शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

सरकार के निशाने पर बड़े माफिया नेटवर्क

लखनऊ। योगी सरकार ने प्रदेश के बड़े माफिया नेटवर्क को धराशायी करने का बड़ा अभियान चलाया है।अभियान में निशाने पर मुख्य रूप से माफिया डॉन मुख्तार अंसारी,अतीक अहमद,अनिल दुजाना और सुंदर भाटी हैं। इन माफिया सरगनाओं की संपत्ति को जब्त करने के साथ ही इनके गुर्गों पर कार्रवाई की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक यूपी में 40 माफिया सरगनाओं पर यूपी सरकार और पुलिस की टेढ़ी नज़र है,जिसके चलते उनकी करीब 300 करोड़ रूपये की अवैध सम्पत्ति और अवैध धंधे बंद कराये जा चुके हैं।यूपी सरकार ने अब तक प्रदेश में गैंगस्टर एक्ट मे 495 मुक़दमे दर्ज किए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा मु्ख्तार अंसारी के गुर्गों और करीबियों के खिलाफ है।
पुलिस ने माफिया के खिलाफ इस बड़े अभियान में अब तक आगरा जोन में 48 करोड़,वाराणसी जोन मे 47 करोड,बरेली जोन मे 25 करोड़,इसी तरह आजमगढ, गाजीपुर,नोएडा में करीब दस-दस करोड़ रूपयों की सम्पत्ति जब्त की जा चुकी है। अकेले मुख्तार अंसारी की ही 100 करोड़ रूपये की सम्पत्ति सरकार जब्त कर चुकी है।
कल ही लखनऊ के सबसे पॉश इलाकों में से एक हजरतगंज के डाली बाग में मुख्तार अंसारी की करोड़ों की संपत्ति को जमींदोज कर दिया गया।मुख्तार के बेटे अब्बास और उमर के नाम पर संपत्ति थी। लखनऊ विकास प्राधिकरण की टीम 20 जेसीबी और 250 से अधिक पुलिसकर्मियों और पीएसी के साथ मौके पर पहुंची और दो मंजिला बिल्डिंग गिरा दी गईं।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की माने तो प्राधिकरण के दस्तावेजों में दर्ज गाटा संख्या 93 का यह हिस्सा शत्रु या निष्क्रांत संपत्ति है, जिसको 20 साल पहले दस्तावेजों में हेराफेरी कर पहले मुख्तार अंसारी की मां राबिया के नाम दर्ज कराया गया और फिर मुख्तार के दोनों बेटे अब्बास अंसारी और उमर अंसारी इस सरकारी संपत्ति के मालिक बन बैठे।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की इस जमीन पर बने अवैध निर्माण को गिराने में जो खर्च आया उसको भी अब्बास अंसारी और उमर अंसारी से वसूला जाएगा।साथ ही एफआईआर दर्ज कर उन अफसरों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं, जिनके कार्यकाल में इस सरकारी जमीन पर न सिर्फ कब्जा हुआ बल्कि निर्माण तक करा दिया गया।               


डाकघर से ₹25000 निकालने की मंजूरी

बरेली। गांवों में चल रहे ब्रांच पोस्ट ऑफिसों में अब उपभोक्ता सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। जिससे वहां के उपभोक्ताओं को डाक विभाग की तमाम योजनाओं का लाभ उनके क्षेत्र में ही मिल सके। उन्हें गांव से शहर न आना पड़े। अफसरों की माने तो बचत खाता व निकासी जैसी सुविधाएं दी जाएंगी। अब तक सिर्फ 5000 निकासी की जा सकती थी। इसे बढ़ाकर अब 25000 एक दिन में करने की योजना है। 10 हजार से 50 हजार रुपये जमा भी कर सकेंगे। छोटे-बड़े करीब 320 डाकघरों का विस्तार होगा जिससे गांव के चार से पांच लाख उपभोक्ताओं को लाभ होगा।


यह योजनाएं भी शुरू होंगी


केंद्र सरकार ग्रामीणों को नेटवर्क और डाक संचालन को मजबूती देने के लिए कई योजनाएं लागू करेगा। अभी तक सेविंग, आरडी, इंडिया पोस्टपेमेंट बैंक का लाभ मिलता था। अब लघु बचत योजनाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डाक विभाग विस्तार कर रहा है जिसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), किसान विकास पत्र (केवीपी), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (एनएससी), मंथली इनकम स्कीम (एमआईएस) और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (एससीएसएस) जैसी योजनाओं का लाभ ग्रामीण डाकघरों में मिलेगा।


बरेली के प्रवर डाक अधीक्षक पीके सिंह ने बताया कि देहात क्षेत्रों में जो शाखा डाकघर हैं, वहां उवभोक्ता सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। भविष्य निधि, मासिक आय योजना, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, किसान विकास पत्र और वरिष्ठ नागरिक बचत योजनाओं की सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। गांव के डाकघर में बैंक वाली सुविधाएं प्राप्त हो सकेंगी।               


परीक्षाओं को लेकर आप ने दिया धरना

बृजेश केसरवानी


लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय स्थित हनुमान सेतु मंदिर के पास आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को नीट-जेईई परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री की अर्थी लेकर परीक्षाओं का विरोध जताया। इस बीच पुलिस ने उनसे अर्थी छीन ली, जिससे वह सड़क पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं में नोकझोंक हुई। इसके बाद पुलिस ने आम आदमी पार्टी के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया।                     


चुनाव स्थगित कराने वाली याचिका रद्द

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 (कोरोना वायरस) चुनाव स्थगित करने का आधार नहीं हो सकता, और उसने बिहार के कोरोना मुक्त होने तक विधानसभा चुनाव स्थगित कराने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।


न्यायाधीश अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि कोविड-19 चुनाव स्थगित करने का आधार नहीं हो सकता है और अदालत चुनाव आयोग को यह नहीं बता सकती है कि इस मुद्दे पर क्या किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत के समक्ष तर्क दिया कि उसे चुनाव की अधिसूचना को रोकना चाहिए। पीठ ने जवाब दिया, “हम चुनाव आयोग से चुनाव नहीं कराने के लिए कैसे कह सकते हैं?” याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि जनप्रतिनिधित्व कानून कहता है कि असाधारण परिस्थितियों में चुनाव स्थगित किए जा सकते हैं। पीठ ने जवाब दिया कि यह फैसला चुनाव आयोग को करना है न कि शीर्ष अदालत को। पीठ ने दोहराया कि वह चुनाव आयोग को चुनाव नहीं कराने का निर्देश नहीं दे सकती है।

याचिकाकर्ता ने जोर देकर कहा कि मानव जीवन सर्वोपरि है न कि चुनाव, क्योंकि लोग कोरोनोवायरस संक्रमण के कारण पीड़ित हैं। पीठ ने कहा कि वह ऐसा आदेश पारित नहीं कर सकती। यह भी कहा कि याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है क्योंकि राज्य चुनाव की अधिसूचना अभी तक जारी नहीं की गई है और यह समय से पहले है। याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत से चुनाव आयोग और राज्य में बीमारी को लेकर जमीनी हालात के संबंध में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगने का अनुरोध किया। पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग स्थिति के बारे में देखेगा और मामले पर संक्षिप्त सुनवाई के बाद शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज कर दी।           


11 दिन में 60,000 पहुंची मृतकों की संख्या

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है वहीं इससे मरने वालों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है और महज 11 दिन में मृतकों का आंकड़ा 50 से 60 हजार पर पहुंच गया है। केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में पिछले 24 घंटों में 1057 मरीजों की मौत से कुल 61529 मरीजों की वायरस जान ले चुका है। कोरोना से मरने वालों की संख्या पर नजर डाली जाए तो यह तेजी से बढ़ी जरुर किंतु वायरस के रिकाॅर्ड मामले आने के बीच कुल संक्रमितों की तुलना में मरने वालों का प्रतिशत भी विभिन्न कदमों से तेजी से कम करने में मदद मिली। इनमें आक्रामक जांच, व्यापक निगरानी और वायरस से संपर्क में आने वाले की जल्दी पहचान से वायरस से होने वाली मौतों पर काफी हद तक नियंत्रण रखने में कामयाबी मिली है। आंकड़ों के अनुसार कोरोना से एक से दस हजार मौतों की संख्या पहुंचने में 96 दिन लगे और कुल मरीजों की तुलना में मृतकों का प्रतिशत सबसे अधिक 3.4 प्रतिशत था। मृतकों की संख्या दस से बीस हजार होने में बीस दिन ही लगे हालांकि प्रतिशत घटकर‌ 2.8 रह गया। बीस से तीस हजार होने में दिनों की संख्या घटकर 17 ही रह गई किंतु राहत की बात रही कि प्रतिशत और घटकर 2.4 पर आ गया। तीस से चालीस हजार मृतक होने में 13 दिन ही लगे और प्रतिशत‌ 2.1 रह गया। चालीस से पचास हजार की संख्या में सबसे कम महज दस दिन लगे और प्रतिशत और घटकर 1.9 रह गया। अगले दस हजार ‌अर्थात पचास से साठ हजार की संख्या पहुंचने में 11 दिन लगे और मृतक प्रतिशत घटकर 1.8 रह गया।           


फ्लाईओवर से नीचे गिरी कार, 2 घायल

 अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी इलाके में एक कार के फ्लाईओवर से नीचे गिर जाने पर दो व्यक्ति गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को इसकी सूचना दी।


एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “गुरुवार रात 11 बजे के करीब एक होंडा सिटी कार विकासपुरी फ्लाईओवर से नीचे गिर गई। हादसे में घायल हुए एक व्यक्ति की पहचान अनुज के रूप में हुई है जिसे डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि दूसरे को एक निजी अस्पताल में ले जाया गया है।”विकासपुरी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, घटना की जांच जारी है।           

मेरिट लिस्ट में 'सनी लियोन' का नाम

कोलकाता। फिल्म अभिनेत्री सनी लियोन अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी बोल्ड तस्वीरों की वजह से चर्चा में रहती हैं, लेकिन इस बार वह अलग वजह से मीडिया की सुर्खियों में हैं। दरअसल सनी लियोन का नाम कोलकाता के अंडरग्रैजुएट एडमिशन की लिस्ट में दर्ज है। कोलकाता के एक कॉलेज में दाखिले के लिए जो मेरिट लिस्ट तैयार की गई है, उसमे पहले स्थान पर सनी लियोन का नाम है। कोलकाता के आशुतोष कॉलेज में अंग्रेजी विषय से बीए ऑनर्स में दखिले के लिए मेरिट लिस्ट जारी की गई है, इस लिस्ट में सनी का नाम पहले स्थान पर है। कॉलेज में दाखिले के लिए सनी लियोन का नाम मेरिट लिस्ट में सबसे पहले पायदान पर आने के बाद से यह यह खबर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है।
अहम बात यह है कि लिस्ट में सनी लियोन का नाम, आवेदन आईडी, रोल नंबर वगैरह सब कुछ दर्ज है। लिस्ट में इस बात की भी जानकारी दर्ज है कि 12वीं की परीक्षा में सनी लियोन ने चार विषयों में सर्वाधिक अंक हासिल किए हैं। लिस्ट में सनी लियोन के नाम के साथ इंटर में उन्हें चार विषयों में 400 अंक दिए गए हैं, यह भी दर्ज है। वहीं इस पूरे मामले पर कॉलेज के अधिकारी ने सफाई दी है और इसे शरारती तत्व की हरकत बताई है। कॉलेज के एक अधिकारी ने बताया कि यह किसी शरारती व्यक्ति का काम है, जानबूझकर किसी ने सनी लियोन के नाम से गलत आवेदन किया। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद हमने प्रवेश विभाग से इसे सही करने के लिए कहा है। हम पूरी घटना की जांच करेंगे और इसके पीछे कौन है इसका पता लगाएंगे। लेकिन जिस तरह से कॉलेज की मेरिट लिस्ट में सनी लियोन का नाम पहले पायदान पर दर्ज हुआ, उसके बाद कॉलेज की प्रवेश परीक्षा पर भी सवाल खड़ा हो गया है।           


एक्शनः राशन ना मिलें तो शिकायत करें

नई दिल्ली। देश के अलग-अलग जगहों से खाद्यान्न वितरण लेेकर शिकायतें आ रही हैं। बुधवार को ही उत्तर प्रदेश (UP) के कानपुर में खाद्यान्न वितरण में अनियिमितता और भ्रष्टाचार के आरोपों की शिकायत पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया। देश में लॉकडाउन के बाद से अक्सर देखा जा रहा है कि राशन डीलर कार्डधारकों के साथ-साथ वगैर राशन कार्डधारकों को उनके कोटे का अनाज देने में आनाकानी करते हैं। इस समस्या से पार पाने के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। उपभोक्ताओं को लगता है कि उनके हिस्से का अनाज डीलर ने कम दिया है या नहीं दिया है तो वह इन नंबरों पर फोन कर डीलर की शिकायत कर सकते हैं।          


जेल में उगाई करने वाले रैकेट का भंडाफोड़

नई दिल्ली। पूर्वोत्तर दिल्ली की मंडोली जेल से चलाए जा रहे एक उगाही (जबरन वसूली) रैकेट का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस सिलसिले में जेल के 50 वर्षीय मुख्य जेल वार्डन सहित पांच को गिरफ्तार किया गया है।


पुलिस ने कहा कि नंदू गैंग का एक सक्रिय सदस्य जो जबरन वसूली कर धंधे में शामिल होने के कारण कुख्यात है, उसकी पहचान विकास के रूप में हुई है जो रैकेट का मास्टरमाइंड है और कथित तौर पर जेल से इसका संचालन करता है, जहां वह वर्तमान में बंद है। जहां मुख्य वार्डन की पहचान राजेंद्र सिंह के रूप में की गई है, वहीं अन्य चार आरोपी जगमोहन (23), विकास (28), प्रमोद कुमार (30) और हनी राजपाल (35) हैं।

प्रमोद, जो न्यायिक हिरासत में था, को हाल ही में अंतरिम जमानत मिली थी, जबकि राजपाल हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं।  पूछताछ के दौरान, प्रमोद ने कबूला कि जेल में उसकी मुलाकात राजपाल से हुई, जो इस समय एक हत्या के मामले में मंडोली जेल में है। जब उसे अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया, तो राजपाल ने प्रमोद को जेल में 10 सिम कार्ड देने और मुख्य वार्डन राजेंद्र के माध्यम से जेल भेजने के लिए बुलाया, जिसके लिए उसे 2000 रुपये प्रति सिम देने का वादा किया गया था।


द्वारका के डीसीप एन्टो अल्फोंस ने कहा, “इस पर, उसने अपने नाम पर 4 सिम जारी कराए और अपने भाई जगमोहन के नाम पर 6 सिम जारी कराए और अलग-अलग मौकों पर मुख्य वार्डन राजेंद्र को मंडोली जेल और खजुरी खास चौक पर सौंप दिया।”जांच के दौरान, सिम कार्ड डीलरों की जांच की गई, उनका रिकॉर्ड चेक किया गया और 50 वर्षीय आरोपी राजेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया गया।


उसके खुलासे और व्हाट्सएप चैट के आधार पर, टीम ने दिल्ली के गांव बक्करवाला निवासी हनी राजपाल और इस रैकेट के मास्टरमाइंड विकास उर्फ पीके को गिरफ्तार कर लिया।           


पीएम ने योजना को 'गेम चेंजर करार' दिया

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरूआत को छह साल पूरे हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना को गेम चेंजर करार दिया है। उन्होंने शुक्रवार को छठी वर्षगांठ पर इस योजना की उपलब्धियों से जुड़े आंकड़े भी जारी किए।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज, छह साल पहले, प्रधानमंत्री जनधन योजना को बैंकिंग के महत्वाकांक्षी उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था। यह पहल एक गेम चेंजर रही है, जो कई गरीबी उन्मूलन पहलों के लिए आधार के रूप में काम करती है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ होता है।”


उन्होंने आगे कहा, “प्रधानमंत्री जन धन योजना की बदौलत कई परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो गया है। लाभार्थियों का एक उच्च अनुपात ग्रामीण क्षेत्रों से है, जिसमें महिलाएं हैं। मैं उन सभी लोगों की सराहना करता हूं, जिन्होंने प्रधानमंत्री जनधन योजना को सफल बनाने के लिए अथक परिश्रम किया है।”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की उपलब्धियां बताने के लिए ट्वीट कर योजना से जुड़े आंकड़ों का चार्ट भी जारी किया है। जिसके मुताबिक, अगस्त 2020 तक देश में कुल 40.35 करोड़ खाते खुल चुके हैं, जबकि पिछले साल अगस्त 2019 तक यह आंकड़ा 36.79 करोड़ था। 63 प्रतिशत बैंक खाते गांवों में खुले हैं। सर्वाधिक 55.2 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं। इस योजना के तहत दो लाख रुपये की निशुल्क दुर्घटना बीमा के साथ डेबिट कार्ड भी जारी किए गए हैं।           


सितंबर में होंगे 'फाइनल ईयर' के एग्जाम

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का 30 सितंबर से पहले अंतिम वर्ष की विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित कराने का दिशानिर्देश सही है और राज्य और विश्वविद्यालय परीक्षा आयोजित किए बिना छात्रों को प्रमोट नहीं कर सकते।


न्यायाधीश अशोक भूषण, आर. सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह की पीठ ने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य सरकारों को महामारी के मद्देनजर परीक्षा स्थगित करने का आदेश देने का अधिकार है और इसके लिए, यदि कोई राज्य यूजीसी के दिशानिर्देश के परे जाकर अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को स्थगित करना चाहता है तो फिर संबंधित राज्य को उस राज्य में अंतिम वर्ष की परीक्षा के लिए नए सिरे से तारीख तय करने के लिए यूजीसी से परामर्श करना चाहिए।

इसका मतलब यह है कि यूजीसी की 30 सितंबर की समय सीमा राज्य सरकारों के लिए पालन करना अनिवार्य नहीं है और वे फाइनल परीक्षा आयोजित करने के लिए 30 सितंबर से आगे की तारीख तय कर सकते हैं। सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने यूजीसी से पूछा था कि अगर किसी राज्य में कुछ निश्चित स्थिति है, तो परीक्षाओं के समय पर अपना फैसला ले सकता है। शीर्ष अदालत का फैसला देश भर के विश्वविद्यालयों को यूजीसी के निर्देश को चुनौती देने वाली याचिकाओं के मद्देनजर आया है।           


देश में कोरोना ने तोड़े सारे रिकॉर्ड

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी की लगातार विकराल होती स्थिति के बीच पिछले 24 घंटों के दौरान संक्रमण के सर्वाधिक 77 हजार से अधिक नये मामले सामने आये हैं। राहत की बात यह रही कि इस दौरान 60 हजार से अधिक मरीज संक्रमणमुक्त भी हुए। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमण के रिकॉर्ड 77,266 नये मामलों के साथ संक्रमितों का आंकड़ा 33,87,501 हो गया। इस दौरान 60,177 मरीज स्वस्थ हुए हैं जिससे कोरोना से मुक्ति पाने वालों की संख्या 25,83,948 हो गयी है। स्वस्थ होने वालों की तुलना में संक्रमण के नये मामले अधिक होने से सक्रिय मामले 16,032 बढ़कर 7,42,023 हो गये हैं। देश के केवल 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस दौरान मरीजों की संख्या कम हुई है तथा इस अवधि में 1,057 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या 61,529 हाे गयी। देश में सक्रिय मामले 21.90 प्रतिशत और रोगमुक्त होने वालों की दर 76.28 प्रतिशत है जबकि मृतकों की दर 1.82 प्रतिशत है।


कोरोना से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में सक्रिय मामलों की संख्या 5,366 बढ़कर 1,78,561 हो गयी तथा 355 लोगों की मौत होने से मृतकों का आंकड़ा 23,444 हो गया। इस दौरान 9,136 लोग संक्रमणमुक्त हुए जिससे स्वस्थ हुए लोगों की संख्या बढ़कर 5,31,563 हो गयी। देश में सर्वाधिक सक्रिय मामले इसी राज्य में हैं। आंध्र प्रदेश में इस दौरान मरीजाें की संख्या 2001 बढ़ने से सक्रिय मामले 94,209 हो गये। राज्य में अब तक 3,633 लोगों की मौत हुई है, वहीं कुल 2,95,248 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं। दक्षिणी राज्य कर्नाटक में पिछले 24 घंटों के दौरान मरीजों की संख्या में 1,379 की वृद्धि हुई है और यहां अब 85,006 सक्रिय मामले हैं। राज्य में मरने वालों का आंकड़ा 5,232 पर पहुंच गया है तथा अब तक 2,19,554 लोग स्वस्थ हुए हैं।


तमिलनाडु में सक्रिय मामलों की संख्या 52,364 हो गयी है तथा 6948 लोगाें की मौत हुई है। वहीं राज्य में अब तक 3,43,930 लोग संक्रमणमुक्त हुए हैं। आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भी इस दौरान 992 मरीजों की वृद्धि हुई है जिससे सक्रिय मामले 52,309 हो गये हैं तथा इस महामारी से 3217 लोगों की मौत हुई है जबकि 1,52,893 मरीज ठीक हुए हैं।         


लोगों से छात्रों की आवाज बनने का आह्वान

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना महामारी के बीच संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के आयोजन को छात्रों के जीवन के साथ खिलवाड़ बताते हुए लोगों से ‘स्पीकअप’ कार्यक्रम से जुड़कर उनकी (छात्रों की) आवाज़ बनने और सरकार पर परीक्षा स्थगित करने के लिए दबाव बनाने का  आग्रह किया है। राहुल गांधी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा “लाखों परेशान छात्रों के साथ अपनी आवाज़ जोड़िए। स्पीकअप फ़ॉर स्टूडेंट सेफ्टी आज 10 बजे से। आइए, सरकार से छात्रों की बात सुनने की माँग करें।”


इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर कहा “कोरोना महामारी में नीट और जेईई की परीक्षाएं करवाने का फैसला छात्र-छात्राओं को कोरोना के खतरे में धकेल रहा है। छात्र-छात्राओं पर मानसिक तनाव बढ़ रहा है; भाजपा सरकार छात्र शक्ति की आवाज सुन कर फैसला करें।”           


युवकों को आतंक की राह पर लाने वाला

आईबी ने शुरू की बारूदी कनेक्शन की खोज


लखनऊ। संदिग्ध आतंकी मुस्तकीम सिद्धार्थनगर के ढेबरुआ में अक्सर तकरीर सुनने जाता था। वहां के दर्जनभर युवकों से उसके सम्बन्ध हैं। एक युवक ऐसा है जिससे मुस्तकीम की बराबर बातचीत होने की बात कही जा रही है। वह आतंकी बनने के लिए ढेबरुआ के युवकों को तैयार कर रहा था। दिल्ली स्थित पुलिस सेल की नजर अब सिद्धार्थनगर पर टिकी है। इधर बढ़या भैसाही गांव में सन्नाटा पसरा है। बढ़या भैसाही निवासी संदिग्ध आतंकी मो. मुस्तकीम उर्फ अबू युसुफ उर्फ बाबा का इलाके से कोई लेना-देना नहीं था। वह गांव में किसी से बोलचाल नहीं रखता था। क्षेत्र में भी उसका कहीं उठना बैठना नहीं था। वह अपने काम से काम रखता। बताते हैं कि वह महीने में दो बार घर से दो किलोमीटर दूर स्थित तैय्यबपुर गांव ससुराल जाता था। इसके अलावा वह महीने में चार बार सिद्धार्थनगर जिला स्थित ढेबरुआ थाना के नेपाल सीमा से सटे कृष्णानगर में बहन के घर जाता था। वहां मुस्तकीम तकरीर में बैठकर युवाओं को गुमराह करता था। वहां के करीब दर्जनभर युवक उससे जुड़े हैं।
बताया जाता है कि मुस्तकीम तकरीर के बाद वह युवकों को आतंकी संगठन से जुड़ने की प्रेरणा देता था। उसमें से एक युवक मुस्तकीम से जुड़ गया था। आईबी ने जिन सात लोगों से मुस्तकीम का सम्बन्ध बताया है उसमें एक नाम ढेबरुआ के युवक का है। मुस्तकीम उससे रोज बात करता था। ढेबरुआ निवासी युवक आईबी के निशाने पर है। मुस्तकीम का गांव व उसके ससुराल के बीच दो किलोमीटर की दूरी है।
बताते हैं कि मुस्तकीम अक्सर अपनी ससुराल जाता था। ससुराल में उसके कई लोगों से संपर्क थे। आईबी इस बार तैय्यबपुर का भी दौरा कर सकती है। वहां भी कई लोगों से पूछताछ की संभावना है। मुस्तकीम के पकड़े जाने के बाद उसकी बीबी मायके चली गई है। एसपी देवरंजन वर्मा ने बताया कि हर बिंदु पर आईबी की नजर है। लोकल पुलिस भी जांच कर रही है। गुरुवार को स्थानीय खुफिया तंत्र के लोग हासिमपारा, चिरकुटिया व बढ़या भैसाही गांव में गए थे। वहां कई लोगों से पूछताछ की। बताया जाता है कि खुफिया तंत्रों के हाथ कोई महत्वपूर्ण सुराग नहीं लगे। सभी ने मुस्तकीम के बारे में विशेष जानकारी होने से इन्कार किया। बताया जाता है कि रिमांड पूरा होने के पहले आईबी गांवों में पूछताछ के लिए आएगी। स्थानीय खुफिया तंत्रों को मुस्तकीम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अधिकारी सिर्फ इसलिए दौड़-भाग में लगे हैं जितने में वे मुस्तकीम के बारे में प्रशासनिक जानकारी देकर अपनी इज्जत बचा सकें। वहीं संदिग्ध आतंकी के निवास स्थल बढ़या भैसाही गांव में सन्नाटा पसरा है।              


लखीमपुर खीरी में हुआ रेप केस का खुलासा

लखीमपुर खीरी: रेप केस का खुलासा, हत्या से पहले 13 बार हुई थी आरोपी और पीड़िता की बात


आदर्श श्रीवास्तव


लखीमपुर खीरी। नीम का थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 17 साल की दलित छात्रा जो 25 अगस्त को 8:00 बजे अपने घर से स्कॉलरशिप का ऑनलाइन भरने अपने कस्बे में गई थी. शाम तक जब छात्रा नहीं लौटी तो घर वालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी।


दलित लड़की की हत्या के मामले में गिरफ्तारी


स्कॉलरशिप फॉर्म भरने गई थी छात्रा


तालाब के किनारे मिली लाश


लखीमपुर खीरी जिले में 17 साल की दलित छात्रा की रेप के बाद हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपी दर्जी को गिरफ्तार कर लिया है। नीम का थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 17 साल की दलित छात्रा जो 25 अगस्त को 8:00 बजे अपने घर से स्कॉलरशिप का ऑनलाइन फॉर्म भरने अपने कस्बे में गई थी।शाम तक जब छात्रा नहीं लौटी तो घर वालों ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी। 


26 अगस्त को छात्रा का शव गांव के बाहर तालाब के किनारे खेत के पास पड़ा मिला. छात्रा का गला कटा हुआ था। पुलिस ने इस मामले में दिलशाद नाम के युवक को गिरफ्तार किया है


रेप के बाद हत्या


पुलिस ने बताया कि दलित छात्रा की रेप के बाद हत्या के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने तीन टीमें बनाई और जांच शुरू कर दी। पुलिस के मुताबिक छात्रा की एक दर्जी से जान-पहचान थी। आरोपी युवक ने लड़की को मिलने के लिए सुनसान जगह पर बुलाया था। वहीं पर युवक दिलशाद ने नाबालिग दलित छात्रा की हत्या कर दी।आरोपी ने कबूला अपराधः लखीमपुर खीरी जिले के एसपी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि छात्रा के साथ रेप कर हत्या के बाद फरार हुए आरोपी दिलशाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उसने अपना जुर्म कबूल लिया है।


मृतका की आरोपी से थी जान-पहचान


पुलिस ने कहा कि मृतका की आरोपी व्यक्ति से कई महीनों से बातचीत हुआ करती थी। घटना से 1 दिन पूर्व मृतका द्वारा उस संदिग्ध व्यक्ति से 13 बार बात हुई। पुलिस ने संदेह के आधार पर अभियुक्त दिलशाद पुत्र साजिद को पूछताछ के लिए बुलाया। पुलिस के दौरान आरोपी ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है।           



आंखों को हेल्दी रखने के लिए 10 तरीकें

अगर आपकी मांसपेशियां पर्याप्त मूवमेंट नहीं करती हैं, तो यह कमजोर होने लग जाती हैं। आपके शरीर की कई अन्य मांसपेशियों की तरह ही आपकी आंखों की मांसपेशियों को भी व्यायाम की आवश्यकता होती है जिससे वो बेहतर तरीके से काम करने में सक्षम हों वैसे तो आप अपनी आंखों की रोशनी को बढ़ाने के लिए बहुत से तरीके अपना सकते हैं।लेकिन आज हम आपको कुछ बेस्ट टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनको अपनाकर आपकी आंखों की सेहत और रोशनी दोनों ही बढ़ती हैं।


आंखों को हेल्दी रखने के 10 आसान तरीके

1- आपको अपनी आंखों पर आवश्यकता से अधिक दबाव बनाने से बचना चाहिए।


अपनी आंखों को कुछ मिनटों के लिए बंद करके आराम दें और हर 2-3 घंटे में एक बार इसे दोहराएं।


2- आंखों की कुछ ऐसी एक्सरसाइज करें। जिनको करके आप आंखों को हेल्दी बना सकते हैं।


3- अगर आप चश्मा लगाते हैं, तो चश्मे के समय को कम करने की कोशिश करें। ऐसे में आप कोशिश करें कि आप सिर्फ काम के समय ही चश्मा पहनें।


4- अपनी आंखों पर कोमल उंगलियों आप गोलाकार रूप में मालिश करें। ऐसे में आप धीमे-धीमे आंखों की मसाज करें।आप अपनी आंखों को प्रेस करने के लिए बीच वाली और तर्जनी उंगली का इस्तेमाल करें। ऐसा करते वक्त आपको हल्का दबाव महसूस होना चाहिए, लेकिन दर्द नहीं होना चाहिए।


5- जब आप बाहर टहलने के लिए जाएं, तो आप दूरी पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करें।


6- हर दिन जितना संभव हो गाजर के रस का सेवन करें।गाजर विटामिन ए से भरपूर होता है, जो आपके आंखों की रोशनी को हेल्दी बनाए रखने में मददगार होता है। इसके अवाला अगर आप चाहें तो गाजर के रस में एक या दो बूंद जैतून का तेल मिला सकते है।


7- अगर आपको आंखों में जलन की शिकायत रहती है, तो आप नियमित रूप से आईड्रॉप की जगह एलोवेरा जूस का उपयोग भी कर सकते हैं। हालांकि, इस प्राकृतिक उपचार को अपनाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।


8- जब आपको आपकी आंखें थकी-थकी सी महसूस हों, तो उन्हें गर्म पानी से धोए। इससे आंखों की थकान दूर हो जाती है।


9- सोने से कम से कम 2 घंटे पहले कंप्यूटर, टीवी या स्मार्टफोन की स्क्रीन को देखने से बचने की कोशिश करें।


10- आंखों को हेल्दी बनाने के लिए भारतीय ट्राटक एक्सरसाइज करने का प्रयास करें. इससे आपकी आंखें और दिमाग केंद्रित रहता है। इसके लिए आप एक खुली जगह पर बैठकर एक छोटी स्थिर वस्तु के सामने बैठकर अपना सारा ध्यान उसी पर केंद्रित करने की कोशिश करें। ध्यान रहे कि पलक न झपके। फिर अपनी आंखें बंद करके अपना ध्यान अपनी भौहों के बीच के स्थान पर लगाएं, जब तक हो सके तब तक इसको करते रहें। इसको लगभग 10 मिनट तक करें। इस व्यायाम का उद्देश्य आपकी आंखों के थकने से पहले किसी चीज़ की स्पष्ट छवि को प्राप्त करना होता है।              


मृतक-1057 संक्रमित-33 लाख, 87 हजार

कोरोना ने तोड़े सारे रिकॉर्ड: 24 घंटे में सामने आए 77266 नए केस…1057 लोगों की मौत
अकांंशु उपाध्याय


नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। देश में पिछले 24 घंटों में 77,266 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 1,057 लोगों की जान चली गई है। देश में अब कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 34 लाख के करीब पहुंच गई है।
देश में अब कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या 33 लाख 87 हजार हो गई है। इनमें से 61529 लोगों की मौत हो चुकी है। एक्टिव केस की संख्या 7 लाख 42 हजार 23 हो गई और 25 लाख 83 हजार 948 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के सक्रिय मामलों की संख्या की तुलना में स्वस्थ हुए लोगों की संख्या करीब तीन गुना अधिक है। मृत्यु दर में गिरावट
राहत की बात है कि मृत्यु दर और एक्टिव केस रेट में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मृत्यु दर गिरकर 1.82% हो गई।इसके अलावा एक्टिव केस जिनका इलाज चल है उनकी दर भी घटकर 21.93% हो गई है।इसके साथ ही रिकवरी रेट यानी ठीक होने की दर 76.4% हो गई है।भारत में रिकवरी रेट लगातार बढ़ रहा है।
एक्टिव केस के मामले में टॉप-5 राज्य
आंकड़ों के मुताबिक, देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं।महाराष्ट्र में डेढ़ लाख से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।इसके बाद दूसरे नंबर पर तमिलनाडु, तीसरे नंबर पर दिल्ली, चौथे नंबर पर गुजरात और पांचवे नंबर पर पश्चिम बंगाल है। इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं।एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है। कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रभावित देश है।अमेरिका, ब्राजील के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित भारत है।             


50 साल तक विपक्ष में बैठेगीं कांग्रेस

50 साल तक विपक्ष में बैठेगी कांग्रेस अगर अध्यक्ष पद का पार्टी में नहीं हुए चुनाव तो... किसने कहा पढ़ लो


नई दिल्ली। ‘‘अगर चुना हुआ निकाय पार्टी को लीड करता हैए तो पार्टी पहले से बेहतर होगी अन्यथा कांग्रेस अगले 50 सालों तक लगातार विपक्ष में ही बैठी रहेगी।’ यह कहना है कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का। कांग्रेस में पार्टी के नेतृत्व और कार्य पद्धति को लेकर कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को असहमित पत्र लिखा था। इस पत्र में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी हस्ताक्षर किए थे। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के चार दिन बाद उन्होंने कहा कि नियुक्त किए गए कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी में एक प्रतिशत भी सपोर्ट नहीं है।
           कांग्रेस में पार्टी के नेतृत्व और कार्य पद्धति को लेकर कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को असहमित पत्र लिखा था। इस पत्र में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी हस्ताक्षर किए थे। कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के चार दिन बाद उन्होंने कहा कि नियुक्त किए गए कांग्रेस अध्यक्ष को पार्टी में एक प्रतिशत भी सपोर्ट नहीं है। उन्होंने आगे कहा, गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जो अधिकारी या राज्य इकाई के अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष हमारे प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं, वह अपने पद को खोने से डर रहे हैं।गुलाम नबी आजाद ने कहा,"जब आप चुनाव लड़ते हैं तो कम से कम 51 प्रतिशत आपके साथ होते हैं और आप पार्टी के भीतर केवल 2 से 3 लोगों के खिलाफ चुनाव लड़ते हैं
51 प्रतिशत वोट पाने वाले शख्स को चुना जाएगा।अन्य को 10 या 15 फीसदी वोट मिलेंगे। जो शख्स जीतता है, उसे पार्टी अध्यक्ष का प्रभार सौंपा जाएगा।इसका मतलब है कि 51 प्रतिशत लोग उसके साथ हैं."
          गुलाम नबी ने आगे कहा,"चुनाव का फायदा होता है उस वक्त होता है जब आप चुनाव लड़ते हैं, कम से कम 51 प्रतिशत लोग आपके पीछे होते हैं।लेकिन अभी, जो अध्यक्ष बने है उसके पास एक भी प्रतिशत का सपोर्ट नहीं है। अगर कांग्रेस कार्यसमिति के चुने जाते हैं, तो उन्हें नहीं हटाया जा सकता।तो समस्या कहां पर है." बता दें कांग्रेस के अंदर पार्टी नेतृत्व को लेकर उठ रहे सवालों का मुद्दा ठंडा नहीं पड़ रहा है।भले ही इस पर वर्किंग कमिटी की बैठक हो गई और अगले कांग्रेस अध्यक्ष के चयन तक सर्वसम्मति से सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष के पद पर बने रहने की घोषणा कर, विवाद सुलझा लिए जाने का दावा किया गया, लेकिन हकीकत इससे अलग है।सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर सवाल उठाने वाले वरिष्ठ नेताओं का खेमा यह संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि उनका मूल मकसद पार्टी की मजबूती है।           


भाजपा विधायक को नोटिस, मांगा इस्तीफा

गोरखपुर। सदर सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने पिछले दिनों ट्वीट कर योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए खुद के विधायक होने पर शर्म आने की बात कही थी। इसे पार्टी अनुशासनहीनता मानते हुए उनसे एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि आपके द्वारा सरकार व संगठन की छवि धूमिल करने वाली पोस्ट सोशल मीडिया पर की जा रही है। ये अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है।


इधर, गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला ने नगर विधायक डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल के इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी के नीतियों व सिद्धांतों से आपको इतनी दिक्कत हो रही है तो आप पार्टी से इस्तीफा दे दें। आगे उन्होंने कहा कि विधायक राधा मोहनदास अग्रवाल पार्टी विरोधी बातों को मुद्दा बनाकर जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।

बता दें कि कुछ रोज पहले लखीमपुर खीरी में हर्ष फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत के मामले में पुलिस द्वारा आरोपी को बचाने का मामला चर्चा में आया था। इस घटना पर गोरखपुर के सदर विधायक डॉक्टर राधा मोहन दास अग्रवाल ने ट्वीट कर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे।               


भारत-मोदी सरकार को लेकर चीन में सर्वे

भारत और मोदी सरकार को लेकर चीन में सर्वे…चीनी बोले पसंद है मोदी सरकार…फिर किया एडिट…पढ़ें चौंकाने वाली बातें।


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। गलवान में हुए संघर्ष के बाद भारतीयों में चीन के खिलाफ आक्रोश है। तमाम भारतीय चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मुहिम चला रहे हैं। लेकिन चीनी भारत को लेकर क्या सोचते हैं? इसे लेकर चीन की सरकार के मुखपत्र अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चाइना इंस्टिट्यूट्स ऑफ कंटेंपरेररी इंटरनेशनल रिलेशन्स के साथ मिलकर एक सर्वे कराया है। इस सर्वे में चीन के 1960 प्रतिभागियों को शामिल किया गया है। सर्वे में मोदी सरकार से लेकर भारतीय सेना, अर्थव्यवस्था, भारत-चीन संबंध समेत तमाम सवाल किए गए हैं।
पहले ग्राफिक को एडिट करके पोस्ट किया
सर्वे के नतीजों में 70 फीसदी चीनी मानते हैं कि भारत चीन के प्रति जरूरत से ज्यादा शत्रुता दिखा रहा है,और भारत की उकसावे भरी कार्रवाई के खिलाफ अपनी सरकार के पलटवार का पूरी तरह से समर्थन करते हैं।
इस सर्वे में पाया गया कि 51 प्रतिशत लोग मोदी सरकार को पसंद करते हैं, जबकि 90 फीसदी लोग भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को सही ठहराते हैं। मोदी सरकार को पसंद करने वाली खबर ग्लोबल टाइम्स के पन्ने पर थी लेकिन गुरुवार दोपहर बाद वो हिस्सा हटा लिया गया था। हालांकि, ग्लोबल टाइम्स ने सर्वे का हिस्सा ट्वीट किया है, उसमें अब भी मोदी सरकार से जुड़े तथ्य शामिल हैं।
भारत भविष्य में उकसावे वाली अन्य गतिविधियां करता है और चीन के खिलाफ नए सीमा संघर्ष छेड़ता है तो 90 फीसदी प्रतिभागी चीन के सुरक्षात्मक कदम उठाने का समर्थन करते हैं और भारत पर हमला करने से भी सहमत हैं। हालांकि, चीन के 26.4 फीसदी लोग भारत के पड़ोसी देश होने के नाते उसे सबसे पसंदीदा देशों की सूची में चौथे नंबर पर रखते हैं।भारत से ऊपर रूस, पाकिस्तान और जापान हैं। ग्लोबल टाइम्स रिसर्च सेंटर और चाइना इंस्टिट्यूट्स ऑफ कंटेंपरेररी इंटरनेशनल रिलेशन्स सीआईसीआईआर ने 17 अगस्त से 20 अगस्त तक सर्वे कराया था। इसमें देश के 10 बड़े शहरों बीजिंग, शंघाई, शियान, वुहान, चेंगडू, झेंगझाउ समेत 10 शहरों में सर्वे कराया गया था।
ऐसा माना जाता है,कि चीनी लोगों को भारत और भारतीय संस्कृति के बारे में बहुत अच्छी समझ नहीं है।लेकिन सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए। करीब 56 फीसदी से ज्यादा लोगों ने कहा कि उन्हें भारत की स्पष्ट समझ है और 16 फीसदी से ज्यादा लोगों ने कहा कि वे भारत से अच्छी तरह परिचित हैं।इंस्टिट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज के डायरेक्टर हू शीशेंग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, आधे से ज्यादा लोग भारत को लेकर अपनी समझ को लेकर इसलिए भी आश्वस्त हैं क्योंकि लोगों के बीच आपसी संबंध हैं और वे भारत के सांस्कृतिक उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं।
हालांकि, सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ फूडान यूनिवर्सिटी के डेप्युटी डायरेक्टर लिन मिनवांग ने इस पर अविश्वास जताते हुए कहा, लोग भारत की अपनी समझ को लेकर जितना विश्वास दिखा रहे हैं, वो सच्चाई से बहुत दूर है।असलियत में हमारे देश के लोग अमेरिका, जापान और यूरोप के बारे में भारत से ज्यादा जानते हैं और अधिकतर भारतीय पश्चिम को चीन से ज्यादा बेहतर तरीके से समझते हैं क्योंकि सांस्कृतिक रूप से दोनों देशों के बीच बहुत फर्क है और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संवाद बहुत ही कम है। दोनों देशों के लोग पूरी तस्वीर देख पाने में असमर्थ हैं।
जब लोगों से भारत को लेकर अपना पहला इंप्रेशन बताने के लिए कहा गया तो 31 फीसदी ने कहा कि भारतीय महिलाओं का सामाजिक स्तर बहुत नीचा है।
उसके बाद 28 फीसदी लोगों ने कहा कि भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
चीन के सबसे अच्छे पड़ोसी देशों की सूची में भारत की रैंकिंग दक्षिण कोरिया से ऊपर है जबकि दक्षिण कोरिया के पॉप कल्चर का चीनी यूथ पर काफी प्रभाव है।ग्लोबल टाइम्स ने अपनी टिप्पणी में तंज कसते हुए लिखा है कि चीनी जनता तार्किक रूप से भारत सरकार को मासूम लोगों और संस्कृति से अलग कर सकती है। जबकि भारत सरकार लोगों को उकसा रही है।
ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, भारत और चीन के बीच समय-समय पर सीमा विवाद रहा है और बेल्ट ऐंड रोड जैसी परियोजना और पाकिस्तान जैसे मुद्दों पर मतभेद भी रहे हैं लेकिन दंगल और अंधाधुन जैसी बॉलीवुड फिल्में चीन में काफी लोकप्रिय रही हैं।कई चीनी योग करते हैं।सर्वे में पता चला कि 23 फीसदी लोग भारत की पहचान को योग से ही जोड़कर देखते हैं।
सर्वे में ये भी बताया गया है कि 25 फीसदी लोग भारत-चीन के संबंधों को लेकर सकारात्मक सोच रखते हैं।उन्हें लगता है कि लंबे वक्त में भारत-चीन के संबंध सुधरेंगे।हालांकि, 70 फीसदी चीनियों का मानना है कि भारतीय जरूरत से ज्यादा ही चीन के खिलाफ दुश्मनी दिखा रहे हैं।
अधिकतर चीनी ये मानते हैं कि भारत आर्थिक और सैन्य क्षमता में चीन से बहुत पीछे है।57 फीसदी लोगों का मानना है कि भारत चीन के लिए कोई खतरा नहीं है। 49 फीसदी लोगों का ये भी मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था चीन पर बुरी तरह निर्भर है।
सिंगुआ यूनिवर्सिटी में इंडियन स्टडीज के असिस्टेंट प्रोफेसर शी चाओ ने कहा, भारत 1947 में ब्रिटेन से आजाद हुआ और पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना 1949 में बना।उस वक्त भारत अर्थव्यवस्था और मूलभूत ढांचे के मामले में भारत से कहीं ज्यादा आगे था।लेकिन अब चीन मूलभूत ढांचा, शहरीकरण, आधुनिकीकरण, शिक्षा, विज्ञान, तकनीक, सेना और अर्थव्यवस्था सब मामले में भारत से बहुत आगे है। जब चीनी भारत की तरफ देखते हैं तो उनमें श्रेष्ठता का भाव होता है।
चीनी मिलिट्री एक्सपर्ट और टीवी कमेंटेटर सोंग झोंगपिंग ने ग्लोबल टाइम्स से कहा, ये सच है कि चीन की सेना भारत की सेना से ज्यादा मजबूत है और भारत के रक्षा क्षेत्र की इंडस्ट्री में भ्रष्टाचार समेत मामलों को लेकर मीडिया रिपोर्ट्स भी आती रहती हैं।ऐसे में चीन में कई लोगों को लगता है कि भारतीय आर्मी कहीं नहीं टिकेगी।उन्होंने कहा, हालांकि, भारतीय सेना को लेकर ये समझ सही नहीं है। भारतीय सेना पाकिस्तान के साथ लगातार सैन्य संघर्षों में उलझी रहती है इसलिए उन्हें जंग का अनुभव है और उन्होंने सीमाई इलाके में चीनी आर्मी से ज्यादा सैनिकों की तैनाती कर रखी है इसलिए अगर भविष्य में हमें अपने दुश्मनों को हराना है तो चाहे भारतीय हों या कोई और, हमें उन्हें हल्के में लेने के बजाय उनसे सीखना चाहिए।किसी को गंभीरता से ना लेने से युद्ध में जीत हासिल नहीं हो जाएगी।
बीजिंग के एक मिलिट्री एक्सपर्ट के हवाले से ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि 1962 में भारतीय सेना को हराने की वजह से चीनी जनता में आत्मविश्वास भरा हुआ है।अधिकतर चीनी भारतीय सेना को कमजोर लेकिन मुश्किलें पैदा करने वाला मानते हैं। इसीलिए 70 फीसदी प्रतिभागी मानते हैं कि चीन को भारत के उकसावे के खिलाफ सख्ती से जवाब देना चाहिए और 89 फीसदी सैन्य कार्रवाई का भी समर्थन करते हैं।
सर्वे में प्रतिभागियों से सवाल किया गया कि भारत कितने वक्त में चीन को पीछे छोड़ देगा तो 54 फीसदी ने कहा कि भारत कभी भी चीन को नहीं पिछाड़ पाएगा।वहीं 10.4 फीसदी लोगों ने कहा कि ये 100 साल में ही मुमकिन हो पाएगा. साउथ एशियन स्टडीज के डेप्युटी डायरेक्टर लोउ चुनहाओ ने कहा, भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा और चीन के सस्ते और मिडिल रेंज के प्रोडक्ट पर चीन की निर्भरता को लेकर लोगों की ऐसा राय बनी होगी। चीन कई सालों से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है, साल 2019 में अमेरिका ने चीन की जगह ले ली थी। साल 2019 में भारत का चीन के साथ 50 अरब डॉलर का व्यापार घाटा था और दोनों के बीच कुल व्यापार ही 90 अरब डॉलर का हुआ था, भारत चीन पर दवाइयों से लेकर मशीन तक चीन पर निर्भर है। ये निर्भरता कोविड-19 महामारी के दौरान भी नजर आई जब वैश्विक आपूर्ति बाधित हो गई थी।
भारत में चीनी राजदूत सन वेइडोंग ने जुलाई महीने में एक सेमिनार में बताया था कि साल 2018-2019 में भारतीय बाजार में 92 फीसदी कंप्यूटर्स, 82 फीसदी कलर टीवी सेट्स, 80 फीसदी फाइबर ऑप्टिक्स और 85 फीसदी मोटरसायकल पार्ट्स चीन से आयातित किए गए थे।
जून महीने में लद्दाख में हुए संघर्ष के बाद से भारत ने चीनी कारोबार के हितों पर चोट करनी शुरू कर दी और चीनी सामान को कस्टम क्लीयरेंस में देरी, निवेश के लिए शर्तें कड़ी करना और 300 मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम उठाए। सर्वे में भारत के इस रुख को लेकर चीनी क्या सोचते हैं? इस सवाल के जवाब में 35 फीसदी ने कहा कि भारत के इन कदमों से बेहद खफा हैं और मानते हैं कि बदले की कार्रवाई जरूरी है। ग्लोबल टाइम्स ने चीनी एक्सपर्ट के हवाले से लिखा कि ये वक्त है कि भारत सरकार शोर मचाना बंद करे और सहयोग के रास्ते पर आए। मोदी सरकार की प्राथमिकता में भारतीय अर्थव्यवस्था ही होनी चाहिए। चीन में एक बड़ी आबादी का ये भी मानना है कि भारत-चीन के तनाव में अमेरिका का दखल भी एक वजह है।           


जापानी पीएम 'आबे' दे सकते हैं इस्तीफा

टोक्यो। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे शुक्रवार को अपने इस्तीफे का ऐलान कर सकते हैं। पिछले लंबे वक्त से वो बीमार चल रहे हैं, कुछ वक्त पहले ही उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था। इस बीच जापानी मीडिया ने रिपोर्ट किया है कि शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिंजो आबे अपना इस्तीफा दे सकते हैं।


जापानी मीडिया के मुताबिक, शिंजो आबे की तबीयत लगातार बिगड़ रही है। इसी वजह से वो काम पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं ऐसे में वो शुक्रवार को इस्तीफा दे सकते हैं। पिछले काफी वक्त से शिंजो आबे की तबीयत को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं। क्योंकि काम को छोड़कर वो दो बार अस्पताल पहुंचे थे, जिसके बाद उनके इस्तीफे की बात सामने आई थी। इससे पहले 18 अगस्त को जब शिंजो आबे को अस्पताल ले जाया गया था, तब करीब सात घंटे तक उनका चेकअप चलता रहा। इस बीच मीडिया में कई तरह की बातें सामने आईं, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से सफाई दी गई थी।


इससे पहले भी बीमारी की वजह से 2007 में शिंजो आबे ने कुछ वक्त का ब्रेक लिया था, तब उनके प्रधानमंत्री कार्यकाल के शुरुआती दिन थे। शिंजो आबे 2012 से लगातार जापान के प्रधानमंत्री हैं, इससे पहले वह 2006 में कुछ वक्त के लिए देश के पीएम बने थे। जापान में शुरुआती वक्त में कोरोना वायरस का संकट रहा था, लेकिन अब हालात कुछ हदतक ठीक हैं।                


यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश

यूपी: लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे अखिलेश  संदीप मिश्र  लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। इसके ...