वाशिंगटन डीसी/ तेहरान। अमेरिकी सेना ने पूर्वी सीरिया में ईरान के समर्थन वाले सशस्त्र समूहों पर हमले किए हैं। अमेरिका ने इराक में अपने सैनिकों के ठिकानों पर हुए रॉकेट हमलों के जवाब में यह कार्रवाई की है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘प्रेसिडेंट जो बाइडेन के निर्देश पर अमेरिकी मिलिट्री फोर्सेज ने पूर्वी सीरिया में ईरानी सशस्त्र समूहों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हमला किया है।’ कहा जा रहा है कि इस कार्रवाई में सशस्त्र समूहों के करीब 17 लड़ाके मारे गए हैं। अमेरिकी प्रवक्ता ने साफ तौर पर कहा कि यह कार्रवाई इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए रॉकेट हमलों के जवाब में की गई है। जॉन किर्बी ने कहा, ‘अमेरिकी और नाटो सेनाओं के सैन्य ठिकानों पर हाल ही में इराक में हुए हमलों के जवाब में यह एक्शन हुआ है।’ पेंटागन के मुताबिक अमेरिकी फाइटर जेट्स ने 7 ठिकानों को निशाना बनाते हुए 7 500-lb बम गिराए हैं। इनमें से एक ठिकाना ईरान और सीरिया के बॉर्डर पर स्थित क्रॉसिंग भी है। अमेरिका का कहना है कि इस क्रॉसिंग का इस्तेमाल ईरान समर्थित उग्रवादी समूह हथियारों के मूवमेंट के लिए करते थे। किर्बी ने कहा कि इन हमलों में ईरान समर्थित समूहों के कई ठिकाने तबाह हो गए हैं। इन समूहों में कताएब हिजबुल्ला और कताएब सैयद अल-सुहादा शामिल हैं। सीरिया के एक मानवाधिकार संगठन ने अमेरिकी हमलों में एक दर्जन से ज्यादा ईरान समर्थित लड़ाकों के मारे जाने की पुष्टि की गई है। सीरियन ऑब्जरवेट्री फॉर ह्यूमन राइट्स के डायरेक्टर रामी अब्दुल रहमान ने कहा, ‘अमेरिकी हमलों में तीन ट्रक तबाह हो गए हैं, जिन पर ईरान समर्थित समूहों ने हथियार लाद रखे थे। इसके अलावा बड़ी संख्या में मौतें भी हुई हैं। शुरुआती जानकारी मिली है कि करीब 17 लड़ाके मारे गए हैं।’ ग्रुप का कहना है कि मारे गए सभी लड़ाके हाशद अल-शाबी ग्रुप के हैं। जो ईरान समर्थित सशस्त्र समूहों का प्रमुख संगठन है।
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021
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जम्मू में मिले पाकिस्तानी सिग्नल, एजेंसियां अलर्ट
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा के समीप पाकिस्तानी टेलीकॉम ऑपरेटरों के सिग्नल मिलने से पहले से ही अलर्ट पर चल रही सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू के बाहरी इलाकों में अब रेडियो चैनल के सिग्नल मिलने के बाद सुरक्षा और कड़ी कर दी है। प्रदेश के सिधरा-कुंजवानी बाय-पास रोड पर कई लोगों के मोबाइल फाेन,गाड़ियों के म्यूजिक और रेडियो सिस्टमों में पाकिस्तान के रेडियो चैनल भी सुनाई दिये और कई लोगों को पाकिस्तानी रेडियो चैनल के प्रोग्राम भी बड़ी आसानी से सुनाई दिए। पाकिस्तानी रेडियो चैनल के सिग्नल इतने मजबूत हैं, कि जम्मू के कई इलाकों में स्थानीय रेडियो सिग्नल ठीक से लोगों को सुनाई भी नहीं दे रहे।
यूनिवर्सिटी में संदिग्ध 1 युवक को छात्रों ने पकड़ा
सत्येंद्र पंवार
मेरठ। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में घूम रहे संदिग्ध युवक को छात्रों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। संदिग्ध के पास से कुछ आईडी, पिस्टल होल्डर, कुछ कारतूस और सामान बरामद किया गया। सूचना पर हिंदू संगठन के सदस्य भी थाने पहुंच गए और युवक पर गंभीर आरोप लगाकर हंगामा कर दिया। आरोपी के मोबाइल में दर्जनों युवतियों के फोटो और मोबाइल नंबर बताए गए। इस संबंध में तहरीर दी गई हैं। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पूछताछ में उसने बताया कि सभी लड़कियां उसकी दोस्त हैं।
खबर के अनुसार मेरठ के शास्त्री नगर निवासी मनीष कुमार यूनिवर्सिटी के छात्र है। मनीष ने बताया कि वह अपने साथी छात्रों विशाल, अशोक और मोहित रस्तोगी के साथ यूनिवर्सिटी आया था। इसी दौरान सालिक मोहम्मद नाम के एक युवक न्यूज चैनल की आईडी लेकर कुछ छात्राओं का इंटरव्यू ले रहा था। एक छात्रा के साथ जबरदस्ती करते हुए सालिक ने हाथ पकड़ लिया, विरोध पर हंगामा हो गया। मनीष ने बताया कि उन्होंने अपने साथी छात्रों के साथ मिलकर कथित आरोपी को दबोच लिया। इसके बाद उसके बैग की तलाशी ली तो उसमें से एक न्यूज चैनल की आईडी, प्रेस-कार्ड और कारतूस समेत पिस्टल होल्डर मिला। आरोपी की पहचान मोहम्मद सालिक निवासी भवानीनगर नौचंदी के रूप में हुई। हालांकि उसके बैग से जो आईकार्ड मिला उस पर मोहम्मद शयान सिद्दीकी नाम लिखा था। उसका साथी फरार हो गया। जिसकी पहचान अनस निवासी इस्लामाबाद के रूप में हुई। दूसरे आरोपी के पास भी एक न्यूज चैनल की आईडी थी।
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कर्मचारी वेतन-पेंशन के हकदार, ब्याज देगी सरकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी कर्मचारी वेतन और पेंशन पाने के हकदार हैं और सरकार ने जो सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन के भुगतान में देरी की है। उसके लिए सरकार को उचित ब्याज दर के साथ वेतन और पेंशन का भुगतान करने के लिए निर्देशित किया जाता है। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने एक पूर्व जिला और सत्र न्यायाधीश द्वारा दायर जनहित याचिका को अनुमति प्रदान की थी और जिसमें मार्च-अप्रैल 2020 के स्थगित वेतन का भुगतान 12% प्रति वर्ष की ब्याज दर से वेतन का भुगतान करने व समान ब्याज दर के साथ मार्च 2020 के महीने के लिए आस्थगित पेंशन का भुगतान करने के लिए कहा गया। शीर्ष अदालत के समक्ष अपील में... राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपनी चुनौती को केवल ब्याज दर के मुद्दे तक सीमित रखा। राज्य ने तर्क दिया कि राज्य ने वेतन और पेंशन के भुगतान को स्थगित करने का निर्णय लिया था क्योंकि राज्य ने स्वंय को महामारी के कारण अनिश्चित वित्तीय स्थिति में पाया था। इसने प्रस्तुत किया कि राज्य ने प्रामाणिक कार्य किया था और इसलिए ब्याज का भुगतान करने के दायित्व के साथ मामला को निपटाना सही नहीं होगा।जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ ने दोनों पक्षों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर ध्यान दिया और कहा कि, “वेतन और पेंशन के आस्थगित भागों के भुगतान के लिए दिया गया निर्देश अस्पष्ट है। राज्य में सेवा देने के कारण कर्मचारियों को वेतन प्राप्त होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो सरकारी कर्मचारी वेतन प्राप्त करने के हकदार हैं और यह कानून के अनुसार देय है। इसी तरह, यह भी तय है कि पेंशन का भुगतान पेंशनरों द्वारा राज्य को प्रदान की गई पिछले कई वर्षों की सेवा के लिए होता है। इसलिए पेंशन प्राप्त करना, राज्य सरकार के कर्मचारियों की सेवा के नियमों और विनियमों द्वारा कर्मचारियों का हक का मामला है।”अदालत ने उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने दो चरणों में बकाया देयकों के भुगतान के लिए न्यायालय के निर्देशों का अनुपालन किया है। अदालत ने कहा कि 12% प्रति वर्ष की ब्याज दर से बकाया का भुगतान, जो उच्च न्यायालय द्वारा तय किया गया है, उसे उचित रूप से कम किया जाना चाहिए।कोर्ट ने कहा, “उत्तरदाताओं के लिए वकील ने यह माना है कि ब्याज का ऑवर्ड सरकार की कार्रवाई के कारण था, जो कानून के विपरीत था। हमारा विचार है कि ब्याज का भुगतान राज्य सरकार को दंडित करने के साधन के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है। इस तथ्य सत्य है कि जिस सरकार ने वेतन और पेंशन के भुगतान में देरी की है, उसे उचित ब्याज दर पर वेतन और पेंशन का भुगतान करने के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए।”अपील का निस्तारण करते हुए पीठ ने निर्देश दिया कि 12% प्रति वर्ष की ब्याज दर के प्रतिस्थापन में... जिसे उच्च न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में कहा गया था। आंध्र प्रदेश सरकार तीस दिनों की अवधि के भीतर वेतन और पेंशन का 6% प्रति वर्ष की दर के हिसाब से साधारण ब्याज का भुगतान करेगी।
5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का हो सकता है ऐलान
राणा ओबराय
नई दिल्ली। आयोग के सूत्रों के अनुसार, पश्चिम बंगाल में 6 से 8 चरण में चुनाव हो सकते हैं। जबकि असम में तीन चरणों में मतदान करवाया जा सकता है। वहीं केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक ही चरण में मतदान कराए जाने की आशंका जताई जा रही है। चारों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की मतगणना एक ही दिन होगी। एक मई से पहले विधानसभा गठन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। वहीं हरियाणा में भी दो सीटों पर उपचुनावों को लेकर शुक्रवार को कोई फैसला आ सकता है। जिसको लेकर शुुुक्रवार को एक प्रैस वार्ता का आयोजन किया गया है। दोपहर के बाद पूर्ण रूप से तय होगा कि हरियाणा की इन दो सीटों पर चुनाव कब से होना है। चार मई से बोर्ड की परीक्षाएं होने वाली हैं। इसके मद्देनजर आयोग की योजना एक मई से पहले चुनाव कार्यक्रम संपन्न कराने की है। आयोग ने सबसे ज्यादा दौरे इन पांच राज्यों (पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल) में किए हैं। अभी भी एक टीम पश्चिम बंगाल के दौरे पर है। कोरोना वायरस के बढ़ते मामले को देखते चुनाव आयोग के सामने तमिलनाडु और केरल में चुनाव करवाना सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि उसने कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए तमाम तरह के उपाय किए गए हैं। सुरक्षाबलों का भी पूरा बंदोबस्त कर लिया गया है। माना जा रहा है कि कोराना के कारण मतदान के समय में इजाफा हो सकता है।
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