गुरुवार, 28 मई 2020

एशिया की बड़ी स्लमबस्तियों में संक्रमण

धारावी में तेजी से फैल रहा कोरोना संक्रमण 


मुंबई। मुंबई स्थित एशिया की सबसे बड़े स्लम एरिया धारावी में कोरोना संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। मिशन धारावी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय और बीएमसी यहां डोर टू डोर टेस्टिंग कैंपेन चला रही है। अब तक 47500 लोगों की जांच हो चुकी है। इसके अलावा 3224 फीवर कैंप्स चलाए जा रहे हैं। राज्य में अभी तक कुल 2,82,194 लोगों की कोरोना वायरस संक्रमण के लिए जांच हुई है। वहीं, बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने बताया कि मुंबई में कोरोना वायरस के 1,185 नए मामले आए हैं, जबकि 23 और लोगों की मौत हुई है। शहर में अभी तक संक्रमण से 757 लोगों की मौत हुई है जबकि कुल 21,152 लोग वायरस से संक्रमित हुए हैं।


दिल्ली सरकार के मृत आंकड़े शंकाग्रस्त

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना से होने वाली मौत का आंकड़ा लगभग एक हजार तक पहुंच चुका है, लेकिन सरकार ने बुधवार तक केवल 303 मौत होने की बात स्वीकारी है। यानी सरकार के दावों से तीन गुने से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है।

सरकार की तरफ से पेश कुल कोरोना मौतों की संख्या से ज्यादा 414 लोगों का शवदाह अकेले निगमबोध घाट पर किया जा चुका है। इसी प्रकार दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में भी 481 लोगों का शवदाह हो चुका है।

इसके अलावा पूर्वी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले दो कब्रिस्तान में भी 25 शवों को दफनाया जा चुका है।

भाजपा ने दिल्ली सरकार पर कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाने का आरोप लगाया है। वहीं दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि कोरोना से होने वाली मौतों को छिपाया नहीं जा रहा है।

 

सरकार ने कहा है कि अस्पतालों से  जैसे-जैसे मौत के आंकड़ों की जानकारी मिलती जा रही है, उन्हें दर्ज किया जा रहा है।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम बोध घाट पर बुधवार शाम तक 414 कोरोना शवों की अंतिम क्रिया कराई जा चुकी है। इनमें 337 मामले कोरोना पॉजिटिव थे, जबकि 77 लोगों को कोरोना संदिग्ध माना गया था।

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन भूपेंद्र गुप्ता ने अमर उजाला डॉट कॉम को बताया कि उनके क्षेत्र में अभी तक 481 शवों का शवदाह/दफनाना कोरोना कैटेगरी में किया गया है। कुल मामलों में 390 लोगों में कोरोना होने की पुष्टि हो चुकी थी, जबकि 91 लोगों में कोरोना होने का संदेह था। पूर्वी दिल्ली नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन संदीप कपूर ने बताया कि उनके क्षेत्र में कोरोना शवदाह की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कड़कड़डूमा शवदाह केंद्र को बिल्कुल शुरुआती दौर में कोरोना शवों के निस्तारण के लिए चिन्हित किया गया था, लेकिन बाद में यह फैसला टाल दिया गया।

 

इस समय कोरोना शवदाह के लिए सभी शवों को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत आने वाले निगमबोध घाट पर भेज दिया जाता है।

 

वहीं कोरोना शवों को दफनाने की व्यवस्था दो कब्रिस्तानों में की गई है। बुलंद मस्जिद शास्त्री पार्क कब्रिस्तान में 26 मई तक कुल 22 शवों को दफनाया जा चुका है। इनमें 11 कोरोना पॉजिटिव और 11 कोरोना संदिग्ध मामले शामिल थे।

 

जबकि दूसरे कोरोना कब्रिस्तान मुल्ला कॉलोनी में अब तक तीन कोरोना पॉजिटिव शवों को दफनाया जा चुका है।

क्यों देनी पड़ी लकड़ी से शवदाह की अनुमति

निगमबोध घाट के सूत्रों के मुताबिक सीएनजी से शवदाह किए जाने पर एक शव की अंतिम क्रिया संपन्न होने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लगता है। अगर मृतक का शरीर ज्यादा भारी होता है तो इसमें दो घंटे तक का भी समय लग जाता है।

 

लेकिन यहां आने वाले शवों की संख्या बहुत ज्यादा होती जा रही थी, जिसकी वजह से लोगों को अपने प्रियजनों के दाहसंस्कार के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा था। यही कारण है कि अपरिहार्य कारणों को देखते हुए पारंपरिक विधि से शवों को जलाने की अनुमति देनी पड़ी।

 

इसके पहले सरकार के स्तर पर निर्देश प्राप्त कर लिया गया था।

मौतों पर आरोप-प्रत्यारोप

दिल्ली भाजपा के महामंत्री राजेश भाटिया ने बताया कि नगर निगम के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि अरविंद केजरीवाल सरकार मौत के आंकड़े छिपा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को सच्चाई जनता के सामने रखनी चाहिए।

वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बुधवार को मीडिया में बयान देते हुए कहा कि राजधानी की व्यवस्था बिल्कुल पारदर्शी है। यहां होने वाले किसी भी जन्म या मौत के आंकड़े को छुपाया नहीं जा सकता।

सरकार किसी भी आंकड़े को छुपाने की कोशिश नहीं कर रही है। अस्पतालों से जिस प्रकार से जानकारी आ रही है, उसी प्रकार से इसे अपडेट किया जा रहा है।

टिड्डी दलः आतंक के साए में किसान

कुनाल सिंह ठाकुर की रिपोर्ट-


नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच देश में टिड्डियों का तांडव भी जारी है. कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में अब टिड्डियों के झुंड ने तांडव मचा रखा है। राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हरियाणा के बाद अब महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पंजाब में रेगिस्तानी टिड्डों का दल बड़े पैमाने पर फसलों को नष्ट कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि तीन दशकों में यह देश में सबसे खराब टिड्डी हमला है. कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि राजस्थान के 20, मध्य प्रदेश में 9, गुजरात में दो और उत्तर प्रदेश और पंजाब में एक-एक जिलों के 47,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले 303 स्थानों पर टिड्डी रोकथाम के उपाय और छिड़काव अभियान चलाए गए हैं।


सरकार विशेष छिड़काव मशीनों का उपयोग कर रही है और नजर रखने के लिए 11 नियंत्रण कक्ष स्थापित किए हैं। अधिकारियों ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और राज्य के कृषि मंत्रियों और कीटनाशकों कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ तीन बैठकें कर चुके हैं। सरकार कीटनाशकों के हवाई छिड़काव के लिए ड्रोन के लिए निविदाएं भी आमंत्रित कर रही है।


टिड्डे वार्निंग ऑर्गेनाइजेशन (LWO) के अधिकारियों ने बताया कि कीट जिससे सब्जी और दलहनी फसलों के लिए खतरा है, ने भारत में रबी (सर्दियों) की उपज को प्रभावित नहीं किया है, लेकिन खरीफ की फसलों को बचाने के लिए सरकारी प्रयास मॉनसून से पहले ही खत्म हो गए है।


पंजाब में हाई अलर्ट
पंजाब के डायरेक्टर एग्रीकल्चर सवांत कुमार ऐरी ने कहा, ‘पंजाब को भी हाई अलर्ट पर रखा गया है और प्रत्येक जिले में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं और किसानों को टिड्डियों की किसी भी गतिविधि की रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है।


एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर
टिड्डियों का जीवन सामान्यतया 3 से 6 माह का होता है. नमी वाले इलाकों में ये एक बार में 20 से 200 तक अंडे देती हैं, जो 10 से 20 दिन में फूटते हैं. शिशु टिड्डी का पेड़-पौधे खाती है, 5-6 हफ्ते में बड़ी हो जाती है. इन्हें मारने का सबसे अच्छा उपाय अंडों के फूटते ही उन पर रसायन का छिड़काव है. टिड्डी अपने वजन से कहीं अधिक भोजन एक दिन में खाती है. ये एक दिन में 100 से 200 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकती है  फिलहाल मध्यप्रदेश में 8000 करोड़ रू की मूंग की फसल को इनसे खतरा है, बाकी राज्यों में ये कपास और मिर्ची को निशाना बना सकते हैं।


हरियाणा भी तैयार
हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा है कि टिड्डी दल यदि हरियाणा पहुंचता है तो कृषि विभाग इस समस्या के समाधान के लिए पूरी तरह तैयार है. हरियाणा प्रदेश के सभी कृषि वैज्ञानिकों व विभाग के अन्य कर्मचारियों को टिड्डी दल से निपटने के लिए अलर्ट कर दिया गया है. कृषि मंत्री ने भिवानी में बताया कि यदि टिड्डी दल हरियाणा पहुंचता है तो दवाई के छिड़काव से टिड्डी दल को वहीं मार दिया जाएगा।


कृषि मंत्रालय रख रहा है नजर
भारत सरकार ने टिड्डी नियंत्रण की मुहिम में ड्रोन्स का इस्तेमाल करने का फैसला किया है. कृषि मंत्रालय ने बुधवार को इसका ऐलान किया. कृषि मंत्रालय के मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 मई को शर्तों के साथ टिड्डों के खिलाफ मुहिम छेड़ने के लिए ‘रिमोटली पाइलटेड एयरक्राफ्ट सिस्टम’ को मंज़ूरी दे दी है।


टिड्डों की समस्या पर नियंत्रण के लिए ड्रोन्स के जरिये कीटनाशकों के इस्तेमाल के लिए सरकार ने टेंडर के द्वारा दो कंपनियों की पहचान कर ली है. ड्रोन्स के जरिये बड़े पेड़ों और दुर्गम इलाकों में एरियल स्प्रेइंग करने की तयारी है. साथ ही टिड्डों के खिलाफ मुहीम तेज़ करने के लिए सरकार ने 60 अतिरिक्त स्प्रेयर यूनाइटेड किंगडम से मंगाने का फैसला किया है. साथ ही, 55 नई गाड़ियां कीटनशकों की छिरकाव के लिए खरीदने का फैसला लिया गया है.


पर्यावरण मंत्रालय ने बताया बड़ा हमला‘  
पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में टिड्डी दल के हमलों के बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि यह हमला बहुत गलत समय पर हुआ है जब देश पहले ही एक महामारी से जूझ रहा है. पर्यावरण मंत्रालय में महानिरीक्षक (वन्यजीव) सौमित्र दासगुप्ता ने कहा कि यह रेगिस्तानी टिड्डी है जिसने बड़ी संख्या में भारत में हमला बोला है और इसके हमले से फसलों को नुकसान हो सकता है।


उन्होंने ‘मीडिया’ से कहा, ‘‘टिड्डी दल का भारत में आना सामान्य घटनाक्रम है लेकिन इस बार यह हमला बड़ा है.” उन्होंने कहा कि इसमें बड़े टिड्डे हैं, मुख्य रूप से ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के हैं, जिनमें उड़ने की अधिक क्षमता है और बड़े झुंडों में चलते हैं जिससे फसलों को बड़ा नुकसान होता है.केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अनुसार, इस समय राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में टिड्डी दलों का प्रकोप है. सबसे बुरी तरह राजस्थान प्रभावित हुआ है.  मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि टिड्डी दलों का प्रकोप पूर्व की ओर बढ़ रहा है जिससे खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ सकता है. दासगुप्ता ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय की टिड्डों के प्रकोप को संभालने में कोई भूमिका नहीं है और इससे कृषि मंत्रालय और संबंधित राज्यों को निपटना होगा।


डब्ल्यूएचओ: व्यवस्था में होगा परिवर्तन

जिनेवा/नई दिल्ली। अपने नियमित कामकाज के लिए सदस्य देशों की मदद पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की निर्भरता समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन के नाम से बुधवार को एक नए संगठन की स्थापना की गयी।


डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. तेद्रोस गेब्रियेसस और डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. थॉमस जेल्टनर ने कोविड-19 पर आयोजित नियमित प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की। दोनों संगठनों के प्रमुखों ने एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। डॉ. तेद्रोस ने बताया कि कानूनी रूप से डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन विश्व स्वास्थ्य संगठन से अलग संस्था है जो स्विटजरलैंड में पंजीकृत है।


यहीं जिनेवा में डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय भी है। वह डब्ल्यूएचओ के कामकाज के लिए गैर-पारंपरिक स्रोतों से पैसे जुटायेगा। ये पैसे आम लोगों और बड़े दानदाताओं से जुटाये जाएंगे। सहमति पत्र के जरिये दोनों संगठन एक-दूसरे से संबद्ध होंगे। अमेरिका द्वारा पिछले दिनों डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली मदद रोकने के परिप्रेक्ष्य में डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन की स्थापना महत्वपूर्ण है।


इससे संयुक्त राष्ट्र के तहत काम करने वाला वैश्विक स्वास्थ्य संगठन अपने खर्चे और परियोजनाओं के लिए सदस्य देशों की मदद पर निर्भर नहीं रहेगा हालाँकि एक प्रश्न के उत्तर में डॉ. तेद्रोस ने नये फाउंडेशन की स्थापना और अमेरिकी मदद रोके जाने की घटना के बीच कोई संबंध होने से इंकार कर दिया।


उन्होंने कहा कि इसकी अवधारणा दो साल पहले तैयार हुई थी तथा इस दिशा में पिछले साल मार्च में ही काम शुरू हो गया था। डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि फाउंडेशन से मिलने वाली राशि सदस्य देशों से मिलने वाली मदद के अतिरिक्त होगी। इससे नयी परियोजनाओं पर काम शुरू करने में मदद मिलेगी और इस प्रकार डब्ल्यूएचओ के कामकाज का दायरा बढ़ सकेगा। शुरुआत में फाउंडेशन द्वारा जुटाई गयी राशि का इस्तेमाल कोविड-19 महामारी से लड़ने में किया जायेगा।


'लॉक डाउन 5.0', 11 शहरों पर फोकस

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। लॉकडाउन 5.0 पर केंद्र सरकार की तरफ से कोई बयान अभी नहीं आया है। 31 मई को मन की बात कार्यक्रम है, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लॉकडाउन 5.0 पर भी बोल सकते हैं। इसमें ज्यादातर चीजों को खोलने की कोशिश हो सकती है। लॉकडाउन 5.0 में क्या छूट मिल सकती हैं देखिए


11 शहरों पर होगा फोकस


कोरोना लॉकडाउन 5.0 मुख्य तौर पर 11 शहरों पर फोकस होगा। इसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, ठाणे, इंदौर, चेन्नै, अहमदाबाद, जयपुर, सूरत और कोलकाता। ये वे शहर हैं जहां कोरोना केस ज्यादा हैं।


 

​15 जून तक स्कूल खुलना मुश्किल


स्कूल खुलना फिलहाल मुश्किल दिख रहा है। 15 जून तक स्कूलों और कॉलेजों को बंद ही रखा जा सकता है। वैसे भी राज्य सरकारें कह चुकी हैं कि स्कूल गर्मी की छुट्टियों के बाद ही खुलेंगे।


मेट्रो हो सकती है शुरू, इंटरनैशनल फ्लाइट्स पर पाबंदी


रेलवे और घरेलू फ्लाइट को सरकार पहले ही शुरू कर चुकी है। मेट्रो सर्विस को भी एक जून से दोबारा शुरू किया जा सकता है। हां इंटरनैशनल फ्लाइट्स पर अभी पाबंदी ही रहेगी।


 

पूजा स्थल खोल सकते हैं राज्य


 धार्मिक स्थानों को खोला जाए या नहीं यह फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा जा सकता है। कर्नाटक सरकार पहले ही पीएम मोदी को पत्र लिखकर 1 जून से धार्मिक स्थानों को खोलने की इजाजत मांग रही है।


सलून, जिम और शॉपिंग मॉल खुल सकते हैं


 सलून के बाद मोदी सरकार जिम और शॉपिंग मॉल्स को खोलने का फैसला राज्य सरकार पर छोड़ सकती है। हालांकि, कंटेनमेंट जोन में इन्हें खोलने की छूट मुमकिन नहीं। दिल्ली समेत कुछ जगहों को छोड़कर बाकी जगहों पर सूलन खुल रहे हैं।


पुलिस ने रेप के आरोपी को धर-दबोचा

रेप के आरोपी को पुलिस ने पकड़ कर की कानूनी कार्रवाई

सुनील पुरी

बिंदकी फतेहपुर। तीन दिन पहले रेप के एक मामले में पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की है युवक का पुलिस ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल कराया और न्यायालय में पेश किया।

            जानकरी के अनुसार बिन्दकी नगर के 3 दिन पहले नगर के एक मोहल्ले की रहने वाली महिला घर से जंगल गई थी तभी मोहल्ले के एक युवक ने महिला को पकड़ कर उसके साथ रेप की घटना की थी महिला ने घर वापस आकर परिजनों को आपबीती बताई थी जिस पर आरोपी युवक के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था पुलिस ने आरोपी युवक को पकड़ लिया जिसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई सामुदायिक स्वास्थ्य में मेडिकल भी कराया गया और न्यायालय में पेश किया गया।

भीषण गर्मी में पक्षियों को पानी दे !

भीषण गर्मी से पंछीयों को बचाने को पेड़ों व छतों पर बरतन में दाना पानी रखने को समाजसेवियों ने चलाई मुहिम

शाहिद प्रधान कई वर्षों से पंछीयों को बचाने के लिए मुहिम चलाकर बाँट रहे हैं मिट्टी व प्लास्टिक के बरतन

 

बृजेश केसरवानी 

प्रयागराज। इन दिनों भीषण गर्मी और दसतपे की तपिश से जहाँ आम इन्सान झुलसा जा रहा है। वही पंछीयों को बचाने की मुहिम भी तेज़ हो गई। समाजसेवी शाहिद प्रधान और तमाम स्वयम सेवी संस्थाएँ इस मुहिम में लगी हैं।पिछले कई वर्षों से इस मुहिम में लगे शाहिद प्रधान गाँव से लेकर शहर तक प्लासटिक के बरतन को रस्सी के सहारे पेड़ पर दाना पानी डाल कर पंछीयों की रक्षा करने में लगे हैं। मदर टेरेसा फाउण्डेशन के महानगर चेयरमैन सै०मो०अस्करी ने लोगों से अपील की है की लोग अपने छतों बारजा और खुले सुरक्षित स्थान पर मिट्टी या पलास्टिक के बरतन में पंछीयों के लिए दाना और पानी रखें।संयुक्त व्यापार मण्डल के मनोज वर्मा भी कई वर्षों से अपनी दूकान के एक चौड़े खम्बे पर प्रतिदिन पंछीयों की प्यास बुझाने और उनके लिए खाने का इन्तेज़ाम करते रहे हैं। मनोज वर्मा का पशू प्रेम तो चर्चा में रहता है। लॉकडाउन में दूकान न आने की स्थिती मे भी उन्हे पंछीयों और सड़क पर आवारा कुत्ते और गायों की फिक्र लगी रहती थी तो वह फोन से आस पास के लोगों को बेज़ुबानों के खाना देने को कहते रहे।प्रेस छायाकार शाह आलम से फोन कर कुत्तों के लिए खाने का प्रबन्ध भी कराया।

उत्तर-भारत में रविवार तक खुशनुमा मौसम

नई दिल्ली। दिल्ली एनसीआर में मौसम ने करवट बदली है।आज शाम हुई हल्की बारिश ने लोगों को भीषण गर्मी से राहत दी। मौसम विभाग के मुताबिक, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से दिल्ली-एनसीआर में मौसम बदल रहा है।

उत्तर भारत में एक पश्चिमी विक्षोभ के  सक्रिय होने के बाद दिल्ली-एनसीआर के साथ उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के मौसम में बदलाव आएगा। हालांकि दिल्ली एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में गर्मी का कहर बना रहेगा।

पश्चिमी विक्षोभ के चलते शुक्रवार से लेकर रविवार तक बारिश होने का पूर्वानुमान हैं। इसका असर अगले कुछ दिनों तक रहेगा, जिससे अधिकतम तापमान 35 डिग्री तक आ सकता है। बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लोगों को लगातार लू के थपेड़ों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन गुरुवार को इससे थोड़ी राहत मिली है।

मां ने शर्मसार घटना को दिया अंजाम

अतुल त्यागी

हापुड़ में कलयुगी माँ ने माँ शब्द को शर्मशार करने वाली घटना को दिया अंजाम

हापुड़। जिले में बाल विवाह पर रोक नहीं लग पा रही है। शादी के सीजन में हर साल प्रशासन कुछ नाबालिगों का विवाह रुकवाती है पर अधिकतर परिजन अपनी नाबालिग बेटियों की शादी करा दे रहे हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में अशिक्षा की जड़ें इतनी गहरी है कि बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहा है। माता-पिता की अशिक्षा और परंपराओं के कारण कई नाबालिगों का विवाह करा दिया जाता है। बाल विवाह की रोकथाम के लिए कई संस्था और प्रशासन द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद हर साल बाल विवाह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत इस वर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ पुलिस व चाइल्ड लाइन संस्था ने मिलकर शादियां रुकवाई है। बाल विवाह पर जागरूकता लाने के प्रचार-प्रसार के दावों के बाद भी अंचल में इसे लेकर उतनी जागरूकता नहीं आई है। सूचना मिलने पर कुछ विवाह तो रुकवा लिए जाते हैं। पर कई बाल विवाह के बारे में सूचना नहीं मिल पाती।ऐसा ही मानवता को शर्मसार करने वाली घटना मोदीनगर रोड के जसरूपनगर कॉलोनी में घटी है।जहाँ पति ने अपनी पत्नी पर कुछ समय से मनमुटाव के चलते अपनी 14 वर्षीय नाबालिक लड़की को बेचने कर शादी करने का आरोप लगाया है।मेरी पत्नी ने मुझसे रांझीस को बरकरार रखने के लिए व मुझे सबक सिखाने के लिए खौफनाक कदम उठा लिया।पत्नी ने जसरूपनगर-गोयना के ग्राम प्रधान वीरपाल व अन्य कुछ लोगो के साथ मिलकर अपनी 14 वर्षीय नाबालिक लडक़ी के कुछ रकम के लिए बेचकर शादी करा दी है।साथ ही पति ने ग्राम प्रधान व अन्य कुछ अज्ञात लोगों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया है कि पत्नी को मुख्य रूप से इन्ही लोगों ने उत्साया है क्योंकि पहले भी हमारे आपसी विवाद का लाभ उठाते हुए और मेरी पत्नी के कहने पर अक्सर ग्राम प्रधान के माध्यम से मेरे घर पर पुलिस अति-जाती रहती थी।मुझे ग्रामीणों के अक्सर सामने बेज्जत किया जाता रहा है।मेरी पुत्री की बेचकर शादी कराने की जानकारी जैसे ही मुझे मालूम हुई तो मैंने ग्राम प्रधान से बात की जिसने मुझे शादी की बात की सही हामी भरते हुए कहा कि लड़की की शादी ग्राम हरसिंगपुर में हो गई है।अब इस मामले को ज्यादा तूल मत पकड़ा।तेरे पास वैसे भी पैसे नही है और भी कैसे करता तू शादी।पीड़ित पिता एक मजदूर व अनपढ़ किस्म का व्यक्ति है।जिसने समाजकल्याण को तीन दिन पहले शिकायत करदी लेकिन शिकायत पत्र में कुछ न कुछ त्रुटि व अधिकारी का अवकाश बताकर तला दिया है।पीड़ित पिता व बेटे ने हारकर-थककर मीडिया को अपनी समस्त जानकारी दी।पीड़ित पिता चन्द्रपाल सिंह गोयना गाँव का निवासी से है।

संक्रमण को मात देने में हुआ इजाफा

नोएडा में कोरोना वायरस के चार नए मामले

गौतम बुध नगर। नोएडा जिले में संक्रमितों से ज्यादा ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। रोजाना 3 से 5 मरीज कोरोना वायरस को मात देकर घर लौट रहे हैं। बुधवार को भी 9 मरीजों ने कोरोना वायरस को मात दी, जबकि चार वर्षीय बच्ची समेत चार लोग संक्रमित मिले। जिले में कुल संक्रमितों की संख्या 366 हो गई है, जबकि 253 पूरी तरह ठीक हो चुके। इसके अलावा पांच मरीजों की मौत भी हुई है। सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी के अनुसार बुधवार को चार नए कोरोना के मरीज मिले। इनमें 60 वर्षीय वृद्ध महिला, 35 वर्षीय युवक और चार वर्षीय बच्ची भी शामिल है। बताया गया कि तीनों सेक्टर-16ए स्थित एक निजी कंपनी के संपर्क में आकर बीमार पड़े हैं। 

 कोरोना काल से पहले सैनिटाइजर के बारे में एक प्रतिशत आबादी भी इस्तेमाल नहीं कर रही थी। यानि हाईप्रोफाइल सोसायटी में लेकिन कोरोना ने सैनिटाइजर हर व्यक्ति के उपयोग में ला दिया। दवा कारोबारियों की मानें तो जिले में करीब 30 करोड़ से अधिक के सैनिटाइजर बिक गए। वहीं, मास्क का 50 करोड़ से अधिक का जिले में कारोबार हुआ। कोरोना का संक्रमण ने चीन में दस्तक दी और इसके बाद दुनिया भर के अधिकांश देशों में फैला।

विधायक के गांव में तड़तडाई गोलियां

 शाहजहांपुर में फिर ताबड़ताेड़ फायरिंग से दहला विधायक का गांव

 

शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के जैतीपुर थाने का डभौरा गांव बुधवार की रात गाेलियों की तडतड़ाहट से गू्ंज उठा। जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। भाजपा विधायक वीर विक्रम सिंह के गांव में कुछ लोगों ने फायरिंग कर फिर से दहशत फैला दी है। दो दिन पहले भी गांव में फायरिंग कर विधायक के कार्यकर्ताओं से गाली गलौज की गई थी। 

जिसके बाद विधायक विक्रम सिंह सहित तिलहर विधायक रोशन लाल वर्मा व ददरौल विधायक मानवेंद्र सिंह के साथ अपर सचिव गृह व डीजीपी से मुलाकात कर कानून व्यवस्था को लेकर शिकायत भी की थी। इसके साथ ही मामले से एसपी और डीएम को भी अवगत कराया था। जिसके बाद मंगलवार को डीएम और एसपी जांच करने गांव भी पहुंचे थे मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस ने पहुंच कर अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है।

विस्फोट-धमाके से दहला यूपी, कई घायल

विस्फोट से दहला यूपी: इस जिले में हुआ धमाका, कई लोग बुरी तरह घायल

रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली में बड़ा विस्फोट हो गया है। ये धमाका रायबरेली में गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र के जुगराजपुर गांव में मेंथा की टंकी में हुआ है। विस्फोट से बाद से हड़कंप मच गया। गांव में हुई घटना में 5 लोग बुरी तरह इसका शिकार हो गए हैं, जिन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये घटना तब हुई जब मेंथा की पेराई करते समय पाइप जाम होने से अचानक मेंथा की टंकी फट गई।

एक झटके में उजड़ गई जिंदगियां

धमाके के साथ अचानक फटी टंकी

मेंथा की पेराई करते समय हुए इस हादसे से टंकी के पास मौजूद 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।स्थानीय लोगों ने इनको जल्दी-जल्दी में पास के स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र ले गए, जहां डॉक्टरों में हालात गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया है।

रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाना क्षेत्र के जुगराजपुर निवासी पप्पू तड़के सुबह मेंथा की पेराई कर रहे थे। उसी समय टंकी की पाइप जाम हो गई। तभी एयर न निकलने से धमाके के साथ अचानक टंकी फट गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि धमाका इतना तेज था कि आसपास मौजूद लोग भी इससे बुरी तरह झुलस गए।

बता दें कि सभी घायलों को पास के स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने हालात गंभीर देखते हुए सभी को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।मिली जानकारी के अनुसार, जिला अस्पताल में सभी को भर्ती कर दिया गया है और इलाज किया जा रहा है। हालांकि सभी की हालात गंभीर बनी हुई है। सभी घायलों का जिला अस्पताल के बर्न वार्ड में इलाज किया जा रहा है।

ट्रेनों में श्रमिक मौत के मुंह में समाए

 

श्रमिक ट्रेनों में भी मौत के मुंह में समा रहे मजदूर, एक ही दिन में तीन ट्रेनों में 6 की मौत

 

बलिया/कानपुर/वाराणसी। श्रमिक ट्रेनों से यात्रा कर रहे छह यात्री बलिया, कानपुर और वाराणसी में मृत पाए गए। बलिया में मडगाव से प्रवासियों को लेकर दरभंगा (बिहार) जा रही श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन में तबीयत बिगड़ने से एक यात्री की बुधवार को मौत हो गई। अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव के अनुसार मडगाव से प्रवासियों को लेकर दरभंगा (बिहार) जा रही श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन मंगलवार देर शाम बलिया पहुँची। इस ट्रेन से बीमार नेपाल के जनकपुर के थाना दुभी के रहने वाले शोभरन कुमार (28)की रेलवे के डॉक्टर ने जांच की। उसकी हालत नाजुक होने पर उसक जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां बुधवार को उसकी मौत हो गई।

इसके पूर्व, सूरत हाजीपुर श्रमिक स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन में मंगलवार शाम एक यात्री मृत मिला था। मृतक के पास से मिले परिचय पत्र के जरिये उसकी पहचान बिहार में सारण निवासी भूषण सिंह (58) के रूप में हुई है।पुलिस ने दोनों शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस बीच कानपुर में झांसी-गोरखपुर श्रमिक ट्रेन में दो प्रवासी यात्री मृत पाये गये। कानपुर सेंट्रल रेलवे पुलिस के थानाधिकारी राम मनोहर राय ने बताया कि मरने वालो में से एक की पहचान राम अवध चौहान (45) के रूप में हुई है जबकि दूसरे की पहचान अभी तक नही हो पायी है।चौहान आजमगढ. के रहने वाले थे उन्होंने बताया कि दोनो के शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिये गये है तथा कोरोना संक्रमण की जांच के लिये नमूने ले लिये गये है ।

वाराणसी प्राप्त खबर के अनुसार श्रमिक ट्रेन में दो यात्री वाराणसी रेलवे स्टेशन पर मृत पाये गये। उत्तर पूर्वी रेलवे के प्रवक्ता अशोक कुमार ने बताया कि ट्रेन वाराणसी के महुवाडीह स्टेशन पर मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनल से चलकर सुबह आठ बज कर 21 मिनट पर पहुंची। रेलवे पुलिस को इस ट्रेन में दो यात्री मृत मिलें . इनमें से एक की पहचान जौनपुर के दशरथ प्रजापति (30) तथा दूसरे की पहचान आजमगढ। के राम रतन (63) के तौर पर हुई . दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके रिश्तेदारों को सौप दिया गया है।

केंद्र पर मजदूरों की अनदेखी का आरोप

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार पर प्रवासियों की दुर्दशा की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वह देश के प्रत्येक जरूरतमंद परिवार को अगले छह महीने तक 7 हजार 500 रुपये प्रदान करे।


सोनिया गांधी ने गरीब, प्रवासी, छोटे व्यापारियों व मध्य वर्ग की आवाज को केंद्र तक पहुंचाने के कांग्रेस के अभियान ‘आवाज उठाओ’ के तहत कहा, “पिछले दो महीने से पूरा देश कोरोना महामारी की चुनौती और लॉकडाउन के चलते रोजी-रोटी के गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है।”


उन्होंने कहा, “देश की आजादी के बाद पहली बार दर्द का वो मंजर सबने देखा, जिसमें लाखों मजदूर नंगे पांव, भूखे-प्यासे, बगैर दवाई और साधन के सैकड़ों-हजारों किलोमीटर पैदल चल कर घर वापस जाने को मजबूर हो गए। उनके दर्द को देश में हर किसी ने सुना, पर शायद सरकार ने नहीं।”


उन्होंने कहा कि करोड़ों नौकरियां चली गईं, कई कारखाने बंद हो गए, किसानों को फसल बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन सरकार इसका आकलन नहीं कर पाई।


रायबरेली से लोकसभा सांसद कांग्रेस नेता ने कहा, “पहले दिन से ही, मेरे सभी कांग्रेस के साथियों, अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और समाज के अग्रणी हर व्यक्ति ने बार-बार सरकार को यह कहा कि ये वक्त आगे बढ़ कर घाव पर मरहम लगाने का है। लेकिन न जाने क्यों केंद्र सरकार यह बात समझने और लोगों की मदद करने को तैयार नहीं है।”


सोनिया गांधी ने कहा, “इसलिए, कांग्रेस ने लोगों की आवाज उठाने का फैसला लिया है। हम केंद्र सरकार से फिर आग्रह करते हैं कि वह खजाने का ताला खोले और जरूरतमंदों को राहत दे।” उन्होंने कहा, “हर परिवार को छह महीने के लिए 7,500 रुपये प्रतिमाह सीधे कैश भुगतान करें और उसमें से 10 हजार रुपए फौरन उनके बैंक अकाउंट में दें।”


उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि मजदूरों को सुरक्षित और मुफ्त यात्रा के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाने का इंतजाम करने के साथ ही उनके रोजगार का भी इंतजाम किया जाए। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करें जिससें लोगों को गांव में ही रोजगार मिल सके। छोटे और लघु उद्योगों को लोन देने की बजाय आर्थिक मदद दीजिए, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो।”


सोनिया गांधी ने कहा कि आज इसी कड़ी में सोशल मीडिया के माध्यम से देशभर से कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता, पदाधिकारी एक बार फिर सरकार के सामने यह मांगें दोहरा रहे हैं। उन्होंने जनता से भी अपील कर कहा कि वे सभी इस मुहिम में जुड़ें और लोगों से जुड़ी परेशानियों को उजागर करने का कार्य करें।


सावरकर को पीएम की श्रद्धांजलि अर्पित

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्वतंत्रता सेनानी और हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर को उनकी 137वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “साहसी वीर सावरकर की जयंती पर मैं उन्हें नमन करता हूं। हम उन्हें उनकी बहादुरी, कई अन्य लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित करने और सामाजिक सुधार पर जोर देने के लिए याद करते हैं।”


मोदी ने सावरकर का जिक्र करते हुए अपने राष्ट्रीय रेडियो संबोधन ‘मन की बात’ के पिछले एपिसोड में से एक वीडियो क्लिप को भी अटैच किया, जिसमें उनके संघर्ष और भारत की आजादी की लड़ाई में योगदान को दशार्या गया था।
28 मई, 1883 को एक मराठी ब्राह्मण परिवार में जन्मे सावरकर हिंदू राष्ट्र और अखंड भारत के अपने नजरिए के लिए जाने जाते हैं।


भारत छोड़ो आंदोलन और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान सावरकर हिंदू महासभा के अध्यक्ष थे। राजनेता और लेखक, सावरकर का नाम भारत छोड़ो आंदोलन का खुलकर विरोध करने के कारण उनके निधन के पांच दशक बाद भी विवाद खड़ा करता है।


उन्हें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सेलुलर जेल में सजा काटने के लिए भी जाना जाता है।


कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना सत्तारूढ़ भाजपा ने तक की थी जब पिछले साल उन्होंने अपने एक संबोधन में कहा था, “मैं माफी नहीं मांगूंगा क्योंकि मेरा नाम राहुल गांधी है और राहुल सावरकर नहीं है।”


सड़क हादसे में 4 लोगों की गंभीर हालत

देहरादून। पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी के साथ ही सड़कों पर पाला पड़ रहा है। जो पहले भी कई हादसों का कारण रहा है । वहीं ताज़ा मामला विकासनगर क्षेत्र का सामने आया है जहाँ पर साहिया क्वानू मोटर मार्ग से सहिया की ओर एक यूटिलिटी वाहन आ रहा था। जिसमें करीब 6 लोग सवार बताए जा रहे है। मार्ग में पाले होने की वजह से वाहन रपट कर बीच रोड पर ही पलट गया। हादसे में चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को स्थानीय लोगों द्वारा निजी वाहनों से सीएचसी साहिया लाया गया। जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद चारों घायलों को हायर सेंटर रेफर कर दिया।

विकासनगर क्षेत्र में साहिया-क्वानू मोटर मार्ग पर पंजी टीलानी के पास एक यूटिलिटी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बताया जा रहा है कि हादसे के वक्त वाहन में छह लोग सवार थे। जिसमें से चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को सीएचसी साहिया में भर्ती करवाया गया है जहां हालत गंभीर होने पर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।

आतंकी हमले की साजिश, किया नाकाम

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने गुरुवार को पुलवामा जैसे आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया। यहां के राजपुरा रोड पर शादीपुरा के पास एक सफेद रंग की सेंट्रो कार मिली, जिसमें 20 किलो आईईडी (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बरामद किया। कार के अंदर ड्रम में एक्सप्लोसिव रखा था। कार का पता चलने के बाद सुरक्षा बलों ने आसपास का इलाका खाली करा लिया। इसके बाद बम डिस्पोजल स्क्वाड ने कार को उड़ा दिया। पुलवामा पुलिस के बाद सीआरपीएफ और आर्मी ने भी इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया।


सूत्रों ने बताया कि पुलवामा पुलिस को बुधवार देर रात जानकारी मिली थी कि कुछ आतंकवादी एक विस्फोटक से लदी कार से जा रहे हैं। इसके जरिए कुछ लोकेशन पर धमाके किए जा सकते हैं। सुरक्षाबलों ने फौरन कार्रवाई कर सभी रूट्स को सील कर दिया। इसी दौरान एक संदिग्ध कार नजर आई। रोकने पर कुछ राउंड की फायरिंग हुई। इसके बाद ड्राइवर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया। सुरक्षाबलों ने वाहन को कब्जे में ले लिया। बताया जा रहा है कि इस कार को हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी चला रहा था।


सुरक्षाबलों ने कार के पास जाकर देखा तो पिछली सीट पर विस्फोटक से भरे नीले रंग के ड्रम रखे थे। सुरक्षाबलों ने रात भर कार की निगरानी की। इसके बाद आसपास के घरों को खाली करा दिया गया। बाद में वाहन को धमाका कर उड़ा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले थे। कार पर स्कूटर की नंबर प्लेट लगी थी, जिसका रजिस्ट्रेशन कठुआ जिले का मिला है।


मजदूरों की अनदेखी, जवाब की जरूरत

नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र और राज्य सरकारों पर प्रवासी मजदूरों को अनदेखा करने का आरोप लगाते हुए गुरुवार को कहा कि इस संबंध में अदालतों का जवाब तलब करना संतोष देता है।


मायावती ने ट्वीट में कहा कि मीडिया ने प्रवासी मजदूरों के दुख दर्द को जिस तरह से दिखाया है, केंद्र और राज्य सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। यह संतोष की बात है कि अदालतें इस संबंध में जवाब तलब कर रही हैं। बसपा नेता ने कहा, ” जिस प्रकार से लाॅकडाउन से पीड़ित और घर वापसी को लेकर मजबूर प्रवासी श्रमिकों की बदहाली तथा रास्ते में उनकी मौत आदि के कड़वे सच मीडिया के माध्यम से देश-दुनिया के सामने हैं, वह पुनःस्थापित करते हैं कि केन्द्र और राज्य सरकारों को इनकी बिल्कुल भी चिन्ता नहीं है, यह अति-दुःखद है.”


मायावती ने कहा कि देश में लाॅकडाउन के आज 65वें दिन यह थोड़ी राहत की खबर है कि माननीय न्यायालयों ने कोरोना वायरस की जाँच और इलाज में सरकारी अस्पतालों की बदहाली, निजी अस्पतालों की उपेक्षा तथा प्रवासी मजदूरों की बढ़ती दुर्दशा और मौतों के सम्बंध में केन्द्र एवं राज्य सरकारों से सवाल-जवाब शुरू कर दिया है।” इससे पहले उन्होंने कहा कि केन्द्र और महाराष्ट्र सरकार के बीच विवाद के कारण लाखों प्रवासी श्रमिक बहुत बुरी तरह से पिस रहे हैं जो अति-दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण हैं।


उत्तराखंड में चार नए संक्रमित मिलें

कोरोना अपडेट-उत्तराखण्ड में 4 नए केस, आंकड़ा हुआ 483
देहरादून। प्रदेश में कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को देहरादून में चार और लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। जिसके बाद प्रदेश में मरीजों की संख्या 483 हो चुकी है।
गुरूवार को निरंजनपुर मंडी के तीन और आढ़ती की कोरोना रिपोर्ट पाजीटिव आई है। इनकी निजी लैब में जांच कराई गई थी। वहीं, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में भर्ती रूद्रप्रयाग निवासी युवक की भी रिपोर्ट पाजीटिव आई है। इन्हें मिलाकर संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढ़कर 483 पहुंच गई है। इनमें से 81 मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। 395 मरीज अभी भर्ती हैं। तीन मरीज राज्य से बाहर जा चुके हैं, जबकि कोरोना संक्रमित चार मरीजों की मौत भी हो चुकी है। बीते रोज टिहरी जनपद में कोरोना के सर्वाधिक 22 नए मामले सामने आए थे। इनमें एक दिल्ली व अन्य लोग महाराष्ट्र से 19 मई को लौटे हैं। पौड़ी में भी 13 लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इनमें एक व्यक्ति नोएडा से और 12 महाराष्ट्र से वापस लौटे हुए हैं। ऊधमसिंहनगर में 20 मई को महाराष्ट्र से लौटे सात और पॉजिटिव मरीज मिले थे। देहरादून जनपद में भी दो और पॉजिटिव केस आएं।


'बॉन्ड योजना' को वापस लेने का फैसला

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (करयोग्य) बॉन्ड योजना को बैंकिंग कारोबार समाप्त होने के समय से वापस लेने का फैसला किया है। सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुए किया है। इस कारण अब निवेशकों को बड़ा झटका लगा है क्योंकि खुदरा निवेशकों के बीच ये बॉन्ड काफी पसंद किया जाता है। सरकार के इन बॉन्ड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉन्ड अथवा भारत सरकार के बॉन्ड (Taxable Savings Bonds) के नाम से जाना जाता है। इन बॉन्ड में निवेश करने वाले अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ साथ नियमित आय को ध्यान में रखते हुए निवेश करते हैं। हालांकि प्रवासी भारतीय इन बॉन्ड में निवेश के पात्र नहीं हैं। रिजर्व बैंक की बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि भारत सरकार एतत् द्वारा यह अधिसूचित करती है कि 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉन्ड, 2018… बृहस्पतिवार, 28 मई 2020 को बैंकिंग कार्यसमय समाप्त होने के समय से निवेश के लिये उपलब्ध नहीं होंगे। रिजर्व बैंक ने भी इस संबंध में अधिसूचना जारी करते हुए 7.75 प्रतिशत बचत वाले करयोग्य बॉन्ड 2018 को अभिदान पाने के लिए बंद कर दिया। इन बॉन्ड में मिलने वाले ब्याज पर कर देय होता है। इन बॉन्ड में 100 रुपए के अंकित मूल्य पर निवेश होता है और न्यूनतम निवेश सीमा एक हजार रुपए है। योजना के मुताबिक ये बॉन्ड सात साल की अवधि के होते हैं। बहरहाल, ऐसे समय जब कर्ज पर ब्याज दरों में लगातार कटौती की जा रही है। रिजर्व बैंक ने हाल ही में अल्पावधि बयाज दर रेपो में कटौती करते हुए इसे 4 प्रतिशत की एतिहासिक निचले स्तर पर ला दिया है। इसे देखते हुए 7.75 प्रतिशत की ब्याज दर वाले इन बॉंड पर लागत ऊंची बैठ सकती है।


मजबूत सरकार है कोई चिंता नहीं



मुम्बई/महाराष्ट्र। कोरोना के संक्रमण काल में महाराष्ट्र सकरार के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। राष्ट्रपति शासन की आशंकाओं के बीच महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ खेमा अपनी सरकार बचाने को लेकर आपसी जद्दोजहद में जुटा है। शासक दल जहाँ सरकार बचाने को लेकर खींचतान में जुआ है तो दूसरी ओर बीजेपी की तरफ से राष्ट्रपति शासन लागू करने की अपील की जा रही है।
महाराष्ट्र सरकार पर संकट के अटकलोंं के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले हैं। राजनीतिक गलियारों में मातोश्री में हुए इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि शरद पवार मातोश्री तब भी नहीं गए थे, जब महाराष्ट्र मेें महाविकास अघाड़ी सरकार बनने वाली थी।  पिछले छह महीनों में जब से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बनी है, तब से शरद पवार और उद्धव ठाकरे की मुलाकात या तो किसी पाँंच सितारा होटल या वर्षा बंगले, सहयाद्री गेस्ट हाउस, शिवाजी पार्क स्थित पूर्व मेयर बंगले में ही हुई। खास मौकों पर तो खुद सीएम उद्धव ठाकरे शरद पवार के घर गए, लेकिन शरद पवार हमेशा से मातोश्री जाने से बचते रहे हैं।
ऐसे में अचानक मातोश्री में हुई बैठक के बारे में काफी कुछ अंदाजा लगाया जा रहा है। राजनीतिक इस बैठक ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। महाराष्ट्र की राजनीति पर करीब से नजर रखने वालों का मानना है कि, यह बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। उनका कहना है कि हो सकता है सरकार पर कुछ संकट के बादल मंडरा रहे हों, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि ये मुलाकात राज्य में कोरोना की गंभीर स्थिति को लेकर हुई है। अब देखना होगा कि मातोश्री में दोनों नेताओं के बीच हुए इस बैठक का परिणाम क्या होता है?
गौरतलब हो कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सूबे के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी से भी शिष्टाचार मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। इसी कारण से शरद पवार राज्यपाल से मिले हैं।
सरकार मजबूत है - संजय राउत
सीएम उद्धव और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बीच मातोश्री में हुई मुलाकात के बारे में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने बताया कि, शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच कल मुलाकात हुई है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार पर किसी भी तरह का कोई संकट नहीं है। अपने ट्वीट में संजय राउत ने लिखा कि, शरद पवार और उद्धव ठाकरे ने कल शाम मातोश्री में मुलाकात की, दोनों नेताओं ने करीब डेढ़ घंटे तक एक दूसरे से बातचीत की। इसी के साथ संजय राउत ने व्यंग्य कसते हुए लिखा कि, अगर कोई महाराष्ट्र सरकार की स्थिरता को लेकर झूठी खबरें फैला रहा है, तो इसे लोगों का पेट का दर्द माना जाना चाहिए। सरकार मजबूत है, कोई चिंता नहीं।



 








Quick Reply

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया

कप्तान तेंदुलकर ने सोलर प्लांट का शुभारंभ किया पंकज कपूर  रुद्रपुर। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और भारत रत्न से सम्मानित सचिन तेंदुलक...