रविवार, 7 जून 2020

8 जून को नहीं खोला जाएगा मंदिरः ट्रस्ट

शिवम सिंह राजपूत


रतनपुर। सोमवार से देशभर के मंदिर करीब ढाई महीने बाद खुलेंगे ,लेकिन अंचल के सबसे प्रसिद्ध मंदिर रतनपुर महामाया मंदिर में देवी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को अभी और प्रतीक्षा करनी होगी। महामाया मंदिर ट्रस्ट ने फैसला लिया है कि मंदिर को दर्शनार्थियों के लिए 8 जून को नहीं खोला जाएगा, इसके बजाय मंदिर को 15 जून से खोलने की तैयारी ट्रस्ट कर रहा है ।इस संबंध में महामाया मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों की अहम बैठक 10 जून को आयोजित की जाएगी । इस बीच रतनपुर के छोटे-बड़े कई मंदिर खुल जाएंगे जहां की व्यवस्थाओं का आकलन करने के बाद ही महामाया मंदिर ट्रस्ट कुछ अहम फैसले ले सकता है।


 


शासन के गाइडलाइन को फॉलो करते हुए महामाया मंदिर ट्रस्ट ने भी दर्शनार्थियों के लिए कुछ नियम बनाए हैं। सभी को मास्क के साथ ही मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा तो वही प्रवेश से पहले हैंड सैनिटाइज करना अनिवार्य होगा । दर्शनार्थियों को अपने साथ प्रसाद, फूल और चढ़ावे के लिए कुछ भी लाने की अनुमति नहीं होगी। वही मंदिर में प्रसाद का वितरण भी नहीं होगा। मंदिर की प्रतिमाओं को स्पर्श करने की अनुमति भी नहीं होगी। एक साथ मंदिर में कितने लोगों को प्रवेश दिया जाएगा यह संख्या भी जल्द ही तय कर ली जाएगी। मंदिर में 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। वहीं एक नियमित अंतराल से मंदिर को सैनिटाइज भी कराया जाएगा। मंदिर में प्रवेश से पहले श्रद्धालुओं का थर्मल टेंपरेचर टेस्ट भी किया जाएगा। यह नियम केवल महामाया मंदिर पर ही नहीं बल्कि ट्रस्ट द्वारा संचालित अन्य सभी मंदिरों पर भी लागू होगा, जिसमें लखनी देवी मंदिर भी शामिल है।


65000 यात्रियों ने भरी घरेलू 'उड़ान'

नई दिल्ली। नियमित घरेलू यात्री विमान सेवा 25 मई को दोबारा शुरू होने के बाद से शनिवार को पहली बार 65 हजार से अधिक यात्रियों ने इनमें सफर किया। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को बताया कि दुबारा उड़ानें शुरू होने के बाद 13वें दिन 06 जून को 674 उड़ानों में 65,080 यात्री अपने गंतव्य तक पहुँचे।


एक दिन पहले की तुलना में हालांकी उड़ानों की संख्या कम रही, लेकिन यात्रियों की संख्या बढ़कर पिछले 13 दिन में पहली बार 65 हजार के पार पहुँची है। इससे पहले पांच जून को कुल 697 उड़ानें रवाना हुईं जिनमें 64,500 यात्री अपने गंतव्य तक पहुँचे थे जबकि एक जून को 692 उड़ानों में 64,651 यात्रियों ने सफर किया था। कोविड-19 महामारी का संक्रमण नियंत्रित करने के लिए सरकार ने 25 मार्च से देश में घरेलू उड़ानों के परिचालन पर रोक लगा दी थी। अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन 22 मार्च से ही बंद है। केंद्र सरकार ने नये दिशा-निर्देशों के साथ 25 मई से एक-तिहाई घरेलू यात्री उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी है।


अनलॉक-02 के संबंध में मीटिंग, निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार से अनलाॅक के दूसरे चरण में सभी अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करने और राजस्व संबंधी गतिविधि को तेज करने आज आदेश दिया। आदित्यनाथ रविवार को कल से शुरू होने वाले दूसरे अनलाक के बारे में अपने सरकारी आवास पर अधिकारियों से बात कर रहे थे।


उन्होंने कहा कि कोविड एवं नाॅन कोविड अस्पतालों का नियमित निरीक्षण किया जाए और क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन में पुख्ता इंतजाम किया जाय। सभी जिलों में जिलाधिकारियों के सहयोग के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, उनसे समन्वय बनाते हुए काम होने चाहिये।


उन्होंने कहा कि सभी मण्डलायुक्त अपने-अपने मण्डलों में विकास व राजस्व सम्बन्धी गतिवधियों को आगे बढ़ाने के लिए समीक्षा करें और राजस्व प्राप्ति में तेजी लायें। मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्माण कार्यों के शुरू होने के बाद एक्सप्रेस-वे, मेडिकल काॅलेज, विश्वविद्यालय, सड़क, नहर इत्यादि के निर्माण कार्यों में श्रमिकों को रोजगार दिया जा सकता है।उद्योग, कृषि, उद्यान, निर्माण आदि के क्षेत्र में रोजगार की सभी सम्भावनाओं को तलाशा जाना चाहिये। केन्द्र एवं राज्य सरकार की अनेक योजनाओं में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है, इससे उत्तर प्रदेश का नव निर्माण हो सकेगा। उन्हाेंने आदेश दिया कि 15 जून से श्रमिकों को रोजगार देने के सम्बन्ध में व्यापक कार्य योजना बना ली जाए।सभी श्रमिकों/कामगारों को भरण-पोषण भत्ता व राशन किट अवश्य दी जाए। उन्होंने कहा कि श्रमिकों को किराए के आवास उपलब्ध कराने के लिए केन्द्र सरकार की योजना के तहत लाभान्वित करने के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर आगरा, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, गौतमबुद्ध नगर तथा फिरोजाबाद के मेडिकल काॅलेजों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।


 

संक्रमण के सामान्य लक्षणों में शामिल

खांसी, गले में दुखन और जलन के साथ सांस लेने में तकलीफ होना कोरोना संक्रमण के सामान्य लक्षणों में शामिल हैं। इस तरह की दिक्कत होने पर लोग अक्सर बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप का सेवन कर लेते हैं। इस बात में कोई शक भी नहीं है कि कफ सिरप लेने से इन दिक्कतों में आराम महसूस होता है। लेकिन यह बात तब फिट बैठती है, जब आपको सामान्य कारणों या बदलते मौसम के कारण गले से जुड़ी इस तरह की समस्याएं हो रही हों।
क्यों नहीं लेनी है कफ सिरफ?
-हम सभी जानते हैं कि इटली और अमेरिका में कोरोन वायरस ने सबसे अधिक तबाही मचाई है। इन देशों में कोरोना के संक्रमण को अधिक घातक इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि ये विकसित देश हैं और इनके पास अपने नागरिको को देने के लिए सभी जरूरी सुख-सुविधाएं हैं। लेकिन फिर भी ये देश इस संक्रमण पर काबू नहीं कर पाए।
-साथ ही कोरोना हम सभी के लिए एकदम नया वायरस था और इसके बारे में शुरुआत में किसी के पास कोई जानकारी नहीं थी। यही वजह है कि आज भी कोरोना पर लगातार रिसर्च हो रही हैं। हाल ही कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस बात पर परीक्षण किया कि यदि कोरोना से संक्रमित कोई व्यक्ति गले के दर्द और खांसी से राहत पाने के लिए कफ सिरप का उपयोग करता है तो उसकी सेहत पर कैसा असर पड़ता है।
-इस शोध को कोरोना संक्रमित अफ्रीकी बंदरों पर किया गया। क्योंकि इन बंदरों पर किसी भी दवाई का असर ठीक उसी तरह होता है, जैसे इंसान पर किसी दवा का असर होता है। शोध टीम से जुड़े प्रोफेसर ब्रिएन का कहना है कि जब हमें शोध में इस तरह के परिणाम देखने को मिले कि बंदरों में कफ सिरप के उपयोग से कोरोना वायरस की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, तब हमें लगा कि सभी लोगों को इस बात की जानकरी होनी चाहिए कि कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप का सेवन नहीं करना है।
कफ सिरप से क्यों बढ़ रहा कोरोना?
-कोरोना संक्रमित मरीजों द्वारा अगर ऐसी कफ सिरप का सेवन कर लिया जाता है, जिसे बनाने में डेक्सट्रोमेथॉर्फेन ड्रग का उपयोग किया गया हो तो यह दवाई मरीज की समस्या कम करने की जगह बढ़ा सकती है।
-ऐसा इसलिए होता है क्योंकि डेक्सट्रोमेथॉर्फेन ड्रग हमारे शरीर में पहुंचने के बाद जिस तरह से रिएक्ट करती है और काम करती है, वह सब कोरोना को रेप्लिकेशन में मददगार होता है। यानी इस ड्रग की मदद से कोरोना वायरस को अपनी संख्या तेजी से बढ़ाने में मदद मिलती है।
-शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि कोरोना से संक्रमित होने के बाद अगर मरीज इस तरह की कफ सिरप का उपयोग करते हैं तो यह बात तो तय है कि उनके शरीर में कोरोना वायरस में वृद्धि होगी। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि हर मरीज पर वायरस की संख्या में वृद्धि का एक जैसा असर दिखाई दे।
डेक्सट्रोमेथॉर्फेन ड्रग क्या है?
-डेक्सट्रोमेथॉर्फेन ड्रग एक ऐसा कम्पोजिशन है, जिसका सेवन करने पर हमें खांसी की समस्या में तेजी से आराम मिलता है। यही वजह है कि आमतौर पर सभी कफ सिरप बनाने में इस ड्रग का उपयोग किया जाता है।


शोधकर्ताओं की यह टीम कोरोना के दौरान मरीज में दिख रहे लक्षणों के आधार पर इस बात की जांच कर रही है कि जब कोरोना से पहले इस तरह की बीमारियों को ठीक करने के लिए जिन दवाओं का उपयोग किया जाता है, उन दवाओं का असर कोरोना के मरीजों पर किस तरह हो रहा है।
-टीम का कहना है कि ऐसी कई ड्रक्स का कलेक्शन तैयार किया गया है, जो वायरस की वृद्धि को रोकने का काम करती हैं। अब कोरोना संक्रमित जानवरों पर उन ड्रग्स का ट्रायल किया जा रहा है और जानने का प्रयास किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण के दौरान ये दवाएं शरीर में जाने के बाद किस तरह से रिऐक्ट करती हैं।


लॉक डाउन में भी तेज रफ्तार का कहर

अतुल त्यागी 

 

लॉक डाउन में भी तेज रफ्तार का कहर जारी तेज रफ्तार ने ली बाइक सवार की जान।

हापुड़। आपको बता दें कि हापुड़ जनपद के थाना गढ़मुक्तेश्वर प्रभारी निरीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि दिन निकलते ही ली तेज रफ्तार ने बाइक सवार की जान मामला  हापुड़ जनपद के थाना गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के स्याना चोपला का है। जहा बाइक पर सवार होकर किसी कार्य से जा रहे व्यक्ति को तेज रफ्तार कैंटर ने जोरदार टक्कर मार दी टक्कर इतनी जबरदस्त थी बाइक सवार व्यक्ति की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची थाना गढ़मुक्तेश्वर पुलिस ने बाइक सवार व्यक्ति को लिया अपने कब्जे में पीएम के लिए भेजा बाइक सवार की मौत की सूचना परिवार के लोगों को मिलते ही परिवार के लोगों में मचा कोहराम परिजनों का रो रो कर बुरा हाल स्याना चोपला के पास गढ़मुक्तेश्वर नेशनल हाईवे का मामला।

संक्रमण के मामले में 5वे नंबर पर भारत

कोरोना संक्रमण के मामले में दुनिया में पांचवें नंबर पर भारत


नई दिल्ली। देश में कोरोना का कहर जारी है। भारत स्पेन को पीछे छोड़कर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से सबसे बुरी तरह से प्रभावित दुनिया का पांचवां देश बन गया है। देश में बीते 24 घंटे में कोरोना वायरस के 9971 नए मरीज मिले हैं जबकि 287 लोगों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के रविवार सुबह तक जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में फिलहाल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 24,6,628 हो चुकी है। इनमें 120,406 एक्टिव केस हैं जबकि 11,9,293 लोग इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। अमेरिका की जाॅन्स हाॅपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटेन के बाद कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में भारत अब पांचवें स्थान पर आ गया है। जाॅन्स हाॅपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में 1,920,061 कोरोना मरीज, ब्राजील में 672,846 मरीज, रूस में 458,102 मरीज, ब्रिटेन में 286,294 मरीज हो गए हैं। जबकि भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 लाख 46 हजार को पार कर चुकी है। बहरहाल, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर डाॅक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना संक्रमण के फैलाव पर चिंता जताई है। डाॅक्टर गुलेरिया का दावा है कि कोरोना वायरस का पीक पर आना अभी बाकी है। अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर कोरोना वायरस के मामले बढ़ सकते हैं। कम्युनिटी ट्रांसफर पर एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि दिल्ली-मुंबई हाॅटस्पाॅट हैं, वहां हम कह सकते हैं कि लोकल ट्रांसमिशन हो रहा है। पूरे देश में ऐसी स्थिति नजर नहीं आ रही है। 10 से 12 ऐसे शहर हैं, जहां पर लोकल ट्रांसमिशन के चांसेज हैं।70 से 80 केस एम्स में ऐसे ही आ रहे हैं। कोरोना वायरस से चलते देशव्यापी लाॅकडाउन अब धीरे-धीरे अनलाॅक की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन से कहीं न कहीं फायदा हुआ है। केस एकदम से कम होने लगे। गरीबों की मदद के लिए लाॅकडाउन खोलना अनिवार्य हो गया था। डाॅक्टर गुलेरिया ने कहा कि लाॅकडाउन खुल रहा है तो हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जरूरी होगा।


सभी बड़े नेता रैलियों को संबोधित करेंगे

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मुख्यालय पर बने स्टेज से पार्टी के राष्ट्रीय स्तर के सभी बड़े नेता वर्चुअल रैलियों को संबोधित करेंगे। देश भर में कुल 750 वर्चुअल रैलियां होंगी। जिसमें से अधिकांश रैलियां दिल्ली के इसी स्टेज से ही होंगी। गृहमंत्री अमित शाह की रविवार को बिहार जनसंवाद रैली से इसकी शुरूआत हो रही है। इसके अगले दिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी रैलियों को संबोधित करेंगे।


चुनावी राज्यों बिहार और पश्चिम बंगाल पर बीजेपी का खास फोकस है। यहां ज्यादा से ज्यादा रैलियां होंगी। इन रैलियों के जरिए पार्टी नेता मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने की उपलब्धियां गिनाने के साथ विरोधी दलों पर प्रहार करेंगे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि आठ जून को तीन बड़ी वर्चुअल रैलियां दिल्ली के स्टेज से होंगी। जिन्हें जनसंवाद रैली नाम दिया गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आठ जून को 11 बजे गुजरात की वर्चुवल रैली को संबोधित करेंगे तो गृहमंत्री अमित शाह शाम चार बजे ओडिशा की जनता को संबोधित करेंगे। वहीं शाम छह बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह महाराष्ट्र की जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। अगले दिन नौ जून को गृहमंत्री अमित शाह 11 बजे से पश्चिम बंगाल की वर्चुअल रैली को संबोधित करेंगे। इन सभी रैलियों को दीन दयाल उपाध्याय रोड स्थित पार्टी मुख्यालय के एक हाल में बने स्टेज से संबंधित नेता संबोधित करेंगे। राष्ट्रीय मुख्यालय के स्टेज को वीडियो लिंक के जरिए संबंधित राज्यों में बने स्टेज से जोड़ा जाएगा। दिल्ली के मंच पर राष्ट्रीय स्तर के नेता और केंद्रीय मंत्री मौजूद रहेंगे तो प्रदेश में बने मंच पर स्थानीय नेताओं को जगह मिलेगी। संबोधन लाइव दिखाने के लिए राज्यों के सभी बूथों पर एलईडी स्क्रीन की व्यवस्था रहेगी। जिससे पार्टी कार्यकर्ता और आम जनता दिल्ली और राज्य मुख्यालय पर मौजूद नेताओं को सुन सकेगी।

भाजपा के एक राष्ट्रीय पदाधिकारी ने कहा कि पार्टी के जितने भी राष्ट्रीय महासचिव हैं, सभी किसी न किसी राज्य के प्रभारी हैं। ऐसे में राष्ट्रीय महासचिव भी दिल्ली के स्टेज से ही अपने राज्यों की वर्चुअल रैलियों में हिस्सा लेंगे। हर राज्य की वर्चुअल रैली में वहां से नाता रखने वाले केंद्रीय मंत्री भी दिल्ली के स्टेज पर मौजूद रहेंगे। सभी केंद्रीय मंत्री दिल्ली के स्टेज से ही रैलियां करेंगे। बड़ी रैलियों में कम से कम एक लाख लोगों को जोड़ने की तैयारी है। कौन सा नेता कब रैली करेगा, इसकी लिस्ट धीरे-धीरे तैयार हो रही है।


मुख्यमंत्री भी करेंगे रैलियां
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बीजेपी ने देश भर में कम से कम 750 वर्चुअल रैलियों के आयोजन की तैयारी की है। बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने प्रदेश से लेकर दूसरे प्रदेशों में वर्चुअल रैलियां करेंगे। मुख्यमंत्री अपने राज्य में बने स्टेज से दूसरे राज्यों की वर्चुवल रैलियों को संबोधित करेंगे। केंद्रीय मंत्री, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के पदाधिकारियों से लेकर सांसदों और विधायकों से भी अलग-अलग स्तर पर वर्चुअल रैलियां कराने की तैयारी है।


पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया

पायलट ने फ्लाइट अटेंडेंट को प्रपोज किया  अखिलेश पांडेय  वारसॉ। अक्सर लोग अपने प्यार का इजहार किसी खास जगह पर करने का सोचते हैं। ताकि वो पल ज...