सोमवार, 3 मई 2021

सिलेंडर में बंद ऑक्सीजन 'संपादकीय'

मधुकर कहिन 
कोरोना के दौरान ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर आपके हर सवाल का जवाब !!!
प्लांट से अस्पतालों तक सिलेंडर पहुंचने वाले लोगों का अब तक नहीं हुआ है वैक्सीनशन 
सुबह से लेकर शाम तक सैकड़ों फोन उठाता हूँ। हर फोन पर सिर्फ एक ही सवाल होता है और एक ही मुद्दा - साहब 'ऑक्सीजन' का सिलेंडर नहीं है, दिला दो , साहब 'ऑक्सीजन' गैस कहां से लाऊं ?  साहब 'ऑक्सीजन' का सिलेंडर कब तक मिलेगा ? मेरे पास न कोई जवाब होता है और न ही कोई हल।
मैंने सोचा आज यह ब्लॉग लिख कर सारे जवाब एक साथ ही दे डालूँ। सभी लोगों को बता दूँ की मैं कोई सुपर मैन नहीं हूँ। भाई ! मैं भी एक आम इंसान ही हूँ। बस पत्रकार हूँ इसलिए ज़रा ज्यादा मुखर हूँ। जितना ज्ञान इस विषय पर मैंने इन दिनों अर्जित किया है उतना आप तक पहुंचा रहा हूँ।
तो साहब ! जिस 'ऑक्सीजन' की हम बात कर रहे हैं। वह 'ऑक्सीजन' कोविड-19 के मरीजों को जिंदा रखने और उपचार के दौरान दी जाने वाली संजीवनी बूटी की तरह है। जिसे सैकड़ों लोग रोज़ 'ऑक्सीजन' प्लांट से लेकर अस्पतालों तक ले जा रहे हैं। जिनका खुद का वैक्सीनशन अब तक नहीं हुआ है। है न कमाल ?

 खैर, लोगों के अक्सर जो सवाल होते है वो कुछ ऐसे हैं ...
पहला सवाल - मैं कोरोना पॉजिटिव हूँ। मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। क्या मुझे 'ऑक्सीजन' की जरूरत तुरंत  पड़ेगी ?
जवाब है कि  - अगर आप की रिपोर्ट पॉजिटिव है , तो आपको तुरंत 'ऑक्सीजन' की ज़रूरत नहीं है। यदि आपकी HRTC रिपोर्ट 10 से ऊपर है तो आपको तुरंत ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी। आपकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही आपको ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है। इसलिए पॉजिटिव आते ही दवाइयों पर और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर रहें। जल्दबाजी न करें डॉ की सलाह पर दवाई लेते रहें। इस से क्या होगा कि आप यदि व्यवस्थाओं में माहिर है तो सिलेंडर और ऑक्सीजन अपने घर तो ले आएंगे। लेकिन वह आपके काम नहीं आएगी और उसके साथ-साथ किसी और ज्यादा जरूरतमंद के भी काम नहीं आएगी। अधिकांश मामले नियमित दवाई और चिकित्सकों की गाइडेंस से ठीक हो रहे हैं।
दूसरा सवाल - आखिर मुझे 'ऑक्सीजन' मिलेगी कहाँ से ?
जवाब है कि - आपको 'ऑक्सीजन' सिलेंडर उसी अस्पताल में भर्ती होने पर मिलेगा। जिस अस्पताल से आप का उपचार चल रहा है और वही अस्पताल आपको भर्ती तो कर देगा।, लेकिन 'ऑक्सीजन' पर तभी लेगा। जब आपकी मेडिकल HRCT 10 से ज्यादा दिखाई देगी। उससे पहले वह भी आपको आईसीयू एडमिट नहीं करेगा।
तीसरा सवाल -किस अस्पताल में जाएँ जहाँ 'ऑक्सीजन' की दिक्कत न आये ?
जवाब है - हर उस अस्पताल में आप जा सकते हैं जिसे कोविड अस्पताल घोषित कर दिया गया है। उसमें आप जा सकते हैं और इलाज ले सकतें है। बात 'ऑक्सीजन' की तो हर अस्पताल को प्रशासन की ओर से रोज़ ऑक्सिजन सिलेंडर अलॉट किये जाते हैं । ( अनुमानित संख्या )
जैसे कि
 1300 से 2200 सिलेंडर रोज जेएलएन अस्पताल 
 55 से 100 सिलेंडर चर्चित गैस एजेंसी सिविल लाइन्स 
 55 से 100 सिलेंडर फेयर डील मेडिकल आर्यनगर 
 35 से 40 सिलेंडर क्षेत्रपाल अस्पताल
 18 से 22 सिलेंडर मित्तल अस्पताल
 45 सिलेंडर सेटेलाइट अस्पताल
 12 सिलेंडर आरएस अस्पताल
और इसी तरह से जितने भी निजी और सरकारी कोविड अस्पताल हैं। सब के पास 'ऑक्सीजन' उनके कोटा अनुसार उपलब्ध है। 
परंतु ऑक्सीजन आपको तभी मिल पाएगी जब आपको उसकी जरूरत होगी। इसलिए बेवजह सिलेंडर के पीछे ना भागे। घर में रहे और अपना उपचार जारी रखें।
चौथा सवाल क्या मुझे 'ऑक्सीजन' कंसंट्रेटर पर निर्भर रहना चाहिए ? 
इसका जवाब है कि 'ऑक्सीजन' कंसंट्रेटर मात्र 5 किलो ऑक्सीजन वायुमंडल से बनाकर देता है। जो कि केवल एक हद तक मददगार है । यदि आप कोविड-19 के शिकार हो गए और आपको 'ऑक्सीजन' की जरूरत है तो यह कंसंट्रेटर आपको कुछ प्रतिशत तक ही घरेलू लाभ पहुंचा सकता है। परंतु आपके लिए उम्मीद करना कि यह कंसंट्रेटर 'ऑक्सीजन' सिलेंडर की 98% गैस की तरह राहत देता है तो आपकी सोच गलत है।  
पाँचवा सवाल - 'ऑक्सीजन' हेतु आखिर एक मरीज़ के पास क्या क्या विकल्प हैं ?
जवाब है - संक्रमण के स्तर को देखते हुए तीन तरह की मशीनें साफ तौर पर मार्केट में दिखाई दे रही है। प्रथम तरह की मशीन है 'ऑक्सीजन' कंसंट्रेटर जो, कि आपकी सांस लेने की क्षमता को 5% बढ़ाता है। कंसंट्रेटर की कीमत लगभग 66 हज़ार तक कि होती है। 
उसके बाद है, बाई पेप मशीन जो कि 50 से 55% तक आपकी क्षमता बढ़ाएगा। इसकी कीमत 90 हजार के आसपास है।
और अंततः वेंटिलेटर जिसकी कीमत लगभग 70 से 80 लाख है। जहां 'ऑक्सीजन' सिलेंडर लगने पर आपकी सांस लेने की क्षमता 98 परसेंट तक बढ़ जाती है।
 तीनों ही तरह में कंसंट्रेटर ही एक ऐसा जुगाड़ है जो आपको प्राथमिक स्तर पर लाभ पहुंचा सकता है। परंतु यदि आप यह उम्मीद करते हैं कि जिस मरीज को वेंटीलेटर की जरूरत है। उसका काम कंसंट्रेटर से चल जाएगा तो यह उम्मीद आपको भारी पड़ सकती है।
 छठा सवाल - मेरा मरीज घर पर है। मुझे डॉक्टर ने 'ऑक्सीजन' सिलेंडर लिखकर दे दिया है। परंतु फिर भी मुझे सिलेंडर प्राप्त नहीं हो रहा है। ऐसे में मैं क्या करूं ?
 इसका जवाब है कि ऐसे में आप अपने मरीज को टैब तक डिस्चार्ज न करवाये, जब तक चिकित्सक न कहे। और सरकारी चिकित्सक से पर्चा लिखवाकर जिला कलेक्टर अथवा एडीएम और सीएमएचओ के कार्यालय को संपर्क करें। उनसे निवेदन करें और इमरजेंसी का आवेदन लगाकर कुछ हद तक मदद की उम्मीद कर सकते हैं। गैस डीलर और प्लांट धारकों के यहॉं भीड़ लगाने से कुछ लाभ नहीं होगा। क्योंकि अजमेर के प्रशासन द्वारा इन लोगों को अनुमति अब तक नहीं है कि ये सीधे गैस सिलेंडर या 'ऑक्सीजन' किसी को दे सकें।
इसके अलावा भी अगर किसी के मन में कोई सवाल या मेरे बताए हुए तथ्यों में कोई शंका या त्रुटि हो तो वह मुझसे जरूर इस नंबर पर व्हाट्सएप करके पूछे ...
मैं 'ऑक्सीजन' भले ही नहीं उपलब्ध करवा पा रहा हूँ लेकिन फिर भी जहां तक हो सकेगा, आपके सवालों का जवाब तो मैं उपलब्ध करवाने की कोशिश कर ही सकता हूँ। ताकि आपकी उम्मीद बनी रहेंं।
घर पर रहिए और अपना ख्याल रखिय।
बाहर सिलेंडर मिलेंं न मिलेंं कोरोना ज़रूर मिल जाएगा।
 नरेश राघानी

ओसामा बिन लादेन की 10वीं बरसी पर बयान दिया

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका ने घोषणा की है, कि वो अफगानिस्तान में चले सबसे लंबे युद्ध को खत्म कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अफगान से अमेरिकी सेना की अंतिम टुकड़ी को बुलाने का आदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ''जैसा कि हम अमेरिका के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने जा रहे हैं। अमेरिका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की अंतिम टुकड़ी को वापस बुला रहे हैं। अब अल कायदा वहां लगभग खत्म ही हो चुका है। लेकिन इसके बाद भी अमेरिका उन आतंकवादी समूहों के खतरे को लेकर हमेशा सतर्क रहेगा। जो दुनिया भर में एक कैंसर की तरह थे।'' अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह बयांंन ओसामा बिन लादेन की 10वीं बरसी पर दिया।

मौतों की खबरें चैनलों पर प्रसारित, याचिका खारिज

अकांशु उपाध्याय             

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों की खबरें समाचार, चैनलों पर प्रसारित करने पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका सोमवार को खारिज कर दी। ललित वालेचा ने न्यायालय में एक याचिका पेश करके कहा था कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर जब से आयी है तब से समाचार चैनल न्यूज आर्टिकल और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से बहुत नकारात्मक चित्र और खबरें अत्यंत गैरजिम्मेदाराना तरीके से प्रसारित कर रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली मौतों की जनता को जानकारी देना नकारात्मक खबरें नहीं है। इसके बाद दोनों ने यह याचिका खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि जब खबरें सही होंगी तो उन पर कोई रोक नहीं लगायी जा सकती।

भारत को 13 देशों से प्राप्त हुईं सहायता सामग्री

अकांशु उपाध्याय               

नई दिल्ली। भारत में कोविड महामारी से मुकाबले के लिए अब तक 13 देशों से सहायता सामग्री प्राप्त हुई है। जिनमें नौ ऑक्सीजन जेनेरेटर, 2116 ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर, 1379 सिलेंडर एवं 965 वेंटीलेटर एवं सहायक उपकरण तथा करीब एक लाख 36 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन शामिल हैं। सरकार के आंकड़ों के अनुसार ब्रिटेन, मॉरीशस, सिंगापुर, रूस, संयुक्त अरब अमीरात, आयरलैंड, रोमानिया, अमेरिका, थाईलैंड, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम और इटली से सहायता सामग्री आयी है। रूस से करीब डेढ़ लाख स्पूतनिक-5 वैक्सीन भी भेजी है।

टोकन सिस्टम लेकर आएं जिला प्रशासन के अधिकारी

अश्वनी उपाध्याय          

गाज़ियाबाद। जिलें के निवासियों को ऑक्सिजन की निर्बाध सप्लाई देने में नाकाम जिला प्रशासन के धुरंधर अधिकारी अब टोकन सिस्टम लेकर आए हैं। आपको बता दें कि जिला प्रशासन पर ऑक्सिजन की कालाबाजारी से लेकर भाई-भतीजावाद के आरोप लग चुके हैं। लोनी से भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर ने तो बाकायदा जिलाधिकारी को एक पत्र लिखकर एडीएम सिटी के खिलाफ संगीन धाराओं में एफ़आईआर दर्ज कराने की मांग तक कर डाली है। ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के आज उद्देश्य से कोविड-19 के नोडल अधिकारी सेंथिल पांडियन सी ने जीडीए के सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में पंडियन ने अधिकारियों को जिले के सभी अस्पतालों में निरंतर ऑक्सिजन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने इस संबंध में ऑक्सीजन के सभी डिस्ट्रीब्यूटर्स को स्पष्ट रूप से निर्देशित करते हुए कहा कि उनके द्वारा अस्पतालों में ऑक्सीजन सप्लाई के संबंध में नियमित सूचना नगर आयुक्त को उपलब्ध करानी होगी।

यूपी: 24 घंटें में 288 कोरोना संक्रमितों की मौत हुईं

हरिओम उपाध्याय               

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 288 संक्रमितों की मौत हो गई। जबकि 29,192 नये मरीज चिन्हित किये गये हैं। अपर मुख्‍य सचिव स्‍वास्‍थ्‍य अमित मोहन प्रसाद ने सोमवार को पत्रकारों को बताया कि राज्य में कोरोना संक्रमण से पिछले 24 घंटे में 288 संक्रमितों की मौत हो गयी और अब तक कुल 13,447 संक्रमितों ने अपनी जान गंवाई है। उत्तर प्रदेश में 29,162 नये संक्रमितों के पाये जाने के बाद अब कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 13,42,413 हो गई है। पिछले 24 घंटे में मिले नये संक्रमितों के सापेक्ष 38,687 मरीज संक्रमण मुक्त हुये। अभी तक राज्य में 10,43,134 कोरोना के मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हो चुके हैं।

भारत में संक्रमण के हालात से बेहद चिंतित: फाइजर

अकांशु उपाध्याय                     

नई दिल्ली। वैश्विक दवा विनिर्माता कंपनी फाइजर के चेयरमैन और सीईओ अल्बर्ट बोर्ला ने सोमवार को कहा कि कंपनी भारत में फाइजर-बायोएनटेक टीका उपलब्ध कराने की खातिर उसे जल्दी मंजूरी दिलाने के लिए भारत सरकार के साथ बीतचीत कर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि फाइजर अपने अमेरिका, यूरोप और एशिया स्थित वितरण केंद्रों से सात करोड़ डॉलर (करीब 510 करोड़ रुपये) की दवाएं भारत भेज रही है। उन्होंने फाइजर इंडिया के कर्मचारियों को भेजे मेल में कहा, ”हम भारत में कोविड-19 के हालात से बेहद चिंतित हैं और दिल से आपके प्रियजनों और भारत के सभी लोगों के साथ हैं।” उन्होंने यह मेल लिंक्डइन पर पोस्ट किया है। बोर्ला ने कहा, ”हम इस बीमारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में भागीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं और अपनी कंपनी के इतिहास में सबसे बड़ी मानवीय राहत के लिए तेजी से काम कर रहे हैं।”

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...