गुरुवार, 11 जून 2020

रंगपुरी 'कहानी'

मूर्ख आदमी मकान बनवाता है, बुद्धिमान आदमी उसमें रह ता है, मैं मकान लेकर कहीं जाऊंगा थोड़े ही !!

कल अपनी पुरानी सोसाइटी में गया था। वहां मैं जब भी जाता हूं, मेरी कोशिश होती है कि अधिक से अधिक लोगों से मुलाकात हो जाए। 

कल अपनी पुरानी सोसाइटी में पहुंच कर गार्ड से बात कर रहा था कि और क्या हाल है आप लोगों का, तभी मोटरसाइकिल पर एक आदमी आया और उसने झुक कर प्रणाम किया। 

 

भैया, प्रणाम।” मैंने पहचानने की कोशिश की। बहुत पहचाना-पहचाना लग रहा था। पर नाम याद नहीं आ रहा था। उसी ने कहा, 

भैया पहचाने नहीं? हम बाबू हैं, बाबू। उधर वाली आंटीजी के घर काम करते थे।

मैंने पहचान लिया। अरे ये तो बाबू है। सी ब्लॉक वाली आंटीजी का नौकर।

“अरे बाबू, तुम तो बहुत तंदुरुस्त हो गए हो। आंटी कैसी हैं?”*

बाबू हंसा,

“आंटी तो गईं।”

“गईं? कहां गईं? उनका बेटा विदेश में था, वहीं चली गईं क्या? ठीक ही किया, उन्होंने। यहां अकेले रहने का क्या मतलब था?”

अब बाबू थोड़ा गंभीर हुआ। उसने हंसना रोक कर कहा, 

भैया, आंटीजी भगवान जी के पास चली गईं।”

“भगवान जी के पास? ओह! कब?”

बाबू ने धीरे से कहा, 

“दो महीने हो गए।”

“क्या हुआ था आंटी को?”

 

“कुछ नहीं। बुढ़ापा ही बीमारी थी। उनका बेटा भी बहुत दिनों से नहीं आया था। उसे याद करती थीं। पर अपना घर छोड़ कर वहां नहीं गईं। कहती थीं कि यहां से चली जाऊंगी तो कोई मकान पर कब्जा कर लेगा। बहुत मेहनत से ये मकान बना है।”

 

“हां, वो तो पता ही है। तुमने खूब सेवा की। अब तो वो चली गईं। अब तुम क्या करोगे?”

अब बाबू फिर हंसा,

"मैं क्या करुंगा भैया? पहले अकेला था। अब गांव से फैमिली को ले आया हूं। दोनों बच्चे और पत्नी अब यहीं रहते हैं।”

 

“यहीं मतलब उसी मकान में?”

 

“जी भैया। आंटी के जाने के बाद उनका बेटा आया था। एक हफ्ता रुक कर चले गए। मुझसे कह गए हैं कि घर देखते रहना। चार कमरे का इतना बड़ा फ्लैट है। मैं अकेला कैसे देखता? भैया ने कहा कि तुम यहीं रह कर घर की देखभाल करते रहो। वो वहां से पैसे भी भेजने लगे हैं। और सबसे बड़ी बात ये है कि मेरे बच्चों को यहीं स्कूल में एडमिशन मिल गया है। अब आराम से हूं। कुछ-कुछ काम बाहर भी कर लेता हूं। भैया सारा सामान भी छोड़ गए हैं। कह रहे थे कि दूर देश ले जाने में कोई फायदा नहीं।”

मैं हैरान था। बाबू पहले साइकिल से चलता था। आंटी थीं तो उनकी देखभाल करता था। पर अब जब आंटी चली गईं तो वो चार कमरे के मकान में आराम से रह रहा है। 

आंटी अपने बेटे के पास नहीं गईं कि कहीं कोई मकान पर कब्जा न कर ले। 

बेटा मकान नौकर को दे गया है, ये सोच कर कि वो रहेगा तो मकान बचा रहेगा। 

मुझे पता है, मकान बहुत मेहनत से बनते हैं। पर ऐसी मेहनत किस काम की, जिसके आप सिर्फ पहरेदार बन कर रह जाएं?

मकान के लिए आंटी बेटे के पास नहीं गईं। मकान के लिए बेटा मां को पास नहीं बुला पाया। 

सच कहें तो हम लोग मकान के पहरेदार ही हैं। 

जिसने मकान बनाया वो अब दुनिया में ही नहीं है। जो हैं, उसके बारे में तो बाबू भी जानता है कि वो अब यहां कभी नहीं आएंगे।

मैंने बाबू से पूछा कि,

"तुमने भैया को बता दिया कि तुम्हारी फैमिली भी यहां आ गई है?"

“इसमें बताने वाली क्या बात है भैया? वो अब कौन यहां आने वाले हैं? और मैं अकेला यहां क्या करता? जब आएंगे तो देखेंगे। पर जब मां थीं तो आए नहीं, उनके बाद क्या आना? मकान की चिंता है, तो वो मैं कहीं लेकर जा नहीं रहा। मैं तो देखभाल ही कर रहा हूं।”

 

बाबू फिर हंसा। 

 

बाबू से मैंने हाथ मिलाया। मैं समझ रहा था कि बाबू अब नौकर नहीं रहा। वो मकान मालिक हो गया है। 

 

हंसते-हंसते मैंने बाबू से कहा,

 

“भाई, जिसने ये बात कही है कि

_*मूर्ख आदमी मकान बनवाता है, बुद्धिमान आदमी उसमें रहता है।

 उसे ज़िंदगी का कितना गहरा तज़ुर्बा रहा होगा।”

 

बाबू ने धीरे से कहा, 

“साहब, सब किस्मत की बात है।”

मैं वहां से चल पड़ा था ये सोचते हुए कि सचमुच सब किस्मत की ही बात है।

 

लौटते हुए मेरे कानों में बाबू की हंसी गूंज रही थी...


“मैं मकान लेकर कहीं जाऊंगा थोड़े ही?मैं तो देखभाल ही कर रहा हूं।”

मैं सोच रहा था, मकान लेकर कौन जाता है? सब देखभाल ही तो करते हैं।

आज यह किस्सा पढ़कर लगा कि हम सभी क्या कर रहे है ....जिन्दगी के चार दिन है मिल जुल कर हँसतें हँसाते गुजार ले ...क्या पता कब बुलावा आ जाए....सब यहीं धरा रह जायेगा....।

ट्रस्ट के सदस्यों का पीएम को निमन्त्रण

दो जुलाई को मंदिर निर्माण के लिए हो सकता है भूमिपूजन

 

ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री को दिया निमन्त्रण

 

अयोध्या। रामलला के भव्य मंदिर निर्माण का भूमि पूजन प्रधानमंत्री से कराने के लिए श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र समेत मंदिर निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्र दिल्ली में जमे हैं।

संत धर्माचार्यों व ज्योतिषियों के मुताबिक दो जुलाई को आनंद योग में राम मंदि का भूमि पूजन सर्वसिद्धिदायक होगा। सूत्र बताते हैं कि चतुर्मास से पहले ही प्रधानमंत्री के अयोध्या आने की स्वीकृति मिलने की संभावना है।

रामजन्मभूमि परिसर में समतलीकरण का कार्य पूरा होने के बाद अब मंदिर के लिए भूमि पूजन का इंतजार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि भूमि पूजन के लिए दो जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आ सकते हैं।

श्रीराजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर उन्हें इसके लिए आमंत्रण दिया है। दो जुलाई को चातुर्मास लग रहा है। इस दौरान चार माह तक कोई शुभ कार्य नहीं होगा। ऐसे में मुमकिन है कि देवताओं के शयन से ठीक पहले अयोध्या में भूमि पूजन हो जाए।

 ज्योतिषाचार्य पंडित कौशल्यानंद वर्धन भी बताते हैं कि देवशयनी एकादशी 30 जून की शाम 6:45 बजे लगेगी जो एक जुलाई को पूरे दिन रहेगी। इसे विष्णु शयनोत्सव के रूप में मनाया जाता है जो तीन दिन का होता है।

इस उत्सव के क्रम में दो जुलाई को गुरू अनुराधा नक्षत्र का शुभ संयोग पड़ रहा है, इस दिन आनंद योग भी है, जो शुभ कार्यों के लिए सर्वसिद्घिप्रदायक है।

इस दिन मध्याह्न में वामन भगवान का पूजन करने से एक यज्ञ का फल प्राप्त होता है। ऐसे में इस दिन प्रधानमंत्री भूमि पूजन करते हैं तो यह शुभ फलदायी होगा। श्रीरामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि यदि एकादशी पर प्रधानमंत्री भूमि पूजन करते है तो यह अत्यंत शुभ होगा।

        

पीएमओ से लगातार संपर्क में है ट्रस्टः मातृ जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के आला अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ के साथ लगातार संपर्क में हैं। प्रधानमंत्री को औपचारिक न्योता भेजा जा चुका है वह इसे स्वीकार भी कर चुके हैं। अगर यह मुहूर्त निकल गया तो फिर दीपावली के 11 दिन बाद ही अगला मुहूर्त आएगा।

उधर, संत भी प्रधानमंत्री को शिलान्यास के लिए आमंत्रण देने की तैयारी में हैं, इसके लिए उनसे मुलाकात का भी मन बना रहे हैं। ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि प्रधानमंत्री से भूमि पूजन के लिए शुभ तिथि पर अयोध्या आने का आग्रह किया जा रहा है। अभी कोई तिथि तय नहीं हो पाई है।

 

भूमि पूजन में आती रहीं अड़चनें: भूमि पूजन की तिथि पहले 30 अप्रैल को तय की गयी थी। लेकिन इसी बीच कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी और ट्रस्ट ने भूमि पूजन कार्यक्रम स्थगित कर दिया। अब ट्रस्ट की तरफ से दो जुलाई की तारीख बताई गई है। हालांकि प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से तारीख को लेकर जवाब आना अभी बाकी है।

राममंदिर की पहली मंजिल का काम पूरा: दो मंजिल के प्रस्तावित राममंदिर की रूपरेखा पहले ही तैयार हो चुकी है। पहली मंजिल का काम तकरीबन पूरा बताया जा रहा है। 212 पिलरों पर बनने वाले राममंदिर के लिए 106 पिलर, छतें, नींव के पत्थर और उसके ऊपर लगने वाले पत्थर तैयार हैं। लगभग सवा लाख घनफुट पत्थरों की तराशी हो चुकी है। अभी 75 हजार स्कवायर घन फुट पत्थर तराशे जाने बाकी हैं। मंदिर 128 फीट ऊंचा और 140 फीट चौड़ा होगा जबकि मंदिर की लंबाई 268 फीट की होगी। महंत कमल नयन दास ने 28 वर्षों बाद कुबेर टीला स्थित कुबेरेश्वर महादेव का किया रुद्राभिषेक।

 

राममंदिर का निर्माण की कामना से बुधवार को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने 28 वर्षों बाद कुबेर टीला स्थित कुबेरेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया।

 मंदिर-मस्जिद विवाद के कारण वर्षों से कुबेरेश्वर महादेव की पूजा-अर्चना नहीं हो पाई थी। कोरोना के शमन, विश्व की बाधाएं दूर करने और राममंदिर निर्माण के लिए शंकरजी से संतों ने आशीर्वाद मांगा। महंत कमलनयन दास ने कहा कि शीघ्र ही मंदिर निर्माण की तारीख तय होगी। अभी रामजन्मभूमि परिसर में कोई निर्माण कार्य नहीं शुरू हुआ है। हम केवल शिव की आराधना करने आए थे, हमारी तैयारी पूरी है। जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।

अयोध्या के रामजन्मभूमि परिसर में कुबेर टीले पर कुबेरेश्वर महादेव का रुद्राभिषेक किया गया। यहां 28 साल से यहां पूजा नहीं हुई थी। महंत कमलनयन दास ने बुधवार को करीब दो घंटे तक (सुबह 8 से 10 बजे तक) 11 लीटर दूध से अभिषेक किया और फिर बाहर निकले। 

पूजा के बाद लौटे महंत कमलनयन दास ने कहा कि जिस प्रकार भगवान शिव की उपासना के बाद भगवान श्री राम का लंका विजय का अभियान निर्विघ्न संपन्न हुआ। उसी प्रकार यहां पर कुबेेरेश्वर महादेव की पूजा के बाद श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य निर्विघ्न फलीभूत होगा। 

मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने लंका विजय के पहले रामेश्वरम में शिव की आराधना की थी, उसी विरासत के अनुरूप रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पूर्व शिव की आराधना की गई। कमलनयनदास के अनुसार इसके पीछे मकसद भव्य राममंदिर निर्माण से पूर्व भगवान शिव को प्रसन्न करना है। 

उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आते पर कोरोना संकट के चलते हर जगह भीड़भाड़ की आशंका उन्हें अयोध्या आने से रोक रही है। 

बताया कि बीते दिनों समतलीकरण के दौरान रामजन्मभूमि परिसर का भ्रमण करने के दौरान उनकी निगाह कुबेर टीला पर स्थित भगवान कुबेरेश्वर महादेव पर गई और उसी समय उन्होंने तय किया कि जिस प्रकार भगवान राम ने लंका विजय के पूर्व रामेश्वरम में भोलेनाथ की पूजा की। उसी तरह श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण से पहले वह शशांक शेखर के रूप में भोले की पूजा करेंगे। रुद्राभिषेक में संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास रामायणी, संत आनंद शास्त्री सहित अन्य वैदिक पंडित मौजूद रहे।

शिव अभिषेक से दूर होंगी विघ्न-बाधाएं: कन्हैयादास

संत समिति के अध्यक्ष महंत कन्हैया दास ने भी भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। अभिषेक पूजन के बाद लौटे महंत कन्हैया दास रामायणी ने कहा कि भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर राममंदिर निर्माण की मंगलकामना की गयी है, भगवान शिव की कृपा से सारी विघ्न बाधाएं दूर होंगी और शीघ्र ही राममंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा। संत समाज अयोध्या में दिव्य-भव्य राममंदिर निर्माण के लिए बेसब्र है।

 

पौराणिक एवं पुरातात्विक महत्व का है कुबेर तीला

टीटीलालमजन्मभूमि के जिस परिसर में दिव्य-भव्य राममंदिर निर्माण की तैयारी चल रही है उसी परिसर में पौराणिक एवं पुरातात्विक महत्व का कुबेर टीला भी है। अयोध्या का इतिहास विवेचित करने वाले ग्रंथ रूद्रयामल के अनुसार युगों पूर्व इस स्थान पर धन के देवता कुबेर का आगमन हुआ था। उन्होंने रामजन्मभूमि के निकट ऊंचे टीले पर शिवलिंग की स्थापना की थी, कालांतर में यहां मां पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी, कुबेर सहित कुल नौ देवी-देवताओं की प्रतिमा स्थापित की गई और श्रद्घालुओं के बीच यह स्थल नौ रत्न के नाम से पूजित-प्रतिष्ठित हुआ। सन 1902 में एडवर्ड अयोध्या तीर्थ विवेचनी सभा ने 84 कोस की परिधि में रामनगरी के जिन 148 पुरास्थलों को चिह्नित किया, उसमें से एक कुबेर टीला भी था। कुबेर टीला एएसआई के द्वारा भी संरक्षित स्मारक है।

 

गंगा सिंह यादव को फिर मिली जिला कमेटी की बागडोर

 

अयोध्या। लंबी प्रतीक्षा के बाद समाजवादी पार्टी ने गंगा सिंह यादव को फिर से जिला कमेटी की बागडोर सौपी है। करीब नौ महीने बाद जिला कमेटी के अध्यक्ष पद पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने ताजपोशी की है। 23 अगस्त 2019 को अखिलेश यादव ने जिला कमेटी समेत सभी प्रकोष्ठों को भंग कर दिया था, तभी से अध्यक्ष पद के लिए कई नामों पर अटकलें लगती रहीं। सांगठनिक तजुर्बे की वजह से बाजी गंगा सिंह यादव के पक्ष में रही। इससे पूर्व भंग कमेटी की कमान भी उन्हीं के पास रही। ताजपोशी के बाद जिलाध्यक्ष गंगा सिंह यादव ने कहा वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करेंगे जिससे अखिलेश यादव की अगुवाई में प्रदेश में पार्टी की सरकार बन सके। यादव ने राष्ट्रीय व प्रांतीय नेतृत्व के प्रति आभार जताया। अभी जिला महासचिव पद पर किसी की नियुक्ति नहीं की गई है। अध्यक्ष पद पर गंगा सिंह यादव की ताजपोशी पर पार्टी नेताओं ने हर्ष जताया है।

 

होटल, रेस्टोरेंट, फूड कोर्ट और कैफेटेरिया आदि को खोलने की  जिला प्रशासन ने सशर्त अनुमति दी

 

अयोध्या। लॉकडाउन के साथ ही बंद हुए जिले के होटल, रेस्टोरेंट, फूड कोर्ट और कैफेटेरिया आदि को खोलने की अनुमति जिला प्रशासन ने सशर्त दे दी है। प्रतिष्ठान सुबह 10 बजे से रात्रि साढ़े आठ बजे तक ही खुल सकेंगे। किसी भी दशा में सीटिग क्षमता से 50 फीसदी से अधिक के बैठने की अनुमति नहीं दी गई है। जिन व्यक्तियों में कोविड-19 के लक्षण प्रदर्शित नहीं होंगे, उन्हें ही परिसर में बैठने की अनुमति होगी। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि संदिग्ध, पुष्ट केस को तत्काल अलग कर दिया जाएगा और इसकी सूचना डाक्टर, जिला अस्पताल या जिला कंट्रोल रूम के नंबर 9453116001 पर देनी होगी। प्रतिष्ठान में डिस्पोजेबल बर्तन और अच्छी गुणवक्ता के पेपर नैपकिन का प्रयोग करना होगा।       भोजनालय व ढाबा पर सामूहिक भोजन की अनुमति नहीं होगी। होम डिलीवरी, पैकेज्ड फूड ही अनुमन्य होगा। हाईवे पर पड़ने वाले ढाबों को इस प्रतिबंध से अलग रखा गया है। जबकि होटल व गेस्ट हाउस को समस्त सुविधाओं युक्त 33 फीसदी कमरे चिकित्सक एवं पैरामेडिकल आदि के क्वारंटाइन किए जाने के लिए उपलब्ध कराना होगा।

 

डिप्टी कलेक्टर की बढ़  सकती है मुसीबत

 

इनोवा गिफ्ट व दाखिल खारिज के नौ मुकदमों की जांच पूरी

 

जिलाधिकारी ने मुख्य राजस्व अधिकारी पुरुषोत्तमदास गुप्त को सौंपी थी जांच

 

अयोध्या। डिप्टी कलेक्टर रामशंकर की मुसीबत बढ़ने जा रही है। उनके खिलाफ इनोवा गिफ्ट व दाखिल खारिज के नौ मुकदमों की जांच पूरी हो गई है। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने इनोवा गिफ्ट की जांच मुख्य विकास अधिकारी प्रथमेशकुमार व दाखिल खारिज के नौ मुकदमों की जांच मुख्य राजस्व अधिकारी पुरुषोत्तमदास गुप्त को सौंपी थी। दोनों अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है। जिलाधिकारी ने बताया कि डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए वह जांच रिपोर्ट शासन भेज रहे हैं। डिप्टी कलेक्टर के खिलाफ यह जांच एक शिकायत पर जिलाधिकारी ने कराई है। शिकायत दाखिल खारिज के मुकदमे से जोड़ते हुए इनोवा गिफ्ट किए जाने की थी।कोतवाली नगर में इस इनोवा को खड़ा कराए करीब एक महीने से ज्यादा हो गया। डिप्टी कलेक्टर का उस वक्त कहना था कि होली में घर उन्नाव जाने के लिए रवि बंसल से इसे मंगाया था। लॉकडाउन की वजह से कहने के बावजूद वह ले नहीं गए। सीडीओ ने इनोवा वाहन 70 बीयू 9000 के मालिक अखिलेश दुबे के अलावा रवि बंसल, अरविद मौर्य समेत अन्य के बयान जांच के लिए वीडियोग्राफी के बीच दर्ज कराये। दाखिल खारिज के जिन नौ मुकदमों का निस्तारण सहायक अभिलेख अधिकारी (एआरओ) रहते रामशंकर ने किया उस भूमि से रवि बंसल, अरविद मौर्य आदि का जुड़ाव है। इन सभी मुकदमों में 16 अगस्त 2019 को इन सबके पक्ष में आदेश पारित किया गया है। दाखिल खारिज की पत्रावलियों में नियम से हट कर आदेश पारित करने का आरोप सीआरओ की जांच में प्रमाणित है, जिसकी जिलाधिकारी भी तस्दीक करते हैं।

एआरओ पद से शिकायत बढ़ने के बाद जिलाधिकारी उन्हें हटा चुके हैं। सूत्रों के अनुसार जांच में इनोवा व दाखिल खारिज के सभी नौ मुकदमों का एक-दूसरे से कनेक्शन पाया गया। दाखिल खारिज की यह भूमि मीरापुर द्वाबा में लगभग 30 बीघा है। पहले यहीं भगवान राम की प्रतिमा लगनी थी। तकनीकी कमेटी के अनफिट करने से यहां का प्रस्ताव निरस्त हो गया।

बेरोजगारी भयावह समस्या बनीः अखिलेश

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आज बेरोजगारी एक भयावह समस्या बन गई है। कोरोना के सच को झुठलाकर भाजपा चुनाव में व्यस्त हो गई है। वह बेकारी और भुखमरी को समस्या ही नहीं मान रही है तो समाधान क्या करेगी? बिहार में चुनाव आते ही कुछ दिनों बाद तो प्रदेश के स्टार प्रचारक भी उड़ जाएंगे।


उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉलिंग कर उनके क्षेत्र की समस्याओं को समझ रहे थे। उन्होंने कहा कि महामारी के समय अन्य असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए विधायक निधि से कम से कम 50 लाख रुपये देने की व्यवस्था होनी चाहिए। हृदय रोग, किडनी, लिवर तथा कैंसर के इलाज के लिए समाजवादी सरकार में मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था थी। साथ ही विधायक निधि से 25 लाख रुपये देने की व्यवस्था थी। भाजपा सरकार ने इसे बंद कर दिया है।


मीटिंग में सपा जिला अध्यक्ष की घोषणा

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई चंद्रशेखर आजाद के आदेशानुसार राष्ट्रीय कोर कमेटी की मिटिंग मे बुलन्दशहर जिले के जिला अध्यक्ष की घोषणा



 

नई दिल्ली। 10 जुन को दिल्ली केन्द्रीय कार्यालय पर  आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई चंद्रशेखर आजाद के आदेशानुसार राष्ट्रीय कोर कमेटी की मिटिंग मे बुलन्दशहर जिले के जिला अध्यक्ष की घोषणा



की गयी साथ साथ युथ बिर्गेड के जिला अध्यक्ष की भी घोषणा की गयी । सर्वसम्मति से वरिष्ठ नेता एडवोकेट मदनलाल गोतम को जिला अध्यक्ष व ललित भाटी को चन्द्रशेखर आज़ाद युथ बिर्गेड का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया । राष्ट्रीय कोर कमेटी की‌ मिटिंग मे सभी सदस्यों ने बुलन्दशहर जिला अध्यक्ष से एक सप्ताह के अन्दर जिला कमेटी गठित कर केन्द्रीय कार्यलाय को सोपने को कहा गया। राष्ट्रीय कोर कमेटी की मिटिंग मे उपस्थित पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष 

रविन्द्र भाटी,पूर्व विधायक मोहम्मद गाजी,पुर्व विधायक वासूदेव बाबा पुर्व विधायक सुनील कुमार चित्तोङ ,रिटायर्ड आईएएस निलरत्न ,वीरेंद्र कुमार श्रीस पूर्व मंत्री धर्मेंद्र गौतम,पूर्व जिलाध्यक्ष वरिष्ठ नेता बीर सिंह आदि साथी उपस्थित रहे।


'अखिलेश' पर पार्टी ने भरोसा जताया

अब्दुल अज़ीज़


बहराइच।  समाजवादी पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में हुए परिवर्तन के फलस्वरूप जिले के पूर्व सपा अध्यक्ष राम हर्ष यादव पर पार्टी ने भरोसा जताया है। प्रदेश मुख्यालय से जारी की गई सूची में राम हर्ष यादव को बहराइच का पुनः जिलाध्यक्ष बनाये जाने की घोषणा की गई है।श्री यादव इससे पूर्व भी जिले की पार्टी कमान संभाल चुके हैं।सूत्रों की माने तो बहराइच में चल रही गुटबन्दी में राम हर्ष यादव स्वर्गीय डॉक्टर वकार साहब के खेमे से माने जाते रहे है वही पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मी नारायण यादव ने भी  सर्वगीय डॉक्टर साहब और पूर्व मंत्री यासर शाह का दिल जीतने में कामियाब रहे थे लेकिन उनकी कार्यकर्ताओं पर ढीली पड़ रही पकड़ ने शायद उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।रामहर्ष यादव को पुनः जिलाध्यक्ष बनाये जाने पर कार्यकर्ताओं ने हर्ष व्यक्त किया है इस अवसर पर सपा के कर्मठ नेता व पूर्व कोषाध्यक्ष अब्दुल मन्नान ने नव नियुक्त जिलाध्यक्ष को मिठाई खिला कर उनको बधाई दी वही रामहर्ष यादव ने भी उनके घर जाकर आशिर्वाद ग्रहण किया।वही उन्होंने पूर्व कैबिनेट मंत्री व विधायक यासर शाह के घर पहुंच कर भी उनसे मुलाकात की और आशिर्वाद लिया।यासर शाह ने वन नियुक्त जिलाध्यक्ष को बधाई देते हुये उम्मीद जताई कि रामहर्ष यादव सभी वर्ग के लोगो और समस्त कार्यकर्ताओं को एकजुट करके पार्टी को मजबूत बनाने तथा उसकी खोई हुई छवि को पुनः वापस लाने में सफल रहेंगे। इस मौके पर भारी संख्या में वहाँ कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।


झील का पानी, लाल रंग में बदला

मुंबई। महाराष्ट्र के बुलढाना जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां की मशहूर लोनार झील का पानी अचानक लाल रंग में बदल गया है। पहली बार हुए इस बदलाव को देखकर आम लोग और वैज्ञानिक हैरान हैं। बुलढाना जिले के तहसीलदार सैफन नदाफ ने बताया कि पिछले 2-3 दिन से लोनार झील का पानी लाल रंग में बदल गया है। हमने वन विभाग को पानी के सैंपल लेकर जांच कर कारण पता करने को कहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लोनार झील में हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना नाम के कवक (फंगस) की वजह से पानी का रंग लाल हुआ है। निसर्ग तूफ़ान की वजह से बारिश हुई जिस कारण हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना कवक झील की तलहट में बैठ गए और पानी का रंग लाल हो गया. हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना यह भी है कि लोनार झील का पानी लाल होने के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। जिसकी जांच होना अभी बाकी है.वहीं, लोनार झील के पानी का रंग लाल होने के बाद आसपास के इलाकों से बड़ी तादाद में लोग झील देखने के लिए आ रहे हैं। कुछ लोग तो इसे चमत्कार मान रहे हैं तो वहीं कई अफवाहों ने जोर पकड़ लिया है। मालूम हो कि लोनार झील बेहद रहस्यमयी है। नासा से लेकर दुनिया भर की तमाम एजेंसियां इस झील के रहस्यों को जानने में बरसों से जुटी हुई है। लोनार झील का आकार गोल है। इसका ऊपरी व्यास करीब 7 किलोमीटर है। जबकि यह झील करीब 150 मीटर गहरी है। अनुमान है कि पृथ्वी से जो उल्का पिंड टकराया होगा, वह करीब 10 लाख टन का रहा होगा जिसकी वजह से झील बनी थीं।


गुड़गांव में कोरोना केस लगातार बढ़ते

नई दिल्ली। गुरुग्राम यानी गुड़गांव में कोरोना वायरस के केसों में लगातार हो रही वृद्धि के बीच हरियाणा सरकार ने बड़ी कार्यवाही की है। गुरुग्राम के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) जसवंत सिंह पूनिया का तबादल कर दिया गया है, उनके स्‍थान पर नूंह के सीएमओ वीरेंद्र यादव को गुरुग्राम की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। डाक्टर जसवंत अब वीरेंद्र यादव की जगह नूंह की जिम्मेदारी संभालेंगे।


गौरतलब है कि एनसीआर गुरुग्राम में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले में बेहद तेजी से इजाफा हुआ है। गुरुग्राम में पिछले 24 घंटे में 217 नए मामले आए हैं, इसके साथ ही शहर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2546 तक पहुंच गया है, इसमें एक्टिव केस 1712 है। 823 पेशेंट इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। कोरोना के बढ़ते मामले में बीच बुधवार को गुरुग्राम को अच्छी खबर भी मिली. बीते 24 घंटे में 183 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं। गुरुग्राम में कोरोना वायरस की महामारी के चलते अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।

एक जून से अनलॉक-1 शुरू होने के बाद से में दस दिनों में गुरुग्राम में 1772 नए मामले सामने आए। 1 जून को 129, 2 जून को 160, 3 जून को, 4 जून को 215, 5 जून को 153, 6 जून को 129, 7 जून को 230, 8 जून को 243 केस, 9 जून को 164 और 10 जून यानी बुधवार 217 मामले सामने आए।

षड्यंत्र के तहत रची गई, दिल्ली 'हिंसा'

दिल्ली हिंसाः जनवरी मे ही खरीद ली गई थीं दंगों के लिए गोलियां, बनाई गई थीं शेल कंपनियां 

जांच में पता चला है कि दंगो के लिए षंडयंत्र की परतें तीन स्तरों पर बनाई गई थी। ऐसा इसलिए किया गया था कि दंगा करने वालों को यह पता ही नही चल सके कि वो किसके इशारे पर हिंसा कर रहे हैं।

 

नई दिल्ली। दिल्ली दंगों की जांच के दौरान खुलासा हुआ है दिल्ली दंगो मे प्रयोग की जाने वाली गोलियां जनवरी महीने मे ही खरीद ली गई थी और इन दंगो के लिए पैसा शाहीन बाग और ओखला में बनी शेल कंपनियो के जरिए नगद निकाल कर बांटा गया था। दिलचस्प ये कि दंगे मे सफेद पैसे के जरिए काला धंधा किया गया।

इनमें से एक कंपनी के निदेशक के तौर पर निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन का नाम भी दर्ज है। इन दंगो के लिए षंडयंत्र की परतें तीन स्तरों पर बनाई गई थी जिससे दंगा करने वालों को यह पता ही नही चल सके कि वो किसके इशारे पर खूनी होली खेल रहे है। फरवरी 2020 के दंगो ने काला इतिहास रचा जिसमें 53 से ज्यादा लोग मारे गए और सैंकड़ों घायल हुए थे इन दंगो की जांच के दौरान अब बड़े खुलासे हो रहे हैं जो साफ तौर पर बता रहे है कि दंगा किसी हिंदू या मुसलमान ने तात्कालिक आवेश मे आकर शुरू नही किया था बल्कि इन दंगो के लिए बाकायदा फिल्मी तर्ज पर पूरी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार की गई थी और बाद मे उसे अमलीजाम पहनाया गया था।

दिल्ली पुलिस के दस्तावेजो के मुताबिक मामले की जांच के दौरान पता चला कि आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने जनवरी 2020 में गुलफाम नाम के शख्स से कहा था कि एक बड़े दंगे की तैयारी की गई है और वह इसके लिए गोलियां खरीद लाए। इस काम के लिए ताहिर ने गुलफाम को 15 हजार रुपये भी दिए गुलफान ने इन पैसों से पश्चिमी दिल्ली के बाली नगर से जा कर 100 गोलियां खरीदीं और इन्ही गोलियों का प्रयोग दंगो के दौरान फरवरी महीने मे किया गया।

जांच के दस्तावेज बताते है कि इन दंगो के दौरान सफेद पैसों का इस्तेमाल काले धंधे के लिए यानी दंगे के लिए किया गया। पुलिस को जांच के दौरान अनेक कंपनियो के नाम पता चले जो शाहीन बाग और ओखला मे बनी बताई गई थीं इनमें जो कंपनियां कथित तौर पर शामिल बताई गई उनके नाम है संजय ट्रेडर्स, मीनू फेब्रिकेशन, श्री साईं ट्रेडर्स, एसपी फाइनेंशियल, एसेंस सेलकॉम प्राइवेट लिमिटेड और एसेंस ग्लोबल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड।

पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि इन कंपनियों मे दंगे के पहले करोड़ों रुपया जमा कराया गया और फिर दंगे के कुछ समय पहले इन कंपनियों से नगदी के तौर पर पैसा निकाला गया जबकि ये पैसा एक मायने मे सफेद पैसा था क्योकि इन कंपनियो मे पैसा विभिन्न जगहों से आया था।

पुलिस के मुताबिक इस पैसे को दंगाइयो मे बांटा गया।दिलचस्प बात यह है कि इन कंपनियो के पास कोई काम नही था लेकिन तब भी इन कंपनियो के खातों मे पैसे जमा कराए गए इनमें से एक कंपनी के निदेशक के तौर पर  ताहिर हुसैन सैफी का नाम भी दर्ज है।

पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि दंगो की साजिश को अंजाम देने के लिए तीन स्तरीय परतें बनाई गई थी और इसके लिए अलग अलग वाटसएप ग्रुप भी बनाए गए थे जिससे दंगा करने वाले दंगाई को यह पता ना चल सके कि वे किसके इशारे पर खून की होली खेल रहे हैं।

जांच के दौरान इन तीनों परतों का भेद खुल गया है और उनके आपस के कनेक्शन भी जुड रहे है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इनमे पहली परत थी पीएफआई। जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी और पिजड़ातोड़ के कर्ताधर्ता, दूसरे स्तर पर ताहिर हुसैन और राजधानी स्कूल के मालिक फैजल जैसे लोग और तीसरे स्तर पर थे दंगाई जिन्हे भड़का कर और पैसों के बल पर खून की होली खिलवाई जा रही थी। इस जांच मे अभी कुछ और अहम लोगों के नाम भी जुड़े हो सकते हैं।

'वायरस' से बचाव के साथ जीना होगा

वैक्सीन विकसित होने तक कोविड से बचाव के साथ जीना होगा’


लखीमपुर खीरी। मंडलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम एवं आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने बुधवार को अचानक जनपद का दौरा किया। दोनों अफसरों ने पुलिस लाइंस सभागार में जिले के सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और कोविड संक्रमण से निपटने के लिए की गई तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। मंडलायुक्त ने कहा कि बेहतर कार्ययोजना से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं रहनी चाहिए। मंडलायुक्त मेश्राम ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में हम सभी की जिम्मेदारी चौगुनी हो गई है। जब तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं होती, तब तक सावधानियां और बचाव के साथ ही हम सबको कोविड के साथ जीना सीखना होगा। कोविड से निपटने के लिए वृहद स्तर पर प्रशासनिक तैयारियां, फेस मास्क, सामाजिक दूरी, हैंड सैनिटाइजिंग को दिनचर्या में शामिल करना होगा। साथ ही वृद्ध एवं बच्चों को घर से अनावश्यक बाहर न निकलने के लेकर बड़े स्तर पर जनजागरूकता चलानी होगी। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान उच्च स्तर से रूट लेवल तक चलाया जाए। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता अभियान में युवक मंगल दल, ग्राम चौकीदार, स्वच्छताग्राही, स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं सहित ऐसे एनजीओ जिसकी समय-समय पर सरकार से फंडिंग भी की जाती है उनकी मदद ली जाए। उन्होंने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं फैसेलिटी बढ़ाने पर चर्चा करते हुए सीएमओ को निर्देश दिए कि वह कोविड के संक्रमण के दृष्टिगत मरीजों के लिए बड़ी संख्या में बेड बढ़ाने पर काम करें। शौचालयों की समुचित व्यवस्था के साथ ही उनकी साफ-सफाई पर विशेष बल दिया। शौचालयों की स्वच्छता में सोडियम हाइपोक्लोराइट, साबुन के घोल से उन स्थानों पर छिड़काव के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में पर्याप्त मात्रा में औषधियों की उपलब्धता, ट्रेंड मेडिकल टीमें एवं सर्विलांस बढ़ाने पर जोर दिया। कोविड से निपटने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी करने के लिए कहा है। कोविड डिजास्टर प्लान विभागवार तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों एवं ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति को एक्टीवेट करें, जिससे वह अधिक सक्रियता के साथ फील्ड में काम करें। भूमि विवाद एवं आपसी द्वन्द्व के मामले बढ़ने की आशंका जताते हुए एक कार्ययोजना एवं मैकेनिज्म बनाकर ग्राम वाद विवाद रजिस्टर तैयार करवाने के निर्देश दिए। बैठक में डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कोविड से निपटने हेतु तैयारियों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। एसपी पूनम ने आश्वस्त किया कि बैठक में जो भी दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन मिला है उसका अक्षरश: अनुपालन कराया जाएगा। बैठक में सीडीओ अरविंद सिंह, एडीएम अरुण कुमार सिंह समेत सभी एसडीएम और सीओ मौजूद रहे।


कम्यूनिटी किचेन और कोविड अस्पताल का लिया जायजा



लखीमपुर खीरी मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने बैैठक के बाद शहर में स्थापित कम्यूनिटी किचेन का निरीक्षण किया, जहां स्वच्छता का पालन कराने पर जोर दिया। इसके बाद उन्होंने कोविड 19 अस्पताल मेहता मिलेनियम चिकित्सालय का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। चिकित्सालय में उपकरणों की उपलब्धता सहित अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद मंडलायुक्त ने ग्राम निगरानी समिति रामापुर का स्थलीय सत्यापन किया।



कश्मीर में आतंकियों ने पोस्टर लगाए

श्रीनगर। सुरक्षाबलों के लगातार जारी ऑपरेशनों और घटते जन समर्थन से हताश आतंकी संगठनों ने अब कश्मीर के लोगों को धमकियां दे रहे हैं कि वे गैर कश्मीरियों को मकान और जमीन नहीं बेचें। आतंकी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन ने धमकी भरे पोस्टर जारी किए हैं। पुलिस ने पोस्टरों को जब्त करके जांच शुरू कर दी है। बीते दो दिनों के दौरान श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में तहरीक उल मुजाहिदीन के पोस्टर पाए गए हैं। इन पोस्‍टरों के जरिए धमकी दी गई है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन, मकान या दुकान किसी गैर कश्मीरी को न बेचे।


यही नहीं आतंकियों ने कश्मीरियों को अपने कारोबार में बाहरी राज्‍य के लोगों को शामिल नहीं करने के लिए भी चेताया है। आतंकियों ने बाहर के लोगों को धमकी दी है कि वह कश्मीर में हिंदुस्तान और आरएसएस के एजेंडे के तहत प्रवेश नहीं करें। बता दें कि आतंकी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन के कैडर वादी में नाममात्र ही हैं। हालांकि, इसी संगठन से जुड़े आतंकियों ने बीते तीन सालों के दौरान इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर और अंसार गजवातुल हिंद जैसे आतंकी संगठनों का भी हिस्सा बने हैं।


उल्‍लेखनीय है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया था। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद से प्रदेश में अब डोमिसाइल के आधार पर वह लोग भी अपने लिए जमीन, मकान, दुकान खरीद सकते हैं जो पुश्तैनी तौर पर प्रदेश के निवासी नहीं हैं लेकिन बीते कई सालों से जम्मू कश्मीर में ही बसे हुए हैं। इससे आतंकी और अलगाववादी बौखला गए हैं। पाकिस्‍तान में बैठे आतंकियों में भी भारी बौखलाहट है। यही वजह है कि आतंकी संगठन अब लोगों को धमकी देने पर उतर आए हैं।बीते दिनों आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात को कश्मीर में आतंक का नया पर्याय बने जिहादी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने अंजाम दिया था। कल मंगलवार को सेना की 15वीं कोर का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा था कि लोगों ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्‍म किए जाने के फैसले को सकारात्मक तरीके से लिया है। हमने लंबे समय बाद शांति देखी है। उन्‍होंने कहा था कि इसी शांति से बौखलाया पाकिस्तान घाटी को अस्थिर करने की कोशिशें कर रहा है। 


बैंक में रखेंगे मंदिर का 1200 किलो सोना


  • प्राचीन महत्व के आभूषण और रोज उपयोग होने वाले बर्तनों को इस योजना से अलग रखा जाएगा

  • बैंक में रखे सोने से 13 करोड़ रुपए सालाना से ज्यादा की आय होगी

  • अकेले सबरीमाला मंदिर को लॉकडाइन के दौरान 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ


त्रिवेंद्रम। केरल के 1248 मंदिरों का प्रबंधन देखने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड अपनी आय बढ़ाने के लिए मंदिरों के लगभग 1200 किलो सोने को आरबीआई के पास रखने की तैयारी कर रहा है। इससे बोर्ड को हर साल करीब 13.5 करोड़ की आय होगी। ये सोना फिलहाल मंदिरों में आभूषण और बर्तनों के रूप में है। बोर्ड इन्हें गलाकर ठोस सोने में बदलेगा। अनुमान है कि ये सोना 1200 किलो से भी ज्यादा का हो सकता है, जिसकी कीमत करीब 540 करोड़ रुपए है। त्रावणकोर बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में पद्मनाभम् स्वामी, सबरीमाला और गुरुवायुर जैसे बड़े मंदिर आते हैं।


दान में मिले सोने के गहनों और बर्तनों को गलाया जाएगा 


केरल के इन मंदिरों के पास काफी पुराने और ऐतिहासिक आभूषण भी हैं, बोर्ड इन प्राचीन महत्व के आभूषणों को वैसे ही रहने देगा। इनकी कीमत भी करोड़ों में है और, ये प्राचीन गहने उत्सवों में उपयोग में आने वाले हैं। इस योजना में केवल उन गहनों और बर्तनों का उपयोग होगा, जो पिछले कुछ सालों में मंदिरों को दान में मिले हैं। इसके साथ ही बोर्ड 28 प्रमुख मंदिरों  में ऑनलाइन दर्शन और सेवा की व्यवस्था भी कर रहा है, इससे भी मंदिरों की आय में इजाफा होगा। 


सैंकड़ों टन तांबे के बर्तनों की नालामी होगी


इससे पहले त्रावणकोर बोर्ड ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए मंदिर में रखे सैंकड़ों टन तांबे के दीपक और बर्तनों की नीलामी का फैसला किया था, हालांकि इस पर बाद में विवाद उठा और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने इस फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने भी बोर्ड से जवाब मांगा है। लोगों ने अपील की थी कि बोर्ड मंदिर की संपत्तियों की इस तरह नीलामी नहीं कर सकता। 


कोरोना के कारण मंदिरों में दान कम आया


कोरोनावायरस और लॉकडाउन के चलते ज्यादातर मंदिरों में दान की कमी हो गई है। ऐसे में मंदिरों को अपने रोजमर्रा के खर्च पुजारियों की सैलेरी का खर्च निकालने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अब स्थितियां सुधार की ओर हैं। कई जगह मंदिर खुलने से चीजें सामान्य होने की दिशा में है। लेकिन, मंदिरों में पहले जैसा दान और आय होने में अभी काफी समय लग सकता है। अकेले सबरीमाला मंदिर को लॉकडाइन के दौरान 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। 


लॉकडाउन में पद्मनाभम् मंदिर में 7.5 लाख रु. दान आया


पद्मनाभम् मंदिर में 3 से 5 करोड़ रुपए मासिक दान आता था, जो लॉकडाइन में मात्र 7.5 लाख रुपए पर आ गया। इसी तरह गुरुवायुर मंदिर में भी मासिक 5 करोड़ के मुकाबले 5-7 लाख की ही आय हुई है। त्रावणकोर बोर्ड में करीब 6500 कर्मचारी हैं, जिनमें मंदिरों में नियुक्त पुजारी भी शामिल हैं। बोर्ड को मंदिरों के रखरखाव के साथ स्टॉफ मैनेजमेंट के लिए भी हर माह बड़ी धनराशि की जरूरत होती है। 


बोर्ड की मीटिंग में होगा फैसला


बोर्ड के अध्यक्ष एन. वासु ने मीडिया को बताया कि मंदिरों में रखे सोने की मात्रा का हिसाब लगाया जा रहा है। ये 1200 किलो से ज्यादा ही है। इससे 2.5 प्रतिशत रिटर्न के हिसाब से बोर्ड को 13 करोड़ रुपए सालाना से ज्यादा पैसा मिल सकता है। जल्दी ही बोर्ड की मीटिंग में इस प्रस्ताव को रखकर फैसला लिया जाएगा। इस महीने के अंत तक सोने का पूरा वैल्यूएशन निकाल लिया जाएगा। 


गुरुवायुर मंदिर का 700 किलो सोना बैंक में 


एक रिपोर्ट के मुताबिक त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अंतर्गत आने वाले गुरुवायुर मंदिर का करीब 700 किलो सोना 2019 में बैंक में रखा गया है। इसके अलावा भी मंदिर के करीब 1500 करोड़ रुपए बैंक में जमा है। इससे 10 करोड़ रुपए मासिक आय मंदिर को होती है, जिससे मंदिर की सारी व्यवस्थाएं संचालित होती हैं।  


28 प्रमुख मंदिरों में ऑनलाइन पूजा और दर्शन


केरल के 28 प्रमुख मंदिरों में ऑनलाइन और पूजा शुरू करने की तैयारी है। त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने सबरीमाला मंदिर से इसकी प्रायोगिक शुरुआत की थी। जिसमें मंदिर को तीन लाख रुपए की आय हुई थी। फिलहाल, लोग मंदिर नहीं आ पाएंगे और मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बड़े उत्सव आदि भी आयोजित नहीं हो सकते हैं।


इसे देखते हुए बोर्ड ने अपने 28 बड़े मंदिरों में वर्चुअल पूजा और सेवाएं शुरू करने का फैसला लिया है। इससे मंदिर नहीं आ पाने वाले भक्त ऑनलाइन दर्शन और सेवाएं कर पाएंगे। मंदिरों की आय भी बढ़ेगी।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 12, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-304 (साल-01)
2. शुक्रवार, जूूून 12, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:24।


5. न्‍यूनतम तापमान 29+ डी.सै.,अधिकतम-42+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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cont.:-935030275


(सर्वाधिकार सुरक्षित)


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