शुक्रवार, 21 मई 2021

तैनाती: 26-27 को चक्रवाती तूफान 'यास' की दस्तक

अकांशु उपाध्याय            

नई दिल्ली। देश के पूर्वी तटीय क्षेत्र में 26-27 मई के आसपास चक्रवाती तूफान यास दस्तक दे सकता है और इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा में अपने दलों की तैनाती शुरू कर दी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 

उन्होंने कहा कि पश्चिमी तटीय क्षेत्र में तूफान ताउते से प्रभावित राज्यों में बचाव और पुनर्वास के काम के लिए भेजे गये दलों को वापस बुलाया जा रहा है। एनडीआरएफ के महानिदेशक एस एन प्रधान ने ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में यास तूफान और इसके संभावित प्रभावों के मद्देनजर दलों को हवाई मार्ग से बुलाने का फैसला किया गया है।

सीएम योगी ने कोविड केयर सेंटर का किया निरीक्षण

आदर्श श्रीवास्तव                 

लखीमपुर खीरी। सीएम योगी शुक्रवार को कोरोना से निपटने को लेकर चल रहे अभियान की समीक्षा करने लखीमपुर खीरी पहुंचे। उन्होंने कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया और अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जीवन और जीविका को बचाना हमारा दायित्व है। प्रत्येक व्यक्ति को मिलकर यह युद्ध लड़ना होगा। 

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री बोले कि देश के सबसे बड़े प्रदेश के सामने बड़ी चुनौती थी। आशंका जताई जा रही थी कि 25 अप्रैल से 10 मई के बीच प्रतिदिन एक लाख पॉजिटिव केस आएंगे। 24 अप्रैल को सर्वाधिक 38 हजार 55 पॉजिटिव केस आये थे। जो अब घटकर 7713 केस हैं। पिछले 20 दिनों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में दो लाख 4 हजार लोग कोरोना से मुक्त हुए हैं। अब तक एक करोड़ साठ लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। 18 साल और इससे ऊपर के आठ लाख से अधिक लोगों को भी वैक्सीन दी जा चुकी है।

गांवों के लिए एंबुलेंस देने के आदेश पर लगाईं रोक

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वोच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है। जिसमें एक महीने के भीतर यूपी के सभी गांवों के लिए 2-2 आईसीयू एंबुलेंस देने को कहा गया था। इस आदेश में सभी नर्सिंग होम में ऑक्सीजन बेड की सुविधा के लिए भी कहा था। आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने राज्य की मेडिकल व्यवस्था को ‘रामभरोसे’ कहा था। 

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि 1 महीने में 97,000 गांवों के लिए 2-2 एंबुलेंस देना समेत दूसरे आदेश भले ही अच्छे मकसद से दिए गए हों, पर अव्यवहारिक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश को सलाह की तरह लेकर काम करने की कोशिश करें। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट से कहा कि ऐसा आदेश न दें जिनका पालन असंभव हो।

सीएम स्टालिन ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, मांग की

मनोज सिंह ठाकुर             

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी सात दोषियों को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने इस संबंध में सभी दोषियों की रिहाई को लेकर सितंबर 2018 के राज्य सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने की भी अपील की है।

स्टालिन की ओर से कोविंद को लिखा गया पत्र द्रमुक संसदीय दल के नेता टी आर बालू ने दिल्ली में उन्हें सौंपा। पत्र में सभी सात दोषियों एस. नलिनी, मुरुगन, संथान, ए.जी. पेरारिवलन, जयकुमार, रॉबर्ट प्यास और पी. रविचंद्रन की सजा माफ करने और उनकी तत्काल रिहाई का आदेश देने का अनुरोध किया गया है।

दिल्ली में संक्रमण के 3009 नए मामलें सामने आएं

अकांशु उपाध्याय                    

नई दिल्ली। दिल्ली में 24 घंटे में शुक्रवार को कोविड-19 के 3009 नए मामले आए तथा 252 और लोगों की मौत हो गयी। वहीं संक्रमण दर घटकर 4.76 प्रतिशत हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। नए स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक, मौत के नए मामलों से राष्ट्रीय राजधानी में मृतक संख्या 22,831 हो गयी है। दिल्ली में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के 4,000 से कम मामले आए हैं।

बृहस्पतिवार को संक्रमण दर 5.5 प्रतिशत थी। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि लॉकडाउन के कारण रोजाना के मामलों में कमी आ रही है। दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 3,846 मामले आए थे और 235 लोगों की मौत हुई थी।


आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका खारिज की

नरेश राघानी             

जोधपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम की अंतरिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। याचिका में आसाराम ने हरिद्वार जाकर आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कराने के लिए जमानत देने का अनुरोध किया था। अदालत ने जोधपुर स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की चिकित्सा रिपोर्ट पर गौर करने के बाद दुष्कर्म में मामले में कैद आसाराम को जमानत देने से इनकार कर दिया। आसाराम को कोविड-19 होने के बाद एम्स जोधुपर में भर्ती किया गया है। न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति देवेंद्र कछवाहा की पीठ ने चिकित्सा रिपोर्ट देखने के बाद जिला और जेल प्राधिकार को निर्देश दिया कि वह आसाराम को योग्य चिकित्सा संस्थान में उचित इलाज सुनिश्चित करे। अदालत ने कहा कि आसाराम को जेल में लौटने पर पौष्टिक आहार और सुरक्षित वातावरण मुहैया कराया जाए।

बागपत: समस्या के निस्तारण हेतु कार्य प्रारंभ किया

गोपीचंद              
बागपत। जिला बागपत की ग्राम पंचायत किशनपुर में जल भराव की समस्या लंबे समय से चल रही थी। जिस पर वार्ता करते हुये नरेश पाल प्रजापत ने बताया, कि जल भराव की समस्या रोशन प्रजापत से धीर सिंह कश्यप के मंकान तक नाला सफाई एंव तालाव सफाई नहीं होने के कारण जगह-जगह रास्तों पर गन्दा पानी भराव के कारण आमजन के लिये एक बड़ी समस्या का कारण बना हुआ था और इसी जल भराव के कारण पीडब्ल्यूडी द्वारा बनायी गयी सडक कई जगह से टूट चुकी है। नालों के पानी ओवर फ्लो होने के कारण कई प्रकार के मच्छर पैदा हो गये। जिससे गॉंव में गम्भीर बीमारी फैलने की आशंका हो रही थी।
गॉंव में चारो तरफ गन्दगी के अम्बार लगे होने वह पानी निकासी नहीं होने के कारण गॉंव में चारो तरफ पानी ही पानी नजर आरहा था अत: इस सम्बंध में मुख्यमंत्री पोटल पर भी शिकायत दर्ज कराई गई थी और जिलाधिकारी महोदय को वाट्सप और डाक रजिस्ट्री के माध्यम से भी अवगत कराया गया था। जिसमे ग्राम में सफाई अभियान व पानी की निकासी की व्यवस्ता व सभी नालो की साफ सफाई कराने के लिये आवेदन किया गया था। जिसपर जिला प्रशासन ने संज्ञान लेते हुये समस्या की जांच करा कर समस्या के निस्तारण हेतु आज कार्य प्रारम्भ करा दिया।

महिलाओं ने पेयजल की समस्या पर किया हंगामा


गोपीचंद                
बागपत। आज शुक्रवार को बड़ौत नगर के वार्ड 17 के पट्टी मेहर गली कहरान और गडरीयान मे महिलाओ ने पानी की समस्या को लेकर जमकर हंगामा किया और चेयरमैन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। महिलाओ से बातचीत के माध्यम से पता चला कि पिछले एक साल गली से पानी की गम्भीर समस्या चल रहीं है और प्रत्येक परिवार पानी की काफी कमी के कारण पीने के लिए भी पानी को तरस गए है। इस पर कुछ महिलाओ का ये भी कहना है कि जिस तरह पिछले एक साल से हम पानी की समस्या को झेल रहे हैं, तो आने वाले कुछ दिनों मे बिना पानी के और भी गम्भीर स्थिति बनती हुई नजर आ रहीं है। साथ ही सभी महिलाओं ने बताया कि कई बार नगर पालिका परिषद् बड़ौत के जलकल विभाग में इस मामले को लेकर शिकायत दर्ज करायी जा चुकी है, लेकिन कोई भी अधिकारी इस विषय पर ध्यान नहीं देता और सिर्फ आश्वासन देकर भेज देते है। लेकिन स्थिति का जायजा लेकर उसमे सुधार करने कोई नहीं आता, जो कॉलोनीवासियों के लिए काफी चिंता का विषय बना हुआ है। उनका कहना है जब हम अपने नगर के विकास कार्यो और समस्या का निस्तारण करने हेतु अपना प्रतिनिधि चुनते है तो वोट मांगने के लिए तो सारे प्रत्याशी झूठे वादे करके अपनी सरकार बना लेते है लेकिन बाद मे वह उन्हें नजर भी नहीं आते है, इस बात को लेकर जनता मे काफी आक्रोश है और साथ ही कहा है कि अगर जल्द ही पानी की समस्या का निस्तारण सम्बन्धित विभाग द्वारा नहीं किया जाता है, तो उन्हें मजबूरन जिलाधिकारी महोदय के कार्यालय पर जाकर पानी की समस्या के समाधान हेतु ज्ञापन देना पड़ेगा। इस मौके पर संतरा देवी, उर्मिला, ब्रिहमला, रहींशा, जैतून, कैलाश, राकेश, जयबीर, गुड्डू आदि कॉलोनी वाले प्रदर्शन करते नजर आए।

लॉकडाउन में शादी-विवाह की अनुमति प्रदान की

कौशाम्बी। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के पास प्रदेश के समस्त जिलो से शिकायत प्राप्त हुयी है, कि प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में शादी-विवाह की अनुमति प्रदान की है। परन्तु शादी विवाह करने वाले परिवारो को सामान खरीदने के लिए बाजारो में दुकान खोलने की अनुमति नहीं दिया है। ऐसी हालत में प्रदेश के अंदर सामाज के सभी वर्गो को शादी के लिए कपडा,जेवर,वर वधू के लिए उपयोगी सामाग्री वा भोजन नास्ता आदी बनाने के लिए प्रयुक्त होने वाली सामग्री की खरीद मे बाजारो की सभी दुकाने बंद होने के कारण अत्याधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यदि इस तत्थ की अनदेखी करनी थी तो सरकार शादी विवाह की अनुमति नहीं देती तो अच्छा ही था।
दुकाने बंद होने के कारण दोनो परिवारो को वर वधू को देने के लिए कोई सामान नहीं मिल पा रहा है। इसी कारण बहुत सी शादिया नियति तिथि पर कैसिल करनी पड़ी या टूट गई। लोग शादी के लिए बैण्ड बाजे होटल गेस्ट हाऊस फूल माला लाइट हलवाई सुनार आदि को एण्डवांश में रकम दे चुके है।परन्तु शादी कैसिंल होने पर उनका एण्डवांश पैसा वापस नही मिल पा रहा है। बहुत से लडकी पक्ष के सामने काफी आर्थिक नुकसान का संकट है।जिसमे कई भविष्य मे पुनः व्यवस्था करने मे असक्षम है। ऐसी स्थिति मे आम जनता कि समस्या को देखते हुवे सरकार द्वारा बाजारो को पूर्णतः बंद करना अनुचित है।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के प्रान्तीय वरिष्ठ महामंत्री रमेश अग्रहरि ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ई मेल भेजकर मांग किया है कि कोविड कि दूसरी लहर मे लाकडाउन के समय सरकार ने वैवाहिक कार्यक्रम की अनुमति दी तो उपयोगी आवश्यक सामानो की खरीद ब्रिक्री हेतु बाजारो को खोलने की अनुमति प्रदान करे। आम जनता की समस्याओं वा जनपद के व्यापारियों की समस्याओं को ध्यान मे रखते हुए 7:00 से 11:00 वा सांय 4:00 से 7:00 बजे तक बाजारो को खोलने कि अनुमति जिलाधिकारी के माध्यम से प्रदान करे।
राजू सक्सेना 

पुलिस से इंसाफ के इंतजार में व्यक्ति ने तोड़ा दम

अतुल त्यागी              
हापुड़। पिलखुवा पुलिस से इंसाफ के इंतजार में व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। एक हफ्ते से परिजन पिलखुवा कोतवाली के चक्कर काट रहे हैं। जहां एक तरफ हापुड़ एसपी नीरज कुमार जादौन जरूरतमंद लोगों और फरियादियों की तुरंत मदद के लिए जाने जाते हैं। वहीं एक व्यक्ति ने पिलखुवा में पुलिस से इंसाफ के इंतजार में दम तोड़ दिया। पिलखुवा के गांव खेड़ा में झगड़े में घायल हुआ था मृतक। एक हफ्ते से मृतक के परिजनों को थाने से पुलिस टकरा रही थी। पुलिस कार्यवाही करती तो शायद मासूम की जान बच जातीं।

संक्रमण के आंकड़ो से जिला प्रशासन की नींद उड़ी

अश्वनी उपाध्याय   
गाज़ियाबाद। जिले में आज नए संक्रमितों की संख्या अचानक से बढ़कर 1003 हो गई।  हाल ही में मुख्यमंत्री के मेरठ मण्डल में दौरे के बाद से गाज़ियाबाद और आसपास के क्षेत्र में आश्चर्यजनक रूप से संक्रमण की रफ्तार कम हुई थी मगर आज के आंकड़े जिला प्रशासन की नींद उड़ाने के लिए काफी हैं।  राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार गाज़ियाबाद जनपद में 24 घंटों की अवधि में 452 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया और 3 संक्रमितों की मौत दर्ज की गई।  फिलहाल जिले में सक्रिय संक्रमितों की संख्या 3300 हो गई है।
पड़ोसी जिलों का हाल

गौतम बुद्ध नगर में 394 पॉज़िटिव रिपोर्ट्स मिली जबकि 461 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 6 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 4891 हो गई है।

मेरठ जिले में 427 नए मरीज मिले और 1317 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।  यहाँ 9 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 6569 हो गई है।

हापुड़ जिले में 142 नए संक्रमित मिले और 211 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।  हापुड़ में 2 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय संक्रमितों की संख्या 1550 हो गई है।

आगरा जिले में 84 नए संक्रमित मिले और 166 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। यहाँ 9 मरीजों की मौत के बाद सक्रिय मरीजों की संख्या 1063 हो गई है।

प्रदेश का हाल

उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 7735 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 17,668 मरीज ठीक हुए हैं और 172 मौतें हुई हैं। अब तक 15,34,176 मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां मरने वालों की संख्या 18,760 हो गई है। यूपी में 1,06,276 सक्रिय मामले हैं।

5 ने दी ब्लैक फंगस को मात, 21 का चल रहा इलाज

अश्वनी उपाध्याय   
गाज़ियाबाद। जिले में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) से पहली मौत दर्ज की गई।  हालांकि यहाँ मौत अभी सरकारी किताबों में दर्ज नहीं हुई है। नूरनगर सिहानी के रहने वाले 57 वर्षीय राजाराम को 24 अप्रैल को बुखार आया था। 2 मई को कोविड संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उन्हें संजय नगर स्थित कोविड लेवेल 2 अस्पताल में भर्ती कराया गया है।राजाराम के बेटे पुष्पेंद्र ने आरोप लगाया कि इलाज में लापरवाही के चलते उनके पिता को लगातार सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।  इसके बाद वे अपने पिता को इलाज के लिए वसुंधरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उन्हें इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिए गए। धीरे-धीरे राजा राम की आँखों की पुतलियाँ टेढ़ी होने लगीं।

इंजेक्शन के लिए लगाते रहे दफ्तरों के चक्कर

डॉक्टरों की सलाह पर पुष्पेंद्र अपने पिता को राज नगर के एक ईएनटी अस्पताल में ले गई।  यहाँ उन्हें इलाज के लिए कुछ एक ऐसा इंजेक्शन लाने के लिए कहा गया जो बाज़ार में उपलब्ध नहीं था। पुष्पेंद्र ने आरोप लगाया कि इंजेक्शन के लिए उनका पूरा परिवार प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगाता रहा मगर उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। सही समय पर इंजेक्शन न मिलने के कारण गुरुवार को राज राम की मौत हो गई।

5 मरीजों ने दी ब्लैक फंगस को मात और 21 का चल रहा है इलाज

गाज़ियाबाद के विख्यात ईएनटी स्पेशियलिस्ट डॉ. बी. पी त्यागी ने बताया कि उनके अस्पताल में इलाज करा रहे पांच मरीज ऑपरेशन के बाद घर पहुंच गए हैं। फिलहाल ब्लैक फंगस से पीड़ित 16 मरीजों का इलाज चल रहा है। तीन मरीज नेहरूनगर स्थित एक प्राइवेट अस्पताल व एक मरीज कविनगर के एक अस्पताल में भर्ती है। डॉ. त्यागी का कहना है कि इस बीमारी में अगर समय से इलाज नहीं मिला तो 90 फीसदी मरीजों की मौत हो जाती है।महिलाओं की अपेक्षा में पुरुषों में अधिक परेशानी

डॉ. बीपी त्यागी ने बताया कि अब तक जितने मरीजों में म्यूकर माइकोसिस मिला है, सभी डायबिटिक हैं। संक्रमित मरीजों की उम्र भी 40 से 68 के बीच है। 21 मरीजों में सिर्फ तीन महिलाएं हैं। अब तक संक्रमित 99 फीसदी मरीजों में बाईं आंख और नाक संक्रमण की चपेट में आए हैं, जबकि एक महिला की दाईं आंख संक्रमित हुई है। एक सप्ताह में उपचार मिल जाए तो उसके बचने की उम्मीद 70 प्रतिशत होती है, लेकिन इलाज में विलंब हो जाए और संक्रमण दिमाग तक पहुंच जाए तो मौत हो जाती है।

इलाज पर आता है 20 लाख रुपए का खर्च

डॉ. त्यागी ने बताया कि संक्रमित मरीज को पांच एमजी प्रति किग्रा के अनुसार इंजेक्शन दिया जाता है। अर्थात, 50 किग्रा वाले मरीज को 50 एमजी की तीन खुराक एक दिन में दी जाती है। एक इंजेक्शन का एमआरपी छह हजार रुपये है। मरीज का एक दिन में सिर्फ तीस हजार रुपये का इंजेक्शन लगता है, जबकि अन्य दवाइयां और अस्पताल का खर्च जोड़कर लगभग एक लाख रुपये प्रतिदिन का होता है।

और क्या हैं इलाज के विकल्प

डॉ. बी पी त्यागी ने बताया कि नेफ्रोटॉक्सिन इंजेक्शन 1,750 रुपये का आता है। इस इंजेक्शन का सबसे अधिक साइड इफेक्ट किडनी पर होता है, इसलिए इसके प्रयोग से डाक्टर बचते हैं। एक और इंजेक्शन एनीडुला फंगिन 17 हजार रुपये का आता है। शुगर लेवेल हाई होने के कारण या अन्य कारणों से जिन मरीजों  आपरेशन नहीं किया जा सकता है, ऐसे मरीजों में इस इंजेक्शन के प्रयोग से इंफेक्शन रोका जा सकता है।

इलाज का खर्च कम करने के प्रयास जारी

डॉ. त्यागी ने बताया कि मरीजों का खर्च बचाने के लिए वे कुछ दवाइयों को मिलाकर अलग से प्रयोग कर इलाज कर रहे हैं। इससे मरीजों का एक दिन का इंजेक्शन का खर्च 2,500 रुपये में हो जाता है। उन्होंने बताया कि जो मरीज पैसे खर्च नहीं कर सकते हैं, उनकी मदद के लिए कुछ संस्थाओं की सहायता ली जा रही है।

सरकारी मदद लेनी हो तो लगाने होंगे मेरठ के चक्कर

अगर मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि होती है तो उसे डाक्टर के पर्चे पर पहले गाज़ियाबाद के सीएमओ से संस्तुति कराने के बाद मेरठ जाकर अपर निदेशक स्वास्थ्य या मंडलायुक्त से इंजेक्शन लेने की अनुमति लेनी होगी। इसके बाद लाइपोसोमल इंजेक्शन 6,000 रुपये (ब्लैक में  16,000 रुपये) और इमल्सन 1,500 रुपये (ब्लैक में 3,000) में मिलेगा। एम्फोटेरेसीन-बी इंजेक्शन सिर्फ महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की अनुमति पर सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज को मिलेगी।

सरकारी अस्पताल में नहीं है एक भी मरीज

सीएमओ डॉ. एन के गुप्ता का कहना है कि अभी तक सरकारी स्तर पर ब्लैक फंगस से पीड़ित एक भी मरीज नहीं आया है। अगर कोई मरीज आता है, तो उसे रामा मेडिकल कॉलेज या संतोष अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।  इलाज के लिए जरूरी इंजेक्शन की मांग शासन से की गई है। डॉ. गुप्ता को अभी तक ब्लैक फंगस के कारण किसी मरीज के मौत के बारे में जानकारी नहीं है।

2 अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या की, लोनी

अश्वनी उपाध्याय   
गाजियाबाद। लोनी के चिरोड़ी रोड पर स्थित जनता इंटर कॉलेज के पास एक मोटरसाइकिल सवार की मोटरसाइकिल सवार अज्ञात 2 बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस जांच में जुटी। बता दे कि 5 महीने पूर्व सुरेंदर के भाई की घर में गेट पर ही गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी। लोनी के चिरोड़ी रोड पर जनता इंटर कॉलेज के पास सिरौली से चिरोड़ी जाते वक्त 11 बजे के आसपास मोटरसाइकिल सवार 2 बदमाशों ने गोली मारकर सुरेंदर(52) पुत्र किशनलाल निवासी गांव सिरौली की हत्या कर दी। गत दिसंबर माह में सुरेंदर के छोटे भाई जैनेंद्र उर्फ जैनी की हत्या हो चुकी है। जैनेंद्र की हत्या का मुख्य आरोपी अभी फरार बताया जा रहा है पुरानी रंजिश को लेकर ही हत्या की संभावना जताई जा रही है। क्षेत्राधिकारी लोनी अतुल कुमार सोनकर ने बताया कि पीड़ित परिवार के द्वारा दी तहरीर पर मुकदमा पंजीकृत किया जा रहा है।
22 दिसंबर 2020 की देर शाम बाइक पर सवार तीन युवक जैनी के घर पहुंचे। उन्‍होंने जैनी को आवाज देकर गेट पर बुलाया और कुछ देर तक बातचीत की। इसी बीच युवकों ने अचानक से गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। हमलावरों ने करीब छह राउंड गोलियां चलाईं। गोली लगते ही जैनी लहूलुहान हालत में गेट पर ही गिर गया और हमलावर मौके से फरार हो गए। आनन-फानन जैनी को नरेंद्र मोहन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही जॉनी ने दम तोड़ दिया। लोनी थाना पुलिस ने हत्या में लिप्त आरोपी सागर भारती, उमेश फौजी और अमित कसाना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस द्वारा हुई पूछताछ में पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर हुई हत्या को कबूला था। पूछताछ में बताया था कि जैनी बंसल के भतीजे पवन ने और उसके अन्य साथियों ने मनोज और उमेश निवासी नगला दादरी के घर बैठकर षड्यंत्र बनाया था।

गाजियाबाद: 26 दिन बाद जिले की कमान संभाली

अश्वनी उपाध्याय   

गाजियाबाद। कोरोना वायरस महामारी ने हर ओर कहर बरपाया हुआ है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के तमाम प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच खुद जिले के मुखिया यानी जिलाधिकारी कोरोना के शिकार हो गए थे। अब करीब 26 दिन बाद कोरोना को मात देने के बाद जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने दोबारा जिले की कमान संभाल ली है। 

अजय शंकर पांडेय पिछले महीने 24 अप्रैल को कोरोना वायरस की चपेट में आ गए थे। जिसके बाद उन्हें बुखार हुआ और सांस में लेने की तकलीफ हो रही थी। डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें कौशांबी के यशोदा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। हॉस्पिटल में अजय शंकर पांडे को आईसीयू रूम मुहैया कराया गया था लेकिन तबीयत थोड़ा ठीक होने पर जिलाधिकारी ने अपना आईसीयू बेड छोड़ दिया। जिलाधिकारी ने तत्काल आईसीयू बेड किसी और जरूरतमंद को देने के लिए कहा, स्वयं के लिए सिंगल रूम भी मना कर दिया और सेमी प्राइवेट रूम में एक अन्य कोविड पॉजिटिव मरीज के साथ कमरा साझा किया।
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे को इसी महीने की 6 मई 2021 को यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल से कोविड नेगेटिव होने के साथ ही छुट्टी दे दी गई। ख़ास बात यह रही कि जिलाधिकारी पांडेय इस दौरान भी अपने फोन, वीडियो कॉलिंग एवं इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से बैठकें करते रहे. यूं तो जिलाधिकारी की गैरमौजूदगी में GDA के वीसी और आईएएस कृष्णा करुणेश चार्ज संभाल रहे थे लेकिन अस्पताल से भी अजय शंकर पांडे का काम जारी था।
आपको बता दें कि गाजियाबाद के जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी के साथ ही एडीएम प्रशासन संतोष कुमार वैश्य, जिला पूर्ति अधिकारी डॉ. सीमा, अपर नगर मजिस्ट्रेट खालिद अंजुम भी कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। जिसके बाद ये अधिकारी घर पर उपचार ले रहे थे। जिले के इन अधिकारियों के अलावा जिला महिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. संगीता गोयल, डॉ. कृष्णा, डॉ. संगीता, डॉ. मुकेश, आरपी सिंह, डॉ. आरसी गुप्ता, डॉ. मदन लाल भी संक्रमित पाई गई थीं।

सीएचसी में बरसात का पानी भरने से सेवाएं ठप

रईस खान   
गाजियाबाद। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोनी में बनाए गए 50 बेड के कोविड अस्पताल में बरसात का पानी भरने से सेवाएं ठप हो गईं। पानी भरने से पहले ही मरीज अपने घर जा चुके हैं। अस्पताल में कोरोना जांच भी नहीं हो रही हैं। 
प्रशासन के आदेश के बाद लोनी सीएचसी में कोविड अस्पताल बनाया गया था। यहां पिछले पांच दिनों में मात्र चार कोरोना मरीज ही उपचार के लिए भर्ती हुए थे 3 दिन पूर्व एक रोगी की तबीयत बिगड़ने पर उसे संतोष अस्पताल रेफर किया गया। वहीं चिकित्सकों ने अन्य रोगियों को स्वास्थ्य लाभ होने पर छुट्टी देकर होम क्वॉरेंटाइन को भेज दिया था। 2 दिन पूर्व  अचानक हुई बरसात होने पर सीएचसी में भी पानी भर गया।
सीएचसी प्रभारी राजेश तेवतिया ने बताया कि अस्पताल में पानी भरने पर सीएमओ और लोनी एसडीएम को अवगत कराया है। अस्पताल में कोरोना जांच भी नहीं हो रही है। कोरोना के मरीज कुछ दिनों के लिए गाजियाबाद के अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं। 
वहीं, अधिकारियों ने सीएचसी में पंप सेट लगवाकर पानी निकालने का काम शुरू कर दिया है। पानी भरने से सीएचसी में कोविड की जांच कराने आए लोग मायूस होकर वापस लौटे। उपजिलाधिकारी शुभांगी शुक्ला ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जलभराव की जानकारी मिलने पर नगर पालिका कर्मियों को पंपसेट लगाकर पानी निकालने के निर्देश दिए गए हैं उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र से गंदे पानी की निकासी के बाद दोबारा कोड अस्पताल का संचालन शुरू किया जाएगा।

अवैध वसूली करते दो एंबुलेंस चालक अरेस्ट किए

अश्वनी उपाध्याय   
गाजियाबाद। जिला प्रशासन द्वारा एंबुलेंस का किराया तय कर दिए जाने के बाद भी अवैध वसूली कर रहे दो एंबुलेंस चालक बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी द्वारा बिछाए गए जाल में फंस गए। दोनों को गिरफ्तार कर दो एंबुलेंस सीज कर दी गई है। गाजियाबाद के कंट्रोल रूम में फोन कर लोग शिकायत कर रहे थे कि एंबुलेंस चालक मनमानी वसूली कर रहे हैं। तय किराया से दोगुना तक चार्ज कर रहे हैं। जो लोग तय किराया से ज्यादा शुल्क देने से मना कर देते हैं, उनके मरीज को अस्पताल या अस्पताल से घर ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक मना कर देते हैं। 
इस पर जिलाधिकारी ने अपर नगर मजिस्ट्रेट खालिद अंजुम को मनमानी वसूली करने वाले एंबुलेंस चालकों के पास आम आदमी बनकर फोन करने और शिकायत सही पाए जाने पर उनको पुलिस की मदद से गिरफ्तार करने के लिए निर्देश दिए। जनपद गाजियाबाद के जिलाधिकारी के द्वारा बिछाए हुए जाल में इंटेलीजेंस इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार, सिहानी गेट एसएचओ कृष्ण गोपाल शर्मा, यात्रीकर अधिकारी संदीप जायसवाल भी शामिल हुए। अपर नगर मजिस्ट्रेट खालिद अंजुम ने फोन कर यादव एंबुलेंस सर्विस से एंबुलेंस मंगवाई और इंटेलीजेंस इंस्पेक्टर आशुतोष कुमार ने सांई एंबुलेंस सर्विस से एंबुलेंस मंगवाई। दोनों से एंबुलेंस बुक करते हुए मनमानी रेट तय किए गए। दोनों एंबुलेंस लेकर चालक जब लोहिया नगर पहुंचे तो उनको गिरफ्तार कर गया। दोनो आरोपित मूलत: इटावा और वर्तमान में लोहिया नगर निवासी हरिओम यादव और सर्वेश कुमार हैं। आरोपितों के खिलाफ सिहानी गेट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। 
पंजीकरण के बिना दौड़ रही थी एंबुलेंस।

दोनों एंबुलेंस चालकों की गिरफ्तारी के बाद पता चला कि यादव एंबुलेंस सर्विस का मालिक अशोक कुमार यादव और सांई एंबुलेंस सर्विस का मालिक हरिओम यादव भाई-भाई हैं। दोनों के पास 11 एंबुलेंस हैं, जिनका वे संचालन कर रहे हैं। लेकिन पकड़ी गई दोनों एंबुलेंस का पंजीकरण एंबुलेंस के रूप में नहीं करवाया गया हैं। आरोपितों के कार्यालय पर भी पुलिस ने दबिश दी लेकिन वहां पर अन्य एंबुलेंस और अशोक यादव नहीं मिला। अन्य नौ एंबुलेंस और अशोक यादव की तलाश की जा रही है। 


पुण्यतिथि पर राजीव चौक का लोकार्पण किया

इकबाल अंसारी              
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में राजधानी रायपुर के राजीव गांधी चौक के सौंदर्यीकरण कार्य का वर्चुअल लोकार्पण किया। रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा नगर निगम के साथ मिलकर पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की आदमकद प्रतिमा को नया कलेवर देते हुए इस स्थल को आकर्षक स्वरूप प्रदान किया है। कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड व नगर पालिक निगम रायपुर ने मिलकर एक माह के भीतर उक्त स्थल को आकर्षक एवं भव्य स्वरूप प्रदान किया है। कार्य का अनुमानित व्यय लगभग 50 लाख रूपये है।

रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा शहर सौंदर्यीकरण योजना के तहत स्वर्गीय राजीव गांधी की प्रतिमा का रंग रोगन विशेष डीको पेंट से किया गया है। उनके व्यक्तित्व की आभा के अनुरूप थीमेटिक आर.जी.बी. आधारित प्रकाश व्यवस्था कर इस स्थल को तिरंगे के सदृश्य आलोकित किया गया है। प्रतिमा स्थल पर लैंड स्केपिंग, ग्रेनाईट कार्य, फोकस लाईटिंग व ल्यूमिनस लाईटिंग से आकर्षक स्वरूप दिया गया है। चैक के आस-पास के क्षेत्र में स्वर्गीय राजीव गांधी की सोच व स्वप्नों के अनुरूप थीम आधारित वाॅल पेंटिंग कर महिला स्वावलंबन, शिक्षा, सूचना क्रांति जैसे संकल्पों में उनके योगदान को अविस्मरणीय बनाया गया है।

चिपको आंदोलन की प्रेरणा बने, बहुगुणा का निधन

अकांशु उपाध्याय                 

नई दिल्ली। जाने माने पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन से पहचान बनाने वाले सुंदरलाल बहुगुणा का शुक्रवार 21 मई को निधन हो गया है। उनकी कोरोना रिपोर्ट पिछले दिनों पॉजिटिव आई थी। हालांकि, गुरुवार शाम तक बहुगुणा की हालत स्थिर थी। उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 86% पर था। डायबिटीज के साथ वह कोविड निमोनिया से पीड़ित थे। 94 वर्षीय बहुगुणा को कोरोना होने पर गत आठ मई को एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरीश थपलियाल ने बताया, उनका उपचार कर रही चिकित्सकों की टीम ने इलेक्ट्रोलाइट्स व लीवर फंक्शन टेस्ट समेत ब्लड शुगर की जांच और निगरानी की सलाह दी है। उनके पुत्र राजीव नयन बहुगुणा, बहनोई डा.बीसी पाठक ने एम्स में भर्ती करवाया था।बता दें कि देहरादून स्थित शास्त्रीनगर स्थित अपने दामाद डॉ. बीसी पाठक के घर पर रह रहे सुंदरलाल बहुगुणा ने कुछ दिन पहले बुखार आया था। तो घर पर ही डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज शुरु हो गया था। लेकिन बुखार नहीं उतरने पर तीसरे दिन उन्हें एम्स ले जाने की सलाह दी गई। राजीव ने बताया कि अस्पताल में उनका आरटीपीसीआर टेस्ट व अन्य जांचे की गई थी।इधर उनके पुत्र राजीव नयन ने सोशल मीडिया पर पिता को एडमिट करने की पोस्ट डाली तो देखते ही देखते उनकी यह सूचना वायरल होने लगी थी। सोशल मीडिया पर सैकड़ों की संख्या में उनके प्रशंसकों ने पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा की सलामती की कामना भी की थी।

हिमालय के रक्षक सुंदरलाल बहुगुणा की सबसे बड़ी उपलब्धि चिपको आंदोलन थी। वह गांधी के पक्के अनुयायी थे और जीवन का एकमात्र लक्ष्य पर्यावरण की सुरक्षा था। उनका जन्म 9 जनवरी, 1927 को उत्तराखंड के टिहरी में हुआ था। सुंदरलाल ने 13 वर्ष की उम्र में राजनीतिक करियर शुरू किया था। 1956 में शादी होने के बाद राजनीतिक जीवन से उन्होंने संन्यास ले लिया।

उसके बाद उन्होंने गांव में रहने का फैसला किया और पहाड़ियों में एक आश्रम खोला। बाद में उन्होंने टिहरी के आसपास के इलाके में शराब के खिलाफ मोर्चा खोला। 1960 के दशक में उन्होंने अपना ध्यान वन और पेड़ की सुरक्षा पर केंद्रित किया। पर्यावरण सुरक्षा के लिए 1970 में शुरू हुआ आंदोलन पूरे भारत में फैलने लगा। चिपको आंदोलन उसी का एक हिस्सा था। गढ़वाल हिमालय में पेड़ों के काटने को लेकर शांतिपूर्ण आंदोलन बढ़ रहे थे। सुंदरलाल बहुगुणा ने गौरा देवी और कई अन्य लोगों के साथ मिलकर जंगल बचाने के लिए चिपको आंदोलन की शुरूआत की थी। 26 मार्च, 1974 को चमोली जिले की ग्रामीण महिलाएं उस समय पेड़ से चिपककर खड़ी हो गईं जब ठेकेदार के आदमी पेड़ काटने के लिए आए। यह विरोध प्रदर्शन तुरंत पूरे देश में फैल गया।

1980 की शुरुआत में बहुगुणा ने हिमालय की 5,000 किलोमीटर की यात्रा की। उन्होंने यात्रा के दौरान गांवों का दौरा किया और लोगों के बीच पर्यावरण सुरक्षा का संदेश फैलाया। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से भेंट की और इंदिरा गांधी से 15 सालों तक के लिए पेड़ों के काटने पर रोक लगाने का आग्रह किया। इसके बाद पेड़ों के काटने पर 15 साल के लिए रोक लगा दी गई। सुंदरलाल बहुगुणा ने टिहरी बांध निर्माण का भी बढ़-चढ़ कर विरोध किया और 84 दिन लंबा अनशन भी रखा था। एक बार उन्होंने विरोध स्वरूप अपना सिर भी मुंडवा लिया था। टिहरी बांध के निर्माण के आखिरी चरण तक उनका विरोध जारी रहा। उनका अपना घर भी टिहरी बांध के जलाशय में डूब गया। टिहरी राजशाही का भी उन्होंने कड़ा विरोध किया जिसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा। वह हिमालय में होटलों के बनने और लग्जरी टूरिज्म के भी मुखर विरोधी थे। महात्मा गांधी के अनुयायी रहे बहुगुणा ने हिमालय और पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए कई बार पदयात्राएं कीं।

ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या-5,500 तक पहुंचीं

अकांशु उपाध्याय       

नई दिल्ली। देश में कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। हालांकि, कुछ मरीज जो कोरोना पर काबू पा चुके हैं। उनमें म्यूकोर्मिकोसिस पाया गया है। ब्लैक फंगस के मामलों की संख्या 5,500 तक पहुंच गई है। यह बीमारी अब तक 300 से ज्यादा लोगों की जान ले चुकी है। 

इससे यह भी पता चलता है कि ब्लैक फंगस अब सीधे दिमाग पर हमला कर रहा है। गुजरात के सूरत में यह अपनी तरह का पहला मामला है। इससे स्वास्थ्य व्यवस्था में चिंता बढ़ गई है। सूरत में एक 23 वर्षीय व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हुआ था। युवक ने समय पर इलाज कराकर कोरोना पर काबू पा लिया।

लेकिन फिर उन्हें ब्लैक फंगस म्यूकोर्मिकोसिस हो गया। अब तक ब्लैक फंगस फेफड़ों और आंखों को खतरे में डाल रहा था। लेकिन अब ब्लैक फंगस सीधे दिमाग तक पहुंच गया है। इलाज करने वाले डॉक्टर ने कहा कि यह पहली बार था जब उन्होंने इस प्रकार फंगस को देखा। डॉक्टरों ने मरीजों से ज्यादा सतर्क रहने की अपील की है। क्योंकि ब्लैक फंगस सीधे दिमाग में पहुंच गया है। मरीजों का एमआरआई स्कैन होना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दिमाग में ब्लैक फंगस के पहुंचने की जानकारी व्यक्ति को चक्कर आने या बेहोश होने के बाद ही समझ आती है। डॉक्टरों ने कहा कि ब्लैक फंगस सूरत के एक युवक के दिमाग में खून के जरिए पहुंचा होगा। विशेष रूप से इंडियन मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के दिशानिर्देशों में भी चक्कर आना या सिर में सूजन का उल्लेख नहीं है।

वैज्ञानिकों ने उगाया दुनिया का सबसे महंगा मशरूम

श्रीराम मौर्य          

गांधीनगर। गुजरात के वैज्ञानिकों ने दुनिया का सबसे महंगा मशरूम उगा लिया है। कोर्डीकेप्स मिलिटर्स के इस मशरूम में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटिक, सूजन रोधी, कैंसर रोधी, मलेरिया रोधी, थकान रोधी, एचआईवी रोधी और एंटी वायरल गुण हैं। सेहत के लिए बेहद गुणकारी यह मशरूम शरीर में ट्यूमर के आकार को कम करने में मदद भी करता है। इस मशरूम की 1 किलो मात्रा की कीमत करीब 1.50 लाख रुपए है। कच्छ के गुजरात इंस्टीट्यूट ऑफ डिजर्ट इकोलोजी के वैज्ञानिकों ने कोर्डीकेप्स मिलिटर्स को 90 दिनों के अंदर लैब के नियंत्रित वातारण में उगाया। उन्‍होंने 35 जार में इस मशरूम को उगाया है। पता चला है कि मशरूम की इस प्रजाति का इस्‍तेमाल चीन और तिब्बत की प्राकृतिक दवाइयों में लंबे समय से होता रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक संस्थान के डायरेक्टर वी.विजय कुमार ने बताया, ‘मशरूम की कोर्डीकेप्स मिलिटर्स प्रजाति को हिमालयीन सोना कहा जाता है। इसका सेवन करने से सेहत को कई लाभ होते हैं। साथ ही यह कई बीमारियों को रोकने में बहुत मददगार है।’ यह मशरूम शरीर में ट्यूमर को होने से रोकता है और यदि ट्यूमर हो जाए तो उसके आकार को कम करने में मदद करता है। शुरुआती अध्ययन में पता चला है कि इस मशरूम का अर्क महत्वपूर्ण नतीजे दे सकता है। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक कार्तिकेयन ने बताते हैं, ‘लोगों पर मेडिकल ट्रायल करने के लिए नियामक मंजूरी मांगी गई है। हम इस मशरूम का अतिरिक्त प्रभाव प्रोस्टेट कैंसर पर भी खोज रहे हैं। हालांकि, कोविड-19 महामारी के चलते इसमें देरी हो गई है।’ वैज्ञानिकों की योजना है कि वे भारतीय परिस्थिति में इस प्रजाति के कैंसर रोधी और एंटी वायरल गुणों की जांच करें। ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में इसे उपयोगी पाने के बाद संस्थान ने अब कारोबारियों को इसका प्रशिक्षण देने का फैसला किया है। ताकि इस मशरूम की खेती की जा सके। वैसे तो लैब में इस मशरूम की खेती के एक हफ्ते के प्रशिक्षण का शुल्‍क एक लाख रुपये है। लेकिन संस्थान सामान्य शुल्क पर प्रशिक्षण देगा। बता दें कि इस रिसर्च टीम में निरमा यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जिगना शाह और गाइड वैज्ञानिक जी जयंती भी शामिल थे।

भारत को 8 करोड़ वैक्सीन देगा, पहले भी मदद की

अकांशु उपाध्याय  

नई दिल्ली। भारत में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अमेरिका की तरफ से भारत को कोरोना टीके की आठ करोड़ डोज देने की खबर है। हालांकि विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सरकार अमेरिका से संपर्क में है, लेकिन अभी तक भारत को मिलने वाली डोज़ की जानकारी नहीं है। भारत को आठ में से छह करोड़ वैक्सीन देने की मांग उठ चुकी है।

अन्य देशों से टीके की खरीद के बारे में विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से अमेरिका समेत अन्य देशों से टीके की खरीद के बारे में सवाल पूछा गया था। उन्होंने कहा, ''हमने उन खबरों को देखा है जिसमें अमेरिकी सरकार ने दूसरे देशों को कुछ मात्रा में टीके उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है लेकिन इस बारे में हमारे पास अभी और जानकारी नहीं है।''
हालांकि उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी उद्यमों के साथ टीकों की खरीद और बाद में देश में उसके उत्पादन की संभावना के बारे में बातचीत कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक बार टीके खरीद या उत्पादन के माध्यम से उपलब्ध हो जाते हैं। तब इससे देश में टीके की उपलब्धता की स्थिति मतबूत होगी। उन्होंने कहा, ''विदेशों से जो भी टीके खरीदे जायेंगे, वे हमारे नियामक दिशानिर्देशों के तहत होने की जरूरत है। जहां तक हमारी जानकारी है कि अमेरिका ने भी संकेत दिया है कि उसकी ओर से दूसरे देशों को भेजे जाने वाले टीके उत्पाद गुणवत्ता संबंधी संघीय खाद्य और दवा प्रशासन की मंजूरी के अनुरूप होगी।''
भारत को 40 देशों से सहयोग की पेशकश की गई- सरकार
विदेश सचिव ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न अभूतपूर्व स्थिति को देखते हुए अमेरिका, रूस, यूरोप, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएई, खाड़ी देशों, पड़ोसी देशों सहित 40 देशों से सहयोग की पेशकश की गई है। उन्होंने कहा था कि भारत महामारी को लेकर इस बात पर जोर देता रहा है कि इससे निपटने और इसे रोकने के लिए सामूहिक पहल की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा था कि जब महामारी शुरू हुई थी। तब भारत ने दुनिया के देशों को हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वीन और पैरासिटामोल सहित अन्य आवश्यक दवाओं की आपूर्ति की थी और यहां तक कि रेमडेसिविर दवा भी दी थी और अब दुनिया के देश भारत को सहयोग देने के लिए आगे आ रहे हैं।

चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया

चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया  इकबाल अंसारी  चेन्नई। देश में इन दिनों आईपीएल की धूम मची हुई है। गत चैम्पियन चेन्नई सुपर...