शनिवार, 13 मार्च 2021

भारत ने यूएई के साथ किया युद्धाभ्यास, चिंता बढ़ीं

सुनील श्रीवास्तव
नई दिल्ली/ रियाद। भारत और यूएई के बीच बढ़ते आपसी संबंधों के बीच दोनों देश इस समय साझा युद्धाभ्यास कर रहे हैं। ‘डेजर्ट फ्लैग’ नाम के इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के छह सुखोई एसयू-30 एमकेआई, एक आईएल-78 एयर रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट और दो सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल हैं। यूएई के आसमान में उड़ान भर रहे भारत के इन लड़ाकू विमानों की गूंज वहां से करीब 1700 किलोमीटर दूर पाकिस्तान में सुनाई दे रही है। पाकिस्तान की चिंता बढ़ रही हैं। युद्धाभ्यास में भारत और यूएई के अलावा फ्रांस, अमेरिका, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और बहरीन की सेना हिस्सा ले रही है। यह पहला मौका है, जब भारत की वायुसेना यूएई में आयोजित किसी युद्धाभ्यास में एक्टिव पार्टिसिपेट कर रही है। इसमें तुर्की के कट्टर दुश्मन ग्रीस को भी ऑब्जर्वर की भूमिका में शामिल किया गया है। जिसे सीधे तौर पर मध्यपूर्व में बदलते रणनीतिक हालात से जोड़कर देखा जा रहा है। तीन से 27 मार्च तक होने वाले युद्धाभ्‍यास ‘डेजर्ट फ्लैग’ में भारत के लड़ाकू विमान अलग-अलग देशों के साथ उड़ान भर रहे हैं। इस युद्धाभ्यास को यूएई के अल धाफ्रा एयरबेस पर आयोजित किया जा रहा है। यह वही एयरबेस है, जहां फ्रांस से भारत आते समय राफेल विमानों की पहली खेप ने थोड़े समय तक आराम किया था। ऐसे में सामरिक रूप से बेहद अहम अदन की खाड़ी के नजदीक स्थित इस एयरबेस से ऑपरेट करने से भारत की सामरिक ताकत और सभी सहयोगी देशों के साथ दोस्ती भी मजबूत हो रही है। इस अभ्‍यास में ग्रीस, जॉर्डन, कुवैत और मिस्र को पर्यवेक्षक राष्‍ट्र का दर्जा दिया गया है। जिससे पाकिस्‍तान और मुस्लिम जगत का खलीफा बनने की चाहत रखने वाले तुर्की की टेंशन बढ़ना तय है। पिछले साल के अंतिम महीने में भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब के ऐतिहासिक दौरे पर पहुंचे थे। यह भारत के किसी भी सेना प्रमुख का सऊदी अरब और यूएई का पहला दौरा था। इस दौरान उन्होंने न केवल दोनों देशों के सेना प्रमुखों से मुलाकात की, बल्कि यहां के बड़े स्तर के कई नेताओं के साथ भी बैठकें भी की थी। यही कारण है कि संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब ने भारत के साथ युद्धाभ्यास करने का निर्णय लिया। ये दोनों देश अब भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने पर तेजी से काम कर रहे हैं। यही कारण है कि सऊदी और यूएई अब भारत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। सऊदी अरब का भारत के साथ सैन्य संबंध बढ़ाना सीधे तौर पर पाकिस्तान के लिए तगड़ा झटका है। अबतक पाकिस्तान अपनी सेना का लालच देकर ही यूएई और सऊदी अरब से खैरात पाता था। लेकिन, पिछले साल कश्मीर को लेकर प्रिंस सलमान की आलोचना करने के कारण पाकिस्तान और सऊदी अरब के संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। सऊदी को मनाने पहुंचे पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को भी बिना प्रिंस से मिले खाली हाथ वापस लौटना पड़ा था। वहीं यूएई ने एक दिन पहले ही कंगाल पाकिस्तान से एक अरब डॉलर की दी गई राशि को वापस मांगा है। ये रकम स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान में जमा है। इसे लौटाने की लास्ट डेट 12 मार्च है। यूएई ने यह रकम इसलिए वापस मांगी है कि उसकी मैच्योरिटी हो गई है। ऐसे में अगर पाकिस्तान यह पैसा वापस कर देता है तो उसके फॉरेन रिजर्व में बहुत बड़ी गिरावट होगी। अब तक अरब देशों में पाकिस्‍तान सेना की अच्‍छी पकड़ रही है। यमन में सऊदी अरब की सेना का नेतृत्‍व पाकिस्‍तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहिल शरीफ कर रहे हैं। अब सऊदी अरब और उसका घनिष्‍ठ दोस्‍त यूएई दोनों ही भारत के साथ रक्षा संबंध बढ़ा रहे हैं। भारत ने 20-25 फरवरी के बीच अबू धाबी में हुईं दो नेवल डिफेंस एग्जिबिशंस में आईएनएस प्रलय को भेजा था। पिछले साल दिसंबर में सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने सऊदी अरब और UAE की यात्रा की थी। यही नहीं जब राफेल लड़ाकू विमान फ्रांस से भारत आ रहे थे तो उन्‍हें UAE के एयरफोर्स टैंकर्स ने मिड एयर रिफ्यूलिंग सपोर्ट दिया था। भारतीय वायुसेना ने भी हाल ही में अपने राफेल जेट्स के साथ जोधपुर में फ्रांस के साथ युद्धाभ्‍यास किया था। अरब और भारत जल्द ही द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास करने जा रहे हैं। यह अब तक के इतिहास में इन दोनों देशों के बीच पहला युद्धाभ्यास होगा। यह युद्धाभ्यास सऊदी अरब में आयोजित किया जाएगा। इसके लिए भारतीय सेना का एक दल कुछ महीने में सऊदी अरब के दौरे पर जा सकता है। इस युद्धाभ्यास से न केवस सऊदी अरब की सेना की ताकत में इजाफा होगा, बल्कि खाड़ी के देशों में रणनीतिक हालात में भी बड़ा बदलाव होगा।पाकिस्तान अबतक सऊदी अरब की सेना को ट्रेनिंग और हथियार मुहैया कराता था। इतना ही नहीं, इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों में शामिल मक्का और मदीना की सुरक्षा में भी सऊदी अरब पाकिस्तान का सहयोग लेता है। अब भारत की एंट्री से पाकिस्तान के लिए राह और मुश्किल हो जाएगी। सऊदी को यह पता है कि भारत के साथ संबंध बढ़ाना पाकिस्तान की तुलना में अधिक लाभदायक है। इसलिए, अब पाकिस्तान फिर से कौड़ियों का मोहताज होने वाला है।

बंगाल: छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी लड़ेंगी विधान चुनाव

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष आइशी घोष पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार आइशी को वामपंथी दल माकपा ने जमुरिया विधानसभा सीट से टिकट दिया है। वह जेएनयू छात्रसंघ की अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ने वाली पहली छात्र बन गई हैं। इससे पहले छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को भाकपा बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट से उम्मीदवार बना चुकी है। लेकिन इस वामपंथी दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले कन्हैया कुमार तब छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष थे।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष पश्चिम बंगाल के दुगार्पुर की रहने वाली हैं। आइशी घोष ने स्कूली पढ़ाई दुगार्पुर से की है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की और जेएनयू से एमफिल कर रही हैं। आइशी जेएनयू में फीस वृद्धि का विरोध कर रही हैं। फीस वृद्धि के खिलाफ उन्होंने जेएनयू में हड़ताल की और छात्रों के सहयोग से आंदोलन करती रही हैं।विधानसभा चुनाव में उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने के बाद आइशी घोष ने कहा कि, यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। नई जिम्मेदारी मिलने के बावजूद मेरी राजनीति में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जेएनयू उनके भीतर हमेशा रहेगा।आइशी के मुताबिक जेएनयू में छात्रसंघ ने जिन मुद्दों पर लड़ाई लड़ी है। आगे भी उन्हीं विषयों पर संघर्ष करना है। आइशी के मुताबिक विश्वविद्यालय हो या फिर देश के अलग-अलग हिस्से सब जगह मुद्दे एक जैसे ही हैं। वह आरक्षण और सांप्रदायिकता का विषय हो सकता है। देश में बढ़ती बेरोजगारी हो या बेहतर शिक्षा व्यवस्था का विषय हो सकता है।

कोरोना: अडानी की संपत्ति 12 लाख करोड़ बढ़ी

अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को सवाल किया कि जब कोरोना महामारी के कारण हर कोई संघर्ष करता नजर आ रहा है तो फिर उद्योगपति गौतम अडानी की संपत्ति 50 फीसदी कैसे बढ़ गई। उन्होंने यह टिप्पणी उस वक्त की है। जब एक खबर में कहा गया है कि 2021 में अडानी की संपत्ति 16.2 अरब डॉलर बढ़कर 50 अरब डॉलर हो कांग्रेस नेता ने यह खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ”2020 में आपकी संपत्ति कितनी बढ़ी? जब उन्होंने 12 लाख करोड़ रुपये बनाए और उनकी संपत्ति 50 फीसदी बढ़ गई तो आप लोग संघर्ष कर रहे थे। क्या आप बता सकते हैं कि ऐसा क्यों है।

'वैदिक संध्या' पर गोष्ठी का आयोजन, श्रद्धांजलि दीं

अश्वनी उपाध्याय    

गाजियाबाद। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “वैदिक संध्या” व आर्य नेता रामनाथ सहगल के 98 वें जन्मदिन पर आर्य गोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन जूम पर किया गया। यह परिषद का कोरोना काल में 187 वां वेबिनार था। उल्लेखनीय है, कि रामनाथ सहगल का जन्म 13 मार्च 1923 को सरगोधा,पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा, कि आर्य नेता रामनाथ सहगल का जीवन आर्य समाज के प्रति सदैव समर्पित रहा। आपने युवाओं को आर्य समाज और महर्षि दयानंद की विचारधारा से जोड़ने के लिए सराहनीय कार्य किया। उन्होंने कहा, कि महर्षि दयानंद सरस्वती की जन्मभूमि टंकारा को सँवारने व विश्व प्रसिद्ध करने का श्रेय सहगल जी को ही जाता है। अजमेर में 1983 में आयोजित महर्षि दयानंद निर्वाण शताब्दी समारोह के संयोजक का कार्य कुशलता से निभाया। आप डीएवी मैनेजिंग कमैटी के उपप्रधान व आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा के भी वर्षा सचिव रहे।ऐसे हनुमान कार्यकर्ता को आर्य समाज की ओर से उनकी सेवाओं को स्मरण करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। आज की युवा शक्ति के लिए सहगल जी का जीवन प्रेरणा देने का कार्य करता रहेगा। वैदिक विद्वान आचार्य विजय भूषण आर्य ने “वैदिक संध्या” क्यों और कैसे विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वैदिक संध्या परमात्मा के निकट जाने का पहला साधन है। मनुष्य के शरीर में इन्द्रिय,मन,बुद्धि,चित और अहंकार स्थित हैं। वैदिक संध्या में आचमन मंत्र से शरीर, इन्द्रिय स्पर्श और मार्जन मंत्र से इन्द्रियाँ, प्राणायाम मंत्र से मन,अघमर्षण मंत्र से बुद्धि, मनसा-परिक्रमा मंत्र से चित और उपस्थान मंत्र से अहंकार को सुस्थिति संपादन व शुद्व किया जाता है। फिर गायत्री मंत्र द्वारा ईश्वर की स्तुति-प्रार्थना और उपासना की जाती हैं। अंत में ईश्वर को नमस्कार किया जाता हैं। यह पूर्णत वैज्ञानिक विधि हैं जिससे व्यक्ति धार्मिक और सदाचारी बनता हैं। धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष को सिद्ध करता हैं।

'अभिभावक सहभागिता कार्यक्रम‘ का आयोजन किया

अश्वनी उपाध्याय  

गाजियाबाद। दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनगर में विद्यालय व अभिभावकों में बेहतर समन्वय स्थापित करने हेतु 'अभिभावक सहभागिता कार्यक्रम‘ का आयोजन किया गया। इस कार्य क्रम का शुभारंभ विनम्र अभिवादन, दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ। सर्वप्रथम विद्यालय प्रधानाचार्या शशिरंजन ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए नए सत्र की शुभकामनाएँ दीं और कहा कि विद्यालय का उद्देश्य भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण बहुमुखी शिक्षा प्रणाली के माध्यम से बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है और यह तभी संभव हो सकता है। जब विद्यालय व अभिभावक के संबंध मजबूत होंगे। फलस्वरूप विद्यालय और अभिभावक कदम से कदम मिलाकर छात्रों का भविष्य निर्माण कर सकेंगे। इसके बाद अभिभावकों को आभासी मंच का प्रयोग करते हुए विद्यालय दिखाया गया। विश्वसनीयता व पारदर्शिता बनाए रखने हेतु विद्यालय की आधारिक संरचना और विद्यालय-पदानुक्रम की संपूर्ण जानकारी दी गई। विद्यालय के पूर्व छात्रों ने अपने अनुभवों को साझा किया। अभिभावकों को गत  वर्षों की महत्वपूर्ण शैक्षणिक व सहशैक्षणिक गतिविधियों की विडियो दिखाकर साक्षात् जानकारी उपलब्ध कराई गई। छात्रों के पोशाक, स्वास्थ्यवर्धक टिफिन, आगामी वर्ष में परीक्षा, शिक्षण संबंधी सम्पूर्ण जानकारी को पीपीटी द्वारा सरलता से समझाया गया। अतः धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्य क्रम का समापन  किया गया।

अनाधिकृत कब्जे की भूमि को प्रशासन ने कराया खाली

कौशाम्बी। सिराथू तहसील के ग्राम सभा परास स्थित गाटा संख्या 467 उसर की भूमि पर ग्राम के रहमान अली अब्दुल खालिक शहंशाह व जुनैद पुत्र गण जुल्फिकार द्वारा अवैध तरीके से कब्जा किया गया था।सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले को उप जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया और उप जिलाधिकारी सिराथू प्रखर उत्तम ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को ध्वस्त कराए जाने का निर्देश दिया। उप जिलाधिकारी सिराथू के निर्देश पर अवैध कब्जा धारकों के कब्जे के भवन को ध्वस्त कर दिया गया है। अवैध निर्माण को राजस्व निरीक्षक और पुलिस कर्मियों के द्वारा मौके पर जाकर जेसीबी मशीन से अवैध कब्जा ध्वस्त कराया गया। अवैध कब्जे की भूमि पर बने भवन को ध्वस्त कराए जाने से लोगों में हड़कंप है।
सन्तलाल मौर्य

इस्लामिक मजहब के पवित्र ग्रंथ में बदलाव संभव नहीं

सत्येंद्र पंवार     
मेरठ। इस्लाम मजहब की पवित्र ग्रंथ में बदलाव संभव नहीं। वसीम रिजवी पर गंभीर आरोप लगाकर देश में अराजकता फैलाने और देश की शांति भंग करने के लिए दोषी करार देकर सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए।
बहुजन मुक्ति पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी और मेरठ मंडल अध्यक्ष आरडी गादरे ने अपने वक्तव्य में कहा, कि वसीम रिजवी पर लानत हो। जो इस्लाम मजहब में दाखिल होकर भी कोई ज्ञान नहीं रखता। उसको केवल अपनी राजनीति चमकाने या अपने प्रचार प्रसार के लिए आसमानी किताब पवित्र ग्रंथ कुराने पाक के बारे में जो आए थे। हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की मैं ऐसे लोगों पर लानत भेजता हूं और दुआ करता हूं, कि ईश्वर भगवान खुदा अल्लाह इसको हिदायत दे या अन्य जो षड्यंत्रकारी देश की शांति व्यवस्था को भंग करने और अराजकता फैलाने पर लगे हुए हैं। ऐसे आतंकवादी या ऐसे अराजक तत्व को अपने संगठनों में या अपने दलों में या आसपास में जो रख रहे हैं या किसी का ऐसे लोगों पर जो छत्रछाया का काम कर रहे हैं। उन लोगों पर भी उन संगठनों पर भी गंभीर मुकदमे दायर कर उन्हें बीच सड़क पर चौराहे पर पत्थर मारकर सजा देनी चाहिए। क्योंकि, पूरे संसार में सबसे बड़ा मजहब और समानता मसा बाद के लिए प्रचलित इस्लाम मजहब यह पवित्र ग्रंथ जिसके आधार पर ऐसे यजीदी लोगों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। कुराने पाक का आज तक एक जेर जबर तक नहीं हटाया जा सकता तो वसीम रिजवी जैसे आतंकी लोगों या उसके सरगना की क्या औकात है। बहुजन मुक्ति पार्टी से ऐसे लोगों की निंदा नही कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और तमाम मूल निवासियों से एकजुट होकर ऐसे यजीद लोगों पर बेशुमार लानत भेजें और उनको आसपास ना भटकने दे। हमारे देश में ऐसे फूट डालने वाले मूल निवासियों के बीच मुनाफिक भरे पड़े हैं। जो अपनी कौम के ही और अपने खुद के भी दुश्मन हैं। बैठक में दीन मोहम्मद सलमानी डॉ. खुर्शीद आलम, सतेन्द्र गौतम, महराजुदुदीन, हबीबुर्रहमान चौहान चौधरी, इश्तियाक अलीमुद्दीन सैफी, मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद राशिद सैफी, मनोज कुमार, ओमवीर सिंह, जिला अध्यक्ष एडवोकेट अंजार शहजाद, अंसारी शमी अहमद, इमरान राय सिराजुद्दीन, मोहम्मद लुकमान राम, सिंगार अयूब अली, मौलाना शाहनवाज दिलशाद हाफिज मैनुद्दीन, कमल किशोर, मोहम्मद
आरिफ राजपूत, मोहम्मद अकरम इदरीसी, इकबाल पसीना, महेंद्र मानव, कुलवंत सिंह, भड़ाना शोएब अख्तर आदि मौजूद रहे।

यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश

यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश  संदीप मिश्र  लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके ...