गुरुवार, 14 मई 2020

14 को चांद-मंगल ग्रह नजदीक दिखेंगे

नई दिल्ली। पिछले कुछ वक्त से आसामन बेहद साफ है और रात के समय तो झिलमिल सितारों का नजारा ही अद्भुत होता है। दरअसल, पिछले कुछ वक्त से लॉकडाउन के कारण देशभर में वायु प्रदूषण के स्तर में भारी कमी देखने को मिली है। ऐसे में बड़े शहरों का आसमान भी इन दिनों साफ हो गया है। ऐसे में आसमान में चांद के साथ दिखने वाले अलग-अलग ग्रह आजकल लोग आसानी से देख पा रहे हैं और इसके लिए उन्हें किसी चश्मे या दूसरी चीज की जरूरत नहीं है। 
लोग बिना किसी बाइनोकुलर या टेलीस्कोप के आसानी से आसमान में साफ-साफ इन ग्रहों को देख सकते हैं. इसके लिए केवल आपको बिना बादल वाला आसमान और थोड़ा सा धैर्य रखने की जरूरत है और बस आप अंतरिक्ष में होने वाले इन ईवेंट्स को आसानी से देख सकते हैं।


12 मई की सुबह आसमान में चांद के साथ ब्रहस्पति ग्रह नजर आया था और अब जगह बदल जाने के बाद 14 मई को आसमान में चांद के साथ मंगल ग्रह नजर आएगा. 14 मई को आसमान में चांद और मंगल ग्रह काफी नजदीर दिखाई देंगे। हालांकि, अंतरिक्ष में वह असल में एक दूसरे के इतने नजदीक नहीं होंगे।


चांद और मंगल ग्रह को आप 14 मई को सुबह सूरज निकलने से पहले आसमान में आसानी से देख सकते हैं।आपको ग्रह को देखने के लिए दक्षिण-पूर्व की ओर देखना होगा. यदि आप उस दिशा का पता नहीं लगा पाते हैं तो आप अपने डिवाइस पर कम्पास ऐप की मदद ले सकते हैं।
अर्थस्काय.कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन दिनों मंगल ग्रह काफी ब्राइट नजर आ रहा है। सूरज को छोड़ कर मंगल ग्रह अंतरिक्ष में रात के वक्त नजर आने वाली चीजों में 8वां सबसे चमकीला ऑब्‍जेक्‍ट है, लेकिन मंगल ब्राइटेनस के मामले में ब्रहस्पति ग्रह जैसा नहीं है। दरअसल, ब्रहस्पति चौथा सबसे बड़ा ऑब्‍जेक्‍ट है और यह मंगल के मुकाबले 12 गुना ज्यादा चमकदार है।


गूगल ने पराग्वे का राष्ट्रीय दिवस मनाया

न्यूयॉर्क। डूडल पराग्वे के राष्ट्रीय दिवस को मनाता है, जिसे स्थानीय रूप से दियारा डे इंडिपेंडेंस नैशनल के नाम से जाना जाता है। 1811 में इस दिन, भूमि-बंद देश का नाम “द हार्ट ऑफ साउथ अमेरिका” घोषित किया गया था।


पराग्वे की बहुसंख्यक जातीय आबादी, गुआरानी वंश और यूरोपीय, ज्यादातर स्पेनिश, मूल लोगों का एक संयोजन है। संस्कृतियों का यह संलयन पारंपरिक रूप से स्पैनिर्ड्स द्वारा पराग्वे के लिए शुरू की गई पारंपरिक कढ़ाई फीता में परिलक्षित होता है, जिसे aranandutí (“मकड़ी के जाले” के रूप में जाना जाता है), और पैराग्वेयिन राजवंश के भाषा विज्ञान के बीच, जिनमें से कई लोग गुआरानी और स्पेनिश दोनों बोलते हैं।


राष्ट्रीय अवकाश और इसकी समृद्ध संस्कृति के सम्मान में, पूरे देश में पराग तिरंगा झंडा ऊंचा उठता है। डूडल कलाकृति में दर्शाया गया, पराग्वे का झंडा दुनिया के कुछ राष्ट्रीय झंडों में से एक है, जिसके दोनों ओर अलग-अलग प्रतीक चिन्ह हैं।


डिस्टेंसिंग का उल्लंघन, शौचालय की सफाई

जकार्ता। लॉकडाउन में नरमी के बाद देश अपने नागरिकों को सोशल डिस्‍टेंसिंग बनाए रखने को सख्‍ती से नियम लागू कर रहे है। ऐसे में इंडोनेशिया में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन करने वालों को शौचालय साफ करने की सजा देने की घोषणा की गई है। एक विदेशी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावित देशों में सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं और इन्‍हें पूरा करने के लिए सख्‍ती से कहा गया है।
इस सजा का मकसद कोरोना के प्रसार को रोकना है।


ज्यादातर देशों में नागरिक सामाजिक दूरी के आदेशों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और लगातार सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का उल्‍लंघन कर रहे हैं. ऐसे में इंडोनेशिया के अधिकारियों ने इसका उल्लंघन करने वालों के लिए दंड की घोषणा की है. 'एआरवाई न्‍यूज' के मुताबिक इंडोनेशियाई अधिकारियों का कहना है कि सामाजिक दूरी के आदेशों का उल्लंघन करने वाले को सजा के तौर पर अपने शौचालयों की सफाई करनी होगी। विदेशी समाचार एजेंसी के अनुसार यह सुधार और सुधार के उद्देश्य से दी गई सजाओं में से एक है और इसका उद्देश्य कोरोना के प्रसार को रोकना है। इसी तरह इंडोनेशिया मास्‍क न लगाने वालों को ढाई हजार इंडोनेशियन रुपया यानी 17 डॉलर जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
गौरतलब है कि इंडोनेशिया में अब तक 1028 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं 15,438 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। ऐसे में देश में वायरस का खतरा और न फैले इसके लिए नागरिकों को सोशल डिस्‍टेंसिंग बनाए रखने को कहा गया है। हालां‍कि इस महामारी के बावजूद कई लोग ऐसे भी हैं, जो इन नियमों का लगातार उल्‍लंघन कर रहे हैं। इसके लिए देश में कई तरह की सजा देने की बात की जा रही है।टॉयलेट साफ करने की सजा देना भी इन्‍हीं में से एक है।


53 किलो से अधिक चरस बरामद की

राणा ओबराय


हरियाणा पुलिस को तस्करों के खिलाफ फिर मिली बडी सफलता, 53 किलो से अधिक की चरस बरामद

चंडीगढ़। हरियाणा पुलिस द्वारा लाकॅडाउन में भी मादक पदार्थ तस्करों पर ताबडतोड़ कार्रवाई लगातार जारी है। पुलिस ने नशा सौदागरों पर एक ओर प्रहार करते हुए जिला भिवानी ने 53 किलो 600 ग्राम चरस बरामद कर इस सिलसिले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है।हरियाणा पुलिस के प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान जयपाल के रूप में हुई है, जो कि गांव मिताथल का निवासी है।आरोपी मोटरसाइकिल पर मादक पदार्थ को ले जा रहा था। पुलिस की क्राइम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने महम रोड, भिवानी के पास यह कार्रवाई कर आरोपी को काबू किया। गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक नाके पर प्लास्टिक की थैलियों को ले जा रहे एक मोटरसाइकिल चालक को रोककर नियम अनुसार तैलाषी ली तो उसके कब्जे से 53 किलोग्राम 600 ग्राम ’चरस’ बरामद हुई।


विवादः किशोरी को पीटकर किया घायल

पुराने विवाद के चलते किशोरी को पीटकर किया घायल


सीएचसी में कराया गया भर्ती


फतेहपुर। घरेलू कलह के चलते किशोरी को पड़ोसी महिलाओं और उनके परिवार के पुरुष सदस्यों ने पीटकर घायल कर दिया घायल किशोरी को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य में भर्ती कराया गया सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।


जानकारी के अनुसार जाफर गंज थाना क्षेत्र के धीर का पुरवा गांव में पुरानी रंजिश के चलते देवी चरण की 17 वर्षीय पुत्री शबनम को पड़ोसी महिलाओं तथा उनके परिवार के पुरुष सदस्यों ने पीटकर घायल कर दिया घायल किशोरी को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया उधर सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है इस मामले में किशोरी के पिता देवीचरण ने बताया कि पुराने विवाद के चलते संगीता देवी पत्नी श्यामलाल सुशील कुमार पत्नी सुधा देवी आदि ने उनकी पुत्री को पीट कर घायल कर दिया है जिसके बाद से काफी देर से उनकी पुत्री भी हो रही मामले की सूचना पुलिस को दे दी गई है।


लॉम्बार्ड के बच्चों को शरीर पर जलन

रोम। इटली के लॉम्बार्डी में बच्चों को शरीर पर जलन महसूस हो रही है। अकेले बरगामो शहर में 10 ऐसे मामले सामने आए हैं और अब एक अध्ययन में दावा किया जा रहा है कि ये कोरोना वायरस से जुड़े हुए हैं। डॉक्टरों के पास ऐसे बच्चे आए हैं जिनके पूरे शरीर पर लाल चकते बन गए हैं और हाथ-पांव में सूजन नजर आ रहा है।
अस्पताल में भर्ती हुए 80 फीसदी बच्चों में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए थे जबकि 60 प्रतिशत गंभीर रोगों जैसे कि हार्ट डिजिज से पीड़ित थे। शरीर पर जलन महसूस करने वाले लक्षण सबसे पहले ब्रिटेन, इटली और फिर स्पेन के बच्चों में दिखाई दिए हैं। यह कावासाकी बीमारी से मिलता-जुलता है।


कावासाकी बीमारी अधिकांश पांच साल से कम उम्र के बच्चों में पाई जाती है। पिछले 5 सालों में 19 बच्चों में कावासाकी केे लक्षण दिखे हैं। यह पता नहीं चल पाया है कि यह स्थिति कैसे पैदा होती है, लेकिन वैज्ञानिक मानते हैं कि संक्रमण के कारण इम्युन सिस्टम पर इसका असर पड़ता है।


बिजली बिल, जनता पर अतिरिक्त भार

प्रयागराज। जनहित संघर्ष समिति के प्रमिल केसरवानी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण के कारण पूरे देश की अर्थव्यवस्था खराब हो रही है। वहीं दूसरी ओर प्रयागराज के लोगो का धंधा ना होने के कारण आर्थिक तंगी का सामना करने को मजबूर हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर घरेलू बिजली के बिल, कमर्शियल बिजली के बिल विभाग द्वारा भेजे जा रहे हैं। साथ ही प्राइवेट विद्यालय भी अपनी स्कूलों की फीस का मैसेज भी लोगों के मोबाइलों पर भेजने का काम कर रहे हैं। इन सभी के भुगतान को लेकर प्रयागराज की आम जनता काफी हैरान और परेशान हैं 3 महीने का बिजली का बिल बच्चों के स्कूल की शुल्क का बोझ जनता के ऊपर बढ़ता जा रहा है और जनता के ऊपर कर्ज़ का बोझ  धीरे-धीरे बढ़ता जा  रहा है।


इन सभी जन समस्याओं को देखते हुए जनहित संघर्ष समिति ने भारत सरकार से आवाहन किया है कि लाख डाउन के इस विपरीत परिस्थिति में घरेलू कमर्शियल बिजली का बिल के साथ प्राइवेट स्कूलों मै पढ़ने वाले बच्चों के स्कूलों की फीस को माफ कराया जाए।


बृजेश केशरवानी


लॉकडाउन का उल्लंघन करते दिखें 'लोग'

नगर में लॉक डाउन का उल्लंघन करते दिखे लोग


सैकड़ों लोग बिना मास्क और बिना सामाजिक दूरी के दिखे


क्षेत्र में एक कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी लोग नहीं ले रहे सबक


सुनील पुरी


बिंदकी। क्षेत्र में एक को रोना पॉजिटिव केस मिलने के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। लॉक डाउन का उल्लंघन करते नजर आते हैं। कोरोनावायरस से बचाव के लिए मांस नहीं लगाते और ना ही सामाजिक दूरी का पालन करते हैं। ऐसी स्थिति में यही लगता है कि लोग खुद को धोखा दे रहे हैं या पुलिस प्रशासन को और जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।


मालूम हो कि तहसील क्षेत्र के नया पुरवा गांव में 5 दिन पहले एक को रोना पॉजीटिव केस मिला था जिसके बाद से उस गांव में को हॉटस्पॉट घोषित कर दिया गया था लगातार स्वास्थ्य विभाग पहुंचकर गांव के लोगों का परीक्षण कर रही है वहीं दूसरी ओर कोरोनावायरस का एक केस मिलने के बाद भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं लॉक डाउन का पालन नहीं करते घरों से बेवजह निकले दिखाई देते हैं इतना ही नहीं सक्रल ओ मांस नहीं लगाते और ना ही सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते नजर आते हैं नगर के मोहल्ला मेन बाजार फाटक बाजार किराना गली नेहरू इंटर कॉलेज रोड आदमी लोगों की भारी भीड़ देखी गई खरीदारी करते वक्त लोग मास्क नहीं लगाए हुए थे कई दुकानदार भी मास्क का प्रयोग नहीं करते दिखाई दिए दुकानों के सामने सामाजिक दूरी का पालन नजर नहीं आया भारी भीड़ देखी गई लोग बैरिकेडिंग के ऊपर से साइकिल निकालते भी देखे गए यही लगता है कि लोग कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर बेफिक्र नजर आते हैं या फिर अपने को धोखा देते हैं या पुलिस प्रशासन को देखा दे रहे बदल लोग कोरोनावायरस संक्रमण को लेकर सतर्क नहीं रहे तो परेशानी खड़ी हो सकती है।


इंग्लैंड में नई एंटीबॉडी जांच की मंजूरी

लंदन। इंग्लैंड में स्वास्थ्य अधिकारियों ने एक ऐसी नई एंटीबॉडी जांच को मंजूरी दी है जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि कोई व्यक्ति पूर्व में कोरोना वायरस से संक्रमित रहा है या नहीं। पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) ने बताया कि स्विट्जरलैंड की दवा कंपनी रोशे द्वारा विकसित यह जांच बहुत ही सकारात्मक उपलब्धि है।


इसमें रक्त की जांच कर एंटीबॉडीज के जरिए यह देखा जाता है कि क्या व्यक्ति पहले कभी वायरस से संक्रमित था और अब उसमें इससे लड़ने की कुछ क्षमता हो सकती है। ब्रिटेन कोरोना वायरस जांच कार्यक्रम के राष्ट्रीय संयोजक प्रोफेसर जॉन न्यूटन ने कहा, यह बहुत ही सकारात्मक उपलब्धि है क्योंकि ऐसी सटीक एंटीबॉडी जांच पूर्व के संक्रमण का पता लगाने के लिए काफी विश्वसनीय है।


द गार्जियन की खबर के अनुसार 40,000 से अधिक लोग कोरोना वायरस के कारण जान गंवा चुके हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी इस जानलेवा विषाणु के खिलाफ लड़ाई में ऐसी एंटीबॉडी जांच को मील का पत्थर करार दिया था। स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग के प्रवक्ता ने कहा, एंटीबॉडी जांच कोरोना वायरस को फैलने से रोकने और यह समझने में मदद करने की हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है कि किसे यह बीमारी रही है।


ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैंकॉक ने गत सप्ताह कहा था कि उनका देश कोरोना वायरस एंटीबॉडी जांच व्यापक पैमाने पर कराने के लिए दवा कंपनी रोशे के साथ बातचीत कर रहा है।


कोरोना संग ही रहना होगाः डब्ल्यूएचओ

राणा ओबराय

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा, अब शायद कोरोना संग रहना ही होगा!।कोरोना कभी नही हो सकता ख़त्म?

जिनेवा/ नई दिल्ली। जैसा कि आप सब जानते हैं कि उस समय कोरोना वायरस से पूरी दुनिया त्रस्त है। हर देश की सरकार ने इसे फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन किया हुआ है। वैज्ञानिक इसका इलाज ढूंढने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन के कार्यकारी निदेशक ने संभावना के साथ-साथ चेतावनी दी है कि कोरोना वायरस शायद कभी खत्म न हो, जैसे एचआईवी खत्म नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आपात परिस्थिति संबंधी प्रमुख ने कहा है कि यह अनुमान लगाना असंभव है कि वैश्विक महामारी पर कब तक नियंत्रण पाया जा सकेगा। डॉ. माइकल रयान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संभवत: यह वायरस कभी न जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से संक्रमित लोगों की संख्या अभी तक कम है। उन्होंने कहा कि टीके के अभाव में लोगों के भीतर इस विषाणु के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होने में वर्षों लग सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे समुदायों में एक अन्य महामारी विषाणु बन सकता है।उन्होंने कहा कि पहले आई अन्य बीमारियां जैसे कि एचआईवी कभी खत्म नहीं हुई बल्कि उनका इलाज खोजा गया ताकि लोग इस बीमारी के साथ जी सकें। रयान ने बताया कि ऐसी उम्मीद है कि इसका एक प्रभावी टीका आएगा लेकिन तब भी इसे बड़ी मात्रा में बनाने और दुनियाभर के लोगों तक मुहैया कराने के लिए बहुत काम करने की आवश्यकता होगी।Coronavirus: कोरोना वायरस पर WHO ने जारी की चेतावनी, कहा- शायद कभी खत्म न हो वायरसबता दें कि अब तक पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के कारण पौन 3 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं इससे 42 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। अकेले अमेरिका में मरने वालों की संख्या 80 के लगभग है वहीं यहां संक्रमितों की संख्या 11 लाख को पार कर चुकी है। हालांकि भारत में अब भी हालात काबू में हैं। भारत में अबतक कुल 75 से अधिक मामले कोरोना संक्रमण के सामने आए हैं। वहीं इससे 2415 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।


स्पेन में मृतकों की संख्या-27321 हुई

मैड्रिड। स्पेन में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण 217 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 27321 हो गयी है।


स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इससे पहले गत 10 मई को सबसे कम 143 मौतें दर्ज की गयी थीं। कोरोना के कारण हुयी मौतों के मामले में पूरे विश्व में स्पेन का चौथा स्थान है। कोरोना वायरस से सबसे अधिक अमेरिका में तथा उसके बाद ब्रिटेन में मौतें हुयी हैं। स्पेन में पिछले 24 घंटों के दौरान 506 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 229540 हो गयी है। संक्रमण के मामले में भी अमेरिका, रूस और ब्रिटेन के बाद स्पेन का चौथा स्थान है। इस दौरान 2500 और कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने के बाद ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 143374 पहुंच गयी है। वायरस के फैलाव में कमी को देखते हुए स्पेन ने इस सप्ताह लॉकडाउन में धीरे-धीरे ढील देनी शुरू की है। अधिकारियों की मंशा है कि जून के अंत तक प्रतिबंधों काे पूरी तरह हटा लिया जाय। स्पेन में 24 मई तक हाई अलर्ट लागू है।


सीरीज को लेकर फैसला लेंगा 'श्री लंका'

कोलंबो। श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि वो भारतीय टीम और बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली सीरीज को लेकर इस हफ्ते फैसला लेंगे। भारत और बांग्लादेश दोनों को ही आने वाले समय में श्रीलंका का दौरा करना है, लेकिन कोरोनावायरस के कारण सीरीज होने की उम्मीद काफी कम नजर आ रही है।


श्रीलंका क्रिकेट के चीफ एक्सिक्यूटिव एश्ले डे सिल्वा ने कहा,


भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड और बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने हालात को देखने के लिए 15 मई तक का समय मांगा है और हमने उन्हें वो समय दिया है। हम इस हफ्ते के अंत तक किसी फैसले तक पहुंच जाएंगे।
हालांकि अगर यह सीरीज नहीं हो पाती है, तो यह श्रीलंका की लगातार तीसरी होम सीरीड होगी जिसे कोरोनावायरस के कारण कैंसिल किया जाएगा। आपको बता दें कि इससे पहले इंग्लैंड ने भी श्रीलंका के खिलाफ आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप के तहत होने वाली टेस्ट सीरीज को पोस्टपोन कर दिया था।


यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...