सोमवार, 7 दिसंबर 2020

सरकार के पास किसानों के लिए पैसा नहीं

सरकार के पास गन्ना किसानों के लिए पैसा नहीं: प्रियंका


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कांग्रेस की उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा है। कि मोदी सरकार अनाप-शनाप खर्चा कर रही है। लेकिन उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के भुगतान के लिए उसके पास पैसा नहीं है।
उन्होंने कहा कि आश्चर्य यह है। कि सरकार पूंजीपतियों के बारे में खूब सोचती है। और उनको लाभ देने की योजनाएं बनाती है। लेकिन अन्नदाता के बारे में विचार के लिए उसे फुर्सत ही नहीं है। इसलिए गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। प्रियंका गांधी ने सोमवार को ट्वीट कर कहा भाजपा सरकार के पास 20,000 करोड़ का नया संसद कॉरिडोर बनाने, 16,000 करोड़ का पीएम के लिए स्पेशल जहाज खरीदने का पैसा है। लेकिन उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को 14,000 करोड़ भुगतान कराने का पैसा नहीं है। 2017 से गन्ने का मूल्य नहीं बढ़ा है। ये सरकार केवल अरबपतियों के बारे में सोचती है।
उन्होंने गांव कैंनेक्शन नाम से एक पोस्टर भी लिंक किया है। जिसमें लिखा है। गन्ना किसानों का 12,994 करोड़ रुपए का बकाया जिनमें सबसे ज्यादा 10 हजार करोड़ रुपए का बकाया उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का रुका है।


                                                                                   


योगदान के लिए नाहटा को अवार्ड्स से नवाजा

लीजेंड दादा साहब फाल्के अवार्ड्स से ज्योतिष दिलीप नाहटा सम्मानित


ज्योतिष के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए नाहटा को अवार्ड्स से नवाजा


ब्यावर। राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित ब्यावर शहर के ज्योतिषी दिलीप नाहटा को ज्योतिष के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए 5 दिसंबर 2020 को मुंबई में आयोजित बॉलीवुड फिल्म फेस्टिबल अवार्ड्स के सम्मान समारोह में लीजेंड दादा साहब फाल्के अवार्ड्स से सम्मानित किया गया है। मुंबई के अंधेरी स्थित मयुर हॉल में 05 दिसंबर 2020 को आयोजित बॉलीवुड फिल्म फेस्टिबल अवार्ड्स के सम्मान समारोह में भारत के एकमात्र ज्योतिषी दिलीप नाहटा को ज्योतिष में हस्तरेखा के क्षेत्र में विश्व की पहली पोर्टेबल साइंटिफिक हस्तरेखा मशीन बनाने पर एवं 2011 से लेकर 2020 तक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की 250 से अधिक भविष्यवाणियां सत्य साबित होने पर एवं देशभर में कई जगहों पर निशुल्क कैंप देने पर बॉलीवुड फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान कृष्णा चौहान फाउंडेशन के बैनर के अंतर्गत लीजेंड दादा साहब फाल्के अवार्ड्स से नवाजा गया है। 
गौरतलब है। कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। कि मुंबई फिल्म जगत ने फिल्मी दुनिया से हटकर देश के किसी ज्योतिषी को ज्योतिष के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए इस अवार्ड्स से नवाजा हो इस अवार्ड कार्यक्रम में मुम्बई फिल्मी जगत की कई बड़ी-बड़ी हस्तियां मौजूद थी। लेकिन देश में बढ़ते कोविड-19 के संक्रमण के कारण सरकारी निर्देशों की पालना करते हुए एवं सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए इतना बड़ा अवार्ड मिलने के बावजूद भी नाहटा ने 05 दिसंबर 2020 को मुंबई में आयोजित बॉलीवुड फिल्म फेस्टिबल के इस अवार्ड कार्यक्रम में ब्यावर से मुंबई जाकर इस आयोजन में शामिल होना अनुकल नहीं समझा अत नाहटा की अनुपस्थिति में म्यूजिक डायरेक्टर दिलीप सेन ने उनके नॉमिनी के तौर पर फिल्म अभिनेत्री अनु कश्यप एवं राजस्थानी फिल्म के सुपरस्टार अरविंद वाघेला को यह अवार्ड प्रदान किया एवं बॉलीवुड की इन हस्तियों ने दादा साहब फाल्के अवार्ड्स को अपने हाथों में लेकर नाहटा को मिले इस अवार्ड्स का न केवल सम्मान बढ़ाया है। अपितु पूरे ब्यावर शहर वासियों का सम्मान बढ़ाकर राजस्थान का नाम देश भर में रोशन किया है। नाहटा फिल्म अभिनेत्री अनू कश्यप एवं राजस्थानी फिल्म के सुपरस्टार अरविंद वाघेला का तह दिल से एवं हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करते हैं। इसके अलावा पूर्व में कुछ महत्वपूर्ण  सम्मान एवं अवार्ड्स भी नाहटा को मिल चुके हैं। जैसे 2015 में चंडीगढ़ के राज्यपाल  कप्तान सिंह सोलंकी से सम्मान मिलना 2017 में गाजियाबाद में विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह से सम्मान मिलना , 26 जनवरी 2018 को गणतंत्र दिवस पर अजमेर जिला कलेक्टर  गौरव गोयल से सम्मान मिलना , 2019 में जयपुर में राजस्थान राज्य परिवहन मंत्री  प्रताप सिंह खाचरियावास से सम्मान मिलना एवं 2020 में कुरुक्षेत्र में नास्त्रेदमस अवार्ड मिलना , अंतिम कड़ी में नाहटा ने इस अवार्ड्स को अपने ईस्ट गुरु जैन आचार्य 1008  हस्ती मल जी महाराज साहब के चरण कमलों में एवं उनके निमाज गांव स्थित पावन-धाम पर यानी उनके समाधि-स्थल पर समर्पित किया है।                             


शहरवासी कर रहे प्रवासी पक्षियों का इन्तजार

अठखेलियां देखने को उत्सुक अजमेर शहरवासी, कर रहे हैं प्रवासी पक्षियों का इन्तजार


अजमेर। सर्दी का समय है और दिसम्बर माह शुरू हो चुका है। लेकिन अब भी जिले में प्रवासी पक्षियों का इंतजार है। अजमेर की आना सागर और फायसागर झील समेत किशनगढ की गुंदोलाव झील, ब्यावर के बिचड़ली तालाब में हर साल इस समय प्रवासी पक्षियों की आवक हो जाती थी। लेकिन इस बार नहीं हुई है। हाल ही में तैयार किया गया बर्ड पार्क भी सूना ही है। पर्यावरण विदों की माने तो इस साल सर्दी देरी से शुरू हुई है। और उतनी सर्द भी नहीं है। साथ ही जलाशयों का जल स्तर अन्य सालों के मुकाबले इस बार ज्यादा है। यही कारण है। कि प्रवासी पक्षियों की आवक नहीं हुई। लेकिन माह के अन्त तक प्रवासी पक्षियों की आवक होने की उम्मीद है।
ये प्रवासी पक्षी आते है यहां
अजमेर की आनासागर व फायसागर झील सहित किशनगढ के गुंदोलाव झील व ब्यावर के बिचडली तालाब में जिले में मुख्यत हवासील (ग्रेट व्हाइट व डेल​मेशियन पेलिकन), किंगफिशर (पाइड), पनडुब्बी (डेवचिक) टिकडी आरी (कूट), सीखपर (पिनटेल), राजहंस (फ्लेमिगो), बगुला, जल चिडिय़ा (जेकाना पिहूया), सारसक्रेन, टिटहरी, स्टाईल्ड, पेटेड स्टॉर्क (जान्हिल), क्रेन (कुरजां) एवं डोमेसायल क्रेन आदि प्रवासी पक्षी आते है।
लगभग तैयार है बर्ड पार्क
सर्द मौसम में अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील में आने वाले प्रवासी पक्षियों के लिए बर्ड पार्क भी लगभग तैयार है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत वैशाली नगर स्थित सागर विहार कॉलोनी के पीछे 90 लाख रूपये की लागत 26 हजार 400 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बर्ड पार्क में मिट्टी के सात – आठ प्राकृतिक टीलों का निर्माण किया गया है। बर्ड पार्क में चारों तरफ पांच फीट ऊंचाई की चार दीवारी का निर्माण, इस पर दो फीट रेलिंग लगाई गई है। पार्क का मुख्य द्वार भी तैयार किया गया है। वर्तमान में पार्क की कच्ची भूमि पर घास लगाने का काम जारी है। बर्ड पार्क में सौ से अधिक विभिन्न किस्म के पेड़-पौधे लगाए जाएंगे।
मौसम में बदलाव के साथ आते है पक्षी
यहां पक्षी बारिश के बाद सर्दियों में आना प्रारंभ होते है। यह पक्षी पूर्वी यूरोप, साइबेरिया, मंगोलिया, पोलैण्ड सहित अन्य देशों से आते है। झीलों में पक्षियों को भोजन भी आसानी से मिल जाता है। मौसम भी पक्षियों के लिए अनुकूल है। शिकार की संभावना भी नगण्य है। अक्टूबर से ही मेहमान पक्षी यहां आना शुरू होते हैं। और फरवरी में वापसी शुरू होती है। पक्षी विशेषज्ञों ने बताया कि यूरोप सहित विदेशों में अक्टूबर, नवंबर में बर्फ जम जाती है। ऐसे में पक्षियों को सबसे बड़ी समस्या भोजन की हो जाती है। ऐसे में ये हजारों किलोमीटर की उड़ान भरकर भारत की तरफ आते हैं।                                                                                                                              


सालों पुरानी बुद्ध की प्रतिमा लौटाने के आदेश

चीन की अदालत ने दिए 1000 साल पुरानी बुद्ध की प्रतिमा लौटाने के आदेश


जिनचेंग। 2015 में हंगरी के एक प्रदर्शनी में यह मूर्ति दिखाई दी था। चीन के सैंमिंग इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट ने डच कलेक्टर को 1995 में गायब हुई बुद्ध की प्रतिमा को वापस करने का आदेश दिया है। चीन की अदालत ने डच कलेक्टर ऑस्कर वैन ओवरिम के नाम आदेश जारी करते हुए 30 दिनों के भीतर प्रतिमा वापस करने को कहा है।
फुजियान के दक्षिण-पूर्व में स्थित यांगचुन गांव के लोगों का कहना है। कि यह मूर्ति 1000 साल पुरानी है। जो साल 1995 में चोरी हो गई थी। वहीं डच कलेक्टर का कहना है। कि उन्होंने यह मूर्ति हांगकांग से साल 1996 में खरीदी थी। यह वो मूर्ति नहीं है। जिसके मालिकाना हक का दावा यांगचुन गांव लोग कर रहे हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, गायब हुई प्रतिमा में झांग गोंग झूशी और पैट्रिआर्क झांग गोंग के अवशेष हैं। जो सोंग राजवंश के दौरान बीमारियों के इलाज में मदद करने के लिए इस्तेमाल होते थे। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार 2015 में हंगरी के एक प्रदर्शनी में यह मूर्ति दिखाई दी थी। 3 साल तक चली इस कानूनी लड़ाई के बाद यह फैसला लिया गया कि यांगचुन गांव के लोगों को मूर्ति का मालिकाना हक दिया जा सकता है।                                   


कानूनों के खिलाफ ब्रिटेन में प्रदर्शन, कई अरेस्ट

भारत के कृषि कानूनों के खिलाफ लंदन में प्रदर्शन, कई गिरफ्तार


लंदन। ब्रिटेन के मध्य लंदन में रविवार को भारतीय उच्चायोग के बाहर भारत में तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में किए गए प्रदर्शन के दौरान स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया।
स्कॉटलैंड यार्ड ने भारतीय उच्चायोग के बाहर ब्रिटेन के अलग-अलग हिस्सों से प्रदर्शनकारियों के जमा होने से पहले चेतावनी दी थी। मध्य लंदन में हम पंजाब के किसानों के साथ खड़े है।प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए कई पुलिसकर्मी सड़क पर उतरे और चेताया कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कड़े नियम लागू हैं। और अगर 30 से ज्यादा लोग जमा होते हैं तो गिरफ्तारी की जा सकती है। और जुर्माना लगाया जा सकता है। मेट्रोपोलिटन पुलिस के कमांडर पॉल ब्रोगडेन ने कहा कि अगर आप निर्धारित 30 लोगों से अधिक की संख्या में एकत्र होकर नियम तोड़ते हैं। तो आप अपराध कर रहे हैं। जो दंडनीय है। और जुर्माना लगाया जाएगा। उन्होंने लोगों से प्रदर्शन में शामिल नहीं होने की अपील भी की।
प्रदर्शन में मुख्य रूप से ब्रिटिश सिख शामिल थे। जो तख्तियां पकड़े हुए थे। जिनपर किसानों के लिए न्याय जैसे संदेश लिखे थे। भारतीय उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह जल्द स्पष्ट हो गया कि लोगों के जमवाड़े की अगुवाई भारत विरोधी अलगाववादी कर रहे थे। जिन्होंने भारत में किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने के नाम पर भारत विरोधी अपना एजेंडा चलाया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन भारत का आंतरिक मामला है और भारत सरकार प्रदर्शनकारियों से बात कर रही है।                               


अमेरिका के कई शहरों में सिखों का प्रदर्शन

कृषि कानूनों के विरोध में अमेरिका के कई शहरों में सिखों का प्रदर्शन


वाशिंगटन डीसी। भारत में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के समर्थन में अमेरिका के कई शहरों में सिखों ने शांतिपूर्वक विरोध रैलियां निकालीं। कैलिफोर्निया में प्रदर्शनकारियों की कारों के काफिले के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास की ओर बढ़ने से बे ब्रिज पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। इसके अलावा इंडियानापोलिस में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए और किसानों के समर्थन में नारे लगाए। यहां प्रदर्शन कर रहे गुरिंदर सिंह खालसा ने कहा किसान देश की आत्मा हैं। हमें अपनी आत्मा की रक्षा करनी होगी। सिख नेता दर्शन सिंह दरार ने कहा हम भारत सरकार से कानूनों का वापस लेने का आग्रह नहीं कर रहे हैं। बल्कि यह हमारी मांग है। इससे पहले शिकागो में सिख अमेरिकी समुदाय के लोगों ने इकट्ठा होकर भारतीय दूतावास के सामने रैली निकाली थी। सिखों ने बे एरिया की तरह ही न्यूयार्क, ह्यूस्टन मिशिगन शिकागो और वाशिंगटन डीसी में भी रैली निकालने की चेतावनी दी है।                                   


दिल्ली इलाके से 5 आतंकी गिरफ्तार किएं

दिल्ली के शकरपुर इलाके से पांच आतंकवादी गिरफ्तार


शकरपुर। दिल्ली के शकरपुर इलाके से सोमवार को पांच आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है। इन पांचों को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। इनमें से दो पंजाब और तीन कश्मीर से ताल्लुक रखते हैं। आतंकियों के पास से हथियार और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। वहीं अन्य आतंकियों के छिपे होने की जानकारी भी मिली है। 
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के कार्यालय में आतंकियों से पूछताछ जारी है। स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने कहा दिल्ली के शकरपुर इलाके में मुठभेड़ के बाद पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से दो पंजाब के तीन कश्मीर के हैं। उनके पास से हथियार और दस्तावेज बरामद किए गए हैं।                                     


आंदोलनः लखनऊ में सपा कार्यालय सील

किसान आंदोलन, लखनऊ में सपा कार्यालय सील


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा हर जिले में किसानों के समर्थन में यात्रा आयोजित करने के आह्वान के बाद लखनऊ में सोमवार सुबह सपा कार्यालय से लेकर अखिलेश यादव के घर तक पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया गया। वहीं कन्नौज में जिलाधिकारी ने अखिलेश यादव के किसान मार्च को मंजूरी नहीं दी।
लखनऊ में विक्रमादित्य मार्ग पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। और किसी भी प्रदर्शन से निपटने की पूरी तैयारी की गई। पुलिस प्रशासन हाई अलर्ट पर है।                                      


एमएसपी बना सरकार के गले की फांस

एमएसपी बना केंद्र सरकार के गले की फांस


नई दिल्ली। किसान संगठन ही नहीं अपने भी चाहते हैं। गारंटी
तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए चल रहे किसान आंदोलन में मुख्य पेच न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी को लेकर बना हुआ है। एमएसपी के सवाल पर आंदोलनकारी किसान संगठन ही नहीं बल्कि संघ के अनुषांगिक संगठन भी सरकार के खिलाफ हैं। हालांकि इस मांग से जुड़ी जटिलताओं के कारण सरकार पूरी तरह असमंजस में है।
सरकार के सूत्रों का भी कहना है। कि अगर एमएसपी की कानूनी गारंटी की घोषणा कर दी जाए तो तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग संबंधी स्वर धीमे हो सकते हैं। क्योंकि सरकार पहले से ही इन कानूनों के कई प्रावधानों में संशोधन के लिए तैयार है। मसलन सरकार किसानों को सीधे अदालत का दरवाजा खटखटाने, एनएसआर क्षेत्र से जुड़े नए प्रदूषण कानून में बदलाव करने, निजी खरीददारों के लिए पंजीयन अनिवार्य करने और छोटे किसानों की हितों की रक्षा के प्रावधानों में जरूरी बदलाव के लिए तैयार है।
छठे दौर से पहले माथापच्ची
पांचवें दौर की बैठक के बेनतीजा रहने के बाद सरकार में आंदोलन खत्म कराने के लिए माथापच्ची जारी है। मुख्य चिंता एमएसपी को लेकर है। कृषि मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के बीच शनिवार रात से ही कई दौर की बातचीत हुई है। इस पर अंतिम निर्णय से पहले सरकार 8 दिसंबर को किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद के जरिए उनका दमखम भी तौलना चाहती है। एक मुश्किल यह भी
आजादी के बाद से ही सरकारें किसान और ग्राहकों के बीच सीधा संबंध स्थापित करने में नाकाम रही हैं। इसके कारण ग्राहकों को तो ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी मगर ग्राहक के द्वारा चुकाई गई रकम का मामूली हिस्सा ही किसानों की जेब तक पहुंचा। मसलन ग्राहकों ने कई बार किसान द्वारा बेची गई रकम से चार से पांच गुना अधिक कीमत चुकाई। कृषि क्षेत्र का मुनाफा बिचौलियों की भेंट चढ़ता रहा। आजादी के सात दशक से अधिक समय बीत जाने के बावजूद सरकारें किसानों का आय बढ़ाने में नाकाम रही।
इसको लेकर है। असमंजस
सरकार का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में निजी भागीदारी बढ़ाने की है। एमएसपी को सरकार कानूनी तो बना देगी मगर निजी क्षेत्र को खरीदारी के लिए बाध्य नहीं कर पाएगी। ऐसे में अगर फसल की मांग कम हुई तो निजी क्षेत्र खरीददारी करेंगे ही नहीं।
सरकार एक सीमा तक ही एमएसपी के तहत खरीदारी कर सकती है। सरकार औसतन कुल उपज का छह फीसदी की ही खरीद करती है। वर्तमान क्षमता के अनुरूप इसे दस फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है। भंडारण क्षमता अर्थव्यवस्था पर बोझ सहित कई ऐसे कारण है। जिसके चलते सरकार बहुत अधिक मात्रा में अनाज नहीं खरीद सकती।
किसी एक फसल की अधिक उपज होने के बाद उसकी मांग में कमी आएगी। सरकार एक सीमा से अधिक फसल नहीं खरीदेगी। इसके बाद एमएसपी से कम कीमत पर खरीद गैरकानूनी होने पर निजी क्षेत्र खरीदारी प्रक्रिया से नहीं जुड़ेंगे। ऐसे में किसान उन फसलों का क्या करेगा?
- बड़ा सवाल कीमत तय करने का भी है। एमएसपी के दायरे में आने वाली फसलों की अलग-अलग गुणवत्ता होती है। गुणवत्ता के हिसाब से एक फसल का अलग-अलग मानक तय करते हुए अलग-अलग एमएसपी तय करनी होगी। मानकों पर खरा नहीं उतरने वाली फसलों का क्या होगा? सरकार के सूत्र इसे बेहद जटिल प्रक्रिया मानते हैं। सरकार का कहना है। कि तीनों कानूनों के जरिए उसकी कोशिश कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कराने की थी। निजी क्षेत्र अपनी सूझबूझ से ऐसी फसलों की खेती कराएंगे जिनकी भविष्य में मांग ज्यादा होने की संभावना रहेगी। मगर एमएसपी को कानूनी बनाने से नए कानूनों का उद्देश्य पूरा नहीं होगा। सरकार प्रतिस्पर्धा के लिए निजी क्षेत्र पर शर्तें नहीं थोपना चाहती। सरकार के सूत्रों का कहना है कि वैसे भी कृषि क्षेत्र निजी क्षेत्र के लिए आकर्षण की प्राथमिकता वाला क्षेत्र नहीं है। शर्तें थोपने से निजी क्षेत्र कृषि क्षेत्र की ओर आकर्षित नहीं होगा। एमएसपी का प्रावधान एक तरह से किसानों को सुरक्षा देने के लिए किया गया था। मसलन मांग और आपूर्ति में ज्यादा अंतर होने से किसानों को होने वाले घाटे से बचाने के लिए एमएसपी प्रक्रिया अपनाई गई थी। दूसरी ओर निजी क्षेत्र का कारोबार मांग और आपूर्ति के आधार पर चलता है। इसमें जिस फसलों की मांग ज्यादा होगी उसकी कीमत एमएसपी से ज्यादा होगी।                                    


20 करोड़ की ठगी करने वाली महिला गिरफ्तार

एनसीआर में फ्लैट देने के नाम पर 20 करोड़ की ठगी


महिला निदेशक गिरफ्तार, मास्टरमाइंड पति फरार


राजनगर। गाजियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित परियोजना में फ्लैट देने के नाम पर निवेशकों से 20 करोड़ की ठगी के मामले में आर्थिक अपराध शाखा ने सीआरपीएफ के पूर्व अधिकारी की पत्नी व कंपनी की महिला निदेशक को मुंबई से गिरफ्तार किया है। महिला वैल्यू इन्फ्राकॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की निदेशक है। और इस कंपनी पर फर्जीवाड़े के दर्जनों मामले दर्ज हैं। महिला का पति पूरे मामले का मास्टरमाइंड है। जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दबिश दे रही है। आर्थिक अपराध शाखा ने संयुक्त आयुक्त डॉक्टर ओपी मिश्रा ने बताया कि लोगों ने गाजियाबाद राजनगर एक्सटेंशन स्थित विस्टा प्रोजेक्ट के तहत आवासीय फ्लैट बुक कराए थे। कंपनी ने निवेशकों ने समय पर फ्लैट देने का वादा किया था। लेकिन उन्हें न तो फ्लैट ही मिले और न ही पैसे ही वापस किए।
इस पर निवेशकों ने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में शिकायत की। छानबीन के बाद वर्ष 2019 में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। जांच के दौरान पता चला कि कंपनी ने आवासीय प्रोजेक्ट के लिए गाजियाबाद प्राधिकरण से कोई अनुमति नहीं ली थी। इसके अलावा निवेशकों से मिले पैसों को गलत तरीके से अन्य खातों में ट्रांसफर कर दिया। कंपनी का प्रमुख सीआरपीएफ का पूर्व अधिकारी प्रमोद कुमार सिंह मामला दर्ज होने के बाद  फरार हो गया। पुलिस टीम लगातार आरोपियों की तलाश कर रही थी। इसी दौरान महिला निदेशक के मुंबई में होने की जानकारी मिली। पलिस की एक टीम ने वहां दबिश देेकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में दो निदेशकों प्रवीण कुमार सिंह और आशीष वर्मा की गिरफ्तारी हो चुकी है। प्रमोद कुमार सिंह सहित अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दी जा रही है। महिला निदेशक ने गोरखपुर से स्नातक की पढ़ाई की है। वह पति के साथ कंपनी के सभी बैंक खातों की अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता थी।                               


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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

दिसंबर 08, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-113 (साल-02)
2. मंगलवार, दिसंबर 08, 2020
3. शक-1983, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-नवमी, विक्रमी संवत 2077।


4. प्रातः 07:03, सूर्यास्त 05:15।


5. न्‍यूनतम तापमान 09+ डी.सै., अधिकतम-20+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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