रविवार, 6 दिसंबर 2020

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)




दिसंबर 07, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-112 (साल-02)
2. सोमवार, दिसंबर 07, 2020
3. शक-1983, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथि-अष्टमी, विक्रमी संवत 2077।


4. प्रातः 07:03, सूर्यास्त 05:15।


5. न्‍यूनतम तापमान 09+ डी.सै., अधिकतम-20+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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शनिवार, 5 दिसंबर 2020

तुर्की ने फ्रांस-ऑस्ट्रिया को लताड़ लगाई

तुर्की ने मुस्लिमों को टार्गेट करने पर फ्रांस और ऑस्ट्रिया को लगाई लताड़


अंकारा/पेरिस/विएना। तुर्की के विदेश मंत्री ने गुरुवार को एक ऑनलाइन कांफ्रेस में कहा कि तुर्की वार्ता के माध्यम से यूरोपीय देशों के साथ सभी समस्याओं को हल करना चाहता है। इतालवी विदेश मंत्रालय और अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक अध्ययन संस्थान द्वारा आयोजित छठे भूमध्य संवाद मंच में बोलते हुए उन्होने कहा कि तुर्की मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए फ्रांस या ऑस्ट्रिया के साथ बातचीत में शामिल होने के लिए तैयार है, उसने फ्रांसीसी और ऑस्ट्रियाई सरकारों द्वारा मुस्लिम समुदायों को लक्षित करने वाले हालिया विवादास्पद कदमों की आलोचना की। उन्होने कहा, “कुछ लोकलुभावनराजनेताओं ने अपने हितों के लिए इस्लाम को परिभाषित करने या व्याख्या करने की हिम्मत की, और यह अस्वीकार्य है,” उन्होंने कहा, “इस्लाम को फिर से परिभाषित करना किसी भी राजनेताओं का काम नहीं है। यह पवित्र कुरान में बहुत स्पष्ट है।” तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा, ऑस्ट्रियाई सरकार के फैसले को भी ‘राजनीतिक इस्लाम’ के रूप में वर्णित करने पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने जोर दिया, “कोई राजनीतिक इस्लाम नहीं है। इस्लाम इस्लाम है, और इस्लाम का मतलब शांति है।” उन्होंने कहा, पैगंबर पर हमला करना, इस्लाम की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन जब हम यूरोप के किसी भी राजनेताओं की आलोचना करते हैं, तो यह अस्वीकार्य है। “जब यूरोप की बात आती है, तो वे यूरोपीय संघ की एकजुटता के लिए कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं।”                            


भारत के खिलाफ सीरीज में एगर बाहर हुएं

सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के स्पिन गेंदबाज एशटन एगर के चोट लगने के बाद वह भारत के खिलाफ खेली जा रही टी20 सीरीज से बाहर हो गए हैं। ऑस्ट्रेलिया ने एगर की जगह स्पिन गेंदबाज नाथन लॉयन को टीम में शामिल किया है। लायन भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेने वाले हैं। एगर के अलावा टीम के कप्तान एरॉन फिंच के अगले मैच में खेलने पर संशय कायम है। सीरीज में पहले मैच में हार के बाद अब ऑस्ट्रेलिया की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं।                                               


जलवायु नीति के बनायें फैसलों का दबाव बना

ब्रिटेन की जलवायु नीति ने बनाया तमाम देशों पर सही फ़ैसले लेने का दबाव


लंदन। जलवायु को लेकर ब्रिटेन के ऊंचे लक्ष्‍यों के कारण दुनिया के बाकी देशों पर आगामी 12 दिसम्‍बर को आयोजित होने वाली क्‍लाइमेट एम्‍बीशन समिट से पहले जलवायु सम्‍बन्‍धी चुनौती के सामने उठ खड़े होने का दबाव बढ़ गया है। ब्रिटेन ने सही दिशा में आगे बढ़ने का मौका लपक लिया है। उम्मीद है कि इससे अन्य देशों को भी वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस से नीचे ही रखने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरणा मिलेगी। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने प्रदूषणकारी तत्‍वों के उत्सर्जन में कटौती करने के ब्रिटेन के 2030 तक के लक्ष्य में उल्लेखनीय बढ़ोत्‍तरी करेंगे, ताकि अगले दशक में कार्बन मुक्ति के प्रयासों को तेज किया जा सके और अगले साल ग्लासगो में आयोजित होने जा रही सीओपी26 में जलवायु परिवर्तन से निपटने की दौड़ की वैश्विक अगुवाई को और मजबूत किया जा सके।
ब्रिटेन के पास 1990 के स्तरों के मुकाबले वर्ष 2030 तक ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में 61% तक की कटौती करने का लक्ष्य है और सरकार ने आज एक मीडिया ब्रीफिंग में पत्रकारों से कहा कि इस लक्ष्य को कम से कम 68% तक बढ़ाया जाएगा। इसके लिए अगले एक दशक में डीकार्बोनाइजेशन की दर में कम से कम 50% का इजाफा करना होगा।          

ब्राजील में बह रही हैं उल्टी गंगा, बजट नीचें

ब्रासीलिया। भले ही ब्राज़ील में अमेज़न वर्षावनों की कटाई 2008 के बाद से उच्चतम स्तर पर हो, लेकिन वहां के राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो को शायद इसकी परवाह नहीं। उन्होंने तो ब्राज़ील कांग्रेस को एक ड्राफ्ट बजट बिल भेजा है, जिसे यदि अनुमोदन मिल जाता है, तो वह इस कटाई के ख़िलाफ़ किसी भी कानून प्रवर्तन पहल की अनुमति नहीं देगा। और ये तब है जब ब्राज़ील दुनिया का5-वां सबसे बड़ा GHG (जीएचजी) एमिटर (उत्सर्जक) है। ख़ास बात ये है कि अन्य शीर्ष उत्सर्जकों के विपरीत,ब्राज़ील का उत्सर्जन मुख्य रूप से वनों की कटाई, कृषि और मवेशियों से होता है। ब्राजील के गैर सरकारी संगठनों के अनुसार, यदि सरकार के इस बजट प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जाती है, तो देश में वनों की कटाई और जल से लड़ने के लिए कोई वित्तीय संसाधन नहीं होंगे।               


अमेरिकी सेना की वापसी के आदेश दिएः ट्रंप


वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 15 जनवरी तक सोमालिया से अमेरिकी सेना की वापसी के आदेश दिए हैं। ये जानकारी अमेरिकी रक्षा मंत्रालय की ओर से दी गई है। सोमालिया में अमेरिका के करीब 700 सैनिक मौजूद हैं जो अल-शबाब और इस्लामिक स्टेट जैसे कथित चरमपंथी संगठनों से लड़ाई में स्थानीय सुरक्षाबलों की मदद कर रहे हैं।अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक़ कुछ सैनिक पड़ोसी देशों में भेजे जाएंगे। उन्हें सीमा पार अभियान की ख़ास अनुमति दी जाएगी।         



गरीब-कमजोर सरकारी सेवाओं से वांछित

कौशाम्बी। मंझनपुर कोतवाली क्षेत्र के देवखर पुर ग्राम पंचायत के मजरा बाजापुर में एक महिला के घर के सामने दबंग जबरन निर्माण कर रहे हैं। महिला के घर के सामने दंबंगो के जबरन निर्माण की कई बार शिकायत पीड़ित महिला ने पुलिस से की है। पुलिस से शिकायत करने के बाद भी महिला को न्याय नही मिला मंझनपुर कोतवाली में कई बार दबंगों के खिलाफ शिकायत किए जाने से बौखलाए दबंगों ने महिला व उसके परिवार को घर में घुस कर मार-पीट कर लहूलुहान कर दिया है।


राजकुमार 


                                                                  


तमंचा व बाइक के साथ 1 आरोपी गिरफ्तार

तमंचा बाइक के साथ एक आरोपी गिरफ्तार


कौशाम्बी। मंझनपुर कोतवाली के टेवा पुलिस चौकी ने एक आरोपी को तमंचा और बाइक के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस ने पकड़े गए आरोपी को अदालत भेज दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक बीती रात गश्त वाहन चेकिंग के दौरान नवोदय विद्यालय टेंवा के पास से चौकी इंचार्ज टेवा इन्द्रकांत यादव ने एक अभियुक्त राहुल पासी पुत्र राधेश्याम निवासी कोर्रो थाना मंझनपुर को एक अदद चोरी की मोटरसाइकिल सीडी डीलक्स व एक अदद अवैध तमंचा 315 बोर एक कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है। इस दौरान उप निरीक्षक इन्द्रकान्त यादव चौकी प्रभारी टेंवा मय हमराह सिपाही जयसहाय,सिपाही शिवम सिंह सिपाही सुशील कुमार की मौजूदगी में अभियुक्तों को पकड़कर उसकी जामा तलाशी लेकर लिखा पढ़ी कर चालान कर दिया है।


राजकुमार                                   


कर्मचारी, अधिकारियों की उपस्थिति की स्थिति

मुख्य सचिव के निर्देश के बाद भी नहीं सुधरी कर्मचारियों अधिकारियों की उपस्थिति की स्थिति


कौशाम्बी। सरकारी कार्यालयों से मोटा वेतन लेने के बाद अधिकारियो कर्मचारियों का गायब रहना इनकी आदत सी बन गई है। कई बार जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने भी अधीनस्थों की उपस्थिति की औचक जांच कर उन्हें कठोर चेतावनी दी, कि वह अपनी उपस्थिति की स्थिति को सुधार करें लेकिन अधिकारियों के आदेश के बाद भी लापरवाह कर्मचारियों अधिकारियों की उपस्थिति में सुधार नहीं हो सका।बीते सप्ताह मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश ने पत्र संख्या 770 पीएस एम एस जारी कर प्रदेश के समस्त अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव सचिव को निर्देशित किया कि अधिकारियों कर्मचारियों की समय से कार्यालय में उपस्थित सुनिश्चित हों। उनकी उपस्थिति की स्थलीय सत्यापन किए जाने का निर्देश भी मुख्य सचिव द्वारा जारी किया गया है। मुख्य सचिव ने अपने पत्र के माध्यम से निर्देशित किया है, कि अपर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव और सचिव प्रत्येक सप्ताह कर्मचारियों अधिकारियों की उपस्थिति की जांच कर उसकी सूचना और उस पर की गई कार्यवाही से शासन को अवगत कलाएं।


मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए औचक निरीक्षण के पत्र के बाद भी लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों की उपस्थिति बेहद खराब है। जिले के लोक निर्माण विभाग प्रधानमंत्री निर्माण खंड से लेकर विकास भवन सहित विभिन्न विभागों में तमाम कर्मचारी कई कई दिन कार्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं। बीते दिनों जिलाधिकारी ने भी औचक निरीक्षण कर कई कर्मचारियों से जवाब सवाल किया था लेकिन ड्यूटी से गायब रहने वाले इन कर्मचारियों अधिकारियों को उच्चाधिकारियों के निर्देशों की तनिक परवाह है और मनमर्जी तरीके से वह ड्यूटी देना चाहते हैं। यही स्थिति विकास खंड कार्यालयों की है कई विकास खंड कार्यालय ऐसे हैं यहां कई कर्मचारी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं होते हैं। बिना ड्यूटी लिए इनको प्रत्येक महीने वेतन दिया जा रहे हैं। जिससे विभागाध्यक्ष  की भी भूमिका सवालों के घेरे में है। अधिकारी कर्मचारियों की उपस्थिति में सुधार ना होने के मामले में इनकी औचक जांच करने और अनुपस्थिति पाए जाने पर इन लापरवाह अधिकारियों कर्मचारियों पर कठोर कार्यवाही करना होगा तभी इनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित हो सकती है।


राजकुमार 


उप निरीक्षक़ो के कार्य क्षेत्र में बदलाव किया

उप निरीक्षक के कार्य क्षेत्र में हुए बदलाव


कौशाम्बी। एसपी अभिनन्दन ने कानून व्यवस्था को बेहतरीन बनाये रखने हेतु जिले में चार निरीक्षक और सात उपनिरीक्षक के कार्यक्षेत्र में बदलाव कर दिया है। पुलिस कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक निरीक्षक तेगबहादुर सिंह को क्राइम ब्रांच से प्रभारी यूपी 112 बनाया गया है। इसी तरह निरीक्षक राधेश्याम वर्मा को पुलिस लाइन्स से प्रभारी एसपीटीयू की जिम्मेदारी सौंपी गई है। परिवर्तन के क्रम में बृजेन्द्र सिंह को पुलिस लाइन्स से वाचक पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। निरीक्षक शम्भूदयाल मौर्या प्रभारी एसपीटीयू से प्रभारी कोरोना सेल की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। अभी तक उप निरीक्षक लखनलाल मिश्रा चौकी इंचार्ज बरियावा के पद पर तैनात थे अब उन्हें बरियावा से हटाकर थाना मोहब्बतपुर पइंसा थाने भेज दिया गया है। उपनिरीक्षक नित्यानंद सोनी को थाना कोखराज से हटा कर चौकी इंचार्ज लोधौर की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उपनिरीक्षक प्रभुनाथ सिंह पुलिस लाइन्स से चौकी इंचार्ज बरियावा की जिम्मेदारी दी गई अभी तक बरियावा चौकी इंचार्ज लखन लाल मिश्रा थे। उपनिरीक्षक सत्यराम सिंह यादव को सरायअकिल से थाना महेवाघाट भेज दिया गया है। उपनिरीक्षक जयंत गुप्ता को पुलिस लाइन्स से थाना महेवाघाट में तैनाती के निर्देश जारी किए गए हैं। स्थानांतरण के क्रम में उपनिरीक्षक राकेश राय को पुलिस लाइन्स से थाना कोखराज भेजने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसी क्रम मेंअवनीश पाठक को थाना मोहब्बतपुर पइंसा से थाना पिपरी में तैनाती दिए जाने के निर्देश पुलिस कार्यालय ने दिए हैं।


राजकुमार


हापुड़ की पुलिस का जनपद में पैदल मार्च

अतुल त्यागी


हापुड़। एसपी नीरज कुमार जादौन, एएसपी सर्वेश मिश्रा, सीओ गढमुक्तेश्वर पवन कुमार कोतवाली प्रभारी गढमुक्तेश्वर मुकेश कुमार ने गढमुक्तेश्वर नगर में पैदल मार्च पास्ट किया।जनपद के गढमुक्तेश्वर नगर में हापुड एसपी नीरज कुमार जादौन ए एस पी सर्वेश मिश्रा, सीओ पवन कुमार एवं सुरक्षा बल की टीम ने नगर में पैदल गस्त किया। 6 दिसंबर को‌ लेकर हापुड प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए यह पैदल गस्त करते हूये गुरूद्वारा से प्रारंभ कर तहसील रोड होते हुए गढ नगर में की पैदल गस्त।


चोरी की घटना में 16 शातिर चोर गिरफ्तार

अतुल त्यागी, प्रवीण कुमार


चोरी की घटना का खुलासा घटना में संलिप्त 16 शातिर चोर गिरफ्तार


हापुड़। उत्तर प्रदेश के जनपद पुलिस को 1 माह पूर्व एक स्कूल से चोरी के संबंध में कार्यवाही करते हुए चोरी के सामान सहित 16 लोगों को गिरफ्तार करने में बड़ी सफलता हाथ लगी है। आपको बता दें कि जनपद हापुड़ के हाफिजपुर थाना क्षेत्र में 6 नवंबर को एक इंटर कॉलेज में अज्ञात चोरों ने एक चोरी की घटना को अंजाम दिया था। इस पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन एवं अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्रा के आदेश निर्देश पर बनाई गई स्वाट टीम के साथ टीम ने कार्रवाई करते हुए देर रात्रि में किसी चोरी की घटना को अंजाम देने की फिराक में लगे 16 लोगों को थाना क्षेत्र के महमदपुर नहर की पुलिया से गिरफ्तार करने में एक बड़ी सफलता हासिल कर ली तथा इनके कब्जे से चोरी किया गया। पंखे बैटरी इनवर्टर पिकअप बोलेरो एवं घटना में प्रयुक्त होने वाली एक छोटा हाथी के साथ साथ अवैध असला भी बरामद कर ली।
एक प्रेस वार्ता के दौरान हमारे जिला प्रभारी अतुल त्यागी से बात करते हुए पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बताया कि थाना हाफिजपुर पुलिस ने स्वाट टीम के साथ कार्रवाई करते हुए 16 लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से अवैध हथियार सहित चोरी का काफी सामान बरामद किया है, तथा पूछताछ में चोरों ने अभी तक जनपद में तीन चोरी की घटनाओं को अंजाम दिए जाने की बात स्वीकार की है। अन्य जनपद के आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।


 


जंजीरशाह का मजार प्रशासन कराएगा तामीर

जंजीर शाह बाबा का मजार वहीं तामीर कराएगा प्रशासन..


शन्नू खान


रामपुर। उलेमा इकराम और मुफ्ती ए शहर के साथ जिलाधिकारी की लंबी बातचीत के बाद जंजीर शाह बाबा का मजार वहीं तामीर कराने का फैसला किया गया बातचीत में उलेमाओ ने रियासत कालीन गजट और तारीख की किताब तजकिरा ए कामिलाने रामपुर का हवाला देते हुए सैयद जंजीर शाह बाबा की मजार होने के सुबूत पेश किए साथ ही उसका रजिस्ट्रेशन भी दिखाया जिस पर जिलाधिकारी एके सिंह ने मजार को वहीं बनाने का निर्णय किया इसे लेकर दानिशवर और रामपुर की आवाम में खुशी का माहौल है।
आपको बता दें कि प्रशासन ने जंजीर शाह बाबा का मजार असामाजिक तत्व और नशेड़ीओं का हवाला देते हुए मजार का ढांचा मिसमार कर दिया था जिसको लेकर काफी आक्रोश था।
बरेली शरीफ से अपने एक वफद के साथ खानकाहै नूरिया लाल मस्जिद पहुंचे और क़ाज़ी ए शरा वा मुफ्ती ए ज़िला रामपुर सैयद फैज़ान रज़ा हसनी नूरी से मुलाकात की और शहर रामपुर में जंजीर शाह बाबा के मज़ार की मिस्मारी पर इंतिहाई अफसोस जताते हुए ज़िला इंतज़ामिया रामपुर के इस मज़मूम अमल की सख्त अल्फाज़ में मज़म्मत की
दौराने गुफ्तगू आपने कहा हम रेगुलर वाच कर रहे हैं ।
के हुकूमत वा ज़िला इंतजामियां अपनी नाकामियों कि पर्दा पोशी के लिए बराबर मुसलमानों के जज़बात से खिलवाड़ कर रही है अगर ज़िला इंतज़ामिया रामपुर अपने इस अमल से बाज़ ना आई और उसने मज़ार मुबारक की तामीरे नो नहीं कराई तो ,मरकज़ ए अहले सुन्नत दरगाह आला हज़रत बरेली शरीफ,, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लेगी और जो कुछ कानूनी चारा जोई बन पड़ेगी उस से भी पीछे नहीं हटेगी । मज़ार की मिसमारी में क़ुरआने करीम की बेहुरमति और पामाली का अंदोहनाक सानिहा भी सामने आया है। जो यकीनन इनतिहाई तकलीफ देह और काबिले सद मज़म्मत है।


फिर उसके बाद वहां से काज़ी शरा के हमराह जंजीर शाह बाबा के मज़ार का मुआयना करने के लिए तशरीफ ले गए जहां मज़ार की मिसमारी को देखकर आबदीदह हो गए और फरमाया आखिर यह मुतअसिब हुकूमत वा ज़िला इंतज़ामिया। चाहती क्या है।?
क्या वह मुसलमानों के जज़बात से खिलवाड़ करके उन्हें सड़कों पर उतारना चाहती है।? या फिर शहर व ज़िला में फितना व फसाद की आग भड़काना चाहती है।?
ताकि वह फसादज़दगान को क़ानूनी दाओ पेंच मे उलझा कर उन्हें पसे ज़िनदान डाल सके।
आख़िर मे काज़ी ए शरा ने कहा ।दुनिया जान ले हम “क़बर बिला मकबूर” (फर्जी कबर) के हरगिज़ क़ाइल नहीं के क़बर बिला मकबूर की तामीर वा ज़ियारत करने वाले पर अल्लाह की लानत होती है ।
लेकिन क़बर बिलमकबूर(असली कबर) की ज़ियारात और उसका अदबो एहतराम वा तहफ्फुज़ हमारा दीने इस्लाम हमे सिखाता है। जंजीर शाह बाबा का मज़ार कोई अफसाना नहीं हकीकत है जो तारीख के सीने में आज भी महफूज़ है और क़बर बिलमकबूर है। जिस की तोहीन हम हरगिज़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।                         


मुस्लिम छात्रा ने संस्कृत से पीएचडी किया

मुस्लिम छात्रा ने गुजरात यूनिवर्सिटी से की संस्कृत से पीएचडी


गांधीनगर। गुजरात विश्वविद्यालय से एक मुस्लिम छात्र ने संस्कृत भाषा में पीएचडी कर इतिहास रच दिया है। अभी तक किसी भी मुस्लिम छात्रा ने विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में पीएचडी नहीं की थी।


जानकारी के अनुसार, सलमा कुरैशी (26) नाम की इस छात्रा ने भारत की शिक्षक-शिष्य परंपरा के विषय पर अध्ययन किया। उनकी थीसिस का शीर्षक ‘पूर्णनेशु निरुपिता शिक्षा पद्धति एकम आद्यायन’ है। सलमा कुरैशी जीयू के संस्कृत विभाग का छात्र थीं। उन्होंने अतुल उनागर के मार्गदर्शन में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।


विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर और गाइड अतुल उनगर ने बताया कि “संस्कृत विभाग 1964 से चल रहा है। सलमा कुरैशी के अलावा किसी भी मुस्लिम ने आजतक इस विषय में पीएचडी के लिए प्रवेश नहीं लिया। गुजरात में केवल एक मुस्लिम महिला ने सौराष्ट्र विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। जहां एक ओर सबसे प्राचीन भारतीय भाषा संस्कृत का महत्व घट रहा है, वहीं दूसरी ओर, संस्कृत के महत्व को समझते हुए अमरेली जिले की एक मुस्लिम छात्र ने यह अध्ययन किया है,जो गर्व की बात है।


सलमा कुरैशी ने कहा मुझे पहले से ही गीता, पुराण, शास्त्र पढ़ने का शौक था इसलिए मैंने इस विषय में पीएचडी करने का फैसला किया। इसके अलावा, उन्होंने वेदों और पुराणों में सुझाई गई शिक्षण पद्धति को प्राथमिकता दी इसलिए उन्होंने उसी विषय को चुना। मैं भविष्य में संस्कृत में प्रोफेसर बनना चाहती हूं सलमा ने कहा कि चूंकि हिंदू धार्मिक ग्रंथ संस्कृत में हैं, इसलिए यह माना जाता है कि यह देवताओं की भाषा है। ‘मेरा मानना है कि भाषा का किसी भी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। छात्रों को यह स्वतंत्रता होनी चाहिए कि वे जिस भी भाषा में पढ़ना चाहते हैं, चुन सकते हैं। प्राचीन काल में एक शिक्षक-शिष्य परंपरा थी जब छात्रों को समाज में सभी का सम्मान करने के लिए सिखाया जाता था। यह तत्व वर्तमान प्रणाली से गायब है सलमा ने कहा, ‘मेरा मानना है कि संस्कृत को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाना चाहिए। मैं संस्कृत का शिक्षक बनना चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि सरकार एक प्रयास करे ताकि भाषा आम लोगों तक पहुंचे।                            


पीएम का पुतला फूंका, भारत बंद का ऐलान

किसानों ने प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने के साथ किया भारत बंद का ऐलान


हरिओम उपाध्याय


नई दिल्ली। किसान-सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत होगी। बातचीत से पहले किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। किसान-सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत भी फेल रही थी। 
हालांकि सरकार ने किसानों को समझने की बहुत कोशिश की एमएसपी पहले की तरह ही जारी रहेगी। गौरतलब है कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर 10वें दिन भी जमे हुए हैं। आज किसानों और सरकार के बीच 5वें दौर की बातचीत होनी है। इस बीच, किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने की घोषणा की है।
साथ ही 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। किसान चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा लिंक रोड) पर प्रदर्शन कर रहे हैं। एक किसान ने कहा कि अगर सरकार के साथ बातचीत में आज कोई नतीजा नहीं निकला तो फिर संसद का घेराव करेंगे। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान पिछले नौ दिनों से डटे हुए हैं और उनके प्रदर्शन का 10वां दिन है। तमाम मसलों को लेकर दो बार केंद्र सरकार के साथ चर्चा हुई है।
मगर अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आाया है। किसान कृषि कानून वापस लेने की मांग पर अड़े हैं, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर ठोस भरोसा चाहते हैं। वहीं केंद्र सरकार कानूनों को वापस लेने की बात तो नहीं मान रही है लेकिन किसानों की कुछ ऐसी मांग हैं जिनपर सरकार राजी होती दिख रही है।                              


आंदोलन को बदनाम करने की साजिश रची

इस तरह रची जा रही हैं किसान आन्दोलन को बदनाम करने की साजिशें


श्याम मीरा सिंह 


नई दिल्ली। कई का कहना है कि पुलिस जासूसी कर रही थी तो क्या ग़लत था। पुलिस का काम जासूसी करना है। तो पहली बात कि पुलिस काम सबसे पहले तो अपने नागरिकों की सुरक्षा करना है। हमारी पुलिस किसानों पर वॉटर केनन और आंसू गैस के गोले दागती है। जितनी ज़्यादतियाँ हमारे देश की पुलिस करती है संभवतः किसी और मुल्क की पुलिस शायद ही करती हो। पत्रकारों का काम उसे एक्सपोज़ करना है वही हम कर रहे थे पुलिस के जासूस को पकड़ना पत्रकार के रूप में कोई अपराध नहीं किया था। 


दूसरी बात चूँकि पुलिस के जासूस ने सरदारों की तरह ही कपड़े पहने थे इसलिए उसका हर कुछ किया धरा पूरे आंदोलन को बदनाम करने के लिए काफ़ी था। इसकी पूरी सम्भावनाएँ हैं कि ऐसे जासूस किसानों के बीच जाकर ख़ालिस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाता और मीडिया उसे हेडलाइन बना देती और आप ही इन निर्दोष किसानों को ख़ालिस्तानी कहकर इस आंदोलन को कुचलवाने में सहयोग करते। दैनिक जागरण ने ऐसी ही एक हेडलाइन बनाई थी कि किसान रैली में पाक ज़िंदाबाद के नारे लगे। ऐसे नारे किसान नहीं लगा सकता। 


पुलिस के जासूस ही आंदोलनकारियों के बीच रहकर ऐसे काम करते हैं। अभी कुछ किसानों ने मुझे बताया कि रात के समय अचानक से वहाँ लड़कियाँ आती हैं। संभवतः वे पुलिस के द्वारा ही भेजी जाती हैं ताकि उनके साथ कोई असहज घटना घट जाए, छेड़छाड़ हो जाए और पूरे किसान आंदोलन को बदनाम कर दिया जाए। लेकिन किसान बड़े ही संयम के साथ इस तरह की साज़िश को असफल कर रहे हैं वे एकतरफ सरकार से लड़ रहे हैं दूसरी तरफ़ सरकार की मशीनरी से। 


बीते दिनों ऐसे ही क़रीब 5 से 6 जासूसों के पकड़ने की बात सामने आइ है जो किसानों के बीच किसानों का भेष धरकर बैठे हुए थे। इसलिए इस बात को नोर्मलाइज करने का कोई औचित्य नहीं है कि पुलिस का काम है जासूसी करना। किसान कोई आतंकी नहीं हैं, वे भी इस देश के बराबर दर्जे के नागरिक हैं, उनका भी अधिकार है शांतिपूर्ण तरीक़े से अपनी माँग रखने का और उन लोगों को पकड़ने का भी जो किसानों के बीच किसानों का भेष रखकर इस आंदोलन को कुचलने में सरकार की मदद कर रहे हैं।                             


ब्यावर: सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

सोशल डिस्टेंसिंग का उड़ रहा मखौल, बिना मास्क घुम रहे लापरवाह


ब्यावर। कोरोना का संक्रमण बढ रहा है। क्षेत्र में कोरोना संक्रमित लगातार सामने आ रहे है। इसके बावजूद लापरवाह लोग कोरोना गाइड लाइन की पालना नहीं कर रहें है। मुख्य बाजार सहित अन्य स्थानों पर सामाजिक दूरी की पालना तो दूर मास्क लगाकर भी लोग नहीं आ रहे है। लोग बिना मास्क के मुख्य बाजार में घूम रहे है। इससे परेशानी बढ़ सकती है। ऐसे में इस वक्त सावधानी बरतना जरुरी है। जबकि प्रशासन की ओर से नियमित रुप से नो मास्क-नो एंट्री अभियान के तहत कार्यक्रम चलाए जा रहे है। इसके अलावा उपखंड कार्यालय में बनाए गए मास्क बैंक के तहत मास्क का वितरण भी किया जा रहा है। इसके बावजूद लोग सजगता नहीं बरत रहे है। बैकों के बाहर लम्बी कतार लग रही है। यहां पर सामाजिक दूरी की पालना नहीं हो पा रही है। प्रशासन जागरुकता के प्रयास तो कर रहा है। लेकिन इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जबकि कतार में लगने वाले अधिकांश वरिष्ठ नागरिक होते है। इसके बावजूद प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बैंकों में दबाव के चलते वरिष्ठ नागरिकों के कतार में लगना मजबूरी बनी है।                          


आंदोलन को 36 ब्रिटिश सांसदो का समर्थन

किसान आंदोलन के समर्थन में 36 ब्रिटिश सांसद, भारत पर दबाव बनाने के लिए लिखी चिट्ठी


लंदन/नई दिल्ली। भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में ब्रिटेन के 36 सांसद कूद गए हैं। वहां की लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में 36 ब्रिटिश सांसदों ने राष्ट्रमंडल सचिव डोमिनिक राब को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में सांसदों ने किसान कानून के विरोध में भारत पर दबाव बनाने की मांग की गई है।


भारत में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में ब्रिटेन के 36 सांसद कूद पड़े हैं। वहां की लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में 36 ब्रिटिश सांसदों ने राष्ट्रमंडल सचिव डोमिनिक राब को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में सांसदों ने किसान कानून के विरोध में भारत पर दबाव बनाने की मांग की गई है। सांसदों के गुट ने डोमिनिक रॉब से कहा है कि वे पंजाब के सिख किसानों के समर्थन विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालकों के जरिए भारत सरकार से बातचीत करें।


किसान कानून के विरोध में चिठ्ठी में लिखा यह
तनमनजीत सिंह ने कहा कि पिछले महीने कई सांसदों ने आपको और लंदन में भारतीय उच्चायोग को किसानों और जो खेती पर निर्भर हैं उनके शोषण को लेकर तीन नए भारतीय कानूनों के प्रभावों के बारे में लिखा था। भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस के बावजूद लाए गए तीन नए कृषि कानूनों में किसानों को शोषण से बचाने और उनकी उपज का उचित मूल्य सुनिश्चित करने में विफल रहने पर देश भर में व्यापक किसान विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।


ब्रिटिश सिखों के लिए बताया चिंता का विषय
यह ब्रिटेन में सिखों और पंजाब से जुड़े लोगों के लिए विशेष रूप से चिंता का विषय है। हालांकि, यह कानून अन्य भारतीय राज्यों पर भी भारी पड़ रहा है। कई ब्रिटिश सिखों और पंजाबियों ने अपने सांसदों के साथ इस मामले को उठाया है। क्योंकि, वे पंजाब में परिवार के सदस्यों और अपनी पैतृक भूमि से सीधे प्रभावित हैं। भारत की रोटी की टोकरी के रूप में बहुत से किसानों ने अपने अस्तिव के लिए खेती पर भरोसा किया है।
पंजाब में कृषि के प्रभाव का किया उल्लेख
पंजाब की 30 मिलियन आबादी में से लगभग तीन चौथाई कृषि में शामिल हैं। इसलिए नए कानून पंजाब के लिए एक बड़ी समस्या के रूप में प्रस्तुत हुए हैं। पंजाबी कृषक समुदाय को राज्य की आर्थिक संचरना में रीढ़ की हड्डी के रूप में पहचाना जाता है। इसलिए किसानों की चिंताओं को राज्य और राष्ट्रीय स्तर के राजनीति में शक्तिशाली प्रभाव देखने को मिलता है।


सिख सासंदों ने की थी वर्चुअल मीटिंग
इस कानून को लेकर 28 नवंबर को तनमनजीत सिंह ने ऑल पार्टी पर्लियामेंटरी ग्रुप फॉर ब्रिटिश सिख की वर्चुअल मीटिंग भी की थी। जिसमें 14 सांसदों ने हिस्सा लिया और 60 सांसदों ने शामिल न होने के लिए क्षमा भी मांगी। इसमें इस कानून को लेकर ब्रिटिस सरकार से भारत से बातचीत करने की मांग की गई। इस बैठक में जिन प्रस्तावों को लेकर डोमेनिक राब से मांग की गई है वह ये हैं...


ब्रिटिश सरकार से की गई ये मांग
1- पंजाब में बिगड़ते हालात और केंद्र के साथ इसके संबंध को लेकर एक जरूरी बैठक की मांग की गई है।
2- भारत में भूमि और खेली के लिए लंबे समय से जुड़े ब्रिटिश सिखों और पंजाबियों को लेकर भारतीय अधिकारियों के साथ आप बातचीत करें।
3- भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला के साथ राष्ट्रमंडल, विदेश और विकास कार्यालयों के जरिए बातचीत की जाए।                                


4 सीएम को राष्ट्रपति ने वक्त नहीं दिया

कृषि कानूनों पर कांग्रेस के 4 सीएम को राष्ट्रपति ने मिलने का वक्त नहीं दिया


नरेश राघानी


जयपुर। केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर एक तरफ दिल्ली में बड़ा आंदोलन छिड़ा है। वहीं, कांग्रेस इस मुद्दे पर लगातार भाजपा की घेराबंदी करने में जुटी है। प्रदेश में भी सीएम अशोक गहलोत किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर तीखे हमले कर रहे हैं। शुक्रवार को भी इस मामले में गहलोत का बड़ा बयान सामने आया।
गहलोत ने कहा, ‘कृषि कानूनों को लेकर उन्होंने राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा था। लेकिन राष्ट्रपति ने उन्हें मिलने का समय नहीं दिया। केंद्र ने राज्य सरकारों, किसान संगठनों, कृषि विशेषज्ञों से बिना चर्चा किए तीनों कृषि बिल बनाए। इन्हें संसद में भी आनन-फानन में बिना चर्चा किए बहुमत के दम पर असंवैधानिक तरीके से पास कराया गया जबकि विपक्ष इन बिलों को सेलेक्ट कमेटी को भेजकर चर्चा की मांग कर रहा था।
केंद्र ने इन बिलों पर किसी से कोई चर्चा नहीं की जिसके चलते आज पूरे देश के किसान सड़कों पर हैं। नए कृषि कानूनों पर किसानों की बात रखने के लिए पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।
फिर चारों कांग्रेस शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा ताकि किसानों की बातें रख सकें। राष्ट्रपति ने फिर भी समय नहीं दिया। राष्ट्रपति की कोई मजबूरी रही होगी। केंद्र को अविलंब तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए। माफी मांगनी चाहिए।                             


दूसरी से आठवीं तक का आधा कोर्स हटाया

दूसरी से आठवीं तक का आधा कोर्स हटाया, पहली के बच्चे करेंगे पूरी पढ़ाई; स्कूल खोलने के संकेत


नई दिल्ली। शिक्षा विभाग ने दूसरी से आठवीं तक के स्टूडेंट्स का सिलेबस कम कर दिया है। वहीं, एक बार फिर स्कूल खोलने के संकेत दिए हैं। विभाग ने बचे हुए सिलेबस के प्रत्येक पाठ के हिसाब क्लासेस तय करने के प्रस्ताव का भी जिक्र किया है। ये क्लासें तभी लग सकेंगी जब स्कूल फिर से शुरू होंगे। ऐसे में माना जा रहा है। कि सरकार स्कूल फिर से खोलने की अपनी मंशा पर कायम है। और कोरोना पर नियंत्रण के साथ ही स्कूल की घंटी फिर बजेगी।
पहली कक्षा के बच्चों की पूरी पढ़ाई
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एसआईईआरटी) की वेबसाइट पर यह सिलेबस दिया गया है। जहां से सभी स्टूडेंट्स व स्कूल संचालक डाउनलोड कर सकते हैं। मजे की बात है। कि कक्षा एक का पाठ्यक्रम कम नहीं करते हुए विभाग ने कहा है। कि इन बच्चों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त अवसर उपलब्ध होने चाहिए। इस दृष्टि से कक्षा एक के सिलेबस को कम करना तर्कसंगत नहीं है। हालांकि गणित के कुछ चेप्टर पहली कक्षा से भी हटाये गए हैं।
कक्षा एक में बच्चों को वर्ण और मात्रा से परिचित होना है। दरअसल, कक्षा एक के अधिकांश बच्चों ने तो स्कूल देखी ही नहीं है। सरकारी स्कूल कक्षा एक से ही शुरू होते हैं। जो इस बार शुरू ही नहीं हुए। विभाग का मानना है कि शिक्षक को जैसे ही अवसर मिले वो बच्चों को मात्रा व वर्णमाला से परिचित करा दें। वैसे ये भी कहा गया है। कि शेष रहे कोर्स को दूसरी कक्षा में पूरा कराया जाए।
बचे हुए कोर्स के साथ बताए प्रस्तावित कालांश
दूसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक के स्टूडेंट्स के लिए विषयवार सूची जारी की गई है। जिसमें प्रत्येक पाठ का जिक्र करते हुए बताया गया है। कि यह पाठ्यक्रम से हटाया गया है या नहीं। अगर नहीं हटाया गया है तो उसके लिए कितने कालांश लगेंगे। जब विभाग ने कालांश लगाने की बात कही है। तो स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में स्कूल खोलने का संकेत भी दिया गया है। विभाग की सूची में प्रस्तावित कालांश की बात कही गई है। माना जा रहा है। कि शिक्षा सत्र आगे बढ़ाते हुए विभाग अगले एक महीने में स्कूल शुरू कर सकता है। शुरूआत में बड़ी क्लासेज शुरू होगी, जबकि बाद में दूसरी कक्षाओं का नंबर आ सकता है।
अब शिक्षा सत्र की तैयारी
अब शिक्षा विभाग यह तैयारी कर रहा है। अगले सत्र को कब शुरू करना है। और इस सत्र की परीक्षाओं को कब और कैसे आयोजित करना है। विभाग ने एक वर्कबुक भी तैयार की है। जो सरकारी व निजी स्कूल के बच्चों को दी जायेगी। इसी वर्कबुक के आधार पर शिक्षा विभाग आगामी परीक्षा भी ले सकता है। हालांकि अब तक यह स्पष्ट रूप से नहीं कहा गया है। वर्कबुक तैयार हो रही है। और प्रकाशन के अंतिम चरण में है। विभाग अगर लिखित परीक्षा लेता है। तो बच्चों को स्कूल बुलाना होगा ऐसे में स्कूलों को फिर से शुरू भी करना होगा।               


सिख अधिकारी के नाम पर पोस्ट ऑफिस

अमेरिकी सीनेट ने सिख पुलिस अधिकारी धालीवाल के नाम पर पोस्ट ऑफिस के नामकरण को दी मंजूर


वाशिंगटन। ह्यूस्टन के एक पोस्ट ऑफिस का नाम सिख पुलिस अधिकारी संदीप सिंह धालीवाल के नाम पर होगा। अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट ने सर्वसम्मति से नामकरण विधेयक को मंजूरी दे दी है। इससे पहले कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा से ह्यूस्टन के 315 एडिक्स हावेल रोड स्थित पोस्ट ऑफिस का नाम डिप्टी संदीप सिंह धालीवाल पोस्ट ऑफिस बिल्डिंग करने की मंजूरी मिल चुकी है।
ह्यूस्टन का पोस्ट ऑफिस जाना जाएगा सिख अधिकारी के नाम से
कांग्रेस के दोनों सदनों से पास विधेयक को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पास हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस भेजा जाएगा। गौरतलब है। कि पिछले साल नियमित जांच के दौरान वाहन रोकने पर 315 एडिक्स हावेल के पास सिख पुलिस अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विधेयक के अमल में आने के बाद ह्यूस्टन स्थित धालीवाल पोस्ट ऑफिस को किसी भारतीय के नाम पर पुकारा जा सकेगा। इससे पहले दक्षिण कैलिफोर्निया में कांग्रेस सदस्य रहे दलीप सिंह सौंध को वर्ष 2006 में यह सम्मान मिला था।
अमेरिका के निचले सदन के बाद उच्च सदन से विधेयक पारित
धालीवाल 2015 में हैरिस काउंटी शेरिफ कार्यालय में कार्यरत सिख अमेरिकी अधिकारी को पहली बार पगड़ी के साथ कार्य करने की नियुक्ति मिली। पिछले साल 27 सितंबर को उन्होंने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवानी पड़ी। धालीवाल के पिता प्यारा सिंह धारीवाल अपने बेटे के नाम पर पोस्ट ऑफिस का नाम रखे जाने की मिली मंजूरी से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा हमारा परिवार बेटे के कार्यों के प्रति मिले प्यार और समर्थन का अभारी है। सांसद जॉन क्रोनिन ने भी ऐसे साहसी लोगों के सम्मान मिलने को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि बहादुर लोगों ने उनके समुदाय के लिए बहुत कुछ किया है। और पोस्ट ऑफिस का नामकरण आनेवाली नस्लों के लिए उनकी सेवा को दर्शाएगा।



                          


यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...