रविवार, 28 जून 2020

'मन की बात' चीन को जवाब मिला

अकांशु उपाध्याय


नई दिल्ली। मन की बात' रेडियो कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री मोदी देश को संबोधित कर रहे हैं। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने चीन संकट पर बात की। कहा कि लद्दाख में उसे करारा जवाब मिला है। इसके साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट, मॉनसून और साल 2020 पर भी बात की।


 बोले-हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा। देश में नित नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। देश के पूर्वी छोर पर तूफान आया। किसान भाई बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं। देश में छोटे-छोटे भूकंप आ रहे हैं। इन सब के बीच पड़ोसी जो कर रहे हैं देश उससे भी निपट रहा है। चुनौतियां आती हैं। एक साल में एक चुनौती आए या 50 चुनौती आए। इससे साल खराब नहीं होता। भारत का इतिहास चुनौतियों सो भरा रहा है। सैकड़ों आक्रांताओं ने देश पर हमला किया लेकिन इससे भारत और भी भव्य होकर सामने आया।


लद्दाख में भारत की तरफ आंख उठाने वालों को करारा जवाब मिला है। भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आंख डालकर चुनौती देना भी जानता है।

 हमारे यहां कहा जाता है, सृजन शास्वत है, सृजन निरंतर है यह कल-कल छल-छल बहती क्या कहती गंगा की धारा? युग-युग से बहता आता यह पुण्य प्रवाह हमारा। क्या उसको रोक सकेंगे, मिटनेवाले मिट जाएँगे। कंकड़-पत्थर की हस्ती, क्या बाधा बनकर आए।

 अब लॉकडाउन से देश बाहर आ चुका है और अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो गई है लेकिन इस दौरान लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता बरतनी है। मास्क पहनना और दो गज की दूरी बनाना बहुत जरूरी है। आप लापरवाही न बरतें। अपना भी ख्याल रखें और दूसरों का भी। लद्दाख में हमारे जो वीर जवान शहीद हए हैं, उनके शौर्य को पूरा देश नमन कर रहा है, श्रद्धांजलि दे रहा है। पूरा देश उनका कृतज्ञ है, उनके सामने नत-मस्तक  है। इन साथियों के परिवार की तरह ही, हर भारतीय, इन्हें खोना का दर्द अनुभव कर रहा है।

 कोई भी मिशन जन भागेदारी के बिना पूरा नहीं हो सकता। इसलिए आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नागरिक के तौर पर हम सबका संकल्प, समर्पण और सहोयोग बहुत जरूरी है। आप लोकल खरीदेंगे, लोकल के लिए वोकल होंगे तो समझिए देश को मजबूत करने की दिशा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। देश के बड़े हिस्से में मॉनसून पहुंच चुका है। बारिश को लेकर वैज्ञानिक भी उत्साहित हैं। बारिश अच्छी होगी तो किसान समृद्ध होगा। बारिश दोहन की भरपायी करती है। इसमें हमें अपना दायित्व निभाना हैं। इस अनलॉक के दौरान ऐसी चीजें अनलॉक हो रही हैं जिनमें देश दशकों से बंधा था। वर्षों से हमारा माइनिंग सेक्टर लॉकडाउन में था। कमर्शल ऑक्शन को मंजूरी देने के लिए निर्णयने स्थिति को  पूरी तरह से बदल दिया है। कुछ ही दिनों में स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक सुधार हुए।

 आज 28 जून को भारत अपने भूतपूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जी को श्रद्धांजलि दे रहा है। आज से उनकी जन्म शताब्दी शुरू हो रही है। वह स्वाभाविक राजनेता थे। कई भाषाओं को जानते थे। वह अपनी आवाज बुलंद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते थे। यू.पी. के बाराबंकी में गांव लौटकर आए मजदूरों ने कल्याणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू कर दिया। नदी का उद्धार होता देख, आस-पास के किसान, आस-पास के लोग भी उत्साहित हैं।


चीन बॉर्डर पर नया पुल तैयार किया

पिथौरागढ़। उत्तराखंड में मुनस्यारी-मिलम सड़क पर बीआरओ (बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन) की टीम ने महज पांच दिन में भारत को चीन सीमा से जोड़ने वाला नया पुल तैयार कर दिया है। शनिवार को पुल पर पोकलैंड, ड्रोजर और बीआरओ के ट्रक को चलाकर ट्रायल लिया गया। बीआरओ के अधिकारियों के अनुसार, पुल सही तरीके से बनकर तैयार हो गया है। जल्द ही इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी जाएगी। सैनरगाड़ नदी पर बना पुल 22 जून को पोकलैंड ले जा रहे ट्राला के गुजरते समय टूट गया था।

पुल के महत्व को देखते हुए बीआरओ ने 23 जून से नया पुल बनाने का काम शुरू किया था। पुल बनने से चीन सीमा के लिए आवागमन आसान हो जाएगा। इसके अलावा मुनस्यारी के मल्ला जोहार क्षेत्र के ग्रामीणों को भी राहत मिलेगी। सेनरगाड़ में बना यह पुल इसलिए भी खास है क्योंकि, सेना और आईटीबीपी को इसी रास्ते से चीन सीमा पर बनी पोस्टों पर रसद और खाद्य सामग्री पहुंचाई जाती है। पुल टूटने से सेना को दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा था। वहीं, पुल के टूटने से सीमांत के लोग भी खासे परेशान थे। पुल के टूटने से सीमांत के 10 माइग्रेशन गांव मिलम, बिल्जू, बुर्फू, तूला, पांछू, गनघर, रालम, खिलांच, लास्पा, रिलकोट, लास्पा, बौगडियार और रालम सहित कई अन्य गांवों के लोगों का संपर्क भी जिला मुख्यालय से टूट गया था। मानसून काल से पूर्व सीमांत के ग्रामीण जरूरतमंद चीजों को गांवों तक पहुंचा देते थे लेकिन इस बार सड़क और पुल के बनने के बाद लोग आराम से चीजों को गांवों तक पहुंचा रहे थे।

तीन बच्चों की हत्या कर, की आत्महत्या

नालासोपारा। मुंबई से सटे नालासोपारा इलाके से शनिवार रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। नालासोपारा के डॉननेल क्षेत्र में एक पिता ने अपने तीन बच्चों की धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या करने के बाद खुद के खुदकुशी कर ली। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पिता कैलाश परमार (40 वर्ष), ने पहले मासूम बच्चों, नयन परमार (10 वर्ष), नंदनी परमार (8 वर्ष), नयना परमार(5 वर्ष) की हत्या कर अपने जीवन को भी खत्म कर लिया। पुलिस पूरी मामलों को लेकर छानबीन कर रही हैं। आर्थिक तंगी और पत्नी के अवैध संबंध होने के शक में  कैलाश परमार ने अपने तीनों बच्चों की हत्या कर आत्महत्या का मामला सामने आ रहा हैं।फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।


मृतक के परिजन नहीं करेंगे मकान खाली

मृतक किराएदार के परिजनों से घर खाली नहीं करा सकते मकान मालिक : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। किराएदारों को राहत देने वाले फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मृतक किराएदार के परिजनों से मकान खाली नहीं करवाया जा सकता। किराएदार के मरने के बाद उसके परिजन मकान में रह सकते हैं। उनका किराए की संपत्ति में रहना सब्लेटिंग (किराएदार द्वारा संपत्ति को किसी अन्य को किराए पर चढ़ा देना) नहीं माना जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने यह व्यवस्था देते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट के फैसले को निरस्त कर दिया, जिसमें किराएदार के परिजनों को उप किराएदार मानकर यूपी शहरी भवन (किराएदारी, किराया और खाली करने के विनियमन) एक्ट, 1972 की धारा 16(1)(बी) के तहत मकान को खाली घोषित कर दिया था। जस्टिस नवीन सिन्हा और बीआर गवई की पीठ ने मामले में हाईकोर्ट को भी आड़े हाथ लिया और कहा कि किराया नियंत्रक के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट को अनुच्छेद 227 के तहत अपील नहीं सुननी चाहिए थी।

 

इस अनुच्छेद के तहत हाईकोर्ट अपीलीय कोर्ट का क्षेत्राधिकार ग्रहण नहीं कर सकता। पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने देहरादून जिला जज के बेहद तार्किक और संतुलित आदेश के खिलाफ अनुच्छेद 227 के तहत रिट स्वीकार कर गलती की है। जिला जज के आदेश के खिलाफ रिट क्षेत्राधिकार का प्रयोग करना हाईकोर्ट की अवांछित कारवाई थी।

क्या है मामलाः मामले के अनुसार, संजय कुमार सिंघल ने मो. इनाम (किराएदार का पुत्र) से लंढौर बाजार मसूरी में अपनी संपत्ति यह कहकर खाली करने के लिए 1999 में अर्जी दी कि रशीद अहमद ने संपत्ति को उपकिराएदरी पर उठा दिया है। यूपी शहरी भवन (किराएदारी, किराया और खाली करने के विनियमन ) एक्ट, 1972 के तहत किराया निरीक्षक ने संपत्ति का औचक निरीक्षण किया और संपत्ति में किराएदार को नहीं पाया। किराएदार रशीद अहमद की जगह मकान में कुछ लोग मिले। रशीद अपने गांव गए थे। किराया निरीक्षक ने धारा 16(1)(बी) के तहत रिपोर्ट दी और संपत्ति को रिक्त घोषित कर दिया। रशीद ने आपत्ति अर्जी दायर की और कहा कि संपत्ति में उसके भाई और उनके परिवार रह रहे हैं। परिवार के बाहर का कोई भी उसमें नहीं रहता।

किराया अधिकारी ने आदेश में कहा कि मकान में रहने वाले यह सिद्ध नहीं कर सके कि वे उसमें रशीद के साथ 1965 से रह रहे हैं। किराया नियंत्रक ने 2003 में संपत्ति को खाली घोषित कर दिया। इस बीच रशीद की मृत्यु हो गई। रशीद के परिजनों ने जिला जज के समक्ष 2007 में इस आदेश को चुनौती दी, जिसमें जिला जज ने कहा कि मामले में धारा 16(1)(बी) लागू नहीं हो सकती, क्योंकि यहां सब्लेटिंग नहीं है। मूल किराएदार के परिजन ही संपत्ति में निवास कर रहे हैं। जिला जज ने किराया नियंत्रक के मकान खाली करने के आदेश को निरस्त कर दिया। इस आदेश के खिलाफ मकान स्वामी अनुच्छेद 227 के तहत हाईकोर्ट गए और हाई कोर्ट ने जिला जज के आदेश को निरस्त कर दिया तथा मकान को खाली करने के आदेश कर दिए। उच्च अदालत के इस आदेश को रशीद के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

एडवोकेट प्रताप सिंह सुवाणा

चार शादियां की, 3 बीवियों को तलाक

पटना। कॉलेज के प्राचार्य ने बेटे की चाह में चार-चार शादियां कर ली है। ताज्जुब की बात यह है कि सभी चारों पत्नियां एक ही कॉलेज की शिक्षिका हैं। इससे भी हैरत की बात यह है कि प्राचार्य ने निकाह करने से पहले पत्नियों का निकाह दूसरे व्यक्ति से कराकर, तलाक दिलवाया फिर निकाह किया। 


दो महीने बाद पता चला कि उसका पति पहले से शादीशुदा है और अब चौथा निकाह करने जा रहा है। जब तक वह पति के पास पहुंचती, निकाह हो चुका था। जब विरोध करने लगी तो पति ने तीन बार तलाक, तलाक तलाक बोलकर कहा कि मैंने तुझे तलाक दिया जाओ। पिछले दस दिनों से आलमगंज थाना से लेकर महिला थाना का चक्कर लगा रही थी। शनिवार को महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई। महिला थाना में प्राचार्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हो गई। थाने की पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। उसने सैयद इकबाल के कहे अनुसार दूसरे व्यक्ति से निकाह किया, फिर तलाक लेकर उससे निकाह किया। निकाह के बाद अपना मकान रहते हुए किराये के मकान में रखता था। इसी दौरान वह गर्भवती हो गई। पति ने गर्भपात कराने की कोशिश की। फिर भी बच्ची पैदा हो गई। बेटी के पैदा होते ही पति ने मारपीट करना शुरू कर दिया।


बेटी पैदा होते ही छोड़कर दूसरी शिक्षिका से निकाह किया। प्राचार्य ने पढ़ाई के दौरान ही सभी के साथ रिश्ता बनाया फिर निकाह भी किया। तीसरी पत्नी ने पति सैय्यद इकबाल के खिलाफ शनिवार को महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है। महिला का कहना है कि साल 2011 में उसका ओरिएंटल कॉलेज के प्राचार्य सैयद इकबाल अफजल से से निकाह हुई थी।  निकाह से पहले पति ने ही एक व्यक्ति से निकाह कराया और बोला कि निकाह करने के बाद तलाक ले लो तभी निकाह करेंगे। 


चाइल्ड पोर्नोग्राफी में 47 को किया गिरफ्तार

बेंगलुरु। केरल पुलिस ने कोरोना वायरस की महामारी को नियंत्रित करने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान इंटरनेट पर कथित रूप से बच्चों से संबंधित अश्लील सामग्री तलाश रहे 47 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिनमें कई युवा भी शामिल हैं। राज्य पुलिस ने शनिवार (27 जून) को यह जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार लोगों से करीब 140 इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त की गई है। केरल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मनोज अब्राहम ने बताया कि राज्य में बच्चों के यौन उत्पीड़न की सामग्री को लेकर ऑनलाइन गतिविधि खासतौर पर डॉर्कनेट (गुप्त वेबसाइट जिसका उपयोग केवल विशिष्ट सॉफ़्टवेयर आदि के साथ ही किया जा सकता है) पर बढ़ने के बाद बाल यौन शोषण निषेध (सीसीएसई) टीम सक्रिय हुई।अब्राहम ने बताया कि इसके बाद पूरे राज्य में शनिवार सुबह छापे मारे गए और इन लोगों की गिरफ्तारी की गई। उन्होंने बताया कि कई लोगों पर नजर रखी जा रही है और जब्त किए गए मोबाइल फोन, मॉडम, हार्ड ड्राइव, मेमोरी कार्ड, लैपटॉप और कंप्यूटर जैसे उपकरणों में मौजूद बच्चों के गैरकानूनी वीडियो एवं तस्वीरों की वैज्ञानिक पड़ताल करने के बाद और गिरफ्तारी की जाएगी। 


अब्राहम ने कहा कि सबसे परेशान करने वाली बात यह है कि वीडियों और तस्वीरों में दिख रहे छह से 15 साल के बच्चे स्थानीय लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह व्हाट्सएप और टेलीग्राम पर कई पोर्न समूहों के संचालन की बात सामने आई। कोविड-19 के चलते लागू लॉकडाउन के दौरान यह चलन बढ़ा है। अब्राहम ने बताया कि देश के विभिन्न इलाकों में वायरस के जरिए वेबकैम को हैक कर पीड़ित बच्चों की सूचना चोरी करने के मामले भी सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से घरों में बंद बच्चों का उत्पीड़न होने के सबूत हैं और इस अवधि में अपलोड तस्वीर/ वीडियो से संदेह पैदा होता है कि कई लोग बच्चों की तस्करी में शामिल हैं और उनके उपकरणों में इस संबंध में कई चैट हैं।


अब्राहम ने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) की देखरेख में 117 टीमों का गठन किया गया है, जो एक साथ छापेमारी कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 89 मामले दर्ज किए गए हैं और बच्चों की तस्वीरों और वीडियों का प्रसार करने में शामिल और लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है। केरल पुलिस की सीसीएसई इकाई का गठन इस साल जनवरी में किया गया था ताकि बच्चों के ऑनलाइन उत्पीड़न और अश्लील सामग्री को रोका जा सके। टीम, इंटरपोल की बाल अपराध रोधी इकाई और अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा और शोषित बाल केंद्र (आईसीएमईसी) के करीबी संपर्क में कार्य कर रही है।


पुलिस ने कहा कि लोग इस संबंध में उच्च प्रौद्योगिकी अपराध पूछताछ प्रकोष्ठ, साइबरडोम या साइबर प्रकोष्ठ को यथा शीघ्र सूचना दें। पुलिस ने बताया कि कोल्लम जिले में नौ लोगों को, एर्नाकुलम एवं पलक्कड़ जिलों में पांच-पांच, तिरुवनंतपुरम और कोझिकोड में चार-चार, कन्नूर-अलप्पुझा- कोटट्यम जिलों में तीन-तीन, पथनमथिट्टा-मल्लापुरम-त्रिशूर-कासरगोड और वायनाड में दो-दो और इडुकी में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।


पुलिस विज्ञप्ति के अनुसार- मौजूदा कानून के तहत बाल अश्लील सामग्री को देखना, वितरण करना और जमा करना दंडात्मक अपराध है और दोषी पाए जाने पर पांच साल कारावास और 10 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है। पुलिस ने कहा कि बाल सुरक्षा समाज के सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है। पुलिस ने समुदाय से सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे चैनल और समूह की जानकारी दें जो बाल यौन उत्पीड़न की सामग्री का प्रसार करते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


  जून 29, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-321 (साल-01)
2. रविवार, जूूून 29, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, शुक्ल-पक्ष, तिथि- नवमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:31,सूर्यास्त 07:28।


5. न्‍यूनतम तापमान 27+ डी.सै.,अधिकतम-39+ डी.सै.। तेज हवाओं के साथ बरसात की संभावना।


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