सोमवार, 15 जून 2020
डीएम ने गेहूं क्रय केंद्र का किया निरीक्षण
नेपाल-भारत से रोटी-बेटी का रिश्ता
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नेपाल के विवादित नक्शे के कारण दोनों देशों के बीच उत्पन्न हुए मतभेद के बीच अहम बयान दिया है। उन्होंने भारत और नेपाल के संबंधों को ‘रोटी-बेटी’ का रिश्ता बताते हुए कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत इस रिश्ते को तोड़ नहीं सकती है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीयों के मन में कभी भी नेपाल को लेकर किसी भी प्रकार की कटुता पैदा हो ही नहीं सकती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उत्तराखंड की वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा, “हमारे साथ नेपाल का गहरा संबंध है। हम मिल बैठकर इन सब समस्याओं का समाधान करेंगे।”रक्षा मंत्री ने गोरखा रेजिमेंट की बहादुरी की चर्चा करते हुए कहा कि रेजीमेंट ने समय-समय पर अपने शौर्य का परिचय दिया है। रेजिमेंट का उद्घोष है कि ‘जय महाकाली आयो री गोरखाली’। महाकाली तो कलकत्ता, कामाख्या और विंध्यांचल में विद्यमान हैं। तो कैसे भारत और नेपाल का रिश्ता टूट सकता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारे पड़ोसी देश नेपाल में सड़क को लेकर कुछ गलतफहमियां पैदा हुई हैं। नेपाल के साथ हमारे केवल सामाजिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रिश्ते भी हैं। मगर सभी गलतफहमियां साथ बैठकर सुलझा ली जाएंगी।
राजनाथ सिंह ने मानसरोवर यात्रा की मुश्किलें कम होने की भी चर्चा की। कहा कि बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने लिपुलेख तक एक लिंक रोड का निर्माण किया, जिससे मानसरोवर जाने के लिए एक नया रास्ता खुल गया। पहले यात्रा के मुकाबले अब 6 दिन कम समय में मानसरोवर की यात्रा होगी। उन्होंने उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का गुणगान करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ भी राज्य सरकार ने जीरो टॉरलेंस की नीति अपनाई है। गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया गया है। राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश की दुनिया में प्रतिष्ठा बढ़ने की बात कही।
उन्होंने कहा, “पिछले छह वर्षों में मोदी जी के नेतृत्व में हमारे देश ने बहुत प्रगति की है। अंतरराष्ट्रीय जगत में भी भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार के छह वर्ष पूरे हुए हैं। पांच वर्षों में लगातार जनता के बीच सरकार के कामों का रिपोर्ट कार्ड लेकर गए। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला वर्ष पूरे होने पर हम जनता से सीधा संवाद स्थापित कर रहे हैं।”
पदार्थ की पांचवी अवस्था के मिले प्रमाण
मदन साहू
नई दिल्ली। वैज्ञानिकों को पहली बार अंतरिक्ष में पदार्थ की पांचवी अवस्था के सबूत मिले हैं। उनका मानना है कि इसके जरिए ब्रह्मांड की गुत्थियों को सुलझाया जा सकता है और इसकी उत्पत्ति का भी पता लगाया जा सकता है। भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस और अल्बर्ट आइंस्टीन ने पदार्थ की इस अवस्था के बारे में 100 साल पहले 1920 में बताया था। इसलिए इसे बोस-आइंस्टाइन कंडेनसेट्स (बीईसी) भी कहते हैं। यह प्रयोग अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में किया गया है।
● जाने कब बनती है पदार्थ की पांचवीं अवस्था।
पदार्थ की यह अवस्था तब बनती है, जब किसी तत्व के परमाणुओं को परम शून्य ( जीरो डिग्री केल्विन या माइनस 273.15 डिग्री सेल्सियस) तक ठंडा किया जाता है। इसके चलते उस तत्व के सारे परमाणु मिलकर एक हो जाते हैं यानी सुपर एटम बनता है। इसे ही पदार्थ की पांचवी अवस्था कहते है। किसी भी पदार्थ में उसके परमाणु अलग-अलग गति करते हैं, लेकिन पदार्थ की पांचवी अवस्था में एक ही बड़ा परमाणु होता है और इसमें तरंगे उठती हैं।
● बीईसी का धरती पर अध्ययन है असंभव।
वैज्ञानिकों ने बताया कि बीईसी बेहद संवेदनशील है। अगर उसकी अवस्था से थोड़ी भी छेड़छाड़ की जाती है तो वे गर्म हो सकते हैं, क्योंकि वे हमेशा परम शून्य तापमान पर होते हैं। थोड़ा सा भी गर्म होने पर पदार्थ की पांचवीं अवस्था खत्म हो जाएगी। इस वजह से पृथ्वी पर इनका अध्ययन लगभग असंभव है।
● बीईसी में अंतरिक्ष की रहस्यमयी डार्क एनर्जी के बारे में जानकारी छुपी हुई है वैज्ञानिकों का ये है मानना...
वैज्ञानिक ब्रह्मांड के फैलाव के पीछे इस डार्क एनर्जी को ही मानते हैं। इस रिसर्च को नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
● इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर किया गया प्रयोग।
वैज्ञानिकों ने बताया कि आईएसएस में पदार्थ का पांचवीं अवस्था बनाना कोई आसान काम नहीं था। पहले बोसोन (ऐसे परमाणु, जिनमें प्रोटान और इलेक्ट्रान बराबर हो) को लेजर तकनीक से परम शून्य तापमान तक ठंडा किया जाता है। जैसे-जैसे परमाणुओं की गति धीमी होती है, वे ठंडे होने लगते हैं। वैज्ञानिकों ने रूबीडियम धातु से बीईसी बनाया।
● अभी तक पदार्थ की चार अवस्थाएं ही थी ज्ञात...
पदार्थ की चार अवस्थाएं होती हैं, ठोस, द्रव, गैस और प्लाज्मा. जिसमें प्लाज्मा गैसीय अवस्था ही होती है, लेकिन यह आयनित होती है। बताया जाता है कि तारे प्लाज्मा से ही बने होते हैं। तथा ब्रह्मांड में 96% प्लाज्मा ही है।
करोड़ों के घोटालें पर एसआईटी का शिकंजा
देहरादून। उत्तराखंड से बड़ी खबर सामने आई है जहां लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से सक्रिय हुई एसआईटी ने देहरादून और हरिद्वार जिले में मुकदमें दर्ज कराए। ख़बर है कि 10 करोड़ से अधिक डकारे पश्चिमी यूपी, हिमाचल और उत्तराखंड के इन शिक्षण संस्थानों ने। एसआईटी ने करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में 22 शिक्षण संस्थानों पर शिकंजा कसा है। बता दे कि एसआईटी ने राजधानी देहरादून और हरिद्वार जिले में इन शिक्षण संस्थानों के खिलाफ छात्रवृत्ति हड़पने के आरोप में मुकदमे दर्ज कराए हैं।
आरोप है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के 22 शिक्षण संस्थानों ने छात्रवृत्ति के नाम पर 10.88 करोड़ से अधिक की रकम डकारी है।
जिन छात्रों के फर्जी प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति हड़पी गई है, एसआईटी अब उन छात्रों के नाम और पते का सत्यापन कर रही है। इसके बाद छात्रों के बयान दर्ज किए जाएंगे। साथ ही छात्रों से उनके दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी जुटाई जाएगी।
जान ले इन पर दर्ज हुआ ह मुकदमा
रविवार को एसआईटी की ओर से देहरादून और हरिद्वार के अलग-अलग थानों, कोतवाली में कई मुकदमे दर्ज कराए गए।
देहरादून के बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
सुद्धोवाला के खिलाफ प्रेमनगर थाने,
डीआरपीएमई सहारनपुर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद पॉलिटेक्निक कॉलेज सुंदरपुर सहारनपुर,
डीसीई कॉलेज ऑफ एजुकेशन सहारनपुर, डीसीईटी सहारनपुर, डीसीटीएस सुंदरपुर सहारनपुर, दून कालेज ऑफ लॉ सहारनपुर, दून कॉलेज गणेशपुर सहारनपुर, मोनंद यूनीवर्सिटी हापुड़, श्रीराम इंस्टीटयूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज सहारनपुर, कालका इंजीनियरिंग कॉलेज मेरठ, कालका इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च एंड एडवांस स्टडीज मेरठ, हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशन हिमाचल प्रदेश, कृष्णा कॉलेज ऑफ लॉ कमालपुर छुटमलपुर सहारनपुर, ओम संतोष प्राइवेट आईटीआई चक हरीती जनता रोड सहारनपुर के खिलाफ डालनवाला कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए गए हैं।
वहीं, स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन मतलूबपुर रुड़की के खिलाफ गंगनहर कोतवाली, कॉलेज ऑफ एडवांस टेक्नोलॉजी रुड़की के खिलाफ भगवानपुर थाना, रुड़की कॉलेज ऑफ एजुकेशन शेरपुर झबरेड़ा के खिलाफ झबरेड़ा थाना, सरस्वती प्रोफेशनल डिग्री कॉलेज जगजीतपुर जमालपुर कलां के खिलाफ कनखल थाना, डीआरपीएमई सहारनपुर, डीसीई कॉलेज ऑफ एजुकेशन सहारनपुर और दून कॉलेज गणेशपुर सहारनपुर के खिलाफ सिडकुल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि मुकदमों की जांच थाना स्तर से की जाएगी।
यूपी में 11 आईएएस अफसरों का तबादला
लखनऊ। प्रदेश सरकार ने 11 आईएएस व एक पीसीएस अधिकारी को नई तैनाती दी है। इनमें वरिष्ठ आईएएस अधिकारी महेश कुमार गुप्ता राज्यपाल के नए अपर मुख्य सचिव बनाए गए हैं। इसके अलावा विभिन्न तरह की जांच व कार्रवाई के दायरे में आए नौ अफसरों को महीनों तक घर बैठाने के बाद तैनाती दे दी गई है।
कैडर बदलवाकर आए प्रतीक्षारत आईएएस अधिकारी को भी तैनाती दे दी गई है। प्रदेश सरकार ने अपर मुख्य सचिव राज्यपाल हेमंत राव को हटाकर शासन में अपर मुख्य सचिव पिछड़ा वर्ग, दिव्यांगजन व सचिवालय प्रशासन के पद पर तैनाती दी है। अब तक शासन में इन विभागों की जिम्मेदारी देख रहे महेश कुमार गुप्ता को राज्यपाल का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है।पत्नी के यूपी काडर में आईपीएस अधिकारी होने के आधार पर मणिपुर काडर से यूपी काडर में आए 2014 बैच के आईएएस अधिकारी रवींद्र सिंह को यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) का एसीईओ बनाया गया है। अवैध खनन पट्टा आवंटन, भूमि विवाद, प्रशासनिक शिथिलता सहित विभिन्न तरह के अलग-अलग आरोपों में सीबीआई, ईडी व विभागीय कार्रवाई का सामना कर रहे कई अधिकारी पिछले कई महीने से वेटिंग में थे। इन सभी को तैनाती दे दी गई है, लेकिन कोई महत्वपूर्ण विभाग नहीं दिया गया है। पिछले वर्ष अक्तूबर से प्रतीक्षारत अजय कुमार सिंह को सचिव राष्ट्रीय एकीकरण बनाया गया है। जुलाई-2019 से प्रतीक्षारत संतोष कुमार राय को सामान्य प्रशासन, अभय को यूपी पुनर्गठन समन्वय, विवेक को नियोजन, देवीशरण उपाध्याय को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। पिछले वर्ष अक्तूबर से प्रतीक्षारत पवन कुमार को भाषा विभाग का विशेष सचिव बनाया गया है।
प्रशांत शर्मा नवंबर, 2019 में अमेठी के डीएम पद से हटाए जाने के बाद से ही प्रतीक्षारत थे। उन्हें वाह्य सहायतित परियोजना विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है अक्तूबर-2019 में महराजगंज के जिलाधिकारी पद से निलंबित कर हटाए गए अमर नाथ उपाध्याय पिछले दिनों बहाल कर दिए गए थे। अब उन्हें राजनैतिक पेंशन एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी घनश्याम सिंह दो वर्ष से अधिक समय के निलंबन के बाद पिछले वर्ष दिसंबर में बहाल कर आयुक्त मेरठ कार्यालय से संबद्ध कर दिए गए थे। शासन ने अब घनश्याम को विशेष सचिव कार्यक्रम कार्यान्वयन के पद पर तैनाती दे दी है।
सड़क दुर्घटना में 6 की मौत, 18 घायल
विरोध करने वालों ने पक्ष में खोला मोर्चा
प्रवीर भट्टाचार्य
एक पुरानी कहावत है- खोदा पहाड़ ,निकली चुहिया । यह कहावत बिलासपुर के मंदिर कांड पर पूरी तरह फिट बैठ रही है। रविवार दिन भर भारतीय राष्ट्रवादी संगठन के साथ तमाम हिंदू संगठनों ने जिस अपराधी के लिए हंगामा मचाया, शाम होते होते उनकी सहानुभूति उसी अपराधी के प्रति इस कदर उमड़ पड़ी कि अब वे उसका इलाज कराने पर उनका फोकस ठहर गया हैं । शनिवार रात किसी सरफिरे ने सिम्स के सामने स्थित शिव हनुमान मंदिर की दीवार पर एक पोस्टर चस्पा कर दिया था। पोस्टर में देवी काली की तस्वीर की फोटो कॉपी थी, जिस पर उनके खिलाफ बेहद गंदी गंदी बातें लिखी थी । उनका संबंध अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जोड़ा गया था। स्वाभाविक तौर पर इसकी जानकारी होने पर बिलासपुर में हंगामा खड़ा हो गया। बात तब और बिगड़ गई जब कार्यवाही के लिए पहुंचे कोतवाली थाना प्रभारी कलीम खान के मजहब को लेकर कुछ लोगों ने सवाल खड़े कर दिए। गुस्सायी पुलिस सब को उठा लाई और उनके खिलाफ धारा 341 और 147 के तहत मामला दर्ज कर दिया।
लेकिन कोतवाली पुलिस ने शाम होते-होते उस आरोपी को भी ढूंढ निकाला, जिसकी वजह से पूरे शहर में बवाल मचा था। यहीं पर आकर वह कहावत सही साबित हो गई, जिसका जिक्र हमने शुरू में किया था। पता चला कि इस इलाके में रहने वाले एक बुजुर्ग मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति ने ही यह हरकत की थी । शुरू में लोगों को लगा कि मामले को रफा-दफा करने के लिए पुलिस निरीह विक्षिप्त को बलि का बकरा बना रही है, लेकिन जब आंदोलनकारी स्वयं थाने पहुंचे और उस उस विक्षिप्त से बात की तो फिर शक की कोई गुंजाइश नहीं बची । उस विक्षिप्त के पास कई और कागज भी मिले, जिस पर इसी तरह की बातें लिखी हुई थी। तसल्ली के लिए उससे अपने सामने वही बातें लिखवाई गई तो हैंडराइटिंग पूरी तरह से मैच कर गयी। उसने बताया कि ऐसा उसने पहली बार नहीं किया। इससे पहले भी वह कई मर्तबा कई मंदिरों में इसी तरह की चीजें चिपका चुका है । ऐसा क्यों किया पूछने पर वह कहता है कि मेरा दिमाग खराब हो गया था, मुझे माफ कर दीजिए। लोग इस बात से हैरान है कि जिस विक्षिप्त को अपनी तक सुध नहीं, उसे यह कैसे पता है की पोस्टर का फोटो कॉपी कहां कराना है। उस पर क्या लिखना है और उसे कहां चिपकाना है ।शायद इसी कारण से आरोपी के असली या नकली होने पर संदेह हो रहा था ,लेकिन जांच से यह दूध का दूध और पानी का पानी हो गया और शक की कोई गुंजाइश ही नहीं बची । आंदोलनकारियों ने अपनी आंखों से देखा कि आरोपी चलने फिरने के काबिल भी नहीं है ।उसकी हालत बेहद दयनीय है लिहाजा दिन भर जिसे सख्त से सख्त सजा देने की मांग की जा रही थी अब उसी को सेंदरी के मानसिक रोग अस्पताल भेजने की तैयारी आंदोलनकारियों में से कुछ लोग कर रहे हैं।
आरोपी का नाम ओमी गुलाटी है । बताया जा रहा है कि वह पुराना बस स्टैंड हनुमान मंदिर के बाहर भीख मांगकर गुजरा करता है । आरोपी यादव मोहल्ला टीकरापारा मे रहता है।
वैसे आरोपी को सरफिरा कहकर खारिज नहीं किया जा सकता क्योंकि उसकी हरकतें ऐसी है जिससे शहर में आग लग सकती है। अगर यह व्यक्ति इसी तरह खुला घूमता रहा तो पता नहीं इसके कारण किस दिन कोई बड़ा बवाल मच जाए । इस बार तो मामला आसानी से सुलझ गया लेकिन हर बार ऐसा हो यह जरूरी नहीं, इसलिए इस व्यक्ति को या तो मानसिक चिकित्सालय में रखा जाना चाहिए या फिर कहीं भी कैद रखा जाए ताकि यह बारूद इसी तरह खुला शहर में ना घूम पाये। पकड़ा गया आरोपी कम शातिर नहीं है। आरोपी अब भी खुद को पेशावर का मानता है और कहता है कि दाऊद इब्राहिम से उसकी बात होती है। इतना ही नहीं हिंदू धर्म के विरुद्ध उसके दिमाग में कोई ग्रंथि तो है जो उसे हिंदू धर्म से नफरत करना सिखा रही है । इसलिए यह आदमी चलता फिरता मानव बम से कम नहीं है।
एक बात और
हमें बीमारी से लड़ना है, बीमार से नहीं।
और सबसे बड़ी बात किसी ने किसी से माफी नहीं मांगी है। अगर लक्ष्य को हासिल करना है तो फिर संगठित रहना सीखना होगा। एकता का मूल मंत्र भूल कर सिर्फ पराजय हासिल हो सकती है। समझदार को इशारा काफी है।
कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप
कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप दुष्यंत टीकम जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...
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यूपी में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा: परिषद संदीप मिश्र/बृजेश केसरवानी लखनऊ/प्रयागराज। उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद की ओ...
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