शुक्रवार, 22 जनवरी 2021

राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा वेबिनार आयोजित

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी 
गाजियाबाद। शुक्रवार को राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा आयोजित वेबिनार में विशिष्ट व्यक्तियों ने नेता सुभाष चन्द्र बोस के कार्यो पर अपने विचार रखें। वहीँ वेबिनर के दौरान राष्ट्रीय सैनिक संस्था के आचार्य लोकेश व योगेश श्रीधर द्वारा नेता सुभाष चन्द्र बोस की प्रतिमा का अनावरण अहमदाबाद में किया गया। दरअसल, हुआ यें की जून 2018 में राष्ट्रीय सैनिक संस्था का 13वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन अहमदाबाद के न्यू ट्यूलिप स्कूल में आयोजित किया गया था। जिसका उद्घाटन गुजरात के उपमुख्यमंत्री माननीय नितिन भाई पटेल ने किया था। उस समय नेता सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्कूल में स्थापित करने का संकल्प लिया गया था, जो आज पूरा हुआ। राष्ट्रीय सैनिक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर चक्र विजेता कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने मांग की कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को परम वीर चक्र और भारत रत्न एक साथ दिया, जाना चाहिए। भारत रत्न इसलिए क्योंकि अविभाजित भारत की आजाद हिन्द सरकार के पहले प्रधानमंत्री नेताजी थे। इस सरकार को 10 दिन में 11 देशो ने मान्यता दे दी थी। जिनमे रूस और जर्मनी शामिल थे। परम वीर चक्र इसलिए क्योंकि 60 हजार की आजाद हिन्द फौज के 24 हजार सिपाहियों ने शाहदत दी थी। जिनकी वीरता का उल्लेख स्वयम अंग्रेजो ने बार बार किया है। विश्व शांति दूत आचार्य लोकेश ने कहा कि देश की एकता अखंडता व मजबूती के लिए नेताजी सुभाष चंद्र बोस के विचारों की वैक्सीन जरूरी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सैनिक संस्था द्वारा अहमदाबाद में नेता की प्रतिमा स्थापित होने से युवा पीढ़ी को उनके आदर्शों पर चलने की प्रेरणा मिलेगी। राष्ट्रीय सैनिक संस्था के गुजरात प्रांत के प्रदेश अध्यक्ष ऐयर कमोडोर सुरेन्द्र सिंह और प्रदेश संयोजक श्री योगेश श्रीधर जी ने बताया की भारत की आजादी मुख्यत : नेताजी के कारण ही मिली। कमांडर कुम्रेश शर्मा ने खुलासा किया की ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एडमंड एटली ने स्वयम स्वीकार किया था की उन्होंने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व और आजाद हिन्द फौज की कुर्बानियों से घबराकर भारत छोड़ा था। जगत गुरु शंकराचार्य नरेंद्र नन्द सरस्वती ने अपने आशीर्वाद के साथ राष्ट्रिय सैनिक संस्था का आवाहन किया की सुभाष के साथ जितना गलत हुआ है। उसे अब उतना ही ठीक किया जाये। संयुक्त राष्ट्र की पीस कीपिंग फौर्स के पूर्व कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल चन्द्र प्रकाश ने नेता के चरित्र का वर्णन करते हुए आज के सिपाही का आवाहन किया की, वो सेवा निवृति के बाद भी कर्तव्य निष्ठां और अनुशासन का पालन करें। मेजर जनरल रंजित सिंह , श्री एम के सेठ , श्रीमती सुनिग्धा कदम , कमांडर हरी शंकर शर्मा , चेतना सेनी , स्वाति बंसल , काजोल गौतम  , उर्वशी वालिया , अशोक जैन , राजिव खोसला , हापुड़ सेजिलाकोषाध्यक्ष मुकेश प्रजापति,एवं महिला बिग्रेड अध्यक्ष मोनिका त्यागी ने भी विचार रखे।

हरियाणा के सभी पुलिसवालों की छुट्टियां रद्द हुई

किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा के सभी पुलिसवालों की छुट्टियां रद्द, यह है बड़ा कारण
राणा ओबराय 
चंडीगढ़। बीते 59 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन और 26 जनवरी को किसानों द्वारा ट्रैक्‍टर मार्च निकाले जाने की घोषणा के बीच हरियाणा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत राज्‍य के पुलिस विभाग ने अपने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं।  हरियाणा के डीजीपी कार्यालय की तरफ से गुरुवार को यह आदेश जारी किए गए हैं। 
हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव के अधीक्षक कंवल नैन की तरफ से राज्‍य पुलिस विभाग के सभी प्रमुखों को जारी एक तत्काल आदेश (संख्‍या-482/590/GA-1) में कहा गया है कि 'राज्य में चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर यह निर्देशित किया जाता है कि सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति के साथ आपातकालीन परिस्थितियों को छोड़कर सभी प्रकार के अवकाश अगले आदेशों तक रोके जाते हैं।  अनुपालन सुनिश्चित करें।
उल्‍लेखनीय है। कि इससे पहले तीन नए कृषि कानूनों को डेढ़ वर्ष तक निलंबित रखे जाने के प्रस्‍ताव को किसानों ने गुरुवार शाम को ठुकरा दिया।  सरकार से 10वें दौर की बातचीत में रखे गए प्रस्‍तावों पर चर्चा के लिए संयुक्त किसान मोर्चा की गुरुवार को कई घंटों आम सभा चली, जिसमें यह फैसला लिया गया। 
आज सरकार एवं किसानों के बीच होने वाली 11वें दौर की वार्ता से पहले यह फैसला आना बेहद अहम है। दरअसल, किसान नेताओं ने बुधवार को सरकार के प्रस्‍तावों को तत्काल स्वीकार नहीं किया था और कहा था कि वे आपसी चर्चा के बाद सरकार के समक्ष अपनी राय रखेंगे। किसानों का कहना है कि तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को पूरी तरह रद्द करने और सभी किसानों के लिए सभी फसलों पर लाभदायक एमएसपी के लिए एक कानून बनाने की बात पर वह कायम हैं। किसानों का कहना है कि यह किसान आंदोलन की मुख्य मांगें हैं। और वे इस पर अडिग हैं। 

सलमान की घोषणा के बाद खुश है अभिनेत्री दिशा

सलमान खान की इस घोषणा के बाद बहुत खुश है यह अभिनेत्री
कविता गर्ग
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी फिल्म 'राधे योर मोस्ट वॉन्टेड भाई' के सिनेमाघरों में रिलीज किये जाने की घोषणा पर बेहद खुश है। सलमान खान ने हाल ही में यह घोषणा की है, कि उनकी फिल्म 'राधे योर मोस्ट वॉन्टेड भाई' इस वर्ष ईद के अवसर पर सिनेमाघरों में रिलीज होगी। 'राधे- योर मोस्ट वांटेड भाई' के सिनेमाघरों में रिलीज होने की आधिकारिक घोषणा होने के बाद फिल्म की मुख्य अभिनेत्री दिशा पाटनी बहुत खुश हैं। उन्हें खुशी इस बात की है। कि अब दर्शक इस फिल्म का मजा बड़े पर्दे पर ले सकेंगे।
दिशा पाटनी ने कहा, "राधे सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। और मैं इसके लिए बहुत उत्साहित हूं। अब इस फिल्म का मजा दर्शक सिनेमाघरों में ले पाएंगे। इसके लिए हम बहुत से लोगों के शुक्रगुजार हैं। बस फिल्म के रिलीज होने का इंतजार है। मैं सभी लोगों से प्रार्थना करती हूं कि जब भी सिनेमाघर जाएं तो स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी सावधानियां जरूर बरते। गौरतलब है, कि वर्ष 2020 में कोरोना वायरल के चलते लॉकडाउन के कारण फिल्म राधे की शूटिंग पूरी नहीं हो पाई थी। लॉकडाउन खत्म होने के बाद सलमान और दिशा ने शूट खत्म किया था। फिल्म का निर्देशन प्रभू देवा ने किया है। इसमें सलमान और दिशा पाटनी के अलावा जैकी श्रॉफ, रणदीप हुड्डा जैसे सितारे भी नजर आएंगी।

जर्जर सड़क पर लिए जा रहे टोल टैक्स का विरोध

बांदा-टांडा मार्ग के जर्जर सड़क पर लिए जा रहे टोल टैक्स का विरोध, पहले चालू हो बाईपास फिर वसूला जाए टोडा
फतेहपुर। बांदा-टांडा मार्ग के जर्जर सड़क पर लिए जा रहे टोल टैक्स का विरोध गुरुवार को सड़क पर दिखने लगा। व्यापारी नेताओं के साथ युवा विकास समिति ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन कर बांदा-टांडा मार्ग में दसवां मील के पास संचालित टोल बंद करने की मांग बुलंद की। कहा कि नउवाबाग से शाह कस्बे तक का बाईपास पहले चालू कराया जाए इसके बाद ही वाहनों से टोल लिया जाए। बुंदेलखंड को प्रदेश की राजधानी से जोड़ने वाले इस मार्ग से प्रतिदिन पांच हजार से अधिक भारी वाहन गुजरते है। दो साल से इस मार्ग में टोल टैक्स वसूला जा रहा है। टोल वाले हाईवे में जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह इस मार्ग में वाहन चालकों को नहीं मिल पा रही है। भारी वाहनों को शहर से बाहर से निकालने के लिए 424 करोड़ की लागत से बनाया गया बाईपास छह माह में ही खराब हो गया। रेलवे पुल की तकनीकी खराबी से बाईपास बंद कर दिया गया। शहर के अंदर की टूटी व जर्जर सड़क से वाहन गुजरते है। युवा विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष ज्ञानेंद्र मिश्रा, व्यापारी नेता शिवचंद्र शुक्ल्, किशन मेहरोत्रा के नेतृत्व में युवा व व्यापारियों प्रदर्शन कर डीएम से मुलाकात की। कहा कि बाईपास जब तक बनकर चालू नहीं हो रहा है तब तक टोल की वसूली बंद कराई जाए। मांग किया कि जिले में नेशनल हाईवे में दो व एक बांदा-टांडा मार्ग के टोल का मासिक पास एक ही जारी किया जाए। जिले के वाहन मालिकों का तीन जगह पास बनवाने से भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष कंचन मिश्रा, सुशील त्रिवेदी, विकास सिंह, अभय, शिवकुमार, आफताब अहमद, जनार्दन सिंह आदि रहे। युवाओं मांगें पूरी न होने पर अनशन पर बैठने की अल्टीमेटम दिया।

रक्षा: चीन ने 28 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया

बीजिंग। चीन ने सख्त कदम उठाते हुए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार में रहे 28 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। क्योंकि चीन के अनुसार उन्होंने कई बेकार नीतियां बनाईं हैं। जिससे चीन की संप्रभुता पर खतरा था। इन अधिकारियों में ट्रंप के बेहद करीबी और ट्रंप सरकार में विदेश मंत्री रहे माइक पोम्पियो भी शामिल हैं। माइक पोम्पियो हमेशा से चीन के विरोधी रहे हैं। ट्रंप सरकार के आखिरी दिन माइक पोम्पियो ने कहा था कि चीन ने वीगर मुसलमानों का दमन किया है। चीनी ने ये कदम जो बाइडन द्वारा अमेरिका के नए राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद ही उठाया है। जो बाइडन ने कल ही अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला है। बताया जा रहा है। कि बाइडन सरकार का रुख भी चीन की तरफ कठोर ही रहने वाला है। मगर वो विश्व सहयोग में विश्वास करते हैं। इसलिए उनकी सोच पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप से बिल्कुल अलग है। जिन्होंने अमेरिका फर्स्ट का नारा दिया था। चीन की ओर से बयान जारी कर कहा गया है। कि पिछले कुछ वक्त से अमेरिका के अधिकारी चीन विरोधी बन गए हैं और अपने राजनीतिक हितों के साथ पूर्वाग्रहों के चलते चीन के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं। चीन के बयान में अमेरिकी राजनेताओं का जिक्र करते हुए कहा गया है। कि इन राजनेताओं के बयान ऐसे हैं। जो चीन और अमेरिका के लोगों के हित में नहीं हैं। इनके बयानों और नीतियों से चीन की संप्रभुता को भी खतरा है। इनके ऐसे रवैये के कारण चीन और अमेरिका के रिश्ते खराब हो रहे हैं।

मीडिया पर सरकार के खिलाफ गलत लिखा, जेल

सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ गलत लिखा तो जाना होगा जेल

पटना। सोशल मीडिया अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करने का माध्यम माना जाता है। जहाँ पर लोग सरकार से लेकर आम जन को लेकर अपने विचार व्यक्त करते नजर आते है। सोशल मीडिया आपको लिखने की आजादी देता है। ये बात पुरानी होने वाली है। क्योंकि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नैयर हसनैन खान ने सरकार पदाधिकारीयो,मंत्रियो,सांसद,विधायकों और सरकार के किसी भी विभाग के खिलाफ सोशल मीडिया या इंटरनेट पर गलत या भ्रामक टिप्पणी करने वालो खिलाफ की पहचान कर उनके खिलाफ कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। विदित हो कि बिहार में अब तक सरकार के खिलाफ भ्रामक पोस्ट करने पर अभी तक कोई भी कार्यवाही नही की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को सोशल मीडिया को जिम्मेदार मानते है। कई बार नीतीश कुमार इस बात को दोहरा चुके है। कि सोशल मीडिया ने सरकार के खिलाफ झूठी बात फैलाकर सरकार की छवि ख़राब की गई है।

20 दिन में 100 खोये बच्चों को परिवार से मिलाया

युपी। रेलवे पुलिस ने 20 दिन में 100 खोये बच्चों को परिवार से मिलाया
हरिओम उपाध्याय
जौनपुर। पुलिस अधीक्षक रेलवे झांसी, आगरा आशीष तिवारी ने आज कहा कि पिछले 20 दिनों में 100 से अधिक गुम हुए बच्चों को विभिन्न जनपद व राज्यों से आगरा एवं झाँसी अनुभाग की विशेष टीम के प्रयासों से खोजकर उनके परिवारों से मिलाया गया। आशीष तिवारी ने शुक्रवार को हमारे जौनपुर प्रतिनिधि को कहा कि अपर पुलिस अधीक्षक रेलवे आगरा मो0 मुश्ताक के नेतृत्व में जीआरपी अनुभाग आगरा व झाँसी के अन्तर्गत वर्ष 2018,19 व 20 में गुम हुए बच्चों की बरामदगी के लिये गृह मंत्रालय द्वारा संचालित 'आपरेशन मुस्कान' के तहत दोनों अनुभागों के अन्तर्गत आने वाले गुमशुदा बच्चों की शत्-प्रतिशत बरामदगी करने हेतु एक अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान विगत लगभग 20 दिनों में 100 से अधिक बच्चों को जिसमे विभिन्न जनपद एवं राज्यों से बरामद कर उनके परिवारों से मिलाया।
उन्होंने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सर्वप्रथम दोनों अनुभागों के अन्तर्गत आने वाले समस्त जनपदों एवं जीआरपी के थानों से गुम हुए बच्चों का डाटा संकलन किया गया। डाटा संलकन के पश्चात गुम हुए बच्चों से सम्बन्धित पूर्ण जानकारी सहित एक एल्बम तैयार की गयी, जिसमें कुल 231 बच्चे गुमशुदा पाये गये। इन सभी बच्चों को बरामद करने के लिए एक टीम व बेहतर रणनीति की आवश्यकता थी। जिसके लिए सबसे पहले एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार की गयी। इसके पश्चात दोनों अनुभागों से समर्पित एवं जो पुलिस कर्मी सामाजिक कार्यों में रुचि रखने एवं सामाजिक कार्यों के लिए प्रोत्साहित रहने वाले पुलिस कर्मियों का साक्षात्कार के माध्यम से चयन किया गया आशीष तिवारी ने कहा कि चयन के पश्चात दोनों अनुभागों में कुल चार टीमें गठित की गयीं। इन सभी टीम सदस्यों को बच्चों से सम्बन्धित कानून जैसे बाल अधिकार संरक्षण कानून 2005, जुबेनाइल जस्टिस (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) कानून 2000, बाल मजदूरी( निषेध एवं नियमन) कानून 1986, पोक्सो एक्ट 2012 इत्यादि के बारे में जानकारी देते हुए व्यावहारिक रुप से प्रशिक्षित किया गया। कांस्टेबिल घायल साथ ही गुमशुदा बच्चों की तलाश के लिये बनाये गये सटोप की कार्यशाला आयोजित कर जानकारी दी गयी। जिसके तहत आश्रय स्थल , बस स्टैंड , रेलवे स्टेशन , एनजीओ, स्थानीय पुलिस का प्रयोग कर कैसे गुमशुदा बच्चों की पहचान करना तथा उनके घर वालों तक पहुंचाने की सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी प्रशिक्षण के माध्यम से दी गयी। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के उपरान्त प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के आगरा, मथुरा, हाथरस, एटा, कासगंज, फिरोजाबाद, अलीगढ, मैनपुरी, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, जालौन, ललितपुर, हमीरपुर, कानपुर, झाँसी, महोबा, चित्रकूट को चिन्हित कर टीमों को आवंटित कर उन्हे रवाना किया गया। इसके पश्चात दूसरे चरण मे भारत के बडे शहरों दिल्ली, फरीदाबाद, पलवल, गुडगाँव, गाजियाबाद, ग्वालियर, भोपाल, इंदौर एवं मुम्बई को चिन्हित किया गया जो अभी जारी है। अभी तक महज 20 दिनों में टीमों द्वारा तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए 100 से अधिक बच्चों को खोज लिया गया। जिनमें एल्बम के 231 बच्चों मे से अभी तक कुल 81 बच्चों के घर पर सम्पर्क स्थापित किया गया तो यह सभी गुमशुदा बच्चे अपने घर आ चुके थे। इसके अतिरिक्त टीमों द्वारा रेलवे स्टेशन, बस स्टेण्ड एवं बालगृहों में कई वर्षों से अन्धकार में जीवन जी रहे कुल 22 बच्चे , बच्चियोँ को टीम की कडी मेहनत एवं सर्विलाँस से उनके परिजनों से मिलाया जा चुका है। द्वितीय चरण का कार्य अभी जारी है। इसके अतिरिक्त तृतीय चरण हेतु कोलकाता, चैन्नई एवं गुजरात को चिन्हित किया गया है। जो बहुत जल्द शुरु होगा। 

हरियाणा: राम रहीम को बचाने की शुरू हुई मुहीम

राम रहीम को बचाने की शुरू हुई मुहीम, हाई कोर्ट में लगी ये याचिका

चंडीगढ़। रोहतक की सुनारिया जेल में बंद दुष्कर्म और हत्या की सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम को बचाने की मुहीम शुरू हो गई है। उनको बचाने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को एक साजिश के तहत हत्या व दुष्कर्म के केस में फंसाकर जेल में बंद किया गया है। जिन संतों ने धार्मिक प्रचार से मानव को ईश्वर से जोड़ने का काम किया है। वे साजिश का शिकार होकर सत्ता द्वारा प्रताड़ित किए जाते रहे हैं। गुरमीत राम रहीम के साथ भी ऐसा हुआ है।
इस याचिका में सिरसा के डेरा सच्चा सौदा के मैनेजमेंट, वकीलों व सीबीआइ के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। यानी याचिका में डेरा प्रबंधन, वकील और सीबीआइ पर आपस में मिलीभगत कर डेरा प्रमुख के खिलाफ साजिश रचने के आरोप जड़े गए हैं। राम रहीम के अनुयायी पंजाब के रूपनगर निवासी बलविंद्र सिंह व अन्य ने हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में आरोप लगाया कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को दुष्कर्म और हत्या के मामलों में जेल में रखने के पीछे साजिश है। जिसकी गहरी जड़ें हैं।
हाई कोर्ट को बताया गया कि इस साजिश में हरियाणा सरकार, सीबीआइ के कुछ अधिकारी, राम रहीम के वकील व डेरा प्रबंधन के लोग शामिल हैं। जिन्होंने मिलकर फर्जी गवाह व गलत तथ्य कोर्ट के सामने पेश कर राम रहीम को जेल में बंद करवाया व अनुयायियों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ किया।
याचिका में केंद्र सरकार से अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई व बार काउंसिल आफ इंडिया से आरोपित वकीलों के खिलाफ कार्रवाई का आग्रह किया गया है। प्रशासनिक स्तर पर हाई कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है। और जल्द ही यह याचिका सूचीबद्ध हो सकती है। इस याचिका के कोर्ट में आने से अब नए तरह का विवाद खड़ा हो सकता है।

सरकार और रिपब्लिक चैनल में गहरी सांठगांठ

रिपब्लिक टीवी चैनल की टीआरपी बढाने के लिए मोदी सरकार ने हर सम्भव प्रयास किया, जानिए कैसे
अकांशु उपाध्याय
नई दिल्ली। इससे ज्यादा क्या सुबूत चाहिए कि मोदी सरकार और रिपब्लिक चैनल में गहरी सांठगांठ है। और टीआरपी घोटाले में मोदी जी का वरदहस्त अर्नब गोस्वामी पर था।
खबर आयी है, कि रिपब्लिक टीवी को  प्रसार भारती के स्वामित्व वाले डायरेक्ट-टू-होम सेवा, डीडी फ्री डिश पर गैर कानूनी रूप से प्रसारित किया गया है।
रिपब्लिक टीवी ने बिना ऑक्शन प्रोसेस में शामिल हुए डीडी फ्री डिश सर्विस के सभी यूजर्स के लिए एक बैंडविड्थ पर एक अनएन्क्रिप्टेड रूप में दो वर्षों तक ब्रॉडकास्ट किया गया। जबकि ऑक्शन के प्रोसेस से गुजरने पर चैनल को सालाना 8-12 करोड़ रुपये की कैरिज फीस देनी होती है।
इस मामले में रिपब्लिक टीवी ने अनुचित रूप से फायदा उठाने के साथ ही सरकारी खजाने को भी नुकसान पहुंचाया।  प्रतियोगी चैनलों की तरफ से इस बात को दो साल पहले ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय के ध्यान में लाया गया था। साथ ही इसकी शिकायत प्रसार भारती को भेज दी गई थी। लेकिन यह प्रैक्टिस सितंबर 2019 तक जारी रही।
इस पूरे घोटाले में सरकारी खजाने को 25 करोड़ रुपये का नुकसान सामने आया है।
अब इतनी मेहरबानी रिपब्लिक चैनल पर क्यो की गई इसकी वजह भी जान लीजिए यह चैनल मूल रूप से राजीव चंद्रशेखर ने शुरू किया था।जो वर्तमान में भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। राजीव चंद्रशेखर जब भाजपा से 2018 में सांसद चुन लिए गए तो उन्होंने कहा, 2006 से मैं निर्दलीय सांसद के रूप में सार्वजनिक जीवन में था। चूंकि अब मैं भाजपा का सदस्‍य हूं तो मुझे लगता है कि यह रिपब्लिक टीवी के ब्रांड और टीम के लिए सही नहीं होगा कि मैं बोर्ड में रहूं।' इसके बाद ही रिपब्लिक भारत मे सारी हिस्सेदारी अरनब गोस्वामी को दे दी गई 
दरअसल रिपब्लिक के मुख्य निवेशकर्ता राजीव चन्द्रशेखर पहली बार 2006 में कर्नाटक से राज्यसभा के लिए चुने गए। चन्द्रशेखर की एशियानेट न्यूज नेटवर्क, स्वर्णा न्यूज और कन्नड़ अखबार प्रभा में अच्छी होर्डिंग्स है। दिलचस्प बात यह है। कि राजीव चन्द्रशेखर ने जुपिटर केपिटल में भारी निवेश कर रखा है, जो कि डिफेंस सेक्टर की प्रमुख कंपनी है। यह कंपनी भारतीय सेनाओं को ट्रेनिंग के अनेक उपकरण सप्लाय करती है। जुपिटर केपिटल को ही पिछले वर्ष भारतीय थल सेना और वायु सेना में ट्रेनिंग के उपकरणों का एक बड़ा ठेका मिला था। 
 वैसे चैनल जब शुरू हुआ तो राजीव चंद्रशेखर की कंपनी जुपिटर कैपिटल के सीईओं अमित गुप्ता ने एडिटोरियल को मेल लिखा कि कंटेंट प्रो मिलिट्री होना चाहिए।
अब आप समझ गये होंगे कि अरनब ने पुलवामा हमले के बाद अपनी चैट में यह बात क्यो लिखी कि दिस अटैक विवान लाइक क्रेजी...
जुपिटर केपिटल को मिलेट्री के ठेके चाहिए ओर बीजेपी को रिपब्लिक से उग्र कट्टर राष्ट्रवाद और दक्षिणपंथी विचारधारा वाला कंटेंट दोनों एक दूसरे की पूर्ति कर रहे हैं।

आरएसएस कहे तो देश भक्त, किसान खालिस्तानी

आरएसएस वही बात कहकर देशभक्त है और किसान वही बात कहें तो खालिस्तानी?
हरिओम उपाध्याय 
नई दिल्ली। आरएसएस के अपने दो बड़े संगठन हैं। एक भारतीय किसान संघ और दूसरा स्वदेशी जागरण मंच। ये अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा तो नहीं खोल सकते, लेकिन  कह तो वही रहे हैं। जो आंदोलनकारी किसान कह रहे हैं। 
भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय सचिव मोहिनी मोहन मिश्रा ने बीबीसी से कहा ये तीनों क़ानून जब अध्यादेश के रूप में 5 जून को आए थे। तो हमने इसके ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी।.25 हज़ार गाँवों से हमारे किसान भाइयों ने इस क़ानून के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से लिखित में शिकायत की है।
''ये तीनों बिल व्यापारियों के बिल हैं। सरकार का कहना है। कि व्यापारियों का अच्छा व्यापार चलेगा तो किसानों को फ़ायदा होगा. 90 के दशक से भारतीय किसान संघ किसानों के लिए 'एक देश एक मार्केट' की बात कर रही है. सरकार उसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए ये बिल लाई है। तो हम उसका स्वागत करते हैं। पर इस बिल में कई दिक़्क़तें हैं।
गौर कीजिए कि आरएसएस का अपना संगठन भी कह रहा है। कि ये तीनों बिल व्यापारियों के बिल हैं। स्वदेशी जागरण मंच भी कह रहा है। कि बिल में दिक्कत है। 
ये दोनों संगठन एमएसपी की लिखित गारण्टी की बात कह रहे हैं। खरीद-बिक्री में किसानों को और सुरक्षा देने की बात कह रहे हैं। ये भी ये डर जता रहे हैं। कि व्यापारी मनमानी करेंगे। न्यायालय जाने के अधिकार की बात ये भी कर रहे हैं। फसल की सही कीमत की बात ये भी कर रहे हैं। यही सारी मांग किसानों की भी है। 
तो क्या आरएसएस के ये दोनों संगठन खालिस्तानियों से मिल गए हैं।
आरएसएस वही बात कहकर देशभक्त है।और किसान वही बात कहें तो खालिस्तानी। क्योंकि उन किसानों में से कुछ के सिर पर पगड़ी है। और वे सिख हैं।ठीक वैसे जैसे मुसलमान आंदोलन करें तो वे पाकिस्तानी हो जाते हैं।
इस देश के नेता और मीडिया के बहस का अब यही स्तर बचा है। आरएसएस का तो ये पैदाइशी स्तर है। और उन्होंने 90 साल से यही स्तर मेंटेन किया है। तो उनसे समझदारी की क्या उम्मीद की जाए।

किसानों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली में कैंटर ने मारी टक्कर

हिसार में दर्दनाक हादसा, किसानों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली में कैंटर ने मारी टक्कर

हिसार। हिसार में शुक्रवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया। शहर के ढंढूर रोड पर बीएसएफ कैंप के सामने युवा किसानों से भरी ट्रैकटर ट्रॉली में एक कैंटर ने टक्कर मार दी। इस हादसे में 26 वर्षीय एक युवा किसान की मौत हो गई। जबकि 8 अन्य युवा गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मृतक के शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाया है। वहीं घायलों को सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया है। 
सदर थाना पुलिस से जांच कर्ता हेड कांस्टेबल सूरजमल ने बताया कि शुक्रवार सुबह 5.30 बजे के करीब पंजाब के विभिन्न एरिया के युवा किसानों को लेकर एक ट्रैक्टर ट्रॉली दिल्ली में किसान आंदोलन में शामिल होने जा रही थी। इसी दौरान ढंढूर रोड पर बीएसएफ कैंप के सामने तेज गति से एक कैंटर आया और उसने पीछे से टैक्टर ट्रॉली में टक्कर मार दी। 
टक्कर इतनी जाेरदार थी कि इससे ट्रैक्टर टॉली पलट गई। जिसमें एक किसान की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं 8 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे में मारे गए युवक की पहचान पंजाब के अबोहर जिला के बिशनपुरा गांव निवासी करण सिंह के रूप में हुई है। मृतक व घायलों के बारे में उनके स्वजनों को सूचना दे दी गई।

नवरात्रि का आठवां दिन मां 'महागौरी' को समर्पित

नवरात्रि का आठवां दिन मां 'महागौरी' को समर्पित  सरस्वती उपाध्याय  नवरात्रि का आठवां दिन, यानी कि महा अष्टमी बहुत महत्वपूर्ण मानी जात...