सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

सरकार कानूनों में संशोधन करने को तैयार: तोमर

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को कहा कि भीड़ इकट्ठा करने से कानून नहीं बदलते। उन्होंने कहा कि किसान यूनियन बताएं कि इन कानूनों में किसानों के खिलाफ क्या है और सरकार उसमें संशोधन करने को तैयार है। नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर में कहा कि केन्द्र सरकार ने संवेदनशीलता के साथ किसान संगठनों से 12 दौर की बातचीत की है। लेकिन बातचीत का निर्णय तब होता है।जब आपत्ति बताई जाए। उन्होंने कहा कि सीधा कहोगे कानून हटा दो, ऐसा नहीं होता है कि कोई भीड़ इकट्ठा हो जाए और कानून हट जाये। कृषि मंत्री ने कहा कि किसान संगठन बताएं कि इन नए कानूनों में किसान के खिलाफ क्या है? लेकिन भीड़ एकत्र करने से कानून नहीं बदलता है। तोमर ने कहा कि किसान संगठन यह तो बताएं कि आखिर कौन से प्रावधान हैं जो किसानों के खिलाफ हैं? इसे सरकार समझने को तैयार है और संशोधन करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि किसान के हितों के मुद्दे पर सरकार आज भी संशोधन करने को तैयार है और इस बारे में तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं।

पेट्रोल-डीजल के बाद, प्याज की कीमतों ने रूलाया

पेट्रोल-डीजल के बाद अब प्याज की कीमतों ने रूलाया, जानिए कब तक हो सकते है दाम कम
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली।  पूरे देश में पेट्रोल डीजल के कीमतों में दिनों दिन बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इससे आम जनता काफी परेशान नजर आ रहे है। वहीं रसोई गैस के दाम ने भी घरेलू बजट को बिगाड़ दिया है। इसी बीच आम जनता को प्याज के दामों ने भी रूलाना शुरू कर दिया है। ब​ता दें कि खुदरा बाजार में प्याज के दाम पचास रुपए तक बढ़ गया है। सरकार को इस बात की उम्मीद है। कि मार्च में प्याज की आवक बढ़ जाएगी इससे प्याज के दामों में कमी हो जाएगी। इसके साथ केंद्र सरकार बफर स्टॉक से राज्यों को प्याज जारी कर सकती है।
प्याज की कीमतों में अचानकआई वृद्धि अहम वजह महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में बेमौसम बरसात है। इन दनों प्रदेशों में बेमौसम बरसात और ओले पडने की वजह से प्याज की फसल खराब हो गई है। इसके चलते एशिया की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में प्याज की कीमत 4200 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई। क्योंकि, मंडी में प्याज की आवक कम हो गई है।उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ो के मुताबिक भी राजधानी दिल्ली में बीस दिन के अंदर प्याज की कीमत 10 से 15 रुपए तक बढी हैं। आंकड़ो के मुताबिक 19 फरवरी को प्याज की कीमत 50 रुपए प्रति किलो थी। जबकि 30 जनवरी को प्याज के दाम 39 रुपए प्रति किलो थे। इससे पहले बाजार में प्याज की कीमत औसतन 20 से पच्चीस रुपए प्रति किलो तक थी।
सरकार के मार्च में प्याज की आवक बढने से कीमत कम होने की उम्मीद के बावजूद कई जानकार मानते हैं। कि अभी राहत की उम्मीद कम हैं। उनका मानना है। कि प्याज के दाम अभी और बढेगें। कई लोग कीमतों को आवश्यक वस्तु अधिनियम संशोधन से जोडकर भी पेश कर रहे हैं। दरअसल, सरकार ने पिछले साल आलू, प्याज, दाल, चावल और तिलहन को दायरे से बाहर कर दिया है।
राजधर्म निभाते हुए पेट्रोल-डीजल की कीमत कम करे सरकार: सोनिया
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सरकारों का चुनाव लोगों के हितों पर कुठाराघात करने के लिए नहीं बल्कि बोझ कम करने के लिए किया जाता है। पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में कमी की मांग करते हुए कहा कि मध्य वर्ग, किसान और गरीबों को लाभ मिलना चाहिए।
सोनिया गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि देश में ईंधन के दाम ऐतिहासिक रूप से अधिकतम ऊंचाई पर हैं, जो पूरी तरह अव्यवहारिक हैं। कई हिस्सों में पेट्रोल के दाम 100 रुपये प्रति लीटर पार कर गए हैं। डीजल की कीमतों में वृद्धि ने करोड़ों किसानों की परेशानी को और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत मध्यम स्तर पर है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि मुनाफाखोरी का उदाहरण है।
21 लाख करोड़ रुपये कमाए। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि यह बात उनकी समझ से परे है कि कोई सरकार ऐसे बेपरवाह और असंवेदनशील उपायों को कैसे सही ठहरा सकती है। सरकार ने छह साल में डीजल पर 820 फीसदी और पेट्रोल पर 258 प्रतिशत उत्पाद शुल्क बढ़ाकर 21 लाख करोड़ रुपये से अधिक की कर वसूली की है। पर इस मुनाफाखोरी का लोगों को कोई लाभ नहीं मिला।
बंगाल सरकार ने पेट्रोल, डीजल पर कर में एक रुपये की कमी की
पश्चिम बंगाल सरकार ने रविवार को पेट्रोल और डीजल पर कर में एक रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की जो कि मध्यरात्रि से प्रभावी होगी। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने कहा कि इस कदम से लोगों को ईंधन की कीमतों में वृद्धि से कुछ राहत मिलेगी।मित्रा ने कहा केंद्र पेट्रोल से कर के तौर पर 32.90 रुपये प्रति लीटर कमाता है। जबकि राज्य को केवल 18.46 रुपये मिलते हैं। डीजल के मामले में, केंद्र सरकार की कमाई 31.80 रुपये प्रति लीटर है। जबकि राज्य के लिए 12.77 रुपये है।

परस्पर सहमति से समाधान करेंगे भारत और चीन

अकांशु उपाध्याय 

नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत और चीन की सेनाओं ने तय किया है, कि वे पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते क्षेत्रों में पिछले वर्ष उत्पन्न गतिरोध से संबंधित लंबित मुद्दों का परस्पर सहमति से समाधान करेंगे। दोनों देशों की सेनाओं के कोर कमांडरों के बीच  चीन की सीमा में मोल्डो क्षेत्र में दसवें दौर की बातचीत हुई। बातचीत के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि करीब 16 घंटे चली बातचीत के दौरान दोनों पक्षों के बीच यह तय हुआ कि वे दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्व के बीच बनी सहमति के आधार पर संपर्क और संवाद जारी रखेंगे , जमीनी स्तर पर स्थिति को स्थिर तथा नियंत्रित करेंगे और चरणबद्ध तरीके से लंबित मुद्दों को समाधान करेंगे जिससे कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति तथा मैत्री का माहौल बनाया जा सके।

परिवार ने एक साथ की आत्महत्या, 4 की मौत

4 जिंदगियां खत्म, पूरे परिवार ने एक साथ की आत्महत्या, सुसाइड नोट में लिखी ये बात
नरेश राघानी  
सीकर। एक बेहद दर्दनाक घटना हुई है। राजस्थान के सीकर में एक बेहद दर्दनाक घटना हुई है। बेटे की मौत का गम एक परिवार पर इस कदर टूटा कि पूरे परिवार ने सामूहिक तौर पर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मौके से जो सुसाइड नोट मिला है। उसमें मरने से पहले परिवार के मुखिया हनुमान प्रसाद सैनी बेटे अमर की मौत को आत्महत्या करने का कारण बताया है। बताया जा रहा है। कि हनुमान प्रसाद सैनी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के भतीजे थे। जानकारी के मुताबिक सैनी परिवार के इन चार सदस्यों ने परिवार के जवान बेटे की मौत के कारण पैदा हुए मानसिक अवसाद की वजह से आत्महत्या की है। इन 4 लोगों में हनुमान प्रसाद सैनी, उनकी पत्नी तारा और दो बेटियां अनु और पूजा शामिल हैं। इन्होंने फांसी के फंदे पर लटककर आत्महत्या की है। हनुमान प्रसाद सैनी बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के सगे भाई के बेटे थे। हनुमान प्रसाद सैनी द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में लिखा गया है। कि बेटे की मौत के बाद वे लोग जी नहीं पा रहे थे। उन्होंने मरने से पहले सुसाइड नोट में लिखा है। मैं हनुमान प्रसाद सैनी, मेरी पत्नी तारा देवी, 2 बेटियां पूजा और अन्नू अपने पूरे होश में यह लिख रहे हैं। हमारे बेटे अमर का स्वर्गवास 27 सितंबर 2020 को हो गया था। हमने उसके बिना जीने की कोशिश की, लेकिन उसके बगैर जिया नहीं जाता। इसलिए हम चारों ने अपनी जीवन लीला खत्म करने का फैसला लिया है। अमर ही हम चारों की जिंदगी था। वही नहीं तो हम यहां क्या करेंगे। जानकारी हनुमान प्रसाद सैनी ने सुसाइड नोट में आगे लिखा है। कि प्रशासन किसी भी परिवारवाले को परेशान न करें. ये हमारा अपना फैसला है। उन्होंने सुसाइड नोट में अपने छोटे भाई सुरेश को लिखा है। हम सब का अंतिम संस्कार परिवार की तरह ही करना. कबीर पंथ की तरह मत करना सब अपने ​रीति रिवाज से करना और अमर का कड़ा और उसके जन्म के बाल हमारे साथ गंगा में बहा देना है। अमर की फोटो के पास सब सामान रखा है। सुरेश मेरे ऊपर किसी का कोई रुपया-पैसा बाकी नहीं है। परिवार के सामूहिक आत्महत्या कर लेने के बाद पूरे इलाके में गम पसरा हुआ है। मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच के बाद कहा कि परिवार के चारों सदस्य एक ही पलंग पर चढ़कर फंदे से लटके हैं। और इस दौरान उन्होंने पलंग को पैर से गिरा दिया जिसके बाद वो फंदे से झूल गए और उनकी मौत हो गई। परिवार के आत्महत्या कर लेने की खबर भी उस वक्त लोगों को मिली जब दूधवाला शाम को दूध देने हनुमान सैनी के घर पहुंचा। दरवाजा खटखटाने के बाद भी जब किसी ने गेट नहीं खोला तो दूधवाले ने उनके मोबाइल पर फोन किया किसी ने फोन भी नहीं उठाया इसके बाद दूधवाले ने हनुमान सैनी के भतीजे युवराज को फोन किया और पूरी बात बताई। जब हनुमान सैनी का भतीजा युवराज वहां पहुंचा और गेट खोलकर अंदर गया तो देखा चारों फंदे से लटके हुए थे। इसके बाद उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने जब छानबीन की तो उन्हें दो पेज का सुसाइड नोट मिला जिसमें उन्होंने बेटे की मौत के सदमे को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया था। पूरे परिवार के आत्महत्या करने को लेकर पड़ोसियों ने बताया कि जिस कमरे से चारों शव लटके हुए मिले हैं। वहां पहले लोहे का कोई गर्डर नहीं था। चार दिनों पहले ही उन्होंने मिस्त्री बुलवाकर लोहे का गर्डर लगवाया था। जिससे वो लटके हुए मिले इतनी ही नहीं जिस रस्सी से उन्होंने फंदा बनाया था। वो रस्सी भी नई थी। इन घटनाओं के बाद लोग अंदाजा लगा रहे हैं। कि इन्होंने तीन चार दिन पहले ही सामूहिक आत्महत्या करने की योजना बना ली थी। हनुमान सैनी की एक बेटी एमएससी जबकि दूसरी बेटी बीएससी में पढ़ रही थी। उनकी पत्नी हाउस वाइफ थी। जबकि वो खुद सरकारी नौकरी करते थे।

कर्नाटक करेगा खेलो इंडिया 2021 की मेजबानी

कर्नाटक करेगा खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2021 की मेजबानी
अकांशु उपाध्याय  
नई दिल्ली। इस वर्ष के आखिर में होने वाले दूसरे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स (केआईयूजी) की मेजबानी कर्नाटक राज्य को सौंपी गई है। केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री किरण रिजिजू ने रविवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि गेम्स का आयोजन एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी (एआईयू) के सहयोग से बेंगलुरु के जैन विश्वविद्यालय और अन्य स्थानों पर किए जाएंगे। 
इस अवसर पर मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कहा कि केआईयूजी 2021 की मेजबानी का अवसर कर्नाटक को मिलना गर्व की बात है। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि इस आयोजन से भारत को भविष्य के कुछ चैंपियन मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार विश्वविद्यालय खेलों को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
वहीं, केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने इस बार के आयोजन में भी अच्छी भागीदारी की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि पिछले साल ओडिशा में यूनिवर्सिटी गेम्स एक बड़ी सफलता थी। जिन देशों के खेल प्रदर्शन में महानता है। वे अक्सर अपने खेल नायकों को विश्वविद्यालय स्तर के एथलीटों से आकर्षित करते हैं। उदाहरण के लिए, अमेरिका में । विश्वविद्यालयीय खेल ओलंपिक चैंपियनों के उभरने का आधार है।
इस बार के खेल आयोजन में और भी बड़ी भागीदारी की कल्पना करते हुए रिजिजू ने कहा कि पिछले साल ओडिशा में विश्वविद्यालय खेल एक बड़ी सफलता थी। खेल के शानदार प्रदर्शन वाले देशों ने अक्सर विश्वविद्यालय स्तर के एथलीटों से अपने खेल नायकों को आकर्षित किया है। मिसाल के तौर पर, यूएस गेम्स ओलंपिक चैंपियनशिप के आधार हैं। भारत में हमें विश्वविद्यालयों से प्रतिभा की पहचान करने के लिए एक निरंतर, फोकस्ड योजना की आवश्यकता है। और मुझे खुशी है। कि हम केआईयूजी के साथ ऐसा करने में सक्षम हैं। इस साल, स्वदेशी खेलों को प्रतियोगिता में शामिल करने के साथ, मुझे उम्मीद है। कि प्रतिभागियों की संख्या अधिक होगी।
एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटी (एआईयू) के महासचिव, बलजीत सेखों के साथ केआईयूजी के साथ साझेदारी के बारे में बोलते हुए विश्वविद्यालय खेल हमारे एथलीटों के लिए ओलंपिक गौरव का एक स्पष्ट मार्ग है। एआईयू को विश्वविद्यालय खेल के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। और इस वर्ष एआईयू अपने राष्ट्रीय-स्तरीय प्रतियोगिताओं को भी आयोजित करेगा।
जैन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति चेनराज रॉय चंद का कहना है। कि विश्वविद्यालय परिसर में केआईयूजी की मेजबानी अभी भी खेल के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को मजबूत करने की दिशा में एक और कदम है। खेल के विकास के लिए इस राष्ट्रीय पहल की मेजबानी करने का अवसर मिलना जैन विश्वविद्यालय में हमारे लिए गर्व की बात है। खेल कार्यक्रम के प्रति हमारे विश्वविद्यालय का व्यावहारिक दृष्टिकोण हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है। जो खेलों को किसी के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
उल्लेखनीय है। कि केआईयूजी देश का सबसे बड़ा विश्वविद्यालयीय खेल है। और इसका उद्देश्य खेल प्रतिभाओं का दोहन करना है। जो ओलंपिक सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। केआईयूजी का पहला संस्करण भुवनेश्वर में फरवरी 2020 में आयोजित किया गया था। और सभी राज्यों के 158 विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में, अंडर-25 आयु वर्ग में 3182 एथलीटों की कुल भागीदारी देखी गई।

सरकार के खिलाफ उपवास में क्या है गांधी की मांग

राहुल सिंह दरम्वाल 

लखनऊ। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और वर्तमान में जागेश्वर से विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल इस समय अपनी विधानसभा में विकास कार्यों पर सरकार के द्वारा पैसा आवंटन नहीं करने पर नाराज दिखाई दे रहे हैं। कुंजवाल ने कहा लंमगड़ा विकासखंड में महाविद्यालय और तहसील भवन के लिए कांग्रेस सरकार के समय कार्य किए गए थे। उस वक्त जमीन नहीं मिलने के कारण इन कार्यों को निजी भवनों में शुरू कर दिया था। लेकिन अब जमीन उपलब्ध हो गई है। लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है और ना ही इन विकास कार्यों के लिए बजट पास कर रही है। उस समय सरकार के पास जमीन नहीं थी जिस कारण से उन्हें किराए के भवनों में शुरू करवाया था। लेकिन अब गांव के सहयोग से महाविद्यालय तथा तहसील भवन हेतु जमीन उपलब्ध हो चुकी है। साथ ही विभाग के नाम भी जमीन हो गई है।

'बरेली' का वायु प्रदूषण में 13वां स्थान रहा

संदीप मिश्र 

बरेली। स्मार्ट सिटी बनाने के लिए जगह-जगह पर होने वाली खुदाई से शहर की आबोहवा इस कदर जहरीली होती जा रही है, कि आने वाले दिनों में खतरनाक हालातों को सामना करना पड़ सकता है। बीते दिनों ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण के मामले में बरेली देश के 280 शहरों में 13वें नंबर पर है। वहीं, प्रदेश की बात की जाए तो बरेली चौथे नंबर पर है। जहां की आबोहवा सबसे ज्यादा जहरीली होती जा रही है। उत्तर प्रदेश के 22 शहरों में बरेली चौथे नंबर पर है। इस रिपोर्ट में 280 शहरों के वर्ष 2015 और 2016 के साल भर का औसत पार्टीकुलेट मेटर (पीएम10) के आंकड़े जुटाए।

पुडुचेरी में सरकार गिरी, बहुमत नहीं हुआ साबित

पुडुचेरी में कांग्रेस सरकार गिरी, बहुमत नहीं साबित कर पाए सीएम वी. नारायणासामी, उपराज्यपाल से मिलकर त्यागपत्र देंगे।
हरिओम उपाध्याय  
पुडुचेरी। विधानसभा में कांग्रेस अपना बहुमत साबित नहीं कर पाई है। स्पीकर ने ऐलान किया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है। इसके बाद मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी की विदाई तय हो गई है। गौरतलब है। कि विधानसभा में कांग्रेस के पास उसके 9 विधायकों के अलावा 3 डीएमके और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन था। यानी कांग्रेस के पास 12 विधायकों का समर्थन था। जबकि विधानसभा की वर्तमान स्थिति के मुताबिक उसे बहुमत के लिए 14 विधायकों का समर्थन चाहिए था। हालांकि, फ्लोर टेस्ट से पहले मुख्यमंत्री नारायणसामी दावा करते रहे कि उनके पास निर्वाचित विधायकों में से बहुमत है। क्या है विधानसभा का गणित 33 सदस्यीय पुडुचेरी विधानसभा में 30 सदस्य निर्वाचित और 3 सदस्य केंद्र सरकार की ओर से मनोनित होते हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं। एक विधायक को पार्टी द्वारा पिछले साल दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित किया गया था। इसके अलावा पांच विधायक अब तक इस्तीफा दे चुके हैं। डीएमके ने कांग्रेस का समर्थन किया है। उसके तीन विधायक थे, लेकिन रविवार को इनमें से एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया। रविवार देर शाम तक कांग्रेस गठबंधन के पास 12 विधायकों का समर्थन ही था। जिसमें कांग्रेस के 9, डीएमके के 2 और एक निर्दलीय विधायक शामिल है। छह विधायकों के इस्तीफे और एक अयोग्यता के बाद पुडुचेरी विधानसभा की संख्या 26 है। प्रमुख विपक्षी दल ऑल इंडिया एन आर कांग्रेस, ने 2016 के चुनावों में 8 सीटें जीती थीं। लेकिन उसका एक विधायक अयोग्य घोषित हो गया था। और बाद में इस सीट को डीएमके ने जीत लिया था। यानी अभी एनसीआर के पास 7 विधायक, के पास 4 विधायक हैं। वहीं, बीजेपी के पास 3 मनोनित विधायक हैं। यानी सरकार के समर्थन में 12 विधायक हैं। जबकि विपक्ष में 14 विधायक हैं। कांग्रेस का कहना है। कि उसके पास निर्वाचित विधायकों में से बहुमत है। यानी 23 में 12 विधायक उसके साथ हैं।

ऑटो-ट्रक में हुई आमने-सामने टक्कर, 5 की मौत

5 लोगों की दर्दनाक मौत। ऑटो और ट्रक में हुई आमने-सामने टक्कर, मची चीख-पुकार
अविनाश श्रीवास्तव 
 कटिहार। बड़ा हादसा बिहार के कटिहार जिले में सोमवार को हुए भीषण सड़क हादसे में 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई है। हादसा ऑटो और ट्रक में हुई टक्कर के दौरान हुआ जिसमें पांच लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया जबकि कई अन्य लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए। कटिहार में यह सड़क दुर्घटना पोठिया थाना क्षेत्र के समेली खैरा बहियार के समीप हुई। दुर्घटना के बारे में बताया जा रहा है। कि अनियंत्रित ऑटो और ट्रक में आमने-सामने भीषण टक्कर हो गई जिसमें पूर्णिया से बैंड पार्टी बाजा कर लौट रहे पांच लोगों की मौत हो गई जबकि पांच लोग घायल है। मामले की जानकारी मिलते ही पोठिया थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। पोठिया थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची जिसके बाद सभी मृतकों की पहचान हुई। मृतक सभी लोग कुर्सेला थाना क्षेत्र के बसुहार मजदिया गांव के रहने वाले थे। और शादी विवाह में बैंड पार्टी का काम करते थे। मृतकों में अर्जुन मोची 50 वर्ष, किशोर पासवान 45 वर्ष, धर्मेंद्र कुमार मंडल 50 वर्ष, सुशील कुमार मोची 30 वर्ष और छोटेलाल राम 42 वर्ष हैं। जबकि घायलों में सभी लोग फलका भंगहा के रहने वाले हैं। घायलों में संतोष कुमार 25 वर्ष, मिट्ठू कुमार 17 वर्ष, चिंटू कुमार 16 वर्ष, श्री मोची 60 वर्ष और सियाराम मंडल 32 वर्ष हैं। घटना के बाद इलाके में कोहराम मचा हुआ है। इस हादसे के बाद पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है। लेकिन ट्रक का ड्राइवर फरार है। घटना के प्रत्यक्षदर्शी बिट्टू कुमार और संतोष कुमार ने बताया कि अचानक ट्रक लाइट जला कर रुक गया जिस कारण ऑटो से उसकी टक्कर हो गई, जबकि पीछे से भी आ रही एक कार ने ऑटो में ठोकर मार दी जिस कारण इतना बड़ा हादसा हुआ।

बाल-बाल बचे पूर्व सीएम, 10 फीट नीचे गिरी लिफ्ट

बाल-बाल बचे पूर्व मुख्यमंत्री, भरभराकर 10 फीट नीचे गिरी लिफ्ट, मचा हड़ंकप
भोपाल। मध्यप्रदेश में उस समय हड़कंप मच गया जब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की लिफ्ट नीचे गिर गई। इसके बाद लिफ्ट का दरवाजा बंद हो गया। लिफ्ट गिरते ही कमलनाथ की सुरक्षा में तैनात जवान नीचे की ओर भागे। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिस लिफ्ट में सवार थे, उसके गिरने की खबर सुनकर इंदौर प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए।
आनन-फानन में लिफ्ट इंजीनियर को बुलाया गया और लिफ्ट का दरवाजा तोड़कर कमलनाथ समेत सभी नेताओं को बाहर निकाला गया। गनीमत यह रही कि लिफ्ट में सवार किसी भी नेता को चोट नहीं आई।
जानकारी के मुताबिक पूर्व मंत्री रामेश्वर पटेल इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। तो वे उनके स्वास्थ्य का हाल-चाल जानने निजी अस्पताल पहुंच गए।
दरअसल रविवार को कमलनाथ इंदौर में थे। और जब उन्हें पता चला कि कमलनाथ के साथ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा और जीतू पटवारी भी मौजूद थे। अस्पताल पहुंचने के बाद रामेश्वर पटेल के वॉर्ड में जाने के लिए सभी नेता लिफ्ट में सवार हो गए लेकिन लिफ्ट ऊपर जाने की जगह करीब 10 फीट नीचे गिर गई।

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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 

1. अंक-190 (साल-02)
2. मंगलवार, फरवरी 23, 2021
3. शक-1983, माघ, शुक्ल-पक्ष, तिथि-द्वादशी, विक्रमी संवत 2077।

4. प्रातः 06:50, सूर्यास्त 06:18।

5. न्‍यूनतम तापमान -07 डी.सै.,अधिकतम-25+ डी.सै.। 

6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7.स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं हैं। पीआरबी एक्ट के अंतर्गत उत्तरदायी।

8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।

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कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...