शुक्रवार, 8 मई 2020

गोरखपुर सड़कों पर लगने लगी 'भीड़'

गोरखपुर में सड़कों पर रौनक


गोरखपुर में स्टेशनरी, मोबाइल की दुकानें, मोटर वर्कशॉप समेत आठ तरह की नई सेवाओं को छूट मिलने के बाद अब सड़कों पर धीरे-धीरे भीड़ बढ़ने लगी है। शुक्रवार को शुरूआती दो दिनों की तुलना में पैदल, मोटरसाइकिल और कार वालों की संख्या ज्यादा दिखी।


वहीं जिन्हें छूट दी गई है उनमें से आधे से भी कम प्रतिष्ठानों पर भीड़ है, जबकि बाकी पर अभी भी सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं घोषकंपनी, गोलघर, काली मंदिर, असुरन, मोहद्दीपुर आदि इलाकों में पुलिस ने ऐसे प्रतिष्ठानों पर सख्ती कर उन्हें बंद करा दिया है।


मेरठ में कोरोना से 11वीं मौत
मेरठ में शुक्रवार को भाजपा नेता के बाद एक और मरीज की कोरोना से मौत हो गई। मेरठ में अब तक कोरोना से 11 लोगों की मौत हो गई है।


गुजरात से कासगंज पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन
गुजरात के अहमदाबाद से श्रमिक स्पेशल ट्रेन 1209 श्रमिकों को लेकर शुक्रवार सुबह कासगंज रेलवे जंक्शन पहुंची। इन श्रमिकों में बदायूं, बरेली, शाहजहांपुर, जौनपुर, गाजियाबाद, नोएडा, आगरा, मथुरा, इटावा, मैनपुरी, औरैया आदि जिलों के लोग शामिल हैं।


मायावती ने प्रदेश सरकार पर बोला हमला

मायावती का सरकार पर हमला


नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को प्रवासी मजदूरों का मुद्दा उठाकर एक बार फिर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि प्रवासी श्रमिक व्यथित हैं। केंद्र और राज्य सरकार उनके साथ जिस तरह का व्यवहार कर रही है, वह बहुत गलत है। उनके लिए ढंग से भोजन और आवास की भी व्यवस्था नहीं की जा रही है।


बिजनौर में मिले सात नए मरीजः बिजनौर जिले में शुक्रवार को सात और कोरोना पॉजिटिव केस मिले हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. विजय कुमार यादव ने इसकी पुष्टि की है। अब जनपद में कोरोना के मरीजों की संख्या 39 हो गई है। इनमें से 20 मरीज ठीक हो चुके हैं और वर्तमान में 19 एक्टिव केस हैं।


फतेहपुर में मिला पहला कोरोना पॉजिटिवः फतेहपुर जिले में पहला कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया है। बताया जा रहा है कि फतेहपुर का पहला कोरोना मरीज नया पुरवा, थाना जाफरगंज, ब्लॉक खजुहा का निवासी है। इससे पहले तक जिले में कोरोना संक्रमण का कोई मामला नहीं था। 


बुलंदशहर का एक युवक निकला संक्रमितः बुलंदशहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज में कोरोना की पुष्टि हुई है। जिले में कुल मरीजों की संख्या 61 हो गई है। युवक ने खुर्जा क्षेत्र के एक निजी अस्पताल में जांच करवाई थी। गुरुवार रात लैब द्वारा जारी रिपोर्ट में मरीज पॉजिटिव पाया गया। मरीज को निजी अस्पताल से कोविड एल-1 अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।


झांसी में कोरोना से दूसरी मौत, रोडवेज बस का चालक संक्रमितः झांसी में कोरोना वायरस से संक्रमण के कारण दूसरी मौत का मामला सामने आया है। गुरुवार देर रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव 37 वर्षीय युवक की मौत हो गई। वहीं श्रमिकों को छोड़ने गई रोडवेज बस का चालक भी कोरोना पॉजिटिव निकला है।


नोएडा में कोरोना से पहली मौतः नोएडा में कोरोना संक्रमण से पहली मौत की खबर है। नोएडा सेक्टर 22 के रहने वाले 61 वर्षीय बुजुर्ग की ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में शुक्रवार सुबह तीन बजे मौत हो गई। 


नोएडा सैमसंग मोबाइल फैक्टरी में काम शुरूः नोएडा स्थित सैमसंग मोबाइल फैक्टरी में शुक्रवार सुबह एक बार फिर काम शुरू किया गया। करीब 3000 कामगारों को बसों से फैक्टरी लाया गया। मालूम हो कि सरकार ने कम श्रमिकों के साथ फैक्टरियों को फिर से काम शुरू करने की अनुमति दे दी है।


ट्रक-कार की भिड़ंत 3 लोगों की मौत

अतुल त्यागी


ट्रक और कार की भिड़ंत कार में सवार तीन लोगों की मौत


हापुड़। हापुड़ के थाना बाबूगढ़ क्षेत्र में दिन निकलते ही दिल को दहला देने वाला हादसा घटित हुआ जब एक कैंटर और स्विफ्ट कार के बीच जबरदस्त भिड़ंत हुई भीडंत इतनी जबरदस्त थी कि  स्विफ्ट कार के परखच्चे उड़ गए स्विफ्ट कार में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हापुड़ के बाबूगढ़ थाना क्षेत्र में दिन निकलते ही हुआ सड़क हादसा। NH- 9 पर इआइसर केंटर और स्विफ्ट कार में हुई जबरदस्त भिड़त स्विफ्ट कार दिल्ली की तरफ से आ रही थी
आज सुबह 4 बजे स्विफ्ट कार नंबर HR 12 U 4040 से सुंदर अपने पिता का फूल लेकर जातुलबारी थाना भुवाली खेड़ा जिला भिवानी से गढ़मुक्तेश्वर जा रहे थे रास्ते मे कुचेसर चौपला से आगे शिवा ढाबा के सामने (शिम्भावली बार्डर) कैंटर संख्या UP15DT5848 में टक्कर  हो गयी जिसमे स्विफ्ट कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण कार में सवार तीन व्यक्तियो 1 सुंदर पुत्र रामविलास 2 संजय पुत्र बिसम्बर 3 ड्राइवर सुरेश उर्फ पप्पू पुत्र प्रभु निवासीगण जातुलबागी भिवानीकी मौके पर ही मृत्यु हो गयी जिन्हें कार से काटकर निकाला गया  और रोहित पुत्र विनोद कुमार निवासी भूड़ विराल थाना परतापुर मेरठ व कैंटर में दूसरा व्यक्ति हरीश पुत्र मही लाल निवासी रानियां वाली खुर्जा बुलंदशहर कैंटर के चालक की हालत नाजुक होने के कारण जिला अस्पताल भेजा गया।हैं।


कैंटर गढ़ की तरफ से आ रहा था प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि घटना इतनी जबरदस्त थी की पलक झपकते ही स्विफ्ट गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। स्विफ्ट कार में 3 लोग सवार की मौके पर मौत हो गयी। मृतको के शवो को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया गया है। केंटर पर सवार दो लोगों गंभीर रूप से घायल है। उनको नजदीक के अस्पताल में  भर्ती कराया गया है।


मृतक संख्या-1, 888 संक्रमित-56,345

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस से 56,345 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसमें से 1,888 लोगों की मौत हुई है। पिछले तीन दिनों में दस हजार से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इससे पहले छह मई को 2680, पांच मई को 3875 मामले मिल थे। चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में कोरोना से सर्वाधिक मौतें हुई हैं। चार राज्यों में ही अकेले 1300 से अधिक मौतें हो चुकी हैं जो कुल मौतों का 78 फीसदी के करीब है। सरकार ने बताया कि झारखंड समेत 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया है। देश में अभी 130 रेडजोन जिले, 284 ऑरेंज जोन तथा 219 ग्रीन जोन वाले जिले हैं। अगले सप्ताह इन जिलों की समीक्षा के बाद नए सिरे से तीन श्रेणियों की सूची बनेगी।


रेलवे ने 5231 कोचों को बनाया कोरोना केंद्र

नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने अपने 5231 कोचों को कोविड देखभाल केंद्रों के रूप में रूपांतरित कर दिया है। इन कोचों को बेहद हल्के मामलों के लिए उपयोग में लाया जा सकता है जिन्हें नैदानिक रूप से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुरूप कोविड देखभाल केंद्रों को सौंपा जा सकता है। इन कोचों का उपयोग वैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है जहां राज्य की सुविधाएं कमजोर हैं और कोविड के संदिग्ध तथा पुष्ट मामलों के आइसोलेशन के लिए क्षमताओं को बढ़ाने की आवश्यकता है।


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देश संलग्न (नीचे दिए गए लिंक में) हैं।
कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जारी रखते हुए भारतीय रेल भारत सरकार के स्वास्थ्य देखभाल प्रयासों में सहायता देने के लिए सभी संभव प्रयास कर रही है। भारतीय रेल ने अपने 5231 कोविड देखभाल केंद्र राज्यों को प्रदान कराने की तैयारी की है। जोनल रेलवे ने इन कोचों को क्वारांटाइन सुविधा के लिए रूपांतरित कर दिया है।


215 स्टेशनों में से रेलवे 85 स्टेशनों में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं उपलब्ध कराएगा, 130 स्टेशनों में राज्य तभी कोविड देक्षभाल कोचों का आग्रह करेंगे जब वे कर्मचारियों एवं अनिवार्य दवाएं उपलब्ध कराने के लिए सहमत होंगे। भारतीय रेल ने इन कोविड देखभाल केंद्रों के लिए 158 स्टेशनों को वाटरिंग और चार्जिंग सुविधा के साथ और 58 स्टेशनों को वाटरिंग सुविधा के साथ तैयार रखा (सूची अनुलग्नक क के रूप में नीचे संलग्न है) है।


इन कोविड देखभाल केंद्रों के अतिरिक्त, भारतीय रेल ने कोविड-19 चुनौती का सामना करने के लिए 2500 से अधिक चिकित्सक और 35000 से अधिक अर्ध चिकित्सक कर्मचारियों की नियुक्ति करेगी। चिकित्सकों और अर्ध चिकित्सक कर्मचारियों की नियुक्ति विभिन्न जोनों द्वारा अस्थायी आधार पर की जा रही है। 17 समर्पित अस्पतालों में लगभग 5,000 बेड एवं रेलवे अस्पतालों में 33 अस्पताल ब्लॉक की कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए पहचान की गई है जो किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए तैयार रहेंगे।


स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुरूप, राज्य सरकारें रेलवे को मांग पत्र भेजेंगी। रेलवे राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इन कोचों का आवंटन करेगा। रेलवे द्वारा आवंटन किए जाने के बाद, रेलगाड़ी आवश्यक अवसंरचना के साथ अपेक्षित स्टेशन पर खड़ी कर दी जाएगी और जिला कलेक्टर/मजिस्ट्रेट या उनके किसी प्राधिकृत व्यक्ति को सुपुर्द कर दिया जाएगी। रेलगाड़ी जहां कहीं भी खड़ी होगी, जल, बिजली, अपेक्षित मरम्मत, कैटरिंग प्रबंधों एवं सुरक्षा का ध्यान भारतीय रेल द्वारा रखा जाएगा।


श्रमिक कानूनों को किया गया शिथिल

स्वामी प्रसाद मौर्य को उम्मीद- निवेश को मिलेगा बढ़ावा
सीताराम येचुरी ने लगाया श्रम को नष्ट करने का आरोप


लखनऊ । कोरोना वायरस की महामारी के कारण देश में लॉकडाउन लागू है। लॉकडाउन के कारण उद्योग धंधे पूरी तरह से बंद हैं। श्रमिकों की समस्या के कारण खोलने की छूट के बावजूद बंद पड़े कार्यालयों पर ताले लटके पड़े हैं। अब उत्तर की योगी सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र की ग्रोथ दर को प्रोत्साहित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है।


सरकार ने प्रमुख श्रमिक कानूनों को शिथिल कर दिया है। सरकार ने एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है, जो प्रमुख श्रम कानूनों से छूट देता है. यह छूट तीन साल के लिए प्रभावी होगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी. श्रमिक संघों से संबंधित सभी महत्वपूर्ण कानून, काम के विवादों को निपटाने, काम करने की स्थिति, अनुबंध आदि को मौजूदा और नए कारखानों के लिए तीन साल तक निलंबित रखा जाएगा.


मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इस फैसले की जानकारी दी गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि लॉकडाउन के कारण प्रदेश में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियां बहुत ज्यादा प्रभावित हुई हैं. सभी उद्योग बंद रहे. ऐसे में औद्योगिक क्षेत्र की ग्रोथ को प्रोत्साहित करना बहुत महत्वपूर्ण है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से यह भी कहा गया है कि नया अध्यादेश मौजूदा उद्योगों, विनिर्माण इकाइयों और नई फर्मों पर भी लागू।


हालांकि, कुछ श्रम कानूनों को इस अध्यादेश की परिधि से बाहर रखा गया है. इनमें बॉन्डेड लेबर सिस्टम (उन्मूलन) अधिनियम 1976, कर्मचारी मुआवजा अधिनियम 1923, भवन और अन्य निर्माण श्रमिक अधिनियम 1996 के तहत सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के उपाय और मजदूरी का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने संबंधी मजदूरी अधिनियम 1936 अपने मूल स्वरूप में ही लागू रहेंगे. कर्मचारी मुआवजा अधिनियम में कार्य के दौरान किसी तरह की दुर्घटना का शिकार होकर दिव्यांग होने की स्थिति में मुआवजे का प्रावधान करता है।


सरकार की ओर से कहा गया है कि महिलाओं और बच्चों से संबंधित प्रावधान भी पहले की ही तरह लागू रहेंगे. श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने उम्मीद जताई कि इस निर्णय से औद्योगिक गतिविधियों और नए निवेश को बढ़ावा मिलेगा. इससे अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी श्रमिकों को भी रोजगार मिल सकेगा. वहीं, सीपीआईएम के नेता सीताराम येचुरी ने इस फैसले के लिए यूपी सरकार पर श्रम को नष्ट करने का आरोप लगाया है।


येचुरी ने साधा पीएम पर निशाना


येचुरी ने ट्वीट कर कहा है कि जल्द ही भाजपा की सभी राज्य सरकारें श्रम कानूनों को ध्वस्त कर देंगी. महामारी से लड़ने के बहाने केंद्र की सरकार इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने के बहाने के तौर पर उपयोग करेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मोदी कहते हैं कि धन सृजन करने वालों का सम्मान करो. बता दें कि अन्य राज्यों से बड़ी तादाद में प्रवासी श्रमिक लौटे हैं, जिनके लिए रोजगार का इंतजाम करना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है।


'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' की नीति

नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच इन दिनों देशभर में राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी की चर्चा हो रही है। देश के 15 से ज्यादा राज्यों ने राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी को मंजूरी दे दी है. लेकिन सवाल है कि ये क्या है और इसका फायदा आम लोगों को कैसे मिलेगा। जिस तरह मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी करते हैं, वैसे ही अब राशन कार्ड को भी पोर्ट कराया जा सकेगा। मोबाइल पोर्ट में आपका नंबर नहीं बदलता है और आप देशभर में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसी तरह, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा। मतलब ये कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं तो अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल करके दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद सकते हैं।


मान लीजिए कि सुधीर कुमार बिहार का निवासी है और उसका राशन कार्ड भी बिहार का है। वह इस राशन कार्ड के जरिए उत्तर प्रदेश या दिल्ली में भी उचित मूल्य पर सरकारी राशन खरीद सकेगा। मतलब कि किसी भी तरह की सीमा या नियमों का बंधन नहीं होगा। वह देश के किसी भी राज्य में राशन खरीद सकता है। अहम बात ये है कि इसके लिए किसी नए राशन कार्ड की जरूरत नहीं होगी। मतलब ये कि आपके पुराने राशन कार्ड ही इसके लिए मान्य होंगे।


बता दें कि उत्तर प्रदेश और बिहार समेत देश के 17 राज्यों ने राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी को लागू कर दिया है। इसे लागू करने वालों में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, गोवा, झारखंड और त्रिपुरा जैसे राज्य भी शामिल हैं। ये देशभर में 1 जून से लागू हो जाएगा। सरकार ने इसे एक राष्ट्र एक राशन कार्ड का नाम दिया है। इस योजना से सरकार को उम्मीद है कि भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और फर्जी राशन कार्ड नहीं बन पाएगा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार लगभग 75 करोड़ लाभार्थियों को इसके दायरे में लिया गया है जबकि लक्ष्य 81.35 करोड़ का था।


महंगाई राहत की रोक पर पुनर्विचार

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को अलग-अलग पत्र भेजकर भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष जेपी मिश्रा एवं राष्ट्रीय महामंत्री विरेंद्र नामदेव ने महंगाई राहत की रोक पर पुनर्विचार करने की मांग की है। जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि भारत सरकार के द्वारा पेंशनरों को वर्ष में दो बार मिलने वाली महंगाई राहत की राशि पर एक जनवरी 2020 से घोषित चार प्रतिशत महंगाई राहत सहित जून 2021 तक रोक लगा दिया गया है।


जिससे देश भर के केंद्रीय पेंशनधारी परेशान हो गये हैं। केंद्र सरकार द्वारा लिया गया निर्णय राज्य सरकार लागू करती है तो राज्य के हजारों पेंशनर्स प्रभावित होंगे। पेंशनर्स महासंघ के सदस्य देश भर में कोरोना वायरस, महामारी से बचाव के लिए शासन को सहयोग कर रहे हैं। नामदेव ने विज्ञप्ति में बताया कि एक जनवरी 2020 से 30 जून 2020 तक अनेक कर्मचारी एवं अधिकारी सेवानिवृत्त हुए अथवा होंगे। जिसके चलते हर माह डीए का नुकसान एवं दूसरी तरफ सेवानिवृत्ति लाभ में 50 हजार से लेकर 3 लाख रुपये तक का नुकसान सेवानिवृत्ति पेंशनधारियों को उठाना पड़ेगा।


मालगाड़ी से कटकर 15 प्रवासियों की मौत

मालगाड़ी से कटकर पंद्रह प्रवासी श्रमिकों की मौत


महाराष्ट्र के औरंगाबाद के पास हुई घटना


शशि कोन्हेर


मुंबई। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 15 प्रवासी श्रमिकों के मालगाड़ी की चपेट में आकर मौत हो जाने की बेहद दुखद खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि सभी मध्यप्रदेश के थे और वहीं जा रहे थे। यह सभी फैक्ट्री मजदूर थे और जालना से भुसावल पैदल ही जा रहे थे।उन्हें उम्मीद थी कि भुसावल से उन्हें ऐसी कोई ट्रेन (या फिर मालगाड़ी)मिल जाएगी। जो उन्हें उनके गृह प्रदेश मध्यप्रदेश तक ले जाएगी.
पैदल चलते चलते यह सभी काफी थक गए थे। और औरंगाबाद के पास करसाड नामक स्टेशन के पास ये सभी पटरी पर ही सो गए थे। उनका अनुमान था कि लॉक डाउन के कारण पटरी पर कोई ट्रेन नहीं आएगी। लेकिन थके मांदे ये लोग, जब गहरी नींद में थे उसी समय, उसी ट्रैक पर धड़धडाते आई मालगाड़ी, इन सभी के ऊपर से गुजर गई। और 15 प्रवासी श्रमिकों की मौत हो गई। वहीं दो अन्य श्रमिक बुरी तरह घायल हुए हैं।


क्वॉरेंटाइन से भागे 5, झारखंड पहुंचे

 छत्तीसगढ़ के क्वारेंटीन सेंटर से भागकर झारखण्ड पहुंचे 5 मजदूर निकले कोरोना पॉजिटिव,


आशुतोष झा


रांची(झारखंड)। छत्तीसगढ़ के क्वारंटीन सेंटर से भागकर झारखंड पहुंचे 5 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। इनकी जांच रांची मेडिकल कालेज में करायी गयी थी, जहाँ रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ये मजदूर दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ के रास्ते झारखंड जाने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें छत्तीसगढ़ सरकार के निर्देश पर सीमावर्ती जिलों में क्वारंटीन किया गया था। इन 5 लोगों को भी क्वारंटीन सेंटर में ही रखा गया था, लेकिन ये सभी मौका देखकर क्वारंटीन सेंटर से भाग गये थे। ये सभी झारखंड के पलामू के रहने वाले हैं। गुरूवार को पलामू में पांच नये कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है।जानकारी के अनुसार पॉजिटिव पाये गये लोग छत्तीसगढ़ के बैकुंठपुर के कोरिया से वहां पहुंचे थे। इनके बारे में प्रशासन को यह सूचना मिली थी कि सभी छत्तीसगढ़ के क्वारेंटाइन सेंटर से भाग गये हैं। इस सूचना पर सक्रिय होकर प्रशासन ने इन लोगों को पकड़कर इलाज के लिए तुंबागाड़ा के कोविड केयर सेंटर में भर्ती कराया था। इन पांच लोगों को मिलाकर राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या 132 हो गयी है।


इस मामले में पलामू के उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने लोगों से कहा है कि लोग घबराए नहीं, संक्रमित पाये गये लोग यहां किसी बाहरी के संपर्क में नहीं थे।


पत्रकार सुरक्षा को लेकर सीएम को पत्र

बैकुंठपुर, विनीत जायसवाल। पत्रकारों की सुरक्षा व जीवन बीमा के लिए बैकुंठपुर विधायक श्रीमती अंबिका सिंहदेव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। विधायक ने अपने मुख्यमंत्री को प्रेषित अपने पत्र में उल्लेखित किया है कि लाकडाउन के दौरान पत्रकार अपनी जान जोखिम में डालकर समाचारों का संकलन व प्रसारण कर रहे हैं। जिससे उन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा है तथा उनकी जान भी जोखिम में हैं। संक्रमण कॉल में कोरोना से बचाव व रोकथाम में पत्रकारों की प्रमुख भूमिका है, ऐसी स्थिति में मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए पत्रकारों का जीवन बीमा किया जाना आवश्यक है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पत्रकारों के बीमा के संबंध में शीघ्र पहल किए जाने की बात कही है। उल्लेखनीय है कि कोविड 19 कोरोना के संक्रमण काल में भी पत्रकार अपनी जान की परवाह न करते हुए लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर समाचार संकलन में लगे हुए हैं। तथा केंद्र, राज्य व जिला प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों को खबरों के माध्यम से आम जनता तक पहुंचा रहे हैं। कोरोना संक्रमण काल में पत्रकारों को शासन प्रशासन द्वारा ना तो मास्क और ना ही सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया है। जिससे उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।


लाक डाउन के कारण पत्रकारों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई है। कई पत्रकारों ने बताया कि लाकडाउन के चलते उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। मैनेजमेंट द्वारा वेतन भत्तों में कटौती कर दी गई है। तालाबंदी व मंदी के चलते विज्ञापनदाताओं से उन्हें विज्ञापन का भुगतान भी नहीं मिल पा रहा है। जिससे उनके सामने जीवन यापन की विकट समस्या आ खड़ी हुई है। जिसे देखते प्रेस क्लब कोरिया के अध्यक्ष कमलेश शर्मा ने शासन-प्रशासन से आर्थिक पैकेज भी उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 09, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-272 (साल-01)
2. शनिवार, मई 09, 2020
3. शक-1943, ज्येठ, कृष्ण-पक्ष, तिथि- प्रतिपदा, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:50,सूर्यास्त 07:02।


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-36+ डी.सै., तेज हवाएं चलने की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


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यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला

यूपी: गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदला  संदीप मिश्र  लखनऊ। यूपी में गर्मी के चलते स्कूलों का समय बदल गया है। कक्षा एक से लेकर आठ तक के स्कू...