रविवार, 28 जून 2020

डीजल-पेट्रोल के बढ़ते रेट पर लगा ब्रेक

नई दिल्ली। डीजल और पेट्रोल की महंगाई पर ब्रेक लग गया है। तेल विपणन कंपनियों ने रविवार को 21 दिन बाद डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया और पेट्रोल के दाम को भी स्थिर रखा है। बीते तीन सप्ताह में दूसरी बार पेट्रोल के दाम में स्थिरता दर्ज की गई है। इस दौरान देश की राजधानी दिल्ली में डीजल 11.01 रुपये लीटर महंगा हो गया है, जबकि पेट्रोल का दाम 9.12 रुपये लीटर बढ़ गया है।


इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार, दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का भाव बिना किसी बदलाव के क्रमश: 80.38 रुपये, 82.05 रुपये, 87.14 रुपये और 83.59 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ है। डीजल का दाम भी चारों महानगरों में पूर्ववत क्रमश: 80.40 रुपये, 75.52 रुपये, 78.71 रुपये और 77.61 रुपये प्रति लीटर बना हुआ है।


इससे पहले शनिवार को तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल का भाव दिल्ली में 25 पैसे, कोलकाता और मुंबई में 23 पैसे, जबकि चेन्नई में 22 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया था। डीजल की कीमत भी एक दिन पहले दिल्ली में 21 पैसे, कोलकाता में 18 पैसे, मुंबई में 20 पैसे और चेन्नई में 17 पैसे प्रति लीटर बढ़ गई थी।


जुलाई में नहीं होंगे यूनिवर्सिटी एग्जाम

नई दिल्ली। देशभर में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इसको देखते हुए राज्य सरकारें अपने राज्यों में फिर से लॉकडाउन का ऐलान कर रही हैं। अब सरकार ने यूनिवर्सिटी में जुलाई माह में कोई भी परीक्षा ना कराने का फैसला लिया है। कोरोना के देश भर में बढ़ते संक्रमण और जुलाई में इसके चरम पर पहुंचने को लेकर लगाए जा रहे अनुमानों को देखते हुए देश की किसी यूनिवर्सिटी में फिलहाल जुलाई में अब कोई भी परीक्षा नहीं होगी। सीबीएसई की बाकी बची परीक्षाओं को रद करने के ऐलान के बाद एचआरडी मंत्रालय ने जुलाई में प्रस्तावित अन्य परीक्षाओं को लेकर भी अपनी मंशा साफ कर दी है। अब परीक्षाओं को फिर से कराने के लिए नई तारीखों के बारे में मंत्रालय में मंथन जारी है।


एचआरडी मंत्रालय ने सोमवार को जुलाई में प्रस्तावित परीक्षाओं को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक भी बुलाई है, जिसमें इन्हें टालने या रद करने के बारे में फैसले का ऐलान किया जाएगा।  एचआरडी मंत्रालय अब यूनिवर्सिटी में बाकी बची परीक्षाओं को पूरा करने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने में जुट गया है। माना जा रहा है कि सोमवार को मंत्रालय इस बारे में कोई बड़ी घोषणा कर सकता है।


'सरेंडर मोदी' के खिलाफ एकजुट भाजपा

नई दिल्ली। एक तरफ जहां चीन के साथ तनाव जारी है वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी घमासान भी मचा हुआ है। लद्दाख में LAC पर गलवान घाटी में चीन से झड़प में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद से सियासत भी जोरों पर है।


गलवान घाटी में झड़प पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर लगातार सवाल उठाए। यहां तक कि राहुल गांधी ने “Surender Modi” तक ट्वीट कर डाला। इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि पार्लियामेंट होनी है। चर्चा करनी है तो आएं, करेंगे। 1962 से आजतक दो-दो हाथ हो जाए। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि चर्चा से कोई नहीं डरता है। मगर जब देश के जवान संघर्ष कर रहे हों, सरकार स्टैंड लेकर ठीक कदम उठा रही है, उस वक्त पाकिस्तान और चीन को खुश हो इस प्रकार के बयान ठीक नहीं है।कोरोना और लद्दाख की गलवान घाटी में चीन से तनाव के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत दोनों जंग जीतने जा रहा है।


गृह मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने कोरोना के खिलाफ अच्छी लड़ाई लड़ी है। मैं राहुल गांधी को सलाह नहीं दे सकता, यह उनकी पार्टी के नेताओं का काम है। कुछ लोग ‘वक्रद्रष्टा’ हैं, वे सही चीजों में भी गलत देखते हैं। भारत ने कोरोना के खिलाफ अच्छा संघर्ष किया और हमारे आंकड़े दुनिया की तुलना में बहुत बेहतर हैं।


कोरोनाः तीसरे नंबर पर लगातार बढ़त

नई दिल्ली।  भारत में कोरोना वायरस के आंकड़े हर दिन नया रिकॉर्ड बना कर रहे हैं। देश में अब संक्रमितों की कुल संख्या पांच लाख के पार पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में अबतक 5 लाख 28 हजार लोग कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से 16095 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन लाख से ज्यादा ठीक भी हुए हैं। पिछले 24 घंटे में रिकॉर्ड 19,906 नए मामले सामने आए और 410 मरीजों की मौत हुई है।


कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से भारत दुनिया का चौथा सबसे प्रभावित देश है। अमेरिका, ब्राजील, रूस के बाद कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में भारत चौथे स्थान पर है। भारत से अधिक मामले अमेरिका (2,596,403), ब्राजील (1,315,941), रूस (627,646) में हैं। वहीं भारत में मामले बढ़ने की रफ्तार दुनिया में तीसरे नंबर पर बनी हुई है। अमेरिका और ब्राजील के बाद एक दिन में सबसे ज्यादा मामले भारत में दर्ज किए जा रहे हैं।


देश में इस वक्त दो लाख कोरोना के एक्टिव केस हैं. सबसे ज्यादा एक्टिव केस महाराष्ट्र में हैं। महाराष्ट्र में 66 हजार से ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसके बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली, तीसरे नंबर पर तमिलनाडु, चौथे नंबर पर गुजरात और पांचवे नंबर पर पश्चिम बंगाल है। इन पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस हैं।


एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का चौथा स्थान है। यानी कि भारत ऐसा चौथा देश है, जहां फिलहाल सबसे ज्यादा संक्रमितों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है।


 अब तक देश में कोरोना के 82,27,802 सैंपल टेस्ट किए जा चुके हैं। इसमें से 2,31,095 सैंपल कल टेस्ट किए गए


तनाव के बीच शंघाई में मना 'योग दिवस'

शंघाई/नई दिल्ली। भारत-चीन संबंधों में उतार-चढ़ाव के बीच 27 जून को शंघाई में छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। चीन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोग इस मौके पर महावाणिज्य दूतावास में आयोजित योग दिवस कार्यक्रम के हिस्सा बने। कार्यक्रम की शुरुआत शंघाई स्थित महावाणिज्य दूतावास में भारतीय कंसुलेट जेनरल अनिल राय के संबोधन से हुई।


बता दें कि 21 जून को छुट्टी नहीं होने की वजह से वहां आज यानी शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का आयोजन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में किया गया। भारत और चीन सहित दुनिया भर के योग विशेषज्ञ और उत्साही ऑनलाइन मंच के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।


समारोह की शुरुआत महावाणिज्य दूत अनिल कुमार राय के संबोधन के साथ हुई, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के छठे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दिए गए भाषण को प्ले किया गया। इस मौके पर महावाणिज्य दूत ने योग की उत्पत्ति और पतंजलि योग के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला, जिसमें अस्तंगयोग भी शामिल है. उन्होंने योग दर्शन में ध्यान के महत्व और वर्तमान महामारी से निपटने में इसकी भूमिका पर भी जोर दिया। संबोधन के बाद योग प्रोटोकॉल था, जिसे ए सी देशमुख के मार्गदर्शन में किया गया था। उन्होंने भारत से ऑनलाइन प्रोटोकॉल दिया। इस मौके पर एक पैनल चर्चा का भी आयोजन किया गया, जिसमें योग विशेषज्ञों और उत्साही लोगों ने योगिक दर्शन पर अपने विचार व्यक्त किए, साथ ही अपने अनुभवों को साझा किया कि कैसे योग ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए।


कार्यक्रम के अंत में पुरस्कार वितरण समारोह भी आयोजित किया गया. महावाणिज्य दूतावास ने शंघाई के एक युवा कलाकार को सम्मानित किया, जिसने ICCR ग्लोबल आर्ट प्रतियोगिता ‘यूनाइटेड अगेंस्ट कोरोना-एक्सप्रेस थ्रू आर्ट’ के डिजिटल और न्यू एज आर्ट श्रेणी में पुरस्कार जीता।


सीजीआई शंघाई की ओर से 6वीं आईडीवाई का आयोजन करने के लिए आयोजित ‘योग फोटो प्रतियोगिता’ के लिए तीन सर्वश्रेष्ठ तस्वीरों को पुरस्कार भी दिए गए। फोटो प्रतियोगिता के पुरस्कार विजेता भी ऑनलाइन मोड के माध्यम से इस आयोजन में शामिल हुए।


वायरस से 200 देश प्रभावित, कहर जारी


  • कोरोना का पहला मामला पिछले साल 31 दिसंबर को सामने आया, इसके तीन महीने में ही 200 से ज्यादा देशों की लगभग पूरी आबादी वायरस की चपेट में आई

  • दुनिया में संक्रमण के सबसे ज्यादा 25 लाख 52 हजार मामले अमेरिका में सामने आए, यहां मरने वालों की संख्या भी 1 लाख 27 हजार


वॉशिंगटन। दुनियाभर में कोरोनावायरस के एक करोड़ मामले हो गए़। 180 दिन से पूरी दुनिया इसकी गिरफ्त में हैं। इस वायरस के बारे में चीन ने पहली बार 31 दिसंबर को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन को जानकारी दी थी। तब चीन में 54 मामले थे। इसके तीन महीने बाद ही 200 से ज्यादा देशों की लगभग पूरी आबादी इसकी चपेट में आ गई।


महामारी की शुरुआत बेशक चीन से हुई थी, लेकिन आज अमेरिका, ब्राजील, रूस, भारत और ब्रिटेन दुनिया के पांच सबसे संक्रमित देश हैं। इन देशों में संक्रमण के 53% यानी 53 लाख 28 हजार 449 मामले हैं। चीन में रोजाना मिलने वाले कोरोना के मामले 6 मार्च के बाद 100 से कम हो गए। तीन महीने में ही चीन ने करीब-करीब महामारी पर काबू पा लिया। यहां अब तक 83 हजार से ज्यादा मामले मिल चुके हैं, जबकि केवल 4634 लोगों की ही जान गई है।


67 दिनों में कोरोना के 75 लाख मामले सामने आए, शुरुआती 25 लाख मामले 111 दिन में 
संक्रमण की रफ्तार देखें तो पहले 25 लाख मामले आने में 111 दिन लगे। फिर मात्र 67 दिन में 75 लाख मामले सामने आए। यानी एक दिन में एक लाख से ज्यादा मामले। दुनियाभर में संक्रमण के मामले इतने हैं कि कई देशों की आबादी भी इससे कम है। पूरी दुनिया में 144 देश ऐसे हैं, जिनकी आबादी एक करोड़ से कम है। इसमें इजराइल, यूएई, ऑस्ट्रिया, बेलारूस जैसे देश शामिल हैं।


10 जिलों में टिड्डी दल का आतंक, अलर्ट

 कनौजिया की खास रिपोर्ट


लखनऊ।  उत्तर प्रदेश में टिड्डी दलों का आतंक फैला है। किसान परेशान हैं तो प्रशासन के भी हाथ पांव फूले हुए हैं। यूपी के 10 जिलों के अलग-अलग ब्लॉक में टिड्डियों के छोटे-छोटे दलों ने किसानों की फसलों पर हमला किया है। सभी जिलों में कृषि विभाग की टीम टिड्डी दलों को भगाने में जुट गई हैं।


इन जिलों में टिड्डी दल का हमला


जिन जिलों में टिड्डियों ने हमला किया है, उनमें झांसी, चित्रकूट, प्रयागराज, प्रतापगढ़, भदोही, जौनपुर, आजमगढ़ और अम्बेडकरनगर, सुलतानपुर और गोरखपुर हैं। कृषि विभाग ने तय किया है कि जिन-जिन जिलों में टिड्डी दल बैठेंगे वहां कीटनाशक छिड़का जाएगा।


इन जिलों में अलर्ट जारी


टिड्डियों के हमलों के मद्देनजर इन जिलों के साथ ही उनकी सीमा से सटे हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशाम्बी, मीरजापुर, सुलतानपुर, मऊ और बलिया जिलों के कृषि विभाग के अधिकारियों को अलर्ट किया गया है।


'वंदे भारत मिशन' यूएई ने किया विरोध

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। भारत सरकार विदेशों से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए वंदे भारत मिशन चला रही है, जिस पर अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगा दिया गया था, अब यूएई ने भी आपत्ति जताई है। यूएई ने मिशन को भेदभावपूर्ण बताया है।अमेरिका ने पहले कहा था कि एयर इंडिया वंदे भारत मिशन के तहत उड़ान भर रहा था, लेकिन अमेरिकी एयरलाइंस के चार्टर्ड विमानों को भारत-अमेरिका मार्ग पर काम करने की अनुमति नहीं दे रहा था। संयुक्त राज्य अमेरिका ने 22 जुलाई से वांडा इंडिया मिशन के तहत उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। अब संयुक्त अरब अमीरात ने एआई उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है, इसी तरह के आरोप लगाए हैं।


यूएई ने उन सभी एयर इंडिया उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है, जिनमें यूएई के नागरिक भारत से अपने देश जा रहे थे। यूएई की ओर से कहा गया है कि वंदे भारत मिशन के तहत यहां आने के लिए हर व्यक्ति को नई दिल्ली में हमारे दूतावास से मंजूरी लेनी होगी। अनुमति मांग रहा है।अमेरिका के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एयर इंडिया के किसी भी चार्टर्ड विमान को 22 जुलाई से भारत-अमेरिका मार्ग पर उड़ान भरने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि विभाग विशेष रूप से इसे मंजूरी नहीं देता है।


आपको बता दें कि वंदे भारत मिशन की शुरुआत 6 मई से हुई थी। कोरोना वायरस के कारण सभी निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 25 मार्च से रद्द कर दी गई हैं। यह देखा जाना बाकी है कि ये देश कब तक इस मिशन को मंजूरी देते हैं।


10 मेधावियों को योगी करेंगे सम्मानित


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, यूपी बोर्ड के टॉप-10 मेधावियों को सम्मानित करेगी सरकार


 विक्रम सिंह यादव






लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं में सफल सभी विद्यार्थियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी है। उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इन छात्र-छात्राओं की मेधा का लाभ प्रदेश व देश को मिलेगा। सीएम योगी ने टॉप-10 मेधावियों को सम्मानित करने की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को मास्क या फेस कवर लगाकर घर से निकलने और शारीरिक दूरी का पालन करने की हिदायत भी दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के दौरान समय पर परीक्षा कराने और लॉकडाउन के बावजूद समय से परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने पर उप मुख्यमंत्री व माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ.दिनेश शर्मा के साथ ही विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की सराहना की। कुशल मार्गदर्शन देकर मेधावी छात्र-छात्राओं को इस योग्य बनाने के लिए उन्होंने सभी विद्यालयों, आचार्यों, माता-पिता, अभिभावक और परिवार के सभी सदस्यों को भी बधाई दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मेधावी विद्यार्थियों की प्रतिभा का लाभ प्रदेश और देश को मिलेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बालिकाओं का उत्तीर्ण फीसद अधिक रहा, जो सराहनीय है। प्रसन्नता का विषय है कि कोविड-19 के बावजूद हाईस्कूल का परिणाम 83.31 फीसद और इंटरमीडिएट का 74.63 फीसद रहा है, जो पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर है। उन्होंने कहा कि एक जुलाई से मार्कशीट वितरित होंगी। मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को मास्क या फेस कवर लगाकर घर से निकलने और शारीरिक दूरी का पालन करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए राज्य सरकार शिक्षा के संबंध में आगे की कार्ययोजना पर काम कर रही है। भारत सरकार द्वारा जो भी दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, उनके आधार पर सभी संबंधित संस्थाओं के साथ विचार-विमर्श कर आगे की व्यवस्था तय की जाएगी।मेरिट में स्थान पाकर बढ़ाया माता-पिता व गुरु का सम्मान : सफल छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी बधाई दी है। उन्होंने विषम परिस्थितियों में उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पूरा कराकर समय से परीक्षाफल घोषित करने पर प्रशंसा की है। शुभकामनाएं देते हुए राज्यपाल ने कहा कि विद्याॢथयों ने कड़ी मेहनत से मेरिट में स्थान प्राप्त कर अपने माता-पिता और गुरुओं के सम्मान को बढ़ाया है। हाईस्कूल परीक्षा में छात्रा के टॉप करने पर राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बेटियों के अच्छे प्रदर्शन से गर्व की अनुभूति होती है। उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी सफल नहीं हो सके हैं, वे निराश न हों। अपनी कमियों का आत्मविश्लेषण करें और मेहनत कर प्रयास करें, सफलता अवश्य मिलेगी। उपमुख्यमंत्री व लोक निर्माण विभाग के मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि यूपी बोर्ड के 10वीं और 12वीं परीक्षा में सफल सभी टॉप-20 छात्र-छात्राओं के घरों व स्कूलों तक डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम गौरव पथ के नाम से पक्की सड़कें बनाई जाएंगी। वहां पर एक बड़ा बोर्ड लगाकर विद्यार्थी के बारे में पूरा विवरण लिखा जाएगा। इससे छात्रों का मनोबल बढ़ेगा और उनके गांव व स्कूलों का भी नाम रोशन होगा। वह आगे की शिक्षा के लिए और अधिक प्रेरित होंगे। उन्होंने कहा कि आइसीएससी और सीबीएसई बोर्ड में सफल होने वाले सभी टॉप-20 छात्र-छात्राओं के घरों तक भी पक्की सड़कें बनवाई जाएंगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 के 24 मेधावी छात्रों के घरों तक 7.40 करोड़ रुपये से सड़कों का निर्माण व मरम्मत कराई गई। वर्ष 2018 के 89 मेधावियों के घर तक 23.17 करोड़ की लागत से सड़कें बनवाईं या मरम्मत कराई गई। इसी तरह 2019 के मेधावी छात्रों के घर तक 9.89 करोड़ रुपये की लागत से सड़कों का काम चल रहा है।





बेटे की चाहत में 9 बेटियां पैदा की

सुखविंदर सिंह की रिपोर्ट






भोपाल। बेटे की चाहत में इस किसान के घर में 9 बेटियां पैदा हो गईं। लेकिन उसकी इच्छा फिर भी अधूरी रह गई। ग्रामीण अंचलों में अभी भी बेटा और बेटी को लेकर भेदभाव पूरी तरह से मिटा नहीं है। यह मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के एक गांव का है। अपनी अधूरी ख्वाहिश को लेकर जी रहे इस किसान के सामने एक समस्या और आकर खड़ी हो गई। किसान का कहना है कि उसके भाई जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। यह किसान इसकी शिकायत लेकर एसपी कार्यालय पहुंचा था। उसके साथ 5 बेटियां भी थीं। किसान का आरोप है कि पुलिस ने उसकी बात तो सुनी नहीं, उल्टा उसे ही मारपीट करके भगा दिया।

पुलिस ने कहा किसान ज्यादा जमीन चाहता है


यह हैं छतरपुर जिले के मातगवां थाना क्षेत्र के रहने वाले मोतीलाल राजपूत। इनके पास कोई बड़ी जागीर नहीं है। थोड़ी-बहुत खेती है, जिसके जरिये इनके परिवार का गुजारा चल रहा है। इनका कहना है कि बेटे की चाहत तो पूरी हुई नहीं, उनके भाई जमीन के पीछे पड़ गए हैं। अपने भाइयों की शिकायत लेकर ये एसपी आफिस आए थे। साथ में अपनी 5 बेटियां और पत्नी को भी लेकर आए थे। अब ये पुलिस पर मारपीट का आरोप लगा रहे हैं। इनका कहना है कि इनके पास जो खेत है, उस पर वे और दो अन्य भाई फसल उगाते हैं। भाई पूरी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं।उधर, माततगंवा थाना प्रभारी कमलजीत सिंह का कहना है कि भाइयों में मामूली विवाद है। सबको बैठाकर समझा दिया गया था। लेकिन मोतीलाल चाहता है कि वो पूरे खेत पर खेती करे। इसी बात को लेकर झगड़ा हो रहा है।







फ्लैट में देह व्यापार का धंधा, आठ अरेस्ट

सतविंदर सिंह की रिपोर्ट


जोधपुर। शहर के पावटा स्थित एक टावर के फ्लेटों में चल रहे देह व्यापार का पुलिस ने भंडाफोड़ करते हुए इसमें छह युवतियों और दो युवकों को गिरफ्तार किया है। इनके खिलाफ पीटा की कार्रवाई की गई है। पकड़ी गई युवतियां मुंबई, गुजरात, अहमदाबाद एवं नई दिल्ली की रहने वाली बताई जाती है। दोपहर तक पुलिस की कार्रवाई जारी थी।


एसीपी (केंद्रीय) देरावर सिंह ने बताया कि पावटा स्थित धर्मनारायण का हत्था के निकट जोधपुर टावर में कुछ फ्लेट्स में अनैतिक कारोबार की जानकारी मिली थी। तब महामंदिर थानाधिकारी सुमेरदान के साथ स्वयं एसीपी देरावर सिंह ने मयजाब्ते उक्त टावर पर रेड दी। अलग अलग फ्लेटों से छह युवतियों को पकडऩे के साथ दो अन्य युवक भी मिले। युवक ग्राहक बन कर आए हुए थे।


एसीपी देरावर सिंह के अनुसार युवतियां मुंबई, नई दिल्ली, गुजरात के अहदाबाद शहर की है। इनसे पूछताछ की जा रही है। सभी को पीटा की कार्रवाई में गिरफ्तार किया गया है। मुख्य आरोपित कौन है इसका पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। पकड़े गए युवक डांगियावास के राजू और पप्पूसिंह है और दोनों ग्राहक बनकर आए थे। दलाल पुलिस के हाथ नहीं लगा है। उसने अपना फोन बंद कर रखा है।


चरमराई व्यवस्थाएं, हालात हुए बेकाबू

अनिल अनूप की खास रिपोर्ट


नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने सही ही कहा कि आज हमें चीन के खिलाफ दो युद्ध लड़ने पड़ रहे हैं। गलवान घाटी में खूनी संघर्ष और दिल्ली में चीनी कोरोना वायरस से। एक तरफ चीन के द्वारा भेजे गए कोरोना वायरस के खिलाफ और दूसरी तरफ चीन के खिलाफ बॉर्डर पर युद्ध चल रहा है। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से विकराल रूप धारण करता जा रहा है। आर्थिक राजधानी मुंबईं को पीछे छोड़ दिल्ली अब देश में सबसे ज्यादा कोरोना मरीजों वाला महानगर बन गया है। बृहस्पतिवार को दिल्ली में 3390 नए मामले सामने आए। वुल मामले 73,780 हो गए जिनमें 44,765 ठीक हो गए और 2429 मौतें हुईं। जबकि मुंबईं में यह आंकड़ा 4480 नए मामले, वुल मामले 1,43,740 हैं। इनमें से 77,453 ठीक हो गए और वुल मौतें 6931 हैं। हालांकि सक्र‍िय मरीजों के लिहाज से मुंबईं अब भी दिल्ली से आगे है। मौतों के मामले में भी दिल्ली की मुंबईं से बेहतर स्थिति है। दिल्ली में मृत्युदर 3.3 प्रातिशत है, जबकि मुंबईं में यह दर 5.7 प्रातिशत है।


देश में कोविड-19 से संक्रमण का पहला मामला केरल में 30 जनवरी को आया था और उसके पांच महीने बाद संव््रामण के मामले पांच लाख के करीब पहुंच चुके हैं, जो यह समझने के लिए पर्यांप्त है कि महामारी से लड़ाईं अभी जारी है। भारत अभी अमेरिका, ब्राजील और रूस के बाद दुनिया का चौथा सर्वाधिक प्राभावित देश है, जबकि मौत के मामले में वह रूस से आगे हो गया है। यों तो देश में 30 प्रातिशत मामले महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, गुजरात और उत्तर प्रादेश में हैं। लेकिन पािमी बंगाल, राजस्थान, मध्य प्रादेश, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रादेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में संव््रामण के मामले या तो 10 हजार के आंकड़े को पार कर चुके हैं या उसके करीब हैं। दरअसल संक्रमण के मामलों में यह वृद्धि जांच में बढ़ोतरी की वजह से भी है। 24 मईं को खत्म हुए हफ्ते में जहां पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की दर 5.37 प्रातिशत थी, वहीं 21 जून को खत्म हुए हफ्ते में 7.74 प्रातिशत हो गईं है। चूंकि जांच में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, लिहाजा संक्रमित लोगों की संख्या और बढ़ सकती है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव बढ़ना तय है।


कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या के कारण अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज में जो मुश्किलें आ रही हैं, वह तो एक अलग चुनौती है। दिल्ली में आए दिन किसी न किसी की मौत की खबर आती है और इनमें अधिकतर कोरोना की वजह से मौत नहीं हुईं, यह पुराने बीमार थे जिन्हें या तो डॉक्टर की सुविधा कोविड की पाबंदियों की वजह से नहीं मिल रही, पुराने क्रोनिक पेशंट को अस्पताल में दाखिले में मुश्किल आ रही है। दिल्ली सरकार वेंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस मनहूस महामारी का सामना तो कर रही है, प्रबंध भी कर रही है पर समस्या इतनी विकराल रूप धारण करती जा रही है कि कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होना लाजिमी है।


केवल प्रचार से ही मिल जाएगा रोजगार

शशांक तिवारी की रिपोर्ट


लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरुआत को लेकर शनिवार को सवाल किया कि क्या सिर्फ प्रचार करने से युवाओं को रोजगार मिल जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ की शुरूआत की। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में जिस तरह ‘आपदा’ को ‘अवसर’ में बदला गया, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। प्रियंका ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘कल उत्तर प्रदेश में रोजगार के एक ईवेंट की खूब ढोल पीट कर शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम में रोजगार की जिन भी श्रेणियों की बात की गई, उनमें से ज्यादातर की हालत पतली है।’ उन्होंने दावा किया, ‘स्वरोजगार वाले लोग सरकार से सीधे आर्थिक मदद के अभाव में जबरदस्त संकट में हैं। छोटे और मझोले क्षेत्र के उद्योगों की हालत तो इतनी पतली है कि एक अनुमान के अनुसार 62 प्रतिशत एमएसएमई नौकरियों में कटौती और 78 प्रतिशत तनख्वाहों में कटौती करेंगे।’


विद्युत वितरण करने वाली दो कंपनी रद्द

रायपुर। छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल का विखंडन कर जिन पांच कंपनियों में बांटा गया था, उनमें से अब जनरेशन, ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ही रह जाएगी। ट्रेडिंग और होल्डिंग कंपनियों को भंग किया जाएगा। सीएम भूपेश बघेल ने बिजली कंपनी के अधिकारियों की बैठक के बाद इस पर हरी झंडी दे दी है। कैबिनेट की अगली बैठक में तीन कंपनियां बनाने का फैसला लिया जाएगा।


प्रदेश सरकार कोरोना काल में खर्चों में कटौती को लेकर हरसंभव उपाय करने में लगी है। इसी सिलसिले में सीएम बघेल सरकारी उपक्रमों के पुनर्गठन पर भी जोर दे रहे हैं। शनिवार को सीएम और ऊर्जा मंत्री बघेल ने बिजली कंपनियों के कामकाज का बारीकी से रिव्यू किया। सीएम ने 10 दिनों के भीतर दूसरी बार बिजली अफसरों की बैठक की। उन्होंने बिजली कंपनियों के चेयरमैन सुब्रत साहू समेत सभी एमडी के साथ बैठक कर 5 कंपनियों के पुनर्गठन को लेकर अब तक हुई कार्यवाही की जानकारी ली। बिजली कंपनियों का पुनर्गठन कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र का भी हिस्सा रहा है। इसे देखते हुए सीएम बघेल ने इसमें हो रही देरी पर नाराजगी भी जताई। अफसरों ने बताया कि कंपनी एक्ट के तहत पुनर्गठन के लिए राज्य सरकार से अनुमति जरूरी है। इस पर सीएम ने कैबिनेट की अगली बैठक में प्रस्ताव लाने कहा है। उसके बाद नई कंपनियों के री-स्ट्रक्चर पर कंपनी मामलों के केंद्रीय विभाग से मंजूरी लेनी होगी।


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कम्पनियों और क्रेडा के कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने क्रेडा के अधिकारियों से कहा कि पहुंच विहीन और दुर्गम इलाकों में सोलर के जरिए विद्युत की व्यवस्था के साथ ही नदी किनारे जहां विद्युत लाइन नहीं हैं, उन स्थानों पर सोलर पम्प किसानों को दिए जायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन स्थानों पर पानी में हैवी मेटल या खारे पानी होने की शिकायत है वहां सतही जल (सरफेस वाटर) के माध्यम से जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने गरियाबंद के सुपेबेड़ा में नदी के जल से और बेमेतरा, बालोद, धमधा, साजा और नवागढ़ में खारे पानी की शिकायत के कारण सरफेस वाटर का उपयोग कर जल आर्पूिर्त के लिए योजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत कम्पनियों की विभिन्न योजनाओं और सीएसआर मद के कार्यों की समीक्षा की । मुख्यमंत्री ने निजी विद्युत संयंत्रों से वेरिएबल कास्ट पर मिलने वाली बिजली की समीक्षा करते हुए कहा कि निर्धारित मात्रा में विद्युत प्रदाय नहीं करने वाले संयंत्र को नोटिस जारी किया जाये। बैठक में सोलर पेयजल योजना, सौभाग्य योजना, सौर सुजला योजना, सोलर कोल्ड स्टोरेज, शासकीय भवनों का सौर उर्जीकरण, सोलर विद्युत संयंत्र आदि योजनाओं की समीक्षा की गयी।


'मन की बात' चीन को जवाब मिला

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने चीन संकट पर बात की। कहा कि लद्दाख में उसे करारा जवाब मिला है। इसके साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट, मॉनसून और साल 2020 पर भी बात की।


 बोले-हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा। देश में नित नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। देश के पूर्वी छोर पर तूफान आया। किसान भाई बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं। देश में छोटे-छोटे भूकंप आ रहे हैं। इन सब के बीच पड़ोसी जो कर रहे हैं देश उससे भी निपट रहा है। चुनौतियां आती हैं। एक साल में एक चुनौती आए या 50 चुनौती आए। इससे साल खराब नहीं होता। भारत का इतिहास चुनौतियों सो भरा रहा है। सैकड़ों आक्रांताओं ने देश पर हमला किया लेकिन इससे भारत और भी भव्य होकर सामने आया।


लद्दाख में भारत की तरफ आंख उठाने वालों को करारा जवाब मिला है। भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर चुनौती देना भी जानता है।

 हमारे यहां कहा जाता है, सृजन शास्वत है, सृजन निरंतर है यह कल-कल छल-छल बहती क्या कहती गंगा की धारा? युग-युग से बहता आता यह पुण्य प्रवाह हमारा। क्या उसको रोक सकेंगे, मिटनेवाले मिट जाएँगे। कंकड़-पत्थर की हस्ती, क्या बाधा बनकर आए।

 अब लॉकडाउन से देश बाहर आ चुका है और अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन इस दौरान लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता बरतनी है। मास्क पहनना और दो गज की दूरी बनाना बहुत जरूरी है। आप लापरवाही न बरतें। अपना भी ख्याल रखें और दूसरों का भी। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक  है। इन साथियों के परिवार की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोना का दर्द अनुभव कर रहा है।

 कोई भी मिशन जन भागेदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता। इसलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहोयोग बहुत जरूरी है। आप लोकल खरीदेंगे, लोकल के लिए वोकल होंगे तो समझिए देश को मजबूत करने की दिशा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। देश के बड़े हिस्से में मॉनसून पहुंच चुका है। बारिश को लेकर वैज्ञानिक भी उत्साहित हैं। बारिश अच्छी होगी तो किसान समृद्ध होगा। बारिश दोहन की भरपायी करती है। इसमें हमें अपना दायित्व निभाना हैं। इस अनलॉक के दौरान ऐसी चीजें अनलॉक हो रही हैं जिनमें देश दशकों से बंधा था। वर्षों से हमारा माइनिंग सेक्टर लॉकडाउन में था। कमर्शल ऑक्शन को मंजूरी देने के लिए निर्णयने स्थिति को  पूरी तरह से बदल दिया है। कुछ ही दिनों में स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक सुधार हुए।

 आज 28 जून को भारत अपने भूतपूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जी को श्रद्धांजलि दे रहा है। आज से उनकी जन्म शताब्दी शुरू हो रही है। वह स्वाभाविक राजनेता थे। कई भाषाओं को जानते थे। वह अपनी आवाज बुलंद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते थे। यू.पी. के बाराबंकी में गांव लौटकर आए मजदूरों ने कल्याणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू कर दिया। नदी का उद्धार होता देख, आस-पास के किसान, आस-पास के लोग भी उत्साहित हैं।


चीन बॉर्डर पर नया पुल तैयार किया

पिथौरागढ़। उत्तराखंड में मुनस्यारी-मिलम सड़क पर बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) की टीम ने महज पांच दिन में भारत को चीन सीमा से जोड़ने वाला नया पुल तैयार कर दिया है। शनिवार को पुल पर पोकलैंड, ड्रोजर और बीआरओ के ट्रक को चलाकर ट्रायल लिया गया। बीआरओ के अधिकारियों के अनुसार, पुल सही तरीके से बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी। सैनरगाड़ नदी पर बना पुल 22 जून को पोकलैंड ले जा रहे ट्राला के गुजरते समय टूट गया था।

पुल के महत्व को देखते हुए बीआरओ ने 23 जून से नया पुल बनाने का काम शुरू किया था। पुल बनने से चीन सीमा के लिए आवागमन आसान हो जाएगा। इसके अलावा मुनस्यारी के मल्ला जोहार क्षेत्र के ग्रामीणों को भी राहत मिलेगी। सेनरगाड़ में बना यह पुल इसलिए भी खास है क्योंकि, सेना और आईटीबीपी को इसी रास्ते से चीन सीमा पर बनी पोस्टों पर रसद और खाद्य सामग्री पहुंचाई जाती है। पुल टूटने से सेना को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा था। वहीं, पुल के टूटने से सीमांत के लोग भी खासे परेशान थे। पुल के टूटने से सीमांत के 10 माइग्रेशन गांव मिलम, बिल्जू, बुर्फू, तूला, पांछू, गनघर, रालम, खिलांच, लास्पा, रिलकोट, लास्पा, बौगडियार और रालम सहित कई अन्य गांवों के लोगों का संपर्क भी जिला मुख्यालय से टूट गया था। मानसून काल से पूर्व सीमांत के ग्रामीण जरूरतमंद चीजों को गांवों तक पहुंचा देते थे लेकिन इस बार सड़क और पुल के बनने के बाद लोग आराम से चीजों को गांवों तक पहुंचा रहे थे।

तीन बच्चों की हत्या कर, की आत्महत्या

नालासोपारा। मुंबई से सटे नालासोपारा इलाके से शनिवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। नालासोपारा के डॉननेल क्षेत्र में एक पिता ने अपने तीन बच्चों की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या करने के बाद खुद के खुदकुशी कर ली। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिता कैलाश परमार (40 वर्ष), ने पहले मासूम बच्चों, नयन परमार (10 वर्ष), नंदनी परमार (8 वर्ष), नयना परमार(5 वर्ष) की हत्या कर अपने जीवन को भी खत्म कर लिया। पुलिस पूरी मामलों को लेकर छानबीन कर रही हैं। आर्थिक तंगी और पत्नी के अवैध संबंध होने के शक में  कैलाश परमार ने अपने तीनों बच्चों की हत्या कर आत्महत्या का मामला सामने आ रहा हैं।फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।


मृतक के परिजन नहीं करेंगे मकान खाली

मृतक किराएदार के परिजनों से घर खाली नहीं करा सकते मकान मालिक : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। किराएदारों को राहत देने वाले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मृतक किराएदार के परिजनों से मकान खाली नहीं करवाया जा सकता। किराएदार के मरने के बाद उसके परिजन मकान में रह सकते हैं। उनका किराए की संपत्ति में रहना सब्लेटिंग (किराएदार द्वारा संपत्ति को किसी अन्य को किराए पर चढ़ा देना) नहीं माना जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया, जिसमें किराएदार के परिजनों को उप किराएदार मानकर यूपी शहरी भवन (किराएदारी, किराया और खाली करने के विनियमन) एक्ट, 1972 की धारा 16(1)(बी) के तहत मकान को खाली घोषित कर दिया था। जस्टिस नवीन सिन्हा और बीआर गवई की पीठ ने मामले में हाईकोर्ट को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि किराया नियंत्रक के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट को अनुच्छेद 227 के तहत अपील नहीं सुननी चाहिए थी।

 

इस अनुच्छेद के तहत हाईकोर्ट अपीलीय कोर्ट का क्षेत्राधिकार ग्रहण नहीं कर सकता। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने देहरादून जिला जज के बेहद तार्किक और संतुलित आदेश के खिलाफ अनुच्छेद 227 के तहत रिट स्वीकार कर गलती की है। जिला जज के आदेश के खिलाफ रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग करना हाईकोर्ट की अवांछित कारवाई थी।

क्या है मामलाः मामले के अनुसार, संजय कुमार सिंघल ने मो. इनाम (किराएदार का पुत्र) से लंढौर बाजार मसूरी में अपनी संपत्ति यह कहकर खाली करने के लिए 1999 में अर्जी दी कि रशीद अहमद ने संपत्ति को उपकिराएदरी पर उठा दिया है। यूपी शहरी भवन (किराएदारी, किराया और खाली करने के विनियमन ) एक्ट, 1972 के तहत किराया निरीक्षक ने संपत्ति का औचक निरीक्षण किया और संपत्ति में किराएदार को नहीं पाया। किराएदार रशीद अहमद की जगह मकान में कुछ लोग मिले। रशीद अपने गांव गए थे। किराया निरीक्षक ने धारा 16(1)(बी) के तहत रिपोर्ट दी और संपत्ति को रिक्त घोषित कर दिया। रशीद ने आपत्ति अर्जी दायर की और कहा कि संपत्ति में उसके भाई और उनके परिवार रह रहे हैं। परिवार के बाहर का कोई भी उसमें नहीं रहता।

किराया अधिकारी ने आदेश में कहा कि मकान में रहने वाले यह सिद्ध नहीं कर सके कि वे उसमें रशीद के साथ 1965 से रह रहे हैं। किराया नियंत्रक ने 2003 में संपत्ति को खाली घोषित कर दिया। इस बीच रशीद की मृत्यु हो गई। रशीद के परिजनों ने जिला जज के समक्ष 2007 में इस आदेश को चुनौती दी, जिसमें जिला जज ने कहा कि मामले में धारा 16(1)(बी) लागू नहीं हो सकती, क्योंकि यहां सब्लेटिंग नहीं है। मूल किराएदार के परिजन ही संपत्ति में निवास कर रहे हैं। जिला जज ने किराया नियंत्रक के मकान खाली करने के आदेश को निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ मकान स्वामी अनुच्छेद 227 के तहत हाईकोर्ट गए और हाई कोर्ट ने जिला जज के आदेश को निरस्त कर दिया तथा मकान को खाली करने के आदेश कर दिए। उच्च अदालत के इस आदेश को रशीद के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

एडवोकेट प्रताप सिंह सुवाणा

चार शादियां की, 3 बीवियों को तलाक

पटना। कॉलेज के प्राचार्य ने बेटे की चाह में चार-चार शादियां कर ली है। ताज्जुब की बात यह है कि सभी चारों पत्नियां एक ही कॉलेज की शिक्षिका हैं। इससे भी हैरत की बात यह है कि प्राचार्य ने निकाह करने से पहले पत्नियों का निकाह दूसरे व्यक्ति से कराकर, तलाक दिलवाया फिर निकाह किया। 


दो महीने बाद पता चला कि उसका पति पहले से शादीशुदा है और अब चौथा निकाह करने जा रहा है। जब तक वह पति के पास पहुंचती, निकाह हो चुका था। जब विरोध करने लगी तो पति ने तीन बार तलाक, तलाक तलाक बोलकर कहा कि मैंने तुझे तलाक दिया जाओ। पिछले दस दिनों से आलमगंज थाना से लेकर महिला थाना का चक्कर लगा रही थी। शनिवार को महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। महिला थाना में प्राचार्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो गई। थाने की पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। उसने सैयद इकबाल के कहे अनुसार दूसरे व्यक्ति से निकाह किया, फिर तलाक लेकर उससे निकाह किया। निकाह के बाद अपना मकान रहते हुए किराये के मकान में रखता था। इसी दौरान वह गर्भवती हो गई। पति ने गर्भपात कराने की कोशिश की। फिर भी बच्ची पैदा हो गई। बेटी के पैदा होते ही पति ने मारपीट करना शुरू कर दिया।


बेटी पैदा होते ही छोड़कर दूसरी शिक्षिका से निकाह किया। प्राचार्य ने पढ़ाई के दौरान ही सभी के साथ रिश्ता बनाया फिर निकाह भी किया। तीसरी पत्नी ने पति सैय्यद इकबाल के खिलाफ शनिवार को महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है। महिला का कहना है कि साल 2011 में उसका ओरिएंटल कॉलेज के प्राचार्य सैयद इकबाल अफजल से से निकाह हुई थी।  निकाह से पहले पति ने ही एक व्यक्ति से निकाह कराया और बोला कि निकाह करने के बाद तलाक ले लो तभी निकाह करेंगे। 


चाइल्ड पोर्नोग्राफी में 47 को किया गिरफ्तार

बेंगलुरु। केरल पुलिस ने कोरोना वायरस की महामारी को नियंत्रित करने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट पर कथित रूप से बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री तलाश रहे 47 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें कई युवा भी शामिल हैं। राज्य पुलिस ने शनिवार (27 जून) को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से करीब 140 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त की गई है। केरल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मनोज अब्राहम ने बताया कि राज्य में बच्चों के यौन उत्पीड़न की सामग्री को लेकर ऑनलाइन गतिविधि खासतौर पर डॉर्कनेट (गुप्त वेबसाइट जिसका उपयोग केवल विशिष्ट सॉफ़्टवेयर आदि के साथ ही किया जा सकता है) पर बढ़ने के बाद बाल यौन शोषण निषेध (सीसीएसई) टीम सक्रिय हुई।अब्राहम ने बताया कि इसके बाद पूरे राज्य में शनिवार सुबह छापे मारे गए और इन लोगों की गिरफ्तारी की गई। उन्होंने बताया कि कई लोगों पर नजर रखी जा रही है और जब्त किए गए मोबाइल फोन, मॉडम, हार्ड ड्राइव, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे उपकरणों में मौजूद बच्चों के गैरकानूनी वीडियो एवं तस्वीरों की वैज्ञानिक पड़ताल करने के बाद और गिरफ्तारी की जाएगी। 


अब्राहम ने कहा कि सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि वीडियों और तस्वीरों में दिख रहे छह से 15 साल के बच्चे स्थानीय लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर कई पोर्न समूहों के संचालन की बात सामने आई। कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान यह चलन बढ़ा है। अब्राहम ने बताया कि देश के विभिन्न इलाकों में वायरस के जरिए वेबकैम को हैक कर पीड़ित बच्चों की सूचना चोरी करने के मामले भी सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से घरों में बंद बच्चों का उत्पीड़न होने के सबूत हैं और इस अवधि में अपलोड तस्वीर/ वीडियो से संदेह पैदा होता है कि कई लोग बच्चों की तस्करी में शामिल हैं और उनके उपकरणों में इस संबंध में कई चैट हैं।


अब्राहम ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) की देखरेख में 117 टीमों का गठन किया गया है, जो एक साथ छापेमारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 89 मामले दर्ज किए गए हैं और बच्चों की तस्वीरों और वीडियों का प्रसार करने में शामिल और लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। केरल पुलिस की सीसीएसई इकाई का गठन इस साल जनवरी में किया गया था ताकि बच्चों के ऑनलाइन उत्पीड़न और अश्लील सामग्री को रोका जा सके। टीम, इंटरपोल की बाल अपराध रोधी इकाई और अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा और शोषित बाल केंद्र (आईसीएमईसी) के करीबी संपर्क में कार्य कर रही है।


पुलिस ने कहा कि लोग इस संबंध में उच्च प्रौद्योगिकी अपराध पूछताछ प्रकोष्ठ, साइबरडोम या साइबर प्रकोष्ठ को यथा शीघ्र सूचना दें। पुलिस ने बताया कि कोल्लम जिले में नौ लोगों को, एर्नाकुलम एवं पलक्कड़ जिलों में पांच-पांच, तिरुवनंतपुरम और कोझिकोड में चार-चार, कन्नूर-अलप्पुझा- कोटट्यम जिलों में तीन-तीन, पथनमथिट्टा-मल्लापुरम-त्रिशूर-कासरगोड और वायनाड में दो-दो और इडुकी में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।


पुलिस विज्ञप्ति के अनुसार- मौजूदा कानून के तहत बाल अश्लील सामग्री को देखना, वितरण करना और जमा करना दंडात्मक अपराध है और दोषी पाए जाने पर पांच साल कारावास और 10 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है। पुलिस ने कहा कि बाल सुरक्षा समाज के सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है। पुलिस ने समुदाय से सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे चैनल और समूह की जानकारी दें जो बाल यौन उत्पीड़न की सामग्री का प्रसार करते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


  जून 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-321 (साल-01)
2. रविवार, जूूून 29, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- नवमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 27+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


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कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...