गुरुवार, 27 अगस्त 2020

झूठा आरोप लगाने पर जुर्माना 25 हजार

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महिला द्वारा उसके प्रेमी पर दुष्कर्म की झूठी शिकायत दर्ज कराने के खिलाफ 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। क्योंकि महिला ने मामले में शिकायत दर्ज करवाने के बाद मामले में कार्रवाई नहीं करने को कहा था।


जस्टिस आरडी धानुका और वीजी बिष्ट की पीठ ने महिला को चार सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र पुलिस कल्याण कोष में 25 हजार रुपये जमा कराने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि यदि जुर्माना नहीं दिया गया तो उसके प्रेमी के खिलाफ की गई एफआईआर रद्द नहीं होगी।


बताया जा रहा है कि महिला ने 16 मार्च को पालघर जिले के नालासोपारा पुलिस स्टेशन में अपने प्रेमी के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज करवाई थी, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसके प्रेमी ने उसे नशीला पदार्थ पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है।               


कोरोना वैक्सीन का सहीं ढंग से वितरण


बेंगलुरु। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या विश्वनाथन ने बुधवार को कहा कि कोविड-19 के वैक्सीन का दुनियाभर में सही ढंग से वितरण बड़ी चुनौती साबित होगा।उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि टीके के अधिकाधिक डोज अमीर देशों के पास न चले जाएं और इनका पूरी दुनिया में समान वितरण हो। हमें 2021 की शुरुआत तक कुछ अच्छी खबर मिल जानी चाहिए।


भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की पूर्व महानिदेशक स्वामीनाथन ने कहा कि इसके बाद बड़ी चुनौती यह सुनिश्चित करने की होगी कि अमीर देश सीमित मात्रा में उपलब्ध टीकों के अधिकाधिक डोज न ले लें और इन टीकों का पूरी दुनिया को आवंटन न्यायसंगत तरीके से हो।


आईआईएम बेंगलुरु में सार्वजनिक नीति केंद्र द्वारा ‘सार्वजनिक नीति एवं प्रबंधन’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए यह बात कही। आईआईएम बेंगलुरु ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।

भारत टीकों के उत्पादन का केंद्र
स्वामीनाथन ने कहा कि टीके के मामले में भारत अच्छी स्थिति में है क्योंकि यहां इस दिशा में कई कंपनियां काम कर रही हैं जिनमें कुछ अपने स्तर से तो कुछ साझेदारी में काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत टीकों के उत्पादन का केंद्र है।महामारी ने असमानताओं को बढ़ाया है। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने और लचीलापन बढ़ाने के लिहाज से सीखने का अवसर साबित हुआ है।             


रिपोर्ट की कॉपियां 'कैबिनेट' को भेजें

नई दिल्ली। आरबीआई ने अपनी सालाना रिपोर्ट में बताया है कि कोरोना संकट का सबसे अधिक नुकसान गरीबों पर हुआ है, ऐसे में अर्थव्यवस्था को दोबारा पटरी पर आने में काफी वक्त लग सकता है। इस मामले पर पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार को घेरा। अब पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं। चिदंबरम ने कहा है कि शायद ही पहले कभी किसी सरकार ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर को इस तरह इग्नोर किया होगा।


पी चिदंबरम ने ट्वीट में लिखा, “RBI के गवर्नर को RBI की सालाना रिपोर्ट की कई कॉपियां अंग्रेजी और हिंदी में प्रधानमंत्री और कैबिनेट के हर एक मंत्री को भेजनी चाहिए।


चिदंबरम ने आगे लिखा, “पहले कभी किसी सरकार ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर को इस तरह इग्नोर किया होगा। शायद ही वित्त मंत्री और बैंक गवर्नर आपस में बात करते हों। गवर्नर, मेरी संवेदनाएं आपके साथ हैं। आप एक सोए हुए व्यक्ति को जगा सकते हो लेकिन जो व्यक्ति सोने का नाटक कर रहा हो उसे कैसे जगाएंगे।

राहुल गांधी ने क्या कहा था
एक दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी आरबीआई की सालाना रिपोर्ट पर मोदी सरकार को घेरा था। राहुल ने ट्वीट में लिखा था, “RBI ने भी उस बात की पुष्टि कर दी जिसकी मैं महीनों से चेतावनी दे रहा हूं। जरूरी है कि सरकार खर्च बढ़ाए, उधार नहीं। गरीबों को पैसा दे, न कि उद्योगपतियों को टैक्स-कटौती। खपत से अर्थव्यवस्था को फिर शुरू करे। मीडिया द्वारा ध्यान भटकाने से न गरीबों की मदद होगी, न आर्थिक आपदा सुलझेगी।             


वैज्ञानिकों ने मास्क को लेकर किया 'दावा'

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) सहित अन्य अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक एन-95 मास्क कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार को घटाने में सर्वाधिक कारगर हो सकता है। उन्होंने सुझाव दिया है कि कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिये मास्क नहीं पहनने से बेहतर है कि किसी न किसी तरह का मास्क पहना जाए।


अध्ययनकर्ताओं ने इस बात का जिक्र किया कि खांसने और छींकने के दौरान श्वसन तंत्र से हवा में निकलने वाली सूक्ष्म बूंदें कोविड-19 जैसे संक्रामक रोग के प्रसार का सबसे बड़ा कारण है। इसरो से पद्यमनाभ प्रसन्न सिम्हा और कर्नाटक स्थित जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च के प्रसन्न सिम्हा मोहन राव ने इस संबंध में प्रयोग और अध्ययन किया। यह अध्ययन जर्नल फिजिक्स ऑफ फ्लूइड्स में प्रकाशित हुआ है।               


टीक-टोक के सीईओ ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली। मशहूर सोशल मीडिया एप टिकटॉक के सीईओ केविन मेयर ने कई संकट में कंपनी के घिरने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।







 






भारत में लोकप्रियता के चरम पर होने के बाद बैन लगने से टिकटॉक की हालत खराब हो गई थी। उसके बाद अमेरिका में टिक टॉक पर बैन लगाने पर सरकार कदम उठाने जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कंपनी को चेतावनी दे दी है कि या तो कंपनी अपना अमेरिकी बिजनेस बेचे या फिर अमेरिका ये ऐप बैन कर देगा। दरअसल, केविन मेयर को चार महीने पहले ही TikTok का सीईओ बनाया गया था। केविन मेयर ने इस्तीफे से पहले कहा कि, पिछले कुछ हफ़्तों में पॉलिटिकल इन्वॉयरमेंट काफ़ी बदल गया है। बदले हुए हालात में मेरे लिए जो करना मुमकिन था, मैंने किया। TikTok के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी केविन मेयर के फ़ैसला का सम्मान करती है। अमेरिका में टिक टॉक ऐप पर कभी भी बैन लग सकता है।               


शासन-प्रशासन से नहीं मिल रही है मदद

रायपुर/बिलासपुर। बिलासपुर जिले के तखतपुर से तकरीबन 10 किलोमीटर दूर स्थित चितावर गांव में अंधाधुंध बारिश और बाढ़ के कारण हुई नुकसानी से ग्रामीण अभी तक उबर नहीं पाए हैं। एक तरफ मनियारी का ठेल तो दूसरी तरफ छोटी नर्मदा के पानी का ठेला-ठेल.. भयंकरतम बारिश के कारण हुई दो-तरफा मार से चितावर गांव के किसानों, उनके घरों और धान की फसल का हाल "दो पाटन के बीच में" सरीखा हो गया है। भयंकर अतिवृष्टि ने इस गांव के किसानों की साढे तीन सौ एकड़ से भी अधिक कृषि भूमि पर लगी धान की फसल को पूरी तरह नष्ट और बर्बाद कर दिया है।


हालत यह है कि इस बर्बाद हो चुकी फसल को किसान ट्रैक्टर के जरिए जुताई कर उखाड़ रहे हैं, जिससे वहां फिर से धान की फसल लगाई जा सके। लेकिन मुश्किल यह है कि किसानों के पास इस समय धान का थरहा (नर्सरी) भी इतनी मात्रा में नहीं है जो सभी किसानों को रोपा के लिए पूरा हो सके। इसलिए कुछ किसान लईहरा (लईचोपी) पद्धति से धान की बोनी करने की जुगत भिड़ा रहे हैं। वहीं कुछ और किसान बाऊग पद्धति से पहले बोए गए खेतों से पौधे उखाड़ कर उन खेतों में रोपित करने की जुगत लगा रहे हैं, जिन खेतों में लगी धान की पूरी फसल को बारिश ने नष्ट कर दिया।             


बच्चों को सोच-समझकर खिलाएं 'बिस्कुट'

रायपुर। बच्चे जब 6 माह से ज्यादा के हो जाते हैं तो उन्हें ठोस आहार खिलाना शुरू कर दिया जाता है। ऐसे में कई लोग अपने बच्चों को बिस्कुट खिलाते हैं। बिस्कुट का टेस्ट बच्चों को अच्छा लगता है, जिसके कारण बच्चे आसानी से बिस्कुट खा लेते हैं। बच्‍चे को सभी बिस्‍कुट खिलाना सही नहीं होता है और इसके नुकसान भी हो सकते हैं। बिस्कुट प्रोसेस्ड होते हैं। इनमें कई तरह के प्रिजर्वेटिव्‍स डाले जाते हैं। इनमें रिफाइंड व्‍हीट फलोर, ट्रांस फैट, एडिटिव्‍स और कई सिंथेटिक तत्‍व भी मिलाए जाते हैं। बिस्कुट में मौजूद तत्व बच्चों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। बिस्‍कुटों में अधिक मात्रा में रिफाइंड शुगर का इस्तेमाल किया जाता है।


इनमें इस्तेमाल की जाने वाली शुगर रेगुलर ग्‍लूकोज से ज्‍यादा मीठी होती है, जिससे बच्चे मोटापे और डायबिटीज से शिकार हो सकते हैं। बच्‍चों को बिस्‍कुट से कोई पोषण नहीं मिलता है। मार्केट में बिकने वाले बिस्कुट बच्चों के लिए जंक फूड की तरह काम करते हैं। इससे एनर्जी तो मिलती है लेकिन पोषण नहीं। बिस्कुट में ट्रांस फैट का इस्तेमाल किया जाता है। इससे गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याएं भी हो सकती हैं। इसकी वजह से शरीर में गुड और बैड कोलेस्‍ट्रोल में असंतुलन आ सकता है। आप घर पर ही बच्चों के लिए बिस्कुट बना सकते है। इसमें आप रागी, बेसन, होल व्‍हीट आटे, ओट्स, मीठे के लिए खजूर का सिरप, गुड, घी आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।                 


महिला सिपाही के साथ किया दुष्कर्म

सिदगोड़ा। जमशेदपुर के सिदगोड़ा प्रोफेशनल कॉलेज कोविड केयर सेंटर में एक महिला सिपाही के साथ दूसरे सिपाही ने दुष्कर्म किया। घटना 20 अगस्त की है। 24 अगस्त को थाने में शिकायत के बाद आरोपी सिपाही अनिल सिंह को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।


अनिल सिंह सिदगोड़ा थाने का सिपाही है, जो कोविड सेंटर में ही सुरक्षा में तैनात था। वहीं, पीड़िता दहेज हत्या के मामले में गिरफ्तार सिदगोड़ा की एक महिला बंदी के साथ यहां प्रतिनियुक्त थी। महिला सिपाही ने बताया कि वह कोरोना पॉजिटिव बंदी के साथ कोविड केयर सेंटर में ड्यूटी पर थी। उसके पास सिपाही अनिल सिंह घटना वाले दिन शाम 6.30 बजे आया और बातचीत की। उसने महिला सिपाही से कहा कि नीचे वायरस के चलते कमरा ठीक नहीं है।


डीएसपी ने की जांच
घटना के दूसरे दिन पीड़िता ने अपने वरीय अधिकारी को पुलिस लाइन में जाकर घटना की शिकायत की, जिसमें डीएसपी सीसीआर के नेतृत्व में जांच टीम का गठन किया गया। जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर 24 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की गई और पीड़िता का एमजीएम अस्पताल में मेडिकल कराया गया। इसके बाद अनिल सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।


अनुकंपा पर हुई है बहाली
महिला सिपाही की बहाली अनुकंपा के आधार पर हुई है। उसके पति एएसआई थे, जिनकी पलामू में मौत हो गई थी। मृत्यु के बाद पत्नी को बहाल किया गया। महिला सिपाही सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर की निवासी है।


प्राथमिकी में एसटी-एससी धारा भी लगी
इधर, पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी ने उसे नीची जाति का कहकर प्रताड़ित किया। इसके आधार पर एसटी-एससी की धारा भी लगाई गई है। इसके साथ ही यदि कोई पुलिस वाला ड्यूटी के दौरान किसी से दुष्कर्म करता है तो उसपर अलग से 376 (2) की धारा लगायी जाती है। उस धारा का भी इस केस में इस्तेमाल किया गया है।


आरोपी सिपाही ने भी लगाए आरोप
इधर, सिपाही अनिल सिंह ने दुष्कर्म की घटना से इनकार करते हुए आरोप लगाया कि महिला सिपाही से उसका एक दोस्त पुलिस लाइन से मिलने आता था। वह भी पुलिस में ही है। वह आईसोलेशन वार्ड में चला जाता था। इसका उसने विरोध किया तो उसपर यह आरोप लगाया जा रहा है। पुलिस ने दोनों की कोरोना जांच कराई है             


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण




यूनिवर्सल एक्सप्रेस   (हिंदी-दैनिक)









 अगस्त 28, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-14 (साल-02)
2. शुक्रवार, अगस्त 28, 2020
3. शक-1943, भाद्रपद, शुुुक्ल-पक्ष, तिथि-दसवीं, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:27, सूर्यास्त 07:10


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै.। आद्रता बनी रहेगी।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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बुधवार, 26 अगस्त 2020

'ब्रिक्स गेम-2021' का भारत में आगाज

खेलों इंडिया गेम्स 2021 के दौरान ब्रिक्स गेम्स का आयोजन करेगा भारत: रिजिजू


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है,कि अगले साल होने वाले खेलो इंडिया गेम्स के दौरान ब्रिक गेम्स 2021 का आयोजन करने की योजना है। रिजिजू ने कहा, “खेलो इंडिया गेम्स 2021 के दौरान एक ही समय पर एक ही आयोजन स्थल पर ब्रिक्स गेम्स 2021 आयोजित किया जाएगा, ताकि देश के विभिन्न हिस्सों से हमारे खिलाड़ी जो खेलो इंडिया गेम्स में भाग लेंगे, उनके पास ब्रिक्स गेम्स को करीब से देखने और इसका लाभ उठाने का शानदार अवसर होगा।                                                   


भारत के पूर्व 'राष्ट्रपति' कोमा में पहुंचे

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गहरे कोमा में, वेंटिलेटर सपोर्ट जारी।


नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी गहरे कोमा में चले गए हैं। वह लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं। आर्मी रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल (आर एंड आर) ने बुधवार को जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा कि वह पिछले 16 दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं,और ब्रेन सर्जरी के बाद गंभीर स्थिति में हैं।               


वैक्सीनः भारत- रूस के बीच बातचीत जारी

दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन: भारत और रूस के बीच बातचीत जारी…स्वास्थ्य मंत्रालय ने कही ये बड़ी बात


मास्को। कोरोना वायरस की देसी वैक्सीन  कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में तेजी से काम तो हो ही रहा है, (रशियन वैक्सीन फॉर कॉविड 19) को लेकर भी भारत और रूस के बीच बातचीत चल रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि जहां तक स्पूतनिक वी वैक्सीन (कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक वी) की बात है। तो इसे लेकर भारत और रूस संपर्क में हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री में सेक्रटरी राजेश भूषण ने बताया कि दोनों देशों के बीच शुरुआती सूचनाएं साझा भी हो चुकी हैं। इस बीच सूत्रों ने जानकारी दी है,कि रूस ने स्पूतनिक-वी वैक्सीन को बनाने और उसके तीसरे चरण के परीक्षण को भारत में करने के लिए नई दिल्ली से सहयोग मांगा है।रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 11 अगस्त को कोरोना वायरस की वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ का ऐलान किया था। इसके साथ ही कोविड-19 के लिए वैक्सीन को मंजूरी देने वाला रूस दुनिया का पहला देश बन गया। रूस ने तब कहा था कि अगस्त के आखिर तक वैक्सीन को उतार दिया जाएगा। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने इस वैक्सीन के पहले बैच का उत्पादन भी कर लिया है। हालांकि, ‘स्पूतनिक वी’ को लेकर विशेषज्ञों ने यह कहकर चिंता जताई है कि इसे बनाने में तय प्रोटोकॉल्स का पालन नहीं किया गया है और यह असुरक्षित हो सकती है।
रूस ने भारत से कोविड-19 वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ को बनाने और भारत में उसके तीसरे चरण के परीक्षण के लिए सहयोग मांगा है। सरकारी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी भाषा को बताया कि कोविड-19 टीके से जुड़े राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की 22 अगस्त को हुई पिछली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई।‘स्पूतनिक वी’ का विकास ‘गमालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी ऐंड माइक्रोबायलॉजी’ और ‘रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड’ (आरडीआईएफ) ने मिलकर किया है। इस वैक्सीन के बारे में सीमित डेटा को लेकर कई तबकों ने संदेह जाहिर किया है। सरकार के एक सूत्र ने कहा, ‘रूस सरकार ने भारत सरकार से कोविड-19 के टीके ‘स्पूतनिक वी’ की मैन्यूफैक्चरिंग और यहां इसका तीसरे चरण का परीक्षण करने के लिए सहयोग मांगा है।’
सूत्र ने कहा, ‘जैव प्रौद्योगिकी विभाग और स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग से मामले को देखने को कहा गया है। रूस सरकार के अधिकारियों ने ‘स्पूतिनक वी’ के बारे में कुछ सूचना और डेटा साझा किया है, जबकि टीके के प्रभाव व सुरक्षा से जुड़े अन्य डेटा का इंतजार किया जा रहा है।’ यह पूछे जाने पर कि क्या रूस सरकार ने भारत में ‘स्पूतनिक वी’ के विनिर्माण के लिए कोई औपचारिक आग्रह किया है, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जहां तक स्पूतनिक वी टीके का सवाल है तो भारत और रूस दोनों संपर्क में हैं। कुछ शुरुआती सूचना साझा की गई है, जबकि कुछ ब्योरे का इंतजार है।’
सूत्रों के अनुसार, भारत में रूस के राजदूत निकोलय कुदाशेव ने प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के। विजय राघवन और साथ में जैव प्रौद्योगिकी व स्वास्थ्य अनुसंधान विभागों के सचिवों से इस बारे में संपर्क किया है।               


कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...