सोमवार, 24 मई 2021

कम लक्षण वालों की चिकित्सा उनके घर पर होगी

राणा ओबरॉय  
चंडीगढ़। प्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। इसी दौरान हरियाणा सरकार ने कोविड मरीजों के लिए एक संजीवनी परियोजना शुरू की है। इस परियोजना की शुरूआत मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा की है। बता दें कि परियोजना में कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षणों वाले मरीजों की देखभाल तुरंत उनके घर पर ही की जाएगी। इससे उन्हें इलाज के लिए घर से नहीं निकलना होगा और न ही अस्पताल जाना पड़ेगा। सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। इससे अस्पतालों पर दबाव भी कम होगा।

वहीं संजीवनी परियोजना’ उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल का विस्तार करेगी, जहां वायरस की दूसरी लहर के फैलने और इस बीमारी के इलाज के बारे में जागरूकता कम है। सरकार का मानना है कि समुचित देखभाल से 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का घर पर ही इलाज किया जा सकता है।

परीक्षा करा कर एक माह में परीक्षा परिणाम: यूपी

हरिओम उपाध्याय   

लखनऊ। कोरोना संक्रमण के बीच स्कूल कॉलेज से लेकर परीक्षा भी पूरी तरह प्रभावित हुई है। ऐसे में उन बच्चों का भविष्य भी अधर में लटक गया था जो अपनी बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे और परीक्षा बेहद नजदीक थी। मगर बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच सरकार को लॉकडाउन की घोषणा करनी पड़ी और परीक्षाएं स्थगित करनी पड़ी।

बोर्ड परीक्षाओं को लेकर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहां है कि यूपी की बोर्ड परीक्षा की तैयारियां पूरी है। भारत सरकार द्वारा जिस तिथि से परीक्षा कराए जाने के संबंध में सुझाव प्राप्त होंगे उसी तिथि से परीक्षा करा कर एक माह के अंदर परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जाएगा। वहीं यूपी में हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा के संबंध में मुख्यमंत्री खुद निर्णय लेंगे। जल्द ही मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर उत्तर प्रदेश की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं के संबंध में निर्णय लिया जाएगा।

उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा का कहना है कि यूपी की बोर्ड परीक्षाएं संपादित करने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं आएगी। वही बोर्ड परीक्षा देने वाले 18 वर्ष से ऊपर के विद्यार्थियों के टीकाकरण के लिए भी अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। सीबीएसई बोर्ड की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अध्यक्षता की थी। जिसमें सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने अपने अपने सुझाव भी दिए थे। बैठक में तय हुआ कि जैसे ही कोरोना संक्रमण कम होगा सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा कराई जाएगी।

दिल्ली: बिना राशन कार्ड भी गरीबों को मिलेगा राशन

हरिओम उपाध्याय  

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर को थामने के लिए लगाए गए लाॅकडाउन की वजह से रोजाना कमाकर खाने वाले गरीब लोगों को भूखे पेट ना सोना पड़े। इसलिए सरकार ने राजधानी में ऐसे लोगों को भी राशन देने का फैसला लिया था। जिनके पास अभी तक राशन कार्ड नहीं है। ऐसे लोगों के लिए इस सप्ताह पंजीकरण शुरू कर दिए जाएंगे। इसके लिए दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर लिंक दिया जाएगा। कुछ सरकारी तकनीकी मंजूरी मिलने के बाद पंजीकरण आरंभ कर दिए जाएंगे।

सोमवार को दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि गरीबी की रेखा के तहत राशन पाने के लिए किसी भी तरह के आय प्रमाण पत्र अथवा गरीबी रेखा का प्रमाण पत्र दिखाने की जरूरत नहीं होगी। खाद्यान्न प्राप्त करने के लिए सिर्फ ऑनलाइन पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद लाभार्थी को एक ई-कूपन मिलेगा। जिसे दिखाने मात्र से ही संबंधित को राशन दे दिया जाएगा। सरकार की ओर से कहा गया है कि पंजीकरण कराने के बाद जो भी व्यक्ति यह ई-कूपन प्राप्त करेगा। उसे राशन दे दिया जाएगा। सरकार की मुफ्त खाद्यान्न योजना के तहत संबंधित व्यक्ति को 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल प्रति व्यक्ति के हिसाब से मिलेगा। दिये जाने वाले खाद्यान्न के बदले कोई पैसा नहीं लिया जाएगा। गौरतलब है कि 3 दिन पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गरीबों को मुफ्त खाद्यान्न दिए जाने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि राजधानी दिल्ली में 17.50 राशन कार्ड से लगभग 7200000 लोगों को हर महीने राशन प्राप्त होता है। परंतु दिल्ली में ऐसे बहुत सारे लोग हैं जो बाहर से आकर रोजी रोटी कमा रहे हैं। रोजाना कमाकर खाने वाले लोगों की आमदनी पर गहरा असर पड़ा है। राशन कार्ड धारकों को भी राशन देने के लिए इसी सप्ताह पंजीकरण के लिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

गोवा: दसवीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया

रमेश पाल   

पणजी। कोरोना संक्रमण के बीच अधर में लटकी परीक्षाओं को लेकर गोवा सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। गोवा सरकार ने कोरोना संकट के बीच कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला ले लिया है। जबकि 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर 25 मई के बाद फैसला लिया।

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस संबंध में जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि गोवा सरकार ने covid-19 के प्रकोप को देखते हुए राज्य में 10वीं की बोर्ड परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया है। छात्रों को अगली कक्षा में प्रमोट करने के संबंध में जानकारी गोवा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन एजुकेशन द्वारा ऑफिशल वेबसाइट पर जल्दी दी जाएगी। अगले दो दिनों में 12वीं की बोर्ड परीक्षा को लेकर भी फैसला होने जा रहा है।

इस तरह मिलेंगे नंबर:-अब जब सरकार ने दसवीं के छात्रों को प्रमोट करने का और परीक्षाएं रद्द करने का फैसला ले लिया है, तो सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर दसवीं के छात्रों को किस आधार पर मार्क्स दिए जाएंगे? इसको लेकर गोवा माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय शिक्षा बोर्ड एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में 10वीं परीक्षाओं के मूल्यांकन पर भी चर्चा होगी। जिसमें इंटरनल एसेसमेंट परीक्षाओं के आधार पर दसवीं के मार्क्स देने पर फैसला हुआ है। इसके अलावा जो छात्र एक या दो विषय में फेल होंगे उन्हें इन परीक्षाओं को फिर से देने का अवसर दिया जाएगा। जिसकी सूचना 15 दिन पहले छात्रों को दे दी जाएगी।

प्रशासन से संबंधित काम सांसद-विधायक से कराएं

संदीप मिश्र  

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं की अफसरशाही कतई नहीं सुन रही है। जिससे पुलिस और प्रशासन के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। उपेक्षा के हालात यहां तक पहुंच चुके हैं कि भाजपा कार्यालय पर अब एक नोटिस चस्पा कर दिया गया है। जिस पर साफतौर से लिखा गया है कि वह प्रशासन और पुलिस से संबंधित काम अपने क्षेत्रीय सांसद और विधायक से ही कराएं। 

दरअसल सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के बहराइच स्थित कार्यालय पर लगा नोटिस इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के भाव और निराशा साफ साफ दिखाई दे रही है। भाजपा दफ्तर पर लगाए गए नोटिस के ऊपर लिखा गया है कि सभी कार्यकर्ताओं को सूचित किया जाता है कि वह प्रशासन एवं पुलिस से संबंधित किसी भी काम के लिए अपने क्षेत्रीय सांसद और विधायक से संपर्क करें। क्योंकि संगठन मौजूदा प्रशासन व पुलिस से आपकी किसी भी प्रकार की समस्या का निस्तारण कराने में सक्षम नहीं है। नोटिस वायरल होने के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है। भाजपा कार्यालय पर नोटिस चस्पा का साफ साफ मंतव्य यह है कि उत्तर प्रदेश में इन दिनों पुलिस और प्रशासन स्तर पर अफसरशाही पूरी तरह से हावी है। जिसके चलते किसी भी काम के लिए पुलिस और प्रशासन के पास जाने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के कोई भी काम नहीं हो पा रहे हैं।

हालांकि अफसरशाही की तरफ से उन्हें दिलासा जरूर दी जा रही है। मगर उनकी बात को धुंए में उड़ाया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार से लेकर उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक व दर्जनों सांसद तथा विधायक कोरोना संक्रमण काल और इससे पहले भी कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि निरंकुश हो चुके अधिकारी ना तो उनके फोन उठाते हैं और ना ही उनके कहने पर किसी का कोई काम करते हैं। इससे भाजपा कार्यकर्ता स्वयं को असहाय और उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-282 (साल-02)
2. मंगलवार, मई 25, 2021
3. शक-1984, बैसाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- चतुर्दशी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 05:56, सूर्यास्त 07:08।
5. न्‍यूनतम तापमान -14 डी.सै., अधिकतम-35+ डी.सै.। बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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