शुक्रवार, 7 मई 2021

अमेरिका से नए संबंधों की उम्मीद आखिरकार टूटीं

वाशिंगटन डीसी/ इस्लामाबाद। दक्षिण एशिया में बाइडन प्रशासन की नीति में एक पहलू यह सामने आया है कि पाकिस्तान से दूरी बना कर चलने की अमेरिका की नीति अभी भी जारी है। इस तरह डोनाल्ड ट्रंप के ह्वाइट हाउस से विदा होने के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका से अपने संबंधों को नया रूप मिलने की जो उम्मीद जोड़ी थी, वह अब टूटने लगी है। 
विश्लेषकों का कहना है कि अफगानिस्तान की शांति वार्ता में पाकिस्तान का अहम रोल है। इसके बावजूद अमेरिका ने पाकिस्तान के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई है। कूटनीतिक जानकारों ने इस तरफ ध्यान खींचा है कि बाइडन के राष्ट्रपति बने साढ़े तीन महीने हो गए हैं।लेकिन अभी तक उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से सीधी बातचीत नहीं की है। जानकारों के मुताबिक बाइडन प्रशासन का ये आकलन है कि अफगानिस्तान में पाकिस्तान चीन और रूस के एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। इसीलिए बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान के प्रति अपनी नाराजगी जताने में कोई हिचक नहीं बरती। 

रोड़ पर फालतू घूम रहें लोगों के खिलाफ कार्रवाई की

बृजेश केसरवानी              
प्रयागराज। लॉकडाउन और कर्फ्यू का पालन कराने के लिए एडीजी प्रेम प्रकाश महोदय स्वयं सड़कों पर पैदल गस्त करते हुए नजारा आएं रोड़ पर फालतू घूम रहे लोगों से पूछताछ की गई और सही जवाब ना मिलने पर उनके खिलाफ चालान की भी कार्रवाई की गई। आज रमजान मुबारक का आखिरी जुमा अलविदा भी है। चौक जामा मस्जिद में हर साल हजारों लोग नमाज अदा करते थे।लेकिन कोविड-19 कोरोनावायरस के कारण इस साल दूरदराज से आने वाले लोग जामा मस्जिद नहीं आए और जामा मस्जिद का दरवाजा बंद कर दिया गया था। कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए अलविदा की नमाज अदा की गई। पुलिस प्रशासन की पहली जिम्मेदारी जामा मस्जिद की नमाज अदा करानी थी एडीजी प्रेम प्रकाश, एसएसपी सर्वेश त्रिपाठी, एसपी क्राइम आशुतोष मिश्रा, एडीएम सिटी अशोक कुमार, कनौजिया सिटी मजिस्ट्रेट रजनीश कुमार मिश्रा, सीओ प्रथम सत्येंद्र तिवारी, कोतवाली इंस्पेक्टर नागेंद्र प्रसाद चौक क्षेत्र में पैदल गस्त किया। अलविदा की नमाज अदा करवाई गई और शांति व्यवस्था का जायजा लिया गया।शाहगंज खुल्दाबाद भी गए हमेशा की तरह मोहम्मद आमिर पुलिस प्रशासन का सहयोग कर रहे थे।

माहे रमज़ान का आखरी जुमा, संक्रमण का असर दिखा

बृजेश केसरवानी           
प्रयागराज। माहे रमज़ान के आखरी जुमा पर कोविड संक्रमण का साफ असर दिखा। मस्जिदों मे नमाज़ीयों मे सिर्फ पाँच लोगों का ही प्रवेश हुआ। ज़्यादातर लोगों ने अपने अपने घरों या दोस्तों व रिशतेदारों संग जुम्मतुल विदा की नमाज़ अदा की वहीं जिन लोगों ने अकेले पढ़ी उनहोने ज़ोहर की नियत कर नमाज़ अदा करते हुए बारगाहे इलाही मे शुक्र का सजदा किया। उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सै.मो. अस्करी के अनुसार दायरा शाह अजमल की खानकाह मस्जिद,बख्शी बाज़ार, बैदन टोला, अटाला, रसूलपूर,करैलाबाग़, दरियाबाद, अकबरपूर, शाहगंज,
बरनतला, मिन्हाजपूर, रानीमण्डी, सब्ज़ी मण्डी, हटिया, नैनी क़साई मोहल्ला सहित शहर की सैकड़ो मस्जिदों मे पाँच लोगों की मौजूदगी मे पेश इमाम ने नमाज़ अदा कराई वहीं ज़्यादातर मस्जिदों मे सन्नाटा छाया रहा।मस्जिद इन्तेज़ामिया कमेटी की ओर से मस्जिदों मे पुरी तरहा से लॉकडाउन रहा। समाजसेवी शाहिद अब्बास रिज़वी के अतरसुय्या स्थित आवास पर मात्र पाँच लोगों की उपस्थिति मे जुम्मतुल विदा की नमाज़ की जगहा ज़ोहर की नियत करते हुए नमाज़ अदा की गई।

गुलाब का फूल भेंट कर घरों मे नमाज़ अदा करने की अपील...

समाजसेवी शाहिद प्रधान व मदर टेरेसा फाउण्डेशन के महानगर चेयरमैन सै.मो.अस्करी के नेत्रित्व मे जुम्मतुल विदा की नमाज़ अपने अपने घरोंं मे रहकर अदा करने को घर घर जा कर लोगों गुलाब का फूल भेंट कर यह संदेश दिया गया की जान है तो जहान है, घरों मे सुरक्षित रहें। नमाज़ घरों मे ही अदा करें। दायरा शाह अजमल, रानीमण्डी, बख्शी बाज़ार,बैदन टोला आदि मुहल्लों मे घर घर जा कर नमाज़ियों को मस्जिद मे न जाने और घरो मे रहने की अपील की गई। लोगों से कोरोना महामारी से निजात के लिए की गुज़ारिश करते हुए अपने हिन्दू भाईयों के लिए भी नमाज़ मे विशेष रुप से दुआ करने की अपील भी की गई।

बाहों पर काली पट्टी बाँध कर बैतुल मुक़द्दस की आज़ादी-इस्राईल और अमेरीका के खिलाफ किया प्रदर्शन

विश्व क़ुद्स दिवस के मौक़े पर कोरोना संक्रमण को देखते हुए और ओलमाओं के दिशानिर्देश पर घरों नमाज़ के दौरान बाज़ू पर काली पट्टी बाँध कर इस्राईल की बरबरता अमेरीका की दादागीरी के खिलाफ लोगों ने मुज़ाहिरा किया। क़िबला-ए-अव्वल बैतुल मुक़द्दस की आज़ादी की आवाज़ भी बुलन्द की। इमाम ए जुमा हसन रज़ा ज़ैदी,शिया धर्म गुरु जव्वादुल हैदर रिज़वी,शिया करबला क़ब्रिस्तान कमेटी के नायब सद्र शाहिद अब्बास रिज़वी,मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार के मुतावल्ली शाहरुक़ क़ाज़ी,मस्जिद गदा हुसैन के शाहरुक़ हुसैनी,अन्जुमन नक़विया के रौनक़ सफीपुरी,हसन नक़वी,सूफी हसन,बज़मी अब्बास,ज़ामिन हसन,अली आला ज़ैदी,शफक़त अब्बास,ज़ौरेज़ हैदर,शबी हसन आदि ने अन्तराष्ट्रीय क़ुद्स दिवस पर विरोध प्रदर्शन करते हुए संयुक्त राष्ट्र से इस्राईल की बरबरता को संज्ञान मे लेने क़िबला-ए-अव्वल बैतुल मुक़द्दस को आज़ाद कराने की ऑनलाईन प्रदर्शन मे मांग की।ओलमाओं की अपील पर घरों मे रहकर विभिन्न तरीक़ो से लोगों ने इस्राईल,अमेरीका मुर्दाबाद का नारा बुलन्द किया।

डीएम ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का किया निरीक्षण

कौशाम्बी। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने शुक्रवार को एल-1 के रूप में बनाये गये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मंझनपुर का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उन्होने एल-1 में कोरोना पीडि़त भर्ती होने वाले मरीजों के लिए की गयी आवश्यक तैयारियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की जिलाधिकारी ने वहां पर पंखा पानी, शौचालय, दवायें एवं बेड सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थायें को चुस्त दुरूस्त बनाये रखने का निर्देश दिया है। ताकि भर्ती होने वाले मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी न होने पाये। उन्होने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में साफ-सफाई एवं सेनेटाइजेशन का कार्य निरन्तर कराते रहने का भी निर्देश दिया है।
उज्ज्वल केशरवानी 

डीएम अमित ने आइसोलेशन वार्ड का किया निरीक्षण

कौशाम्बी। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने शुक्रवार को जिला अस्पताल में एल-2 के रूप में बनाये गये आइसोलेशन वार्ड का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने एल-2 आइसोलेशन वार्ड में कोरोना वायरस से संक्रमित भर्ती मरीजों के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कोरोना संक्रमित भर्ती मरीजों की समय-समय पर देखभाल करने, दवायें, गरम पानी एवं भोजन उचित समय पर दिये जाने का निर्देश दिया है। उन्होने अस्पताल में साफ-सफाई एवं सेनेटाइजेशन का कार्य नियमित रूप से कराते रहने के साथ-साथ बेडशीट को भी निरन्तर बदलते रहने के निर्देश दिये है। उन्होने चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को पूर्ण सावधानी बरतते हुए अपने को भी सुरक्षित रखने को कहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने बेडों की संख्या बढ़ाये जाने का निर्देश दिया है।
सुशील केसरवानी

कांग्रेस नेता ने घर तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया

अतुल त्यागी              
हापुड़। कोरोना महामारी में जहां देश की आम जनता त्रस्त है और अपने जीवन को कोरोना महामारी से बचाने के लिए घरों में कैद हैं। ऐसे में कांग्रेस नेता व शहर कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष विक्की शर्मा एक बार फिर लोगों के लिए मसीहा बनकर साबित हुए हैं। गुरुवार को कांग्रेस नेता विक्की शर्मा के फोन पर जैसे ही उन्हें सूचना मिली कि हापुड़ शहर में फोन करने वाले व्यक्ति के परिचित जन के परिवार में पीड़ित व्यक्ति का ऑक्सीजन लेवल कम हैं और उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर की सख्त आवश्यकता है तो विक्की शर्मा ने तुरंत शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अभिषेक गोयल की मदद से पीड़ित परिजनों को स्वर्ग आश्रम रोड स्थित राधिका पैलेस के सामने गली में उनके घर तक ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचवाकर मदद की। पीड़ित परिजनों ने कांग्रेस नेता विक्की शर्मा द्वारा किए गए सहयोग के लिए शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अभिषेक गोयल और विक्की शर्मा का आभार व्यक्त किया है। आपको बता दें कि जब से कांग्रेस जनों को हापुड़ में ऑक्सीजन सिलेंडर और अस्पतालों बेड की किल्लत होने की जानकारी मिली हैं। तभी से कांग्रेस जन शहर में पीड़ित लोगों के लिए निरंतर अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में दिन रात लगे हुए हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता विक्की शर्मा ने आरोग्य, जीएस और रामा जैसे बड़े अस्पतालों में पीड़ित परिजनों के लिए बेड की व्यवस्था कराई हैं।

एक्सप्रेस सहित 52 जोड़ी यात्री ट्रेनों को रद्द किया

अकांशु उपाध्याय              
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण संक्रमण के बढ़ते मामलों और यात्रियों की कमी के कारण लंबी दूरी की शताब्दी, राजधानी, दुरंतो और वंदे भारत एक्सप्रेस सहित 52 जोड़ी यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है। 
उत्तर रेलवे डिवीजन ने गुरुवार को 28 जोड़ी यात्री रेलगाड़ियों की सूची जारी की है। इनमें आठ जोड़ी शताब्दी, 2-2 जोड़ी राजधानी, जनशताब्दी और दुरंतो के अलावा एक जोड़ी वंदेभारत और देहरादून-दिल्ली त्योहार स्पेशल, कोटद्वार-दिल्ली सिद्धाबली स्पेशल. कालका-शिमला रेल मोट्रर्स स्पेशल. कालका-शिमला त्योहार स्पेशल ट्रेन शामिल हैं। इनमें से अधिकांश रेलगाड़ियां 09 मई से अगले आदेश तक रद्द रहेंगी।   
इनमें नई दिल्ली-हबीबगंज शताब्दी स्पेशल, नई दिल्ली-कालका शताब्दी स्पेशल, नई दिल्ली-अमृतसर शताब्दी स्पेशल, नई दिल्ली-देहरादून शताब्दी स्पेशल, नई दिल्ली-काठगोदाम शताब्दी स्पेशल और नई दिल्ली-चंडीगढ़ शताब्दी स्पेशल शामिल हैं। ये सभी 09 मई से अगले आदेश तक रद्द रहेंगी। 
वहीं, नई दिल्ली-देहरादून जनशताब्दी स्पेशल और नई दिल्ली-उना जनशताब्दी स्पेशल क्रमश: 10 और 9 मई से अगले आदेश तक रद्द रहेगी। निजामुद्दीन-पुणे दुरंतो स्पेशल 10 मई से और सराय रोहिल्ला-जम्मू दुरंतो स्पेशल 9 मई से अगले आदेश तक रद्द रहेगी। निजामुद्दीन-चेन्नई राजधानी स्पेशल 12 मई से और नई दिल्ली-बिलासपुर राजधानी स्पेशल 11 मई से अगले आदेश तक रद्द रहेगी। दिल्ली-कटरा वंदे भारत स्पेशल एक्सप्रेस 9 मई से अगले आदेश तक रद्द कर दी गई है।
उधर, मध्य रेलवे डिवीजन ने भी यात्रियों की कमी का हवाला देते हुए 24 जोड़ी ट्रेनों को 10 मई से 30 जून तक रद्द करने की घोषणा जारी की है।

यूपी को वैक्सीन प्रूफ करने में जुटे हुएं सीएम योगी

हरिओम उपाध्याय               
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को वैक्सीन प्रूफ करने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जुटे हुए हैं। उनकी सरकार का दावा है कि अब कोरोना की वैक्सीन में कोई कमी नहीं होगी। सभी प्रदेशवासियों को आराम से इसकी खुराक उपलब्ध करा दी जाएगी। प्रदेश में वैक्सीन की कमी न हो इसके लिए निर्माताओं के हाथ में सरकार ने एडवांस में करोड़ों रुपये थमा दिया है। 
 गुरुवार को अपर मुख्य सचिव, सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि योगी सरकार वैक्सीन निर्माताओं को 20 करोड़ रुपये एडवांस दे दिया है। उन्होंने समय पर वैक्सीन उपलब्ध कराने को कहा है। वहीं, कहा कि वैक्सीन की 40 मिलियन डोज के लिये यूपी सरकार पहले ही ग्लोबल टेंडर जारी कर चुकी है। 21 मई को टेंडर भरने की अंतिम तिथि घोषित की है।
 उन्होंने बताया कि अगले हफ्ते तक प्रदेश में एक करोड़ वैक्सीन आ जाएंगी। वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखने पर सरकार का पूरा जोर है। अभियान में किसी प्रकार की कमी न होने पाए इसके लिये सरकार ने पूरी ताकत लगा रखी है। बताया कि यूपी में 01 मई से वैक्सीनेशन का तीसरा चरण शुरू हो चुका है। तीसरे चरण में 18 से 44 वर्ष के लोगों का वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। इसके साथ ही सरकार वैक्सीन का दूसरा डोज देने का कार्य भी युद्ध स्तर पर कर रही है।
 उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी स्वयं बीमारी की रोकथाम के लिये की गई व्यवस्थाओं की देखरेख कर रहे हैं। अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी बराबर जारी किये जा रहे हैं। 

संक्रमितों का निशुल्क इलाज, नई योजना लागू होगीं

सौरभ शर्मा             
भोपाल। मध्‍य प्रदेश में कोरोना मरीजों के निःशुल्क इलाज़ के लिए नई योजना लागू होगी। यह इसलिए किया जा रहा है। क्‍योंकि गरीबों को निजी अस्‍पतालों में स्‍वास्‍थ्‍य लाभ नहीं मिल पा रहा। इसलिए प्रदेश के आम व्‍यक्‍ति के जीवन का मूल्‍य समझते हुए राज्‍य की शिवराज सरकार ये बड़ा निर्णय लेने जा रही है। इसके संकेत गुरुवार को स्‍वयं मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए हैं। 
 चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना मरीजों के निःशुल्क इलाज़ के लिए नई योजना लागू की जा रही है। इसके अंतर्गत प्रदेश के गरीब एवं आम आदमी को जहां तक मध्यम वर्गीय व्यक्ति को भी कोरोना का निःशुल्क इलाज अनुबंधित निजी अस्पतालों में मिल सकेगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए आयुष्मान भारत योजना पर निजी अस्पतालों को राज्य सरकार द्वारा विशेष पैकेज दिया जाएगा। सरकार कुछ बड़े अस्पताल छोड़कर निजी अस्पतालों को कोविड इलाज़ के लिए अनुबंधित करेगी।
 मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को अपने निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना नियंत्रण कोर ग्रुप की बैठक ले रहे थे। बैठक में संबंधित मंत्रीगण, अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उपस्थिति हुए। उन्‍होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत दो करोड़ 42 लाख कार्ड बनाए गए हैं, जिससे 88 प्रतिशत जनसंख्या कवर्ड हो रही है। इन सभी को शासन द्वारा अनुबंधित अस्पतालों में कोरोना का निःशुल्क इलाज़ मिल सकेगा। 
 शिवराज ने कहा कि योजना के अंतर्गत सिटी स्कैन आदि जांचें भी नि:शुल्क होंगी तथा दवाएं, रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन आदि भी निःशुल्क मिलेंगे। उन्‍होंने निर्देश दिए कि वैक्सीन की उपलब्धता अनुसार 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का वैक्सीनेशन निरंतर चलता रहे। 45 वर्ष से अधिक के व्यक्तियों का वैक्सीनेशन भी पूर्व अनुसार जारी रहे। इसके अलावा बैठक में बताया गया है कि ज़िलों में अस्पतालों से कोरोना के मरीज़ों के बड़ी संख्या में स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होने से बिस्तरों की उपलब्धता बढ़ी है। इसके बाद भी मुख्यमंत्री चौहान ने सभी जिलों के अस्‍पतालों एवं कोविड केयर सेंटर में आईसीयू बेड्स बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं।

शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैडिंग हुईं

 अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। नागपुर से हैदराबाद जाने वाली नॉन-शेड्यूल फ्लाइट में तकनीकी खराबी आने के बाद गुरुवार रात सवा नौ बजे मुंबई के छत्रपती शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैडिंग हुई। विमान सेवा क्षेत्र में सेवारत मंदार भारदे की अगुवाई में इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। 
 जानकारी के मुताबिक विझक्रॉफ्ट कंपनी के जेट सेर्वे एविएशन द्वारा संचालित सी-90 वीटी-जेआईएल फ्लाइट ने गुरुवार शाम को हैदराबाद के लिए उड़ान भरी थी। नागपुर एयरपोर्ट से टेकऑफ के दौरान हवाई जहाज का अगला पहिया अलग हो गया। ऐसी स्थिति में हवाई जहाज की इमरजेंसी लैंडिग करनी होती है।
 फ्लाइट के पायलट केसरी सिंग ने इस बारे में कंट्रोल रूम को सूचित किया जिसके तुरंत बाद हवाई जहाज को मुंबई की ओर मोड़ा गया लेकिन इमरजेंसी लैडिंग के वक्त फ्लाइट हलका होना जरूरी होता है। नतीजतन इस फ्लाइट को लगभग एक घंटे तक हवा में घुमाया गया। इसके बाद जब पेट्रोल खत्म होने की कगार पर था तब पायलट ने लैंडिंग गियर का उपयोग किए बिना 'बेली लैंडिंग' का प्रयास किया। इस दौरान आग से बचाव के लिए फोम को रनवे पर रखा गया था। मंदार भारदे के मार्गदर्शन में हुए इस ऑपरेशन में हवाई जहाज को सफलतापूर्वक उतारा गया।

कोरोना की दूसरी लहर के बाद नई बिमारी, शिकार

गांधीनगर। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमित मरीज ठीक होने के बाद एक नई बिमारी का तेजी से शिकार हो रहे हैं। जिसके चलते समय पर इलाज न होने पर मरीजों की आंख निकालनी पड़ रही है या फिर उनकी मौत हो रही हैं। इस बीमारी का नाम मिकोर माइकोसिस है। सूरत में 15 दिन के भीतर ऐसे 40 से अधिक केस सामने आए हैं, जिनमें 8 मरीजों की आंखें निकालनी पड़ी हैं।
एक तरफ गुजरात के सूरत में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर मचा रखा है और मरीज बेड-वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी के चलते दम तोड़ रहे थे। अब लोगों को एक नई बीमारी का भी शिकार होना पड़ रह है। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि समय पर इसका इलाज न होने पर मरीज की आंख निकालनी पड़ती या उसकी मौत हो जाती है। इस नई बीमारी का नाम मिकोर माइकोसिस बताया जा रहा है।

उत्तराखंड: पौड़ी के 1 गांव में 30 लोग संक्रमित मिलें

 पंकज कपूर            
देहरादून। कोरोना संक्रमण उत्तराखंड के गांवों में भी कहर बरपा रहा है। पौड़ी जिले के एक गांव में गुरुवार को 30 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिले के छोटे से गांव में कोरोना विस्फोट के बाद हड़कंप मच गय  है। बता दें कि जयहरीखाल क्षेत्र के बंदून गांव में सिर्फ 45 लोग निवास करते हैं।
इतनी बड़ी संख्या में एक ही जगह कोरोना संक्रमितों के मिलने से स्वास्थ्य विभाग की टीम अन्य ग्रामीणों के नमूने लेने में जुट गई हैं। सतपुली की तहसीलदार सुधा डोभाल ने बताया कि ग्रामीणों के पिछले कुछ दिन से बीमार चलने की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा तीन मई को जांच के लिए उनके नमूने लिए गए थे।

भारतीय सेना ने 2 फील्ड अस्पतालों को पटना पहुंचाया

 अविनाश श्रीवास्तव                    
 पटना। बिहार में बढ़ते कोविड केसों को देखते हुए भारतीय सेना ने नॉर्थ ईस्ट के 2 फील्ड अस्पतालों को हवाई जहाज से पटना पहुंचा दिया है। इनमें चिकित्सा विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग और सहायक कर्मचारी हैं जो 100 आईसीयू बेड सहित ईएसआई, पटना में 500 बेड वाले अस्पताल की स्थापना में सहयोग देंगे।अगले दो दिनों में भारतीय सेना यहां हवाई मार्ग से और सुविधाएं बढ़ाएगी। 
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि भारतीय सेना ने बिहार में कोविड मामलों की वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार की सहायता के लिए उत्तर-पूर्व के दो फील्ड अस्पताल हवाई जहाज से पटना पहुंचा दिए हैं। इन फील्ड अस्पतालों में चिकित्सा विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग और सहायक कर्मचारी शामिल हैं। यह मेडिकल टीम ईएसआई पटना में 100 आईसीयू बेड सहित 500 बेड वाले अस्पताल की स्थापना में सहयोग करेगी। अस्पताल में मेडिकल स्टाफ की ताकत बढ़ाने के लिए अतिरिक्त विशेषज्ञ, चिकित्सा अधिकारी, नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ प्रशिक्षित इन्फैंट्री बैटलफील्ड नर्सिंग असिस्टेंट को अगले दो दिनों में हवाई मार्ग से भेजा जा सकता है।
 ​प्रवक्ता का कहना है कि भारतीय सेना राष्ट्रीय स्तर पर कोविड रिस्पांस में सबसे आगे रही है। एक ओर सेना ने अपने सैन्य बल को कोविड से बचाए रखा है। पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों को चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित की है। सेना ने सिविल अधिकारियों की सहायता के लिए दिल्ली, अहमदाबाद, लखनऊ, वाराणसी और पटना के उन पांच कोविड अस्पतालों में काफी चिकित्सा संसाधन भी तैनात किए हैं। जो इन शहरों में या तो पहले से कार्यरत हैं या स्थापित होने की प्रक्रिया में हैं। इसीलिए एक महानिदेशक रैंक के अधिकारी के तहत विशेष कोविड प्रबंधन प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। जो सीधे वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ को रिपोर्ट करेंगे।
 इससे दिल्ली समेत देश भर में कोविड मामलों में बेहद तेज़ी से हो रही वृद्धि को कम करने के लिए रीयल टाइम प्रतिक्रियाओं के समन्वय में अधिक दक्षता आएगी। दिल्ली में परीक्षण, सैन्य अस्पतालों में प्रवेश और महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों के परिवहन आदि के रूप में नागरिक प्रशासन को सहायता पहले से ही प्रदान की जा रही है। भारतीय सेना कोविड महामारी से लड़ने में राष्ट्रीय प्रयासों में शामिल होने के लिए प्रतिबद्ध है।

एचसी के सभी चीफ जस्टिस से बात करूंगा: रमना

 अकांशु उपाध्याय               
नई दिल्ली। देश की अलग-अलग जेलों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एनवी रमना ने कहा कि मैं कल हाई कोर्ट के सभी चीफ जस्टिस से बात करूंगा और उनसे हाई पॉवर कमेटी बनाने के लिए कहूंगा।
दरअसल, पिछले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने जेल में कोरोना के मामले को देखने और उसी हिसाब से कैदियों को पेरोल या जमानत पर रिहा करने के लिए सभी हाई कोर्ट को एक हाई पॉवर कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया था।  इस बार फिर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। खासतौर पर जिन जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद हैं, वहां कोरोना विस्फोट का खतरा है।

सगे पिता के दुष्कर्म सहती रहींं दो नाबालिग बहनें

धर्मपुर। सगे पिता के दुष्कर्म सहती रहींं दो नाबालिग बहनें। फिर पिता की नियत तीसरी नाबालिग बेटी पर हुई खराब तो तीसरी को बचाने के किया येमंडी। दो नाबालिग बहनें काफी लंबे समय तक अपने पिता की हवस का शिकार होती रही। जब इन दोनों के बाद पिता की नजरें अपनी तीसरी बेटी पर टिक गई तो उसे बचाने के लिए दोनों ने हिम्मत दिखाकर अपना मुंह खोला और चाइल्डलाइन के माध्यम से मदद मांगकर पुलिस तक अपनी बात पहुंचाई। दिल झकझोर कर रख देने वाला यह मामला सामने आया है। मंडीजिला के धर्मपुर थाना क्षेत्र के तहत।
क्षेत्र के एक सरकारी विभाग में कार्यरत कर्मचारी अपनी तीन बेटियों और एक बेटे के साथ रहता है। पत्नी के साथ कुछ समय से पारिवारिक विवाद चल रहा है जिस कारण पत्नी अलग रहती है। चाइल्ड लाईन के माध्यम से पुलिस को दी शिकायत में दो बेटियों ने बताया कि उनके पिता ने कई बार उनके साथ दुराचार किया। खर्च न देने के नाम पर डराया और धमकाया।

दिल्ली से दो पर्यवेक्षकों को असम भेजनें का ऐलान

गुवाहाटी। असम विधानसभा चुनाव में गठबंधन दलों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुख्यमंत्री के चयन को लेकर आपसी खींचतान में फंसी हुई है। मतगणना के 6 दिन बाद भी भाजपा अपने मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं कर पा रही है। समय बीतने के साथ भाजपा दो गुटों में बंटी नजर आ रही है। पार्टी ने  मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए दिल्ली से दो पर्यवेक्षकों को असम भेजने का ऐलान किया है। लेकिन अभी तक पर्यवेक्षक असम नहीं पहुंचे हैं।
विधानसभा चुनाव के दौरान स्थानीय स्तर पर भाजपा ने मुख्य रूप से अपने वर्तमान मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के चेहरे के साथ ही तेजतर्रार और कद्दावर नेता डॉ हिमंत विश्वशर्मा को सामने रखकर प्रचार किया। चुनाव के आरंभ से ही स्थिति साफ होने लगी थी कि भाजपा एक बार फिर विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के बिना ही चुनाव मैदान में उतरेगी। मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पार्टी सवालों को पूरे चुनाव टालती रही। मतगणना के बाद भी पार्टी की स्थिति कमोबेश यही कायम है।
ऐसे में कयासों का बाजार गर्म होने लगा है कि भाजपा इस बार असम में अपने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल सकती है। पार्टी में साफ तौर पर सोनोवाल और डॉ विश्वशर्मा के दो धड़े दिखाई दे रहे हैं। हालांकि भाजपा का कोई शीर्ष नेता हो या अन्य नेता, कोई भी इस बात को कहने के लिए तैयार नहीं है कि राज्य की कमान किसके हाथों में सौंपी जाएगी। सभी नेता सिर्फ एक ही बात कहते नजर आ रहे हैं पार्टी की केंद्रीय कमेटी जो निर्णय लेगी, उसको सभी स्वीकार करेंगे।
अंदरूनी तौर पर देखा जाए तो चुने हुए विधायक कहीं न कहीं दो खेमों में बंटे नजर आ रहे हैं। भाजपा से जुड़े कुछ संगठनों के वरिष्ठ नेताओं ने इशारों-इशारों में इस बात का संकेत किया है कि संभवतः राज्य की कमान इस बार डॉ. हिमंत विश्वशर्मा को सौंपी जा सकती है। इसके लिए पार्टी के अंदर एकराय बनती नजर आ रही है। जबकि सर्वानंद सोनोवाल को फिर से केंद्रीय कैबिनेट में स्थान दिया जा सकता है। हालांकि खुले तौर पर इस बात को कोई कहने के लिए तैयार नहीं है। वैसे दूसरी ओर सर्वानंद सोनवाल ने भी मुख्यमंत्री की गद्दी की लड़ाई को अभी तक छोड़ा नहीं है। चुनाव नतीजे आने के बाद भी अभी तक पुरानी सरकार भंग नहीं हुई है। अमूमन चुनाव परिणाम आने के दिन या दूसरे दिन पुरानी सरकारी इस्तीफा दे दिया करती है। 
न सिर्फ राज्य की जनता में बल्कि, भाजपा के कार्यकर्ताओं में भी नए मुख्यमंत्री की घोषणा को लेकर काफी उत्सुकता दिखाई दे रही है। इधर, गैर-भाजपा दलों में भी इस बात की उत्सुकता बनी हुई है कि सोनोवाल और डॉ विश्वशर्मा के बीच आखिर मुख्यमंत्री का उम्मीदवार पार्टी द्वारा कौन बनाया जाता है।
कांग्रेस, एआईयूडीएफ, बीपीएफ आदि दलों में भी तोड़फोड़ को लेकर हड़कंप मचा हुआ है। विपक्षी दलों के बीच ऐसी आशंकाएं देखी जा रही है कि कहीं मुख्यमंत्री बनने के लिए विधायकों की संख्या दिखाने के लिए उनकी पार्टियों में तोड़फोड़ हो सकती है।
अपुष्ट सूत्रों का कहना है कि चुनाव से पूर्व विपक्षी दलों के कई विधायकों को चुनाव में टिकट प्राप्त करने और फिर चुनाव खर्च के लिए भाजपा नेताओं द्वारा सहायता दी गई थी। वहीं, नई बनने वाली सरकार में अच्छे पद का लोभ देकर विपक्षी विधायकों को तोड़े जाने की संभावना से कोई भी इनकार नहीं कर रहा है।

इस संदर्भ में उल्लेखनीय है कि असम की राजनीति में ऊपरी असम और निचले असम को लेकर हमेशा ही प्रतिस्पर्धा बनी रहती है। राज्य के  प्राख्यात कांग्रेस नेता डॉ भूमिधर बर्मन तथा सैयदा अनवरा तैमूर के अलावे आज तक निचले असम का कोई भी नेता मुख्यमंत्री नहीं बन सका। ऊपरी असम की एक लॉबी है जो फिर से सर्वानंद सोनोवाल को मुख्यमंत्री बनाने पर तुली हुई हैं। जबकि, पार्टी के अंदर और विधायकों के बीच डॉ. विश्वशर्मा अधिक लोकप्रिय हैं। राज्य की जनता के बीच भी सोनोवाल हिमंत की तुलना में अधिक लोकप्रिय नहीं हैं। यही वजह है कि उनके मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए भी भाजपा द्वारा बगैर मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ा गया। 
चुनाव के लिए आर्थिक प्रबंधन से लेकर टिकटों के बंटवारे तथा अन्य दलों के साथ गठबधन के मुद्दे पर सोनोवाल के मुकाबले भाजपा द्वारा हिमंत को अधिक तरजीह दी गयी। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री के मुद्दे पर डॉ. विश्वशर्मा की राहों में सोनोवाल खेमा द्वारा यह कहकर रोड़ा अटकाया जा रहा है कि पार्टी के प्रति हिमंत की वफादारी पर भरोसा नहीं किया जा सकता है। जिस कांग्रेस पार्टी ने हिमंत को अपना सर्वेसर्वा बना रखा था, वहीं हिमंत कांग्रेस को दगा दे गए। हिमंत के इस चरित्र से भाजपा को सावधान रहना चाहिए। वहीं, दूसरी ओर हिमंत के पक्ष में पार्टी के लोगों का यह कहना है कि हिमंत ने कांग्रेस को अपना सब कुछ दिया था, बावजूद इसके जब कांग्रेस ने उन्हें अपमानित करना शुरू कर दिया तब उन्होंने कांग्रेस को सबक सिखाए। अन्यथा दोबारा और फिर तीसरी बार कांग्रेस को सत्ता में लाने का श्रेय हिमंत को ही जाता ।
पार्टी से बगावत सोनोवाल ने भी किया था। असम गण परिषद ने सोनोवाल को जमीन से उठा कर सीधे सांसद बना दिया था। पार्टी में उन्हें अपमानित भी नहीं किया। बावजूद इसके जब पार्टी के लिए कुछ करने का समय आया तो सोनोवाल भाजपा में आ गए।
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में यदि पार्टी के प्रति वफादारी की कसौटी पर कसा जाए तो असम ही नहीं, पूर्वोत्तर में भाजपा के नेताओं की संख्या नगण्य हो जाएगी। आज की राजनीति में वही शामिल होते हैं, जिनकी कुछ राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं होती हैं। ऐसे में यदि राजनीतिक महत्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए नेता दल-बदल करते हैं तो देश की जनता उन्हें नकारती नहीं है। यह बात देश में अनेक बार साबित हो चुकी है। ऐसे में इस आधार पर हिमंत को भाजपा दरकिनार नहीं कर सकती है। विभिन्न तरीके से पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है। पार्टी के कार्यकर्ता मानते हैं कि शीघ्र ही पार्टी नए मुख्यमंत्री की घोषणा कर देगी।

स्टालिन ने तमिलनाडु के सीएम पद की शपथ लीं

 चेन्नई। एम के स्टालिन ने आज तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। स्टालिन ने पहली बार मुख्यमंत्री बनें हैं। स्टालिन ने अपना कार्यभार संभालने के बाद सबसे पहले कोरोना राहत के रूप में हर परिवार को 4,000 रुपये प्रदान करने के आदेश पर हस्ताक्षर        किए।  2,000 रुपये की पहली किस्त मई महीने में दी जाएगी। सीएम स्टालिन ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार सभी स्टेट गवर्नमेंट इंश्योरेंश कार्डहोल्डर्स का निजी अस्पतालों में कोरोना संबंधित उपचार का खर्च वहन करेगी।
15 सदस्य पहली बार बनें मंत्री...
स्टालिन के मंत्रिमंडल में उनके साथ 33 सदस्य शामिल किए गए गए हैं। इन 33 सदस्यों में 15 पहली बार मंत्री    बनें हैं। वहीं, स्टालिन ने दपरईमुरुगन जैसे वरिष्ठ नेताओं को इस मंत्रिमंडल में बरकरार रखा है।आपको बता दें।कि द्रमुक के नेता व पार्टी सचिव दपरईमुरुगन जल संसाधन मंत्री होंगे। इससे पहले वाली सरकार 2006-11 में वो लोक निर्माण मंत्री के पद पर थे। स्टालिन खुद गृह के अलावा सार्वजनिक व सामान्य प्रशासन समेत अखिल भारतीय सेवाएं और अन्य विभाग संभालेंगे।

बंगाल: सेंट्रल फोर्स के जवानों के प्रवेश पर लगाईं रोक

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर में सेंट्रल फोर्स के जवानों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। गुरुवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा के सचिव ने इस बाबत से आदेश जारी किया है। 
ज्ञातव्य है कि भाजपा के नवनिर्वाचित कई विधायकों को केंद्रीय सुरक्षा बलों की सुरक्षा प्राप्त हैं। अब उन विधायकों के साथ विधानसभा परिसर में केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान प्रवेश नहीं कर पाएंगे। गुरुवार को नंदीग्राम से नवनिर्वाचित भाजपा के विधायक और पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी विधानसभा में विधायक पद की शपथ लेने पहुंचे थे। उस समय उनकी सुरक्षा में तैनात सेंट्रल फोर्स के जवानों का पत्रकारों और फोटोग्राफों के साथ धक्का-मुक्की हुई थी। उसके मद्देनजर ही विधानसभा सचिवालय ने शुक्रवार को आदेश जारी कर केंद्रीय सुरक्षा बलों के विधानसभा परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी है। इस बावत विधानसभा के गेट पर नोटिस‌ चस्पा किया गया है।

किस्त में 17 राज्यों को ₹9,871 करोड़ जारी किए

  अकांंशु उपाध्याय               
 नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों को आर्थिक मदद देने के लिए राजस्व घाटा अनुदान की दूसरी किस्त जारी कर दी है। इस दूसरी किस्त में 17 राज्यों को 9,871 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। ये जानकारी वित्त मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में दी गई है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर चल रही देशव्यापी कोशिश में केंद्र सरकार राज्य सरकारों को हर संभव तरीके से मदद करने की कोशिश कर रही है। इसी कोशिश के तहत वित्त मंत्रालय ने मई के महीने में राजस्व घाटा अनुदान की दूसरी किस्त जारी की है। इससे पहले अप्रैल के महीने में भी सरकार ने राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान की पहली किस्त जारी की थी। दो किस्तों में अभी तक केंद्र सरकार राज्यों को कुल 19,472 करोड़ रुपये की राशि राजस्व घाटा अनुदान के रूप में जारी कर चुकी है।
 केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी देने के बाद राजस्व खाते में जो अंतर रह जाता है, उसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार राज्य सरकारों को राजस्व घाटा अनुदान देती है। राजस्व घाटा अनुदान की सिफारिश संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत वित्त आयोग की ओर से की जाती है। उल्लेखनीय है कि 15वें वित्त आयोग ने देश के 17 राज्यों को राजस्व घाटा पूरा करने के लिए तत्संबंधी अनुदान देने की सिफारिश की थी। 
 राजस्व घाटा अनुदान की दूसरी किस्त जारी करने के पहले केंद्र सरकार 1 मई को राज्यों को आपदा कोष के तहत भी केंद्रीय हिस्से की पहली किस्त के रूप में 8,873.6 करोड़ रुपये की राशि जारी कर चुकी है। इस राशि को जारी करते वक्त केंद्र सरकार ने साफ कर दिया था कि आपदा कोष के तहत दी जाने वाली राशि का 50 फीसदी यानी 4,436.8 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल कोरोना संक्रमण के रोकथाम में किया जा सकेगा। राज्यों को आपदा कोष की ये राशि केंद्रीय गृह मंत्रालय की सिफारिश पर जारी की गई थी। 
 उल्लेखनीय है कि आपदा कोष के तहत केंद्र सरकार की ओर से आमतौर पर जून महीने में राशि का आवंटन किया जाता है लेकिन देशव्यापी कोरोना संकट को देखते हुए इस साल ये राशि समय से पहले ही जारी कर दी गई है। आपदा कोष की राशि के आधे हिस्से का इस्तेमाल राज्य सरकार अपने अस्पतालों में चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने, वेंटिलेटर की व्यवस्था करने, एयर प्यूरीफायर लगाने, एंबुलेंस सेवा को मजबूत करने और कोविड केयर सेंटर तैयार करने में कर सकती है। 

सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की

राणा ओबराय                 
गुरुग्राम। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए सरकार ने 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों के लिए कोरोना वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत कर दी है। लेकिन आधी-अधूरी तैयारियों की वजह से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। 18 साल से ज्याजा उम्र के युवाओं के साथ साथ 45 साल की उम्र से ज्यादा तक के नागरिक पीएचसी सेंटर और निजी अस्पतालों में भटकने को मजबूर हैं। सेक्टर-31 पीएचसी सेंटर्स वैक्सीन नहीं होने की वजह से लोग घंटों लाइन में लगने को मजबूर हैं। नागरिकों ने कहा कि वो 3 घंटे से लाइन में खड़े हैं। जब उनकी बारी आई तो पता चला कि वैक्सीन खत्म हो गई है। अस्पताल और पीएचसी सेंटर में वैक्सीन लगवाने के लिए नागरिकों की संख्या बढ़ती जा रही है। लेकिन कोरोना वैक्सीन की कमी की वजह से लोगों काफी परेशानी हो रही है। इस मामले में पीएचसी सेंटर इंचार्ज नीता गठवाल की माने तो लगातार हो रही मौतों से लोगों में डर का माहौल है। जिसके कारण वैक्सीन लगवाने के लिए लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन के लिए अधिकारियों को लिख दिया है। जल्द ही कमी पूरी हो जाएगी।

एचसी ने दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की

अकांशु उपाध्याय                 
नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने राजधानी के स्वास्थ्य ढांचे को लेकर गुरुवार को दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की। हाईकोर्ट ने कहा कि कोरोना महामारी की इस परीक्षा की घड़ी में राजधानी में वर्तमान स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि राजधानी के जो भी निवासी कोविड-19 से पीड़ित हैं, उन्हें इलाज की सुविधा मुहैया कराएं।
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने कहा कि सरकार अगर यह कह रही है कि स्वास्थ्य ढांचा चरमराया नहीं है तो वह शुतुरमुर्ग की तरह व्यवहार कर रही है जो संकट के समय अपना सिर रेत में धंसा लेता है। बेंच ने दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा से कहा कि आप रेत में सिर धंसाए शुतुरमुर्ग की तरह व्यवहार कर रहे हैं। जब आप इस स्थिति का बचाव कर रहे हैं तो आप राजनीति से ऊपर नहीं उठ रहे हैं। हम हमेशा सच कहेंगे चाहे वह कितना भी कड़वा क्यों नहीं हो। मेहरा ने बेंच के समक्ष कहा था कि वह यह नहीं कह सकते हैं कि स्वास्थ्य ढांचा चरमरा गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार के पास कई पहल हैं जैसे बेड्स की संख्या 15 हजार तक बढ़ाना और आईसीयू बेड्स की संख्या 1200 बढ़ाना। ये सब पाइपलाइन में हैं और अब ऑक्सीजन की आपूर्ति भी हो रही है। इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि सिर्फ ऑक्सीजन की बात नहीं है। क्या ऑक्सीजन पर्याप्त है? क्या आपके पास ऑक्सीजन है तो आपके पास सब कुछ है? बेंच ने कहा कि पाइपलाइन तो पाइपलाइन है। वे फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं। बेंच ने यह टिप्पणी 53 वर्षीय एक कोविड रोगी की याचिका पर की, जिसने वेंटिलेटर युक्त आईसीयू बेड की मांग की क्योंकि उसका ऑक्सीजन स्तर करीब 40 तक गिर गया और उसे कहीं भी आईसीयू बेड नहीं मिल पा रहा है।

चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया

चेन्नई सुपर किंग्स ने ग्लीसन को टीम में शामिल किया  इकबाल अंसारी  चेन्नई। देश में इन दिनों आईपीएल की धूम मची हुई है। गत चैम्पियन चेन्नई सुपर...