सोमवार, 19 अप्रैल 2021

महाराष्ट्र में कोरोना के 68,631 नए मामलें सामने आएं

मनोज सिंह ठाकुर          
मुंबई। कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि को रोकने के लिए संघर्ष कर रहे महाराष्ट्र ने अन्य स्थानों से ‘कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों की आमद’ रोकने के लिए दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) तथा पांच राज्यों को संवेदनशील घोषित किया है। महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंते के हस्ताक्षर वाले एक आदेश में केरल, गोवा, गुजरात, दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, राजस्थान और उत्तराखंड को रविवार को संवेदनशील स्थान घोषित किया गया। आदेश के अनुसार, इन स्थानों से महाराष्ट्र आने वाले यात्रियों को ट्रेन में यात्रा करने से पहले 48 घंटे के भीतर कराई गई आरटी-पीसीआर जांच की रिपोर्ट दिखानी होगी। जिनमें उनके संक्रमित नहीं होने की पुष्टि हो। बयान में कहा गया कि महाराष्ट्र में कोविड-19 की रोकथाम और ‘अन्य स्थानों से महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों दिल्ली में रविवार को संक्रमण के एक दिन के भीतर अब तक से सर्वाधिक 25,462 नए मामले सामने आए। संक्रमण से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में रविवार को संक्रमण के अब तक के सर्वाधिक 68,631 नए मामले सामने आए और 503 मरीजों की मौत हो गई। आमद को रोकने’ के लिए यह फैसला लिया गया है।

ऑक्सीजन पूर्ति, रक्षामंत्री ने यूपी में संभाला मोर्चा

हरिओम उपाध्याय      
लखनऊ। यूपी की राजधानी लखनऊ में बढ़ते कोरोना संक्रमण के साथ मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी बनी हुई है। इसी बीच देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में मोर्चा संभाल लिया है। उन्होंने शहर के अस्पतालों के लिए जम्बो ऑक्सीजन सिलेंडर भेजने शुरू किए हैं। सिलेंडर की पहली खेप लखनंऊ पहुंच चुकी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ को निर्देश दिए हैं कि ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को अनदेखा न किया जाये, लोगों की जान बचाना पहली प्राथमिकता है। बता दें कि राजनाथ सिंह के लखनऊ में सेना के 250 और 300 बेड के कोविड अस्पताल बनाने के निर्देश पर अमल भी शुरू हो गया है।
पांच हजार लीटर है पहली खेप की क्षमता
अधिकारियों ने बताया ऑक्सीजन सिलेंडर की पहली खेप की पांच हजार लीटर की क्षमता है, जो अगले कुछ दिनों के लिए पर्याप्त है। अब डीआरडीओ इससे लखनऊ के अस्पतालों में डॉक्टरों की सूचना पर भेजेगा।
ऑक्सीजन न मिलने से अब तक कई मौतें
राजधानी के सरकारी अस्पतालो में ऑक्सीजन सिलेंडर की भारी कमी है, इस बात से डॉक्टर भी इनकार नहीं कर रहे हैं। ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियां ऑक्सीजन की कमी को पूरा नहीं कर पा रही है। हालांकि एसजीपीजीआई में ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया गया है, सरकार ने दस और प्लांट शुरू करने निर्देश दिए हैं।

राजस्थान में वीकेंड कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लागू की

नरेश राघानी                  
जयपुर। देश में कोरोना संक्रमण का कहर बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना को बढ़ते मामलों को देखते हुए राजस्थान सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए प्रदेश में आगामी तीन मई सुबह पांच बजे तक वीकेंड कर्फ्यू जैसी पाबंदियां लागू रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार देर रात तक मुख्यमंत्री निवास पर चली उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। जन अनुशासन पखवाड़े के तहत विभिन्न गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय किया गया है।गहलोत ने कहा कि इस दौरान सरकारी कार्यालय, बाजार, मॉल्स तथा कार्यस्थल बंद रहेंगे। लेकिन श्रमिकों के रोजगार से जुड़ी गतिविधियां जैसी फैक्ट्री तथा निर्माण कार्य पर रोक नहीं होगी। साथ ही ठेला एवं फेरी लगाकर जीवनयापन करने वाले लोगों को जीविकोपार्जन की छूट दी जाएगी।

बरेली: 24 घंटों में मिलें कोरोना के 513 संक्रमित

संदीप मिश्र                  
बरेली। कोरोना संक्रमितों की संख्या ने रविवार को भी दहशत में ला दिया। 24 घंटे में 513 संक्रमित निकले। जबकि चार संक्रमितों की मौत हो गई। इतनी संख्या तब है। जब लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में रहे और जांच कराने नहीं पहुंचे। संक्रमण की रफ्तार कम नहीं हो रही है। लॉकडाउन लगने के बावजूद संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव में की जाने वाली लापरवाही अनियंत्रित होती जा रही है। शनिवार को जहां कोविड-19 वायरस की चपेट में 838 लोग आए थे। रविवार को लाकडाउन होने के चलते कम ही लोग जांच कराने पहुंचे। हालांकि विभाग कुछ लोगों की रिपोर्ट अपडेट नहीं कर पाया।रिपोर्ट के अनुसार इफको अस्पताल के आठ लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। एसडीएम बहेड़ी कंपाउंड और डीएम आवास में भी संक्रमित निकले हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. रंजन गौतम के अनुसार रविवार को 513 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। स्थितिवार कोविड अस्पताल व होम आइसोलेशन में मरीजों को भर्ती किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार जिले में निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे चार संक्रमितों की मौत हो गई। जिसमें चुनाव ड्यूटी में तैनात फरीदपुर डायट के प्रोफेसर, मीरगंज निवासी एक महिला, कपड़ा व्यापारी व किला निवासी एक संक्रमित की मौत हुई है।
24 घंटे के अंदर बाला जी मंदिर, नवादा शेखान, इंद्रा पुरम, गंगा नगर, रामचंद्रपुरम, माधोबाड़ी, हरुनगला, गांधीपुरम, अशियाना रेजिडेंसी, लक्ष्मीपुरम, महावीर कुंज, भूड़, कोहारापीड़, कर्मचारी नगर, बिहारीपुर, महानगर कालोनी, मिनी बाईपास, अंबिका आवास, राजा विहार, शास्त्री नगर, गुलाब नगर, मेगा सिटी, जनकपुरी, स्वरुप नगर, कुसुम नगर, मिनी बाईपास, रामपुर, लोधीपुर, संत नगर, सैनिक कालोनी, हाइडिल कालोनी, नेकपुर, सिविल लाइंस, सीबीगंज, कानून गोयल, मंडल विहार, सदर, पुराना शहर, मढ़ीनाथ, बल्लिया, कृष्णा नगर, साहुकारा, केशवपुरम, एकता नगर, आलमगिरी, पटेल नगर, र्कीति नगर, राजेंद्र नगर, मानसरोवर गार्डन, नरकुलागंज, नकटिया, भोजीपुरा, इफ्को, भरतौल, ब्रहमपुरा, मुंशी नगर, विकास भवन, पंजाबपुरा, करगैना, आशीष रॉयल पार्क, आकाशपुरम में संक्रमित निकले हैं।

या देवी सर्वभू‍तेषु महागौरी रूपेण संस्थिता: नवरात्रि

माँ दुर्गाजी की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है। दुर्गापूजा के आठवें दिन महागौरी की उपासना का विधान है। इनकी शक्ति अमोघ और सद्यः फलदायिनी है। इनकी उपासना से भक्तों के सभी कल्मष धुल जाते हैं। पूर्वसंचित पाप भी विनष्ट हो जाते हैं। भविष्य में पाप-संताप, दैन्य-दुःख उसके पास कभी नहीं जाते। वह सभी प्रकार से पवित्र और अक्षय पुण्यों का अधिकारी हो जाता है।

स्वरूप

इनका वर्ण पूर्णतः गौर है। इस गौरता की उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है। इनकी आयु आठ वर्ष की मानी गई है- 'अष्टवर्षा भवेद् गौरी।' इनके समस्त वस्त्र एवं आभूषण आदि भी श्वेत हैं। महागौरी की चार भुजाएँ हैं। इनका वाहन वृषभ है। इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। ऊपरवाले बाएँ हाथ में डमरू और नीचे के बाएँ हाथ में वर-मुद्रा हैं। इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है।

कथा

माँ महागौरी ने देवी पार्वती रूप में भगवान शिव को पति-रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी, एक बार भगवान भोलेनाथ ने पार्वती जी को देखकर कुछ कह देते हैं। जिससे देवी के मन का आहत होता है और पार्वती जी तपस्या में लीन हो जाती हैं। इस प्रकार वषों तक कठोर तपस्या करने पर जब पार्वती नहीं आती तो पार्वती को खोजते हुए भगवान शिव उनके पास पहुँचते हैं। वहां पहुंचे तो वहां पार्वती को देखकर आश्चर्य चकित रह जाते हैं। पार्वती जी का रंग अत्यंत ओजपूर्ण होता है। उनकी छटा चांदनी के सामन श्वेत और कुन्द के फूल के समान धवल दिखाई पड़ती है। उनके वस्त्र और आभूषण से प्रसन्न होकर देवी उमा को गौर वर्ण का वरदान देते हैं।

एक कथा अनुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी जिससे इनका शरीर काला पड़ जाता है। देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान इन्हें स्वीकार करते हैं और शिव जी इनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं तब देवी विद्युत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं तथा तभी से इनका नाम गौरी पड़ा। महागौरी रूप में देवी करूणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल दिखती हैं। देवी के इस रूप की प्रार्थना करते हुए देव और ऋषिगण कहते हैं “सर्वमंगल मंग्ल्ये, शिवे सर्वार्थ साधिके. शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते..”। महागौरी जी से संबंधित एक अन्य कथा भी प्रचलित है इसके जिसके अनुसार, एक सिंह काफी भूखा था। वह भोजन की तलाश में वहां पहुंचा जहां देवी उमा तपस्या कर रही होती हैं। देवी को देखकर सिंह की भूख बढ़ गयी परंतु वह देवी के तपस्या से उठने का इंतजार करते हुए वहीं बैठ गया। इस इंतजार में वह काफी कमज़ोर हो गया। देवी जब तप से उठी तो सिंह की दशा देखकर उन्हें उस पर बहुत दया आती है और माँ उसे अपना सवारी बना लेती हैं क्योंकि एक प्रकार से उसने भी तपस्या की थी। इसलिए देवी गौरी का वाहन बैल और सिंह दोनों ही हैं।

पूजन विधि

अष्टमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं। देवी गौरी की पूजा का विधान भी पूर्ववत है अर्थात जिस प्रकार सप्तमी तिथि तक आपने मां की पूजा की है उसी प्रकार अष्टमी के दिन भी प्रत्येक दिन की तरह देवी की पंचोपचार सहित पूजा करते हैं।

महत्व

माँ महागौरी का ध्यान, स्मरण, पूजन-आराधना भक्तों के लिए सर्वविध कल्याणकारी है। हमें सदैव इनका ध्यान करना चाहिए। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मन को अनन्य भाव से एकनिष्ठ कर मनुष्य को सदैव इनके ही पादारविन्दों का ध्यान करना चाहिए।

मां महागौरी भक्तों का कष्ट अवश्य ही दूर करती है। इसकी उपासना से अर्तजनों के असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। अतः इसके चरणों की शरण पाने के लिए हमें सर्वविध प्रयत्न करना चाहिए। महागौरी के पूजन से सभी नौ देवियां प्रसन्न होती है।

उपासना

पुराणों में माँ महागौरी की महिमा का प्रचुर आख्यान किया गया है। ये मनुष्य की वृत्तियों को सत्‌ की ओर प्रेरित करके असत्‌ का विनाश करती हैं। हमें प्रपत्तिभाव से सदैव इनका शरणागत बनना चाहिए। 

या देवी सर्वभू‍तेषु महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और माँ गौरी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। हे माँ, मुझे सुख-समृद्धि प्रदान करो।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण   
1. अंक-246 (साल-02)
2. मंगलवार, अप्रैल 20, 2021
3. शक-1984,चैत्र, कृष्ण-पक्ष, तिथि- अष्टमी, विक्रमी सवंत-2078। सातवां रोजा, सहरी 04:35, इफ्तार 06:47। 07 रमजान, हिजरी 1442।
4. सूर्योदय प्रातः 06:20, सूर्यास्त 06:50।
5. न्‍यूनतम तापमान -14 डी.सै., अधिकतम-38+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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