मंगलवार, 7 जुलाई 2020

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 08, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-330 (साल-01)
2. बुधवार, जुलाई-08, 2020
3. शक-1943, श्रावण, कृष्ण-पक्ष, तिथि- तीज, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:27।


5. न्‍यूनतम तापमान 26+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
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सोमवार, 6 जुलाई 2020

कष्ट में भूटान, भारत से चिढ़ रहा चीन

अब भूटान को सता, भारत से चिढ़ रहा चीन


अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली/ बीजिंग/ मास्को। भारत और चीन के बीच सबकुछ अबतक ठीक भले न हुआ हो, लेकिन 15 जून के बाद हालातों को और बिगड़ने नहीं देने में रूस ने अहम रोल अदा किया है। रूस खुलकर सामने तो नहीं आया लेकिन उसकी कोशिश के बाद ही चीन ने भारत के 10 जवानों को छोड़ा था, वर्ना हालात और बिगड़ सकते थे। सहयोगी अखबार इकनॉमिक टाइम्स को इसकी जानकारी मिली है।
अब भूटान को सता, भारत से चिढ़ा रहा चीन 


दरअसल, 15 जून की रात गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हुए वहीं चीन के भी कई मारे गए, जिसकी साफ जानकारी उसने अबतक नहीं दी। इस पूरे घटनाक्रम में चीन ने भारत के 10 जवानों को पकड़ लिया था। भारत के पास भी चीन के कुछ जवान थे। फिर रूस के कहने पर चीन जवान छोड़ने को राजी हुआ था। रूस ने इसलिए की थी पहल
दरअसल, रूस ने 23 जून को एक मीटिंग रखी थी। इसमें रूस-इंडिया-चीन (RIC) के विदेश मंत्रियों को हिस्सा लेना था। लेकिन 15 जून के बाद भारत ने साफ कह दिया था कि ऐसे हालातों में चीन से बातचीत नहीं हो पाएगी। इसपर रूस ने चीन से बात शुरू की। कहा कि टेंशन को कम करने के लिए उसे भारतीय जवानों को छोड़ना चाहिए। रूस चाहता था कि तीनों देशों के बीच होनेवाली RIC पटरी से न उतरे।              



क्या है 'गुलाबी बर्फ' का रहस्य

रोम। बर्फ सफेद होती है इसे देखने और इसका आनंद लेने के लिए लोग पहाड़ों का रुख करते हैं। लेकिन आज हम आपको गुलाबी बर्फ के बारे में बताने जा रहे हैं। हालांकि गुलाबी बर्फ आज भी रहस्य बनी हुई है। इसकी जांच चल रही है। यह गुलाबी बर्फ इटली में देखी जाती है। इटली के वैज्ञानिक गुलाबी बर्फ के रहस्य का पता लगाने में जुटे हैं। 


माना जाता है कि ऐसा शैवाल के कारण होता है। शैवाल कहां से आते हैं इसे लेकर भी बहस चल रही है। वहीं इटली के राष्ट्रीय अनुसंधान परिषद के बायाजियो डी मौरो ने कहा कि प्रेना ग्लेशियर के कुछ हिस्सों पर देखी गई गुलाबी बर्फ ग्रीनलैंड में पाए जाने वाले एक पौधे के कारण होती है।


उनका कहना है कि यह कोई खतरनाक शैवाल नहीं है। यह प्राकृतिक हैं जो वसंत और गर्मियों के समय में देखे जाते हैं। इसे एंकिलोनिमा नॉर्डेंसकोइल्डि के रूप में भी जाना जाता है। माना जाता है कि यह ग्रीनलैंड के डार्क जोन में मौजूद है जहां बर्फ पिघल रही है। यह बर्फ धूप में तेजी से पिघलती है। तेज धूप में उन्हें पानी और हवा मिलती है। इस दौरान सफेद बर्फ में लाल रंग जुड़ जाता है। हालांकि इन सभी बातों को लेकर बहस जारी है।                         


श्रीराम 'निर्भयपुत्र'


दुनिया से 'जैविक-युद्ध' लड़ रहा है चीन

वाशिंगटन डीसी/ बिजिंग। कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच विवाद बढ़ चुका है। जबकि दक्षिण चीन सागर को लेकर दोनों देशों में पहले से तनाव रहा है। शनिवार को अमेरिका के दो युद्धपोत ने अभ्यास किया। अब चीन की ओर से इस पर प्रतिक्रिया आई है।


अमेरिकी युद्धपोत नजदीक आए तो चीन ने दी धमकी- हमारे पास खतरनाक हथियारः कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अमेरिकी युद्धपोतों के अभ्यास पर कहा है कि चीन की सेना की मेहरबानी है कि अमेरिका ऐसा कर रहा है। बता दें कि अमेरिकी युद्धपोतों के अभ्यास के वक्त ही चीनी सेना भी दक्षिण चीन सागर में अभ्यास कर रही थी। इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एक गैर क्षेत्रीय देश अपनी ताकत दिखा रहा है जो हजारों मील दूर स्थित है। वहीं, ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि दक्षिण चीन सागर पर पूरी तरह चीनी सेना का नियंत्रण है। चीनी सरकार का मुखपत्र समझे जाने वाले अखबार ने लिखा कि चीनी की सेना के पास युद्धपोत को नष्ट करने के लिए DF-21D और DF-26 जैसे काफी खतरनाक हथियार हैं। इन्हें एयरक्राफ्ट कैरियर किलर भी कहा जाता है।


अमेरिकी युद्धपोत नजदीक आए तो चीन ने दी धमकी- हमारे पास खतरनाक हथियारः चीन और अमेरिका, दोनों ही दक्षिण चीन सागर इलाके में तनाव के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।वहीं, अमेरिका में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने पर अमेरिका ने चीन पर कई गंभीर आरोप लगाए थे और यह भी कहा था कि ऐसे सबूत मिले हैं कि वायरस चीन की लैब से लीक हुआ। हालांकि, चीन इन आरोपों को झूठा बताता रहा है।


अभ्यास में यूएस नेवी का शक्ति-प्रदर्शन

बिजिंग/ वाशिंगटन डीसी। दक्षिण चीन सागर में जारी अमेरिकी युद्धाभ्‍यास में यूएस नेवी जोरदार शक्ति प्रदर्शन कर रही है। चीन की धमकी के बाद अमेरिका के 11 फाइटर जेट ने एक साथ साउथ चाइना सी के विवाद‍ित इलाके में उड़ान भरी। इस दौरान चीन केवल गीदड़भभकी देता रह गया। अमेरिका की इस आक्रामक कार्रवाई से भड़के चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स ने इसे शक्ति का खुला प्रदर्शन करार दिया।
दक्षिण चीन सागर में एक साथ उड़े 11 फाइटर जेट
परमाणु बम ले जाने में सक्षम अमेरिका के B-52H बमवर्षक विमान के साथ अमेरिका के 10 अन्‍य फाइटर जेट और निगरानी विमानों ने रविवार को एक साथ दक्षिण चीन सागर में उड़ान भरी। ये सभी विमान अमेरिकी एयरक्राफ्ट कैरियर निमित्‍ज से उड़ान भरे थे। यूएसएस निमित्‍ज के साथ यूएसएस रोनाल्‍ड रीगन एयरक्राफ्ट कैरियर भी युद्धाभ्‍यास में हिस्‍सा ले रहा है।               


चंद्रमौलेश्वर शिवांशु 'निर्भयपुत्र'


संक्रमण के विरुद्ध दीवार, आगरा मंडल

अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए एक बार फिर 'आगरा' मॉडल की तारीफ हो रही है। अब इसे मेरठ और गाजियाबाद में लागू किया जाएगा। इसके लिए आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) के वरिष्ठ चिकित्सक को शासन ने बुलाया है। 


एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. टीपी सिंह को मुख्यमंत्री के निर्देश पर गाजियाबाद और मेरठ में संक्रमण के नियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई है। वो लखनऊ में दो दिन रुककर कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज, जांच, आइसोलेशन वार्ड में इंतजाम, चिकित्सकीय स्टाफ की कार्ययोजना का आकलन करेंगे। इसके बाद आगरा में अपनाई जा रही कार्ययोजना, जांच, इलाज और बचाव की रिपोर्ट बनाकर मुख्यमंत्री के सुपुर्द की जाएगी। प्राचार्य डॉ. संजय काला ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों को रोकने के लिए योजना बनाकर काम किया है। अब यही मॉडल गाजियाबाद-मेरठ में लागू होगा। इसके लिए मेडिसिन विभाग के सीनियर चिकित्सक को शासन के निर्देश पर वहां भेजा गया है, वो आकलन कर आगरा मॉडल की व्यवस्थाओं की संस्तुति करेंगे।               


कोरोना पर 'आस्था' पड़ी भारी, चढ़ा जल

अतुल त्यागी, मुकेश सैनी


कोरोना पर आस्था भारी सावन के पहले सोमवार को मंदिरों में चढ़ा जल


हापुड़। सावन के पहले सोमवार को  देवों के देव महादेव की आराधना पूरे सावन लोग तन मन से करते हैं। ऐसे में कोरोना महामारी के चलते लोगों के मन में आस्था तो है लेकिन कहीं ना कहीं कोरोना वायरस महामारी का डर भी है। इसी के चलते कहीं मंदिरों में भीड़ देखने को मिली तो कहीं मंदिरों में इक्का-दुक्का ही व्यक्ति देखने को मिला यही हाल हापुड़ जनपद में गढ़मुक्तेश्वर तहसील के बृजघाट में देखने को मिली जहां गंगा के किनारे सावन के पहले सोमवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते थे तथा कांवड़ उठाते थे पूरे सावन प्रत्येक सोमवार को यह सिलसिला जारी रहता था तथा महाशिवरात्रि के पास तो यहां पर कई लाख की संख्या में लोग कांबड  उठाते थे जो गाजियाबाद, दिल्ली, बुलंदशहर, हरियाणा अन्य राज्यों तक जाते थे लेकिन आज नजारा कुछ और ही देखने को मिला जब हमारे संवाददाता बृजघाट पहुंचे तो उन्होंने देखा की गंगा किनारे कुछ ही लोग आ रहे हैं। वह भी अधिकांश वह लोग थे जिनको  किसी न किसी मजबूरी के चलते गंगाघाट आना पड़ रहा है। कोई अपने मृतक पूर्वजों की अस्थि विसर्जन करने आया है तो कोई अन्य जरूरी काम से आया ऐसे में घाट पर चंद लोग ही स्नान करते नजर आए। जब हमारी बात आरती समिति के एक पुजारी से हुई तो उन्होंने बताया कि पिछले सालों के मुकाबले इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा ना तो यहां से कांबड  उठेंगी क्योंकि शासन द्वारा साफ निर्देशित किया गया है कि ना तो कोई शिवभक्त जल उठायेगा और ना ही कांबड  उठाई जाएंगी कोरोना वायरस महामारी  के चलते लोगों का गंगा घाट पर आना बहुत ही कम हो गया है। जिसके कारण यहां पर लोगों को अन्य को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है जब हमारे   संवाददाता  द्वारा एक केवट से बात की गई तो उन्होंने बताया की गंगा घाट पर आज हम लोगों को अपना भरण-पोषण करना भारी पड़ रहा है क्योंकि श्रद्धालुओं का आवागमन कम है ऐसे में वे लोग कैसे अपना लालन पालन करें जब इस बाबत वहां बृजघाट व्यापारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के चलते उनका  काम पूरी तरह चौपट हो गया है सावन माह में जहाँ  लाखों की भीड़ हुआ करती थी और वे लोग एक अच्छा खासा बिजनेस करते थे आज उनकी  दुकानदारी में लाले पड़े हुए हैं और दुकानों में ताले पडे हुए है  इक्का-दुक्का आदमी आता है वह भी कोई सामान नही  खरीदता है  ऐसे में यहां व्यापारियों को अत्याधिक घाटा सहन करना पड़ रहा है तथा उनके जीविका चलाना अत्यंत ही कठिन हो गया है।


हमारे संवाददाता जब जनपद हापुड़ के थाना बाबूगढ़ क्षेत्र में स्थित ग्राम छपकोली  रामेश्वर महादेव मंदिर पर पहुंचे तो वहां देखकर दंग रह गए कि वहां सैकड़ों की संख्या में लोग आए हुए थे तथा मंदिर में जलाभिषेक कर रहे थे। हमारे संवाददाता को देखकर तत्काल पुलिस प्रशासन सचेत हो गया जहां एक तरफ शासन द्वारा साफ निर्देशित किया गया था कि लोग नियमों का पालन करें लेकिन यहां पर लोगों द्वारा  नियमों का पालन करने के लिए कोई तैयार ही नहीं था ना तो लोगो ने मुंह पर मास्क  लगा रखे थे और मंदिर के अंदर मूर्ति,शिवलिंग  को भी छू रहे थे। ऐसे में यदि कोई इंफेक्शन होता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा शासन प्रशासन या मंदिर समिति मंदिर समिति द्वारा भी वहां कोई इंतजाम नहीं था। जब हमारे संवाददाता जनपद के ही ग्राम सबली  स्थित प्राचीन शिव मंदिर पहुंचे तो वहां पर श्रद्धालु थे  तथा नियमों का समिति द्वारा पालन नही किया जा रहा था  इसी बीच अपर पुलिस अधीक्षक सर्वेश कुमार मिश्रा मंदिर के पास पहुंचे तथा मंदिर समिति को निर्देशित किया कि चप्पल जूते निकालने के लिए भी एक निश्चित स्थान बनाया जाए और बिना मास्क  के किसी को भी मंदिर के अंदर आने नहीं दिया जाए और उचित दूरी बनाते हुए  दर्शन कराए जाएं समिति विशेष ध्यान रखें कि व्यक्ति सामाजिक दूरी का पालन करें तथा मंदिर में जलाभिषेक के दौरान एक दूसरे से उचित दूरी पर रहे।          


कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...