शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

चीन के कानून ने संयुक्त-राष्ट्र को चिंता में डाला

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। अमेरिका और चीन के बीच विवाद लगातार बढ़ रहा है। अब चीन ने एक ऐसा कानून बनाया है। जिसने अमेरिका को चिंता में डाल दिया है। अमेरिका ने चीन के हाल में बनाए गए तट रक्षक कानून  पर चिंता जताते हुए कहा है, कि इससे इलाके में जारी क्षेत्रीय एवं समुद्री विवाद और बढ़ेगा और अवैध दावे करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। चीन ने पिछले महीने कानून पारित किया था। जिसके तहत पहली बार तटरक्षक विदेशी पोतों पर गोलाबारी कर सकते हैं। अमेरिका के अलावा कई अन्य देशों ने भी इस कानून को लेकर चिंता व्यक्त की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अमेरिका, फिलीपीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, जापान एवं अन्य देशों ने चीन द्वारा हाल में लागू तटरक्षक कानून को लेकर चिंता जताई है। इससे इलाके में पहले से जारी क्षेत्रीय एवं समुद्री विवाद और बढ़ सकता है। दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में चीन सीमा विवाद में बना हुआ है। चीन ने इलाके पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए वहां कई द्वीपों एवं चट्टानों का सैन्यीकरण किया है। ये दोनों इलाके खनिज, तेल एवं अन्य प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न होने के साथ-साथ वैश्विक व्यापार के प्रमुख मार्गों में से एक है।

रोहतक में ससुरालियों ने दामाद को जिंदा जलाया

रोहतक में ससुरालियों ने दामाद को जिंदा जलाया, तड़प तड़पकर तोड़ा दम
राणा ओबराय 
रोहतक। शहर की तेज कालोनी में आग लगने से झुलसे दामाद की एक सप्ताह बाद पीजीआइएमएस में मौत हो गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस मामले में अब पुरानी सब्जी मंडी थाना पुलिस ने हत्या धाराएं भी जोड़ दी है। हालांकि तेल छिड़कर आग लगाने वाले दोनों मुख्य आरोपितों को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। 
बता दें, कि हाउसिंग बोर्ड कालोनी का रहने वाला ऋषि ऑटो चलाता था। जिसकी शादी तेज कालोनी निवासी रोजी के साथ हुई थी। दंपती के बीच काफी समय से झगड़ा चल रहा था। यहां तक कि मामला कोर्ट में भी विचाराधीन था। 12 जनवरी की रात वह अपनी ससुराल में गया था। आरोप था। कि वह सास सरोज नागपाल के पैर छू रहा था। तभी उसके साले बबलू ने पेट्रोल डाल दिया था। और दूसरे साले राजू ने आग लगा दी थी।
किसी तरह ऋषि जान बचाते हुए सलारा मुहल्ला पुलिस चौकी में पहुंचा। वहां पर पुलिसकर्मियों ने आग बुझाई और सिविल अस्पताल में भर्ती कराया था। हालत खराब होने पर डाक्टरों ने उसे पीजीआइएमएस में रेफर कर दिया था। तभी से ऋषि का उपचार पीजीआइएमएस में चल रहा था। वह करीब 70 फीसद से अधिक झुलसा हुआ था। उपचार के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ और कल दोपहर करीब पौने दो बजे उसने दम तोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने दोनों आरोपितों को अगले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। 
सलारा मुहल्ला चौकी प्रभारी एएसआइ जरनैल सिंह ने बताया कि आग में झुलसे ऋषि की दोपहर के समय मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया है। इस मामले में अब दोनों आरोपितों पर हत्या की धाराएं भी लगाई गई है।

गरीब लोग आत्महत्या करेगें या गुलामी करेंगे ?

जितने भी गरीबी रेखा से नीचे के लोग हैं। वो आत्महत्या करेगें या नगद पैसों के लिए गुलामी करेंगे, जानिए क्यों

कैरेकस। बाज़ार से धीरे-धीरे नगद पैसा खत्म हो रहा है। और जिनके पास नगद पैसा है। उसके आमदनी के स्रोत बंद हो गए है और वो अब अपने बचत किए नगद पैसों को खर्च नही करना चाहते, ना जाने आगे कब हालात खराब हो जाए।
बाज़ार के हालात इतने खराब कभी नही थे। यदि यही हालात 2-3 साल रह जाए तो बाज़ार से से कैश खत्म हो जायेगा और जितने भी गरीबी रेखा से नीचे के लोग हैं। वो आत्महत्या करेगें या सब कुछ छोड़ कर नगद पैसों के लिए मजदूरी (गुलामी) करेंगे।
अब वक़्त दुनिया को समझाने का नही अपने और अपने परिवार को बचाने की है। भारत की हालत वेनेजुएला वाली हो सकती है। आखिरी मौका है, संभल जाओ।

भूख, चोरी और न्यायधीश अनोखा का दंड

भूख, चोरी और न्यायधीश अनोखा का दंड

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में एक पंद्रह साल का लड़का था। स्टोर से चोरी करता हुआ पकड़ा गया। पकड़े जाने पर गार्ड की गिरफ्त से भागने की कोशिश में स्टोर का एक शेल्फ भी टूट गया। जज ने जुर्म सुना और लड़के से पूछा तुमने क्या सचमुच कुछ चुराया था। ब्रैड और पनीर का पैकेट
लड़के ने नीचे नज़रें कर के जवाब दिया। हाँ'।
जज क्यों। लड़का: मुझे ज़रूरत थी।
जज: खरीद लेते। लड़का: पैसे नहीं थे।
जज: घर वालों से ले लेते। 
लड़का: घर में सिर्फ मां है। बीमार और बेरोज़गार है। ब्रैड और पनीर भी उसी के लिए चुराई थी। 
जज: तुम कुछ काम नहीं करते 
लड़का: करता था, एक कार वाश में... मां की देखभाल के लिए एक दिन की छुट्टी की थी, तो मुझे निकाल दिया गया।
जज: तुम किसी से मदद मांग लेते।
लड़का: सुबह से घर से निकला था। तकरीबन पचास लोगों के पास गया। बिल्कुल आख़िर में ये क़दम उठाया।
जिरह ख़त्म हुई। जज ने फैसला सुनाना शुरू किया। चोरी और ख़ुसूसन ब्रैड की चोरी बहुत शर्मनाक जुर्म है और इस जुर्म के हम सब ज़िम्मेदार हैं। 'अदालत में मौजूद हर शख़्स मुझ सहित सब मुजरिम हैं। इसलिए यहाँ मौजूद हर शख़्स पर दस-दस डालर का जुर्माना लगाया जाता है। दस डालर दिए बग़ैर कोई भी यहां से बाहर नहीं निकल सकेगा। ये कह कर जज ने दस डालर अपनी जेब से बाहर निकाल कर रख दिए और फिर पेन उठाया लिखना शुरू किया। इसके अलावा मैं स्टोर पर एक हज़ार डालर का जुर्माना करता हूं कि उसने एक भूखे बच्चे से ग़ैर इंसानी सुलूक करते हुए पुलिस के हवाले किया। अगर चौबीस घंटे में जुर्माना जमा नहीं किया तो कोर्ट स्टोर सील करने का हुक्म दे देगी।
जुर्माने की पूर्ण राशि इस लड़के को देकर कोर्ट उस लड़के से माफी तलब करती है। फैसला सुनने के बाद कोर्ट में मौजूद लोगों के आंखों से आंसू तो बरस ही रहे थे। उस लड़के के भी हिचकियां बंध गईं। वह लड़का बार बार जज को देख रहा था। जो अपने आंसू छिपाते हुए बाहर निकल गये। क्या हमारा समाज सिस्टम और अदालत इस तरह के निर्णय के लिए तैयार हैं। चाणक्य ने कहा है, कि यदि कोई भूखा व्यक्ति रोटी चोरी करता पकड़ा जाए तो उस देश के लोगों को शर्म आनी चाहिए।

चमचा, गुलाम और भक्त की परिभाषा

चमचा, गुलाम और भक्त की परिभाषा
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। अपने किसी स्वार्थ के लिए दूसरे की चाटुकारिता करेंं। उसे चने के झाड़ पर चढ़ाएंं रखे, यानी मतलब का यार.... जो गधे को भी बाप बना ले और काम निकल जाने पर सामने वाले को लात मार दे, 
गुलाम....
जिसे जबर्दस्ती पकड़कर अपनी सेवा करायी जाएं। गुलाम शारीरिक रूप से किसी के कब्ज़े में हो सकता है। पर उसका मन और मस्तिष्क फिर भी आज़ाद होना चाहता है। इसे शारीरिक गुलामी कहते हैं। मानसिक गुलामी नहीं। ये मजबूरी से पैदा होती है। भक्त वो प्राणी होता है जो शारीरिक रूप से भले ही गुलाम न बनाया गया हो पर वो खुद ही अपनी बुद्धि-विवेक को त्यागकर तन-मन, धन से किसी का बिन खरीदा गुलाम बन जायें। कहने का अर्थ है कि मानसिक गुलामी की स्थिति भक्ति कहलाती है। भक्ति गुलामी से भी आगे की स्टेज है, ये पतन की पराकाष्ठा है। भावनाओं का उद्गम भक्ति से है जिसका संबंध हमारी आस्था से है। 

राजनीति: आईपीएल और किसान आंदोलन

आईपीएल और किसान आंदोलन 
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली। आईपीएल में बिकने वाले हर खिलाड़ी का एक बेस प्राइस होता है। आप उसे एमएसपी भी बोल सकते हैं। ख़रीदार को कम से कम उसका बेस प्राइस (एमएसपी ) देना होता है। खिलाड़ी अच्छा हो तो बेस प्राइस से ऊपर बिकता है। खिलाड़ी औसत दर्जे का हो तो बेस रेट पर बिक जाता है। यही माँग किसान कर रहे है, कि उनकी उपज कम से कम बेस प्राइस (एमएसपी) पर बिके, उपज अच्छी हो तो बेस प्राइस ( एमएसपी) से ज़्यादा दाम मिले। 
टीम (कम्पनी ) से खिलाड़ी का एक कॉंट्रैक्ट होता है। और कॉंट्रैक्ट की रक़म टीम को देनी होती है। अगर खिलाड़ी की पर्फ़ॉर्मन्स ख़राब हो तो उसकी रक़म घटती नहीं है। खिलाड़ी के रन या विकेट गिनकर टीम खिलाड़ी को पैसे नहीं देती। खिलाड़ी को अगर टीम कॉंट्रैक्ट से कम पैसे देने की कोशिश करे तो खिलाड़ी कोर्ट जाकर टीम के ख़िलाफ़ मुक़दमा कर सकता है। कॉंट्रैक्ट फ़ार्मिंग में कम्पनी फ़सल के दाम बाज़ार में ज़्यादा हो तो कॉंट्रैक्ट रेट पर किसान से फ़सल लेती है। लेकिन अगर बाज़ार में फ़सल का दाम कम हो तो फ़सल में कमी निकालकर उसे ख़रीदने से बचती है। पंजाब में आलू किसानो के साथ यह हो चुका है। जब तक बाज़ार के रेट ज़्यादा थे। कम्पनी किसान से कॉंट्रैक्ट वैल्यू ( जो कि बाज़ार भाव से काफ़ी कम था।) पर आलू ख़रीदते रहे लेकिन जैसे ही बाज़ार का भाव कॉंट्रैक्ट वैल्यू से कम हुआ कम्पनी एक कड़ा ले आयी और जो आलू कड़े से निकल गया उसे रिजेक्ट कर दिया गया। किसान अपने इस उत्पीड़न के ख़िलाफ़ कोर्ट भी नहीं जा सकता। 
आईपीएल में एक टीम को निश्चित रक़म मिलती है। जिसके अंदर वो टीम खिलाड़ियों को ख़रीद सकती है। अगर यह रक़म अनिश्चित हो तो क्या प्रीति ज़िंटा , शाहरुख़ खान के सामने कोई खिलाड़ी ख़रीद पाएगी और शाहरुख़ खान ही क्या अम्बानी के सामने कोई खिलाड़ी ख़रीद पाएगा । कैप इसीलिए तो लगाया है। जिससे हर कोई खिलाड़ी ख़रीद सके और एक ही टीम असीमित पैसे ख़र्च करके सारे खिलाड़ी ( असीमित भंडारण ) ना ख़रीद ले । किसान भी इसीलिए आंदोलन कर रहे हैं। कि पैसे के दम से एक ही उद्योगपति असीमित भंडारण ना करे , इस पर पहले की भाँति कैप लगा रहे हैं। जिससे सबके हिस्से में अनाज आ जाए।
आईपीएल में खिलाड़ियों की नीलामी के लिए एक अधिकारिक मंडी ( सरकारी मंडी ) है। जिससे नीलामी में ट्रैन्स्पेरेन्सी रहती है । अगर अलग अलग जगह इन खिलाड़ियों की नीलामी के लिए मंडी बन गयी तो आईपीएल मैनज्मेंट सब पर नज़र भी नहीं रख पाएगा और इन मंडियो की वजह से दलालों की संख्या भी बढ़ेगी और यह दलाल डराकर, धमकाकर , लालच देकर इन खिलाड़ियों का शोषण भी करेंगे । किसान भी यही कह रहे हैं। कि सरकारी मंडियो की जगह जो छोटी छोटी प्राईवेट मंडिया बनाने की बात हो रही है। उससे दलाल बढ़ेंगे , किसानो का शोषण बढ़ेगा और किसानो को लालच देकर , डराकर मनमर्ज़ी दाम पर फ़सल बेचने पर मजबूर किया जाएगा।
अगर कृषि के क़ानून की तर्ज़ पर आईपीएल के क़ानून बन जाए तो आईपीएल बर्बाद हो जाएगा। ठीक इसी तरह से यह बिल कृषि और किसानो को बर्बाद कर देंगे।

श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए डिजिटल दान पर रोक

अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए डिजिटल दान पर लगी रोक
उमय सिंह साहू 
अयोध्या। अयोध्या के राम मंदिर समर्पण निधि अभियान के अंतर्गत लगातार राम मंदिर निर्माण के लिए सहयोग आ रहा है। वहीं राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट पर डिजिटल फ्रॉड का साया पड़ चुका है। अब तक मंदिर निर्माण के लिए करीब लगभग 1600 करोड़ का धन संग्रह किया जा चुका है। 
इस धन संग्रह में 10, 50, 100 और 1000 के कूपन के अलावा रसीद और यूपी बार कोड डिजिटल माध्यम से भी धन संग्रह किया जा रहा था। आज काशी आए राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने एक प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी।
चंपत राय ने राम मंदिर निर्माण के लिए अब तक लगभग 1600 करोड़ की धनराशि संग्रहित की जा चुकी है। लेकिन डिजिटल ट्रांजेक्शन में गड़बड़ियों की शिकायत के बाद अब डिजिटल लेनदेन पर रोक लगाने का फैसला किया है।
राय ने मुताबिक राम मंदिर निर्माण को लेकर के चांदी की ईंट आमजनों से दान स्वरूप स्वीकार की जा रही थी। चांदी की ईंट भी अब ट्रस्ट के लिए एक सर दर्द साबित हो रही है। हालांकि चांदी की ईंटों के संदर्भ में चंपत राय ने बताया कि उसे व्यवस्थित तरीके से रखने का प्रयास किया जा रहा है।
इससे पहले श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्‍ट के कोषाध्‍यक्ष स्‍वामी गोविंद देव गिरी के सहयोगी हनुमान ने कहा कि कि गुरुवार 11 फरवरी शाम को उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए 1,590 करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं।
स्वामी गोविंद देव गिरि के सहयोगी ने कहा, श्रीराम मंदिर के भव्‍य निर्माण के लिए पूरे देश से ही धनराशि एकत्रित की जा रही है। हम चाहते हैं। कि देश के 4 लाख गांव और 11 करोड़ परिवार हमारे दान अभियान में पहुंचे। दान अभियान 15 जनवरी से शुरू हो चुका है। जो 27 फरवरी तक जारी रहेगा।

यूपी में जल्द होगी 50,000 पदों पर भर्तियां

यूपी में जल्द होगी 50,000 पदों पर भर्तियां, सीएम योगी ने दी स्वीकृति
हरिओम उपाध्याय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सरकारी विभागों में रिक्त करीब 50,000 पदों पर जल्दी ही भर्ती प्रक्रिया शुरु होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन रिक्त पदों को भरने के लिए उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की नई भर्ती प्रक्रिया पर अपनी सहमति जता दी है। जिसके तहत अब जल्दी ही आयोग इन पदों को भरने के लिए द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के तहत प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा कराएगा। इसके साथ ही आयोग वर्ष 2020 के पूर्व से लंबित उन 13 परीक्षाओं के अंतिम परिणाम भी अगले 2 माह में जारी कर देगा। जिसके आधार पर 5,000 से अधिक लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी। उसी के बाद आयोग विभिन्न विभागों में रिक्त करीब 50,000 पदों पर भर्ती करने की प्रक्रिया शुरु करेगा। विभिन्न सरकारी विभागों के इन रिक्त पदों को भरने के लिए की जा रही कार्यवाही के बाबत उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अधिकारियों का कहना है। कि तमाम विभागों के रिक्त पदों को भरने के लिए आयोग की योजना तैयार हो गई है। प्रदेश सरकार को भी इस संबंध में जानकारी दी गई है। सरकारी विभागों के रिक्त पदों को पारदर्शी तरीके से भरने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई निर्देश दिए हैं। जिसके तहत आयोग ने विभिन्न विभागों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा प्रणाली तैयार कर उसका प्रजेंटेशन बीते दिनों मुख्यमंत्री के समक्ष किया गया था। उसके बाद अब आयोग ने सरकारी विभागों के रिक्त पदों को भरने के लिए आयोग द्विस्तरीय परीक्षा प्रणाली के तहत प्रारम्भिक अर्हता परीक्षा कराने की तैयारी शुरु की है। आयोग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, इस परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को शार्ट लिस्ट किया जाएगा। इन अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाएगा। मुख्य परीक्षा में सफल होने वाले अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से प्राप्त सूचना के अनुसार, परिवार कल्याण विभाग में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 9212 पदों, राजस्व परिषद में राजस्व लेखपाल के 7882 पदों, कृषि निदेशालय में प्राविधिक सहायक-ग्रुप -सी के 1817 पदों, राजस्व परिषद में कनिष्ठ सहायक के 1137 पदों, आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षक विभाग में सहायक लेखाकार के 1068 पदों, गन्ना एवं चीनी विभाग में गन्ना पर्यवेक्षक के 874 पदों, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा विभाग में प्रयोगशाला प्राविधिज्ञ के 700 पदों , वन विभाग में वन रक्षक के 694 पदों, प्रशिक्षण एवं सेवायोजना विभाग में अनुदेशक के 622 पदों और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में एक्सरे प्राविधिज्ञ के 456 पदों पर भर्ती करने के लिए कार्यवाही शुरु की गई है। इस साल इन सभी पदों को भरने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा भी कई अन्य विभागों के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही आयोग कर रहा है।

सीएम शिवराज ने बदला होशंगाबाद का नाम

सीएम शिवराज ने बदला होशंगाबाद का नाम

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा होशंगाबाद शहर का नाम बदलने का ऐलान किया गया है। होशंगाबाद का नया नाम अब नर्मदापुरम करने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा जयंती के मौके पर होशंगाबाद का नया नाम नर्मदापुरम करने का ऐलान किया। शिवराज सिंह चौहान ने अपने इस फैसले की जानकारी ट्वीट कर भी दी। उन्होंने लिखा, नर्मदा मैया की कृपा सर्वदा हम सब पर ऐसे ही बनी रहे। मां रेवा के चरणों में करबद्ध प्रार्थना करते हुए आज मैं घोषणा करता हूं, कि होशंगाबाद को अब नर्मदापुरम् के नाम से जाना जायेगा।
मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा सहित बीजेपी के कई नेता होशंगाबाद के नाम को बदलने की मांग कर रहे थे। मध्य प्रदेश में सिर्फ होशंगाबाद ही नहीं कई शहरों और राजधानी भोपाल के कई इलाकों के नामों को बदलने की मांग जोर पकड़ रही है। भोपाल के मशहूर रेलवे स्टेशन हबीबगंज का नाम भी बदलने की मांग की जा रही है। ऐसे में सवाल ये कि होशंगाबाद तो नर्मदापुरम हो गया लेकिन अब अगला किसका नंबर है।

संचारी रोग नियन्त्रण हेतु हो प्रभावी कार्रवाई: डीएम

कौशाम्बी। जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थित सम्राट उदयन सभागार में चल रहे संचारी रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिलाधिकारी ने 01 मार्च से प्रारम्भ होकर 31 मार्च तक चलने वाले संचारी रोग नियन्त्रण कार्यक्रम का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार कर लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया है। उन्होंने संचारी रोग नियन्त्रण कार्यक्रम अभियान के अन्तर्गत साफ-सफाई, कचरा निस्तारण, जल भराव रोकने तथा शुद्ध पेयजल उपलब्धता पर विशेष जोर देते हुए इसके व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश सभी अधिकारियों को दिया है। उन्होंने संचारी रोग नियन्त्रण अभियान कार्यक्रम के तहत चिकित्सा विभाग के साथ-साथ नगर पंचायत, पंचायती राज, ग्राम विकास, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा विभाग सहित अन्य विभाग आपसी समन्वय बनाकर अभियान को सफल बनायें जाने का निर्देश दिया है। जिलाधिकारी ने प्रत्येक गांवो एवं नगर पंचायतों में साफ-सफाई, सेनेटाइजर एवं नालियों में ब्लीचिंग का छिड़काव कराये जाने का निर्देश जिला पंचायत राज अधिकारी एवं अधिशासी अधिकारी नगर पंचायतों को दिया है। उन्होने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है, कि टीम के माध्यम से गावं-गावं एवं घर-घर में लोगों को जागरूक करायें कि लोग अपने घर एवं आस-पड़ोस को स्वच्छ एंव साफ सुथरा रखें, जल जमाव न होने दें। नाले नालियों में कूड़ा कचड़ा न डालें, डस्टबिन पर ही कूडा डालें। उन्होंने कहा कि जल जनित रोग मच्छरों के कारण होते हैं। जहां पर गन्दा पानी या गन्दगी रहती है। वहां पर मच्छरों का प्रकोप रहता है। जिनके काटने से अनेक प्रकार की बीमारियां हो जाती है। इसलिए लोगों को जागरूक करें कि लोग अपने घरों के आस पास जल जमाव न होने दें और साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें। 
उन्होने पेयजल की टंकियों की साफ-सफाई एवं उनमें ब्लीचिंग पाउडर डलवाने का निर्देश दिया है। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी शशिकान्त त्रिपाठी, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पीएन चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक सेठ, जिला समन्वयक यूनिसेफ अरविन्द शर्मा सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।  
सुशील केसरवानी

बिजली चोरी पकड़ने वाली टीम पर हुआ हमला

राणा ओबराय
टोहाना। हरियाणा के उपमंडल टोहाना के गांव फतेहपुरी में बिजली चोरी पकड़ने गई बिजली निगम की टीम के साथ ग्रामीण द्वारा मारपीट करने का मामला सामने आया है। हमले में एसडीओ देशराज को चोट आई है। उन्हें सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई है। कर्मचारियों की यूनियन ने पुलिस से शीघ्र कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदर्शन किया जाएगा। एसडीओ देशराज ने बताया कि सुबह उनकी टीम बिजली चोरी पकड़ने के लिए गांव फतेहपुरी गई थी। इसी दौरान जैसे ही एक जगह पर उन्होंने बिजली चोरी पकड़ने के लिए जांच शुरू की। तभी वहां पर मौजूद व्यक्ति ने उन पर लाठी से हमला कर दिया।
इस दौरान उनके साथ जो कर्मचारी था। उससे भी मारपीट की गई। उनका मोबाइल भी टूट गया। उन्होंने घटना की सूचना अपने सहकर्मियों को दी तो वह मौके पर पहुंचे और वहां से उन्हें व उनके साथ गए कर्मचारी को छुड़वाकर टोहाना के सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया। हमले की सूचना जैसे ही बिजली निगम के अन्य कर्मचारियों को मिली तो वे इकट्ठे होकर सामान्य अस्पताल पहुंचे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस मामले में 24 घंटे के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो वह आंदोलन करेंगे।

हैड मैकेनिक 45 हजार की रिश्वत लेते अरेस्ट

राणा ओबराय
हिसार। हिसार के बस स्टैंड परिसर में विजीलेंस टीम ने शुक्रवार को रोडवेज विभाग के हेड मकेनिकल 45000 की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया है। हेड मकेनिकल रामनिवास पर आरोप है, कि उसने विभाग के मकेनिकल कर्मी जयभगवान से पदोन्नति दिलाने का लालच देते हुए रिश्वत की मांग की थी। जयभगवान ने इसकी शिकायत विजीलेंस विभाग से की। इस पर विजिलेंस इंस्पेक्टर अनिल कुमार की अगुवाई में टीम का गठन किया गया था। जबकि बिजली निगम के एक्सीयन सतीश को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया। जैसे ही रामनिवास ने रिश्वत की राशि ली। विजिलेंस टीम ने जयभगवान का इशारा पाते ही उसे धर दबोचा।

यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश

यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश  संदीप मिश्र  लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके ...