गुरुवार, 4 जून 2020

खून पीने वाली किलनी-पिस्‍सू से हडकंप

मास्‍को। जानलेवा कोरोना वायरस से जूझ रहे रूस में एक नई मुसीबत कहर बरपा रही है। रुस में अब खून पीने वाली किलनी या पिस्‍सू ने हडकंप मचा दिया है। जानवरों के शरीर पर जिंदा रहने वाले पिस्‍सू ने रूस में इतने ज्‍यादा लोगों को काटा है कि अस्‍पतालों से वैक्‍सीन ही खत्‍म हो गई है। रूस के सुदूरवर्ती इलाके साइबेरिया में किलनी के काटने के मामले में 428 गुना की बढ़ोत्‍तरी देखी गई है। इन किलनियों के काटने से इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारी हो सकती है।


वर्ष 2015 में इंसेफेलाइटिस से 1,50,000 लोग मारे गए थे। किलनियों ने यह आतंक ऐसे समय पर मचाया है जब कई हॉस्पिटल कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों से भरे हुए हैं। इन मरीजों को न तो दवा मिल पा रही है और न वैक्‍सीन। मध्‍य रूस के करास्‍नोयरस्‍क इलाके में किलनी के काटने के 8,215 मामले सामने आए हैं। इसमें 2125 बच्‍चे हैं। करास्‍नोयरस्‍क शहर में प्रत्‍येक एक वर्गकिलोमीटर इलाके में किलनी के काटने के 214 मामले सामने आए हैं। साइबेरिया में किलनी के काटने के कई मामले सामने आए हैं।


बताया जा रहा है कि यह पिस्‍सू लगातार इंसानों पर हमले कर रहा है। बताया जा रहा है कि कम ठंड की वजह से साइ‍बेरिया इलाके में पिस्‍सुओं का आतंक बढ़ गया है। यह पिस्‍सू संक्रामक एजेंट्स को ले जाने में सक्षम है। कोरोना काल में पिस्‍सू के काटने से लोगों को काफी दिक्‍कत हो रही है। डॉक्‍टरों का कहना है कि हरेक बार पिस्‍सू के काटने पर उसे डॉक्‍टर को द‍िखाना बेहद जरूरी होता है। पिस्‍सुओं के काटने पर दो लोगों को अस्‍पताल में भर्ती कराना पड़ा है।रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक किलनी के मामलों की यह संख्‍या बेहद असामान्‍य है। इस बीच वैज्ञानिकों ने कथित रूप से यह पता लगाया है कि यह किलनी मकड़ी का एक म्यूटन्ट रूप है जो रूस में पाए जाने वाली किलनी का सबसे खराब किलनी में से एक है। इन घातक किलनियों के काटने के इतने ज्‍यादा मामले साइबेरिया से आ रहे हैं कि अस्‍पतालों में वैक्‍सीन और दवाएं खत्‍म हो गई है।


वायरसः किसी चीज को हाथ नहीं लगाना

कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन में दो महीने बाद काफी ढील दी जा रही है। सरकार का प्रयास है कि लोगों को अपनी जरूरत का सामान मिल सके और जरूरी नियमों का पालन करते हुए देशवासी स्वस्थ भी रहे। यहां जानें कि अगर आप शॉपिंग करने जा रहे हैं तो आपको किन चीजों को हाथ नहीं लगाना है…
ऐसा तो कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं!


कोरोना के संक्रमण को देखते हुए और लगातार बढ़ते केसेज की संख्या को देखते हुए, हम इस समय कपड़े, जूलरी,कॉस्मेटिक या डेकोरेटिव आइटम खरीदने से तो बच सकते हैं। लेकिन किचन का सामान ऐसी जरूरत है, जिसे चाहकर भी अनदेखा नहीं किया जा सकता।
-इसलिए इन चीजों की खरीदारी करने तो आपको किराना स्टोर, ग्रॉसरी स्टोर और शॉप्स पर जाना ही होगा। यहां जानिए कि जब भी आप ये सब सामान खरीदने किसी स्टोर पर जाएं तो आपको किन-किन चीजों को हाथ नहीं लगाना है…
बास्केट और कार्ट्स ना छुएं


जब भी सामान लेने के लिए स्टोर जाएं तो आप वहां रखी शॉपिंग बास्केट्स और कार्ट्स का उपयोग करने से बचें। बेहतर होगा कि आप घर से ही अपना शॉपिंग बैग लेकर जाएं और उसी का उपयोग करें।
-यदि आपको बड़ा सामान खरीदना है या सामान की मात्रा अधिक है तो इस स्थिति में भी आप शॉपिंग बास्केट का उपयोग बिल्कुल ना करें। आप कार्ट को सैकेंड ऑप्शन के रूप में चुन सकते हैं। संभव हो तो इसके हैंडल को हाथ लगाने से पहले सैनिटाइज कर लें।
क्यों नहीं छूनी है बास्केट?
-अब आपके मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर शॉपिंग सेंटर या ग्रॉसरी स्टोर में रखा कार्ट छू सकते हैं तो बास्केट क्यों नहीं? तो इसकी वजह यह है कि बास्केट का उपयोग करने के बाद उन्हें सही तरीके से सैनिटाइज किया जाना संभव नहीं है।


हर दिन बास्केट के हैंडल को सैनिटाइज करना या हर कस्टमर के उपयोग करने के बाद हर बास्केट को सैनिटाइज किया जाना ग्रॉसरी स्टोर मैनेजमेंट के लिए भी संभव नहीं है। जबकि कार्ट्स के हैंडल को सैनिटाइज करना तो खुद आपके लिए भी आसान है। क्योंकि मार्केट जाते समय आपको सैनेटाइजर तो अपने साथ लेकर जाना ही है।
स्टोर जाने से पहले ध्यान रखें ये बातें
-स्टोर जाने से पहले इस बात को सुनिश्चित कर लें कि आप अपने साथ एटीएम कार्ड और क्रेडिट कार्ड लेकर जा रहे हों। जितना संभव हो सके कैश में लेन-देन करने से बचें।
-मार्केट जाने से पहले जरूरी सामान की लिस्ट बनाकर ले जाएं और स्टोर रूम में काउंटर पर उस सामान की उपलब्धता जानने के बाद ही आगे बढ़ें। इससे आपका समय भी नष्ट नहीं होगा और आप लोगों के गैरजरूरी संपर्क से भी बचे रहेंगे।
स्टोर से बाहर निकलते ही पहला काम
-सामान की खरीदारी करने के बाद ग्रॉसरी स्टोर से बाहर आते ही आपको सबसे पहले अपने हैंड सैनिटाइज करने हैं। ताकि अंदर खरीदारी के दौरान यदि आपके हाथों पर वायरस आ भी गया हो तो वो खत्म हो जाए।
-यदि संभव हो तो स्टोर से बाहर आने के बाद थोड़ी देर खुली हवा में सांस लें और खुद को मेंटली रिलैक्स करें। गर्मी बहुत अधिक है इसलिए अपने साथ लाए हुए पानी का सेवन करें। इससे शरीर को हाइड्रेट और इम्यून रखने में सहायता मिलेगी।
घर आने के बाद क्या करना है?
-घर आने के बाद आप सबसे पहले उन बैग्स को धुलने के लिए डाल दें, जिनमें आप सामान लेकर आए हैं। इसके बाद अपने हाथ अच्छी तरह साफ करें और फिर लाए हुए सामान को सैनिटाइज करें। इसके लिए आप किसी अच्छी डिटर्जेंट या सैनिटाइजर का उपयोग कर सकते हैं।
-तैयार लिक्विड में कपड़ा भिगोकर बाहर से लाए गए सभी पैकेट्स को उससे अच्छी तरह साफ करें। इसके बाद सामान को अलमीरा या कंटेनर्स में रखने से पहले कम से कम 20 मिनट बाहर ही रखा रहने दें। क्योंकि कई बार वाइप करने के बाद भी कोरोना के संक्रमण को पूरी तरह खत्म होने में 10 से 15 मिनट का समय लग जाता है।
अब खुद की क्लीनिंग का नंबर
-यह सब सामान क्लीन करने के बाद बेहतर होगा कि आप स्नान कर लें। इसके बाद साफ कपड़े पहनें और कोई हेल्दी ड्रिंक या फूड लें। इससे शरीर की खर्च हुई एनर्जी वापस आएगी और आप खुद को मेंटली-फिजिकली रिलैक्स अनुभव कर पाएंगे।


निशानाः लॉक डाउन को असफल बताया

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए मार्च से लागू लॉकडाउन को फिर असफल बताया और कहा कि उन्हाेंने ऐसा लॉकडाउन कहीं नहीं देखा है, जहां इसे हटाने की घोषणा के बाद संक्रमितों की संख्या घटने की बजाय तेजी से बढ़ी है।


राहुल गांधी ने गुरुवार को बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज के साथ बातचीत में कहा कि लॉकडाउन सफल नहीं रहा है। यह बात वह पहले भी कहते रहे हैं कि इससे लोगों की तकलीफ बढ़ी है और कोरोना संक्रमण भी बढ़ा है। देश जिस उत्साह के साथ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उतरा था उसमें सरकार की नीतियों के कारण सफल नहीं हो पाया है।


उन्होंने कहा “आप देखते हैं कि लॉकडाउन के बाद क्या हुआ है और यही कारण है कि मैं इसे एक असफल लॉकडाउन कहता हूं, यहां लॉकडाउन खुलने के बाद संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।” उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दुनिया ने सख्त लॉकडाउन देखा है। ऐसा सख्त लॉकडाउन विश्वयुद्ध के दौरान भी दुनिया को देखने को नहीं मिला। उस समय भी लोगों को घरों से निकलने की इजाजत थी लेकिन इस बार पूरी दुनिया को घरों में कैद रहने को मजबूर होना पड़ा लेकिन यह लॉकडाउन इस कड़ाई के बाद भी हमारे यहां असफल रहा है और कोरोना घटने की बजाय फैल रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि इन विपरीत स्थितियों के बावजूद देश के समक्ष अपनी अर्थव्यवस्था की सुरक्षा की गंभीर जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा “हमें हर कीमत पर अपनी अर्थव्यवस्था की रक्षा करनी होगी। जिस किसी को भी सहयोग की जरूरत है उसे सहयोग दिया जाना चाहिए। यह एक रणनीति का दूसरा और बिल्कुल बुनियादी घटक है। जर्मनी, अमेरिका, कोरिया, जापान ने अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर पैसा डाला। हमें इसे बड़े व्यवसाय, छोटे व्यवसाय, मजदूर के रूप में नहीं हमारी अर्थव्यवस्था के रक्षण के रूप में देखना है।


8 जून से यूपी में मिलेगी छूटः योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनलॉक व्यवस्था के तहत आठ जून से मिलने वाली छूट के लिये पूरी तैयारी के साथ इस व्यवस्था को लागू किया जाए। योगी ने गुरूवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा की।


उन्होंने कहा कि आठ जून से शुरू की जाने वाली गतिविधियों को केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित किया जाय। उन्होंने कहा कि छूट के सन्दर्भ में विस्तृत अध्ययन किया जाय और उसके बाद पूरी तैयारी के साथ इस व्यवस्था को लागू किया जाए।उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जाए। बाजारों आदि में पुलिस द्वारा नियमित फुट पेट्रोलिंग तथा हाई-वे एवं एक्सप्रेस-वे पर पीआरवी 112 के माध्यम से सघन पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाए। सुरक्षित यातायात पर विशेष ध्यान दिया जाए।


उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश देते हुए कहा कि कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने पाए। योगी ने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्था को सुदृढ़ रखा जाए। कम्युनिटी किचन के माध्यम से श्रमिकों समेत सभी जरूरतमंदों को पर्याप्त एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था जारी रखी जाए।स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए गए श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। श्रमिकों को एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता अनिवार्य रूप से उपलब्ध करया जाए।


गूगल के पूर्व सीएफओ बने बोर्ड चेयरमैन



गूगल के पूर्व सीएफओ बने ट्विटर के नए बोर्ड चेयरमैन






 




सैन फ्रांसिस्को। ट्विटर ने गूगल के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) पैट्रिक पिचेट को बोर्ड का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। ट्विटर के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में वर्ष 2017 में शामिल हुए बोर्ड के नवनियुक्त चेयरमैन पैट्रिक ने इससे पहले वर्ष 2008 से 2015 तक गूगल में सीएफओ के रूप में अपनी सेवाएं दी थी। पिचेट ने मंगलवार को यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) को एक फाइलिंग में कहा, ट्विटर की मैनेजमेंट टीम और बोर्ड की ताकत व गहराई को देखते हुए हम मानते हैं कि अब हमारे शासन ढांचे को बेस्ट प्रैक्टिसेज के अनुरूप विकसित करने का सही समय है। पिचेट ओमिड कोर्डेस्टानी का स्थान लेंगे। हालांकि, ओमिड ट्विटर के बोर्ड में बने रहेंगे।






व्यवस्था को लागू किया जाएः सीएम

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनलॉक व्यवस्था के तहत आठ जून से मिलने वाली छूट के लिये पूरी तैयारी के साथ इस व्यवस्था को लागू किया जाए। योगी ने गुरूवार को यहां अपने सरकारी आवास पर एक उच्च स्तरीय बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा की।


उन्होंने कहा कि आठ जून से शुरू की जाने वाली गतिविधियों को केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप संचालित किया जाय। उन्होंने कहा कि छूट के सन्दर्भ में विस्तृत अध्ययन किया जाय और उसके बाद पूरी तैयारी के साथ इस व्यवस्था को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा लगातार पेट्रोलिंग की जाए। बाजारों आदि में पुलिस द्वारा नियमित फुट पेट्रोलिंग तथा हाई-वे एवं एक्सप्रेस-वे पर पीआरवी 112 के माध्यम से सघन पेट्रोलिंग सुनिश्चित की जाए। सुरक्षित यातायात पर विशेष ध्यान दिया जाए।

उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश देते हुए कहा कि कहीं भी भीड़ एकत्रित न होने पाए। योगी ने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर तथा कम्युनिटी किचन की व्यवस्था को सुदृढ़ रखा जाए। कम्युनिटी किचन के माध्यम से श्रमिकों समेत सभी जरूरतमंदों को पर्याप्त एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन की व्यवस्था जारी रखी जाए। स्क्रीनिंग में स्वस्थ पाए गए श्रमिकों को राशन किट उपलब्ध कराते हुए होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। श्रमिकों को एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता अनिवार्य रूप से उपलब्ध करया जाए।


34 हजार अंक पर पहुंचा 'सेंसेक्स'

मुंबई। विदेशों से मिले सकारात्मक संकेतों के बीच मजबूत निवेश धारणा के दम पर घरेलू शेयर बाजारों में लगातार छठे दिन तेजी देखी गई और ढाई महीने बाद बीएसई सेंसेक्स 34 हजार अंक के पार तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 10 हजार अंक पर पर पहुँचने में कामयाब रहा। बैंकिंग और वित्तीय कंपनियों में लिवाली से सेंसेक्स 284.01 अंक यानी 0.84 प्रतिशत चढक़र 34,109.54 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 82.45 अंक अर्थात् 0.83 फीसदी की बढ़त में 10,061.55 अंक पर बंद हुआ। दोनों प्रमुख सूचकांकों का यह 11 मार्च के बाद का उच्चतम स्तर है। सात सप्ताह से अधिक के अंतराल के बाद पहली बार सेंसेक्स 34 हजार अंक और निफ्टी 10 हजार अंक के पार बंद हुआ है। मझौली और छोटी कंपनियों में भी निवेशकों ने खूब विश्वास दिखाया। बीएसई का मिडकैप 0.31 प्रतिशत चढक़र 12,340.65 अंक पर और स्मॉलकैप 1.24 फीसदी की मजबूती के साथ 11,570.65 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स की कंपनियों महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर करीब पाँच फीसदी चढ़े। कोटक महिंद्रा बैंक, बजाज फाइनेंस और भारतीय स्टेट बैंक में भी ढाई से तीन प्रतिशत तक की तेजी रही। एनटीपीसी के शेयर दो फीसदी से अधिक टूट गए। रियलिटी समूह के सूचकांक में सबसे अधिक तीन प्रतिशत की तेजी रही। बैंकिंग, वित्त, पूँजीगत वस्तुओं और तेल एवं गैस समूहों के सूचकांकों में भी डेढ़ से दो फीसदी की मजबूती देखी गई। विदेशों में अधिकतर प्रमुख शेयर बाजार हरे निशान में रहे। एशिया में दक्षिण कोरिया का कोस्पी 2.87 प्रतिशत, हांगकांग का हैंगसेंग 1.37 प्रतिशत, जापान का निक्की 1.29 प्रतिशत और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.07 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। यूरोप में शुरुआती कारोबार में जर्मनी का डैक्स 2.20 प्रतिशत और ब्रिटेन का एफटीएसई 1.42 फीसदी मजबूत हुआ।


यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...