मंगलवार, 2 जून 2020

एनडीआरएफ की टीमों ने संभाला मोर्चा

मुंबई। अरब सागर में हवा का कम दबाव का क्षेत्र बन गया है, जिसके एक विकराल चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है, जो तीन जून को उत्तरी महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात तटों से होकर गुजरेगा। इससे मुंबई के अत्याधिक प्रभावित होने की आशंका है। ऐसे में वहां तैयारियां तेज हो गई हैं। चक्रवाती तूफान के उत्तर कोंकण के किनारे आने के अनुमान के चलते NDRF की टीमें संभावित इलाकों में तैनात कर दी गई हैं। मुम्बई, ठाणे के साथ पालघर में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। पालघर में NDRF की दो टीमें तैनात की गई हैं। जो आज सुबह से समुद्र किनारे बसे गांवो में जाकर मकानों के सर्वे करेंगी। जिला प्रशासन की तरफ से कच्चे मकानों में रहने वालों को स्कूल और दूसरे सुरक्षित ठिकानों पर ले जाने का आदेश कल ही जारी कर दिया गया था। साथ ही  मछुआरों को भी अपनी नाव वापस लाने को कहा गया है। बीएसमी ने ट्विटर के माध्यम से जानकारी दी है कि सभी लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया जा रहा है।


बीएमसी ने मुंबई के बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों पेट्रोकेमिकल कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने सामानों और संसाधनों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएं। इसके अलावा सभी अस्पतालों को भी निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी स्थिति में अस्पतालों में बिजली आपूर्ति बधित नहीं होनी चाहिए, वह अपने जेनरेटरों व दूसरी व्यवस्थाओं को पूरी दुरुस्त रखें। चक्रवाती तूफान की चपेट में रायगढ़ का समुद्र किनारा भी आ सकता है इसलिए वहां भी एतिहाति कदम उठाए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में अलग अलग इलाकों में कुल 10 NDRF की टीमें तैनात की गई हैं।


मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को कहा कि दबाव बढ़कर गहरे दबाव क्षेत्र में बदलेगा और आज शाम तक वह किसी भी चक्रवात के तीसरे या चौथे चरण में पहुंच जाएगा। आईएमडी के चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा कि दो जून तक यह एक चक्रवाती तूफान का रूप ले लेगा। चक्रवात चेतावनी प्रभाग ने कहा, ‘‘ इस तूफान के दो जून सुबह उत्तर की ओर बढ़ने की आशंका है और फिर यह उत्तर-पूर्व की ओर मुड़ेगा और तीन जून शाम या रात को हरिहरेश्वर (रायगढ़, महाराष्ट्र) और दमन के बीच उत्तर महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तटों को पार करेगा'। रायगढ़ और दमन के बीच लगभग 260 किलोमीटर में फैला यह हिस्सा देश के सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले स्थानों में से एक है। मुंबई के अलावा, इससे ठाणे, नवी-मुम्बई, पनवेल, कल्याण-डोम्बिवली, मीरा-भयंदर, वसई-विरार, उल्हासनगर, बदलापुर और अंबरनाथ जैसे शहर भी प्रभावित होंगे।


बिहार में भाजपा ने फूंका चुनावी बिगुल

पटना। कोरोना संकट काल के बीच भाजपा ने अपने 6 साल पूरे किए हैं। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी ने इस दौरान कई तरह के काम किए हैं। चाहे वो कश्मीर का मुद्दा हो या तीन तलाक का मुद्दा इत्यादि। लेकिन अब आगामी  विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार भाजपा ने चुनावी बिगूल फूंक दिया है। पार्टी ने दो बड़ी डिजिटल रैली करने की घोषणा की है। पहली वर्चुअल यानी डिजिटल रैली नौ जून को होगी, जिसे गृह मंत्री अमित शाह संबोधित करेंगे। दूसरी रैली की तिथि जल्द घोषित होगी जिसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा संबोधित करेंगे


सोमवार को बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर सरकार की उपलब्धियों के साथ ही पार्टी की गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी। डॉ जायसवाल ने दावा किया कि पीएम के मन की बात को बिहार में 60 हजार बूथों पर सप्तऋषि टीम के साथ सुना गया। 38 हजार बूथों की तस्वीर आ चुकी है।इसी से प्रेरित होकर पार्टी ने नौ जून को डिजिटल रैली करने का निर्णय लिया है। पार्टी के प्रदेश से लेकर जिला व मंडल स्तरीय पदाधिकारियों के साथ ही आम लोग भी चाहें तो वे ऑडियो,वीडियो कांफ्रेंसिंग या फेसबुक के माध्यम से गृह मंत्री अमित शाह को सुन व देख सकेंगे। दूसरी रैली की तिथि भी जल्द ही घोषित होगी जिसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा संबोधित करेंगे।


बिहार को 74 फीसदी राशि दे रहा केंद्र


एक सवाल के जवाब में प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार के लिए बिहार हमेशा प्राथमिकता में रहा है।  बिहार को केंद्र से मिलने वाली हिस्सेदारी से दोगुनी राशि दी जा रही है। महाराष्ट्र का अपना संसाधन 74 फीसदी है तो केंद्र से 26 फीसदी राशि मिलती है जबकि बिहार का अपना संसाधन 26 फीसदी तो केंद्र से 74 फीसदी राशि मिलती है। गोपालगंज हत्याकांड पर कहा कि दोषी कोई भी हो, कानून अपना काम करेगा। दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। डिजिटल चुनाव का फैसला चुनाव आयोग को लेने की बात करते हुए डिजिटल चुनावी तैयारी जारी रखने पर बल दियाबिहार भाजपा अध्यक्षने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की ओर से ब्रह्मेश्वर मुखिया को शहीद कहे जाने से अनभिज्ञता जताई। विधायक अनिल शर्मा पर कार्रवाई के सवाल पर कहा कि वे अपनी बीमारी बेटी को कोटा से लाने गए थे। कोरोना काल में 20 लाख करोड़ का पैकेज मिलने से लेकर मोदी सरकार की ओर से किए गए तमाम कार्यों पर प्रदेश अध्यक्ष ने विस्तार से अपनी बात रखी। कहा कि बिहार के जो भी योग्य लोग होंगे, उन्हें छोटे-बड़े उद्योग लगाने में सहायता मिलेगी। मौके पर देवेश कुमार, राजीव रंजन, सुरेश रूंगटा आदि नेता मौजूद थे।


डीएम ने आयुष रक्षा किट वितरित किया

हल्द्वानी। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा आयुर्वेदिक व यूनानी विभाग के माध्यम से फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स, नगर निगम के सफाई कर्मियों, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा कर्मियों को जिलाधिकारी सविन बंसल ने कैम्प कार्यालय में आयुष रक्षा किट वितरित किये गये। जिलाधिकारी श्री बंसल ने कहा कि आयुष रक्षा किट के औषधियों से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढेगी।


बंसल ने कहा कि आयुर्वेदिक यूनानी विभाग द्वारा जनपद में एक लाख आयुष रक्षा किट फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स, सफाई कर्मियों, स्वास्थ्य, सुरक्षा के साथ ही अन्य विभागीय कर्मचारियों जो कोरोना मे कार्य कर रहे है को वितरित किया जयेगा ताकि वे स्वंय स्वस्थ रहकर कोरोना महामारी मे कार्य कर सकें।


जिला आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी डा. एमएस गुंज्याल ने बताया कि आयुष रक्षा किट रोग प्रतिरोधक औषधि का वितरण कोरोना वारियर्स को किया जा रहा है जिससे इम्युनिटी पावर बढेगी। आयुष किट में अश्वगंधा वटी, संशमनी वटी के साथ ही आयुष रक्षा क्वाथ में गिलोई, वासा, तुलसी,मधुयष्ठी, मारिच, पिप्पली, सौठ औषधि मिक्स है, जिससे व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढेगी व कोरोना से बचाव होगा।


उन्होने बताया कि अभी पन्द्रह सौ किट विभाग को प्राप्त हुये है जिनका वितरण किया जा रहा है। 85 हजार किट शीघ्र वितरण के लिए मिलने वाली है, जिनका वितरण कोरोना वारियर्स को किया जायेगा। मौके पर अपर जिलाधिकारी एसएस जंगपांगी, नगर आयुक्त चन्द्र सिह मर्तोलिया, उपजिलाधिकारी गौरव चटवाल,नोडल अधिकारी आयुष्य मिशन डा. प्रदीप महरा आदि मौजूद


9 माह का बच्चा संक्रमित, अस्पताल में छोड़ा

रामपुर। दिल्ली के एम्स में नौ महीने के एक शिशु की मौत हो गई और उसके बाद पता चला कि बच्चा कोरोनावायरस से संक्रमित था। उसके बाद उसके माता-पिता उस बच्चे के शव को छोड़ कर रामपुर अपने घर को लौट आए। बच्चे के माता-पिता का पता लकागर अब उन्हें क्वारंटीन कर दिया गया है।


रामपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ.सुबोध शर्मा ने कहा कि 29 मई को ब्रेन ट्यूमर से मौत होने से कुछ दिनों पहले ही कोरोनोवायरस परीक्षण के लिए बच्चे के नमूने एकत्र किए गए थे। सीएमओ ने कहा, “जब रिपोर्ट में मृत्यु के बाद बच्चे के संक्रमित होने की पुष्टि हुई, तो उसके माता-पिता ने एम्स अधिकारियों को यह लिखकर दिया कि वे अपने बेटे के शव को नहीं लेना चाहते हैं, जिसके बाद अधिकारियों ने उसका अंतिम संस्कार किया।”हालांकि, एम्स अधिकारियों ने रामपुर प्रशासन को मामले की जानकारी दी, जिसके बाद भैंसोरी शरीफ गांव में उनके होने का पता लगाया गया और रामपुर के ही एक नर्सिग होम में उन्हें क्वारंटीन किया गया। दिल्ली ले जाने से पहले बच्चे का ट्रीटमेंट यही चल रहा था।


रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने कहा, “एम्स के अधिकारियों ने मुझे फोन पर सूचित किया कि रामपुर जिले से एक नौ महीने के बच्चे की सर्जरी होने पहले ही ब्रेन ट्यूमर के कारण अस्पताल में मौत हो गई है। हालांकि जब जांच के नतीजे में बच्चे के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई, तब उसके माता-पिता शव को वहीं अस्पताल में छोड़कर वापस आ गए।”उन्होंने आगे कहा कि नर्सिग होम को सील करने का आदेश दिया गया, जहां बच्चे का पहले इलाज चल रहा था और वहां के सभी डॉक्टर्स व स्टाफ को क्वारंटीन किया गया। उनके नमूने कोरोना परीक्षण के लिए भेजे जा रहे हैं। सीएमओ ने कहा कि हालांकि बच्चे के माता-पिता ने कहा है कि एम्स में कोरोना के लिए उनके जांच के नतीजे नेगेटिव आए हैं, लेकिन फिलहाल के लिए उन्हें भी क्वारंटीन में रखा गया है और उनके नमूनों की फिर से जांच की जाएगी।


एमएसपी से किसान को फायदा नहीं होगा

नई दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) घोषित होने से किसान का फायदा नहीं होगा बल्कि इसके लिए फसल की खरीद जरूरी है और सरकार जिस तरह के कदम उठा रही है, उससे 10 साल तक भी किसान की आय दोगुनी नहीं होने वाली नहीं है।


कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने मंगलवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महज एमएसपी की घोषणा से कुछ होने वाला नहीं है, इसका फायदा तब ही होगा जब किसान की फसल की खरीद की जाएगी। किसानों की फसलों की मंडी से जब सीधी खरीद होगी तब ही उसे फसल का लाभ मिल सकेगा लेकिन बिहार जैसे राज्यों में कहीं भी यह व्यवस्था विकसित ही नहीं की गयी है और किसान की खरीद के लिए कोई मंडी नहीं है तो किसान अपनी फसल कहां बेचेगा।


जाखड़ ने कहा कि एमएसपी बढाने की सरकार की घोषणा सुनने में बहुत अच्छी लगती है लेकिन किसान को यथार्थ में इन घोषणाओं का फायदा मिलता नहीं है। किसान की आय दोगुनी करने की बात भी सुनने में अच्छी लगती है लेकिन जो कदम उठाए जा रहे हैं उनको देखकर लगता है कि किसान की आय दस साल में भी दोगुनी नहीं होगी। किसानों के गोदाम भरे पड़े हैं लेकिन उनकी फसल की खरीद नहीं की जा रही है और उसे एमएसपी से भी बहुत कम दाम पर अपनी फसल बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।


उन्होंने कहा कि किसान सरकार से भीख नहीं मांग रहा है बल्कि अपनी मेहनत का पैसा मांग रहा है लेकिन मोदी सरकार का किसानों के प्रति सकारात्मक रुख नहीं है इसलिए उनके हितों के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सरकार यदि किसानों की हितैषी होती तो उनके लिए सिर्फ घोषाणाएं करने की बजाय उन्हें फायदा देती और अगर उनकी सही तरह से मदद होती तो किसान आत्महत्या करने पर मजबूर नहीं होते।


कांग्रेस नेता ने कहा कि 80 फीसदी किसान एक या दो एकड़ जमीन का मालिक है। अगर उसकी पैदावार बेचने के लिए व्यवस्था नहीं की जायेगी और उसे उसकी मेहनत का पैसा नहीं मिलेगा तो बेचारा किसान मारा जाएगा। किसानों की फसल की खरीद उसकी ही जमीन पर होनी चाहिए क्योंकि वह अपनी फसल बेचने के लिए दूर नही जा सकता है। किसान के गोदामों में पड़ी उपज को वहीं से खरीदने की व्यवस्था की जानी चाहिए।


दिल्लीवासियों के लिए विशेष 'ऐप' जारी

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने मंगलवार को एक विशेष ऐप जारी किया है। इस ऐप के जरिए कोरोना रोगी दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में अपने लिए बेड और वेंटिलेटर ढूंढ सकते हैं। दिल्ली सरकार द्वारा जारी किया गया है यह ऐप दिल्ली के अस्पतालों की जानकारी देगा। इसमें दिल्ली के सरकारी और प्राइवेट दोनों ही तरह के अस्पताल शामिल हैं।


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को यह ऐप लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “रोगियों की संख्या के मुकाबले अस्पताल के बेडए आईसीयू और वेंटिलेटर की कमी हो तो लोगों को दिक्कतें आएंगी। लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं है। यहां अभी 6731 बेड हैं जबकि केवल 2600 रोगी अस्पतालों में भर्ती हैं और दिल्ली में अभी भी करीब 4100 बेड खाली हैं।”


दिल्ली सरकार द्वारा लांच किया गया ऐप ‘दिल्ली कोरोना’ गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है या फिर 1031 हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके इसकी जानकारी ली जा सकती है। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने उसके लिए वेब पेज भी बनाया है।


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, “जिन अस्पतालों में यह ऐप खाली बेड दिखाता है और वहां जाने पर यदि कोरोना रोगी को अस्पताल में भर्ती न किया जाए तो ऐसे व्यक्ति 1031 नंबर पर फोन करके इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यह शिकायत सीधे दिल्ली सरकार के स्पेशल हेल्थ सेक्रेट्री के पास जाएगी। वह तुरंत कार्रवाई करते हुए रोगी के लिए अस्पताल में बेड सुनिश्चित करवाएंगे।”


हालांकि इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा, “यदि डॉक्टर रोगी को कहें कि उसे अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है तो ऐसे में लोगों को डॉक्टर की सलाह माननी चाहिए। ऐसे व्यक्ति जिनमें लक्षण नहीं है या फिर काफी हल्के लक्षण हैं उनका उपचार घर पर किया जा सकता है। हमारी टीम दिन में 2 बार ऐसे रोगियों से संपर्क करेगी। अगर घर में उपचार के दौरान स्थिति सीरियस होती है तो फिर आपके लिए अस्पताल में बेड सुनिश्चित किया जाएगा।”


17.77 करोड़ परिवारों में खाद्यान्न आवंटन

लखनऊ। कोरोना संकट के दौरान यूपी सरकार की संवेदनशीलता दिखी। गरीबों को न सिर्फ जरूरत के मुताबिक सहयोग मिला बल्कि लॉकडाउन के दो माह की अवधि में 17़ 77 करोड़ गरीब परिवारों व जरूरतमंदों को 29़ 66 लाख मीट्रिक टन राशन भी आवंटित हुआ। कोरोना संकट में उप्र ने सबसे ज्यादा राशन बांट कर एक कीर्तिमान बनाया है।


लॉकडाउन में जिस वक्त गरीब तबका इस बात को लेकर चितिंत था कि उसके भोजन की व्यवस्था कैसे होगी, उस वक्त मुख्यमंत्री योगी की अगुवाई वाली सरकार ने बिना देर किए अनाज के सरकारी गोदामों को जनता के लिए खोल दिया। दो महीने से 3़ 55 करोड़ लोगों को हर महीने दो बार राशन मुहैया करवाना शुरू किया और पांच चरणों में चले इस अभियान के तहत 17़ 77 करोड़ लोगों को चावल, चना और गेहूं उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप खाद्य एवं रसद विभाग ने प्रत्येक लाभार्थी को सही समय पर खाद्यान्न तो उपलब्ध कराया ही, पहली जून से शुरू हुए पांचवें चरण के पहले दिन ही मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, ” 31 लाख 12 हजार 258 राशन कार्ड पर 81,438़163 मीट्रिक टन खाद्यान्न को गरीबों व जरूरतमन्दों तक पहुंचाया है। इसमें 78,325़ 90 मीट्रिक टन चावल और 3,112़ 25 मीट्रिक टन चना शामिल रहा। इतना ही नहीं, इसके अलावा 11 लाख 34 हजार 942 राशन काडोर्ं पर 35,493़ 292 मीट्रिक टन निशुल्क खाद्यान्न भी बांटा गया।”


मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि देश के अन्य राज्यों से वापस हुए प्रवासी 1212 श्रमिकों को 16़ 696 मीट्रिक टन खाद्यान्न उपलब्ध करवा कर प्रदेश सरकार ने अपनी सहृदयता दिखाई है। इनमें 440 शहरी श्रमिकों में 6़ 409 मीट्रिक टन और ग्रामीण क्षेत्र के 772 श्रमिकों को उपलब्ध कराया गया 10़ 287 मीट्रिक टन खाद्यान्न शामिल है। इन्हें भी चावल, चना के साथ गेहूं दिया गया है। लॉकडाउन में प्रदेश सरकार ने अब तक चार चरणों में राशन आवंटित किया है। पांचवां चरण चल रहा है। अप्रैल में शुरू हुए प्रथम चरण में 3 करोड़ 53 लाख 63 हजार 963 लोगों में 747,324़ 650 मीट्रिक टन खाद्यान्न का आवंटन हुआ था। इसमें 96 लाख 22 हजार 404 लोगों को 265,360़ 285 मीट्रिक टन खाद्यान्न निशुल्क वितरित हुआ है।


द्वितीय चरण के अप्रैल में ही शुरू हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 3 करोड़ 57 लाख 39 हजार 226 लोगों को 686,145़ 660 मीट्रिक टन चावल का उपलब्ध कराया गया था। जिसमें 3 करोड़ 32 लाख 43 हजार 846 लोगों को 686,145़ 660 मीट्रिक टन नि शुल्क चावल बांटा गया है। मई में शुरू हुए तीसरे चरण के खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम के तहत 3 करोड़ 53 लाख 19 हजार 530 लोगों को 756,626़ 490 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया था। इनमें से 95 लाख 17 हजार 698 लोगों को 264,372़ 405 मीट्रिक टन निशुल्क उपलब्ध कराया गया तो इसी माह में चौथे चरण में शुरू हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 3 करोड़ 55 लाख 43 हजार 683 लोगों को 694,468़ 060 मीट्रिक टन खाद्यान्न वितरण कर प्रदेश सरकार ने गरीबों की पीड़ा को कम करने का प्रयास किया था। इसमें भी 3 करोड़ 34 लाख 85 हजार 84 लोगों को नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य परवान चढ़ाया गया था।


कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...