गुरुवार, 27 अगस्त 2020

इजरायल से 2 'आसमानी आंख' खरीदेंगे

बीजिंग/ जेरुसलम। चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरों के बीच भारत जल्द ही दो आसमानी आंखों को खरीदने जा रहा है। इनकी मदद से भारत के खिलाफ दो फ्रंट पर मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे देश के दुश्मनों पर पैनी नजर रखी जा सकेगी। भारतीय रक्षा मंत्रालय इसे लेकर जल्द ही इजरायल के साथ समझौते को अंतिम रूप दे सकता है।


इजरायल से खरीदे जाएंगे दो अवाक्स सिस्टम
इस समझौते के तहत इजरायल भारत को दो फाल्कन एयरबॉर्न वॉर्निग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) की सप्लाई करेगा। पहले भी इस डील की कीमत को लेकर भारत और इजरायल के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है। हालांकि, दोतरफा खतरे को देखते हुए इस समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए भारत पर दबाव बढ़ता जा रहा है।             


हमारे देश पर होगा 'चीन' का कब्जाः ट्रंप

वाशिंगटन डीसी/ बीजिंग। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन और चीन पर बड़ा निशाना साधा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में लिखा, "चीनी की सरकारी मीडिया और चीन के नेता चाहते हैं कि बिडेन "अमेरिकी चुनाव" जीतें. अगर ऐसा होता है (जो कि होगा नहीं) तो हमारे देश पर चीन का कब्जा होगा और रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे हमारे शेयर बाजार बुरी तरह धड़ाम हो जाएंगे!" 


इससे पहले, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि केवल ट्रंप ही चीन और उसकी घातक आक्रामक प्रवृत्ति से निपट सकते हैं। भाषा की खबर के मुताबिक, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अमेरिकी जनता से कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जो चीन और उसकी घातक आक्रामक प्रवृत्ति से लोहा ले सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक वह अमेरिका और दुनिया में कोरोना वायरस के माध्यम से मौत और आर्थिक तबाही फैलाने को लेकर इस कम्युनिस्ट देश के विरूद्ध न्याय नहीं होता।               


मेरठ में पत्रकार और परिवार पर हमला

मेरठ। जागृती विहार कॉलोनी में बुधवार रात करीब 10 बजे घर में घुसे दबंगों ने गली गलौज करते हुए जानलेवा हमला बोल दिया। इस हमले में स्थानीय अख़बार के पत्रकार नवीन सिंह चोटिल हो गए, जबकि बड़े भाई अविनाश सिंह को गंभीर चोटें आई हैं। मामले में पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य की तलाश जारी है।               


नोएडा में युवक ने नाबालिग से किया रेप

नोएडा। जनपद गौतम बुद्ध नगर के थाना इकोटेक-3 क्षेत्र के एक गांव में शर्मनाक घटना सामने आई है। 19 बर्षीय युवक ने प्लाट में खेल रही बच्ची को अकेला देख उसके साथ दुष्कर्म  की वारदात को अंजाम दिया। यह मामला बुधवार करीब 12 बजे का है। आरोपी ने नकाब पहन रखा था, ताकि उसे कोई पहचान न सके। लेकिन पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला और गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। फिलहाल नाबालिग बच्ची खतरे से बाहर है, जिसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।                       


'मुआवजे' को लेकर बड़ी उथल-पथल

नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की 41वीं बैठक 27 अगस्त यानी आज होने जा रही है। इस बार की बैठक काफी गर्मागर्म बहस वाली हो सकती है। चर्चा का सबसे बड़ा मसला यही होगा कि कोरोना संकट में आर्थिक तंगी से जूझ रहे राज्यों को जीएसटी का मुआवजा कैसे दिया जाए।


जीएसटी काउंसिल के सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में राज्यों को मुआवजा देने के लिए फंड जुटाने के कई प्रस्तावों पर विचार हो सकता है। राज्यों को मई, जून, जुलाई और अगस्त यानी चार महीने का मुआवजा नहीं मिला है। सरकार ने हाल में वित्त मामलों की स्थायी समिति को बताया है कि उसके पास राज्यों को मुआवजा देने के लिए पैसे नहीं हैं।क्यों दिया जाता है मुआवजा
गौरतलब है कि नियम के मुताबिक जीएसटी कलेक्शन का करीब 14 फीसदी हिस्सा राज्यों को देना जरूरी है। जीएसटी को जुलाई 2017 में लागू किया गया था। जीएसटी कानून के तहत राज्यों को इस बात की पूरी गारंटी दी गई थी कि पहले पांच साल तक उन्हें होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान की भरपाई की जाएगी। यानी राज्यों को जुलाई 2022 तक किसी भी तरह के राजस्व नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाएगा।           


20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान

नई दिल्ली। कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था पर होने वाले असर को देखते हुए मई महीने में सरकार ने 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया था। पाँच चरणों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैकेज का पूरा विवरण देश के सामने रखा था।


पैकेज में 5.94 लाख करोड़ रुपए की रकम मुख्य तौर पर छोटे व्यवसायों को क़र्ज़ देने और ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और बिजली वितरण कंपनियों की मदद के नाम पर आबंटित करने की घोषणा की गई थी।


3.10 लाख करोड़ रुपए प्रवासी मज़दूरों को दो महीने तक मुफ़्त में अनाज देने और किसानों को क़र्ज़ देने में इस्तेमाल के लिए और 1.5 लाख करोड़ रुपए खेती के बुनियादी ढाँचे को ठीक करने और कृषि से जुड़े संबंधित क्षेत्रों पर ख़र्च करने की बात कही थी ।इसके अलावा कोयला क्षेत्र, खनन, विमानन, अंतरिक्ष विज्ञान से लेकर शिक्षा, रोज़गार, व्यवसायों की मदद और सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के लिए सुधार की बात कही गई थी। पैकेज के ऐलान को तीन महीने हो चुके हैं, अधिकतर जगहों पर बाज़ार खुल गए है, आर्थिक गतिविधियाँ चालू हो रही हैं, लेकिन कोरोना को लेकर अनिश्चितता अभी भी बनी हुई है और अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब है, इसे संभालने के लिए लोग सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं।


सेंटर फ़ॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी यानी सीएमआई के आँकड़ों के मुताबिक़ 23 अगस्त को ख़त्म हुए हफ़्ते में बेरोज़गारी दर 7.46 प्रतिशत थी। शहरी इलाक़ों में ये दर 9.98 प्रतिशत और ग्रामीण इलाक़ों में 6.32 प्रतिशत दर्ज की गई।


आर्थिक मामलों के जानकार आलोक जोशी बताते हैं, “अप्रैल महीने में क़रीब 15 करोड़ लोग बेरोज़गार हो गए थे, इनमें से 12 करोड़ लोग असंगठित क्षेत्र के थे। इनमें से 11 करोड़ लोगों को अब रोज़गार मिल गया है। ये वो लोग थे जो कोई भी काम कर सकते हैं। शहर से गाँव गए, तो वहाँ मनरेगा का काम मिल गया है, इन्हें कुछ काम मिल गया है, यानीसरकार ने जो रोज़गार के लिए पैसे दिए, वो इनके पास पहुँचे और इनका फ़ायदा हो गया। इसके अलावा कोरोना के दौरान कृषि क्षेत्र में उत्पादन में कमी नहीं आई, इसलिए असंगठित क्षेत्र के लोग जो वापस भी लौट गए, उन्हें खाने-पीने की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा।


लेकिन मिडिल क्लास और सैलरी वाले लोगों की परेशानियाँ बढ़ गईं, सैलरी पर गुज़ारा करने वाले क़रीब एक करोड़ लोग बेरोज़गार हैं। आलोक जोशी के मुताबिक, “इन्हें जॉब मिलना मुश्किल है, इस कारण से गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है, हालात के और ख़राब होने के आसार दिख रहे हैं।


इसके अलावा रेस्तराँ और मॉल में दुकान चलाने वाले या उनमें काम करने वाले लोगों को भी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ रहा है। बड़ी कंपनियाँ भी लोगों को निकाल रही हैं। म्यूचल फ़ंड, शेयर मार्केट, इंटरेस्ट रेट में भी लोगों को नुक़सान हुआ है, कई लोग पहले से कम सैलरी में काम कर रहे हैं।


यह एक कारण है कि दुकानें और फ़ैक्टरियों के खुलने के बाद भी डिमांड की कमी है। जानकार मानते हैं कि सरकार ने छोटे और मँझले उद्योगों को लोन देकर काम शुरू करवाने में मदद की, कॉरपोरेट टैक्स में भी छूट दी गई। इन सबका फ़ायदा उत्पादन में तो हुआ, लेकिन लोगों के पास पैसे नहीं होने के कारण डिमांड नहीं बढ़ी।


आर्थिक मामलों के जानकार आलम श्रीनिवास ने बीबीसी को बताया, “सरकार ये सोच रही है कि प्रोडक्शन शुरू होगा, लोगों के बीच में डिमांड है, लोग ख़रीदना चाहते हैं और बाहर जाना चाहते हैं। लेकिन अगर उपभोक्ता के हाथ में पैसा ही नहीं है, तो इनका कोई मतलब नहीं बनता। वो लोग, जिन्हें इस दौरान पहले की तरह पैसे मिलते रहे हैं, वो भी भविष्य को लेकर असमंजस में है, इसलिए पैसे ख़र्च करने की प्रवृत्ति में कमी आई है, बाज़ार में डिमांड तभी बढ़ेगी जब लोगों के अंदर भरोसा हो।


श्रीनिवास कहते हैं, “लोगों के हाथ में पैसे पहुँचाने का सबसे आसान तरीक़ा है, टैक्स में कटौती करना , सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स कम किया तो वो उपभोक्ता के लिए भी टैक्स घटा सकती थी। सरकार ने लॉकडाउन के समय लोन पर मोरेटोरियम की सुविधा दी थी, इस प्रावधान से लोगों को छह महीनों के लिए लोन भुगतान को टालने का विकल्प मिला था। लेकिन इस कारण मासिक किस्तों की संख्या बढ़ गई, ब्याज के भुगतान पर कोई छूट नहीं दी गई थी।


आर्थिक मामलों के जानकार आलोक जोशी मानते है कि लॉकडाउन का बैंकों पर क्या असर पड़ा है, ये आने वाले कुछ समय में स्पष्ट होगा। वो कहते हैं, “अभी तो सरकार ने ब्याज पर छूट दे रखी है, बैंको को भी नहीं पता कि जब ये छूट हटेगी तब क्या होगा, कितने लोग हैं जो दे पैसे दे पाएँगे।


जानकार मानते हैं कि लोगों के हाथ में पैसा पहुँचाना ज़रूरी है और इसके लिए सरकार को क़दम उठाने चाहिए। आलोक जोशी कहते हैं कि हो सकता सरकार सही समय का इंतज़ार कर रही है।


उनके मुताबिक इकॉनॉमी को वापस लाने के लिए सरकार को ख़र्च करना पड़ेगा, कंस्ट्रक्शन जैसी चीज़ों पर ज़ोर देना होगा. वो कहते हैं, “ऐसा लगता है सरकार अभी फँसी हुई है, वो एक और पुश दे सकती है लेकिन तब जब बीमारी का असर कम होगा, अगर ऐसे समय में पैसे लगाए जाएँ, जब हालात सुधरने की आशंका कम है तो बहुत ज़्यादा फ़ायदा नहीं होगा।


लेकिन क्या सरकार इस स्थिति में है कि वो कोई पैकेज का ऐलान कर सके?


जानकार आलम श्रीनिवास का मानना है कि सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं। वो कहते हैं, “सरकार कह चुकी है कि उसके पास आय की कमी है, मुझे लगता है वो जितना दे सकते थे, पिछले पैकेज में दे चुके हैं। श्रीनिवास के मुताबिक़ सरकार ने जिन सुधारों की बात की है, उन्हें ज़मीन पर उतरने में बहुत समय लगेगा, फ़िलहाल ज़रूरत है कि सरकार जल्द कुछ क़दम उठाए, उनके मुताबिक़ सरकार के लिए अब रिस्क लेना बहुत ज़रूरी हो गया है।                 


दादा ने अपनी पोती से किया दुष्कर्म

मुरादाबाद। शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में दादा ने अपनी ही ढाई साल की पोती के साथ दुष्कर्म किया। आरोपी ने बहू के मायके में आकर वारदात को अंजाम दिया। पीड़िता ने एसएसपी से गुहार लगाई। मामले में सिविल लाइंस पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


थाना सिविल लाइंस के हरथला चौकी क्षेत्र निवासी महिला की शादी कुन्दरकी थाना क्षेत्र के गांव में हुई है। महिला इस समय मायके में है। महिला के अनुसार घटना 20 अगस्त की है। उसके ससुर मायके आए थे। आरोप है कि दोपहर करीब ढाई बजे महिला का ससुर उसकी ढाई साल की बेटी को खिलाने के बहाने छत पर ले गया। वहां आरोपी ने बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया।                 


उत्तर-भारत में भारी बारिश की चेतावनी

नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग ने अगले 4 दिनों तक उत्तर भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के मुताबिक मध्य प्रदेश विदर्भ और छत्तीसगढ़ के निर्जन इलाकों में भारी बारिश  हो सकती है। वहीं उत्तर प्रदेश , राजस्थान और उत्तराखंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।


भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तराखंड , जम्मू , हिमांचल प्रदेश, पंजाब , हरयाणा, दिल्ली , उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम और उड़ीसा में भी संभावित तेज बारिश को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।               


तमिलनाडुः सेमेस्टर को छोड़, परिक्षाएं रद्द

चैन्नई। TN ने अंतिम सेमेस्टर को छोड़ कर स्नातक और प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों की अन्य परीक्षाओं महामारी के मद्देनजर रद्द कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री के। पलानीस्वामी ने कहा कि अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाओं को छोड़ कर अन्य सेमेस्टर से जुड़े विषयों के लिए शुल्क का भुगतान करने वाले और परीक्षाओं का इंतजार कर रहे छात्रों को परीक्षा देने से छूट प्राप्त होगी और उन्हें अंक दिए जाएंगे। 



पलानीस्वामी ने एक बयान में कहा कि छात्रों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए उनके अनुरोध को स्वीकार किया गया। एक उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों के मुताबिक फैसला लिया गया है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि यह कदम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उठाया गया है।


विस्तृत सरकारी आदेश जारी करने का निर्देश
पलानीस्वामी ने कहा कि उन्होंने उच्चतर शिक्षा विभाग को इस विषय पर एक विस्तृत सरकारी आदेश जारी करने का निर्देश दिया है।                 




गलत तरीके से बन रहा है पंचायत भवन

प्रयागराज के कोरांव तहसील के अंतर्गत ग्राम पंचायत भवानीपुर में बनाया जा रहा है गलत तरीके से पंचायत भवन।


प्रयागराज। प्रयागराज के कोरांव तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत भवानीपुर में पंचायत भवन की बुनियाद भूमि संख्या, 132 रकवा 0.3060 हेक्टेयर नवीन परती के खाता संख्या 269 में अंकित है। जिसमें प्राइमरी विद्यालय एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय बना हुआ है परंतु विद्यालय के नाम भूमि ना होने से पंचायत भवन की बुनियाद लगभग 20 दिन पहले खुदाई कर दी गई थी।उसके बाद ग्राम प्रधान संतोष कुमार भवानीपुर की प्रेरणा से हल्का लेखपाल भवानीपुर से भूमि संख्या 305 ख रकवा 0.0460 हेक्टेयर पर पंचायत भवन निर्माण कार्य करवाना चाहते हैं। जोकि गांव के आखिरी में ग्राम प्रधान के घर के पास जोकि जंगल के बगल पहाड़ी के पास मेंबर पंचायत भवन बनवाना चाहते हैं। जबकि गांव के मध्य में पंचायत भवन बनवाना जाना चाहिए जिस के संबंध में एंटी करप्शन कमेटी एलियंस भ्रष्टाचार निर्मूलन समिति के वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने 18 अगस्त 2020 को उप जिलाधिकारी कोरांव से मुलाकात कर शिकायत पत्र कार्यवाही किए जाने के लिए दिए तथा मौखिक वार्ता भी किए पंचायत सचिव कानूनगो हल्का लेखपाल से मोबाइल के माध्यम से भी बात भी किए उसके बाद दिनांक 24 अगस्त 2020 को हल्का लेखपाल अतुल तिवारी भवानीपुर गांव में आए जहां पर नवनिर्वाचित सदस्य गण , मतदाता गढ़ मौजूद थे,जिस पर ग्राम वासियों की उपस्थिति में पूर्ण सहमत पर भूमि संख्या 49 रकवा 0.046 हेक्टेयर को देखा गया जो जगह खाली गांव के मध्य में है l जहां रास्ता ना होने पर संदेह जाहिर किए जाने पर गांव के काश्तकारों द्वारा अपनी लगानी भूमि में बिना किसी शुल्क के श्रमदान के माध्यम से रास्ता बनवाने का संकल्प ग्राम वासियों ने लिया जो कि दिनांक 25 अगस्त 2020 को रास्ता बना दिया गया है।जहां पर पंचायत भवन निर्माण कार्य हेतु भूमि संख्या 49 नवीन परती पर रखवा 0.046 हेक्टेयर सर्वसम्मति के पास से की गई है। जहां पर पंचायत भवन बनाया जाना न्याय संगत होगा l         


सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन पर रोक

लखनऊ। सार्वजनिक स्थान पर सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन पर रोक जारी, उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई। मुख्यमंत्री सार्वाजनिक स्थान पर सांस्कृतिक एवं धार्मिक आयोजन पर रोक जारी, उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई। मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार ने फिर कहा है, कि सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन एवं कार्यक्रम किए जाने की अनुमति नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है,कि ऐसा पाए जाने पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी उन्होंने कोविड 19 प्रोटोकॉल का पूर्णता पालन किए जाने के साथ ही सोशल मीडिया पर सतर्क नजर रखने और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास से वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान यह निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुहर्रम गणेश उत्सव अनंत चतुर्दशी के मद्देनजर पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों को पूरी सतर्कता बरतने और सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने को कहा उन्होंने कहा कि अपराध और अपराधियों के प्रति राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है अराजकता एवं अव्यवस्था फैलाने वालों लोगों पर कार्यवाही की जाए जिले के टॉप टेन एवं थाना स्तर पर टॉप टेन की सूची में दर्ज अपराधियों पर कार्यवाही की जाए बीट प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए। लगातार फुट पेट्रोलिंग की जाए समाज विरोधी एवं राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ समय से कार्यवाही की जाए।               


शरीर के अंगों को प्रभावित करता है 'वायरस'

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की टीम ने एक रिसर्च के बाद पाया कि कोरोना का वायरस इतना घातक है कि वो शरीर के सभी अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है।इसलिए सिर्फ संक्रमितों ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी इससे सचेत रहने की जरुरत है।



उन्हें हर हाल में मेडिकल गाइडलाइन का पालन करना होगा। अपनी इम्युनिटी पॉवर बढ़ाने पर जोर देना होगा। दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञों ने को कहा कि कोविड-19 न केवल फेफड़े को बल्कि करीब सभी अंगों को प्रभावित कर सकता है। ये प्रारंभिक लक्षण छाती की शिकायत से बिल्कुल अलग तरह के हो सकते हैं।


उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अन्य अंगों को शामिल करने के लिए, बस सांस के लक्षणों के आधार पर हल्के, मध्यम और गंभीर श्रेणियों में मामलों के वर्गीकरण पर फिर से विचार करने की जरूरत है। उनके मुताबिक इस दिशा में लगातार रिसर्च जारी है।


झूठा आरोप लगाने पर जुर्माना 25 हजार

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला द्वारा उसके प्रेमी पर दुष्कर्म की झूठी शिकायत दर्ज कराने के खिलाफ 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। क्योंकि महिला ने मामले में शिकायत दर्ज करवाने के बाद मामले में कार्रवाई नहीं करने को कहा था।


जस्टिस आरडी धानुका और वीजी बिष्ट की पीठ ने महिला को चार सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र पुलिस कल्याण कोष में 25 हजार रुपये जमा कराने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि यदि जुर्माना नहीं दिया गया तो उसके प्रेमी के खिलाफ की गई एफआईआर रद्द नहीं होगी।


बताया जा रहा है कि महिला ने 16 मार्च को पालघर जिले के नालासोपारा पुलिस स्टेशन में अपने प्रेमी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसके प्रेमी ने उसे नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है।               


कोरोना वैक्सीन का सहीं ढंग से वितरण


बेंगलुरु। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या विश्वनाथन ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 के वैक्सीन का दुनियाभर में सही ढंग से वितरण बड़ी चुनौती साबित होगा।उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि टीके के अधिकाधिक डोज अमीर देशों के पास न चले जाएं और इनका पूरी दुनिया में समान वितरण हो। हमें 2021 की शुरुआत तक कुछ अच्छी खबर मिल जानी चाहिए।


भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की पूर्व महानिदेशक स्वामीनाथन ने कहा कि इसके बाद बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करने की होगी कि अमीर देश सीमित मात्रा में उपलब्ध टीकों के अधिकाधिक डोज न ले लें और इन टीकों का पूरी दुनिया को आवंटन न्यायसंगत तरीके से हो।


आईआईएम बेंगलुरु में सार्वजनिक नीति केंद्र द्वारा ‘सार्वजनिक नीति एवं प्रबंधन’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए यह बात कही। आईआईएम बेंगलुरु ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।

भारत टीकों के उत्पादन का केंद्र
स्वामीनाथन ने कहा कि टीके के मामले में भारत अच्छी स्थिति में है क्योंकि यहां इस दिशा में कई कंपनियां काम कर रही हैं जिनमें कुछ अपने स्तर से तो कुछ साझेदारी में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत टीकों के उत्पादन का केंद्र है।महामारी ने असमानताओं को बढ़ाया है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने और लचीलापन बढ़ाने के लिहाज से सीखने का अवसर साबित हुआ है।             


रिपोर्ट की कॉपियां 'कैबिनेट' को भेजें

नई दिल्ली। आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना संकट का सबसे अधिक नुकसान गरीबों पर हुआ है, ऐसे में अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर आने में काफी वक्त लग सकता है। इस मामले पर पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं। चिदंबरम ने कहा है कि शायद ही पहले कभी किसी सरकार ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर को इस तरह इग्नोर किया होगा।


पी चिदंबरम ने ट्वीट में लिखा, “RBI के गवर्नर को RBI की सालाना रिपोर्ट की कई कॉपियां अंग्रेजी और हिंदी में प्रधानमंत्री और कैबिनेट के हर एक मंत्री को भेजनी चाहिए।


चिदंबरम ने आगे लिखा, “पहले कभी किसी सरकार ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर को इस तरह इग्नोर किया होगा। शायद ही वित्त मंत्री और बैंक गवर्नर आपस में बात करते हों। गवर्नर, मेरी संवेदनाएं आपके साथ हैं। आप एक सोए हुए व्यक्ति को जगा सकते हो लेकिन जो व्यक्ति सोने का नाटक कर रहा हो उसे कैसे जगाएंगे।

राहुल गांधी ने क्या कहा था
एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आरबीआई की सालाना रिपोर्ट पर मोदी सरकार को घेरा था। राहुल ने ट्वीट में लिखा था, “RBI ने भी उस बात की पुष्टि कर दी जिसकी मैं महीनों से चेतावनी दे रहा हूं। जरूरी है कि सरकार खर्च बढ़ाए, उधार नहीं। गरीबों को पैसा दे, न कि उद्योगपतियों को टैक्स-कटौती। खपत से अर्थव्यवस्था को फिर शुरू करे। मीडिया द्वारा ध्यान भटकाने से न गरीबों की मदद होगी, न आर्थिक आपदा सुलझेगी।             


वैज्ञानिकों ने मास्क को लेकर किया 'दावा'

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सहित अन्य अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक एन-95 मास्क कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को घटाने में सर्वाधिक कारगर हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिये मास्क नहीं पहनने से बेहतर है कि किसी न किसी तरह का मास्क पहना जाए।


अध्ययनकर्ताओं ने इस बात का जिक्र किया कि खांसने और छींकने के दौरान श्वसन तंत्र से हवा में निकलने वाली सूक्ष्म बूंदें कोविड-19 जैसे संक्रामक रोग के प्रसार का सबसे बड़ा कारण है। इसरो से पद्यमनाभ प्रसन्न सिम्हा और कर्नाटक स्थित जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के प्रसन्न सिम्हा मोहन राव ने इस संबंध में प्रयोग और अध्ययन किया। यह अध्ययन जर्नल फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स में प्रकाशित हुआ है।               


टीक-टोक के सीईओ ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। मशहूर सोशल मीडिया एप टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने कई संकट में कंपनी के घिरने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।







 






भारत में लोकप्रियता के चरम पर होने के बाद बैन लगने से टिकटॉक की हालत खराब हो गई थी। उसके बाद अमेरिका में टिक टॉक पर बैन लगाने पर सरकार कदम उठाने जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कंपनी को चेतावनी दे दी है कि या तो कंपनी अपना अमेरिकी बिजनेस बेचे या फिर अमेरिका ये ऐप बैन कर देगा। दरअसल, केविन मेयर को चार महीने पहले ही TikTok का सीईओ बनाया गया था। केविन मेयर ने इस्तीफे से पहले कहा कि, पिछले कुछ हफ़्तों में पॉलिटिकल इन्वॉयरमेंट काफ़ी बदल गया है। बदले हुए हालात में मेरे लिए जो करना मुमकिन था, मैंने किया। TikTok के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी केविन मेयर के फ़ैसला का सम्मान करती है। अमेरिका में टिक टॉक ऐप पर कभी भी बैन लग सकता है।               


शासन-प्रशासन से नहीं मिल रही है मदद

रायपुर/बिलासपुर। बिलासपुर जिले के तखतपुर से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर स्थित चितावर गांव में अंधाधुंध बारिश और बाढ़ के कारण हुई नुकसानी से ग्रामीण अभी तक उबर नहीं पाए हैं। एक तरफ मनियारी का ठेल तो दूसरी तरफ छोटी नर्मदा के पानी का ठेला-ठेल.. भयंकरतम बारिश के कारण हुई दो-तरफा मार से चितावर गांव के किसानों, उनके घरों और धान की फसल का हाल "दो पाटन के बीच में" सरीखा हो गया है। भयंकर अतिवृष्टि ने इस गांव के किसानों की साढे तीन सौ एकड़ से भी अधिक कृषि भूमि पर लगी धान की फसल को पूरी तरह नष्ट और बर्बाद कर दिया है।


हालत यह है कि इस बर्बाद हो चुकी फसल को किसान ट्रैक्टर के जरिए जुताई कर उखाड़ रहे हैं, जिससे वहां फिर से धान की फसल लगाई जा सके। लेकिन मुश्किल यह है कि किसानों के पास इस समय धान का थरहा (नर्सरी) भी इतनी मात्रा में नहीं है जो सभी किसानों को रोपा के लिए पूरा हो सके। इसलिए कुछ किसान लईहरा (लईचोपी) पद्धति से धान की बोनी करने की जुगत भिड़ा रहे हैं। वहीं कुछ और किसान बाऊग पद्धति से पहले बोए गए खेतों से पौधे उखाड़ कर उन खेतों में रोपित करने की जुगत लगा रहे हैं, जिन खेतों में लगी धान की पूरी फसल को बारिश ने नष्ट कर दिया।             


बच्चों को सोच-समझकर खिलाएं 'बिस्कुट'

रायपुर। बच्चे जब 6 माह से ज्यादा के हो जाते हैं तो उन्हें ठोस आहार खिलाना शुरू कर दिया जाता है। ऐसे में कई लोग अपने बच्चों को बिस्कुट खिलाते हैं। बिस्कुट का टेस्ट बच्चों को अच्छा लगता है, जिसके कारण बच्चे आसानी से बिस्कुट खा लेते हैं। बच्‍चे को सभी बिस्‍कुट खिलाना सही नहीं होता है और इसके नुकसान भी हो सकते हैं। बिस्कुट प्रोसेस्ड होते हैं। इनमें कई तरह के प्रिजर्वेटिव्‍स डाले जाते हैं। इनमें रिफाइंड व्‍हीट फलोर, ट्रांस फैट, एडिटिव्‍स और कई सिंथेटिक तत्‍व भी मिलाए जाते हैं। बिस्कुट में मौजूद तत्व बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। बिस्‍कुटों में अधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल किया जाता है।


इनमें इस्तेमाल की जाने वाली शुगर रेगुलर ग्‍लूकोज से ज्‍यादा मीठी होती है, जिससे बच्चे मोटापे और डायबिटीज से शिकार हो सकते हैं। बच्‍चों को बिस्‍कुट से कोई पोषण नहीं मिलता है। मार्केट में बिकने वाले बिस्कुट बच्चों के लिए जंक फूड की तरह काम करते हैं। इससे एनर्जी तो मिलती है लेकिन पोषण नहीं। बिस्कुट में ट्रांस फैट का इस्तेमाल किया जाता है। इससे गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं भी हो सकती हैं। इसकी वजह से शरीर में गुड और बैड कोलेस्‍ट्रोल में असंतुलन आ सकता है। आप घर पर ही बच्चों के लिए बिस्कुट बना सकते है। इसमें आप रागी, बेसन, होल व्‍हीट आटे, ओट्स, मीठे के लिए खजूर का सिरप, गुड, घी आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।                 


महिला सिपाही के साथ किया दुष्कर्म

सिदगोड़ा। जमशेदपुर के सिदगोड़ा प्रोफेशनल कॉलेज कोविड केयर सेंटर में एक महिला सिपाही के साथ दूसरे सिपाही ने दुष्कर्म किया। घटना 20 अगस्त की है। 24 अगस्त को थाने में शिकायत के बाद आरोपी सिपाही अनिल सिंह को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।


अनिल सिंह सिदगोड़ा थाने का सिपाही है, जो कोविड सेंटर में ही सुरक्षा में तैनात था। वहीं, पीड़िता दहेज हत्या के मामले में गिरफ्तार सिदगोड़ा की एक महिला बंदी के साथ यहां प्रतिनियुक्त थी। महिला सिपाही ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव बंदी के साथ कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी पर थी। उसके पास सिपाही अनिल सिंह घटना वाले दिन शाम 6.30 बजे आया और बातचीत की। उसने महिला सिपाही से कहा कि नीचे वायरस के चलते कमरा ठीक नहीं है।


डीएसपी ने की जांच
घटना के दूसरे दिन पीड़िता ने अपने वरीय अधिकारी को पुलिस लाइन में जाकर घटना की शिकायत की, जिसमें डीएसपी सीसीआर के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर 24 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की गई और पीड़िता का एमजीएम अस्पताल में मेडिकल कराया गया। इसके बाद अनिल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।


अनुकंपा पर हुई है बहाली
महिला सिपाही की बहाली अनुकंपा के आधार पर हुई है। उसके पति एएसआई थे, जिनकी पलामू में मौत हो गई थी। मृत्यु के बाद पत्नी को बहाल किया गया। महिला सिपाही सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर की निवासी है।


प्राथमिकी में एसटी-एससी धारा भी लगी
इधर, पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे नीची जाति का कहकर प्रताड़ित किया। इसके आधार पर एसटी-एससी की धारा भी लगाई गई है। इसके साथ ही यदि कोई पुलिस वाला ड्यूटी के दौरान किसी से दुष्कर्म करता है तो उसपर अलग से 376 (2) की धारा लगायी जाती है। उस धारा का भी इस केस में इस्तेमाल किया गया है।


आरोपी सिपाही ने भी लगाए आरोप
इधर, सिपाही अनिल सिंह ने दुष्कर्म की घटना से इनकार करते हुए आरोप लगाया कि महिला सिपाही से उसका एक दोस्त पुलिस लाइन से मिलने आता था। वह भी पुलिस में ही है। वह आईसोलेशन वार्ड में चला जाता था। इसका उसने विरोध किया तो उसपर यह आरोप लगाया जा रहा है। पुलिस ने दोनों की कोरोना जांच कराई है             


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण




यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)









 अगस्त 28, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-14 (साल-02)
2. शुक्रवार, अगस्त 28, 2020
3. शक-1943, भाद्रपद, शुुुक्ल-पक्ष, तिथि-दसवीं, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:27, सूर्यास्त 07:10


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेगी।


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