मंगलवार, 16 मार्च 2021
तेजस्वी ने सदन में सुनाई पोशाक-राजा की कहानी
मुंबई: तापसी ने अपने नए घर की तस्वीर साझा की
इस तस्वीर के कैप्शन में उन्होंने लिखा, "घर : एक जगह जहां दोस्त मिलते हैं, परिवार के लोग इकट्ठा होते हैं और प्यार बढ़ता है। अभिनेत्री वर्तमान में अनुराग कश्यप की 'दोबारा' की शूटिंग कर रही हैं। फिल्म निर्माता और अभिनेत्री हाल ही में अपने घरों में आयकर विभाग द्वारा तलाशी लिए जाने के लिए चर्चा में थे।
पीएम ने कोरोना के बढ़ते मामलों पर बुलाई बैठक
बता दें कि देश में पिछले एक हफ्ते से कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। बीते रविवार को कोरोना के 26,386 नए मामले दर्ज किए गए। पिछले 85 दिनों में कोरोना का यह सर्वाधिक मामला है। देश में इस वक्त कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 2,19,262 है, जबकि देश में कुल कोरोना केस की संख्या फिलहाल 1,13,85,339 है।
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पार्टी प्रवक्ता के अनुसार, यह भी तय किया गया है कि पार्टी 19 से 26 मार्च तक एक कार्यक्रम का शुभारंभ करेगी, जिसके दौरान वे योगी सरकार की उपलब्धियों को लोगों तक ले जाएंगे।
योगी आदित्यनाथ की सरकार को 19 मार्च को चार साल पूरे हो जाएंगे।उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि योगी सरकार ने पिछले चार वर्षों में अनुकरणीय काम किया है - चाहे वह काशी और अयोध्या को एक बदलाव देने की बात हो या फिर महामारी की स्थिति से निपटने की।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने भ्रष्टाचार की प्रभावी जांच की और ग्रामीण अंदरूनी क्षेत्रों में समावेशी विकास सुनिश्चित किया।
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को नए सिरे से काम करने और अगले साल होने वाले पंचायत चुनावों और फिर अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में पार्टी की सफलता सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
संपत्ति को नुकसान, सरकार वसूलेगी हर्जाना: सीएम
इस तरह खट्टर उत्तर प्रदेश सरकार के उस कानून का अनुसरण कर रहे हैं, जो उसने पिछले साल पारित किया था। इसके तहत राजनीतिक आंदोलन, जुलूस और प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली प्रदर्शनकारियों से ही की जाती है।पिछले हफ्ते खट्टर ने विधानसभा में बताया था कि 3 केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान विरोधी प्रदर्शनों के कारण राज्य को 26 नवंबर, 2020 से 9 फरवरी 2021 के बीच 212 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने आगे कहा था, "वहीं अब तक का अनुमानित नुकसान 1,110 करोड़ रुपये से 1,150 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।
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72 देशों को कोरोना वैक्सीन दे रहा भारत: हर्षवर्धन
डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले नागरिकों को उनके घर पर ही वैक्सीन लगवाने की सुविधा उपलब्ध कराने के सुझाव को विशेषज्ञ समूह के समक्ष रखा जायेगा। उन्होंने कहा कि हालांकि इस मामले में काफी सतर्कता की जरूरत है क्योंकि वैक्सीन लगवाने वाले प्रत्येक नागरिक को 30 मिनट तक निगरानी में रखा जाता है जिससे कोई दुष्प्रभाव होने पर संबंधित व्यक्ति को तत्काल चिकित्सीय सहायता उपलब्ध करायी जा सके।
दासगुप्ता ने दिया राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि आज भी राज्यसभा की वेबसाइट पर दासगुप्ता को मनोनीत सदस्य बताया जा रहा है। मोइत्रा ने कहा कि दासगुप्ता को या तो राज्यसभा से इस्तीफा देना चाहिए या उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए क्योंकि उनके पास कोई ”सेफ्टी नेट” नहीं है। संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार, अनुच्छेद 99 या 188 के प्रावधानों (जो भी लागू हों) को पूरा करने के बाद मनोनीत सदस्य अपने शपथग्रहण के बाद से छह महीने का समय समाप्त होने के पहले किसी राजनीतिक दल से जुड़ सकता है।
नियम में आगे कहा गया है कि अनुच्छेद 99 या 188 के प्रावधानों (जो भी लागू हों) को पूरा करने के बाद सदन के लिए मनोनीत सदस्य अपने शपथग्रहण के बाद से छह महीने का समय समाप्त होने के बाद किसी राजनीतिक दल से जुड़ता है तो वह सदन की सदस्यता के अयोग्य होगा।
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100 फीसदी टीकाकरण के लिए लगेंगे 18 साल
उन्होंने कहा कि अभी तक जो टीकाकरण हो रहा है और जिनको दूसरी खुराक मिली है, उनका आंकड़ा दो दिन पहले तक 0.35 प्रतिशत ही है। अगर इसी रफ्तार से हम चले तो 70 प्रतिशत आबादी के टीकाकरण में 12 साल छह महीने लगेंगे। सौ प्रतिशत करने के लिए 18 साल लगेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई जाए और जल्द से जल्द सबको टीका मिले, इसकी व्यवस्था हो। ज्ञात हो कि गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति ने भी हाल ही में देश में टीकाकरण की धीमी गति पर चिंता जताई थी और कहा था कि इस दर से पूरी आबादी का टीकाकरण करने में कई वर्ष लग जाएंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में सोमवार को एक दिन में अब तक सबसे अधिक करीब 30 लाख लोगों को कोविड-19 टीके लगाए गए। इसके साथ ही देश में लगाए जा चुके टीकों की कुल संख्या 3,29,47,432 हो गई है।
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बंगाल: कोयला तस्करी मामले में कार्रवाई तेज, छापे
राज्य के कई जिलों में कथित तौर पर अवैध रूप से कई संपत्तियों पर कब्जा करने वाले अग्रवाल को पश्चिम बंगाल पुलिस से सुरक्षा मिली हुई है।
गौरतलब है, कि सोमवार को सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी की साली मेनका गंभीर के पति अंकुश अरोड़ा और उनके ससुर पवन अरोड़ा से इस मामले में पूछताछ की थी। इसके बाद ही आज यह कार्रवाई की गई है। अभिषेक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी के भतीजे हैं।
सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में गिरोह के कथित सरगना माझी, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के महाप्रबंधक अमित कुमार धर और जयेश चंद्र राय, ईसीएल के सुरक्षा प्रमुख तन्मय दास, क्षेत्रीय सुरक्षा निरीक्षक कुनुस्तोरिया रंजय राय और एसएसआई एवं कजोरा क्षेत्र के सुरक्षा प्रभारी देबाशीष मुखर्जी के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने फरवरी के अंतिम सप्ताह में अभिषेक बनर्जी की पत्नी रूजिरा बनर्जी और मेनका गंभीर का भी बयान दर्ज किया था। सीबीआई ने 26 फरवरी को कोलकाता में एक व्यवसायी के परिसर की तलाशी ली थी और 19 फरवरी को एजेंसी ने कोयला माफिया जयदेव मंडल के परिसर सहित पश्चिम बंगाल के चार जिलों में 13 स्थानों पर तलाशी ली थी। कोयला तस्करी के सिलसिले में पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और उत्तर-प्रदेश के 45 स्थानों पर पिछले साल 28 नवंबर को सीबीआई ने छापे मारे थे।
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राज्यसभा में गूंजा कर्मचारियों की हड़ताल का मुद्दा
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ दो दिवसीय हड़ताल का मुद्दा मंगलवार को संसद में गूंजा। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे को उठाते हुए समस्या के समाधान के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बयान देने की मांग की। उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए खड़गे ने कहा, कि कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से बैंकों का कामकाज ठप्प पड़ गया है और आम जनता से लेकर कारोबारी तक इससे परेशान हैं।उन्होंने कहा, ‘‘देश भर में लगभग 12 राष्ट्रीयकृत बैंक हैं और इनकी एक लाख शाखाएं हैं। इनमें करीब 13 लाख लोग काम करते हैं और 75 करोड़ से ज्यादा खातेदार हैं। ये खातेदार भी बैंक के हितधारक हैं और उनके पूछे बगैर सरकार ने निजीकरण का फैसला कर लिया।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की ‘‘गलत नीतियों और अंधाधुंध निजीकरण’’ के चलते आज यह स्थिति पैदा हुई है और उनक रोजी-रोटी पर भी संकट उत्पन्न हो गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता खड़गे ने कहा, कि वर्ष 2008 में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट आया था तब राष्ट्रीयकृत बैंकों के कारण ही भारत की अर्थव्यवस्था संभली थी।उन्होंने कहा, ‘‘आज मंगलवार को बैक कर्मचारी रास्तों पर बैठे हैं। हड़ताल कर रहे हैं। उनकी समस्या को सुलझाने के लिए वित्त मंत्री को यहां बयान देना चाहिए।’’ ज्ञात हो, कि नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है। ये नौ बैंक यूनियनें हैं…एआईबीईए, एआईबीओसी, एनसीबीई, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू और एनओबीओ। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने पेश आम बजट में सरकार की विनिवेश योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी।
हड़ताल को लेकर राहुल ने सरकार पर साधा निशाना
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कई सरकारी बैंकों के कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर मंगलवार को सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को ‘सांठगांठ वाले पूंजीपतियों’ (क्रोनी) के हाथों में बेचना देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ समझौता होगा। उन्होंने हड़ताल करने वाले बैंक कर्मचारियों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए यह दावा भी किया, कि सरकार ‘लाभ का निजीकरण’ और ‘नुकसान का राष्ट्रीयकरण’ कर रही है। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया। ‘‘केंद्र सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है। सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को क्रोनी के हाथों में बेचना भारत की वित्तीय सुरक्षा के साथ समझौता होगा।’’ उल्लेखनीय है, कि सार्वजनिक क्षेत्र के दो और बैंकों के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में सरकारी बैंकों की हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ। हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ। नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स (यूएफबीयू) ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है। यूनियन का दावा है, कि करीब 10 लाख बैंक कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल में शामिल हैं।
यमुना एक्सप्रेस-वे पर 1 अप्रैल से शुरू होगी सुविधा
विजय भाटी
गौतम बुद्ध नगर। उत्तर-प्रदेश के यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक अप्रैल से फास्टैग की सुविधा शुरू हो जाएगी। यमुना एक्सप्रेसवे, जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड और आईडीबीआई बैंक के बीच सोमवार को इसको लेकर एक करार हुआ।यमुना एक्सप्रेसवे विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरुण वीर सिंह ने बताया, कि निजी राजमार्ग होने के कारण जेपी कंपनी ने फास्टैग (एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली) शुरू करने से मना कर दिया था। प्राधिकरण की सख्ती के बाद कंपनी तैयार हुई। इसे 15 फरवरी से शुरू होना था। लेकिन सभी तैयारियां पूरी ना होने की वजह से यह चालू नहीं हो पाया।
408 उम्मीदवारों में से 28 के नामांकन खारिज किए
गुवाहाटी। असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिये नामांकन दाखिल करने वाले कुल 408 उम्मीदवारों में से 28 के नामांकन पत्र जांच के दौरान खारिज कर दिये गए हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि एक अप्रैल को होने वाले चुनाव के दूसरे चरण के लिये 39 सीटों पर 408 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किये थे। जिनमें से सोमवार को जांच के दौरान 28 उम्मीदवारों का नामांकन खारिज कर दिया गया। दूसरे चरण के लिये नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 17 मार्च है। इस बीच, छह अप्रैल को होने वाले तीसरे और अंतिम चरण के चुनाव के लिये अब तक सात उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। कोकराझार से लोकसभा सांसद नव कुमार सरानिया ने बारमा से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन पत्र दाखिल किया। असम गण परिषद से तीन बार विधायक रहे भूपेन रॉय ने अभयपुरी उत्तर से नामांकन भरा है। तीसरे चरण के लिये नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 19 मार्च है। 20 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 22 मार्च तक नाम वापस लिये जा सकते हैं।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
1. अंक-212 (साल-02)
2. बुधवार, मार्च 17, 2021
3. शक-1983, फाल्गुन, शुक्ल-पक्ष, तिथि-चतुर्थी, विक्रमी सवंत
4. सूर्योदय प्रातः 06:35, सूर्यास्त 06:35।
5. न्यूनतम तापमान -11 डी.सै., अधिकतम-30+ डी.सै.।
6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।
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सोमवार, 15 मार्च 2021
भारत ने घटाया 33 प्रतिशत हथियारों का आयात
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। कभी दुनिया के सबसे बड़े हथियार आयातक देश रहे भारत के लिए एक अच्छी खबर है। अत्याधुनिक हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर बनने का प्रयास कर रहे भारत ने पिछले 5 साल में विदेशों से हथियारों के आयात में 33 फीसदी की कमी है। हथियारों की बिक्री पर नजर रखने वाली संस्था सिप्री की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक रूस अभी भारत को सबसे ज्यादा हथियार बेचता है। लेकिन उसे भारत से तगड़ा झटका लगा है। भारत अब इजरायल और फ्रांस से हथियारों की खरीद पर ज्यादा तरजीह दे रहा है। सिप्री के मुताबिक सऊदी अरब के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आयातक देश बना हुआ है। भारत के बाद मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन का नंबर आता है। वर्ष 2011-2015 और वर्ष 2016-2020 के बीच में भारत के विदेशों से हथियारों के आयात में 33 फीसदी की गिरावट आई है। पिछले 5 साल की अवधि में भारत ने सबसे ज्यादा हथियार रूस से खरीदे है। लेकिन हथियारों के इस आयात में करीब 53 फीसदी की गिरावट आई है। भारत अब रूस से पहले के 70 फीसदी की बजाय अब केवल 49 फीसदी हथियार ही खरीद रहा है।हथियारों के आयात के मामले में भारत ने अमेरिका को भी बड़ा झटका दिया है। साल 2011-2015 के बीच में अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार निर्यातक देश था लेकिन साल 2016-2020 के बीच में अमेरिका चौथे पायदान पर चला गया है। अमेरिका से हथियारों के आयात में भारत ने 46 फीसदी की कमी की है। साल 2016 से 2020 के बीच में इजरायल और फ्रांस क्रमश: दूसरे और तीसरे सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता देश रहे। वर्ष 2016 से 2020 के बीच भारत का फ्रांस से हथियार आयात 709 फीसदी बढ़ा है। वहीं भारत का इजरायल के साथ हथियार आयात 82 प्रतिशत बढ़ गया है। भारत ने इसी अवधि के दौरान राफेल डील किया था जिससे फ्रांस से हथियारों के आयात में इतनी वृद्धि हुई है। राफेल विमान और उसमें लगी मिसाइलों को खरीद भारत के कुल आयात का आधा है। हालांकि इस अवधि में भारत के कुल हथियार आयात में गिरावट आई है। सिप्री ने कहा कि इस कमी की वजह भारत की जटिल खरीद प्रक्रिया और रूस से इतर अन्य देशों से भारत का हथियार खरीदना है। सिप्री ने अनुमान जताया है कि भारत ने पिछले 10 साल में भले ही हथियारों के आयात में काफी कमी की हो लेकिन आने वाले 5 साल में भारत की बड़े पैमाने पर हथियार खरीदने की योजना है। इसमें लड़ाकू विमान, एयर डिफेंस सिस्टम, युद्धक जहाज और सबमरीन शामिल है। इससे भारत का आयात काफी बढ़ सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2016 से 2020 के बीच पाकिस्तान के हथियार आयात में 23 फीसदी की गिरावट आई है। पाकिस्तान अपने हथियार आयात का 61 फीसदी हिस्सा चीन से लेता है। पाकिस्तान बड़े पैमाने पर हथियारों की खरीद कर रहा है जो उसे वर्ष 2028 तक उसे मिल जाएंगे। पाकिस्तान 50 लड़ाकू विमान, 8 सबमरीन और 4 फ्रीगेट्स चीन से और 4 फ्रीगेट्स तुर्की से खरीद रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, कि एशिया के कई देश चीन को अपने लिए खतरा मानते हैं। इसलिए बड़े पैमाने पर हथियारों की खरीद कर रहे हैं।
कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप
कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप दुष्यंत टीकम जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...
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यूपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा: परिषद संदीप मिश्र/बृजेश केसरवानी लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओ...
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55 साल की उम्र में भी बरकरार है खूबसूरती कविता गर्ग मुंबई। 55 की उम्र में भी यह हसीना बेहद खूबसूरत दिखती है, और मलाइका की हॉटनेस उसकी ...
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महर्षि कश्यप के पुत्र पक्षीराज गरुड़ को भगवान विष्णु का वाहन कहा गया है। एक बार गरुड़ ने भगवान विष्णु से मृत्यु के बाद प्राणियों की स्थिति, ...