गुरुवार, 7 मई 2020

चंद्र- सूर्य ग्रहण दोनों होगें एक साथ

नई दिल्ली। हिंदू धर्म के अनुसार ग्रहण लगना एक घटना मानी जाती है, जिसका अपना ज्योतिषीय महत्व भी है। इस साल 2020 में कुल 6 ग्रहण लग रहे हैं, जिनमें से एक ग्रहण 10 जनवरी को लग चुका है, जो एक चंद्रग्रहण था और अब दूसरा ग्रहण 5 जून को लगेगा। पांच जून को जो ग्रहण लगेगा वो भी चंद्रग्रहण होगा। साल जून महीने में ही चंद्र और सूर्य दोनों ही ग्रहण लग रहा है। सूर्य ग्रहण साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा, जहां विज्ञान की दृष्टि में ग्रहण का अपना अलग महत्व बताया गया है, उसी तरह ज्योतिष के अनुसार भी ग्रहण का एक अलग ही महत्व हैं। ग्रहण का असर सभी लोगों पर पड़ता है।


चन्द्र ग्रहण क्या होता हैः चन्द्रग्रहण उस घटना को कहते हैं जब चन्द्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की पूर्ण या आंशिक छाया चांद पर पड़ती है। इससे चांद बिंब काला पड़ जाता हैं। सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से देखने पर नुकसान पहुंच सकता है, लेकिन चन्द्र ग्रहण को नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है। इसे देखने के लिए किसी तरह के चश्मे की जरुरत नहीं पड़ती।


क्या होता है उपछाया चंद्र ग्रहणः ग्रहण लगने से पहले चंद्रमा पृथ्वी की उपछाया में प्रवेश करती है, जिसे चंद्र मालिन्य कहते हैं, इसके बाद चांद पृथ्वी की वास्तविक छाया भूभा (Umbra) में प्रवेश करता है। जब ऐसा होता है तब वास्तविक ग्रहण होता है, लेकिन कई बार चंद्रमा उपछाया में प्रवेश करके उपछाया शंकु से ही बाहर निकल कर आ जाता है और भूभा में प्रवेश नहीं करता है, इसलिए उपछाया के समय चंद्रमा का बिंब केवल धुंधला पड़ता है, काला नहीं होता है। इस धुंधलापन को सामान्य रूप से देखा भी नहीं जा सकता है। इसलिए चंद्र मालिन्य मात्र होने की वजह से ही इसे उपछाया चंद्र ग्रहण कहते हैं ना कि चंद्र ग्रहण।


जर्मनी में 7,000 लोगों की जानें गई

बर्लिन। जर्मनी के पड़ोसी देशों इटली और फ्रांस में कोरोना ने बड़ा कहर बरपाया। लेकिन जर्मनी ने इस महामारी के असर को कम कर दिया है। जर्मनी के 80 प्रतिशत कोरोना वायरस के मरीज ठीक हो चुके हैं। यहां करीब 7,000 लोगों की जान गई है।


जर्मनी में कोरोना वायरस का पहला मरीज म्यूनिख शहर के बाहरी इलाके में मिला था. इस मरीज के सामने आने पर सरकार ने जो कदम उठाए वो पूरे देश में आए 1 लाख 60 हजार से ज्यादा पॉजिटिव मामलों के लिए एक मानक प्रक्रिया बन गई। टेस्ट, आइसोलेट और ट्रेस यानी जांच, मरीज को अलग करना और उसके संपर्कों की जांच करना। इस विकेंद्रीकृत लेकिन व्यापक तरीके से जर्मनी ने अपने यहां मृत्युदर को इतना कम रखने में सफलता पाई. इसके लिए जर्मनी की अंतरराष्ट्रीय मीडिया में तारीफ हो रही है। जर्मनी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कोरोना के प्रकोप के दौरान किसी भी समय जर्मनी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर जरूरत से ज्यादा बोझ नहीं आया। इसके लिए जर्मनी ने खास रणनीति से काम किया जो काम आई। पहले मामले के सामने आने के दो दिन बाद 29 जनवरी को जर्मन स्वास्थ्य मंत्री जेंस स्पान ने कहा था,"हम अलर्ट पर हैं और एकदम तैयार हैं। हम लगातार यूरोपीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ-साथ अपने राज्यों के भी लगातार संपर्क में हैं। एक नए तरह का नॉर्मलः फरवरी में धीरे-धीरे जिंदगी बदलने लगी। तब तक अधिकतर संक्रमित मामले विदेशों से लौटकर आ रहे लोगों में ही सामने आ रहे थे। यहां पर चीन की तरह लॉकडाउन करना अकल्पनीय लग रहा था। विशेषज्ञों का मानना था कि एक लोकतंत्र में इस तरह के कदम उठाना मुश्किल होगा।बिजनेस और सीमाओं को खुला रखा गया। फरवरी के मध्य में बर्लिन में अंतरराष्ट्रीय बर्लिन फिल्म महोत्सव हुआ जहां पर दूसरे देशों से बड़ी संख्या में लोग आए। वहां पर सैकड़ों फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई और कई पार्टियां भी चलीं।


रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट फॉर पब्लिक हेल्थ ने तब कहा कि जर्मनी के लिए खतरे का स्तर कम है। संस्थान के निदेश लोथर विलेर ने 24 फरवरी को कहा था कि कोरोना वायरस जर्मनी में आएगा लेकिन यहां इसका विस्फोट नहीं होगा बल्कि ये धीरे-धीरे फैलेगा और कुछ इलाकों तक ही सीमित रहेगा। लेकिन मार्च के आते ही यह बदलने लगा। रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट ने खतरे के स्तर को कम से बढ़ाकर मध्यम कर दिया। इसके बाद कई सारे बड़े आयोजनों को रद्द करना शुरू किया गया। सबसे पहले बर्लिन इंटरनेशनल ट्रेवल ट्रेड शो को रद्द किया गया।


बर्लिन के शेरिटे टीचिंग हॉस्पिटल के मुख्य चिकित्साः अधिकारी उलरिष फ्रेई ने बताया कि बर्लिन का पहला कोरोना वायरस का मामला इत्तेफाक से पहचान में आया।इस विश्व प्रसिद्ध अस्पताल ने दुनिया में सबसे पहले कोरोना वायरस का डायग्नोस्टिक टेस्ट विकसित किया। इसके बाद तय किया गया कि हर फ्लू जैसे लक्षण वाले वयक्ति का टेस्ट किया जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो शायद यहां पर भी इटली जैसा हाल हो सकता था जहां हजारों लोगों की मौत हो गई। इतनी सावधानी के बावजूद इस अस्पताल को अपनी आपातकालीन सुविधा को बंद करना पड़ा और अपने स्टाफ के कई लोगों को सावधानी के तौर पर घर भेज दिया।


मैर्केल बोलीं और सब सतर्क हो गएः 11 मार्च को जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने कोरोना वायरस के मामले पर अपनी बात रखी। 11 मार्च को ही डब्ल्यूएचओ ने कोविड-19 को एक वैश्विक महामारी घोषित किया था।मैर्केल ने कहा कि जर्मनी की 60 से 70 प्रतिशत आबादी कोरोना वायरस की चपेट में आ सकती है। यह कोई मनमाना आंकड़ा नहीं था। बॉन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने अपनी रिसर्च में ये आंकड़ा दिया था। इस रिसर्च में कहा गया कि कोरोना वायरस के मरीजों का आंकड़ा आधिकारिक संख्या से 10 गुना ज्यादा हो सकता है। हालांकि यह सुनने में थोड़ा अजीब था। इस आंकड़े के लिए मैर्केल की आलोचना भी हुई। हालांकि कई लोगों ने उनकी स्पष्टवादिता के लिए उनकी तारीफ की। इसके बाद धीरे-धीरे चीजें बदलनी शुरू हो गईं. स्कूल और सीमाएं बंद कर दी गईं। सामान्य जनजीवन असाधारण रूप से धीमा होने लगा। मैर्केल ने 18 मार्च को देश के नाम संबोधन दिया। ये सामान्य बात नहीं थी क्योंकि मैर्केल इस तरह देश के संबोधन नहीं देती हैं। उन्होंने इस महामारी को दूसरे विश्वयुद्ध के बाद की सबसे बड़ी चुनौती बताया. अत्याचार और उथल-पुथल के इतिहास वाले देश में ये बात बड़ी महत्वपूर्ण थी। इसका मकसद लोगों के बीच डर पैदा करने की बजाय सोशल डिस्टैंसिंग के नियमों का पालन करने की अपील थी। जर्मन सरकार द्वारा उठाए गए इन कदमों के बाद आए ओपिनियन पोल में उनकी रेटिंग बढ़ने लगी। पिछले कुछ महीनों से मैर्केल और उनकी पार्टी की लोकप्रियता में लगातार कमी आ रही थी। लेकिन अब नए ओपिनियन पोल में मैर्केल की लोकप्रियता 80 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई।जर्मनी के बाहर के कई विश्लेषकों ने भी मैर्केल की प्रशंसा की। उन्होंने मैर्केल को जर्मनी की 'सांइटिस्ट इन चीफ' कहा। उनका मानना था कि जर्मनी ने राजनीतिक तौर भी गलत कदम नहीं उठाए और भरोसे की कमी नहीं आने दी जैसा अमेरिका और ब्रिटेन में हुआ। वहां पर मौत की दर जर्मनी से चार गुना है।


हालांकि कई लोग कम आशावादी रहे हैं। वो जर्मनी की सफलता को अच्छी किस्मत और ठीक समय पर उठाए गए कदमों का परिणाम बताती है। हालांकि बाद में मौत की दर थोड़ी बढ़ी क्योंकि यह वायरस कुछ नर्सिंग होम में फैल गया। कुल मौतों में से लगभग हर तीसरी मौत इन नर्सिंग होम में हुई है। रॉबर्ट कोच संस्थान के मुताबिक 70 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में मौत की दर 87 प्रतिशत से अधिक है लेकिन इनमें मिले मामलों की संख्या महज 19 प्रतिशत है।


जर्मन स्वास्थ्य मंत्री येंस श्पान बार बार कहते रहे हैं कि हम विनम्र हैं लेकिन अतिआत्मविश्वासी नहीं हैं। हांलांकि वो जर्मनी में बड़े पैमाने पर हुई टेस्टिंग के बारे में भी बताते हैं।टेस्टिंग बड़े पैमाने पर हुई है लेकिन ये इतनी आक्रामक नहीं है जितनी प्रथमदृष्टया दिखाई देती है। जर्मनी ने प्रति व्यक्ति इटली के लगभग बराबर ही टेस्ट किए हैं। जर्मनी ने अपनी क्षमता से आधे ही टेस्ट हर सप्ताह किए हैं। जर्मनी की प्रयोगशालाओं का कहना है कि वे अपनी टेस्टिंग की क्षमता हर सप्ताह 8,60,000 तक करने जा रहे हैं। हालांकि रॉबर्ट कॉख इंस्टीट्यूट का मानना है कि जर्मनी की क्षमता 10 लाख प्रति सप्ताह होनी चाहिए।


अभी भी सांस अटकी हुई हैः इस महामारी को रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियां अलग-अलग समय पर कई दिनों में लागू की गईं। इस बीमारी को फैलने के लिए यह पर्याप्त समय था। इनको लागू भी अलग-अलग तरीके से किया क्योंकि जर्मनी के संवैधानिक ढांचे की वजह एक साथ इन सभी निर्देशों को सभी 16 राज्यों पर लागू करना आसान भी नहीं था।


जर्मनी में अप्रैल का महीना अधिकतर लोगों का घर में बैठकर ही बीता है। अब इन पाबंदियों को एक-एक कर हटाया जा रहा है। सभी राज्यों ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना जरूरी कर दिया है। कई राज्य और भी फैसले ले रहे हैं। कई जगह पर दुकान के आकार के हिसाब से दुकान खोलने की अनुमति दी है। हालांकि अदालत ने इस अनुमति को भेदभावपूर्ण बताया है। जर्मनी के प्रमुख वायरलोजिस्ट क्रिश्टियान ड्रोस्टेन ने गार्डियन से कहा, "जर्मनी को फिर से खोलने की योजना की अलग-अलग व्याख्याएं की जा सकती हैं। हमें चिंता है कि कहीं इससे वायरस के फिर से फैलने की दर ना बढ़ जाए और हमें कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना ना करना पड़ जाए।


जर्मनी में संक्रमण फैलने की दर अभी एक के नीचे हैं।संक्रमण की दर से ही पता चलता है कि वायरस कितनी तेजी से फैलता है। ड्रोस्टेन जैसे स्वास्थ्य विशेषज्ञ चाहते हैं कि ये इसके भी कम हो जाए। जर्मनी फिर से सामान्य हालात की ओर बढ़ तो रहा है लेकिन अभी भी लोगों की सांसें अटकी हुई हैं क्योंकि किसी को नहीं पता कि आगे क्या होगा।


अमेरिका में स्मार्टफोन की बिक्री घटी

अमेरिका में पहली तिमाही में स्मार्टफोन की बिक्री 21 फीसदी घटी


वाशिंगटन। कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद दुकानें बंद होने और लोगों के उनके घरों तक ही सीमित रहने के कारण अमेरिका में 2020 की पहली तिमाही के दौरान स्मार्टफोन की बिक्री में 21 फीसदी की कमी आई है। काउंटरप्वाइंट रिसर्च की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई हैं। इस अवधि के दौरान साल दर साल होने वाली बिक्री को देखें तो एप्पल ने केवल 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है, जबकि अधिकांश अन्य निमार्ताओं की बिक्री में अधिक गिरावट आई है।


अनुसंधान विश्लेषक मौरिस कालेहने ने एक बयान में कहा है कि सैमसंग ने इस दौरान 23 फीसदी की गिरावट दर्ज की है।उन्होंने कहा कि गैलेक्सी ए-सीरीज सैमसंग के लिए बेहतर बनी रही है और गैलेक्सी एस-20 सीरीज की कोविड-19 के बाद लागू हुए बंद के कारण कमजोर शुरुआत रही। हालांकि वनप्लस ने इस तिमाही में सालाना आधार पर दो प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है।


अमेरिका में 2, 528 पीड़ितों की मौत

वाशिंगटन। अमेरिका में कोरोना की आफत थम नहीं रही है। कोविड-19 से यहां हर दिन औसतन 2000 लोगों की मौतें हो रही हैं।बुधवार को 25,459 नए केस सामने आए और 2,528 कोरोना पीड़ितों की मौत हो गई। पूरी दुनिया के करीब एक तिहाई कोरोना मरीज अमेरिका में ही हैं। यहां करीब 13 लाख लोग कोरोना से प्रभावित हो चुके हैं। न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी, कैलिफॉर्निया में सबसे ज्यादा मामले देखने को मिल रहे है।


अमेरिका में अबतक 74,799 लोगों की मौतः वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, अमेरिका में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या गुरुवार सुबह तक बढ़कर 12 लाख 63 हजार 092 हो गई. वहीं कुल 74,799 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि दो लाख 12 हजार लोग ठीक भी हुए हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सबसे ज्यादा 333,491 केस सामने आए हैं। सिर्फ न्यूयॉर्क में ही 25,956 लोग मारे गए हैं। इसके बाद न्यू जर्सी में 133,059 कोरोना मरीजों में से 8,572 लोगों की मौत हुई. इसके अलावा मैसाचुसेट्स, इलिनॉयस भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।


चीन में मरीजों की संख्या-967 हुई

चीन में संक्रमण के 22 नए मामले


सिंगापुर/ बीजिंग। चीन में संक्रमण के 22 नए मामले सामने आए हैं। इसमें 20 वह मरीज भी शामिल हैं, जिनमें फिलहाल लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। इस तरह देश में ऐसे मरीजों की संख्या 967 हो गई है। नेशनल हेल्थ कमीशन के मुताबिक, घरेलू संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। शांक्सी प्रांत में विदेश से आए दो लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। मंगलवार को भी देश में संक्रमण से किसी की मौत नहीं हुई।


सिंगापुर में संक्रमण के 788 नए मामलेः पिछले चौबीस घंटे के दौरान सिंगापुर में संक्रमण के 788 नए मामले सामने आए। इस तरह देश में संक्रमित मरीजों की संख्या 20,198 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अधिकांश संक्रमित मामले विदेशी कामगारों की डॉरमिट्री से संबंधित हैं। केवल 11 मरीज ऐसे हैं, जो सिंगापुर के नागरिक हैं।


तेजस्वी क्लास अटेंड करें, गणित सीखें

पटना। बिहार में कोरोना संक्रमण से प्रभावित लोगों के लिए चलाए जा रहे राहत के बीच सियासी तकरार के बीच जेडीयू ने तेजस्वी यादव को बड़ा ऑफर दिया है। ऑफर भी ऐसा जिसे सुन कोई भी थोड़ी देर के लिए हैरत में पड़ जाए। दरअसल जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने तेजस्वी यादव से आग्रह किया है कि वे बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन स्टडी क्लास ज्वाइन कर लें जिससे उनका गणित ठीक हो जाएगा।


जेडीयू प्रवक्ता ने कही ये बात


जेडीयू प्रवक्ता ने कहा, तेजस्वी यादव जी, आपकी पढ़ाई को लेकर हमेशा से सवाल उठते रहे हैं। आपने अभी तक मैट्रिक की परीक्षा भी पास नहीं की है। आप बिहार के नेता प्रतिपक्ष हैं इसलिए आपका शिक्षित होना बेहद ज़रूरी है। तभी तो आप सही आंकड़े और तथ्य के साथ सत्तापक्ष पर आरोप लगा सकते हैं।


उन्होंने आगे कहा, तेजस्वी जी, कभी आप बिहार के बाहर रहने वाले मजदूरों के आंकड़े गलत देते हैं तो कभी ट्रेनों की संख्या गलत देते हैं। आपकी गणित काफी कमजोर है। आप जैसे लोगों के लिए ही हमारी सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की है. किताब भी अपलोड कर दिया गया है। आप तो लॉकडाउन में घर पर आराम कर रहे हैं। इसका फायदा उठाते हुए मैट्रिक की पढ़ाई पूरी कर लें।


तेजस्वी के दिए आंकड़ों पर उठे थे सवाल


बता दें कि तेजस्वी यादव को ये ऑफ़र जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने तब भेजा है जब तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर ये कह के हमला बोला है की देश में ट्रेनों की संख्या ज़्यादा हैं तो ज़्यादा से ज़्यादा ट्रेन चला कर अप्रवासी बिहारी मजदूरों को बिहार लाया जाए। इसमें तेजस्वी यादव में ट्रेनो का जो आंकड़ा दिया है उसी पर निखिल मंडल ने सवाल उठाते हुए चुटकी लेते हमला बोला है।


दरअसल तेजस्वी यादव ने ट्रेनों की संख्या 12000 बताई है जबकि निखिल मंडल ने रेलवे का आंकड़ा देकर कहा कि ट्रेनों की संख्या 20000 के आसपास है। इसके पहले भी तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बिहारी कामगारों का जो आंकड़ा पेश किया था उसमें चार तरह के आंकड़े दिए गए थे। इस पर भी जेडीयू ने पलटवार किया था।


आरजेडी ने जेडीयू पर किया पलटवार


बहरहाल जेडीयू के ऑफर पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा, नीतीश जी इंजीनियर हैं। सुशील मोदी जी के साथ साथ बिहार सरकार के कई मंत्री भी काफी पढ़े- लिखे हैं। लेकिन, इन सब के बावजूद बिहार की जनता का ना तो दर्द समझ पा रहे हैं और ना ही बिहार का विकास. हमारे तेजस्वी जी जनता के दिल की पढ़ाई करते हैं। जेडीयू नेताओं जैसे स्वार्थ की पढ़ाई नहीं।


अभी चलता रहेगा सियासी वार-पलटवार


उन्होंने कहा कि तेजस्वी जी के उठाए सवाल का कोई जवाब नहीं मिल रहा है तो जेडीयू और बीजेपी के नेताओ को तो बात को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, बिहार की जनता सब देख रही है. बहरहाल कोरोंना संक्रमण के बीच भी बिहार में सियासी तापमान लगातार गर्म होता जा रहा है और ऐसी बयानबाजियों का सिलसिला अभी लंबा चलने वाला है।


एक परिवार के तीन सदस्यों की हत्या

बृजेश केसरवानी


प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या का मामला सामने आया है। मृतकों में दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। जैसे ही गुरुवार सुबह ग्रामीणों को इसकी जानकारी मिली, गांव में सनसनी फैल गई। वहीं एक ही परिवार के तीन सदस्यों की हत्या से गांव में दहशत का माहौल है। फिलहाल सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


पुलिस के मुताबित, जिले के मांडा थाना क्षेत्र के आंधी गांव निवासी नंदलाल यादव के घर में बुधवार-गुरुवार की दरम्यानी रात यह हत्या हुई है। मरने वालों में घर के मुखिया नंदलाल यादव, छबीला देवी और राज दुलारी शामिल हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस फोरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वायड की टीम की मदद से घटनास्थल की जांच कर रही है।


426 डॉक्टरों को किया बर्खास्त

लंबे समय से गायब चल रहे 426 डॉक्टरों को सरकार ने किया बर्खास्त, जल्द होगी 647 की भर्ती


नई दिल्ली। सरकार ने लंबे समय से गायब चल रहे 426 डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया है। बुधवार को स्वास्थ्य सचिव की ओर से इसके आदेश किए गए। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बुधवार को सचिवालय में बताया कि लोक सेवा चयन आयोग से चयन के बाद राज्य के 385 डॉक्टरों ने ज्वाइन ही नहीं किया। वर्ष 2010 से 2016 के बीच आयोग की ओर से इन डॉक्टरों का चयन किया गया था। लेकिन शासन की ओर से नियुक्ति देने के बाद ये डॉक्टर एक दिन भी तैनाती स्थल पर नहीं पहुंचे। इसके अलावा 41 ऐसे डॉक्टरों को भी बर्खास्त किया गया है जिन्होंने आयोग से चयन के बाद एक बार ज्वाइनिंग तो दी लेकिन फिर गायब हो गए। मुख्य सचिव ने बताया कि इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया है। इससे राज्य में नए डॉक्टरों की भर्ती का रास्ता साफ होगा और राज्य में खाली चल रहे डॉक्टरों के सभी पदों को भरा जा सकेगा।


647 डॉक्टरों की भर्ती जल्द


मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि 426 डॉक्टरों को बर्खास्त करने के साथ सरकार ने 647 डॉक्टरों की भर्ती करने का निर्णय लिया है। इसमें से 467 पदों पर भर्ती का प्रस्ताव जल्द उत्तराखंड चिकित्सा चयन बोर्ड को भेजा जाएगा। इसके साथ ही सरकार 180 डॉक्टरों के पदों को पुनर्जीवित करने जा रही है। इस तरह कुल मिलाकर राज्य में 647 पदों पर नए डॉक्टरों की तैनाती हो सकेगी।


एक थाने के 26 पुलिसकर्मी संक्रमित

मुंबई। महाराष्ट्र में एक ही पुलिस थाने के 12 पुलिस अधिकारियों समेत 26 पुलिसकर्मी कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि 12 अधिकारियों समेत ये पुलिसकर्मी दक्षिण मुंबई के जे जे मार्ग पुलिस थाने में तैनात हैं। इन संक्रमित पुलिसकर्मियों के संपर्क में आने वाले सभी कर्मचारियों को आइसोलेशन में भेजने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि इतने सारे संक्रमण के मामलों को देखते हुए लगता है कि जे जे मार्ग पुलिस थाना शहर में संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित थाना है।


अब तक मुंबई में अधिकारियों समेत कुल 233 पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं जिनमें से 3 पुलिसकर्मियों की संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। उधर पूर्वी मुंबई के कुर्ला में बुधवार को दो पुलिस कांस्टेबल कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे। अधिकारियों ने बताया कि कुर्ला पुलिस थाने के इन कांस्टेबलों की जांच रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई और उन दोनों को आइसोलेशन में रखा गया है। उन्होंने बताया कि दोनों पुलिसकर्मियों की उम्र 40-50 वर्ष के करीब है और उनमें से एक ऐरोली में रहता है, जबकि दूसरा नेहरू नगर की पुलिस कॉलोनी में रहता है।


मुंबई में बढ़ रही संक्रमितों की संख्या


मुंबई में बुधवार को संक्रमितों की संख्या 10 हजार के पार पहुंच गई। यहां 24 घंटे में 769 नए केस सामने आए जिसके बाद शहर में संक्रमितों की संख्या 10,567 हो गई। मुंबई में एक दिन में 25 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद कोविड-19 से दम तोड़ने वालों की संख्या 412 हो गई। एक दिन में 159 लोगों के ठीक होने के बाद कोरोना वायरस से मुक्त होने वालों का आंकड़ा 2287 बढ़कर ठीक हो गया है। शहर में बुधवार को 443 कोरोना संदिग्धों को भर्ती किया गया है।


राज्य में संक्रमितों की संख्या 17 हजार के करीब


पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में कोविड-19 के एक दिन में सबसे अधिक 1,233 नये मामले सामने आए जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 16,758 हो गए. राज्य में 34 मौतें होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 651 हो गई।


प्रेमी की हत्या कर, किया समर्पण

शादी से इंकार करने पर नाबालिग प्रेमिका ने प्रेमी की हत्या कर थाने में किया सरेंडर


कविता गर्ग


रांची। झारखंड की राजधानी रांची में एक लव स्टोरी, हेट स्टोरी बनकर सामने आई। नाबालिग प्रेमिका ने अपने ही प्रेमी की पहले हत्या की और फिर थाने पहुंचकर पुलिस के सामने अपराध कबूल कर सरेंडर कर दिया। दो साल के प्यार के बाद प्रेमी शादी से इनकार कर रहा था, इसलिए प्रेमिका ने यह खौफनाक रास्ता अपनाया. घटना बेड़ो थानाक्षेत्र की है।


जानकारी के मुताबिक, शादी से इनकार की बातकर सुनकर नाबालिग प्रेमिका के सिर पर ऐसा खून सवार हुआ कि उसने प्रेमी की हत्या कर दी। महज 2 साल के प्रेम में 16 साल की नाबालिग युवती को प्रेमी के लिए कदर गुस्सा फूटा कि वह प्रेमी के लिए विलेन बन गई। आरोपी प्रेमिका ने प्रेमी के सिर पर रॉड से इतना जोर से प्रहार किया कि प्रेमी की मौके पर मौत हो गई। हत्या के बाद नाबालिग युवती बेखौफ थाने पहुंची और हत्या करने की बात स्वीकार कर पुलिस को पूरी कहानी बताई। घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।


एक महीना पहले युवक से हुई थी मारपीट


बेड़ो थानाक्षेत्र के टेरो चटकपुर गांव में सचिन गोप नामक 22 वर्षीय युवक के साथ नाबालिग का पिछले दो वर्षों से प्रेम प्रसंग चल रहा था, लेकिन युवक शादी से इनकार कर रहा था। इसी वजह से प्रेमिका ने गुस्से में आकर इस घटना को अंजाम दिया। युवक का शव गांव के ही एक पुराने मकान में मिला। घटना से गांव के लोग भी सकते में हैं. जानकारी के मुताबिक, युवती के परिजनों ने करीब महीनेभर पहले युवक के साथ मारपीट भी की थी। उस मामले में युवक के पिता ने प्रेमिका सहित उसके घरवालों को पर बेड़ो थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।


स्टेप बाय स्टेप हटाया जाए लॉक डाउन

जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख ने दुनिया के देशों का आगह कर कहा है कि यदि लॉकडाउन को सही तरीके से नहीं हटाया गया, तो इससे मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 


डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेडोस अधनोम घेब्रेयसस ने चेताते हुए कहा कि अधिकतर देश कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर अपने यहां लागू तथाकथित लॉकडाउन प्रतिबंधों को कम करने पर विचार कर रहे हैं, लेकिन उन्हें चाहिए कि वे लॉकडाउन से बाहर निकलने के उपाय बेहद सावधानी से करें। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार को जिनेवा में हुई एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके हवाले से कहा, "यदि देशों द्वारा संक्रमण का प्रबंधन बेहद सावधानी और चरणबद्ध तरीके से नहीं किया गया, तो ऐसी स्थिति में लॉकडाउन में पुन: लौटने का जोखिम वास्तविक रूप से बना हुआ है।"


डब्ल्यूएचओ ने छह मापदंडों पर विचार करने के लिए सभी देशों से सिफारिश की है, जिन्हें उन्होंने दोहराया। सख्त निगरानी, आइसोलेशन, प्रत्येक मामले में टेस्टिंग कर उपचार करना, हर संपर्क को ट्रेस करना, वर्कप्लेस व स्कूलों में पर्याप्त निवारक उपाय अपनाना और पोस्ट लॉकडाउन के नए मानदंड पर जनता का पूर्ण सहयोग प्राप्त करना इसमें शामिल है। विश्व स्वास्थ संगठन प्रमुख ने कहा कि डब्ल्यूएचओ को मिली रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 2 लाख 50 हजार लोगों की मौत सहित कोविड-19 संक्रमण के अब तक 35 लाख से अधिक मामले देखने को मिले हैं।


उन्होंने कहा कि अप्रैल माह की शुरुआत के बाद से प्रत्येक दिन औसतन 80 हजार के लगभग मामले आ रहे हैं। ट्रेडोस ने कहा, "ये सिर्फ संख्या नहीं हैं.. हर एक मामले में एक मां-बाप, बेटा-बेटी, भाई-बहन या दोस्त शामिल हैं।"


संक्रमण से मुक्त, पहला संक्रमित राज्य

अनिल सिन्हा 
नई दिल्ली। आज तीसरा दिन है। केरल में एक भी नया कोरोना केस नहीं आया। वहां 502 मरीज मिले थे। तीस को छोड़कर सभी ठीक होकर घर जा चुके हैं। चार लोगों की मौत हो गयी। केरल में 30 जनवरी को पहला केस आया था। उसके बाद वहां की सरकार सक्रिय हो गयी। 12 मार्च को ही आंशिक लॉकडाउन शुरू कर दिया गया और फिर पूरा लॉकडाउन। मुख्यमंत्री विजयन रोज प्रेस कांफ्रेंस करते हैं। लूडो नहीं खेलते हैं और टीवी सीरियल नहीं देखते हैं! स्वास्थ्य मंत्री शैलजा ने रात-दिन एक कर रखा है। राज्य सरकार बीपीएल और एपीएल सभी को राशन दे रही है। सैंकड़ों सामुदायिक भोजनालय चल रहे हैं। घर में जो राशन किट भेजा जा रहा है-उसमें 17 चीजें हैं, सिर्फ चावल दाल नहीं। प्रवासी मजदूरों की हालत भी जान लें।


उन्हें गेस्ट वर्कर्स का दर्जा पहले से मिला है। उनके लिए कैम्प्स बना दिए गए हैं जहाँ खाना-पीना और दवा का पूरा इंतजाम। हाँ, जो जाना चाहें, उनके जाने का इंतजाम भी कर रहे हैं। देश से बाहर के भारतीयों को 64 हवाई जहाज में वापस लाया जा रहा है। इसमें से 15 हवाई जहाज केरल में उतरने वाले हैं। उतरनेवालों को क्वॉरंटीन करने के लिए 3 लाख बेड का इंतजाम कर दिया गया है। मीडिया में पॉजिटिव ख़बरों के नाम पर आप फूलों की वर्षा और कोरोना गीत गाते सिपाही को देखते रहिए ; पूरा हिंदुस्तान अपनी ताकत से कोरोना से लड़ रहा है, लेकिन आप इससे अनजान रहेंगे!


 


स्पेनः 24 मई तक आपातकाल बढ़ाया

स्पेन ने 24 मई तक बढ़ाया आपातकाल


मैड्रिड। स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कोरोना से पैदा हुए हालात से निपटने के लिए देश में जारी आपातकाल को 24 मई तक बढ़ा दिया है। हालांकि, सरकार ने यह फैसला पहले ही ले लिया था। बुधवार को संसद में इस पर वोटिंग हुई। आपातकाल बढ़ाने के प्रस्ताव के पक्ष में 178 मत पड़े जबकि विरोध में 75। 97 सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया। आपातकाल के चलते कोरोना से मरने वालों की संख्या बहुत हद तक काबू में आ गई है। इस महामारी के चरम पर रोजाना एक हजार से ज्यादा मौतें हो रही थी, जो बुधवार को घटकर 244 पर आ गई है। अब तक 25,857 की मौत हो चुकी है और 2,53,682 लोग संक्रमित हुए हैं।


मृतक -1785, संक्रमित-52,952

नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार को कोरोना मरीजों की संख्या 52,952  करीब पहुंच गई। वहीं इस संक्रमण से अब तक 1785 मरीजों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटो में 3,159 मामले सामने आए हैं और 92 मरीजों की इस संक्रमण से मौत हुई हैं। देश में इस समय कुल 52559  कोरोना से संक्रमित मरीज हैं। इसमें से 35,517 एक्टिव मरीज़ हैं, यानी वो मरीज जिनका इलाज चल रहा है। वहीं, इस संक्रमण से लोग ठीक भी हो रहे हैं। अब तक 15,257 मरीज ठीक हुए हैं। यानी रिकवरी रेट 28.71% है। बुधवार तक भारत में 12,76,781 लोगों का कोविड-19 का टेस्ट हुआ, जिसमें से 3.86% मरीज यानी 49,391 लोग पॉजिटिव आए हैं। यानी भारत में साढ़े 12 लाख टेस्ट होने के बाद भी सिर्फ 3.86 फीसदी ही मरीज है, जोकि दुनिया के बाकी देश की तुलना में काफी बेहतर हैैंं। सबसे ज्यादा मरीज और मौत के आंकड़े महाराष्ट्र और गुजरात से आ रहे हैं।इसलिए आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक की।बैठक में केंद्र से मदद का आश्वासन भी दिया. लोग सही समय पर अपनी तकलीफ रिपोर्ट करें, इसपर सरकार को जोर देने को कहा है।


ब्रिटेनः एक दिन में 649 लोगों की मौत 

ब्रिटेन में एक दिन में 649 की मौत 


लंदन। बुधवार को ब्रिटेन में और 649 लोगों की जान चली गई। ब्रिटेन में अब तक 30,076 लोगों की मौत हुई है जो यूरोप के किसी भी देश में कोरोना से हुई सबसे ज्यादा मौत है। ब्रिटेन के बाद इटली में 29,684 लोगों की मौत हुई है। पिछले चौबीस घंटे में इटली में 369 लोगों की जान गई है। संक्रमितों की संख्या भी बढ़कर दो लाख 14 हजार से अधिक हो गई है। फ्रांस में भी बुधवार को 278 लोगों की मौत हुई और मरने वालों का आंकड़ा 25,809 पर पहुंच गया।


अमेरिका में होंगी हजारों मौतेंः अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने खुलासा किया है कि न्यूयॉर्क को छोड़कर देश के जिन क्षेत्रों में लॉकडाउन से छूट दी जा रही है वहां कोरोना वायरस के मामलों की दर बढ़ रही है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि लॉकडाउन से छूट को नहीं रोका गया और संक्रमण की दर धीमी नहीं हुई तो आने वाले समय में हजारों लोगों की मौत हो सकती है। जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के अनुसार, अमेरिका में अब भी रोजाना बीस हजार से ज्यादा संक्रमित सामने आ रहे हैं जबकि एक हजार से ज्यादा मौतें हो रही हैं।


दुनियाभर में 2,62,376 लोगों की मौत

कोरोना वायरस (कोविड-19) से जूझ रहे देशों में संक्रमण से मौतों का स‍िलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। दुनियाभर में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से 37 लाख 92 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं जबकि 2,62,376 लोगों की मौत हो गई है। हालांकि 1,197,313 लोग संक्रमण से ठीक भी हुए हैं। यही नहीं समाचार एजेंसी रॉयटर की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 90,000 स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारी कोरोना संक्रमण के शिकार हुए हैं। इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ नर्सेज ICN) ने बताया है कि इस जानलेवा वायरस ने दुनियाभर में 260 से ज्‍यादा नर्सों की जान ली है।


वायरस को रोक दिया जाएगाः इटली

रोम। कोरोना से सबसे प्रभावित देशों में से एक इटली ने कहा है कि उसने कोरोना की वैक्सीन बना ली है और जल्दी ही कोरोनावायरस को रोक दिया जायेगा। साइंस टाइम्स की रिपोर्ट के हवाले से इटली सरकार ने बताया कि हमारे वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना के एंटी बॉडी ढूंढ़ लिया गया है। जल्द ही इसको हम उपयोग में लायेंगे। बता दें कि इटली में कोरोनावायरस से अब तक तकरीबन 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।


रोम के लजारो स्पालनजानी नैशनल इंस्टिट्यूट फॉरः इन्फेक्शन डिजिज के शोधकर्ताओं ने अखबार को बताया कि एंटी बॉडी को पहले चूहे पर उपयोग किया गया उसके बाद मनुष्य पर। दोनों पर एंटी बॉडी का प्रयोग सफल रहा. वैज्ञानिकों ने बताया कि जब इसका इस्तेमाल इंसानों पर किया गया तो देखा गया कि इसने कोशिका में मौजूद वायरस को खत्म कर दिया है।


इजरायल का दावा- कोरोना वैक्सीन बनाने को लेकर इजरायल भी दावा कर चुका है। इजरायल के रक्षामंत्री नैफताली बेन्नेट ने दावा किया कि हमने वैक्सीन बना ली है, जल्द ही बड़ी मात्रा में इसका उत्पादन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा है कि इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च (IIBR) ने कोरोना वायरस की एंटीबॉडी विकसित करने में सफलता हासिल कर लिया है। चीन और रूस भी कतार में- कोरोनावायरस का पहला केस चीन के वुहान शहर में मिला था। इसके बाद यह वायरस पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले ली है। हालांकि वैक्सीन बनाने को लेकर चीन भी खुद को काफी आगे बता रहा हैं। वहीं रूस ने कहा है कि जून तक वो यह वैक्सीन बना लेगा।


रेमेड्सवियर दवा की खोज- इससे पहले अमेरिका के शिकागो विवि ने कोरोना दवा खोजने की बात कही थी।शिकागो मेडिकल सेंटर गिलीड साइंसेज ने एक दवा का निर्माण किया है, जिसका नाम है रेमेड्सवियर. यह एक एंटीवायरल न्यूक्लियोटाइड एनालॉग ड्रग है। ऐसा बताया जा रहा है कि इससे COVID-19 के मरीजों का इलाज संभव हो पाएगा। हालांकि बाद में खबर आई कि यह दवा कोरोना खत्म करने में समर्थ नहीं है।


घर-घर शराब पहुंचाने की तैयारी

नई दिल्ली। फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो ऑनलाइन ऑर्डर के द्वारा लोगों के घर-घर तक शराब पहुंचाने की तैयारी कर रही है। लॉकडाउन के बीच ही देश में शराब का कारोबार खोल दिया गया है और शराब की जमकर बिक्री हो रही है। कंपनी इसका फायदा उठाना चाहती है।


न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक खबर में बताया गया है कि कंपनी ने इसके लिए इंटरनेशनल स्पिरिट्स ऐंड वाइन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) को प्रस्ताव दिया है। लॉकडाउन की वजह से कंपनी का फूड डिलिवरी कारोबार काफी गिर गया है, इसलिए वह इस नए कारोबार में उतरकर अपना अस्तित्व बचाए रखना चाहती है। गौरतलब है कि हाल में जोमैटो ने ग्रॉसरी की डिलिवरी भी शुरू की है।


देश में लॉकडाउन का पहला चरण 25 मार्च को लागू किया गया था जिसके बाद शराब कारोबार पूरी तरह से बंद रहा। लेकिन राज्य सरकारें राजस्व की तंगी की वजह से इस बात के लिए दाबव बना रही थीं कि शराब का कारोबार खोला जाए। इसकी वजह से केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के तीसरे चरण में 4 मई को शराब का कारोबार खोल दिया। शराब कारोबार खुलते ही देश में जगह-जगह इसकी दुकानों पर भारी भीड़ और लंबी लाइन की खबरें आने लगीं। गौर करने की बात यह है कि भारत में अभी शराब की होम डिलिवरी की इजाजत नहीं है। इसके लिए कंपनियां दबाव बना रही हैं कि सरकार इसकी छूट दे। ISWAI इसके लिए जमकर लॉबीइंग कर रही है। अगर यह छूट मिलती है तो जोमैटो शराब की होम डिलिवरी शुरू कर सकती है।


कई राज्य सरकारों ने तो शराब पर टैक्स बढ़ा दिया है। दिल्ली सरकार ने शराब पर 70 फीसदी की विशेष कोरोना फीस लगा दी है। रॉयटर्स को जोमैटो द्वारा भेजी गई पेशकश के दस्तावेज मिले हैं जिसमें जौमैटो फूड डिलिवरी डिवीजन के सीईओ मोहित गुप्ता ने लिखा है, ‘हमें लगता है कि टेक्नोलॉजी आधारित होम डिलिवरी सोल्युशन से एल्कोहल की खपत को और बढ़ाया जा सकता है।


फार्मा कंपनी में जहरीली गैस लीक

विशाखापट्टनम। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक फार्मा कंपनी में गैस लीकेज का मामला सामने आया है। यह घटना गुरुवार सुबह हुई. इसके बाद पूरे शहर में तनाव का माहौल है। अभी भी हालत नियंत्रण में नहीं है। स्थानीय प्रशासन और नेवी ने फैक्ट्री के पास के गांवों को खाली करा लिया है। बताया जा रहा है कि आरआर वेंकटपुरम में स्थित विशाखा एलजी पॉलिमर कंपनी से खतरनाक जहरीली गैस का रिसाव हुआ है। इस जहरीली गैस के कारण फैक्ट्री के तीन किलोमीटर के इलाके प्रभावित हैं। फिलहाल, पांच गांव खाली करा लिए गए। सैकड़ों लोग सिर दर्द, उल्टी और सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्पताल पहुंच रहे हैं।


 


'वंदे भारत मिशन' के तहत घर वापसी

नई दिल्ली। कोरोना के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों के अलावा दुनियाभर में फंसे भारतीयों को लाने के प्रयास तेज हो गए हैं। गुरुवार को विदेश से आ रहे सैकड़ों भारतीयों के लिए देश के हवाई अड्डे और बंदरगाह पूरी तरह तैयार हैं। गुरुवार से शुरू हो रहे अब तक के इस सबसे बड़े अभियान की तैयारियों को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए विदेश मंत्रालय ने बुधवार को कई बैठकें कीं। साथ ही हवाई अड्डों को भी इसके लिए तैयार किया गया क्योंकि गुरुवार को एयर इंडिया की ऐसी ही एक फ्लाइट 200 नागरिकों के साथ अबूधाबी से भारत आ रही है।


सूत्रों ने बताया कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ‘वंदे भारत मिशन’ नामक इस अभियान की सफलता के लिए जारी प्रयासों के तहत कई राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। योजना के अनुसार सरकार, गुरुवार से विभिन्न देशों में उड़ानें भेजना शुरू करेगी। सूत्रों के मुताबिक, विदेश मंत्री एस जयशंकर इस मिशन के क्रियान्वयन पर खुद ही नजर रख रहे हैं और उन्होंने इस विषय पर कई बैठकें की जिनमें गृह मंत्रालय,नागर विमानन मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय एवं राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे। विदेश मंत्रालय ने इस काम के सिलसिले में अधिकतर राज्यों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं।


एयरपोर्ट्स पर तैयारियां पूरी


इस बीच देश में हवाई अड्डों पर कोरोना वायरस लॉकडाउन के चलते विदेशों में फंसे भारतीयों के आगमन के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। विमान और समुद्री मार्ग से चलने वाले इस अभियान की शुरुआत गुरुवार को अबूधाबी से कोच्चि के लिए एयर इंडिया की उड़ान के रवाना होने के साथ होगी। एअर इंडिया की गैर अधिसूचित वाणिज्यिक उड़ान गुरुवार को 200 यात्रियों को लेकर अबूधाबी से रवाना होगी और सुबह पौने दस बजे केरल के कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पहुंचेगी।


इस अभियान के मद्देनजर तिरुवनंतपुरम, दिल्ली और मुंबई समेत कई हवाई अड्डों पर साजो-सामान संबंधी प्रबंध और स्वास्थ्य नियमों के अनुपालन संबंधी इंतजाम कर लिए गए हैं। अबू धाबी से पहली उड़ान से आ रहे यात्रियों में शामिल जिष्णु नामक एक व्यक्ति ने बुधवार को एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘टिकट मिलने से मैं बहुत खुश हूं। मुझे कल बताया गया कि मैं यात्रा कर सकता हूं।’


15000 भारतीयों को वापस लाने की तैयारी


‘वंदे भारत मिशन’ नामक इस अभियान में खाड़ी देशों से लेकर मलेशिया तक, ब्रिटेन से लेकर अमेरिका तक विभिन्न देशों में फंसे भारतीय वापस लाए जाएंगे जिसके लिए एयर इंडिया 12 देशों से करीब 15000 भारतीयों को लाने के लिए पहले चरण में 13 मई तक 64 उड़ानें परिचालित करेगी। 13 मई के बाद निजी भारतीय एयरलाइनें भी भारतीयों को वापस लाने के इस काम में जुड़ सकती हैं। पहले दिन विदेश में विभिन्न स्थानों से 10 उड़ानों को परिचालित करने की योजना है। गुरुवार को कोच्चि के अलावा कोझिकोड़, मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद और श्रीनगर विदेशों से उड़ानें पहुंचेंगी। केवल उन यात्रियों को सवार होने दिया जाएगा जिनमें लक्षण सामने नहीं आए हैं।


एर्नाकुलम जिला प्रशासन ने बताया कि कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और बंदरगाह पर वापस आ रहे इन भारतीयों के आगमन के लिए सारे इंतजाम किए गए हैं। यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए हवाई अड्डे पर थर्मल स्क्रीनर लगाए गए हैं और उनके आइसोलेश का इंतजाम किया गया है। कोच्चि के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सों ने चार पायलट समेत 12 चालक दल के सदस्यों को अभियान की शुरुआत से पहले प्रशिक्षण दिया। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि सभी कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) सही तरीके से पहनने और उतारने की जानकारी दी गई और उड़ान के दौरान विमान के अंदर वायरस संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि पीपीई किट पहनने और उतारने की जानकारी देने के लिए पायलटों और चालक दल के सदस्यों को प्रशिक्षण किट भी मुहैया करायी गई।


केरल के सीएम ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी


इस बीच केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि बिना कोविड-19 परीक्षण के प्रवासी केरलवासियों को लाना खतरनाक है क्योंकि इससे संक्रमण फैलेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस मामले में राज्य की चिंता से उन्हें अवगत कराया। उनकी इच्छा है कि विमान में सवार होने पहले उनका परीक्षण हो। दिल्ली सरकार ने स्वदेश वापसी की उड़ानों से विदेश से लौट कर शहर के हवाई अड्डे पहुंचने वाले लोगों की जांच और प्रबंधन करने के लिए बुधवार को दिशानिर्देश जारी किए। एक आदेश में दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि यह विदेश मंत्रालय द्वारा अन्य देशों में स्थित भारतीय मिशनों के समन्वय से विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को चरणबद्ध तरीके से स्वदेश वापस लाने की योजना के मद्देनजर किया गया है।


दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार की आशंका को कम करने के लिए, स्वदेश वापसी के बाद शहर के हवाई अड्डे पर उतरने वाले ऐसे यात्रियों की जांच और प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। कुल 1000 लोग नौसेना के जहाज आईएनएस जलाश्व और आईएनएस मगर से से पहली यात्रा में वापस लाये जाने हैं। अभियान के तहत 64उड़ानों से संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपीन, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत और ओमान से फंसे हुए भारतीय लाए जाएंगे।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


मई 08, 2020, RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-271 (साल-01)
2. शुक्रवार, मई 08, 2020
3. शक-1943, वैशाख, शुक्ल-पक्ष, तिथि- पूर्णिमा, विक्रमी संवत 2077।


4. सूर्योदय प्रातः 05:50,सूर्यास्त 07:02।


5. न्‍यूनतम तापमान 23+ डी.सै.,अधिकतम-35+ डी.सै., तेज हवाएं चलने की संभावना।


6.समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा। सभी पद अवैतनिक है।
7. स्वामी, प्रकाशक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित। प्रकाशित समाचार, विज्ञापन एवं लेखोंं से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहींं है।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102।


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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