बुधवार, 5 मई 2021

वर्तमान पीएम मोदी से कुर्सी छोड़ने का तीखा आग्रह

नरेंद्र दामोदरदास मोदी,
प्रधानमंत्री, भारत सरकार।
अकांशु उपाध्याय   
नई दिल्ली। भारत की 130 करोड़ अवाम को आज ऑक्सीजन नहीं चाहिए- वह तो लोग जुगाड़ कर ही रहे हैं। भारत को आज रेमडेसीविर और प्लाज़्मा भी नहीं चाहिए- वह भी किसी तरह जमाखोरों से जुगाड़ किया जा रहा है, या लोग दान कर रहे हैं।
आपकी अवाम को अस्पताल भी नहीं चाहिए, जो आपने बीते 8 साल में नहीं दिए। हम खुद ही बिस्तर जुगाड़ लेंगे या सड़क पर मरना पसंद करेंगे। भारत की अवाम को ऐसा पिट्ठू राष्ट्रपति भी नहीं चाहिए, जो अपनी सरकार की नाकामी और चहुंओर आलोचनाओं पर भी लाचार और चुप है।
आज भारत की 130 करोड़ अवाम को एक अदद सरकार चाहिए। देश की अवाम और खासकर मेरे जैसे लोग इसके लिए 2024 तक इंतज़ार नहीं कर सकते। मैं आपके आगे मदद के लिए गिड़गिड़ाने के बजाय जेल जाना या सड़क पर मरना पसंद करूंगा।
मैं एक आम नागरिक के रूप में अपने वतनपरस्त साथियों और देश की अवाम की ओर से प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि कृपया तुरंत अपने पद से इस्तीफा दें। कुर्सी से हट जाएं। आप इस देश को जन्नत बनाने की कला नहीं जानते, पर आपको इसे नर्क बनाने की कला खूब आती है। आप हालात को संभाल नहीं पा रहे।
प्रधानमंत्री जी, आप अभी कुर्सी नहीं छोड़ेंगे तो आगे और लाखों लोग मरेंगे। आपने कहा था कि रिटायरमेंट के बाद योग और ध्यान करके वक़्त काटेंगे। तो जाइये, वही कीजिये। आपकी बची-खुची गरिमा बनी रहेगी। आपकी पार्टी के बहुत से नेता आपकी जगह ले सकते हैं। आरएसएस की अनुमति से। उम्मीद है वे आपसे तो बेहतर और संवेदनशील ही होंगे।
राष्ट्रपति देश की तमाम राज्य सरकारों से एक सर्वदलीय समिति के गठन को कहें, जिसमें विपक्ष के नेताओं के साथ वैज्ञानिक, डॉक्टर, जन स्वास्थ्य के विशेषज्ञ शामिल हों।
प्रधानमंत्री जी, भारत इस वक़्त दुनिया के लिए खतरा बन चुका है। भारत में कोविड की समस्या सिर्फ देश की ही नहीं, दुनिया के लिए भी है। प्रधानमंत्रीजी, आपकी अक्षमता दुनिया के ताक़तवर देशों को भारत के मामलों में घुसपैठ करने का मौका दे रही है।
आज पूर्वी लद्दाख में चीन की घुसपैठ को एक साल हो गए। हमने अपनी ज़मीन खोई, 1959 की LAC को मान लिया, आपने अपनी ही सेना को शर्मसार किया, क्योंकि चीन ने उसे घुसपैठिया बताया था और आप चुप रहे।
आपके शासन में अभी भारत की संप्रभुता भी खतरे में है। भारत विदेशी ताक़तों का उपनिवेश बनता जा रहा है। देश के हज़ारों नौजवानों, सेनानियों ने इसी संप्रभुता के लिए जान दी है। आप भी जानते हैं कि आरएसएस ने अंग्रेजों से सिर्फ माफ़ी ही मांगी। अब आपकी पार्टी तो लोकतंत्र के लिए ही खतरा बन चुकी है।
मोदीजी, आपने ही कहा था कि फ़कीर आदमी हूं, झोला उठाकर निकल लूंगा। तो निकल लीजिए, वक़्त आ चुका है। हम भारतीयों को मंदिर-मस्जिद, मूर्तियां, नई संसद, आपकी हवेली और बिकता हुआ देश नहीं, एक सरकार चाहिए-जो मौत नहीं, ज़िन्दगी बांटे।
मोदीजी, आप भारत का प्रधानमंत्री बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं। इसलिए अपनी ज़िम्मेदारी निभाएं और कुर्सी छोड़ दें। हम सब भारत के नागरिक आपसे विनती करते हैं। 

आपदा में अवसर, नींबू-नारियल के दाम तीन गुणा

राणा ओबरॉय  
रोहतक। जिले में कोरोना महामारी ने हर तरफ से लोगों की कमर तोड़ दी है। कमाई के साधन बंद पड़े हैं और उस पर महंगाई बढ़ने लगी है। कोरोना के मरीजों के लिए लाभदायक नींबू-नारियल जैसी सामान्य वस्तुओं के दामों में भी भारी उछाल देखा जा रहा है। अनेक लोगों को मायूस होकर मजबूरी में इतने महंगे दामों पर भी ये खरीदने पड़ रहे हैं।
शहर में 40 से अधिक स्थानों पर फुटपाथ पर कच्चा नारियल बेचा जा रहा है। इसके अलावा दुकानों पर भी कच्चे नारियल बेचे जा रहे हैं। महामारी के दौर में खुद को स्वस्थ्य रखने या मरीजों के स्वास्थ्य में जल्दी सुधार के लिए लोग इसका सेवन कर रहे हैं। जिससे इसकी मांग बढ़ रही है।
ऐसे में जो नारियल दो सप्ताह पहले तक 40 रुपये का मिल रहा था, वहीं अब 70 से 80 रुपये में मिल रहा है। झज्जर रोड पर निवासी अनिल ने बताया कि वो कच्चा नारियल लेने के लिए मानसरोवर पार्क के निकट आया था। जब उन्होंने नारियल का रेट पूछा तो दुकानदार ने 80 रुपये बताया। यह सुनकर वह दंग रह गया।
वहीं, मकडौली गांव निवासी सुमित ने बताया कि नारियल पानी के दाम 70-80 रुपये लिए जा रहे हैं। इनके अलावा नींबू भी 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। जबकि दो सप्ताह पहले तक इसके दाम 80 रुपये प्रति किलोग्राम थे। वहीं, पपीता, कीवी, संतरा और मौसमी के दामों में भी भारी उछाल हो गया है।
उधर, लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि महामारी के ऐसे समय में इन सामान्य वस्तुओं के दाम तय किए जाने चाहिए। ताकि जरूरत के समय आम लोगों को दिक्कतें न उठानी पड़े। इस कोरोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि रोहतक में दिल्ली से फल आते है। दिल्ली में लॉकडाउन का असर यहां हो रहा है। वहीं से फल महंगे मिल रहे हैं और मांग भी बहुत बढ़ गई है।
जिसका असर दामों पर पड़ रहा है। नई फल एवं सब्जी मंडी आढ़ती वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान सोनू छाबड़ा ने बताया कि महामारी के बीच कच्चे नारियल, नींबू, संतरा व कीवी आदि फलों की मांग बढ़ गई है। कच्चे नारियल का प्रति पीस 60 रुपये थोक में ही मिल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ आवक कम है। इसी कारण दामों में वृद्धि हो गई है।

आप से नहीं संभल रहा, दायित्व सेना को सौंपे: एचसी

 अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। देशभर समेत बिहार में भी कोरोनावायरस को लेकर हालात बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य में हर दिन संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है। वहीं कई पीड़ित लोग ऑक्सीजन और बेड की कमी से जूझ रहे हैं। बिहार में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि अगर आप से स्थिति नहीं संभल रही है तो क्या कोविड का प्रबंधन सेना को सौंप देना चाहिए? अदालत ने कहा कि बार-बार आदेश देने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हो रहा है। कोर्ट ने यहां तक कह डाला कि ये शर्म की बात है कि हमारे बार-बार आदेश देने के बाद भी लोग मर रहे हैं। इस बीच राज्य में ना तो सरकारी अस्पताल और न निजी अस्पताल में लोगों को बेड मिल रहा है और जो भर्ती हैं उन्हें पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन भी नहीं मिल रहा है।

ऑक्सीजन के अभाव में मौत को हत्या क्यों ना माने

बृजेश केसरवानी  

प्रयागराज। कोरोना महामारी के बीच ऑक्सीजन की कमी को लेकर देशभर की अदालतें सरकारों से बेहद नाराज हैं। इसी सिलसिले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार सख्त टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने से कोरोना मरीजों की जान जाना अपराध है, यह किसी नरसंहार से कम नहीं है।

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की बेंच राज्य में कोरोना के बढ़ते मामलों और क्वारैंटाइन सेंटर्स की स्थिति को लेकर दायर पिटीशन पर सुनवाई कर रही थी। इसी दौरान लखनऊ और मेरठ में ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों को लेकर सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के रेफरेंस में कोर्ट ने कमेंट किया। साथ ही दोनों जिलों के DM को ऐसी खबरों की 48 घंटे में जांच कर अगली सुनवाई पर ऑनलाइन पेश होकर रिपोर्ट देने को कहा है।

कोर्ट ने कहा, ‘कोरोना मरीजों को मरते देख हम दुखी हैं। यह उन लोगों द्वारा नरसंहार से कम नहीं, जिन पर ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी है। हम अपने लोगों को इस तरह कैसे मरने दे सकते हैं, जबकि विज्ञान इतना एडवांस है कि आज हार्ट ट्रांसप्लांटेशन और ब्रेन सर्जरी भी हो रही हैं।’

हाईकोर्ट ने कहा कि आमतौर पर हम राज्य सरकार और जिला प्रशासन को सोशल मीडिया पर वायरल खबरों की जांच करने के लिए नहीं कहते, लेकिन इस मामले से जुड़े वकील भी इस तरह की खबरों का जिक्र कर रहे हैं। उनका यहां तक उनका है कि राज्य के बाकी जिलों में भी यही स्थिति है। इसलिए हमें (कोर्ट) सरकार को तुरंत कदम उठाने के आदेश देना जरूरी लगा।

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार
दिल्ली में ऑक्सीजन संकट पर हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा कि आप शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर डालकर बैठे रह सकते हैं हम नहीं। इसके बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई करने के आदेश का पालन नहीं करने पर क्यों न आपके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चलाया जाए।

मां बनने के बाद 800 महिलाओं की मौत: संक्रमण

ब्रासीलिया। कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे ब्राजील में गर्भवती महिलाओं के लिए यह महामारी काल बनती जा रही है। ब्राजील में गर्भवती और मां बनने के तुरंत बाद 800 महिलाओं की मौत से पूरा देश हिल गया है। देश के अधिकारियों ने महिलाओं को चेतावनी दी है कि वे अपने गर्भधारण करने की योजना को कुछ समय के लिए टाल दें। ब्राजील में अब तक कोरोना वायरस से 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

ब्राजील के एक टास्कफोर्स के मुताबिक पिछले साल फरवरी महीने में कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद ब्राजील में कम से कम 803 गर्भवती और बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं की मौत हो गई। इनमें से 432 महिलाओं की मौत इस साल हुई है। ब्राजील में इस साल कोरोना वायरस सबसे खतरनाक स्घ्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में ब्राजील के अखबार गर्भवती महिलाओं की मौत की खबरों से भरे हुए थे। 

गुरुद्वारे में 250 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया

सत्येंद्र ठाकुर  

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी इस कदर कहर बरपा रही है कि आए दिन मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की कमी से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी डीएसजीएमसी मानवता की रक्षा के लिए आगे आई है। कोरोना काल में लोगों की जिंदगी की ढाल बनने के लिए कमेटी ने दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारे रकाबगंज साहिब में 250 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया है। जहां ऑक्सीजन और दवाईयों समेत हर प्रकार की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। आगामी गुरुवार को सेंटर की शुरुआत की जाएगी।

मंगलवार को डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कमेटी की तरफ से गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के भाई लक्खी शाह वणजारा हाल में बनाया गया 250 बेड का कोरोना केयर सेंटर गुरुवार छह मई से शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 100 बेड की सुविधा मिलेगी और इसके एक हफ्ते बाद और 150 बेड भी सेवा में उपलब्ध होंगे। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया है कि यह कोरोना केयर सेंटर सिफ ऑक्सीजन की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया है। इसमें उन मरीजों को दाखिल नहीं किया जाएगा जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होगी।मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, " जिन का ऑक्सीजन स्तर कम होगा, उन मरीजों को यहां भर्ती किया जाएगा और ऑक्सीजन प्रदान की जाएगी। लेकिन गंभीर मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जाएगा। यहां हर बेड के साथ ऑक्सीजन, दवाएं और लंगर प्रदान किया जाएगा और किसी मरीज से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका से 250 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगाए गए हैं और अब तक लगभग 100 कंसंट्रेटर आ गए हैं जो इस कोरोना केयर में इस्तेमाल किए जाएंगे।

कोविड केयर सेंटर में एम्बुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी। सिरसा ने बताया कि कमेटी की ओर से एम्बुलेंस के साथ-साथ डॉक्टर्स भी हायर किए गए हैं। मरीजों की देखभाल में कोई कमी न रहे, इसके लिए कमेटी के वॉलंटियर्स भी यहां चैबीसों घंटे ड्यूटी पर रहेंगे। इसके अलावा गुरुद्वारा कमेटी की ओर से कोरोना संक्रमित लोगों के घर पर लंगर पहुंचाने की भी सेवा की जा रही है। कमेटी ने इसके लिए कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिस पर कॉल करके कोरोना संक्रमित लोग अपने घर पर भोजन मंगा सकते हैं।

सीएम राहत कोष से 100 करोड रुपए जारी: टीका

पंकज कपूर 
देहरादून। उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर प्रदेश में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य के 18 से 44 वर्ष की आयु सीमा के नागरिकों को वैक्सीनेशन किए जाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड रुपए जारी कर दिए गए हैं, अपर सचिव मुख्यमंत्री अरुणेंद्र सिंह चौहान ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को पत्र लिखकर इसके आदेश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत वैक्सीनेशन किए के दृष्टिगत कोवीशील्ड व कोवैक्सीन के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ स्वीकृत कर महानिदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य के निवर्तन पर रखे जाने का निर्णय लिया गया है। 
इसके तहत कुछ शर्ते भी लगाई गई हैं जिसके तहत मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि का उपयोग उसी मध्य में किया जाए जिस मद में धनराशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि से कोई सिल्वर को वैक्सीन का क्रय संगत नियमों में किया जाए आपको बता दें प्रदेश सरकार की वैक्सीनेशन को लेकर लगातार बात चल रही है अभी 18 से 45 वर्ष आयु के युवाओं के टीकाकरण का अभियान शुरू नहीं हो पाया है।

मोर्चरी में रखा महिला का शव चींटी-चूहे खा गए

शैलेश श्रीवास्तव  
आजमगढ़। देश एक तरफ जहां कोरोना से लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। हालात अब इअसे हो गए हैं कि मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार होने के बजाय उन्हें चूहे और चीटियां खा रहे हैं। कई बार तो कर्मचारियों को इस बात का पता का तब तक पता नहीं चल पाता है जब तक लाश से दुर्गंध नहीं आने लग जाती हैताजा मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के बलरामपुर मंडलीय अस्पताल का है। जहां 29 अप्रैल की शाम बिलरियागंज में सड़क पर घायल अवस्था में मिली 32 वर्षीय अज्ञात महिला को 108 नंबर की एंबुलेंस के कर्मचारियों ने शाम पांच बजे मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया था। अगले दिन 30 अप्रैल की सुबह उसकी मौत हो गई तो कर्मचारियों ने शव मोर्चरी में रखवा दिया। इसके साथ ही शव के शिनाख्त और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के लिए पुलिस को सूचना भेज दी। लेकिन स्वास्थ्य और पुलिस विभाग दोनों की लापरवाही के चलते न तो शव की शिनाख्त हो सकी, न ही पोस्टमार्टम कराया गया। नतीजन महिला का शव बीते 5 दिनों से मोर्चरी में ही पड़ा हुआ है और अबतक उसकी लाश के अधिकांश हिस्से चूहे और चीटियां खा चुके हैं। 
बता दें कि मंडलीय अस्पताल परिसर में आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस बनवाया गया है। शवों को रखने के लिए यहां फ्रीजर भी लगवाया गया है लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते वो खराब पड़ा है। जिसके कारण शवों को बाहर ही रखना पड़ता है। यह मुद्दा कई बार उठा लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएमओ डॉ. एके मिश्र ने बताया किमोर्चरी मेरी देखरेख में ही आती है। अभी घटना मेरी जानकारी में नहीं है. मेरे पास दूसरे भी कई काम हैं। यह काम पुलिस का भी है। सूचना दी गई तो पुलिस को पोस्टमार्टम कराना चाहिए था। इस बारे में फार्मासिस्ट से जानकारी लूंगा।

वहीं, बलरामपुर चौकी प्रभारी अनिल मिश्रा का कहना है किजिला अस्पताल में मरीज की मौत होने पर मेमो कोतवाली भेजा जाता है। वहां से ही ड्यूटी निर्धारित कर पोस्टमार्टम कराया जाता है। हमेशा होता भी रहा है, चूक कैसे हुई कहना मुश्किल है। शव का पोस्टमार्टम बुधवार को कराया जाएगा।


कोरोना संक्रमण की रफ्तार के बीच राजनीति गरमाई

अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। अब जाकर राज्य सरकार ने 10 दिनों का लॉकडाउन लागू किया है। कोरोना संक्रमण से हर दिन सैकड़ों लोग मर रहे। सरकार के तमाम दावों के विपरीत अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी है। लोग बिना इलाज के ही मर रहे हैं। इन सब के बीच बिहार में राजनीति भी जारी है। तेजस्वी यादव भले ही बिहार से बाहर हों लेकिन वो ट्वीट पर सक्रिय हैं और लगातार नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे हैं। तेजस्वी ने सीएम नीतीश को हर मोर्चों पर फेल बताया है। तेजस्वी के आरोप पर जेडीयू के कद्दावर नेता और सांसद ललन सिंह ने जवाब दिया है।
किस बिल छुपकर ट्वीट कर रहे- ललन

जेडीयू सांसद ललन सिंह ने तेजस्वी यादव के हमले पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव किस बिल में छुपकर ट्वीट कर रहे हैं। इसकी जानकारी सार्वजनिक करें। बिहार की जनता यह जानना चाहती है कि संकट की घड़ी में नेता प्रतिपक्ष कहां हैं.ललन सिंह ने आगे कहा कि जब भी संकट आता है तेजस्वी यादव गायब हो जाते हैं। 

तेजस्वी यादव आपको बिहार की जनता खोज रही-जेडीयू

जेडीयू सांसद ने कहा कि बिहार में लॉक डाउन कब लगाना है,राज्य सरकार ने इस मंथन किया और लॉकडाउन लगाया गया। तमाम परिस्थितियो को देखकर मुख्यमंत्री ने लॉकडाउ लगाया। सिर्फ आरोप लगा देने भर से कुछ नही होता है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव आपको बिहार की जनता खोज रही है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण    
1. अंक-263 (साल-02)
2. बृहस्पतिवार, मई 6, 2021
3. शक-1984,बैसाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- नवमी, विक्रमी सवंत-2078। 
सहरी 04:10, इफ्तार 07:01। 23 रमजान, हिजरी 1442।
4. सूर्योदय प्रातः 06:05, सूर्यास्त 06:59।
5. न्‍यूनतम तापमान -15 डी.सै., अधिकतम-39+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।
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कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...