गुरुवार, 2 जुलाई 2020

प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जुलाई 03, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-325 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, जुलाई-03, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- त्रयोदशी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 29+ डी.सै.,अधिकतम-40+ डी.सै.। तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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(सर्वाधिकार सुरक्षित)


 

 

बुधवार, 1 जुलाई 2020

भारत-चीन सैन्य अधिकारियों की बातचीत

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को हल करने के लिए भारत और चीनी सैन्य अधिकारियों के बीच 12 घंटे तक बातचीत चली। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी। सुबह 10.30 बजे शुरू हुई बैठक मंगलवार रात के 11 बजे समाप्त हुई। दोनों पक्षों के बीच यह बैठक चुशूल में हुई हालांकि मिली जानकारी के मुताबिक, इसका कोई प्रभावी नतीजा सामने निकलकर नहीं आया है। यह दोनों पक्षों के बीच हुई तीसरी बैठक है। कॉर्प कमांडर स्तर पर पिछली दो बैठकें 6 जून और 22 जून को हुई थीं।


मंगलवार को इस बैठक का आयोजन भारत की तरफ चुशूल में किया गया जबकि पहले की दो बैठकें चीन की तरफ मोल्डो में हुई थी। सूत्र के मुताबिक, मौजूदा गतिरोध के दौरान सभी विवादास्पद क्षेत्रों में स्थिति को स्थिर करने की दिशा में चचार्एं हुईं। चीन पैंगॉन्ग स्तो में वापस लौटने के लिए तैयार हो गया था, लेकिन वह गए नहीं। भारत ने फिंगर 8 पर वास्तविक नियंत्रण रेखा का दावा किया और चीनी फिंगर 4 और 5 प्वॉइंट एस के बीच बैठे हैं। देपसंग और देमचोक में इसी तरह की भिन्नता है। 22 जून को भी बातचीत लगभग 11 घंटे तक चली और दोनों पक्षों के बीच एक आपसी सहमति भी बनी।


भारतीय सेना ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में सभी विवादास्पद क्षेत्रों से पीछे हटने की बात पर चर्चा की गई थी। बैठक में जहां भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया, वहीं चीनी पक्ष का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला के मेजर जनरल लियु लिन ने किया। इस दौरान गलवान घाटी पर हुए हमले पर भी बात की गई थी, जिसमें भारत के बीस जवान शहीद हुए हैं।


टाटा स्टील को 1615 करोड़ की हानि







घाटे में गयी टाटा स्टील, मार्च तिमाही में 1,615 करोड़ रुपये की हानि 


नई दिल्ली। निजी क्षेत्र की प्रमुख इस्पात कंपनी टाटा स्टील को कोरोना वायरस महामारी के कारण नरम मांग तथा आपूर्ति में बाधाएं आने से 31 मार्च, 2020 को समाप्त तिमाही में 1,615.35 करोड़ रुपये का एकीकृत घाटा हुआ। टाटा स्टील ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एक साल पहले इसी तिमाही में कंपनी को 2,295.25 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। कंपनी ने कहा कि उसने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न अनिश्चितता को लेकर अपने परिचालन को तर्कसंगत बनाने और संभावित व्यवधानों का सामना करने के लिये नकदी बचाने का निर्णय लिया है। कंपनी की एकीकृत आय 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही में घटकर 35,085.86 करोड़ रुपये रही जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की इसी तिमाही में 42,913.73 करोड़ रुपये थी। इस दौरान कंपनी का कुल खर्च 33,272.29 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले यह 38,728.87 करोड़ रुपये था। कंपनी का शेयर सोमवार को 321.25 रुपये पर बंद हुआ । यह पिछले बंद से 0.82 प्रतिशत कम है।टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीवी नरेंद्रन ने कहा, वित्त वर्ष 2019-20 एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था पहली छमाही में नरम पड़ी है और इसके साथ ही वाहन उद्योग जैसे प्रमुख इस्पात खपत क्षेत्रों में मांग में कमी आयी है। हालांकि अर्थव्यवस्था दूसरी छमाही में पटरी पर लौटने लगी थी, लेकिन मार्च अंत में कोरोना वायरस महामारी ने अभूतपूर्व व्यवधान डाला और आर्थिक अनिश्चितता बढ़ गयी।ÓÓ उन्होंने आगे कहा कि अनिश्चित माहौल के मद्देनजर, कंपनी ने अपने परिचालन को पुनर्गठित करने और कारोबार को जोखिम से बचाने के साथ ही नकदी के संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, परिचालन से कंपनी का राजस्व साल भर पहले के 1,57,669 करोड़ रुपये से घटकर 1,39,817 करोड़ रुपये रहा। इस दौरान कर भुगतान के बाद का उसका लाभ भी 9,187 करोड़ रुपये से घटकर 2,337 करोड़ रुपये रहा।



 

 



 



 















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65 वीं वर्षगांठ पर योनो शाखा की शुरुआत

सातों दिन जमा करवा सकेंगे कैश
नई दिल्ली।
देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने 65वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर आज अत्याधुनिक योनो शाखा की शुरूआत करने की घोषणा की। एसबीआई का इंटीग्रेटेड डिजिटल और लाइफस्टाइल प्लेटफार्म योनो बैंकिंग इंडस्ट्री में ग्राहकों को मानव संवाद और डिजिटल इंटीग्रेशन के बेहतरीन मिश्रण के साथ बेहतर अनुभव देने वाला है। ये योनो ब्रांच तीन शहरों नवी मुम्बई, इंदौर और गुरूग्राम में शुरू की गई हैं जो इस योजना के पायलट प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इनके जरिए ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाया जाएगा। योनो ब्रांच अपने ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान केन्द्रित करेंगी।
एसबीआई ने अपने परम्परागत ब्रांच डिजाइन को बदलते हुए 'डिजिटल फर्स्ट' आपरेटिंग मॉडल पर काम करने का फैसला किया है। इसके सेल्फ सर्विस जोन में ग्राहक अपने चैक स्मार्ट चैक डिपोजिट कियोस्क में जमा करा सकेंगे, योनो कैश के जरिए नकदी निकलवा सकेंगेे। सप्ताह में सातों दिन कभी भी कैश जमा करा सकेंगे और पासबुक प्रिंट करवा सकेंगे। इसके लिए उन्हे शाखा के कर्मचारियों पर निर्भर नहीं रहना होगा। सेल्फ असिस्ट कियोस्क टच स्क्रीन कंसोल्स वाले हैं। इनसे ग्राहक योनो के जरिए कई तरह की सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे, जैसे एफडी बुक करना या नया खाता खोलना, यह सब काम वे खुद कर सकेंगे। डिजिटल सेवाएं प्राप्त करने के लिए समर्पित योनो होस्ट उनकी व्यक्तिगत सहायता करेेेंगे ताकि उनका बैंकिंग अनुभव आरामदायक रहे।
बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने कहा, ''हमें खुशी है कि योनो एसबीआई अब ज्यादा मजबूत और आक्रामक मॉडल के साथ सामने आ रहा है और बैंक के स्थापना दिवस के मौके पर हम इसे लॉंन्च करते हुए बहुत खुशी का अनुभव कर रहे हैं। हमें उम्मीद है कि योनो ब्रांच से ग्राहक डिजिटल बैंकिंग अपनाने के लिए सक्षम बन सकेंगे और सभी बैंकिंग सेवाएं आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। विशेष तौर पर डिजाइन की गई योनो ब्रांच में कई तरह की बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध रहेंगी और हमें उम्मीद है कि यहां से ग्राहक एक अनूठा और यादगार बैंकिंग अनुभव ले कर जाएंगे। एसबीआई में हम लगातार ग्राहकों को उत्पादों तथा सेवाओं में अपने नवाचारों से नए अनुभव देते रहे हैं। 


आतंकियों ने की दादा की हत्या, मार्मिक






आतंकियों की गोलियों से जान गवा कर सड़क पर गिरे व्यक्ति की, मृत देह पर बैठे बच्चे की तस्वीर जमकर हो रही वायरल

 

बारामुला। जम्मू कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में सी आर पी एफ जवानों के गश्ती दल पर आतंकियों द्वारा किए गए हमले की चपेट में आकर एक आम नागरिक भी मारा गया। आतंकियों ने नागरिक के शरीर को भी गोलियों से छलनी कर दिया। आतंकियों की गोलीबारी के बीच खासकर जान गवाने वाला यह नागरिक एक एक बच्चे के साथ कहीं जा रहा था। इसी बीच गोलीबारी में उसकी मौत हो गई और वह सड़क पर गिर पड़ा। यह सारा माजरा उसके साथ चल रहे बच्चे की समझ से परे था। सो वह जमीन पर गिरे व्यक्ति की मृत्यु पर ही बैठकर भयभीत होकर इधर-उधर देखता रहा। आतंकियों से लोहा ले रहे एक सीआरपीएफ जवान की नजर इस बच्चे पर पड़ी और उसने किसी तरह गोलियों की बौछार से उसे निकालकर सुरक्षित बचा लिया। मृत व्यक्ति की मृत देह पर बैठे इस बच्चे की तस्वीर तेजी से पूरे देश में वायरल हो रही है। आतंकियों द्वारा गश्ती दल पर किए इस हमले में सीआरपीएफ के 2 जवानों  के शहीद होने की भी खबर आ रही है। इस मुठभेड़ के बीच से उस बच्चे को सुरक्षित निकाल कर लाने वाले जवानों की पूरे जम्मू कश्मीर में जमकर तारीफ हो रही है। वही लगातार आम नागरिकों पर भी हमला कर उनकी जान लेने वाले आतंकियों के खिलाफ लोगों में रोष बढ़ता जा रहा है।


 

 



 



सबसे कम उम्र के सीएम का जन्मदिन

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव का आज 47 वां जन्‍मदिन है। इस मौके पर उनकी पत्‍नी और पूर्व सांसद डिंपल यादव ने उन्‍हें अपने खास अंदाज में बधाई और शुभकामनाएं दीं। इसके साथ ही डिंपल यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपील कि वे इस संकट काल में इस मौके पर सार्वजनिक आयोजन से बचें। इसकी बजाए व्‍यक्तिगत स्‍तर पर किसी जरूरतमंद की मदद करें। 



अपने अधिकारिक ट्विटर से ट्वीट करते हुए डिंपल ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को ये संदेश दिया है। समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता हर वर्ष अखिलेश यादव का जन्‍मदिन धूमधाम से मनाते हैं। इस दिन विभिन्‍न जिलों में पार्टी कार्यालयों पर कार्यकर्ता जुटते और केक काटकर खुशी मनाते हैं। लेकिन कोरोना महामारी और चीन से तनाव के बीच इस वर्ष पार्टी कोई तड़क-भड़क नहीं कर रही है। पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने ढंग से अपने राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का जन्‍मदिन मनाने की तैयारी की है। कुछ पदाधिकारियों ने अस्‍पतालों में फल बांटकर,अनाथालयों में भोजन कराकर और सेनेटाइजर बांटकर अखिलेश यादव के जन्‍मदिन पर उन्‍हें शुभकामनाएं दीं। अखिलेश यादव का यह 47वां जन्मदिन है। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव का जन्म एक जुलाई 1973 को सैफई में हुआ था। 1999 में उनका विवाह डिंपल यादव के साथ हुआ। वह साल 2000 में पहली बार कन्‍नौज से चुनकर लोकसभा में पहुंचे थे। 15 मार्च 2012 के 38 साल की उम्र में उत्‍तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्‍यमंत्री बने। 19 मार्च 2017 तक वह इस पद पर रहे।


गड्ढों में ठिकाने लगा रहे है संक्रमित शव





अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण को लेकर इतना खौफ फ़ैल चूका है कि शवों के डिस्पोजल ने जुटा अमला उनका covid-19 के दिशा निर्देशों के तहत डिस्पोजल करने के बजाये उन्हें गड्ढों में ठिकाने लगा रहा है | संक्रमण से बचने के लिए ये अमला उन शवों को बड़ी बदसलूकी के साथ गड्ढों में फेंक दे रहा है | कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति की लेकिन कर्मियों के कानों में जू तक नहीं रेंगी।


आखिरकार लोगों ने इसका वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया। न्यूज़ वेब साइड पर जब यह दृश्य लोगों ने देखा तो व्यापक प्रतिक्रिया हुई। बवाल मचने के बाद राज्य सरकार ने फ़ौरन जाँच के निर्देश दिए। इस तरह की घटनाएं कर्नाटक से सामने आ रही है। ताजा मामला बेल्लारी का है। यहाँ कोरोना से जंग हार चुके लोगों के शवों के साथ बदसलूकी का वीडियो सामने आया है।


वायरल वीडियो में शवों को दफनाने के वक्त उन्हें गड्ढे में फेंकते हुए साफतौर पर देखा जा सकता है | वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है | वीडियो में नजर आ रहा है कि एक-एक कर एम्बुलेंस से शवों को निकाला गया | इसके बाद निगम अमले ने उन शवों को बेदर्दी से गड्ढे में कूड़े करकट की तरह फेंक दिया | वीडियो में पीपीई सूट पहने कर्मचारी गड्ढे में शवों को फैंकते दिख रहे हैं | उनके करीब एक जेसीबी मशीन भी दिख रही है | अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि इन शवों को ठिकाने लगाने के लिए इसी जेसीबी से गड्ढा खोदा गया था |



 

 


 


 















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पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...