मंगलवार, 20 अक्तूबर 2020

सुजैन खान का इंस्टाग्राम अकाउंट हैक किया

सुजैन खान ने कहा, मुझे बिल्कुल भी अहसास नहीं हुआ 


मुंबई। बॉलीवुड एक्टर ऋतिक रोशन की एक्स वाइफ और एंटरप्रेन्योर सुज़ैन खान का इंस्टाग्राम अकाउंट हैक हो गया था। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद दी है। इंस्टाग्राम पर उन्होंने एक लंबा पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि आखिर कैसे उनका इंस्टाग्राम अकाउंट हैक किया गया।
अपनी पोस्ट में उन्होंने अपने फैंस से कहा है कि वह उनकी जैसी गलती न करें। सुज़ैन खान ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- ‘मेरा इंस्टाग्राम अकाउंट एक फर्जी ईमेल द्वारा हैक किया गया था। जो इंस्टाग्राम की तरह दिख रहा था। मुझे बिल्कुल भी अहसास नहीं हुआ कि यह ऑथेंटिक नहीं है और इसलिए मैंने बटन पर क्लिक कर किया। मैं बहुत ईमानदारी से यह नोट को लिख रही हूं, प्लीज किसी भी गैर-भरोसेमंद ईमेल या मैसेज पर क्लिक न करें।’ उन्होंने आगे इंस्टाग्राम को भी शुक्रिया भी किया। उन्होंने लिखा- ‘तुरंत स्थिति को संभाल लेने और मेरा अकाउंट वापस दिलाने के लिए इंस्टाग्राम की टीम को बड़ा शुक्रिया’। सुज़ैन ने आखिर में लिखा वायरल चोरों और डकैतों से सावधान रहें।                 


बरसात के कारण प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी

क्या आप जानते हैं दिवाली तक प्याज की कीमत 100/- किलोग्राम तक पहुंचने की वजह


नई दिल्ली। देश के कई इलाकों में हो रही बेमौसम बारिश के चलते आने वाले दिनों में प्याज आम जनता को जेब पर असर डाल सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर प्याज के भाव इसी तेजी से बढ़ते रहे तो इस साल दिवाली पर प्याज काफी महंगा हो सकता है। इस वक्त ही खुदरा बाजार मे प्याज 40-50 रुपए किलो है। सोमवार को नासिक में स्थित देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज का बाजार भाव 6802 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। ये दाम इस साल में सबसे ज्यादा है। कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में रिटेल मार्केट में प्याज के दाम 100 रुपये के पार पहुंच सकते हैं। आखिर क्यों महंगा हो रहा है प्याज? देश के सबसे बड़ी प्याज की मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में सोमवार को अच्छी प्याज का बाजार भाव 6 हजार 802 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से महाराष्ट्र के कई इलाको में भारी बारिश हो रही है। इसके चलते खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हो गई है, जिसकी वजह से प्याज के भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं। प्याज के दाम फरवरी तक कम नहीं होंगे? कारोबारियों का कहना है कि महाराष्ट्र , राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक में फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसीलिए व्यापारियों ने भी जमाखोरी शुरू कर दी है। नयी फसल फरवरी में आएगी, तब तक प्याज की कीमत कम होने के कोई संकेत नहीं है। प्याज की कीमत बढ़ने की एक वजह होटल और ढाबे शुरू होना भी है। इस वजह से भी प्याज की डिमांड बढ़ी है, जिसकी वजह से प्याज महंगा हो रहा है। बता दें 14 अक्टूबर को प्याज व्यापारियों के यहां इनकम टैक्स विभाग की कार्रवाई हुई थी। इसके बाद मंडी में व्यापारी नहीं आ रहे थे। यानी मंडी में कारोबार बंद हो गया था, लेकिन सोमवार को जैसे ही मंडी खुली, प्याज के दाम में 2000 रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़ गए। इसके अलावा कर्नाटक में भी हुई बिना मौसम बारिश की वजह से प्याज की आपूर्ति में कमी देखने को मिली है जिसका सीधा असर कीमतों पर देखने को मिल रहा है। बता दें लासलगांव में सोमवार को कमाल किस्म की प्याज के भाव 6802 रुपए प्रति क्विंटल, सरासरी किस्म के भाव 6200 रुपए और खराब किस्म की प्याज के भाव 1500 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए। भारत में प्याज की खेती के तीन सीजन है। पहला खरीफ, दूसरा खरीफ के बाद और तीसरा रबी सीजन। खरीफ सीजन में प्याज की बुआई जुलाई अगस्त महीने में की जाती है। खरीफ सीजन में बोई गई प्याज की फसल अक्टूबर दिसंबर में मार्केट में आती है। प्याज का दूसरे सीजन में बुआई अक्टूबर नवंबर में की जाती है। इनकी कटाई जनवरी मार्च में होती है। प्याज की तीसरी फसल रबी फसल है। इसमें दिसंबर जनवरी में बुआई होती है और फसल की कटाई मार्च से लेकर मई तक होती है। एक आंकड़े के मुताबिक प्याज के कुल उत्पादन का 65 फीसदी रबी सीजन में होती है। देश में नवरात्र शुरू होते ही आलू के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी देखी जा रही है। नवरात्र के दौरान आम लोग फलहार में आलू का आहार ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली-एनसीआर सहित देश के कई हिस्सों में आलू का रेट 60 रुपये पार कर गया है। कोरोना महामारी के बीच नवरात्र पूजा शुरू होने के साथ आलू के दाम में इस तरह बढ़ोतरी से आम लोगों के जेब पर अतिरिक्त खर्च पड़ रहा है। कारोबारियों का कहना है कि मंडी में 30 रुपए किलो मिलने वाले आलू की कीमत फूटकर बाजार में 50 से 60 रुपए तक पहुंच गई है। नवरात्र के बीच में भी दाम में आगे और इजाफा होने की संभावना है।                   


'आयुष्मान सहकार' योजना चलाने का ऐलान किया

सरकार का ग्रामीणों के लिए बड़ा ऐलान


नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत की तर्ज पर ग्रामीण भारत के स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे में और सुधार लाने के लिए ‘आयुष्मान सहकार’ योजना शुरू करने का ऐलान किया है। इस योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवा (हेल्थकेयर) के इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए सहकारी समितियों को 10,000 करोड़ रुपये का ऋण उपलब्ध कराएगा। सोमवार को लांच की गई आयुष्मान सहकार योजना के तहत सहकारी संस्थाओं को ग्रामीण इलाकों में अस्पताल, मेडिकल कॉलेज खोलने से लेकर अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा।
केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने सोमवार को एक नई स्कीम आयुष्मान सहकार का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहकारी समितियों को 10,000 करोड़ रुपये के लोन उपलब्ध कराएगा। NCDC के मैनेजिंग एडिटर संदीप नायक ने कहा कि देश में करीब 52 अस्पताल सहकारी समितियों द्वारा संचालित हैं। इन अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या 5,000 है।
‘आयुष्मान सहकार स्कीम’ ग्रामीण क्षेत्रों में हॉस्पिटल, हेल्थकेयर व एजुकेशन इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना, आधुनिकीकरण, विस्तार, मरम्मत, रिनोवेशन को कवर करेगी। यह सहकारी अस्पतालों की मेडिकल व आयुष शिक्षा शुरू करने में मदद भी करेगी। स्कीम परिचालन जरूरतों को पूरा करने के लिए वर्किंग कैपिटल और मार्जिन मनी भी उपलब्ध कराएगी। बयान में कहा गया कि स्कीम महिलाओं की अधिकता वाली सहकारी समितियों को 1 फीसदी का इंट्रेस्ट सबवेंशन उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि एनसीडीसी के कोष से सहकारिताओं द्वारा स्वास्थ्य सेवा के प्रावधान को प्रोत्साहन मिलेगा। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिन भी सहकारी समितियों के उपनियमों में स्वास्थ्य सेवा से संबंधित गतिविधियों के लिए उचित प्रावधान है। वे एनसीडीसी से कर्ज प्राप्त कर सकेंगी। एनसीडीसी की और से वित्तीय या तो राज्य सरकारों के माध्यम या पात्र सहकारी समितियों को सीधे प्राप्त होगी। अन्य स्रोतों से सब्सिडी या अनुदान परस्पर अनुबंध के हिसाब से होगा। रूपाला ने वर्चुअल तरीके से इस योजना का शुभारंभ करने के बाद कहा कि मौजूदा महामारी के दौर और सुविधाओं के निर्माण की जरूरत महसूस हुई है। एनसीडीसी की योजना केंद्र सरकार की ओर से किसानों के कल्याण की गतिविधियों की दिशा में एक ओर कदम है। पूरे देश में और खासकर ग्रामीण इलाकों में कोऑपरेटिव की अहम मौजूदगी है। दुग्ध उत्पादन से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में कोऑपरेटिव किसानों के बीच काम कर रही हैं। इनमें कुछ कोऑपरेटिव संस्थाएं ऐसी भी हैं जो अस्पताल भी चलाती हैं।             


देश में कोरोना के 75.97 लाख मामले हुए

देश में कोरोना के 75.97 लाख मामले, सक्रिय मामले घटकर 7.48 लाख


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण का आंकड़ा लगातार बढ़ते हुए 75.97 लाख हो गया है। वहीं स्वस्थ होने वाले की मरीजों की संख्या बढ़ने से सक्रिय मामले घटकर 7.48 लाख पर आ गए हैं।                  


या देवी सर्वभूतेषु स्कंदमाता रूपेण संस्थिता


नवरात्रि का पाँचवाँ दिन स्कंदमाता की उपासना का दिन होता है। मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता परम सुखदायी हैं। माँ अपने भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं।































स्कंदमाता

स्कंदमाता - नवदुर्गाओं में पंचम
 स्कंदमाता
संबंधहिन्दू देवी
अस्त्रकमल
जीवनसाथीशिव
सवारीसिंह


 

श्लोक



सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया | शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी ||



कथा



भगवान स्कंद 'कुमार कार्तिकेय' नाम से भी जाने जाते हैं। ये प्रसिद्ध देवासुर संग्राम में देवताओं के सेनापति बने थे। पुराणों में इन्हें कुमार और शक्ति कहकर इनकी महिमा का वर्णन किया गया है। इन्हीं भगवान स्कंद की माता होने के कारण माँ दुर्गाजी के इस स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है।



महत्व



नवरात्रि-पूजन के पाँचवें दिन का शास्त्रों में पुष्कल महत्व बताया गया है। इस चक्र में अवस्थित मन वाले साधक की समस्त बाह्य क्रियाओं एवं चित्तवृत्तियों का लोप हो जाता है। वह विशुद्ध चैतन्य स्वरूप की ओर अग्रसर हो रहा होता है।


साधक का मन समस्त लौकिक, सांसारिक, मायिक बंधनों से विमुक्त होकर पद्मासना माँ स्कंदमाता के स्वरूप में पूर्णतः तल्लीन होता है। इस समय साधक को पूर्ण सावधानी के साथ उपासना की ओर अग्रसर होना चाहिए। उसे अपनी समस्त ध्यान-वृत्तियों को एकाग्र रखते हुए साधना के पथ पर आगे बढ़ना चाहिए।


माँ स्कंदमाता की उपासना से भक्त की समस्त इच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं। इस मृत्युलोक में ही उसे परम शांति और सुख का अनुभव होने लगता है। उसके लिए मोक्ष का द्वार स्वमेव सुलभ हो जाता है। स्कंदमाता की उपासना से बालरूप स्कंद भगवान की उपासना भी स्वमेव हो जाती है। यह विशेषता केवल इन्हीं को प्राप्त है, अतः साधक को स्कंदमाता की उपासना की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए।


सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण इनका उपासक अलौकिक तेज एवं कांति से संपन्न हो जाता है। एक अलौकिक प्रभामंडल अदृश्य भाव से सदैव उसके चतुर्दिक्‌ परिव्याप्त रहता है। यह प्रभामंडल प्रतिक्षण उसके योगक्षेम का निर्वहन करता रहता है।


हमें एकाग्रभाव से मन को पवित्र रखकर माँ की शरण में आने का प्रयत्न करना चाहिए। इस घोर भवसागर के दुःखों से मुक्ति पाकर मोक्ष का मार्ग सुलभ बनाने का इससे उत्तम उपाय दूसरा नहीं है।



उपासना



प्रत्येक सर्वसाधारण के लिए आराधना योग्य यह श्लोक सरल और स्पष्ट है। माँ जगदम्बे की भक्ति पाने के लिए इसे कंठस्थ कर नवरात्रि में पाँचवें दिन इसका जाप करना चाहिए।


या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।


नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


अर्थ : हे माँ! सर्वत्र विराजमान और स्कंदमाता के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ। हे माँ, मुझे सब पापों से मुक्ति प्रदान करें। इस दिन साधक का मन 'विशुद्ध' चक्र में अवस्थित होता है। इनके विग्रह में भगवान स्कंदजी बालरूप में इनकी गोद में बैठे होते हैं।                



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प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)













 अक्टूबर 21, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-66 (साल-02)
2. बुधवार, अक्टूबर 21, 2020
3. शक-1978, अश्विन, शुक्ल-पक्ष, तिथि- पंचम नवरात्रा, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 60:10, सूर्यास्त 06:23।


5. न्‍यूनतम तापमान 20+ डी.सै.,अधिकतम-33+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेंगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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