बुधवार, 19 मई 2021

पी350 पर मौजूद 273 लोगों में से 184 को बचाया

कविता गर्ग                 
मुंबई। बजरे पी305 पर मौजूद लोगों में से 89 लोग अब भी लापता हैं। उल्लेखनीय है कि यह बजरा चक्रवात ‘ताऊ ते’ के कारण मुंबई के तट से कुछ दूरी पर सागर में फंस गया था और डूब गया था। नौसेना की ओर से बुधवार को बताया गया कि बेहद खराब मौसम से जूझते हुए उसके जवानों ने बजरा पी305 पर मौजूद 273 लोगों में से अब तक 184 को बचा लिया है। 14 शव भी बरामद हुए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि तलाश एवं बचाव अभियान अभी जारी है और लोगों को सुरक्षित तट तक लाने की उम्मीद हमने अब तक नहीं छोड़ी है।
नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि दो अन्य बजरों तथा एक ऑयल रिग पर मौजूद सभी लोग सुरक्षित हैं। उल्लेखनीय है कि ये बजरे चक्रवात ‘ताऊ’ ते के गुजरात तट से टकराने से कुछ घंटे पहले मुंबई के पास अरब सागर में फंस गए थे। इस बीच नौसेना का युद्धपोत आईएनएस कोच्चि पी305 से बचाए गए 184 लोगों में से 125 को लेकर बुधवार सुबह मुंबई पहुंचा। नौसेना के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘बुधवार सुबह तक, पी305 पर मौजूद 184 कर्मियों को बचा लिया गया है।
आईएनएस तेग, आईएनएस बेतवा, आईएनएस ब्यास, पी81 विमान और हेलीकॉप्टरों की मदद से तलाश एवं बचाव अभियान जारी है।’’ नौसेना और तटरक्षक बल ने बजरे ‘जीएएल कन्स्ट्रक्टर’ में मौजूद 137 लोगों को मंगलवार तक बचा लिया था। अधिकारियों ने बताया कि बजरे एसएस-3 पर मौजूद 196 लोग और ऑयल रिग सागर भूषण पर मौजूद 101 लोग सुरक्षित हैं। ओएनजीसी तथा एससीआई के पोतों के जरिए इन्हें तट तक सुरक्षित लाया जा रहा है।
बचाव एवं राहत कार्यों में मदद के लिए क्षेत्र में आईएनएस तलवार भी तैनात है। नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि 707 कर्मियों के साथ तीन बजरे और एक ऑयल रिग सोमवार को समुद्र में फंस गए थे। इनमें 273 लोगों के साथ ‘पी305’ बजरा, 137 कर्मियों के साथ ‘जीएएल कंस्ट्रक्टर’ और एसएस-3 बजरा शामिल है, जिसमें 196 कर्मी मौजूद थे। साथ ही ‘सागर भूषण’ ऑयल रिग भी समुद्र में फंस गया था, जिसमें 101 कर्मी मौजूद थे। नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल मुरलीधर सदाशिव पवार ने कहा कि यह बीते चार दशक में सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण तलाश एवं बचाव अभियान है।
पी305 से बचाए गए लोगों में से 125 को लेकर मुंबई लौटा आईएनएस कोच्चि...
आईएनएस कोच्चि के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन सचिन सेक्विरा ने बताया, ‘‘हमारा पोत पी305 से अब तक बचाए गए 184 लोगों में से 125 को लेकर लौटा है। ’’उन्होंने बताया ‘‘ समुद्र उफान पर है और हवा 90-100 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से चल रही है। समुद्र में नौ से दस मीटर ऊंची लहरें उठी रही हैं। ऐसे में तलाश एवं बचाव अभियान के लिहाज से परिस्थितियां कठिन हैं। बजरे पर मौजूद लोगों को बचाने के लिए आईएनएस कोच्चि मुंबई से सोमवार को रवाना हुआ था।

महराजगंज: फलमंडी में यज्ञ पूजन का आयोजन किया

संदीप मिश्र                     
महराजगंज। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल इकाई सिसवा बाजार के तत्वावधान में वैश्विक महामारी कोरोना के भयावहता को देखते हुए सनातन परम्परा के अनुरूप वातावरण शुद्धि हेतु मंगलवार को दिन में 10 बजे से कस्बे में स्थित फलमंडी में यज्ञ पूजन का आयोजन किया गया। इस यज्ञ के आयोजन में उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष विजय जायसवाल, उपाध्यक्ष संतोष जायसवाल, नगर अध्यक्ष शिवकुमार रौनियार, घुघली के नगर अध्यक्ष परमेश्वर गुप्त, नगर संरक्षक मनीष शर्मा, नगर उपाध्यक्ष संदीप सोनी, महामंत्री सुनील अग्रवाल, विजय अग्रवाल,अंशुमान विश्वास, माधुरी रौनियार सहित अनेक व्यापारी व नगरवासी उपस्थित रहे ।पुरोहित के रूप मे यज्ञ का समापन मुरलीधर शुक्ल ने कराया। यज्ञ के माध्यम से ईश्वर से प्रार्थना की गई कि सम्पूर्ण विश्व को इस महामारी से मुक्ति दिलाए। वहीं मुख्य जजमान के रूप में  शैलेश सुल्तानिया, पिंकी सुल्तानिया, मनोज ससुल्तानिया, मनोज सुल्तानिया, रेखा सुल्तानिया आदि रहे।

किसानों के गेंहू की खरीद पिछले 1 सप्ताह से रुकी

हरिओम उपाध्याय           
हरदोई। नवीन गल्ला मंडी परिसर में सरकारी एजेंसियों सहित अन्य कई सेंटर चल रहे हैं। हजारों कुंतल गेंहू मंडी में डम्प पड़ा हुआ है और किसानों के गेंहू की खरीद पिछले एक सप्ताह से नही हो रही है। मंडी में सौ रुपये प्रति कुंतल कमीशन पर तौल हो रही है। बतातें चलें कि क्षेत्र के सैकड़ों किसानों का गेहूं पिछले गुरुवार से नहीं तौला जा रहा है। जबकि सत्ता केंद्रित लोंगों और व्यापारियों का गेहूं चोरी छुपे कमीशन लेकर तौल लिया जा रहा है। दलालों और व्यापारियों की जकड़ में फंस चुकी गेंहू की सरकारी खरीद आम किसानों के लिये अभिशाप बन गयी है। स्थिति यह है कि मंडी में आखिर इतना गेंहू किसान का तो नही है। किसानों का कहना है कि व्यापारी और दलाल हावी हैं। जिसके चलते किसान अपने हक और अधिकारों से वंचित हो गया है। इसलिए किसान अपना गेंहू किसान मंडी में बेचने को विवश है।अधिकृत तौर पर गुरुवार से यहां कोई तोल नहीं हुई है और अगले गुरुवार को तौल करने की बात जिम्मेदारों द्वारा बताई जा रही है। यहाँ ट्रांसपोर्ट व्यवस्था भी सुचारू रूप से नही चल रही है। जिसके चलते किसानों के गेंहू खरीद में बाधा पैदा हुई है। बताया गया है कि व्यापारियों से खरीदा गया हजारों कुंतल गेंहू खुले आसमान में पड़ा हुआ है। उसी का बहाना बनाकर तौल नही की जा रही।मंडी परिसर में खरीद एजेंसियों के अधिकृत प्राइवेट लोग किसानों से एक हफ्ते बाद गेंहू लाने की बात कह कर उनका शोषण करते हैं। मंडी में बैठे लोंगो का कहना था जब तक गेंहू नही उठ जाता तब तौल नही होगी।केंद्र प्रभारियों का कहना है कि उनसे पूछकर गेंहू लाना तभी तौल हो सकती है। वरना एक सप्ताह तक फंसे रहोगे।

राष्ट्रीय लोक दल ने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया

सीतापुर। राष्ट्रीय लोक दल पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय लोक दल पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह की मृत्यु 6 अप्रैल 2021 को हो गई थी। उनकी आत्मा की शांति के लिए राष्ट्रीय लोक दल ने संपूर्ण प्रदेश में हवन व श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। उसी क्रम में जिला अध्यक्ष प्रबीन कुमार सिंह ने अपने आवास पर कार्यक्रम किया गया और विकास खंड गोदलामाऊ की ग्राम पंचायत नटवर ग्रन्ट में कार्यकर्ता और ब्लाक अध्यक्ष सर्बेश कुमार यादव और कार्यकर्ता परमेश यादव नन्हेलाल हरिपाल मदन यादव दिलीप कुमार धनीराम आदि कार्यकर्ताओ ने पुष्पांजलि कर  उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गई। कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन करते हुए यह कार्यक्रम किया गया। साथ ही जिला अध्यक्ष प्रबीन कुमार सिंह  अपने आवास पर कार्यक्रम का आयोजन किया और श्रद्धाजलि दी। अपने नेता चौधरी अजित सिंह को किसानों का सच्चा हमदर्द बताया कहा कि जीवन भर वह किसानों गरीबों के लिए कार्य करते रहे सहकारिता क्षेत्र को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराया और चौधरी चौधरी अजीत सिंह ने मंत्रिमंडल में रहते हुए भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों का भरपूर विरोध किया और उनके बात ना मानी गई तो उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था पार्टी कार्यकर्ता दिलीप तिवारी, राजकुमार मिश्रा, राम-लखन आदि ने अपने अपने आवास पर कार्यक्रम का आयोजन कर स्व. चौधरी अजित सिंह की आत्मा की शांति के लिए हवन किया तथा श्रद्धांजलि अर्पित की।

खूली कलाई: मामूली बारिश के बाद सड़क बनीं तलैया

राजकुमार गुप्ता            
वाराणसी। पीएम मोदी के गांव जयापुर जाने वाले रोड का हालत देखकर आप भी चौक जाएंगे। थोड़ी सी बरसात हुई नहीं, कि मुसीबतों का पहाड़ खड़ा हो जाता है। राजातालाब-जयापुर वाया रानी बाजार पंचक्रोशी मार्ग की जलनिकासी व्यवस्था की स्थिति कितनी दयनीय है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मामूली बारिश के बाद भी सड़क मंगलवार को तलैया में तब्दील हो गई है। कहने को यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सांसद आदर्श गांव जयापुर जाने वाला मार्ग है। बताने को कहा जाता है कि पीएम द्वारा इस गांव को गोद लेने के बाद यहां विकास की गंगा बहाई गई है। लेकिन हाल यह है कि इस गांव तक पहुंचना ही दूभर है। हल्की बारिश हुई नहीं कि सड़क पर लबालब पानी जमा हो जाता है। वह भी मलजल से युक्त गंदा पानी। पीडब्ल्यूडी द्वारा विगत दो साल पूर्व मानक के विपरीत यहां एक नाला बनाया है लेकिन वह भी खराब और अधूरा है। अब एक दिन पहले सोमवार रात से भोर में हुई बारिश के बाद इस सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण इसे दुरुस्त कराने के लिए कई बार जिला प्रशासन, क्षेत्रीय प्रशासन को लिख चुके हैं। लेकिन उनका आरोप है कि कोई सुनवाई नहीं हुई। जहां कुछ ही समय पहले कार्य कराया गया था। सड़कों की बारिश से दशा खराब हो जाने से वाहन चालकों और पैदल सफर करने वाले राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लोग सरकारी राशि के दुरूपयोग को लेकर भी सवाल उठाने लगे हैं। बतादें कि अनियमितताओं के चलते उक्त सड़क समय से पहले ही दम तोड़ चुकी हैं और इस संबंध में विभाग के आला अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। गुणवत्ता हीन काम का ही परिणाम है कि यहाँ की अधिकांश सड़के समय से पहले ही दम तोड़ जाती हैं। अब सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। लोगों ने थोड़ी बारिश में सड़कों के उखड़ने से हो रही परेशानी पर नाराजगी जाहिर की है और सरकारी धन का दुरूपयोग और बर्बादी को लेकर लोगों में रोष व्याप्त है। यहाँ सोमवार की रात और मंगलवार भोर में थोड़ी सी बारिश क्या हुई बाजार के कई मोहल्लों, गलियों सहित प्रमुख मार्ग राजातालाब पुरानी पुलिस चौकी नेशनल हाइवे से लेकर रानीबाजार रेलवे लाईन तक लगभग पाँच सौ मीटर जलजमाव हो गया। इस दौरान इस जर्जर खस्ता हाल पंचक्रोशी मार्ग राजातालाब पर आवागमन दूभर हो गया। जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। मुख्य मार्ग से राजातालाब होते हुए रानीबाजार जाने वाले मार्ग पर लोगों को सर्वाधिक फजीहत का सामना करना पड़ रहा हैं। उक्त सड़क मानक के विपरीत बनाने से सड़क जर्जर खस्ता हाल होने के कारण मामूली बारिश ने भी मुसीबत खड़ी कर दी। लोगों को कहना है कि समय रहते जलनिकासी व्यवस्था पर अभी से काम शुरु नहीं किया गया तो आने वाले समय में लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि सड़क को बनवाने से लेकर सीवर व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कई बार लोगों ने जनप्रतिनिधियों से लेकर आलाधिकारियों तक गुहार लगाई लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। यहां से कुछ ही किलोमीटर दूर प्रधानमंत्री मोदी का द्वितीय चरण में गोद लिया आदर्श गांव जयापुर है। यह रोड जयापुर जाती है इसके बावजूद भी जर्जर हालत मे है। स्थानीय निवासी आयुष कुमार राय, अरविंद पटेल, आकाश जायसवाल, नंदलाल कनौजिया, कृष्णा प्रसाद जायसवाल, संदीप जायसवाल, आशीष, सहित अन्य युवाओं ने कहा कि अगर यह सड़क  के गड्ढो का भराव और नाली का निर्माण नहीं होता है तो जानलेवा गड्डे में तब्दील सड़क पर जल जमाव से दुर्घटना हो सकती है। इन ग्रामीणों में इस कदर गुस्सा है कि ये कभी भी समस्या के समाधान के लिए आंदोलन भी कर सकते हैं।

कमजोरी: उत्तराखंड में ब्लैक फंगस से दूसरी मौत हुईं

पंकज कपूर               

ऋषिकेश। उत्तराखंड में ब्लैक फंगस का कहर भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। राज्य में ब्लैक फंगस से आज दूसरी मौत हुई है।
एम्स ऋषिकेश में अब तक ब्लैक फंगस के कुल 30 मरीज भर्ती हो चुके हैं। जिनमें 2 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। एक स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो चुका है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक आज देर शाम ऋषिकेश एम्स में भर्ती अलीगढ़ यूपी निवासी एक 72 वर्षीय महिला की मौत हो गई। इससे पहले देहरादून निवासी 36 युवक की मौत भी ब्लैक फंगस के चलते हो चुकी है।आज मंगलवार देर शाम तक एम्स ऋषिकेश में म्युक्रोमैसिस (ब्लैक फंगस) से ग्रसित कुल 30 मरीज भर्ती हो चुके हैं। जिनमें से अलीगढ़ यूपी निवासी एक 72 वर्षीया महिला की आज मृत्यु हो गई। जबकि एम्स में भर्ती ऋषिकेश निवासी एक अन्य 81 वर्षीया महिला को इलाज के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है। शेष 27 मरीजों का उपचार चल रहा है। इनमें से कुल 11 मरीजों की सर्जरी होनी बाकी हैं।

'ताऊ ते’ कमजोर पड़ा, गहरे दबाव के क्षेत्र में तब्दील

अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को बताया कि चक्रवाती तूफान ‘ताऊ ते’ कमजोर पड़कर ”गहरे दबाव के क्षेत्र” में तब्दील गया है और अभी दक्षिणी राजस्थान तथा निकटवर्ती गुजरात क्षेत्र में मौजूद है। आईएमडी ने बताया कि गुजरात में भीषण बारिश का कारण बनने के बाद चक्रवात के पश्चिमी विक्षोभ के साथ सम्पर्क में आने की वजह से राजस्थान, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली सहित कई राज्यों में बारिश होने का अनुमान है। वहीं, कई राज्यों में भोर से ही हल्की से तेज बारिश शुरू हो गई।
आईएमडी ने बुधवार को सुबह अपने बुलेटिन में बताया कि चक्रवात का ”दबाव क्षेत्र” राजस्थान में उदयपुर से 60 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में और गुजरात में डीसा से 110 किलोमीटर दूर बना है। उसने बताया कि अगले दो दिनों में इसके उत्तर पूर्व में राजस्थान से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ओर आगे बढ़ने का अनुमान है। आईएमडी ने कहा कि इस दबाव क्षेत्र से बुधवार को पूर्वी राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है और कुछ दूर-दराज के इलाकों में भीषण बारिश का भी अनुमान है। उसने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के सम्पर्क में आने के कारण उत्तराखंड में बारिश होने का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा पश्चिमी राजस्थान में अगले 24 घंटे में भारी से बेहद भारी बारिश हो सकती है। उसने कहा कि पूर्वी राजस्थान और निकटवर्ती गुजरात क्षेत्र में अगले 12 घंटे में 45-55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तेज हवाएं 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि चक्रवात ‘ताऊ ते’ सोमवार की मध्यरात्रि में सौराष्ट्र क्षेत्र के दीव और उना के बीच गुजरात तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया था। गुजरात में चक्रवाती तूफान के कारण तटीय इलाकों में भारी नुकसान हुआ, बिजली के खंभे तथा पेड़ उखड़ गए तथा कई घरों व सड़कों को भी नुकसान पहुंचा। इस दौरान हुई घटनाओं में करीब 13 लोगों की मौत भी हुई है। चक्रवाती तूफान के कारण 200 से अधिक तालुका में बारिश हुई। एहतियाती तौर पर राज्य सरकार ने पहले ही दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार की शाम पत्रकारों से कहा था कि चक्रवाती तूफान से हुए नुकसान को अगले कुछ दिनों में दूर कर लिया जाएगा।

देश में कुल 32,03,01,177 की कोविड-19 जांच

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। भारत में एक दिन में कोविड-19 से 4,529 और लोगों की मौत के बाद देश में संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर 2,83,248 हो गई। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार की सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, एक दिन में कोविड-19 के 2,67,334 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,54,96,330 हो गई।
आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कमी आई है और अभी देश में 32,26,719 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का 12.66 प्रतिशत है। अभी तक कुल 2,19,86,363 लोग संक्रमण मुक्त भी हो चुके हैं और मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 86.23 प्रतिशत है। वहीं, कोविड-19 से मृत्यु दर 1.11 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी।
वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार गए। वहीं, 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार और चार मई को दो करोड़ के पार चले गए। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार, देश में अभी तक कुल 32,03,01,177 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है। इनमें से 20,08,296 नमूनों की जांच मंगलवार को की गई।

बच्चों पर परीक्षण के लिए अनुमति रद्द करें: याचिका

अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘भारत बायोटेक’ को कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर परीक्षण के लिए दी गई अनुमति रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका पर बुधवार को केन्द्र को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने केन्द्र और ‘भारत बायोटेक’ को नोटिस जारी 15 जुलाई तक याचिका पर उन्हें उनका रुख स्पष्ट करने को कहा। उक्त याचिका संजीव कुमार की ओर से दायर की गई है।
अदालत ने हालांकि कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन’ के दो से 18 वर्ष के बच्चों पर ‘क्लीनिकल ट्रायल’ के लिए 12 मई को दी गई अनुमति पर कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इंकार कर दिया। ‘क्लीनिकल ट्रायल’ 525 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया जाएगा। इन्हें भी टीके 28 दिन के अंतर में दो खुराक में लगाए जाएंगे। ‘कोवैक्सीन’ का विकास हैदराबाद आधारित भारत बायोटेक और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने किया है। यह उन दो टीकों में शामिल है, जिन्हें भारत में अभी व्यस्कों को लगाया जा रहा है।

118 शहरों में केंद्र, 9800 बिस्तरों की व्यवस्था की

नई दिल्ली। कोरोना का वर्तमान संकट गंभीर है, लेकिन समाज, सरकारें तथा प्रशासन व हमारे कोरोना योद्धा संकट के समय तत्परता के साथ कार्य कर रहे हैं। सकारात्मकता और सामूहिक शक्ति के बल पर ही हम इस गम्भीर संकट से जीत पाएंगे। समाज में विभिन्न संगठन व संस्थाओं ने भी मिलकर समन्वय स्थापित करते हुए कई आवश्यक उपक्रम प्रारंभ किये हैं, जिनमें सेवाभाव से हज़ारों लोग सक्रिय हुए हैं। कोरोना की प्रथम लहर की भांति दूसरी लहर में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक सेवा भारती सहित अन्य संगठन व संस्थाओं के माध्यम से प्रभावित परिवारों व जरूरतमंदों को सहायता उपलब्ध करवाने के कार्य में जुटे हुए हैं। इस संकट काल में स्वयंसेवकों ने स्वतःस्फूर्त होकर क्षेत्र की आवश्यकता के अनुसार प्राथमिकता पर कई प्रकार के सेवा कार्य शुरू किए हैं।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्वयंसेवकों द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों के संबंध में जानकारी प्रदान की.कोरोना के संभावित लोगों हेतु आइसोलेशन केंद्र व संक्रमित रोगियों हेतु कोरोना केयर सेंटर, सरकारी कोविड केयर सेंटर व अस्पतालों में सहायता उपलब्ध करवाना, सहायता हेतु हेल्पलाइन नंबर, ऑनलाइन चिकित्सकीय सलाह, रक्तदान, प्लाज्मादान, अंतिम संस्कार का कार्य, आयुर्वेदिक काढ़ा व दवा वितरण, समुपदेशन (काउंसलिंग), ऑक्सीजन आपूर्ति व एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन व मास्क तथा टीकाकरण अभियान व जागरूकता, शव वाहन जैसे आवश्यक कार्य स्वयंसेवकों ने प्रारंभ किए हैं।

स्वयंसेवकों द्वारा सहायता के लिए देशभर में लगभग 3800 स्थानों पर हेल्पलाइन सेंटर्स चलाए जा रहे हैं। इसी प्रकार वैक्सीनेशन शिविर, सहयोग व जागरूकता अभियान में 7500 से अधिक स्थानों पर 22 हजार से अधिक कार्यकर्ता लगे हुए हैं, जिसमें अभी तक कई लोगों को वैक्सीनेशन करवाया गया है। देशभर में 287 स्थानों पर आइसोलेशन केंद्र संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें लगभग 9800 से अधिक बिस्तर की व्यवस्था है। इसके साथ ही 118 शहरों में कोविड केयर सेंटर भी चलाए जा रहे हैं, जिनमें 7476 बिस्तर की व्यवस्था है, इनमें से 2285 बिस्तर ऑक्सीजन युक्त हैं। इन केंद्रों के संचालन में 5100 से अधिक कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। इनके अलावा सरकारी कोविड केयर केंद्रों में भी स्वयंसेवक व्यवस्थाओं में सहयोग कर रहे हैं। देश में 762 शहरों में संचालित 819 सरकारी कोविड केयर केंद्रों में 6000 से अधिक कार्यकर्ता सहयोग कर रहे हैं। स्वयंसेवकों ने 1256 स्थानों पर रक्तदान शिविरों का आयोजन कर 44 हजार यूनिट रक्तदान करवाया है। देशभर में 1400 स्थानों पर संचालित चिकित्सकीय हेल्पलाइन के माध्यम से डेढ़ लाख से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं, इन केंद्रों में 4445 चिकित्सक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

भारत: 98 फीसदी आबादी पर संक्रमण का खतरा

अकांशु उपाध्याय   

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि कोरोना की दूसरी लहर में दो फीसदी आबादी प्रभावित हुई है। यानी 98 फीसदी आबादी को अभी भी संक्रमण में आने का खतरा है इसलिए लोगों को सभी सावधानियां बरतनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अभी तक सामने आए संक्रमण की इतनी अधिक संख्या के बावजूद हम दो फीसदी से कम आबादी तक इसे सीमित रखने में सफल हुए हैं।

संक्रमण में कमी
अग्रवाल ने कहा कि पिछले 15 दिनों में उपचाराधीन मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। तीन मई को सक्रिय रोगी 17.13 फीसदी थे जो अब घटकर 13.3 फीसदी रह गए हैं। इसी प्रकार स्वस्थ होने वाले लोगों का प्रतिशत भी 81.7 से बढ़कर 85.6 हो गया है। आठ राज्यों में कोविड-19 के एक लाख से अधिक मामले हैं और 22 राज्यों में संक्रमण की दर 15 फीसदी से अधिक है। यह आंकड़ा लगातार घट रहा है। महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, बिहार, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के मामलों में कमी आई है और संक्रमण दर भी कम हुई है। जबकि 199 जिलों में कोविड-19 के मामलों और संक्रमण दर में पिछले दो हफ्ते में कमी आई है।
जहां सरकार की ओर से 2 प्रतिशत का दिया आंकड़ा देशभर में अभी तक दर्ज हुए कोरोना संक्रमितों के कुल मामलों पर आधारित है तो वहीं आईसीएमआर द्वारा कराया गया सीरो सर्वे कुछ और ही कहता है। इस सर्वे के मुताबिक, बीते साल दिसंबर मध्य तक देश की आबादी का पांचवां हिस्सा यानी 21.4 प्रतिशत लोग कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में 1.8 प्रतिशत आबादी कोरोना से प्रभावित हुई है जबकि अमेरिका की 10.1 फीसदी, ब्राजील की 7.3 फीसदी, फ्रांस की 9 फीसदी और इटली की 7.4 फीसदी आबादी कोरोना संक्रमित हुई है।

सिंगापुर वेरिएंट पर नजर
बच्चों में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के सिंगापुर वेरिएंट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बार में जानकारी एकत्र की जाएगी।

एचसी ने किया नोटिस जारी, 2 दिन में जवाब मांगा

कोविड अस्पताल प्रबंधक की याचिका पर कार्रवाई
बिलासपुर । निजी अस्पताल को कोविड मरीजों के इलाज के लिए दी गई अनुमति वापस लिए जाने के खिलाफ दायर की गई याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन, राजनांदगांव कलेक्टर व सीएमएचओ को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया है।

राजनांदगांव के सुंदरा मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के संचालक द्वारा दायर याचिका में बताया गया है कि वहां कोविड संक्रमित मरीजों का उपचार शासन के निर्देश के अनुसार व्यवस्थाएं करके किया जा रहा है। इस बीच अनियमितता की एक शिकायत मिलने पर सीएमएचओ ने अस्पताल को कोविड के इलाज के लिए दी गई अनुमति वापस ले ली। इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन ने न तो उसे कोई नोटिस जारी किया, और न ही उसका पक्ष सुना गया। इसके अलावा कार्रवाई करने का अधिकार कोरोना प्रबंधन अधिनियम के अंतर्गत केवल कलेक्टर को है ,जबकि उक्त आदेश सीएमएचओ की ओर से जारी किया गया है। ग्रीष्मकालीन सिंगल बेंच में जस्टिस संजय के अग्रवाल ने इस मामले की वर्चुअल सुनवाई करते हुए राज्य शासन, कलेक्टर व राजनांदगांव के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को नोटिस जारी कर दो दिन के भीतर जवाब मांगा है।

बिहार: कोरोना से 600 से अधिक शिक्षकों की मौत

अविनाश श्रीवास्तव   
पटना। कोरोना संक्रमण से आये दिन किसी ना किसी शिक्षक की मौत हो रही है। पटना जिले की बात करें तो अभी तक 35 शिक्षकों की मौत कोरोना से हो चुकी है। यह स्थिति सूबे के सभी 38 जिलों की है। सभी जिलों में कोरोना से मरने वाले शिक्षकों की संख्या 600  से अधिक है।पटना जिला शिक्षा कार्यालय के अलावा कई जिला शिक्षा कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक छह सौ से अधिक शिक्षक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। 
वहीं, कई शिक्षक अभी भी कोरोना संक्रमित होकर हास्पीटल में गंभीर स्थिति में हैं। ज्यादातर शिक्षकों का परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। शिक्षक तो दुनिया से चले गये, लेकिन इनके परिवार की स्थिति बहुत ही दयनीय है। कई शिक्षक का तो पूरा का पूरा परिवार ही कोरोना की चपेट में अब भी है। इनके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। 
जमीन गिरवी रख कर करवाया इलाज 

प्राथमिक विद्यालय चरिहानी गौनाहा पश्चिम चंपारण के शिक्षक मृत्युंजय पांडेय की मृत्यु कोरोना से हो गयी है। उनकी पत्नी पूनम देवी ने बताया कि जमीन गिरवी रख कर इलाज करवा रहे थे। वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय बुढ़नीचक बाढ़ में सहायक शिक्षक राजकुमार राय की मृत्यु 21 अप्रैल को कोरोना से हो गई। पत्नी शारदा ने बताया कि 15 दिन हास्पीटल में भरती रखा। 80 हजार खर्च हुआ। शादी का जेवर गिरवी रखा है। फिर भी नहीं बच पाए।

केस-1

संतोष कुमार की उम्र 36 साल है। 2014 में नवसृजित प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर बिंद नालंदा में नियोजन हुआ था। नौ मई को संतोष कुमार की मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो गयी। पत्नी की हालत खराब है। चार साल का बेटा और दो साल की बेटी है। पिछले साल संतोष कुमार के पिता और माता दोनों की मृत्यु हो गयी थी। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। पत्नी नीरू ने बताया कि नालंदा में किराये के मकान में रहते हैं।

केस-2

कमला सिन्हा 31 साल के थे। मध्य विद्यालय देवमाहा धनरूआ में सहायक शिक्षक के पद पर 2014 में नियोजन हुआ था। 24 अप्रैल को कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गयी। दो छोटे बच्चे हैं। आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर थी। घर में कमाने वाले केवल कमला सिन्हा ही थे। पत्नी ने बताया कि छह महीने से उधार पर राशन पानी खरीद रहे थे।

आपदा राहत के तहत चार लाख का विशेष अनुदान

शिक्षकों की हो रही मौत पर तमाम शिक्षक संघ विशेष अनुदान देने की मांग कर रहे हैं। टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया कि जिन शिक्षकों की जान कोरोना संक्रमण से जा रही है, उनके परिजन को ईपीएफ एवं आपदा राहत के तहत चार लाख की विशेष अनुग्रह राशि दी जाय, जिससे उन परिवार का भरण पोषण हो सके। वहीं, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने भी दिवंगत शिक्षकों को विशेष अनुग्रह राशि देने की मांग की है।

मोदी की लोकप्रियता में 22 प्रतिशत की गिरावट दर्ज

सौमित्र रॉय 
नई दिल्ली। अमेरिकी कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट दुनिया भर के नेताओं की इमेज पर नज़र रखती है। कंपनी का कहना है कि मोदी की लोकप्रियता इस समय सबसे नीचे है। अप्रैल में मोदी की लोकप्रियता में 22% की गिरावट आई थी।
मोदी की इमेज सबसे ज़्यादा विदेशों में खराब हुई है। यहां तक कि मोदी नेपाल भी जाने लायक नहीं रहे, क्योंकि वहां कोविड की दूसरी लहर भारत की ही देन है।सरकार ने अमेरिका में चेहरा चमकाने वाले लड़कों की तलाश शुरू कर दी है।
'मोदी है तो मुमकिन है की जगह मोदी है तो मुश्किल है' जैसे नारे घर पर ही लगने लगे हैं। विदेशों में तो माइक पकड़कर मीडिया खड़ी है सवाल पूछने के लिए।
जाएं तो कहां ? वो तो भला हो ताऊ ते का, जो मोदी को कल बड़े दिनों बाद प्लेन में चढ़कर गुजरात जाने का मौका मिला। जो व्यवस्थापक अपने परिवार, समाज अथवा देश की रक्षा नहीं कर सकता है। या उसमें चूक कर देता है तो स्वयं नैतिकता के आधार पर ऐसे गरिमामयी पद के अधिकार से मुक्त हो जाना सामान्य प्रक्रिया है।

सप्तमी को गंगा स्वर्ग से शिव की जटाओं में पहुँची

गंगा सप्तमी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को कहा जाता है। पौराणिक धर्म ग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास की इस तिथि को ही माँ गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुँची थीं। इसलिए इस दिन को 'गंगा सप्तमी' के रूप में मनाया जाता है। कहीं-कहीं पर इस तिथि को 'गंगा जन्मोत्सव' के नाम से भी पुकारा जाता है। गंगा को हिन्दू मान्यताओं में बहुत ही सम्मानित स्थान दिया गया है। पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार जब कपिल मुनि के श्राप से सूर्यवंशी राजा सगर के 60 हज़ार पुत्र जल कर भस्म हो गए, तब उनके उद्धार के लिए राजा सगर के वंशज भगीरथ ने घोर तपस्या की। वे अपनी कठिन तपस्त्या से माँ गंगा को प्रसन्न करने में सफल रहे और उन्हें धरती पर लेकर आए। गंगा के स्पर्श से ही सगर के 60 हज़ार पुत्रों का उद्धार हो सका। गंगा को 'मोक्षदायिनी' भी कहा जाता है। विभिन्न अवसरों पर गंगा नदी के तट पर मेले और गंगा स्नान आदि के आयोजन होते हैं। इनमें 'कुंभ पर्व', 'गंगा दशहरा', 'पूर्णिमा', 'व्यास पूर्णिमा', 'कार्तिक पूर्णिमा', 'माघी पूर्णिमा', 'मकर संक्रांति' व 'गंगा सप्तमी' आदि प्रमुख हैं।

9 माह की बच्ची से लेकर 66 वर्षीय दादा संक्रमित

राहुल चौबे   

कवर्धा/रायपुर। मन के हारे हार है मन के जीते जीत' सन्त कबीर की इन पंक्तियों की अहमियत कोरोना काल में अत्यधिक बढ़ गई है। बहुत से लोग हैं, जो होम आइसोलेशन में रहकर कोरोना की जद से बाहर आ रहे हैं। कवर्धा के वार्ड नम्बर 8 में एक इसी तरह का परिवार है, जहां कोरोना के कारण 9 सदस्यीय परिवार के 9 माह की बच्ची से लेकर 66 वर्षीय दादा भगवान सिंह तक पूरे परिवार को होम आइसोलेशन में रहना पड़ा। दरअसल इनके परिवार ने हाल ही में कोरोना से जंग जीत लिया है। 17 दिनों तक होम आइसोलेशन शासकीय दवा और कंट्रोल रूम से आने वाले कॉल के माध्यम से गाइड लाइन को फॉलो करने वाले इस परिवार ने बताया कि यदि मनोबल ऊँचा रखा जाए तो हर मुश्किल से पार निकला जा सकता है। परिवार के 66 वर्षीय भगवान सिंह ठाकुर, 62 वर्षीय शारदा देवी ठाकुर, 33 वर्षीय दीपक ठाकुर, हेमन्त ठाकुर, कुसुम ठाकुर समेत 4 वर्षीय काव्यराज, 3 वर्षीय तिथि ठाकुर, 9 माह की अधिश्री का जांच के बाद कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव पाया गया था। 

कोविड कंट्रोल रूम के कॉल से मिली हिम्मत

भोरमदेव थाना में पदस्थ आरक्षक हेमन्त ठाकुर की पत्नी डिम्पल व दीपक की पत्नी कुसुम सिंह जो स्वयं व्याख्याता हैं, लेकिन कोविड काल में मनोबल मजबूत नहीं थी। परिवार छोटे बच्चों और घर के बुजुर्गों की सेहत के लिए भयभीत था। परिवार के सदस्य बताते हैं कि उनके पास कोविड कंट्रोल रूम से रोज काउंसलिंग के लिए कॉल आता था, जिससे उन्हें अपनी शंकाओं का हल मिलने लगा और उनका मनोबल मजबूत होता गया। पूरे परिवार ने मनोबल बढाकर कोरोना के खिलाफ जंग में समझदारी दिखाते हुए गाइड लाइन का पालन किया और परिणाम स्वरूप अब पूरा परिवार कोरोना मुक्त है।

संक्रमण से 1955 रेलवे कर्मचारियों की जान गई

समाचार एजेंसी के मुताबिक रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष सुनीत शर्मा ने कहा कि रेलवे किसी अन्य राज्य या क्षेत्र से अलग नहीं है। हम भी कोविड संक्रमण की मार झेल रहे हैं। इस समय हम लोगों की मदद कर रहे हैं लेकिन हमारी हालात भी अच्छी नहीं है। रोजाना करीब 1000 (कोविड) मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि हम अपने स्टॉफ का पूरा ख्याल रख रहे हैं। उन्हें आवश्यक मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध करा रहे हैं। रेलवे के अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई है, रेल अस्पातलों में ऑक्सीजन संयंत्र बनाए हैं। फिलहाल 4000 रेलवे कर्मी या उनके परिवार के सदस्य इन अस्पतालों में भर्ती हैं। हमारा प्रयास है कि वो जल्दी ठीक हो जाएं। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले साल मार्च से अब तक 1952 रेलकर्मियों की कोविड-19 महामारी की चपेट में आकर जान जा चुकी है।

झील के नीचे बसा है 160 घरों वाला भूतिया गांव

रोम। इटली में झील के नीचे से 160 घरों वाला गांव निकला है। झील का पानी कम होने पर ये गांव नजर आया। स्थानीय लोगों के मुताबिक ये गांव कभी-कभी नजर आता है, जिसके चलते इसे भूतिया गांव कहा जाता है।cbsnews.com की रिपोर्ट के मुताबिक इटली की झील से दशकों बाद बाहर निकले इस गांव का नाम कुरोन है।1950 में इस गांव में बिजली संयत्र की स्थापना की गई थी, उसी समय इस गांव में बाढ़ आ गई थी, जिसमें ये गांव पूरी तरह तबाह हो गया था। ऑस्ट्रिया और स्विटजरलैंड के साथ इटली की सीमा के पास बसी झील को अब एक जलाशय की मरम्मत के लिए अस्थायी रूप से निकाला जा रहा है। जैसे-जैसे जल स्तर घट रहा है, 160 घरों वाला गांव उभर रहा है।आमतौर पर 14वीं सदी की चर्च की मीनार पानी से बाहर निकल आई हैं।
 लेकिन जैसे-जैसे पानी कम हो रहा है, तो  झील के नीचे से इस गांव की गुफाएं और दीवारें दिखाई दे रही हैं। इटली की झील के डूबे इस गांव को लेकर “क्यूरॉन” नाम से एक वेब सीरीज भी बनी है, इसके अलावा इस गांव पर एक किताब लिखी गई है, जिसमें गांव की पूरी कहानी को बताया गया है।यहां की रहने वाली एक महिला ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि पुराने घरों के मलबे पर चना एक “अजीब एहसास” था. उसने बताया कि ये क्षेत्र हाइकर्स के लिए काफी लोकप्रिय है, जिनके द्वारा गांव की भयानक तस्वीरों को शोसल मीडिया पर वायरल किया गया है। वहीं एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा है कि वह "कुरोन नाम के गांव के अवशेष हैं, जो दशकों से डूबे हुए थे, इटली में LakeResia की निकासी करते हुए मिले हैं।

वायरस से 300 से अधिक पत्रकारों की मौत हुईं

हरिओम उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत में कोरोना के चलते लाखों की संख्या में लोगों ने अपने परिजनों को खोया हैं। इसमें वो पत्रकार भी शामिल थे, जिन्होंने दिन-रात कोविड की रिपोर्टिंग की और बिना अपनी जान की परवाह किए लोगों तक पल-पल की ख़बरे पहुंचाई। कोरोना की पहली और दूसरी लहर में ग्राउंड पर जाकर रिपोर्टिंग कर रहे रिपोर्टरों और लगातार ऑफिस जा रहे पत्रकारों को न तो फ्रंट लाइन वर्कर माना गया और न ही उनको वैक्सीन में प्राथमिकता मिली. परिणाम ये हुआ कि कई नामी गिरामी पत्रकारों सहित अलग-अलग राज्यों में 300 से ज्यादा मीडियाकर्मी कोरोना की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. इसे त्रासदी ही कहेंगे कि अप्रैल के महीने में हर रोज औसतन तीन पत्रकारों ने कोरोना के चलते दम तोड़ा। मई में यह औसत बढ़कर हर रोज चार का हो गया। जिसके अनुसार भारत में अब तक कुल 300 पत्रकारों की मौत हुई है। इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज के रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2020 से लेकर 16 मई 2021 तक कोरोना की वजह से कुल 238 पत्रकारों की मौत हो गई। यह आकंड़े भयावह हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की रिपोर्ट में उन सभी पत्रकारों को शामिल किया गया है। जो फील्ड या दफ्तरों में कार्यरत थे। इनमें रिपोर्टर से लेकर स्ट्रिंगर, फ्रीलांसर, फोटो जर्नलिस्ट और सिटिजन जर्नलिस्ट तक सभी शामिल हैं।

रिपोर्ट बताती हैं कि कोरोना की पहली लहर अप्रैल से लेकर दिसंबर तक थी। इस दौरान 56 पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई। पहली लहर के मुकाबले दुसरी लहर काफ़ी भयावह साबित हुई। 1 अप्रैल से लेकर 16 मई तक 171 पत्रकारों ने दम तोड़ दिया। शेष पत्रकारों का निधन जनवरी-अप्रैल की बीच में हुआ। मीडिया रिपोर्टस की माने तो यह आंकड़े अलग- अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, खबरों, पेपर से एकत्र किए गए हैं।

  • उत्तर प्रदेश- 37
  • तेलंगाना- 39
  • दिल्ली-30
  • महाराष्ट्र- 24
  • ओडिशा- 26
  • मध्यप्रदेश – 19

किस उम्र में ज्यादा मौतें हुई
रिपोर्ट के अनुसार कोरोना का आसान शिकार 41 से 50 उम्र के लोग हुए। इनमें मौतों का आंकड़ा 31 फीसदी है।
•    वहीं, 31 से 40 वर्ष के बीच में 15 फीसदी
•    51 से 60 के बीच में 19 फीसदी
•    61 से 70 के बीच में 24 फीसदी
•    71 साल से ऊपर आयु वालो में 9 फीसदी

छोटे कस्बों में ज्यादा मौतें
इंस्टीट्यूट ऑफ परसेप्शन स्टडीज की निर्देशक डॉ कोटा नीलिमा ने मीडिया को बताया कि 35 फीसदी पत्रकार मेट्रो शहर से है, जबकि 64 फीसदी नॉन- मेट्रो शहरों से आते हैं जैसे कि कस्बे, गांव, छोटे शहर।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

1. अंक-277 (साल-02)
2. बृहस्पतिवार, मई 20, 2021
3. शक-1984, बैसाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- नवमी, विक्रमी सवंत-2078।
4. सूर्योदय प्रातः 06:00, सूर्यास्त 07:07।
5. न्‍यूनतम तापमान -10 डी.सै., अधिकतम-28+ डी.सै.। तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना बनी रहेगी।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.-20110
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कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...