बुधवार, 5 मई 2021

मां बनने के बाद 800 महिलाओं की मौत: संक्रमण

ब्रासीलिया। कोरोना वायरस के कहर से जूझ रहे ब्राजील में गर्भवती महिलाओं के लिए यह महामारी काल बनती जा रही है। ब्राजील में गर्भवती और मां बनने के तुरंत बाद 800 महिलाओं की मौत से पूरा देश हिल गया है। देश के अधिकारियों ने महिलाओं को चेतावनी दी है कि वे अपने गर्भधारण करने की योजना को कुछ समय के लिए टाल दें। ब्राजील में अब तक कोरोना वायरस से 4 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

ब्राजील के एक टास्कफोर्स के मुताबिक पिछले साल फरवरी महीने में कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद ब्राजील में कम से कम 803 गर्भवती और बच्चे को जन्म देने के बाद महिलाओं की मौत हो गई। इनमें से 432 महिलाओं की मौत इस साल हुई है। ब्राजील में इस साल कोरोना वायरस सबसे खतरनाक स्घ्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में ब्राजील के अखबार गर्भवती महिलाओं की मौत की खबरों से भरे हुए थे। 

गुरुद्वारे में 250 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया

सत्येंद्र ठाकुर  

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना महामारी इस कदर कहर बरपा रही है कि आए दिन मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड की कमी से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। इस मुश्किल घड़ी में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी डीएसजीएमसी मानवता की रक्षा के लिए आगे आई है। कोरोना काल में लोगों की जिंदगी की ढाल बनने के लिए कमेटी ने दिल्ली के ऐतिहासिक गुरुद्वारे रकाबगंज साहिब में 250 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया है। जहां ऑक्सीजन और दवाईयों समेत हर प्रकार की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। आगामी गुरुवार को सेंटर की शुरुआत की जाएगी।

मंगलवार को डीएसजीएमसी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि कमेटी की तरफ से गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब के भाई लक्खी शाह वणजारा हाल में बनाया गया 250 बेड का कोरोना केयर सेंटर गुरुवार छह मई से शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 100 बेड की सुविधा मिलेगी और इसके एक हफ्ते बाद और 150 बेड भी सेवा में उपलब्ध होंगे। दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष ने यह स्पष्ट किया है कि यह कोरोना केयर सेंटर सिफ ऑक्सीजन की सुविधा प्रदान करने के लिए बनाया गया है। इसमें उन मरीजों को दाखिल नहीं किया जाएगा जिन्हें वेंटिलेटर की जरूरत होगी।मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, " जिन का ऑक्सीजन स्तर कम होगा, उन मरीजों को यहां भर्ती किया जाएगा और ऑक्सीजन प्रदान की जाएगी। लेकिन गंभीर मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया जाएगा। यहां हर बेड के साथ ऑक्सीजन, दवाएं और लंगर प्रदान किया जाएगा और किसी मरीज से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका से 250 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मंगाए गए हैं और अब तक लगभग 100 कंसंट्रेटर आ गए हैं जो इस कोरोना केयर में इस्तेमाल किए जाएंगे।

कोविड केयर सेंटर में एम्बुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी। सिरसा ने बताया कि कमेटी की ओर से एम्बुलेंस के साथ-साथ डॉक्टर्स भी हायर किए गए हैं। मरीजों की देखभाल में कोई कमी न रहे, इसके लिए कमेटी के वॉलंटियर्स भी यहां चैबीसों घंटे ड्यूटी पर रहेंगे। इसके अलावा गुरुद्वारा कमेटी की ओर से कोरोना संक्रमित लोगों के घर पर लंगर पहुंचाने की भी सेवा की जा रही है। कमेटी ने इसके लिए कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं जिस पर कॉल करके कोरोना संक्रमित लोग अपने घर पर भोजन मंगा सकते हैं।

सीएम राहत कोष से 100 करोड रुपए जारी: टीका

पंकज कपूर 
देहरादून। उत्तराखंड से आज की सबसे बड़ी खबर प्रदेश में कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए राज्य के 18 से 44 वर्ष की आयु सीमा के नागरिकों को वैक्सीनेशन किए जाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड रुपए जारी कर दिए गए हैं, अपर सचिव मुख्यमंत्री अरुणेंद्र सिंह चौहान ने महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को पत्र लिखकर इसके आदेश जारी कर दिए हैं, जिसके तहत वैक्सीनेशन किए के दृष्टिगत कोवीशील्ड व कोवैक्सीन के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 100 करोड़ स्वीकृत कर महानिदेशक चिकित्सा व स्वास्थ्य के निवर्तन पर रखे जाने का निर्णय लिया गया है। 
इसके तहत कुछ शर्ते भी लगाई गई हैं जिसके तहत मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि का उपयोग उसी मध्य में किया जाए जिस मद में धनराशि स्वीकृत की गई है। मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत धनराशि से कोई सिल्वर को वैक्सीन का क्रय संगत नियमों में किया जाए आपको बता दें प्रदेश सरकार की वैक्सीनेशन को लेकर लगातार बात चल रही है अभी 18 से 45 वर्ष आयु के युवाओं के टीकाकरण का अभियान शुरू नहीं हो पाया है।

मोर्चरी में रखा महिला का शव चींटी-चूहे खा गए

शैलेश श्रीवास्तव  
आजमगढ़। देश एक तरफ जहां कोरोना से लड़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली की वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। हालात अब इअसे हो गए हैं कि मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार होने के बजाय उन्हें चूहे और चीटियां खा रहे हैं। कई बार तो कर्मचारियों को इस बात का पता का तब तक पता नहीं चल पाता है जब तक लाश से दुर्गंध नहीं आने लग जाती हैताजा मामला उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के बलरामपुर मंडलीय अस्पताल का है। जहां 29 अप्रैल की शाम बिलरियागंज में सड़क पर घायल अवस्था में मिली 32 वर्षीय अज्ञात महिला को 108 नंबर की एंबुलेंस के कर्मचारियों ने शाम पांच बजे मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया था। अगले दिन 30 अप्रैल की सुबह उसकी मौत हो गई तो कर्मचारियों ने शव मोर्चरी में रखवा दिया। इसके साथ ही शव के शिनाख्त और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के लिए पुलिस को सूचना भेज दी। लेकिन स्वास्थ्य और पुलिस विभाग दोनों की लापरवाही के चलते न तो शव की शिनाख्त हो सकी, न ही पोस्टमार्टम कराया गया। नतीजन महिला का शव बीते 5 दिनों से मोर्चरी में ही पड़ा हुआ है और अबतक उसकी लाश के अधिकांश हिस्से चूहे और चीटियां खा चुके हैं। 
बता दें कि मंडलीय अस्पताल परिसर में आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस बनवाया गया है। शवों को रखने के लिए यहां फ्रीजर भी लगवाया गया है लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते वो खराब पड़ा है। जिसके कारण शवों को बाहर ही रखना पड़ता है। यह मुद्दा कई बार उठा लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीएमओ डॉ. एके मिश्र ने बताया किमोर्चरी मेरी देखरेख में ही आती है। अभी घटना मेरी जानकारी में नहीं है. मेरे पास दूसरे भी कई काम हैं। यह काम पुलिस का भी है। सूचना दी गई तो पुलिस को पोस्टमार्टम कराना चाहिए था। इस बारे में फार्मासिस्ट से जानकारी लूंगा।

वहीं, बलरामपुर चौकी प्रभारी अनिल मिश्रा का कहना है किजिला अस्पताल में मरीज की मौत होने पर मेमो कोतवाली भेजा जाता है। वहां से ही ड्यूटी निर्धारित कर पोस्टमार्टम कराया जाता है। हमेशा होता भी रहा है, चूक कैसे हुई कहना मुश्किल है। शव का पोस्टमार्टम बुधवार को कराया जाएगा।


कोरोना संक्रमण की रफ्तार के बीच राजनीति गरमाई

अविनाश श्रीवास्तव  
पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है। अब जाकर राज्य सरकार ने 10 दिनों का लॉकडाउन लागू किया है। कोरोना संक्रमण से हर दिन सैकड़ों लोग मर रहे। सरकार के तमाम दावों के विपरीत अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी है। लोग बिना इलाज के ही मर रहे हैं। इन सब के बीच बिहार में राजनीति भी जारी है। तेजस्वी यादव भले ही बिहार से बाहर हों लेकिन वो ट्वीट पर सक्रिय हैं और लगातार नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे हैं। तेजस्वी ने सीएम नीतीश को हर मोर्चों पर फेल बताया है। तेजस्वी के आरोप पर जेडीयू के कद्दावर नेता और सांसद ललन सिंह ने जवाब दिया है।
किस बिल छुपकर ट्वीट कर रहे- ललन

जेडीयू सांसद ललन सिंह ने तेजस्वी यादव के हमले पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव किस बिल में छुपकर ट्वीट कर रहे हैं। इसकी जानकारी सार्वजनिक करें। बिहार की जनता यह जानना चाहती है कि संकट की घड़ी में नेता प्रतिपक्ष कहां हैं.ललन सिंह ने आगे कहा कि जब भी संकट आता है तेजस्वी यादव गायब हो जाते हैं। 

तेजस्वी यादव आपको बिहार की जनता खोज रही-जेडीयू

जेडीयू सांसद ने कहा कि बिहार में लॉक डाउन कब लगाना है,राज्य सरकार ने इस मंथन किया और लॉकडाउन लगाया गया। तमाम परिस्थितियो को देखकर मुख्यमंत्री ने लॉकडाउ लगाया। सिर्फ आरोप लगा देने भर से कुछ नही होता है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव आपको बिहार की जनता खोज रही है।


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण    
1. अंक-263 (साल-02)
2. बृहस्पतिवार, मई 6, 2021
3. शक-1984,बैसाख, कृष्ण-पक्ष, तिथि- नवमी, विक्रमी सवंत-2078। 
सहरी 04:10, इफ्तार 07:01। 23 रमजान, हिजरी 1442।
4. सूर्योदय प्रातः 06:05, सूर्यास्त 06:59।
5. न्‍यूनतम तापमान -15 डी.सै., अधिकतम-39+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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