गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021

हिंसा: अमेरिका ने प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए

म्यांमार/ वाशिंगटन डीसी। म्यांमार में जारी सैन्य शासन को लेकर अमेरिका के डो बाइडेन सरकार ने सख्ती दिखाई है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने म्यांमार के सैन्य शासन के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं। दरअसल, अमेरिका की यह सख्ती तब देखने को मिली है। जब इस दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश में इस महीने सैन्य तख्तापलट के जरिए सेना ने सत्ता संभाल लिया और आंग सान सू की समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। जो बाइडेन ने कहा कि वह एक कार्यकारी आदेश जारी कर रहे हैं, जिससे म्यांमार के जनरल अमेरिका में एक अरब डॉलर की संपत्ति का उपयोग नहीं कर पायेंगे। बाइडेन ने कहा कि और कई कदम भी उठाए जा रहे हैं। बाइडेन ने कहा कि सेना को सत्ता छोड़ देना चाहिए और देश के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।बाइडेन ने कहा कि आ मैंने एक नए कार्यकारी आदेश को मंजूरी दे दी है, जो हमें तख्तापलट करने वाले सैन्य नेताओं, उनके व्यावसायिक हितों, साथ ही परिवार के करीबी सदस्यों पर तुरंत प्रतिबंध को मंजूरी देने में सक्षम बनाता है। उन्होंने कहा कि हम इस सप्ताह लक्ष्य के पहले दौर की पहचान करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरे इस आदेश से अमेरिकी संपतियों से म्यांमार के सैन्य नेताओं को मिलने वाले लाभ को फ्रीज करने की अमेरिकी प्रशासन को अनुमति मिलेगी। म्यांमार का एक वैकल्पिक नाम का उपयोग करते हुए जो बाइडेन ने कहा कि बर्मा के लोग अपनी आवाज सुन रहे हैं, और दुनिया देख रही है। हम अतिरिक्त उपायों को लागू करने के लिए तैयार हैं और हम इन प्रयासों में हमारे साथ जुड़ने के लिए अन्य देशों से आग्रह करने के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे। बता दें कि म्यांमार में सेना ने सत्ता को अपने नियंत्रण में ले लिया है तथा स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची समेत देश के अन्य शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया। गौरतलब है कि म्यांमार में प्रदर्शन पर लगे प्रतिबंध की अवहेलना करते हुए लोग एक बार फिर देश में सेना के तख्तापलट के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। इससे पहले, लोगों ने मंगलवार को भी देश में प्रदर्शन किया था। म्यांमार के दो बड़े शहरों यंगून और मंडाले से प्रदर्शन की खबरें सामने आई है। प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि सत्ता निर्वाचित असैन्य सरकार को लौटाई जाए। साथ में उनकी मांग है कि निर्वाचित नेता आंग सान सू ची और सत्ताधारी पार्टी के अन्य नेताओं को रिहा किया जाए।सेना का कहना है कि आंग सान सू ची की निर्वाचित असैन्य सरकार को हटाने का एक कारण यह था कि वह कथित व्यापक चुनावी अनियमितताओं के आरोपों की ठीक से जांच करने में विफल रही। उसने घोषणा की है कि वह एक साल के लिए आपातकाल की स्थिति के तहत शासन करेगी और फिर चुनाव आयोजित करेगी जिसमें जीतने वाले सरकार का कार्यभार संभालेंगे। नेपीता और और मंडाले में मंगलवार को भी लोगों ने प्रदर्शन किया था, जहां भीड़ को तितर-बितर करने के पानी की बौछारें की थी और हवा में गोलियां भी चलाईं थीं। नेपीता में भीड़ पर रबर की गोलियां चलाए जाने की खबरें सामने आई थीं। यंगून और मंडाले के कुछ इलाकों के लिए सोमवार को एक आदेश जारी करके रैलियों और पांच से अधिक लोगों के जमा होने पर रोक लगा दी गई थी। साथ में रात आठ बजे से सुबह चार बजे तक कर्फ्यू भी लगा दिया गया था। संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद में म्यांमार में मानवाधिकारों के उल्लंघन के मामलों पर विचार करने के लिए शुक्रवार को विशेष सत्र का आयोजन होगा।

स्वास्थ्य: बजट में 137 फीसदी की बढ़ोतरी हुई

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने वर्ष 2021-22 के बजट को ‘आत्मनिर्भर भारत का बजट’ करार देते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के लिए इतना अधिक काम कर रहे हैं तो वह ‘किसान विरोधी’ कैसे हो सकते हैं। लोकसभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए हेमा मालिनी ने कहा, ‘यह आत्मनिर्भर भारत का बजट है। यह देश को बदलने वाला बजट है।
किसानों के लिए काम कर रहे हैं प्रधानमंत्री...
उन्होंने कहा कहा कि इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य क्षेत्र में बजट में 137 फीसदी की बढ़ोतरी की गई। बीजेपी सांसद ने कहा कि पिछले साढ़े छह वर्षों में गरीबों के लिए कई योजनाएं लाई गई हैं। ताकि सभी समुदाय के लोग सम्मान के साथ जी सके। उन्होंने कहा कि किसानों के जीवन परिवर्तन लाने के लिए बहुत सारे प्रावधान किये गए हैं। किसानों के फायदे के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, ‘जो (प्रधानमंत्री) किसानों के लिए लगातार काम करते आ रहे हैं तो फिर वह किसान विरोधी कैसे हो गए?’
अर्थव्यवस्था को सुधारा...
मथुरा से लोकसभा सदस्य हेमा मालिनी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संसद में कहा है कि इन कानूनों को लागू होने दीजिए और कुछ कमी होगी तो इसे सुधारा जाएगा।लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कोविड संकट के कारण पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को न सिर्फ पटरी पर लाने का काम किया है, बल्कि यह पटरी पर तेजी से दौड़ रही है। इसका उदाहरण जीएसटी संग्रह में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है।

किताब के अनुच्छेद 195 के आधार पर फैसला सुनाया

चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने कहा है कि एक मुस्लिम लड़की जिसकी उम्र 18 साल से कम है। लेकिन वह युवावस्था में पहुंच चुकी है, तो वह ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ के तहत किसी से भी शादी कर सकती है। जस्टिस अल्का सरीन की बेंच ने विभिन्न अदालतों के आदेशों और मुस्लिम पर्सनल लॉ के नामी विद्वान सर दिनशा फरदुनजी मुल्ला द्वारा लिखित ‘मोहम्मडन कानून के सिद्धांत’ की किताब के अनुच्छेद 195 के आधार पर यह फैसला सुनाया। ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ पर मुल्ला की किताब के अनुच्छेद 195 के प्रावधानों का संदर्भ देते हुए पीठ ने कहा कि युवावस्था में प्रवेश करने पर मुस्लिम लड़की अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति के साथ शादी कर सकती है।
परिवार के लोग जोड़े की शादी के खिलाफ थे
किताब के अनुच्छेद 195 में ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ के तहत शादी के लिए योग्यता की व्याख्या की गयी है। पीठ ने इसका उल्लेख किया और कहा कि इस प्रावधान के तहत कोई भी मुस्लिम लड़की युवावस्था में प्रवेश करने पर शादी कर सकती है। पीठ ने अनुच्छेद 195 के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि साक्ष्य के अभाव में 15 साल उम्र होने पर समझा जाएगा कि लड़की युवावस्था में पहुंच गई है। जस्टिस सरीन ने 25 जनवरी को एक मुस्लिम जोड़े की याचिका पर यह फैसला सुनाया जिन्होंने अपने-अपने परिवारों से संरक्षण मुहैया कराने का अनुरोध किया था। व्यक्ति और लड़की की उम्र में अंतर होने के कारण परिवार के लोग उनकी शादी के खिलाफ थे।
मुस्लिम रीति रिवाज से की थी शादी
इस मामले में व्यक्ति की उम्र 36 साल थी जबकि लड़की की उम्र केवल 17 साल थी। इस जोड़े ने पीठ से कहा कि 2 साल पहले दोनों एक दूसरे से प्यार करने लगे और इस साल 21 जनवरी को मुस्लिम रीति रिवाज से उन्होंने शादी की। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में आरोप लगाया कि उन्हें अपने परिजनों से अपनी जान का खतरा है इसलिए उन्होंने मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से संरक्षण की मांग की है। जज ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता की उम्र ‘मुस्लिम पर्सनल कानून’ के हिसाब से शादी योग्य है। जज ने मोहाली के SSP को उनकी रक्षा के लिए कानून के तहत जरूरी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सीजी: बस्तर के खेतों तक पानी पहुंचाने की कोशिश

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि उनकी कोशिश बस्तर के खेतों तक पानी पहुंचाने की है।
उन्होंने बोधघाट बनाने के लिए कोई कसम नहीं खाई है। लेकिन परियोजना का विरोध करने वालों के पास किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का कोई उपाय हो तो बताएं। मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, बिना पानी के खेती संभव नहीं है। सिंचित क्षेत्र की खेती और असिंचित क्षेत्र की खेती में अंतर है। छत्तीसगढ़ में सिंचाई की सुविधा अधिकतर मैदानी क्षेत्रों और सरगुजा के कुछ इलाकों में ही है। बस्तर सहित वन क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा 0 से 7 प्रतिशत तक ही है। आदिवासियों के पास जमीन है लेकिन बिना पानी के खेती उनके लिए अलाभकारी है।मुख्यमंत्री ने कहा, वहां पानी पहुंचाने के दो ही तरीके हैं। या तो नहरों से पहुंचाया जाए या फिर बोर किया जाए। ट्यूबवेल से पानी उलीचने का दुष्परिणाम हम कई इलाकों में देख रहे हैं। अपने रायपुर में ही कभी 50 से 60 फीट पर पानी निकल आता था। अब 500-600 फीट नीचे भी पानी निकल आए यह जरूरी नहीं। यहां पेयजल का संकट है। उन्होंने कहा, नदियों पर बांध बनाकर सिंचाई और पेयजल की सुविधा देने ही सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।मुख्यमंत्री ने कहा, यह सही है कि यहां बने सभी बांधों के लिए वन क्षेत्र ही डुबान में आए हैं। आदिवासियों को ही विस्थापित होना पड़ा है। इन बांधों के पानी का उपयोग मैदानी क्षेत्रों के खेतों और शहरों की पेयजल जरूरतों के लिए हुआ है। बोधघाट पहली परियोजना है जो आदिवासियों की जमीन पर बन रही है और उसका पानी आदिवासियों के खेतों मेंं ही काम आएगा। मुख्यमंत्री ने कहा, इस एक बांध से पूरा बस्तर सिंचित होगा। कुछ फ्लड से और कुछ क्षेत्रों में पानी लिफ्ट कर पहुंचाया जाएगा। इस परियोजना से कुछ गांव डूबेंगे लेकिन प्रभावित आदिवासियों से पूछकर उनका सबसे अच्छा पुनर्वास होगा। उन्होंने कहा, आदिवासियों के खेतों तक सिचाई का पानी पहुंचाने का और कोई उपाय हो तो विरोध करने वाले बताएंं।बस्तर अंचल की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी के मात्र 11 टीएमसी जल का ही उपयोग अभी बस्तरवासियों के हक हो पा रहा है, जबकि इंद्रावती नदी के 300 टीएमसी जल पर बस्तरवासियों का हक है। बोधघाट सिंचाई परियोजना के निर्माण से इंद्रावती नदी के जल के सदुपयोग में एक ओर 30 गुना की वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर बस्तर और बस्तरवासी की खुशहाली और समृद्धि में इसकी वजह से कई गुना की बढ़ोतरी होगी। प्रदेश सरकार द्वारा बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के पुराने स्वरूप को पूरी तरह से परिवर्तित कर अब इसे बस्तरवासियों की बेहतरी के लिए तैयार किया गया है। 40 वर्षों से लंबित यह परियोजना पूर्व में हाईड्रल प्रोजेक्ट के रूप में तैयार की गई थी। जिसे भूपेश सरकार ने बस्तर अंचल के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अब इसे सिंचाई परियोजना के रूप में परिवर्तित कर दिया है। इंद्रावती नदी से बस्तर के हक हिस्से का जल जो वर्तमान में बिना रोकटोक के प्रवाहित हो जाता है। इस परियोजना के निर्माण से इसका उपयोग बस्तर अंचल में सिंचाई के लिए होने लगेगा। इस परियोजना के निर्माण से तीन लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में सिंचाई और लगभग 300 मेगावाट विद्युत उत्पादन होगा, जो बस्तर की खुशहाली और समृद्धि का नया इतिहास लिखेगा। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा बीजापुर और सुकमा जैसे वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित जिलों में अब बंदूक की जगह फसलें उगेंगी। खेत लहलहाएंगे। धरती धानी चादर ओढ़ खुशहाली के गीत गाएगी। यहां का जनजीवन मुस्कुराएगा। किसानों के कांधों पर नागर और हाथों में फावड़ा और कुदाल होगी। धरती पर नई कपोले फूटेंगी, जो लोगों के जन जीवन में नया सवेरा और नई उमंग लायेंगी।

तेरहवीं संस्कार पर बालाओं से अश्लील डांस कराया

आजमगढ़। उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ सिधारी थाना के अंतर्गत नरौली कस्बे में एक बुजुर्ग महिला की तेरहवीं संस्कार पर आयोजकों ने स्टेज पर ऑर्केस्ट्रा और बार बालाओं का अश्लील डांस कराया। इस मौके पर एक नहीं दर्जनों बार बालाओं ने देर रात तक डांस किया।
नरौली कस्बे में करीब 110 वर्षीय महिला की मौत हो गयी थी। महिला के तेरहवीं संस्कार का कार्यक्रम तीन दिन पूर्व आयोजित था। देर शाम एक तरफ भोज शुरू हुआ तो दूसरी तरफ स्टेज पर बार बालाओं ने ठुमके लगाने शुरू कर दिए।बुजुर्ग महिला जिसकी उम्र 110 साल थी उसकी मौत की तेरहवीं पर बालाओं का डांस का आयोजन किया गया था। बताया जा रहा है कि बार बालाओं के डांस को बुजुर्ग, नौजवान और बच्चों ने देर रात तक देखा और इस दौरान अश्लील इशारे किये गये और लड़कियों पर पैसा भी लुटाया गया।देर रात तक चलने वाले इस कार्यक्रम की सूचना जब स्थानीय पुलिस को लगी तो इसे बंद कराया गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को भीड़ हटाने के लिए बल का प्रयोग करना पड़ा।
तेरहवीं संस्कार पर इस तरह का डांस कार्यक्रम इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ लोगों का कहना है कि तेहरवीं पर ऐसा आयोजन कराना किसी भी लिहाज से सही नहीं है। इसका जमकर विरोध होना चाहिए जिससे आगे कोई इस तरह की गलती न करे।बताते हैं कि नरौली की रहने वाली 110 वर्षीय बुजुर्ग महिला की पिछले दिनों मौत हो गयी थी। मंगलवार को उसकी तेरहवीं थी। महिला के परिवार के लोगों ने तेरहवीं पर आर्केस्ट्रा के साथ ही दर्जन भर बार बालाओं को बुला लिया। बार बालाओं के डांस की सूचना पर कार्यक्रम स्थल पर भारी भीड़ जुट गयी। बार बालाओं ने अश्लील गानों पर डांस शुरू किया तो शराब के नशे में धुत्त लोगों ने हुड़दंग शुरू कर दी। यही नहीं अश्लील डांस पर जमकर रूपये भी लुटाये गए।
मुहल्ले में अश्लीलता और सिटियाबाजी देख किसी ने आधी रात को घटना की जानकारी पुलिस को दे दी। इसके बाद सिधारी थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और धारा-144 का उल्लघंन करने तथा बिना अनुमति के डांस कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में कार्यक्रम को बंद करा दिया। इसके बाद भीड़ को भी वहां से हटा दिया गया।

दक्षिण प्रशांत महासागर में भूकंप, तीव्रता 7.7 मापी

अकांशु उपाध्याय    
नई दिल्ली। दक्ष‍िण प्रशांत महासागर में शक्तिशाली भूकंप के बाद सुनामी की चेतावनी दी गई है। रेक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.7 मापी गई है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक एजेंसी के मुताबिक, 7.7 की तीव्रता वाला भूकंप लॉयल्टी द्वीप समूह से छह मील दक्षिण-पूर्व की गहराई पर केंद्रित था। इसका असर न्यूजीलैंड से लेकर इंडोनेशिया तक हुआ है। इस भूकंप के बाद ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और फिजी में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
सूनामी वार्निंग सेंटर ने बताया कि भूकंप के बाद 3 फीट ऊंची लहरें उठीं। इससे न्यूजीलैंड, फिजी और वानुअतु में ज्यादा खतरा है। इस एरिया में ताकतवर भूकंप से कई आईलैंड्स को बड़ा खतरा है। US जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र केलेडोनिया से 415 किलोमीटर दूर समुद्र में 10 किमी की गहराई में था।
रिंग ऑफ फायर पर स्थित है पूरा इलाका
न्यूजीलैंड, वनुआतू और दूसरे प्रशांत द्वीपों में भूकंप आने की आशंका हमेशा बनी रहती हैं। यह इलाका महासागर के चारों ओर भूकंपीय फॉल्ट लाइनों की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला “रिंग ऑफ फायर” के साथ स्थित है।
फ्रांस के लिए बहुत खास है यह आईलैंड
दक्षिणी प्रशांत महासागर में मौजूद न्यू केलेडोनिया फ्रांस की टेरिटरी है। एक अनुमान के अनुसार, दुनिया में कुल निकल के भंडार का लगभग 10% यहीं है। निकल इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम में इस्तेमाल किया जाता है। इस वजह से फ्रांस के लिए यह इलाका बहुत मायने रखता है। चीन की बढ़ती एक्टिविटी के बीच इसका सामरिक महत्व भी बढ़ गया है। न्यू केलेडोनिया के निर्यात का बड़ा हिस्सा चीन को जाता है। पिछले साल हुए रेफरेंडम में 53% लोगों ने फ्रांस से अलग न होने का समर्थन किया था। 4 अक्तूबर, 2020 को हुए इस रेफरेंडम में 85.6% लोगों ने वोटिंग की थी। 43.6% लोगों ने फ्रांस से अलग आजाद देश का पक्ष लिया।
सूनामी क्या है?
समुद्र के भीतर अचानक जब बड़ी तेज़ हलचल होने लगती है तो उसमें उफान उठता है। इससे ऐसी लंबी और बहुत ऊंची लहरों का रेला उठना शुरू हो जाता है जो ज़बरदस्त आवेग के साथ आगे बढ़ता है। इन्हीं लहरों के रेले को सूनामी कहते हैं । दरअसल सूनामी जापानी शब्द है जो सू और नामी से मिल कर बना है सू का अर्थ है समुद्र तट और नामी का अर्थ है लहरें।

राज्य सरकार के विमान से देहरादून जाने से रोका

मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को राज्य सरकार के विमान से देहरादून जाने और वहां से एक आधिकारिक समारोह के लिए मसूरी जाने से रोक दिया गया। हवाईअड्डे के सूत्रों ने गुरुवार को यहां यह जानकारी दी। मुंबई एयरपोर्ट पर यह वाकया सुबह 9 बजे तब हुआ जब राज्यपाल और उनके सहयोगी राज्य सरकार के विमान से देहरादून जाने के लिए पहुंचे।
हालांकि, उन्हें कथित तौर पर सूचित किया गया कि उनके लिए उड़ान भरने की कोई अनुमति नहीं है, हालांकि कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।
उत्तराखंड के रहने वाले कोश्यारी और उनके सहयोगियों ने तुरंत एक कॉमर्शियल उड़ान बुक की और देहरादून के लिए रवाना हो गए।
 आईएएनएस द्वारा बार-बार प्रयास करने के बावजूद, राजभवन और सरकारी अधिकारियों से संपर्क नहीं हो पाया, लेकिन यह पता चला कि राज्यपाल शुक्रवार को मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में एक आधिकारिक समारोह को संबोधित करने वाले हैं।

अमेरिका में उद्घाटन समारोह का सीधा प्रसारण

टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह का अमेरिका में सीधा प्रसारण

वाशिंगटन डीसी। टोक्यो ओलंपिक के उद्घाटन समारोह का अमेरिका में सीधा प्रसारण किया जायेगा। टोक्यो चूंकि न्यूयॉर्क से 13 घंटे आगे है। लिहाजा अमेरिकी दर्शक 23 जुलाई को होने वाला यह समारोह सुबह सात बजे एनबीसी पर और चार बजे लॉस एंजिलिस में देखेंगे। एनबीसी ओलंपिक प्रोडक्शन के कार्यकारी प्रोड्यूसर और अध्यक्ष मोली सोलोमन ने कहा कि महामारी के बीच हो रहे ओलंपिक के महत्व को देखते हुए पहली बार उद्घाटन समारोह का सुबह सीधा प्रसारण करने का फैसला किया गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में लोगों का जीवन बदल गया है।इतने महीने लॉकडाउन में रहने के बाद ओलंपिक का महत्व बदल गया है। यह स्पष्ट है। कि खेलों में यह अतुल्य ओलंपिक होंगे जब महामारी के बाद यूं विश्व एकजुट होगा।

भारत-चीन पैगोंग झील से सैनिकों को हटा रहे पीछे

राज्यसभा में रक्षा मंत्री बोले- भारत-चीन पैगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को पीछे हटा रहे हैं।
अकांशु उपाध्याय 
नई दिल्ली/ बीजिंग। भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पिछले करीब दस महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को दूर करने में एक बड़ी सफलता मिली है। और दोनों पक्ष पैगोंग झील के दक्षिणी तथा उत्तरी किनारों के क्षेत्रों से सैनिकों को एक समझौते के आधार पर पीछे हटा रहे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरूवार को राज्यसभा में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के कारण उत्पन्न स्थिति पर वक्तव्य देते हुए यह बात कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत ने चीन से हर स्तर पर यह स्पष्ट कर दिया है। कि वह अपनी एक इंच जमीन भी किसी को नहीं लेने देगा और हमारी सेना देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए पूरी तत्परता के साथ मोर्चों पर डटी हुई है।
उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए हमारी रणनीति तथा रूख माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के इस दिशा निर्देश पर आधारित है। कि हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही यह फल है। कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं।दोनों देशों के बीच हुए समझौते की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे सदन को यह बताते हुए खुशी हो रही है। कि हमारे इस रूख तथा निरंतर बातचीत के फलस्वरूप चीन के साथ पैगोंग झील के उत्तर तथा दक्षिणी किनारों पर सैनिकों को पीछे हटाने से संबंधित समझौता हो गया है।
उन्होंने कहा कि इस समझौते के अनुसार अनुसार दोनों पक्ष अग्रिम मोर्चों पर तैनात सैनिकों को चरणबद्ध, समन्वित और प्रमाणित ढंग से हटायेंगे। उन्होंने कहा कि वह सदन को आश्वस्त करना चाहते हैं। कि इस बातचीत में देश ने कुछ भी नहीं खोया है। और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कुछ क्षेत्राें में तैनाती तथा गश्त से संबंधित कुछ मुद्दे अभी लंबित हैं। इन पर आगे की बातचीत में विशेष ध्यान दिया जायेगा। रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच शुक्रवार को अगले दौर की बातचीत फिर से होगी।

बरेली: कलेक्ट्रेट में डीएम ने लगवाई कोरोना वैक्सीन

कलेक्ट्रेट में डीएम ने लगवाई कोरोना वैक्सीन

बरेली। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट में डीएम न्यायालय परिसर में बनाए वैक्सीन बूथ केंद्र पर टीका लगवाया। कलेक्ट्रेट के 81 कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जानी है। मंडलायुक्त रणवीर प्रसाद दोपहर 2 बजे कमिश्नरी में टीका लगवाएंगे। हालांकि, कई कर्मचारी टीका लगने के बाद फीवर आने की वजह से टीका लगवाने से घबरा रहे हैं।

हरिद्वार: अमावस्या पर उमड़े श्रद्धालु, लगाईं डुबकी

हरिद्वार। मौनी अमावस्या पर उमड़े श्रद्धालु , लगाई आस्था की डुबकी

हरिद्वार। आस्था के महापर्व मौनी अमावस्या पर धर्मनगरी में उमड़े श्रद्धालु, आज आस्था का महापर्व मौनी अमावस्या का पावन स्नान है। हरिद्वार हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर देश भर से आए श्रद्धालु मां गंगा में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। अब तक भारी संख्या में श्रद्धालु मां गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। जिला पुलिस प्रशासन द्वारा कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन कराया जा रहा है। माना जाता है। आज के दिन मां गंगा में स्नान करने और दान पुण्य करने से सभी फलों की प्राप्ति होती है। स्नान को देखते हुए मेला पुलिस और प्रशासन द्वारा सभी व्यवस्थाएं की गई है। मेला क्षेत्र को 6 जोन और 24 सेक्टर में बांटा गया है। पुलिस द्वारा कोरोना के दृष्टिगत सरकार की गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है।
महाकुंभ से पहले मौनी अमावस्या का स्नान मेला पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती है। इसी को देखते हुए मेला पुलिस द्वारा सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हुए हैं।
मौनी अमावस्या के स्नान पर्व को देखते हुए पूरे मेला क्षेत्र को 6 जोन और 24 सेक्टर में बांटा गया है। यात्रियों की भीड़ हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड पर स्नान करने आ रही है। जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है।
भारत सरकार द्वारा जो एसओपी जारी की गई है। वह कुंभ मेले के स्नान को लेकर है। यह स्नान कुम्भ मेले में नहीं हैं। मकर संक्रांति स्नान पर्व पर भी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ हरिद्वार आई थी। और इस स्नान पर्व पर उससे ज्यादा भीड़ का अनुमान लगाया जा रहा है। 
देश भर से हरिद्वार मां गंगा में आस्था की डुबकी लगाने आने वाले श्रद्धालु काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है। कि मौनी अमावस्या के पावन पर्व पर मां गंगा में स्नान कर काफी अच्छा महसूस हो रहा है। आज के दिन मां गंगा में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। और मन को शांति मिलती है। श्रद्धालु का कहना है। कि कोरोना महामारी को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा अच्छे बंदोबस्त किए गए हैं।

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...