गुरुवार, 11 जून 2020

झील का पानी, लाल रंग में बदला

मुंबई। महाराष्ट्र के बुलढाना जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां की मशहूर लोनार झील का पानी अचानक लाल रंग में बदल गया है। पहली बार हुए इस बदलाव को देखकर आम लोग और वैज्ञानिक हैरान हैं। बुलढाना जिले के तहसीलदार सैफन नदाफ ने बताया कि पिछले 2-3 दिन से लोनार झील का पानी लाल रंग में बदल गया है। हमने वन विभाग को पानी के सैंपल लेकर जांच कर कारण पता करने को कहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि लोनार झील में हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना नाम के कवक (फंगस) की वजह से पानी का रंग लाल हुआ है। निसर्ग तूफ़ान की वजह से बारिश हुई जिस कारण हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना कवक झील की तलहट में बैठ गए और पानी का रंग लाल हो गया. हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना यह भी है कि लोनार झील का पानी लाल होने के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। जिसकी जांच होना अभी बाकी है.वहीं, लोनार झील के पानी का रंग लाल होने के बाद आसपास के इलाकों से बड़ी तादाद में लोग झील देखने के लिए आ रहे हैं। कुछ लोग तो इसे चमत्कार मान रहे हैं तो वहीं कई अफवाहों ने जोर पकड़ लिया है। मालूम हो कि लोनार झील बेहद रहस्यमयी है। नासा से लेकर दुनिया भर की तमाम एजेंसियां इस झील के रहस्यों को जानने में बरसों से जुटी हुई है। लोनार झील का आकार गोल है। इसका ऊपरी व्यास करीब 7 किलोमीटर है। जबकि यह झील करीब 150 मीटर गहरी है। अनुमान है कि पृथ्वी से जो उल्का पिंड टकराया होगा, वह करीब 10 लाख टन का रहा होगा जिसकी वजह से झील बनी थीं।


गुड़गांव में कोरोना केस लगातार बढ़ते

नई दिल्ली। गुरुग्राम यानी गुड़गांव में कोरोना वायरस के केसों में लगातार हो रही वृद्धि के बीच हरियाणा सरकार ने बड़ी कार्यवाही की है। गुरुग्राम के चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) जसवंत सिंह पूनिया का तबादल कर दिया गया है, उनके स्‍थान पर नूंह के सीएमओ वीरेंद्र यादव को गुरुग्राम की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है। डाक्टर जसवंत अब वीरेंद्र यादव की जगह नूंह की जिम्मेदारी संभालेंगे।


गौरतलब है कि एनसीआर गुरुग्राम में पिछले कुछ दिनों में कोरोना के मामले में बेहद तेजी से इजाफा हुआ है। गुरुग्राम में पिछले 24 घंटे में 217 नए मामले आए हैं, इसके साथ ही शहर में कोरोना मरीजों का आंकड़ा 2546 तक पहुंच गया है, इसमें एक्टिव केस 1712 है। 823 पेशेंट इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। कोरोना के बढ़ते मामले में बीच बुधवार को गुरुग्राम को अच्छी खबर भी मिली. बीते 24 घंटे में 183 कोरोना मरीज ठीक हुए हैं। गुरुग्राम में कोरोना वायरस की महामारी के चलते अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।

एक जून से अनलॉक-1 शुरू होने के बाद से में दस दिनों में गुरुग्राम में 1772 नए मामले सामने आए। 1 जून को 129, 2 जून को 160, 3 जून को, 4 जून को 215, 5 जून को 153, 6 जून को 129, 7 जून को 230, 8 जून को 243 केस, 9 जून को 164 और 10 जून यानी बुधवार 217 मामले सामने आए।

षड्यंत्र के तहत रची गई, दिल्ली 'हिंसा'

दिल्ली हिंसाः जनवरी मे ही खरीद ली गई थीं दंगों के लिए गोलियां, बनाई गई थीं शेल कंपनियां 

जांच में पता चला है कि दंगो के लिए षंडयंत्र की परतें तीन स्तरों पर बनाई गई थी। ऐसा इसलिए किया गया था कि दंगा करने वालों को यह पता ही नही चल सके कि वो किसके इशारे पर हिंसा कर रहे हैं।

 

नई दिल्ली। दिल्ली दंगों की जांच के दौरान खुलासा हुआ है दिल्ली दंगो मे प्रयोग की जाने वाली गोलियां जनवरी महीने मे ही खरीद ली गई थी और इन दंगो के लिए पैसा शाहीन बाग और ओखला में बनी शेल कंपनियो के जरिए नगद निकाल कर बांटा गया था। दिलचस्प ये कि दंगे मे सफेद पैसे के जरिए काला धंधा किया गया।

इनमें से एक कंपनी के निदेशक के तौर पर निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन का नाम भी दर्ज है। इन दंगो के लिए षंडयंत्र की परतें तीन स्तरों पर बनाई गई थी जिससे दंगा करने वालों को यह पता ही नही चल सके कि वो किसके इशारे पर खूनी होली खेल रहे है। फरवरी 2020 के दंगो ने काला इतिहास रचा जिसमें 53 से ज्यादा लोग मारे गए और सैंकड़ों घायल हुए थे इन दंगो की जांच के दौरान अब बड़े खुलासे हो रहे हैं जो साफ तौर पर बता रहे है कि दंगा किसी हिंदू या मुसलमान ने तात्कालिक आवेश मे आकर शुरू नही किया था बल्कि इन दंगो के लिए बाकायदा फिल्मी तर्ज पर पूरी स्क्रिप्ट पहले से ही तैयार की गई थी और बाद मे उसे अमलीजाम पहनाया गया था।

दिल्ली पुलिस के दस्तावेजो के मुताबिक मामले की जांच के दौरान पता चला कि आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने जनवरी 2020 में गुलफाम नाम के शख्स से कहा था कि एक बड़े दंगे की तैयारी की गई है और वह इसके लिए गोलियां खरीद लाए। इस काम के लिए ताहिर ने गुलफाम को 15 हजार रुपये भी दिए गुलफान ने इन पैसों से पश्चिमी दिल्ली के बाली नगर से जा कर 100 गोलियां खरीदीं और इन्ही गोलियों का प्रयोग दंगो के दौरान फरवरी महीने मे किया गया।

जांच के दस्तावेज बताते है कि इन दंगो के दौरान सफेद पैसों का इस्तेमाल काले धंधे के लिए यानी दंगे के लिए किया गया। पुलिस को जांच के दौरान अनेक कंपनियो के नाम पता चले जो शाहीन बाग और ओखला मे बनी बताई गई थीं इनमें जो कंपनियां कथित तौर पर शामिल बताई गई उनके नाम है संजय ट्रेडर्स, मीनू फेब्रिकेशन, श्री साईं ट्रेडर्स, एसपी फाइनेंशियल, एसेंस सेलकॉम प्राइवेट लिमिटेड और एसेंस ग्लोबल सर्विस प्राइवेट लिमिटेड।

पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि इन कंपनियों मे दंगे के पहले करोड़ों रुपया जमा कराया गया और फिर दंगे के कुछ समय पहले इन कंपनियों से नगदी के तौर पर पैसा निकाला गया जबकि ये पैसा एक मायने मे सफेद पैसा था क्योकि इन कंपनियो मे पैसा विभिन्न जगहों से आया था।

पुलिस के मुताबिक इस पैसे को दंगाइयो मे बांटा गया।दिलचस्प बात यह है कि इन कंपनियो के पास कोई काम नही था लेकिन तब भी इन कंपनियो के खातों मे पैसे जमा कराए गए इनमें से एक कंपनी के निदेशक के तौर पर  ताहिर हुसैन सैफी का नाम भी दर्ज है।

पुलिस को जांच के दौरान पता चला है कि दंगो की साजिश को अंजाम देने के लिए तीन स्तरीय परतें बनाई गई थी और इसके लिए अलग अलग वाटसएप ग्रुप भी बनाए गए थे जिससे दंगा करने वाले दंगाई को यह पता ना चल सके कि वे किसके इशारे पर खून की होली खेल रहे हैं।

जांच के दौरान इन तीनों परतों का भेद खुल गया है और उनके आपस के कनेक्शन भी जुड रहे है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक इनमे पहली परत थी पीएफआई। जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी और पिजड़ातोड़ के कर्ताधर्ता, दूसरे स्तर पर ताहिर हुसैन और राजधानी स्कूल के मालिक फैजल जैसे लोग और तीसरे स्तर पर थे दंगाई जिन्हे भड़का कर और पैसों के बल पर खून की होली खिलवाई जा रही थी। इस जांच मे अभी कुछ और अहम लोगों के नाम भी जुड़े हो सकते हैं।

'वायरस' से बचाव के साथ जीना होगा

वैक्सीन विकसित होने तक कोविड से बचाव के साथ जीना होगा’


लखीमपुर खीरी। मंडलायुक्त मुकेश कुमार मेश्राम एवं आईजी रेंज लक्ष्मी सिंह ने बुधवार को अचानक जनपद का दौरा किया। दोनों अफसरों ने पुलिस लाइंस सभागार में जिले के सभी प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और कोविड संक्रमण से निपटने के लिए की गई तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। मंडलायुक्त ने कहा कि बेहतर कार्ययोजना से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं रहनी चाहिए। मंडलायुक्त मेश्राम ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में हम सभी की जिम्मेदारी चौगुनी हो गई है। जब तक कोई वैक्सीन विकसित नहीं होती, तब तक सावधानियां और बचाव के साथ ही हम सबको कोविड के साथ जीना सीखना होगा। कोविड से निपटने के लिए वृहद स्तर पर प्रशासनिक तैयारियां, फेस मास्क, सामाजिक दूरी, हैंड सैनिटाइजिंग को दिनचर्या में शामिल करना होगा। साथ ही वृद्ध एवं बच्चों को घर से अनावश्यक बाहर न निकलने के लेकर बड़े स्तर पर जनजागरूकता चलानी होगी। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान उच्च स्तर से रूट लेवल तक चलाया जाए। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता अभियान में युवक मंगल दल, ग्राम चौकीदार, स्वच्छताग्राही, स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं सहित ऐसे एनजीओ जिसकी समय-समय पर सरकार से फंडिंग भी की जाती है उनकी मदद ली जाए। उन्होंने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं एवं फैसेलिटी बढ़ाने पर चर्चा करते हुए सीएमओ को निर्देश दिए कि वह कोविड के संक्रमण के दृष्टिगत मरीजों के लिए बड़ी संख्या में बेड बढ़ाने पर काम करें। शौचालयों की समुचित व्यवस्था के साथ ही उनकी साफ-सफाई पर विशेष बल दिया। शौचालयों की स्वच्छता में सोडियम हाइपोक्लोराइट, साबुन के घोल से उन स्थानों पर छिड़काव के निर्देश दिए। उन्होंने जिले में पर्याप्त मात्रा में औषधियों की उपलब्धता, ट्रेंड मेडिकल टीमें एवं सर्विलांस बढ़ाने पर जोर दिया। कोविड से निपटने के लिए बड़े स्तर पर तैयारी करने के लिए कहा है। कोविड डिजास्टर प्लान विभागवार तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियों एवं ग्राम स्वास्थ्य एवं स्वच्छता समिति को एक्टीवेट करें, जिससे वह अधिक सक्रियता के साथ फील्ड में काम करें। भूमि विवाद एवं आपसी द्वन्द्व के मामले बढ़ने की आशंका जताते हुए एक कार्ययोजना एवं मैकेनिज्म बनाकर ग्राम वाद विवाद रजिस्टर तैयार करवाने के निर्देश दिए। बैठक में डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने कोविड से निपटने हेतु तैयारियों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। एसपी पूनम ने आश्वस्त किया कि बैठक में जो भी दिशा निर्देश एवं मार्गदर्शन मिला है उसका अक्षरश: अनुपालन कराया जाएगा। बैठक में सीडीओ अरविंद सिंह, एडीएम अरुण कुमार सिंह समेत सभी एसडीएम और सीओ मौजूद रहे।


कम्यूनिटी किचेन और कोविड अस्पताल का लिया जायजा



लखीमपुर खीरी मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम ने बैैठक के बाद शहर में स्थापित कम्यूनिटी किचेन का निरीक्षण किया, जहां स्वच्छता का पालन कराने पर जोर दिया। इसके बाद उन्होंने कोविड 19 अस्पताल मेहता मिलेनियम चिकित्सालय का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। चिकित्सालय में उपकरणों की उपलब्धता सहित अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद मंडलायुक्त ने ग्राम निगरानी समिति रामापुर का स्थलीय सत्यापन किया।



कश्मीर में आतंकियों ने पोस्टर लगाए

श्रीनगर। सुरक्षाबलों के लगातार जारी ऑपरेशनों और घटते जन समर्थन से हताश आतंकी संगठनों ने अब कश्मीर के लोगों को धमकियां दे रहे हैं कि वे गैर कश्मीरियों को मकान और जमीन नहीं बेचें। आतंकी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन ने धमकी भरे पोस्टर जारी किए हैं। पुलिस ने पोस्टरों को जब्त करके जांच शुरू कर दी है। बीते दो दिनों के दौरान श्रीनगर के विभिन्न हिस्सों में तहरीक उल मुजाहिदीन के पोस्टर पाए गए हैं। इन पोस्‍टरों के जरिए धमकी दी गई है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन, मकान या दुकान किसी गैर कश्मीरी को न बेचे।


यही नहीं आतंकियों ने कश्मीरियों को अपने कारोबार में बाहरी राज्‍य के लोगों को शामिल नहीं करने के लिए भी चेताया है। आतंकियों ने बाहर के लोगों को धमकी दी है कि वह कश्मीर में हिंदुस्तान और आरएसएस के एजेंडे के तहत प्रवेश नहीं करें। बता दें कि आतंकी संगठन तहरीक-उल-मुजाहिदीन के कैडर वादी में नाममात्र ही हैं। हालांकि, इसी संगठन से जुड़े आतंकियों ने बीते तीन सालों के दौरान इस्लामिक स्टेट ऑफ जम्मू कश्मीर और अंसार गजवातुल हिंद जैसे आतंकी संगठनों का भी हिस्सा बने हैं।


उल्‍लेखनीय है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्‍मू-कश्‍मीर से अनुच्छेद-370 को हटा दिया था। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के लागू होने के बाद से प्रदेश में अब डोमिसाइल के आधार पर वह लोग भी अपने लिए जमीन, मकान, दुकान खरीद सकते हैं जो पुश्तैनी तौर पर प्रदेश के निवासी नहीं हैं लेकिन बीते कई सालों से जम्मू कश्मीर में ही बसे हुए हैं। इससे आतंकी और अलगाववादी बौखला गए हैं। पाकिस्‍तान में बैठे आतंकियों में भी भारी बौखलाहट है। यही वजह है कि आतंकी संगठन अब लोगों को धमकी देने पर उतर आए हैं।बीते दिनों आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में कश्मीरी पंडित सरपंच अजय पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस वारदात को कश्मीर में आतंक का नया पर्याय बने जिहादी संगठन द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने अंजाम दिया था। कल मंगलवार को सेना की 15वीं कोर का नेतृत्व कर रहे लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा था कि लोगों ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्‍म किए जाने के फैसले को सकारात्मक तरीके से लिया है। हमने लंबे समय बाद शांति देखी है। उन्‍होंने कहा था कि इसी शांति से बौखलाया पाकिस्तान घाटी को अस्थिर करने की कोशिशें कर रहा है। 


बैंक में रखेंगे मंदिर का 1200 किलो सोना


  • प्राचीन महत्व के आभूषण और रोज उपयोग होने वाले बर्तनों को इस योजना से अलग रखा जाएगा

  • बैंक में रखे सोने से 13 करोड़ रुपए सालाना से ज्यादा की आय होगी

  • अकेले सबरीमाला मंदिर को लॉकडाइन के दौरान 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ


त्रिवेंद्रम। केरल के 1248 मंदिरों का प्रबंधन देखने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड अपनी आय बढ़ाने के लिए मंदिरों के लगभग 1200 किलो सोने को आरबीआई के पास रखने की तैयारी कर रहा है। इससे बोर्ड को हर साल करीब 13.5 करोड़ की आय होगी। ये सोना फिलहाल मंदिरों में आभूषण और बर्तनों के रूप में है। बोर्ड इन्हें गलाकर ठोस सोने में बदलेगा। अनुमान है कि ये सोना 1200 किलो से भी ज्यादा का हो सकता है, जिसकी कीमत करीब 540 करोड़ रुपए है। त्रावणकोर बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में पद्मनाभम् स्वामी, सबरीमाला और गुरुवायुर जैसे बड़े मंदिर आते हैं।


दान में मिले सोने के गहनों और बर्तनों को गलाया जाएगा 


केरल के इन मंदिरों के पास काफी पुराने और ऐतिहासिक आभूषण भी हैं, बोर्ड इन प्राचीन महत्व के आभूषणों को वैसे ही रहने देगा। इनकी कीमत भी करोड़ों में है और, ये प्राचीन गहने उत्सवों में उपयोग में आने वाले हैं। इस योजना में केवल उन गहनों और बर्तनों का उपयोग होगा, जो पिछले कुछ सालों में मंदिरों को दान में मिले हैं। इसके साथ ही बोर्ड 28 प्रमुख मंदिरों  में ऑनलाइन दर्शन और सेवा की व्यवस्था भी कर रहा है, इससे भी मंदिरों की आय में इजाफा होगा। 


सैंकड़ों टन तांबे के बर्तनों की नालामी होगी


इससे पहले त्रावणकोर बोर्ड ने अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए मंदिर में रखे सैंकड़ों टन तांबे के दीपक और बर्तनों की नीलामी का फैसला किया था, हालांकि इस पर बाद में विवाद उठा और लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने इस फैसले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। इस मामले में केरल हाईकोर्ट ने भी बोर्ड से जवाब मांगा है। लोगों ने अपील की थी कि बोर्ड मंदिर की संपत्तियों की इस तरह नीलामी नहीं कर सकता। 


कोरोना के कारण मंदिरों में दान कम आया


कोरोनावायरस और लॉकडाउन के चलते ज्यादातर मंदिरों में दान की कमी हो गई है। ऐसे में मंदिरों को अपने रोजमर्रा के खर्च पुजारियों की सैलेरी का खर्च निकालने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अब स्थितियां सुधार की ओर हैं। कई जगह मंदिर खुलने से चीजें सामान्य होने की दिशा में है। लेकिन, मंदिरों में पहले जैसा दान और आय होने में अभी काफी समय लग सकता है। अकेले सबरीमाला मंदिर को लॉकडाइन के दौरान 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है। 


लॉकडाउन में पद्मनाभम् मंदिर में 7.5 लाख रु. दान आया


पद्मनाभम् मंदिर में 3 से 5 करोड़ रुपए मासिक दान आता था, जो लॉकडाइन में मात्र 7.5 लाख रुपए पर आ गया। इसी तरह गुरुवायुर मंदिर में भी मासिक 5 करोड़ के मुकाबले 5-7 लाख की ही आय हुई है। त्रावणकोर बोर्ड में करीब 6500 कर्मचारी हैं, जिनमें मंदिरों में नियुक्त पुजारी भी शामिल हैं। बोर्ड को मंदिरों के रखरखाव के साथ स्टॉफ मैनेजमेंट के लिए भी हर माह बड़ी धनराशि की जरूरत होती है। 


बोर्ड की मीटिंग में होगा फैसला


बोर्ड के अध्यक्ष एन. वासु ने मीडिया को बताया कि मंदिरों में रखे सोने की मात्रा का हिसाब लगाया जा रहा है। ये 1200 किलो से ज्यादा ही है। इससे 2.5 प्रतिशत रिटर्न के हिसाब से बोर्ड को 13 करोड़ रुपए सालाना से ज्यादा पैसा मिल सकता है। जल्दी ही बोर्ड की मीटिंग में इस प्रस्ताव को रखकर फैसला लिया जाएगा। इस महीने के अंत तक सोने का पूरा वैल्यूएशन निकाल लिया जाएगा। 


गुरुवायुर मंदिर का 700 किलो सोना बैंक में 


एक रिपोर्ट के मुताबिक त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के अंतर्गत आने वाले गुरुवायुर मंदिर का करीब 700 किलो सोना 2019 में बैंक में रखा गया है। इसके अलावा भी मंदिर के करीब 1500 करोड़ रुपए बैंक में जमा है। इससे 10 करोड़ रुपए मासिक आय मंदिर को होती है, जिससे मंदिर की सारी व्यवस्थाएं संचालित होती हैं।  


28 प्रमुख मंदिरों में ऑनलाइन पूजा और दर्शन


केरल के 28 प्रमुख मंदिरों में ऑनलाइन और पूजा शुरू करने की तैयारी है। त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड ने सबरीमाला मंदिर से इसकी प्रायोगिक शुरुआत की थी। जिसमें मंदिर को तीन लाख रुपए की आय हुई थी। फिलहाल, लोग मंदिर नहीं आ पाएंगे और मंदिर में सोशल डिस्टेंसिंग के कारण बड़े उत्सव आदि भी आयोजित नहीं हो सकते हैं।


इसे देखते हुए बोर्ड ने अपने 28 बड़े मंदिरों में वर्चुअल पूजा और सेवाएं शुरू करने का फैसला लिया है। इससे मंदिर नहीं आ पाने वाले भक्त ऑनलाइन दर्शन और सेवाएं कर पाएंगे। मंदिरों की आय भी बढ़ेगी।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


 जून 12, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-304 (साल-01)
2. शुक्रवार, जूूून 12, 2020
3. शक-1943, अषाढ़, कृष्ण-पक्ष, तिथि- सप्तमी, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:39,सूर्यास्त 07:24।


5. न्‍यूनतम तापमान 29+ डी.सै.,अधिकतम-42+ डी.सै.।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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(सर्वाधिकार सुरक्षित)


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