषित कर दिया कि कोरोना को हरा दिया गया है। सच्चाई यह है कि सरकार और प्रधानमंत्री को कोरोना समझ नहीं आया है और आज तक समझ नहीं आया है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया, ”कोरोना एक बदलती हुई बीमारी है। इस वायरस को जितना समय आप देंगे, जितनी जगह देंगे यह उतना ही खतरनाक बनता जाएगा। मैंने पिछले साल कहा था कि कोरोना को समय और जगह मत दीजिए।”

लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया को शुरू करेंगा दिल्ली

अकांशु उपाध्याय                  

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली ने कुछ हद तक कोविड-19 की दूसरी लहर पर नियंत्रण पा लिया है और दिल्ली अब धीरे-धीरे लॉकडाउन हटाने की प्रक्रिया को शुरू करेेंगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वायरस के खिलाफ जंग अभी समाप्त नहीं हुई है। 

मुख्यमंत्री ने कहा ”दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की शुक्रवार को हुए एक बैठक में यह फैसला लिया गया कि लॉकडाउन धीरे-धीरे हटाया जाएगा। इस प्रक्रिया में हमें निचले वर्ग – दिहाड़ी मजदूर, श्रमिकों, प्रवासी कामगारों का सबसे पहले ध्यान रखना होगा।” केजरीवाल ने कहा कि फैसला किया गया है कि कारखानों को खोला जाएगा और निर्माण गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी।

अलीगढ़: जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौंत

हरिओम उपाध्याय             

अलीगढ़। यूपी में आबकारी विभाग और क्षेत्रिय पुलिस की लापरवाही के चलते जहरीली शराब का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। यही कारण है, हर दर्जनों के मौतों के बाद सिस्टम सोया रहता है। ताजा मामला यूपी के अलीगढ़ का है। जहां जहरीली शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गयी हैं। वहीं इस घटना की जानकारी होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ​डीएम व आबकारी विभाग समेत गृह विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकर लगाते हुए रिपोर्ट तलब की है। 

गौरतलब है कि अलीगढ़ लोधा थाना क्षेत्र के गांव करसुआ में शराब पीने से 14 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही दस से अधिक लोगों की हालत गंभीर है। इन सभी ने गरुवार को शराब खरीदी थी। देर शाम इन सभी ने शराब का सेवन किया। इसके बाद से इनकी हालत बिगडऩे लगी। पुलिस ने शराब ठेका अपने कब्जे में ले लिया है। जांच की जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि शराब के सेवन के बाद जान गंवाने वालों ने गांव ही ठेके से शराब खरीद कर पी थी। मृतकों में दो करसुआ में एचपी गैस बॉटलिंग प्लांट के ड्राइवर हैं।

यूके: कोरोना नियंत्रण कन्ट्रोल रूम सत्यापित कियें

पंकज कपूर                 
हल्द्वानी। जनपद में ग्राम स्तर तक संघन कोरोना टेस्टिंग बढाने के साथ वैक्सीनेशन कराने हेतु जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल बेहद संजीदा है। ग्रामवार रोस्टर बनाकर कोविड जांच की जा रही है तथा कोरोना दवा किट वितरित किये जा रहे है। चिकित्सालयों में जनता को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके इसके लिए भी श्री गर्ब्याल बेहद गम्भीर है। उन्होने कोविड संक्रमण बचाव, सहायता, परामर्श हेतु जनपद स्तर के साथ ही प्रत्येक विकास खण्ड में कोरोना नियंत्रण कन्ट्रोल रूम सत्यापित किये गये है। उन्होनेे जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की जानकारी- परामर्श ब्लाक स्तर पर संचालित कन्ट्रोल रूम से ले सकते है।

परीक्षा संबंधित याचिका पर सुनवाई करेंगा एससी

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि देश भर में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनजर 12वीं की परीक्षा रद्द करने के निर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका पर वह 31 मई को सुनवाई करेगा। यह मामला सुनवाई के लिए न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी की पीठ के समक्ष आया था।

सुनवाई की शुरुआत में, पीठ ने याचिकाकर्ता ममता शर्मा से पूछा कि क्या उन्होंने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील को याचिका की प्रति दी है या नहीं। याचिकाकर्ता ने जब कहा कि वह मामले के पक्षों को प्रति सौंपेंगी तो पीठ ने कहा, “आप यह करें। हम इस पर सोमवार (31 मई) को सुनवाई करेंगे।”

24 घंटे में 2 लाख से कम 1,86,364 नए मामलें मिलें

अकांशु उपाध्याय              

नई दिल्ली। भारत में इस महीने दूसरी बार 24 घंटे में दो लाख से कम 1,86,364 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,75,55,457 हो गई। देश में 44 दिन बाद कोविड-19 के इतने कम नए मामले सामने आए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण से 3,660 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 3,18,895 हो गई।

आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक कुल 33,90,39,861 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 20,70,508 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई। देश में नमूनों के संक्रमित आने की दर भी कम होकर नौ प्रतिशत हो गई थी। पिछले चार दिनों से यह 10 प्रतिशत से कम है। संक्रमण की साप्ताहिक दर भी कम होकर 10.42 प्रतिशत हो गई है।

ब्लैक फंगस की चपेट में आएं 150 से अधिक लोग

पंकज कपूर            
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोनावायरस कोविड-19 के प्रकोप के बाद अब ब्लैक फंगस के भी रोजाना मामले सामने आने लगे हैं। राज्य में अब तक ब्लैक फंगस से संक्रमित 150 से अधिक लोग सामने आए हैं। जबकि अब तक 14 मरीजों की मौत भी हो गई है। उधर अच्छी खबर यह है कि ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए एंफोटरिसन इंजेक्शन की कमी दूर हो गई है।राज्य को 15000 इंजेक्शन मिल चुके हैं।
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक देहरादून जिले में ब्लैक फंगस के साथ और मरीज मिले हैं। जबकि 2 मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ा है। इसके अलावा देहरादून नैनीताल उधम सिंह नगर जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 155 हो गई है। जबकि 14 मरीजों की उपचार के दौरान मौत भी हुई है। कोरोनावायरस कोविड-19 में नियंत्रण होने की दशा में कार्य होने के साथ ही ब्लैक फंगस को भी नियंत्रण करना सरकार के लिए चुनौती है।

माफी की मांग को लेकर मानहानि का नोटिस: रामदेव

अकांशु उपाध्याय                   

नई दिल्ली। पतंजलि योगपीठ ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की कि एलोपैथी चिकित्सा पद्धति पर टिप्पणी के संबंध में योग गुरु रामदेव से माफी की मांग को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की ओर से उसे एक मानहानि नोटिस मिला है। योगपीठ ने कहा कि वह कानूनी तरीके से इसका ‘करारा जवाब’ देगी। पतंजलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण ने इसकी पुष्टि की और कहा, ”हम उन्हें उसी कानूनी रूप से करारा जवाब देंगे, जैसा कि हम अपनी महान मातृभूमि और मानवता की सेवा करते हुए जिस तरह से सब कुछ करते हैं।”

हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ने यह भी कहा कि पतंजलि सारी गतिविधियां वैज्ञानिक और सत्यता को ध्यान में रखकर करता है और वह किसी को भी ऋषियों और शास्त्रों के महान ज्ञान और विज्ञान की उपेक्षा, अनादर और अपमान नहीं करने दे सकता।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-286 (साल-02)
2. शनिवार, मई 29, 2021
3. शक-1984, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- तीज, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:55, सूर्यास्त 07:08।
5. न्‍यूनतम तापमान -13 डी.सै., अधिकतम-34+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

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