मंगलवार, 7 जुलाई 2020

अंतरराष्ट्रीय कोर्ट पहुंचा उइगर मामला

कविता गर्ग


बीजिंग। चीन में उइगर समुदाय पर जारी मानवाधिकार उल्लंघन और शोषण का मामला अब इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट पहुंच गया है। उइगर समुदाय से जुड़ी संस्था ईस्ट टर्किश गर्वमेंट और ईस्ट तुर्किस्तान नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट ने चीन के खिलाफ कोर्ट में उइगर समुदाय के नरसंहार, मानवाधिकार उल्लंघन और शोषण का मामला दर्ज कराया है।


उइगर समुदाय की निर्वासित सरकार ने कोर्ट से कहा है कि वह बीजिंग को उइगर नरसंहार और क्राइम अगेंस्ट ह्यूमैनिटी के मामलों में सवाल करे। ये पहला मामला है जब चीन से अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अंतर्गत उइगर समुदाय पर जारी अत्याचार से संबंधित पूछताछ की जा सकती है।


लंदन के वकीलों के एक समूह ने चीन में उइगर समुदाय पर जारी अत्याचार और हजारों उइगरों को कानून का उल्लंघन कर कंबोडिया और तजिकिस्तान डिपोर्ट किये जाने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने भी मामले में रूचि जाहिर की है और चीन पहली बार जांच के घेरे में आ सकता है। इस केस में जिनपिंग समेत कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार से जुड़े 80 लोगों पर उइगर समुदाय के नरसंहार का आरोप लगाया गया है। वहीं आशंका जतायी जा रही है कि इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट में नरसंहार, युद्ध अपराध और अन्य मानवाधिकार हनन के अंतरराष्ट्रीय मामलों की सुनवाई होती है। तो इस बात का पूरा शक है कि चीन इस कोर्ट के अधिकार क्षेत्र को नहीं मानेगा और जांच के लिए तैयार होगा।


अपील दायर करने वाले वकीलों में से एक रॉनडी डिक्सन ने कहा कि नरसंहार के मामलों में कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में चीन भी आता है। चीन और कंबोडिया दोनों देश कोर्ट के सदस्य हैं और इस नजर से ये एक निजी नहीं अंतरराष्ट्रीय मामला भी है। उन्होंने कहा कि ये बेहद अहम केस साबित हो सकता है।क्योंकि चीन को मानवाधिकारों के हनन और उइगर नरसंहार के लिए अभी तक किसी भी जवाबदेही का सामना नहीं करना पड़ा है।


मुठभेड़ में जवान शहीद, आतंकी मारा

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के गुसो सेक्टर में मंगलवार सुबह से ही भारतीय सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जारी है। सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में एक आतंकी को मार गिराया है। हालांकि इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों का एक जवान भी शहीद हो गया है।


बताया जा रहा है कि आतंकियों के साथ हो रही मुठभेड़ में फायरिंग के दौरान दो जवान घायल हो गये थे, जिसमें से एक जवान ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे की हालत गंभीर बताई जा रही है। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरक्षाबलों ने गुसो के एक घर में तीन आतंकियों को घेर रखा है और दोनों ओर से फायरिंग जारी है। सुरक्षाबलों को खुफिया सूचना मिली थी कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के गुसो सेक्टर में कुछ आतंकी छुपे हुए हैं। खबर थी कि आतंकी एक घर में छुपकर किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की योजना तैयार कर रहे हैं।


सूचना के आधार पर सेना ने स्थानीय पुलिस और सीआरपीफ की एक टोली के साथ मिलकर एक टीम तैयार की और इलाके को घेरना शुरू कर दिया। खुद को घिरता देख आतंकियों ने घर के अंदर से ही फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना में सेना क एक जवान और जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक जवान घायल हो गए। घायलों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाके के दौरान एक जवान शहीद हो गया। वहीं सुरक्षा बलों ने भी एक आतंकी को मार गिराया गया है। भारतीय सुरक्षाबलों ने अभी भी पूरे इलाके को घेर रखा है।


मलाईदार पदों को लेकर हुई खींचतान

शंभू नाथ गौतम


नई दिल्ली/भोपाल। कई दिनों की जद्दोजहद करके केंद्रीय नेतृत्व ने पिछले दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच मंत्री पद पाने के लिए मची खींचतान को केंद्रीय नेतृत्व बड़ी मुश्किल से सुलझा पाया था । हाल ही में हुए मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल गठन में सिंधिया शिवराज सिंह से बाजी मार ले गए थे । सिंधिया का राज्य सरकार में बढ़ता जा रहा कद सीएम शिवराज सिंह के लिए नाक का सवाल बन गया है । मंत्रिमंडल गठन को 4 दिन पूरे हो गए हैं उसके बाद भी विभागों का अभी तक बंटवारा नहीं हो सका है । एक बार फिर सिंधिया ने अपने गुट के बने मंत्रियों को मलाईदार विभाग देने के लिए केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव डाल रखा है । सिंधिया के इस कदम से चौहान एक बार फिर मुश्किल पड़ गए हैं । इस मामले को सुलझाने के लिए चौहान एक बार फिर दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं । रविवार शाम अचानक मुख्यमंत्री चौहान दिल्ली पहुंच गए । राजधानी में शिवराज ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है । उसके बाद उन्होंने केंद्रीय संगठन के नेताओं से भी मिलकर इस मसले को सुलझाने की पैरवी कर रहे हैं। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की भाजपा केंद्रीय नेतृत्व में इतनी गहरी पैठ हो चुकी है कि शिवराज सिंह को ही मुख्यमंत्री बनने के बाद कई बार समझौता भी करना पड़ा है । मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज व एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखने वाले पूर्व मंत्री व विधायक अजय विश्नोई ने फिर पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।


ज्योति राजे सिंधिया मध्यप्रदेश सरकार में अपनी हिस्सेदारी बराबर चाहते हैं—


ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से भाजपा का दामन थामा है तभी से मध्य प्रदेश की राजनीति को लेकर बहुत ही एक्टिव नजर आ रहे हैं । सिंधिया शिवराज सिंह चौहान की सरकार में अपनी बराबर की हिस्सेदारी चाहते हैं, लेकिन यह शिवराज को हजम नहीं हो रहा है । तभी मध्य प्रदेश सरकार के हर एक फैसले को लेकर दोनों नेता आए दिन दिल्ली में अपनी-अपनी फरियाद लेकर पहुंच जाते हैं । हम आपको बता दें कि शिवराज सिंह सरकार में सिंधिया समर्थकों के 12 विधायक मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं । जिनमें से सात को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है । इन्हीं कैबिनेट मंत्रियों को लेकर सिंधिया अहम विभाग पाने के लिए केंद्रीय भाजपा आलाकमान पर दबाव बढ़ा रहे हैं । मंत्रिमंडल के गठन के बाद अभी तक राज्य सरकार के मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं किया जा सका है । सिंधिया के जबरदस्त हस्तक्षेप होने से शिवराज सिंह चौहान इस बार खुलकर अपनी सरकार नहीं चला पा रहे हैं । भाजपा के सामने यह मुश्किल भी है कि सिंधिया खेमे के साथ कांग्रेस से भाजपा में लौटे हरदीप डंग, बिसाहूलाल सिंह और एंदल सिंह कंसाना को भी विभाग देने हैं। ये तीनों कैबिनेट मंत्री बने हैं।


गठबंधन हो या समर्थन वाली सरकारों में नहीं बैठ पाता है सामंजस्य–


हम आपको देश की राजनीति में 24 वर्ष पीछे लिए चलते हैं । वर्ष 1996 में जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिर गई थी । उसके बाद एच डी देवगौड़ा के नेतृत्व में कई दलों ने मिलकर सरकार बनाई थी, देवगौड़ा उस समय प्रधानमंत्री बने थे । कुछ समय बाद ही केंद्र सरकार में खींचतान शुरू हो गई थी । आखिरकार सरकार को देवगौड़ा चला नहीं पाए और एक साल के अंदर ही उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था । उसके बाद कांग्रेस समेत कई दलों ने इंद्र कुमार गुजराल को प्रधानमंत्री बनाया था । गुजराल भी अपनी सरकार खुलकर नहीं चला पाए थे उन्हें भी लगभग 1 साल के अंदर का प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था । उसके बाद वर्ष 1998 में लोकसभा चुनाव हुए थे फिर अटल बिहारी वाजपेयी ने कई दलों के साथ सरकार बनाई थी । लेकिन अगले साल वर्ष 1999 में अटल की भी सरकार गिर गई थी । हम अगर बात करें उत्तर प्रदेश में तो भाजपा-बसपा की भी मिली-जुली सरकार बनी थी, यह भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकी । उसके बाद सपा और बसपा ने जब यूपी में अपनी सरकार बनाई उसका भी यही हाल रहा था । मौजूदा समय में अगर महाराष्ट्र की बात करें तो वहां भी शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन की सरकार चल रही है । महाराष्ट्र सरकार में तीनों दलों के बीच खींचतान मची रहती है।


'आप' ने बिगाड़ा, भाजपा संभाल रही

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
नई दिल्ली। दिल्ली में आप सरकार कोरोना आपदा प्रबंधन में पूरी तरह विफल साबित हुई है। इसलिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह स्थिति संभालने के लिए निकलना पड़ा। उन्होंने दिल्ली की बेहाल स्वास्थ सेवाओं व जांच पर ध्यान दिया। अनेक सुधार किए। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के सीमावर्ती यूपी व हरियाण सरकार से संवाद किया। अब साझा रणनीति के तहत स्थिति को संभालने का प्रयास किया जाएगा। दिल्ली से जिस प्रकार एक साथ लाखों श्रमिकों का पलायन शुरू हुआ,उसके पीछे तो लापरवाही ही नहीं बल्कि साजिश की भी आशंका व्यक्त की जा रही है। ऐसी भयावह स्थिति में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिम्मेदारी  से काम किया। उन्होंने करीब चालीस लाख श्रमिकों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य किया। इसी के साथ दूसरे राज्यों से आने वाले श्रमिकों की जांच की गई। उनको आवश्यकता के अनुरूप चिकित्सा,राशन किट व एक हजार रुपये भी दिए गए। इसी दौरान उत्तर प्रदेश में श्रमिक कामगार सेवायोजन आयोग गठित हो गया। सवा करोड़ श्रमिकों कामगारों को रोजगार भी मिल गया। योगी ने यह सब ना किया होता तो अरविंद केजरीवाल सरकार की अदूरदर्शिता बहुत दिल्ली के साथ ही उत्तर प्रदेश,हरियाणा, बिहार आदि के लिए भारी समस्या पैदा कर देती। स्पष्ट है कि आप के द्वारा पैदा की गई विकट समस्या का समाधान योगी आदित्यनाथ ने किया। उधर दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला। उन्होंने दिल्ली की सीमा से लगे उत्तर प्रदेश व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों से बात की। अब सभी लोग समन्वय के साथ आप सरकार द्वारा बिगाड़ी गई स्थिति का समाधान करेंगे। योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली से पलायन करने वाले श्रमिकों की समस्या का बेहतरीन समाधान करके दिखा दिया। दिल्ली की आप सरकार ने समस्या का समाधान नहीं कर सकी। कुछ दिन तो विज्ञापन के बल पर निकल गए। लेकिन जनता की नाराजगी के बाद उनको सच्चाई स्वीकार करनी पड़ी।  उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने कहा कि अकेले दिल्ली में लाख से ज्यादा कोरोना केस हो जाएंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि  दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के लोगों का इलाज नहीं किया जाएगा। बिडम्बना देखिए अरविंद केजरीवाल स्वयं दिल्ली के नहीं है। फिर दिल्ली सरकार ने इलाज की बात भी बन्द कर दी। कहा कि  बीमार व्यक्ति घर पर ही कवारन्टीन रहें। केजरीवाल का कथित प्रबंधन देखिए,उन्होंने दिल्ली के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक तक नहीं की। यह कार्य भी अमित शाह ने किया। केजरीवाल सरकार कोरोना काल में जरूरतमन्दों के लिए भोजन दवा तक की व्यवस्था करने में विफल रही थी। दिल्ली के अलावा महाराष्ट्र,पश्चिम बंगाल की सरकार भी राजनीति करती रहीं,ये सभी आपदा प्रबंधन में फेल रही। अपनी वोटबैंक राजनीति के कारण इन्होंने केंद्र सरकार की गाइडलाइन के विपरीत आचरण किया। इसी के तहत तबलीगी जमात पर नकेल नहीं कसी गई।  प्रवासी मजदूरों को सहायता नहीं दी गई,इस कारण वह पलायन के लिए विवश हुए। जब केंद्र सरकार ने मजदूरों के हित में ट्रेन चलाने की घोषणा की तो ममता बनर्जी ने ट्रेन लेने से इनकार कर दिया। लॉकडाउन के समय दिल्ली में  साजिश के तहत मजदूरों के बीच भ्रामक सूचना पहुंचाई गई कि बॉर्डर पर बसें खड़ी हैं। आप सरकार की लापरवाही के चलते एक सौ सात देशों से ज्यादा कोरोना केस अकेले दिल्ली में हो गए।
आप संस्थापको में एक कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली सरकार आपदा प्रबंधन की जगह विज्ञापन और मीडिया मैनेजमेंट में लगी रही। जबकि अमित शाह ने राजनीति से ऊपर उठकर प्रबंधन पर अमल शुरू किया। उन्होंने दिल्ली के स्वास्थ व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। अस्पतालों का निरीक्षण किया। इसके बाद दिल्ली एनसीआर की  बैठक बुलाई। इसमें दिल्ली,हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हुए। इसमे केंद्र व तीनों राज्यों की साझा रणनीति बनाई गई। रैपिड एंटीजन टेस्टिंग का उपयोग कर संक्रमण फैलने की दर कम करने और मरीजों को जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती करने पर जोर दिया।


पागल सियार में 19 को किया घायल

पागल सियार ने 19 को किया घायल


विकी कुमार


गाजीपुर। नंदगंज थाना क्षेत्र के कोरयाडीह सम्मनपुर गांव में सोमवार की रात पागल सियार हमला कर लगभग दो दर्जन लोगों को घायल कर दिया। घायलों का उपचार प्राथिमक स्वास्थ्य केंद्र पर कराया गया। घटना के संबंध में ग्राम प्रधान इरफान अहमद की माने तो कोरयाडीह सम्मनपुर गांव में सोमवार की रात करीब 9 से 12 के बीज घर के बाहर सोए लोगों के ऊपर पागल सियार ने हमला कर दिया। इस हमले में चन्द्रिका यादव (60),पंकज कुमार (20), तारा देवी (40),अंचल राम (25), शैलेन्द्र कुमार (30),अमरनाथ (45), संजय यादव (35),सनोज यादव (28), अभिषेक यादव (15), धर्मपाल यादव (35),सीमा यादव (30),वीनीत यादव (30), अजीत यादव (25),परमजीत कुमार (18),आनन्द राम (20), शुभम राम (20), मुकेश कुमार (20),जंगबहादुर यादव (50), रमेश पाल (55) घायल हो गए। आनन-फानन में लोग घायलों को प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र देवकली लाए। डा. धर्मेन्द्र कुमार पांडेय, मुकर्रम जसीम ने सभी घायलों को एआरबी इन्जेक्शन लगाकर मरहम पट्टी किया। सियार के इस हमले से ग्रामीणों में भय व्याप्त है।



हाइब्रिड बीजों पर नहीं मिलेगी सब्सिडी

हाइब्रिड बीजों पर किसानों को नहीं मिलेगी सब्सिडी ।

अमानीगंज/अयोध्या। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि तथा लॉकडाउन की मार झेल रहे किसानों को सरकार ने एक और झटका दिया है। प्रदेश सरकार ने हाइब्रिड धान के बीज पर मिलने वाली सब्सिडी खत्म कर दी है। अब किसानों को सिर्फ केंद्र सरकार की ही सब्सिडी मिलेगी। पिछले वर्ष तक इन पर 50 फीसदी सब्सिडी मिली थी। अयोध्या जनपद में हाइब्रिड धान का बीज मुहैया कराने वाली अनुबंधित कंपनियों द्वारा किसानों को बिल न दिए जाने से यह मुसीबत और भी बढ़ गई है। बिल न मिलने से किसान सब्सिडी के लिए आवेदन ही नहीं कर पा रहे हैं।

किसानों की आय और उपज बढ़ाने के लिए विगत वर्षों में अनुदान पर दिए जाने वाले धान के हाइब्रिड बीजों पर इस वर्ष सब्सिडी न मिलने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। महंगे दामों पर मिलने वाले हाइब्रिड बीजों का प्रचलन किसानों में बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा हाइब्रिड बीजों की खरीद पर सब्सिडी दी जाती थी। हाइब्रिड बीजों पर किसानों को 50% तक की सब्सिडी डीवीटी के माध्यम से उनके खातों में दी जाती थी।

घटौली निवासी किसान रमापति पाण्डेय ने बताया कि उन्होंने कृषि विभाग द्वारा अधिकृत शुभम बीज भंडार खंडासा से पायनियर कंपनी का 27 पी 31 बीज क्रय किया था लेकिन दुकानदार द्वारा बताया जा रहा है कि इस वर्ष कंपनी द्वारा बिल बुक नहीं मुहैया कराई गई है जिससे बिल नहीं दिया जाएगा। कोटिया निवासी किसान योगेंद्र प्रताप ने बताया कि उन्होंने भी उक्त दुकान से ही हाइब्रिड बीज क्रय किया था लेकिन दुकानदार ने बताया कि इस बार सब्सिडी नहीं मिलेगी।

अमानीगंज बीज गोदाम के प्रभारी राजकुमार सिंह ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा अधिकृत दुकानों से बीज क्रय करने वाले किसानों को खरीद का बिल न दिए जाने से अनुदान के लिए उनका प्रस्ताव नहीं भेजा जा रहा है। 

जिला कृषि अधिकारी अयोध्या ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी खत्म कर दी गई है सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी ही किसानों को मिल सकेगी वह भी इस वर्ष लक्ष्य कम होने के कारण कम किसानों को ही सब्सिडी मिल सकेगी।

रिलायंस पूंजीकरण 12 लाख करोड़ पार

नई दिल्ली। लाकडाउन में जियो प्लेटफॉर्म्स में एक लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश और जियोमीट ऐप के आमजन को उपलब्ध कराये जाने के बीच मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सोमवार को नया धमाल किया और उसका बाजार पूंजीकरण 12 लाख करोड़ को पार कर गया।


शेयर बाजारों में देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस के शेयरों में आज कारोबार की शुरुआत से ही रिकार्ड तेजी देखने को मिली। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर रिलायंस के शेयर ने अब तक के शिखर 1858 रु के स्तर को छुआ। बाजार बंद होने पर कंपनी का बाजार पूंजीकरण 12 लाख 16 हजार करोड़ रुए आंका गया। बारह लाख करोड़ का मार्केट कैप आंकड़ा आज तक देश की कोई भी कंपनी नहीं छू सकी है। सोमवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर रिलायंस के दो करोड़ 16 लाख से अधिक शेयरों की खरीद फरोख्त हुई। शेयर शुक्रवार के बंद भाव से 3.75 प्रतिशत ऊपर 1855 रु पर बंद हुआ।


रिलायंस के शेयर का बाजार पूंजीकरण 11.76 लाख करोड रुपये और 957 रुपये कीमत से आंशिक भुगतान वाले शेयर का 40442 करोड रुपये मिलाकर 12.16 लाख करोड रुपये यानी 163.1अरब डालर हो गया। कंपनी ने 19 जून को लक्ष्य से पहले पूरी तरह कर्जमुक्त होने की घोषणा की थी। उसी दिन कंपनी का बाजार पूंजीकरण 11 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर गया था। उसके बाद मात्र 11 कारोबारी सत्रों में कंपनी का बाजार पूंजीकर 11 से 12 लाख करोड़ रु को पार कर गया। ब्रोकरेज हाउस भी रिलायंस के शेयर को लेकर तेजी के पक्ष में हैं। एंजेल ब्रोकिंग ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को एक्युमुलेट रेटिंग दी है और इसके 1937 रु तक का लक्ष्य तय किया है।


रिलायंस का आंशिक भुगतान वाला शेयर भी सोमवार को अपने उच्चतम स्तर पर था। शेयर 896 रु के भाव पर खुला और 958.70 रु के उच्चतम स्तर को छुआ। बाजार बंद होने पर रिलायंस के आंशिक भुगतान शेयर का भाव 952.90 रु था। रिलायंस जियो ने अपना वीडियो कांफ्रेंसिंग ऐप जियोमीट गुरूवार को लॉन्च किया था। वहीं रिलायंस की अनुषंगी जियो प्लेटफॉर्म्स में शुक्रवार को 12 वें विदेशी निवेश की घोषणा हुई थी। मशहूर कम्प्यूटर चिप निर्माता इंटेल के जियो प्लेटफॉर्म्स में निवेश की घोषणा के बाद सोमवार को कंपनी के शेयर में खासी तेजी देखने को मिली।


पिछले दो माह में जियो प्लेटफॉर्म्स में हिस्सेदारी बेच कर रिलायंस समूह ने करीब 1.17 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं। कंपनी ने राइट्स इश्यू भी ओवर सब्सक्राइब हुआ था और इसके तहत कंपनी ने 53,124.20 करोड़ रु बाजार से इकट्ठा किए थे। कंपनी डिजिटल कारोबार एवं जियोमार्ट के विस्तार और कर्ज में कमी लाने के लिए इस राशि का इस्तेमाल करना चाहती है। गत ग्यारह सप्ताह में रिलायंस के बाजार पूंजीकरण में 3.7 लाख करोड रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।


हुड्डा ने विधायक दल की बैठक ली

राणा ओबरॉय


चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक ली। इसमें बरोदा उप चुनाव जीतने की रणनीति पर मंथन किया गया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आज बरोदा की जनता पूरी तरह कांग्रेस पार्टी के साथ खड़ी है। क्योंकि कांग्रेस के कार्यकाल के दौरान बरोदा में खूब विकास के कार्य हुए लेकिन बीजेपी के पास गिनाने के लिए आज कोई भी काम नहीं है। बैठक में एक-एक करके सभी विधायकों ने अपने सुझाव दिए। किरण चौधरी और कुलदीप वत्स ने digital app के जरिए बैठक में हिस्सा लिया और अपने सुझाव दीजिए।


आदमपुर से विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री खट्टर को चुनौती देकर दमदार शुरुआत की है। इससे पार्टी के तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ा है। इसी जोश, एकजुटता और रणनीतिक प्रबंधन के साथ कांग्रेस इस चुनाव को जीतेगी। किरण चौधरी ने कहा कि आज प्रदेश की जनता बीजेपी से पूरी तरह त्रस्त हो चुकी है। इससे जनता को निजात दिलवाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की है। इसलिए कांग्रेस को बरोदा उपचुनाव में धमाकेदार जीत दर्ज करनी है। रघुवीर कादयान ने कहा कि जनता आज महंगाई, अपराध, बेरोजगारी और घोटालों से परेशान है। इस चुनाव में बीजेपी की नाकामियों को जनता के सामने रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव में कांग्रेस की जीत तो तय है। लेकिन हमें जीत का अंतर इतना बड़ा देना है कि बीजेपी दूर-दूर तक मुकाबले में नजर ना आए।


बैठक में कई विधायकों ने राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा को बरोदा उपचुनाव का इंचार्ज बनाने का सुझाव बैठक में रखा। विधायकों का कहना था कि हल्के में दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पकड़ मजबूत है और तमाम नौजवान उनसे जुड़े हुए हैं। इसलिए वह पूरे चुनाव को अच्छे से मैनेज कर पाएंगे।


राव दान सिंह ने कहा कि चुनाव जीतने के लिए बीजेपी सरकार हर तरह के हथकंडे अपनाएगी, जिनका मजबूती से जवाब देना जरूरी है।


बैठक में वरुण मुलाना ने एक शैडो केबिनेट बनाने का सुझाव रखा। सभी विधायकों ने इस पर सहमति जताई। विधायकों का कहना है कि शैडो केबिनेट के ज़रिए तमाम सरकारी महकमों की कारगुजारियों को जनता के सामने अच्छे से एक्सपोज किया जा सकेगा। इससे सरकार की विफलताओं के बारे में जनता को बेहतर तरीके से पता चल पाएगा।


बैठक के बाद नेता प्रतिपक्ष ने प्रेस वार्ता को भी संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में सरकार नाम की चीज नजर नहीं आती। क्योंकि हरियाणा बेरोजगारी, अपराध और घोटालों से घिरा हुआ है। प्रदेश में ना आमजन सुरक्षित है और ना ही पुलिस वाले। बर्खास्त पीटीआई के मुद्दे पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दोहराया कि सरकार को इनका रोजगार बचाने के लिए अपनी विधाई शक्तियों का इस्तेमाल करना चाहिए। लेकिन सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो कांग्रेस सरकार बनने पर उन्हें वापिस रोजगार दिया जाएगा।


पत्रकारों पर मामला दर्ज कर भेजेंगे जेल

पत्रकारों पर FIR दर्ज कर भेजा जाएगा जेल?जानिए,केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने क्या कहा



नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर तरह-तरह का कुछ न कुछ  आग की तरह फैलता रहता है।जहां इस क्रम में यहां एक यह खबर फैल रही है कि RNI व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जो भी अखबार, टीवी न्यूज चैनल और इंटरनेट पर चल रहे वेब पोर्टल रजिस्ट्रर्ड नहीं हैं और वह पत्रकारों की नियुक्ति कर रहे हैं। उनपर कड़ी कार्रवाई होगी। क्योंकि RNI व केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से रजिस्टर्ड न होने पर पत्रकारों को नियुक्त करना और उन्हें प्रेस आईडी कार्ड जारी करना दंडनीय है। इसके अलावा इनसे सम्बन्ध रख और इनके प्रेस आईडी कार्ड लिए जो भी पत्रकार पत्रकारिता कर रहे हैं। उनपर FIR दर्ज करने के साथ उन्हें जेल भेजा जाएगा।यह सभी फर्जी पत्रकार की श्रेणी में आएंगे।


सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस पोस्ट में यह भी दावा किया जा रहा है कि केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऐसा ऐलान किया है।वहीं, इस दावे में कितना दम है यह फेक खबरों की जांच करने वाली प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो ने बताया है।


PIBFactCheck में यह दावा एकदम गलत पाया गया है।PIBFactCheck के अनुसार, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ऐसा कोई ऐलान नहीं किया है और न ही मंत्रालय में इस प्रकार के प्रस्ताव पर कोई चर्चा है।इसलिए सोशल मीडिया पर वायरल होने वालीं इस प्रकार की खबरों से सावधान रहें।इनके चक्कर में न फंसे।



बिना काम निगम कर्मचारियों को वेतन

हीरेन्द्र सिंह राठौड़


नई दिल्ली। राजधानी के तीनों नगर निगमों में भ्रष्टाचार जोरों पर है। कहीं टेंडर घोटाले तो कहीं बिना काम किये फर्जी कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है। यहां तक कि कुछ कर्मचारियों को तो अफसरों ने अपनी निजी सेवा में लगा रखा है। एटूजैड न्यूज को मिले दस्तावेजों में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने खुद माना है कि कुछ कर्मचारियों को बिना काम के वेतन दिया गया है।


 दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नजफगढ़ जोन के उप स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) कार्यालय ने स्वीकार किया है कि कुछ कर्मचारियों को बिना काम के वेतन जारी किया गया है। मांगी गई जानकारी के जवाब में अधिकारियों ने यह भी कहा है कि ऐसे कर्मचारियों के वेतन से यह राशि भविष्य में काट ली जाएगी। अधिकारियों की नींद तब खुली जब आला अधिकारियों से सबूतों के साथ शिकायत की गई।


निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि फर्जीवाड़ा स्वीकारे जाने के बावजूद आला अधिकारियों ने संबंधित कनिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ काई कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि निगम अधिकारी यह भी नहीं बता पा रहे हैं कि उन्होंने साक्ष्य मिलने और मामला सामने आने के बाद उन कर्मचारियों का वेतन काटा या नहीं।


8 करोड़ सालाना का फर्जीवाड़ा
बताया जा रहा है कि दिल्ली के तीनों नगर निगमों में चल रहा ‘फर्जी हाजिरी घोटाला’ करीब 8 करोड़ रूपये सालाना का है। हर वार्ड में कुछ कर्मचारियों की फर्जी हाजिरी लगाकर वेतन उठाया जा रहा है। बिना काम के भुगतान की जा रही इस करोड़ों रूपये की राशि को नीचे से ऊपर तक बांटा जा रहा है। यही कारण है कि नगर निगमों के आला अधिकारी इस मामले में कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं हैं। ताजा मामला दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के वेस्ट जोन से सामने आया था।
फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ीं पौने चार करोड़ की बायोमैट्रिक
बताया जा रहा है कि करीब पौने चार करोड़़ रूपये की बायोमैट्रिक मशीनें नगर निगमों के आला अधिकारियों के फर्जी हाजिरी घोटाले की भेंट चढ़ गई हैं। तीनों नगर निगमों में करीब 4 हजार बायोमैट्रिक मशीनें लगाई गई थीं। लेकिन 2017 के निगम चुनाव के बाद से ही अधिकारियों ने पहले फील्ड और बाद में निगम कार्यालयों से इन बायोमैट्रिक मशीनों को हटाना शुरू कर दिया था। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों ने एक सवाल के जवाब में खुद माना है कि यहां 1498 बायोमैट्रिक मशीनें लगाई गई थीं, जो कि अब काम नहीं कर रही हैं।
लगाई जा रही हाजिरी रजिस्टर में हाजिरी
तीनों नगर निगमों में अब कर्मचारियों से हाजिरी रजिस्टर में हाजिरी लगवाई जा रही है। इस मामले में भी दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के अधिकारी फर्जीवाड़े में पहले स्थान पर साबित हुए हैं। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के वेस्ट और नजफगढ़ जोन में हाजिरी रजिस्टर में तो हाजिरी लगाई जा रही हैं, लेकिन कर्मचारियों के द्वारा नहीं बल्कि सर्कल इंचार्ज अपनी मर्जी से ए और पी के जरिए हाजिरी और गैर हाजिरी लगाते हैं। ताकि करोड़ों की कमाई के इस फर्जीवाड़े के कोई सबूत सामने नहीं आ सकें।
छिपाए किट, दवाई और मूवमेंट के रजिस्टर
प्राप्त जानकारी के मुताबिक वेस्ट जोन और नजफगढ़ जोन में पिछले सप्ताह तक मूवमेंट रजिस्टर, किट-दवाई व मास्क रजिस्टर में कर्मचारियों से साइन कराए जा रहे थे। लेकिन अब यह रजिस्टर भी छिपा दिए गए हैं। अधिकारी खुद कर्मचारियों के रजिस्टर में मूवमेंट आदि चढ़ा रहे हैं। ताकि यह साबित नहीं हो सके कि कौन कर्मचारी कब आया था और कब नहीं। कर्मचारियों सवाल पर सर्कल इंचार्ज का कहना होता है कि यह डीएचओ के आदेश पर किया जा रहा है।
आरोपी के हाथों में मामले की जांच!
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के वेस्ट जोन में चल रहे फर्जी हाजिरी घोटाले की जांच की जिम्मेदारी उप स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) डॉक्टर सौरभ मिश्रा को सोंपी गई है। बता दें कि निगम के आला अधिकारियों को दी गई शिकायत में डॉक्टर सौरभ मिश्रा के ऊपर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पहले तो निगम अधिकारी मामले को दबाए बैठे रहे, लेकिन मामला मीडिया में आने के बाद इसकी जांच की खानापूर्ति की जा रही है। निगमकर्मियों ने सवाल उठाए हैं कि किसी भी आरोपी को अपने खिलाफ जांच की जिम्मेदारी कैसे दी जा सकती है? क्या कोई व्यक्ति अपने खिलाफ जांच करने के बाद खुद को दोषी कह सकता है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 08, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-330 (साल-01)
2. बुधवार, जुलाई-08, 2020
3. शक-1943, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि- तीज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:27।


5. न्‍यूनतम तापमान 26+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। बरसात की संभावना।


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