गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

90 साल की महिला से रेप की कोशिश

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। अब बुजुर्ग महिला भी सुरक्षित नहीं है। आये दिन महिलाओं के साथ रेप की घटनायें होती जा रही है। ताजा और बेहद ही शर्मनाक मामला छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से सामने आया है। जहां 90 साल की बुजुर्ग महिला के साथ एक युवक ने रेप की कोशिश की है। जानकारी के मुताबिक 18 अक्टूबर को आरोपी युवक ने बुजुर्ग के घर में घुसकर घटना को अंजाम देना चाहा लेकिन बुजुर्ग महिला द्वारा शोर मचाने पर आरोपी युवक घबराकर भाग गया। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है।


'पूर्व मंत्री' माधव सिंह ध्रुव का हुआ निधन

रायपुर। पूर्व मंत्री माधव सिंह ध्रुव का निधन हुआ। जोगी सरकार में ट्राइबल मंत्री और नगरी सिहावा के पूर्व कांग्रेस विधायक, माधव सिंह भी। 67 वर्ष में अंतिम सांस भी ली।इलाज के दौरान आज सुबह निधन हुआ। रायपुर के आरकेसीएच लाया गया था। इलाज के लिए एमपी में पंचायत एवं जल संसाधन, मंत्री माधव सिंह भी रहे।


'पंजाब नेशनल बैंक' में हुई दिन-दहाड़े लूट

झज्जर। नेशनल हाईवे-71 स्थित माछरौली गांव के पंजाब नैशनल बैंक की शाखा में दिनदहाड़े पांच नकाबपोश बदमाशों ने हवाई फायर कर कैश काउंटर से 7 लाख 11 हजार 331 रुपये लूट लिए। इससे पहले बदमाशों ने बैंक के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी की आंख पर मुक्का मारकर उसकी डबल बैरल लाइसेंसी बंदूक छीन ली और बैंक में घुस गए। दहशत फैलाने के लिए आरोपियों ने हवाई फायर किया और नकदी लूट दो बाइकों पर फरार हो गए। सूचना मिलने पर एसपी हिमांशु गर्ग, दो डीएसपी, सीआईए की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद जिलेभर में नाकेबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी।


'कोरोना' वैक्सीन ट्रायल में हुई पहली मौत

मास्को। एस्ट्रजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की जा रही कोरोना वैक्सीन के ट्रायल में शामिल एक वॉलंटियर की मौत हो गई है। ब्राजील हेल्थ अथॉरिटी अनवीसा ने इस बात की जानकारी दी। हालांकि वॉलंटियर की मौत के बावजूद वैक्सीन के ट्रायल रोके नहीं जाएंगे। चिकित्सा गोपनीयता की वजह से इस बारे में और कोई जानकारी नहीं दी गई है।त्रफेडरल यूनिवर्सिटी ऑफ साओ पाओलो (जो ब्राजील में कोरोना वायरस की वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल करवा रही है। मुताबिक मरने वाला वॉलंटियर ब्राजील का ही था, लेकिन वह कहां रहता था इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। वॉलंटियर की मौत की खबर की वजह से एस्ट्राजेनेका के शेयर में 1.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।


या देवी सर्वभूतेषु कालरात्रि रूपेण संस्थिता


माँ दुर्गा की सातवीं शक्ति कालरात्रि के नाम से जानी जाती हैं।दुर्गा पूजा के सातवें दिन माँ कालरात्रि की उपासना का विधान है। इस दिन साधक का मन 'सहस्रार' चक्र में स्थित रहता है। इसके लिए ब्रह्मांड की समस्त सिद्धियों का द्वार खुलने लगता है। देवी कालात्रि को व्यापक रूप से माता देवी - काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृित्यू, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है। रौद्री और धुमोरना देवी कालात्री के अन्य कम प्रसिद्ध नामों में हैं |


































कालरात्रि
सिद्धियां
कालरात्रि- नवदुर्गाओं में सप्तम्
 कालरात्रि
संबंधहिन्दू देवी
अस्त्रतलवार
जीवनसाथीशिव
सवारीगधा

यह ध्यान रखना जरूरी है कि नाम, काली और कालरात्रि का उपयोग एक दूसरे के परिपूरक है, हालांकि इन दो देवीओं को कुछ लोगों द्वारा अलग-अलग सत्ताओं के रूप में माना गया है। डेविड किन्स्ले के मुताबिक, काली का उल्लेख हिंदू धर्म में लगभग ६०० ईसा के आसपास एक अलग देवी के रूप में किया गया है। कालानुक्रमिक रूप से, कालरात्रि महाभारत में वर्णित, ३०० ईसा पूर्व - ३०० ईसा के बीच वर्णित है जो कि वर्त्तमान काली का ही वर्णन है |


माना जाता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिसाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, जो उनके आगमन से पलायन करते हैं |


सिल्प प्रकाश में संदर्भित एक प्राचीन तांत्रिक पाठ, सौधिकागम, देवी कालरात्रि का वर्णन रात्रि के नियंत्रा रूप में किया गया है। सहस्रार चक्र में स्थित साधक का मन पूर्णतः माँ कालरात्रि के स्वरूप में अवस्थित रहता है। उनके साक्षात्कार से मिलने वाले पुण्य (सिद्धियों और निधियों विशेष रूप से ज्ञान, शक्ति और धन) का वह भागी हो जाता है। उसके समस्त पापों-विघ्नों का नाश हो जाता है और अक्षय पुण्य-लोकों की प्राप्ति होती है।



श्लोक



एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता | लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी || वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा | वर्धन्मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयन्करि ||



वर्णन



इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है। इनके तीन नेत्र हैं। ये तीनों नेत्र ब्रह्मांड के सदृश गोल हैं। इनसे विद्युत के समान चमकीली किरणें निःसृत होती रहती हैं।




कालरात्रि का रक्तपान



माँ की नासिका के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएँ निकलती रहती हैं। इनका वाहन गर्दभ (गदहा) है। ये ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं। दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभयमुद्रा में है। बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का काँटा तथा नीचे वाले हाथ में खड्ग (कटार) है।



महिमा



माँ कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं। इसी कारण इनका एक नाम 'शुभंकारी' भी है। अतः इनसे भक्तों को किसी प्रकार भी भयभीत अथवा आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है।


माँ कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने वाली हैं। दानव, दैत्य, राक्षस, भूत, प्रेत आदि इनके स्मरण मात्र से ही भयभीत होकर भाग जाते हैं। ये ग्रह-बाधाओं को भी दूर करने वाली हैं। इनके उपासकों को अग्नि-भय, जल-भय, जंतु-भय, शत्रु-भय, रात्रि-भय आदि कभी नहीं होते। इनकी कृपा से वह सर्वथा भय-मुक्त हो जाता है।


माँ कालरात्रि के स्वरूप-विग्रह को अपने हृदय में अवस्थित करके मनुष्य को एकनिष्ठ भाव से उपासना करनी चाहिए। यम, नियम, संयम का उसे पूर्ण पालन करना चाहिए। मन, वचन, काया की पवित्रता रखनी चाहिए। वे शुभंकारी देवी हैं। उनकी उपासना से होने वाले शुभों की गणना नहीं की जा सकती। हमें निरंतर उनका स्मरण, ध्यान और पूजा करना चाहिए।



मंत्र



या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और कालरात्रि के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे पाप से मुक्ति प्रदान कर।


ॐ ऐं ह्रीं क्रीं कालरात्रै नमः |           



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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)


 अक्टूबर 23, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-68 (साल-02)
2. शुक्रवार, अक्टूबर 23, 2020
3. शक-1979, अश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2078।


4. प्रातः 60:10, सूर्यास्त 06:20।


5. न्‍यूनतम तापमान 20+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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