बुधवार, 13 मई 2020

होम लोन की ब्याज दर शून्य करें योगी

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि महामारी के समय आर्थिक संकट से जूझ रहे लोगों के घर के लोन पर लगने वाली ब्याज दर को शून्य कर दिया जाए और किस्त (इएमआई) जमा करने की बाध्यता को अगले 6 माह तक स्थागित किया जाना चाहिए। 
प्रियंका ने लिखा कि आर्थिक संकट के समय जब एक तरफ छंटनी हो रही है और वेतनों में कटौती हो रही है, मध्य वर्ग के लिए घर के लोन की ईएमआई चुकाना एक बड़ी चुनौती बन गया है। ऐसे में मेरा सुझाव है कि घर के लोन पर लगने वाली ब्याज दर को शून्य करके किस्त (इएमआई) जमा करने की बाध्यता को अगले छ: महीनों के लिए स्थगित किया जाए।उन्होंने लिखा, “शिक्षा और घर के लोन का खर्च मध्य वर्ग की आर्थिक बुनावट का एक बड़ा हिस्सा होता है। आपको ज्ञात है कि मध्य वर्ग इस आर्थिक संकट से कितना प्रभावित है। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों की फीस माफी की घोषणा उनके लिए एक बड़ी राहत होगी।”उन्होंने कहा कि किसानों के लिए बिजली की बढ़ी हुई दरें चिंता का विषय बनी हुई हैं। मेरा सुझाव है कि किसानों के चार महीनों के ट्यूबवेल तथा घर के बिजली बिल माफ हों। उनके बकाया बिजली बिलों पर भी पेनल्टी व ब्याज माफ किया जाए।


उन्होंने आगे लिखा है कि किसानों के लोन पर भी चार महीने का ब्याज माफ हो। उनके किसान क्रेडिट कार्ड तथा अन्य लोन पर कटी हुई आर-सी पर तुरंत रोक लगायी जाए और उस पर भी पेनल्टी और ब्याज माफ किया जाए। जगह जगह से फसलों की खरीद में आ रही समस्या पर प्रियंका गांधी ने पत्र में मांग की है कि किसानों की सम्पूर्ण फसल खरीदने की गारंटी की जाए। गन्ना सहित सारे भुगतान तुरंत किए जाए।उन्होंने कहा, “शिक्षा मित्र, आशा बहनें, आंगनबाड़ी कर्मी, रोजगार सेवक,पंचायत मित्र व अन्य संविदा कर्मी जो कोरोना संकट में हर स्तर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं और स्थानीय प्रशासन के साथ सरकार के निर्देशों का पालन करवाने में जी-जान से लगे हैं। इनकी सेवाओं को देखते हुए एक प्रोत्साहन राशि दी जाए और एक महीने की सैलरी बोनस के रूप में दी जाए।”प्रियंका गांधी ने कहा, “छोटे मंझोलों उद्योगों का बैंक लोन माफ किया जाए। लोन माफी के फैसले से ये दिवालिया होने से बच जाएंगे। इनके बिजली के बकाया बिलों पर भी उदारतापूर्वक विचार कर उन्हें राहत देने की घोषणा की जाए। बुनकरों के बिजली के बिल माफ किया हो और प्रत्येक बुनकर परिवार को प्रतिमाह 12 हजार रुपया क्षतिपूर्ति राशि दिया जाए।”


उन्होंने आगे पत्र में लिखा है कालीन कारोबारियों और कारीगरों को आर्थिक मदद की सख्त जरूरत है। इनके बैंक कर्ज माफ किये जायें। उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि चिकन उद्योग में लगे हर परिवार को न्यूनतम 12 हजार रुपया प्रतिमाह दिया ताकि वे जीवन-यापन कर सकें। महासचिव ने सुझाव दिया है कि प्रत्येक पोल्ट्री कारोबारियों को प्रति मुर्गी 100 रुपया का आर्थिक सहयोग किया जाए।कांग्रेस की महासचिव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के मृत्यु पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा है कि आपके पिता के निधन के बाद मैं पहली बार आपको पत्र भेज रही हूं। ईश्वर उनकी दिवंगत आत्मा को शान्ति दें।


साधारण किसान की 'सर्पदंश' से मौत

खेत में भूसा भरने गए किसान की सर्प डसने से हुई मौत


पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा


सुनील पुरी


फतेहपुर। खेत में भूसा भरने का एक किसान को अचानक जहरीले सर्प ने डस लिया सर के दस्ते ही किसान की हालत बिगड़ी परिजनों ने निजी वाहन से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया चिकित्सकों ने हालत चिंताजनक देख प्राथमिक उपचार बाधा हैलट कानपुर रेफर कर दिया इलाज के लिए ले जाते समय रास्ते में वृद्ध किसान की मौत हो गई।


जानकारी के अनुसार जाफर गंज थाना क्षेत्र के आवर खेड़ा गांव निवासी राजबहादुर यादव उम्र 62 वर्ष अपने खेतों में भूसा भरने गया था तभी जहरीले सर्प ने डस लिया जिसके चलते किसान की हालत बिगड़ी तो परिजन निजी वाहन  से लाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया चिकित्सक ने किसान की हालत चिंताजनक देख प्राथमिक उपचार कानपुर हैलट रेफर कर दिया लेकिन ले जाते समय रास्ते में वृद्ध की मौत हो गई वृद्ध की मौत होते ही परिजनों में हड़कंप मच गया परिजन रो-रो कर  बेहाल हो रहे थे सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


भारत का मतलब, आत्मनिर्भरः वित्त मंत्री

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के आह्वान का मतलब यह कतई नहीं है कि हम दुनिया से अपने आप को काट लेंगे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता के अभियान का यह अर्थ नहीं है कि भारत अपनी ‘ अर्थव्यवस्था को पृथक रखने वाला देश’ बन जाएगा। वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री के इस आह्वान का मतलब एक भरोसे वाले भारत से है जो अपनी ताकत पर निर्भर रह सकता है और साथ ही वैश्विक स्तर पर भी अपना योगदान दे सकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश के पास क्षमता और उद्यमिता है, जिससे वह बेहतर क्षमता का निर्माण कर सकता है और दुनिया की मदद कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से जब प्रधानमंत्री ‘आत्मनिर्भर’ भारत की बात कर रहे हैं तो उसका मतलब सिर्फ देश के अंदर ही सिमट कर रहना नहीं है और न ही खुद को दुनिया से काटना है।


कोरोना जैविक युद्ध में सामग्री का अभाव

वाशिंगटन डीसी। अमेरिका में कोविड-19 के मामले बढ़ने के साथ चिकित्सा सामग्रियों की आपूर्ति का अभाव होने से नाराज एक चिकित्सक ने चेतावनी दी कि उन्हें गोलियों के बगैर युद्ध में भेजा जा रहा है। उसी दिन लॉस एंजिलिस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर चिकित्सकों और नर्सों के लिए एन 95 मास्क और अन्य जरूरी सामान लेकर एक मालवाहक विमान उतरा। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 मरीजों का इलाज करने के दौरान अहम सुरक्षा उपकरण के अभाव के चलते देश में कई स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं। अमेरिकन कॉलेज ऑफ इमरजेंसी फिजियशन के मुताबिक उसी दिन आपात सेवा कक्ष के चिकित्सक की संक्रमण से मौत हो गई। उन्होंने अपने एक मित्र को मोबाइल पर संदेश भेजा था कि वह सुरक्षा उपकरण या एन 95 मास्क के बगैर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अमेरिका में इस तरह की यह पहली मौत थी। मार्च के अंत में उस रात चिकित्सा उपकरणों की जो खेप पहुंची, वह समस्या का हल करने वाली नहीं थी। समाचार एजेंसी एपी की छानबीन में यह पता चला कि ये मास्क नकली थे--जैसा देश भर में अस्पतालों में इस्तेमाल किये जा रहे लाखों मेडिकल मास्क, दस्ताने, गाउन और अन्य चिकित्सा सामग्री नकली हैं।


परीक्षा 30-31 जुलाई को आयोजित होगी

बेंगलुरु। कर्नाटक में इंजीनियरिंग, आयुष, फार्मेसी और कृषि पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाने वाली कर्नाटक संयुक्त प्रवेश परीक्षा (केसीईटी) अब 30 और 31 जुलाई को आयोजित की जाएगी। कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ सीएन अश्वथ नारायण ने बुधवार को यह जानकारी दी। नारायण ने पत्रकारों को बताया, “हमने केसीईटी परीक्षा इस साल 30 और 31 जुलाई को आयोजित करने का निर्णय लिया है।” उन्होंने बताया कि अब तक 1.92 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि 1.2 लाख लोग परीक्षा इस परीक्षा में बैठेंगे।    हाल ही में शु्रु किए गए 'गेट सीईटी गो' कार्यक्रम क बारे में मंत्री ने कहा कि यह केसीईटी और एनईईटी 2020 के लिए छात्रों को तैयार करने में मदद करने के लिए तैयार किया गया है। यह परीक्षा अप्रैल के अंतिम सप्ताह या मई में निर्धारित थी जिसे कोरोनावायरस महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था।


मृतक- 2415 संक्रमित-74 हजार 281

नई दिल्ली। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) में बुधवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के 41 नए मामले सामने आए जिनमें से ज्यादातर मामले कोलकाता स्थित जीआरएसईएल इकाई से हैं। जीआरएसईएल हुगली नदी के तट पर स्थित युद्धपोत निर्माण प्रतिष्ठान है। इसके साथ ही देश में कोरोना संक्रमित लोगों का कुल आंकड़ा 74 हजार 281 पहुंच गया है। इस महामारी से अब तक 2415 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, सीआईएसएफ की इकाई में पदस्थ 55 वर्षीय एक सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) रैंक के अधिकारी की सोमवार को कोरोना वायरस के कारण मौत हो गयी थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (जीआरएसईएल) में तैनात सीआईएसएफ इकाई में ऐसे कर्मियों की संख्या अब 38 हो गई है जिनका कोरोना वायरस के लिए इलाज चल रहा है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, एक को छोड़कर सभी मामले पिछले 24 घंटों में सामने आए हैं।


महाराष्ट्र में 3.47 लाख यात्रा पास जारी

मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस ने लॉकडाउन शुरु होने से अब तक आवश्यक सेवाओं और आपातकालीन स्थिति में लोगों के लिए 3.47 लाख यात्रा पास जारी किए हैं। गृह राज्यमंत्री अनिल देशमुख ने बुधवार को यह जानकारी दी। लॉकडाउन के दौरान आपातकालीन स्थिति में एक जिले से दूसरे जिले या अन्य राज्यों में जाने के लिए लोगों की पुलिस विभाग में पास के लिए आवेदन करना पड़ता है । देशमुख ने कहा, ‘‘पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान कुल 3,47,522 पास जारी किए।’’ देशमुख ने कहा कि पुलिस ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भादसं की धारा 188 के तहत 1,05,532 मामले दर्ज किए हैं और अब तक 20,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने विभिन्न अपराधों के लिए 4.05 करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला है। मंत्री ने बताया कि अब तक पुलिस पर हमले की 214 घटनाएं हुई हैं जिसमें 764 लोगों को हिरासत में लिया गया है।


हमले में मारे गए लोगों की संख्या-24

काबल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पश्चिमी इलाके में एक प्रसूति अस्पताल पर मंगलवार को हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों की संख्या 24 पहुंच गई, जिसमें दो नवजात भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी । आंतरिक मामलों के मंत्रालय ने जो तस्वीर जारी की, उसके अनुसार अफगानिस्तान सुरक्षा बलों ने अस्पताल से कई बच्चों एवं उनकी मांओं को सुरक्षित निकाल लिया है। आंतरिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने कहा कि इमारत से 100 माताओं एवं बच्चों को निकाल लिया गया है। उन्होंने पहले बताया था कि हमले में 16 लोग मारे गए हैं। उप स्वास्थ्य मंत्री वाहिद मजरूह ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि हमले में 24 लोग मारे गए हैं और 16 अन्य लोग घायल हुए हैं।


सपा-कार्यकर्ताओं ने प्रकट किया 'विरोध'

अतुल त्यागी


सपा कार्यकर्ताओं ने संसोधन श्रम कानून प्रति जलाकर प्रकट किया विरोध - पुरूषोत्तम वर्मा 


समाजवादी मजदूर सभा के पदाधिकारियों ने संविधाव निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर जी की प्रतमा स्थित जिला पंचायत बाजार नजदीक कचहरी हापुड पर श्रम संसोधन कानून का विरोध करते हुये संसोधन की प्रतियां जलायी !
इस अवसर पर प्रमोद शर्मा राष्ट्रीय सचिव मजदूर सभा व सपा नेता पुरूषोत्तम वर्मा एडवोकेट ने सयुंक्त रूप से कहा कि भाजपा सरकार जन विरोधी , मजदूर विरोधी व घर्म विरोघी जाति विरोधी के साथ साथ समाज विरोधी सरकार है ! पुरूषोत्तम वर्मा ने आगे कहा कि देश की जनता कौरोना जैसी वैश्विक महामारी मे कौरोना से जंग जीतने के लिये तन मन धन से सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रही है ! लेकिन भाजपा की सरकार जनता पर तानाशाही व नफरत की दीवार खडी करने वालो का मौन समर्थन कर रही है , अभी हाल मे यूंपी. सरकार ने पिछडा वर्ग की अनदेखी की है तथा अब मजदूरों की सहायता करने के बजाय उनको श्रम कानून के तहत मिलने वाली योजनाओं को ३ साल के लिये स्थगित करके मजदूर विरोधी कार्य ुकिया है जिसका समाजवादी मजदूर सभा व समाजवादी पार्टी पुरजोर विरोघ करती है , तथा मजदूरों के हक की लडाई लडने के लिये कमर कस चुकी है ! इसी क्रम मे आज मजदूरों के हक की आवाज बुलंद करने के लिये यूपीं सरकार द्वारा *श्रम कानून संसोंधन ३ वर्ष तक स्थगित* की प्रति लोकडाऊन के निर्देशों का पालन करते संविधान निर्माता डा.भीम राव अम्बेडकर जी की प्रतिमा के सामने जिला पंचायत मार्केट मे संसोधन प्रति जलाकर विरोध प्रकट किया है। इस अवसर पर पुरूषोत्तम वर्मा एडवोकेट , कृष्ण चंद चक्रवर्ती एडवोकेट , प्रमोद शर्मा , डा. राकेश चौधरी मौजूद रहे।


गुजरातः रिक्त घोषित करने का अनुरोध

गुजरात। गुजरात कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष से ढोलका सीट को रिक्त घोषित करने का अनुरोध किया है। दरअसल, गुजरात उच्च न्यायालय ने ढोलका सीट से विधायक और राज्य की भाजपा सरकार में मंत्री भूपेन्द्र सिंह चूड़ास्मा के 2017 के चुनाव को रद्द कर दिया था, जिसके बाद कांग्रेस ने यह अनुरोध किया है। चूड़ास्मा ने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में अहमदाबाद जिले की ढोलका सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अश्विन राठौड़ के खिलाफ जीत हासिल की थी। अदालत के फैसले के बाद नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी को पत्र लिखकर उनसे तत्काल इस सीट को रिक्त घोषित करने का आग्रह किया, खासकर तब जबकि अदालत चूड़ास्मा के निर्वाचन को अवैध घोषित करने के अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर चुकी है। धनानी ने पत्र में लिखा, ''उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर गुजरात की ढोलका विधानसभा सीट को तुरंत रिक्त घोषित किया जाना जरूरी है।


केंद्र सरकार पर हमले का दावाः सीएम

कोलकाता।। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर हमला करते हुए दावा किया कि केंद्र के विशेष आर्थिक पैकेज में राज्यों की मदद के लिए कुछ नहीं है और वह महज ‘एक बड़ा शून्य’ है। बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कोविड-19 संकट के दौरान लोगों को गुमराह कर रही है। उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ केंद्र सरकार द्वारा घोषित विशेष आर्थिक पैकेज कुछ नहीं बल्कि एक बड़ा शून्य है। यह लोगों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश है। उसमें असंगठित क्षेत्र, सार्वजनिक व्यय और रोजगार सृजन के लिए कुछ नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कल जब प्रधानमंत्री ने 20 लाख करोड़ रूपये के पैकेज की घोषणा की थी तब हम आशान्वित थे कि राज्यों के हितों का भी ख्याल रखा जाएगा, एफआरबीएम सीमा बढ़ायी जाएगी। लेकिन आज केंद्रीय वित्त मंत्री की घोषणा के बाद पाया गया कि कल जो कुछ कहा गया था वह एक झांसा था।’’ धनाभाव से जूझ रहे राज्यों को कुछ नहीं देने पर केंद्र पर प्रहार करते हुए तृणमूल कांग्रेस नेता ने दावा किया कि वह सहकारी संघवाद को ध्वस्त करने की कोशिश कर रहा है।


अतिरिक्त शुल्क दिसंबर तक बढ़ाया गया

नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को आकलन वर्ष 2020- 21 के दौरान आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया । इसके साथ ही कर विवादों के निपटान के लिये लाई गई ‘विवाद से विश्वास योजना’ का लाभ भी बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री द्वारा मंगलवार को घोषित आर्थिक पैकज का ब्यौरा रखते हुये सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) उद्योग के लिये कई तरह की राहतों का एलान करने के साथ ही पिछले वित्त वर्ष के लिये इस आकलन वर्ष में भरी जाने वाली व्यक्तिगत आयकर रिटर्न और अन्य रिटर्न दोनों के लिये अंतिम तिथि 30 नवंबर 2020 तक बढ़ी दी गई है। पुराने लंबित कर विवादों के निपटारे के लिये लाई गई विवाद से विश्वास योजना का लाभ भी अब 31 दिसंबर 2020 तक उपलब्ध होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत लंबित विवादों के निपटारे की चाह रखने वाले करदाता अब 31 दिसंबर 2020 तक आवेदन कर सकेंगे। इसके लिये उन्हें अलग से किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा। वित्त मंत्री ने एक अन्य घोषणा में कहा कि सभी धर्मार्थ न्यासों, गैर- कारपोरेट कारोबारों, पेशेवरों, एलएलपी फर्मों, भागीदारी फर्मों सहित को उनका लंबित रिफंड जल्द लौटाया जायेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले सरकार पांच लाख रुपये तक के 18,000 करोड़ रुपये तक रिफंड करदाताओ को कर चुकी है। यह रिफंड 14 लाख करदाताओं को किया गया।


बचावः सीएचसी को किया 'सेनीटाइज'

कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए सीएचसी को किया गया सैनिटाइज


प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में आए प्रवासी कराते जांच


सुनील पुरी


फतेहपुर। कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए लगातार प्रयास जारी है। इसी के चलते फायर ब्रिगेड द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का व्यापक ढंग से सैनिटाइजेशन किया गया दवा का छिड़काव हुआ सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में प्रतिदिन विभिन्न प्रांतों से प्रवासी आ रहे हैं और दिन भर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लोगों की भीड़ रहती है।


नगर के तहसील स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का फायर ब्रिगेड द्वारा व्यापक ढंग से सैनिटाइजेशन किया गया दवा का छिड़काव किया गया ताकि कोरोनावायरस संक्रमण से बचा जा सके बताते चलें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दिल्ली हरियाणा राजस्थान महाराष्ट्र गुजरात सहित तमाम प्रांतों से सैकड़ों प्रवासी प्रतिदिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचते हैं। उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है जिससे उनका स्वास्थ्य परीक्षण होता है। इस कारण से सामुदायिक स्वास्थ्य में लगभग दिनभर प्रवासियों की भीड़ रहती है उनका आना जाना लगा रहता है ऐसी स्थिति में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए फायर ब्रिगेड द्वारा बेहतर ढंग से सीएचसी को सैनिटाइज किया गया इस संबंध में डॉ नीरज गुप्ता ने कहा कि जिस प्रकार यहां पर प्रतिदिन प्रवासी आ रहे हैं ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाव के लिए सैनिटाइज करना बहुत आवश्यक है। और अक्सर ही इस प्रकार का संडे जेसन करना चाहिए ताकि साफ-सफाई बनी रहे ऐसी स्थित में चिकित्सकों कर्मचारियों के अलावा आने वाले प्रवासियों के लिए भी यह बेहतर होगा।


'सुपर इकोनामिक पावर' बनेगा भारत

नागपुर। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित किये गये आर्थिक पैकेज की सराहना करते हुए बुधवार को कहा कि यह देश को एक उत्कृष्ट आर्थिक शक्ति (सुपर इकोनॉमिक पावर) के रूप में उभरने में मदद करेगा। गडकरी ने कहा, “लगभग 11 करोड़ कर्मचारियों को इस पैकेज के जरिये राहत दी गई है जो राष्ट्र को एक बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर करेगा।” उन्होंने कहा कि देश लघु उद्योगों, कुटीर उद्योगों और ग्रामीण उद्योगों के लिए घोषित इस पैकेज को कभी नहीं भूलेगा।


गाैरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान भारत को आत्मनिर्भर बनाने और कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की।



सबसे अधिक ओडिशा में 101नए मामले

भुवनेश्वर। ओडिशा ने 101 नए कोविड-19 पॉजिटिव मामलों की सूचना दी, जो राज्य में अब तक की एक दिन में सामने आई सबसे बड़ी संख्या है। इसके बाद बुधवार को राज्य में कोरोनो वायरस की संख्या 538 हो गई। सूचना और जनसंपर्क विभाग ने जानकारी दी है कि गंजम जिले ने 52 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए, बालासोर में 33, जाजपुर और सुंदरगढ़ में 7-7 और क्योंझर में 2 मामले सामने आए हैं। विभाग ने कहा, ज्यादातर मामले संगरोध केंद्रों और कंटेनमेंट जोन से रिपोर्ट हो रहे हैं। 90 मामले संगरोध केंद्रों से हैं, आठ कंटेनमेंट जोन से हैं, और तीन अन्य से सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या 419 हो गई है, जबकि 116 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं। संक्रमण के कारण यहां अब तक तीन मौतें हुई हैं।


 


प्रवासी मजदूर और कोरोना

प्रवासी मजदूर और कोरोना
डा. वरिंदर भाटिया


कोरोना वायरस के कारण देश में हुए लॉकडाउन से अगर सबसे अधिक किसी का नुकसान हुआ है तो वह प्रवासी मजदूरों का है। यह दूसरे शहर या राज्य में जाकर कमाने वाले शख्स हैं। लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए एक गंभीर आर्थिक और सामाजिक समस्या लेकर आया है। इस संकट में लाखों प्रवासियों को घर पहुंचने के लिए या तो इंतजार करना पड़ा है या फिर वापस पैदल जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है। जो लोग घर वापस नहीं जा सके, उन्हें अपनी बुनियादी जरूरतों जैसे दो समय का भोजन, कपड़ा और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रत्येक दिन संघर्ष करना पड़ा है। पिछली जनगणना के अनुसार अकेले बिहार में लगभग 2.5 करोड़ प्रवासी श्रमिक हैं जो पंजाब या हरियाणा जैसे छोटे राज्यों की जनसंख्या के बराबर है।


2.5 करोड़ श्रमिकों में से दो करोड़ ग्रामीण क्षेत्रों से और 50 लाख शहरी क्षेत्रों से आते हैं और उनमें से अधिकांश महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के यूटी जैसे विभिन्न राज्यों में दैनिक मजदूरी के रूप में काम करते हैं। ये प्रवासी श्रमिक अपने राज्य में करोड़ों रुपए लाते हैं और राज्य की अर्थव्यवस्था में मदद करने के साथ-साथ अपने परिवारों को भी चलाते हैं। लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए राज्य सरकारों ने अपनी ओर से पहल की है। राज्यों के अनुरोध पर रेल मंत्रालय ने भी इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। एक ओर ट्रेन के किराए पर जमकर विवाद हो रहा है तो इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से आने वाले ज्यादातर मजदूरों की शिकायत है कि उनसे न सिर्फ किराया वसूला गया, बल्कि कई घंटों की यात्रा के दौरान वे भूखे-प्यासे रहे। वहीं दूसरी ओर बड़ी संख्या में मजदूरों के लौटने से पंजाब, हरियाणा और कर्नाटक जैसे कई राज्यों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। कुछ राज्य सरकारों ने तो मजदूरों से वहीं रुकने और अपने घरों को न जाने का अनुरोध किया है और किसी भी तरह की दिक्कत न होने का भरोसा दिया। विभिन्न राज्यों सेलोटने वाले वे मजदूर हैं जो उन राज्यों में चौदह दिन की क्वारंटीन अवधि पूरी कर चुके हैं।


हालांकि इन्हें अपने गृह जिलों में घरों तक जाने के पहले टेस्टिंग से गुजरना होगा और ये घरों तक कब पहुंच पाएंगे, तय नहीं है। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी समस्या यह है कि अपनी नौकरी और छोटे-मोटे रोजगार छोड़कर आए ये मजदूर अब अपने घरों पर क्या करेंगे और जीवन निर्वाह कैसे करेंगे? कुछ सरकारों ने तो बाहर से आने वाले श्रमिकों को राज्य के भीतर ही काम देने का आश्वासन दिया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिकारियों को रोजगार की व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वहां आने वाले प्रत्येक श्रमिक और कामगार का सरकार स्किल डाटा तैयार करा रही है और होम क्वारंटीन पूरा होते ही उन्हें रोजगार दिलाने की तैयारी की जा रही है। वापसी कर रहे ज्यादातर मजदूर अन्य राज्यों में या तो औद्योगिक प्रतिष्ठानों में काम कर रहे थे, घरेलू कार्यों में लगे थे या फिर प्राइवेट कंपनियों में नौकरी कर रहे थे। लॉकडाउन की स्थिति में सबसे जरूरी तो यह है कि मजदूरों को वित्तीय सहायता दी जाए ताकि वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें। नेशनल रजिस्टर बने ताकि प्रवासी श्रमको का ब्यौरा दर्ज हो और उनका डाटा शेयर किया जाए और उनके हितों की रक्षा हो सके। होटल, सिनेमा, ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में काम कर रहे मजदूरों के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएं ताकि इन क्षेत्रों में लगे श्रमिकों का इस्तेमाल भी हो सके और वो आर्थिक रूप से पंगु भी न होने पाएं, काम मिले या न मिले। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार दूसरी जगहों पर प्रवासी मजदूरों की जो दुर्दशा हुई और जिस तरीके से उनका अपमान हुआ, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया गया, उसे देखते हुए लगता नहीं कि ये लोग अति शीघ्र लौटकर फिर कहीं काम-धाम के लिए जाएंगे। फिलहाल प्रवासी मजदूरों की व्यवस्था का भार राज्य सरकारों पर है। केंद्र ने उनके ठहरने और भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। इसके अतिरिक्त भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है।


पूरे देश में राज्यों को आपसी तालमेल में प्रवासी मजदूरों के लिए हेल्पलाइन बनाकर काम करना चाहिए। पिछले तीन वर्षों से जीएसटी काउंसिल को लेकर राज्यों ने जिस प्रकार का समन्वय और सहयोग किया है, उसी प्रकार इस महामारी से निपटने के लिए भी केंद्र और राज्यों के बीच एक प्रकार की साझेदारी का वातावरण बनाए जाने की आवश्यकता है। ऐसे समय में सभी राज्यों के लिए यह महत्त्वपूर्ण हो जाता है कि वे इन मजदूरों के लिए अपने यहां पर्याप्त अवसर पैदा करें। उसके लिए राज्य में कंपनियों में निवेश जरूरी है। कई विदेशी कंपनियां, कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के बाद चीन से किसी अन्य देश जाने का विचार कर रही हैं। लेकिन इन प्रवासी मजदूरों ने कोरोना वायरस के लॉकडाउन जैसी कठिनाई से भरी स्थिति का सामना किया है और यही कठिनाई उन्हें वापस मजदूरी करने के लिए किसी अन्य राज्य में जाने के विचार पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करेगी। इन सभी में से आधे से अधिक प्रवासी मजदूर यह तय करेंगे कि बेहतर मजदूरी के लिए हजारों किलोमीटर दूर जाने के बजाय अपने स्वयं के राज्यों में काम करना बेहतर है। कटु सत्य है कि देशभर में हुए लॉकडाउन ने अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले असंख्य मजदूरों की आजीविका के साधनों को लगभग खत्म कर दिया है। इससे एक बात समझ में आ रही है कि देश को कोरोना से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के साथ-साथ रिक्शेवालों, ठेले-रेहड़ी वालों और दिहाड़ी कमाने वाले श्रमिकों के बढ़ते असंतोष और असुरक्षा की भावना के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। अब जबकि यह लग रहा है कि अधिकतर प्रवासी मजदूर अपने-अपने राज्यों में ही रोजगार की तलाश करेंगे तो ऐसे में राज्यों का दायित्व बन जाता है कि वे इन मजदूरों के लिए रोजगार की कोई पुख्ता योजना अमल में लाएं। इसके लिए केंद्र सरकार को भी राज्यों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। केंद्र व राज्य मिलकर ही इस नए संकट का समाधान कर सकते हैं।



मेरठ में कानूनगो सहित 271 संक्रमित

मेरठ सदर तहसील के कानूनगो समेत 8 नए संक्रमित, मेरठ में कोरोना पॉजिटिव हुए 2701 मेरठ में बुधवार दिन में 8 मरीजों को कोराेना की पुष्टि हुई है। अब तक 271 लोग मेरठ में कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं, जबकि 14 की मौत हो चुकी है। वहीं 72 लोग स्वस्थ होकर घर भी जा चुके हैं।
सचिन कुमार
मेरठ। सदर तहसील के कानूनगो समेत 8 नए संक्रमित बढऩे से मेरठ में कोरोना पॉजिटिव 271हो गये है। मेरठ में बुधवार दिन में 8 मरीजों को कोराेना की पुष्टि हुई है। अब तक 271 लोग मेरठ में कोरोना पॉजिटिव मिल चुके हैं, जबकि 14 की मौत हो चुकी है। वहीं 72 लोग स्वस्थ होकर घर भी जा चुके हैं। बुधवार को जिस मरीज को कोरोना की पुष्टि हुई वह सदर तहसील में कानूनगो हैं। अन्य की जानकारी की जा रही है। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ विश्वास चौधरी ने इसकी पुष्टि की है।
मेरठ में रोजाना 316 सैंपलों की जांच की जा रही है। अब तक जिले में साढ़े छह हजार से ज्यादा सैंपल जांचे जा चुके हैं, जिनमें से 271 पॉजिटिव निकले हैं।


 


घरों में खाना बनवा कर वितरण किया

स्थानीय नागरिकों की अनूठी पहल 
 श्वेतांक सिंह 
लखनऊ। कानपुर रोड स्थित एलडीए कॉलोनी के सेक्टर ई निवासियों ने की अनूठी पहल जेठ माह के प्रथम मंगल को स्थानीय नागरिकों ने अपने हाथों से भोजन बनाकर प्रवासी मजदूरों को भोजन का किया वितरण। आज पूरा भारत वर्ष लॉग डाउन के फेज 3 में है  और प्रवासी श्रमिक भाई दूर-दूर से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने के लिए पैदल ही मीलों का सफर कर रहे हैं जिसके चलते आज लखनऊ के कानपुर रोड स्थित सेक्टर ई के स्थानीय नागरिकों ने जेठ महक के प्रथम मंगल के उपलक्ष में इन प्रवासी मजदूर भाइयों के लिए अपने हाथों से भोजन तैयार कर उनको भोजन वितरित किया इसमें स्थानीय पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर अपना सहयोग दिया इस अवसर पर जहां स्थानीय पुरुषों ने राशन खरीदने से लेकर सब्जी बनाने का कार्य अपने हाथों में लिया वहीं दूसरी ओर स्थानीय महिलाओं ने भी सब्जी काटने से लेकर आटा मलने व पूरी बनाने में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया इस अवसर पर श्रमदान करने वाले लोगों में दलजीत छाबड़ा ,पत्नी बबली छाबड़ा विनय कौशिक, पत्नी कौशिकी कौशिक, सुमित अरोड़ा, पत्नी दीपिका अरोड़ा, आलोक शर्मा, पत्नी ममता शर्मा, विशाल सिंह पत्नी, प्रिया सिंह, छोटेलाल, पत्नी मुन्नी देवी, श्याम श्रीवास्तव, पत्नी वीना श्रीवास्तव, दीपू सचदेवा, पत्नी आरती सचदेवा ,सहित मोहल्ले के सैकड़ों लोगों ने श्रमदान कर प्रवासी श्रमिकों के लिए अपने हाथों से तैयार किया भोजन इस भोजन का वितरण पहले शहीद पथ पर उसके बाद आगरा एक्सप्रेसवे टोल प्लाजा पर किया गया ।
 
 


बलधारी भाजपाइयों पर पुलिस का कहर

बेवर पुलिस का भाजपाइयों पर कहर
मैनपुरी। नगर और जनपद के मुँहबली भाजपा-बलधारिओं और भाजपा व्यापार मंडल पदाधिकारिओं, कहीं चुल्लू भर पानी दिख रहा हो तो जरूर बताना ... जी.टी रोड़ स्थित मैन बाजार में फोटोस्टेट की दुकान चलाने बाले एक बच्चे राजा गुप्ता के घर पर पिछले दो-दिनों से पुलिस का घेरा पड़ा हुआ है, और सारा परिवार नजरबंद है। पीड़ित का सारा परिवार कट्टर भाजपा समर्थक है और घटना की जानकारी नगर से लेकर जनपद के अधिकतर भाजपाइयों को है पर परिणाम कुछ भी नही... कसूर सिर्फ इतना है कि प्रशासन के कथनानुसार फोटोस्टेट/कंप्यूटर वर्क सहित कुछ दुकानो को खोलने की छूट दी गई थी, दो-दिन पूर्व राजा गुप्ता दुकान बंद कर उसी के ऊपर स्थित अपने घर पर जा रहा था तभी कुछ पुलिसकर्मी आये और उससे पूछताछ करने लगे तो उसने कहा कि वह दुकान बंद कर घर जा रहा है, इतने में थानाध्यक्ष-बेवर आ गये और गालियां देते हुऐ डंडा लेकर उसके पीछे भागे तो राजा भाग कर अपने घर में घुस गया और डर के मारे अपना दरवाजा बंद कर लिया तो पुलिसकर्मी उसका दरवाजा पीट-पीट कर काफी देर गंदी-गंदी गालियां उसके परिजनों की मौजूदगी में देते रहे... अगले दिन सुबह से उसके परिजनों का उत्पीडन शुरू हुआ और दरवाजे पर पुलिसकर्मी तैनात कर दिये गये, जिससे कोई भी व्यक्ति किसी भी आवश्यक कार्य से भी बाहर ना निकल सके। अब आलम ये है कि सब्जी, फल या दूध के लिऐ भी अगर कोई घर से वाहर आता है तो पुलिस उसे धमकाकर घर भेज देती है, जिससे सारा परिवार दहशत के घेरे में है। ये सच है कि थानाध्यक्ष-बेवर की अपनी कार्यशैली अलग है और लॉकडाउन का सही तरह पालन कराने में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान है। उनकी सक्रियता और सख्ती के लिऐ वह प्रशंसा के पात्र हैं लेकिन एक बच्चे के लिऐ इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लेना उचित नही है। गंभीर भारसाधक अधिकारी को यह शोभा नही देता कि एक बच्चे के लिऐ अपनी सारी शक्तिओं का प्रयोग करें... ये समय हटधर्मिता का नही बड़ादिल दिखाने का है, पुलिस को यह बात समझनी चाहिये और सत्ताधारी दल के नेता जो दिनरात खुद की झूठी तारीफों के पुल बाँधते रहते हैं ऐसे समय में चुप्पी साध लेते हैं और एक आवाज नही निकालते, दूसरों की मदद क्या करोगे जब अपने कार्यकर्ताओं के लिऐ तुम्हारी आवाज नही निकलती।


अनुरूद्ध कुमार


सरकारी कैंटीन में मिलेगा स्वदेशी सामान

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में देश को आत्मनिर्भर बनाने और लोकल प्रोडक्ट्स (भारत में बने उत्पाद) उपयोग करने की एक अपील की थी। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए गृह मंत्रालय ने बुधवार को निर्णय लिया है कि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की कैंटीनों और स्टोरों पर अब सिर्फ स्वदेशी उत्पादों की ही बिक्री होगी। यह निर्णय 1 जून 2020 से देशभर की सभी CAPF कैंटीनों पर यह लागू होगा, जिसकी कुल खरीद लगभग 2800 करोड़ रुपये के करीब है। 10 लाख CAPF कर्मियों के करीब 50 लाख परिजन स्वदेशी उत्‍पादों का उपयोग करेंगे। गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि आप देश में बने उत्पादों को अधिक से अधिक उपयोग में लायें व अन्य लोगों को भी इसके प्रति प्रोत्साहित करें। यह पीछे रहने का समय नहीं बल्कि आपदा को अवसर में बदलने का समय है। हर भारतीय अगर भारत में बने उत्पादों (स्वदेशी) का उपयोग करने का संकल्प ले तो पांच वर्षों में देश का लोकतंत्र आत्मनिर्भर बन सकता है। आइए हम सब स्वदेशी उत्पादों का उपयोग कर आत्मनिर्भर भारत की इस यात्रा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथ मजबूत करें।


कांग्रेस महासचिव ने किया राशन वितरण

इकबाल अंसारी


गाजियाबाद। कोरोना वायरस से उपजे संकट के समय सक्षम लोग  जरूरतमंदों की मदद करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं  जिसके तहत लोनी में चौधरी फजलु राणा पूर्व जिला महासचिव कांग्रेस कमेटी गाजियाबाद एवं वरिष्ठ समाजसेवी ने लोगों को राशन वितरित किया। जिसमें पूजा कॉलोनी लोनी से काफी लोगों ने राशन लिया। पूर्व जिला महासचिव चौधरी फजलू राणा लगातार यह प्रयास कर रहे हैं की पूजा कॉलोनी लोनी में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोना चाहिए।


गौरतलब है कि इससे पूर्व में भी चौधरी फजलू राणा वरिष्ठ समाजसेवी ने 1 महीने से अधिक अवधि के लिए 200 से अधिक परिवारों को बना हुआ खाना घर घर भेज कर यह प्रयास किया था कि पूजा कॉलोनी लोनी में कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे। इस मौके पर चौधरी फजलू राणा ने यह कहा है कि यह एक संकट की घड़ी है। इस समय पर प्रत्येक सक्षम व्यक्ति को जाति धर्म की बातें छोड़कर एकता दिखाएं एवं सभी गरीबों की मदद करें। सरकार के द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन करें। घर पर रहने का प्रयास करें, ताकि आप और आपका परिवार सुरक्षित रह सके।


कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप

कुएं में मिला नवजात शिशु का शव, मचा हड़कंप  दुष्यंत टीकम  जशपुर/पत्थलगांव। जशपुर जिले के एक गांव में कुएं में नवजात शिशु का शव मिला है। इससे...