रविवार, 3 मई 2020

1306 लोगों की मौत, 40009 संक्रमित

नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस ‘कोविड-19′ संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही हैं और शनिवार शाम से रविवार तक रिकॉर्ड 2487 नये मामले सामने आने के साथ ही देश में संक्रमितों की संख्या 40 हजार के पार पहुंच गयी तथा इसके कारण 83 और लोगों की मौत होने से मृतकों की तादाद 1306 हो गयी। देश के 32 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के अब तक कुल 40263 मामलों की पुष्टि हुई है जिनमें 111 विदेशी मरीज शामिल हैं। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के स्वस्थ होने के मामलों में भी लगातार वृद्धि हो रही है और पिछले 24 घंटों में कोरोना संक्रमित 869 लोगों के स्वस्थ होने के साथ ऐसे लोगों की संख्या 10887 पहुंच चुकी है। देश में वर्तमान में 28070 सक्रिय मामले हैं।


स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से रविवार शाम जारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस से सबसे अधिक गंभीर रूप से प्रभावित महाराष्ट्र में स्थिति में कोई सुधार हाेता नहीं दिख रहा है और पिछले एक दिन में 790 नये मामलों के बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 12296 पर पहुंच गयी है और इस दौरान 36 और लोगों की मौत के बाद इस महामारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 521 हो गयी है। राज्य में 2000 संक्रमित मरीज ठीक हो चुके हैं। पश्चिमी राज्य गुजरात पिछले 24 घंटों के दौरान 334 नये मामले सामने आने के साथ संक्रमितों की संख्या के मामलों में दूसरे स्थान पर बना हुआ है। गुजरात में संक्रमितों की कुल संख्या 5055 हो गयी है तथा 26 और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 262 पर पहुंच गयी है। राज्य में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़कर 896 हो गयी है। इसके बाद देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली मेंं स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। पिछले 24 घंटाें में 384 नये मामले दर्ज किये जाने के कारण अब तक कुल 4122 लोग इस महामारी से संक्रमित हुए हैं। दिल्ली में तीन और संक्रमितों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 64 हो गयी है जबकि अब तक कुल 1256 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।


कोरोना वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटों में संक्रमण के 127 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2846 हो गयी है जबकि मरने वालों की संख्या 11 बढ़कर 156 हो गयी है। राज्य में 798 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। राजस्थान में पिछले 24 घंटों के दौरान 106 नये मामले सामने आये हैं और इनका आंकड़ा बढ़कर 2772 हो गया। राज्य में इस दौरान तीन और मरीजों की मौत के बाद मरने वालों की संख्या 65 हो गयी हैं। राज्य में 1121 मरीज ठीक हुए हैं।


दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में 231 नये संक्रमित सामने आये हैं और संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 2757 हो गई तथा राज्य में एक और व्यक्ति की मौत के मृतकों का आंकड़ा 29 हो गया है। राज्य में 1341 मरीज अब तक ठीक हुए हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में संक्रमण के 171 नये मामले सामने आने के बाद कुल संक्रमितों की संख्या 2626 हो गई है तथा मृतकों की संख्या 43 पर ही बनी हुयी है। राज्य में अभी तक 698 मरीजों को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।


दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में 1583 और कर्नाटक में 606 लोग संक्रमित हैं तथा इन राज्यों में क्रमश: 33 और 25 लोगों की मौत हुई है। दक्षिणी राज्य तेलंगाना में संक्रमितों की कुल संख्या 1063 हो गयी और इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गयी है। केरल में 500 लोग संक्रमित हुए हैं और चार लोगों की मौत हुई है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संक्रमितों की संख्या 666 है और आठ लोगों की मौत हुुई है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में 33, पंजाब में 20, बिहार और हरियाणा में चार-चार, झारखंड में तीन तथा मेघालय, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश और असम में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है।


दुनिया भर में 2,45,066 से अधिक मौत

मैड्रिड । कोरोना वायरस के कहर से अमेरिका, इटली और स्पेन सबसे प्रभावित देश हैं। अब स्पेन अपने देश में सोमवार से लॉकडाउन में ढील देने जा रहा है। ऐसे में  कुछ शर्तों के साथ यह ढील दी जाएगी। इसके अनुसार सार्वजिनक स्थानों पर मास्क पहनना जरुरी होगा।


अब तक 2,40,066 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमण के 3,373,602 मामले सामने आए हैं। यूरोप में इटली के बाद कोरोना वायरस के ब्रिटेन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शनिवार को ब्रिटेन में मरने वालों का आंकड़ा 28 हजार को पार कर 28,131 पर पहुंच गई। ब्रिटेन में अब तक 1,82,260 लोग संक्रमित हुए हैं। यूरोप में इससे ज्यादा सिर्फ इटली में ही 28,710 मौतें हुई हैं और 2,09,328 संक्रमित हुए हैं। इटली में अब धीरे-धीरे स्थिति में सुधार हो रहा है और वहां अगले हफ्ते से पाबंदियों में कुछ रियायत भी दी जाने वाली है।


बता दें कि इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है। ऐसे में सभी लोगों को इंसान से इंसान से फैलने वाली बीमारी को देखते हुए एहतियात बरतने की अपील की गई है। इस वक्त पूरी दुनिया में कोरोना से कम से कम 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है वहीं संक्रमितों का आंकड़ा 31 लाख के पार पहुंच गया है। इस बीमारी से अमेरिका सबसे अधिक प्रभावित है। यहां पर ही कोरोना से सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुई है। इसके बाद इटली और स्पेन इस वायरस से सबसे अधिक प्रभावित है। 


चीन के वुहान से फैले कोरोना वायरस का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है। ऐेस में कई देशों ने इस संक्रमण की रोकथाम के लिए अपना यहां पर लॉकडाउन भी लगाया हुआ है। इसमें भारत भी शामिल है। इसके साथ ही सभी लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है। इसके अलावा सभी को घरों पर रहने के जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं। ताकी यह संक्रमण तेजी से ना फैले। फिलहाल सभी देश इस वायरस से निपटने के लिए अपने स्तर पर वैक्सीन तैयार कर रहे हैं।


अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्वतंत्रता दिवस

अकाशुं उपाध्याय 


नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्‍वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 3 मई को मनाया जाता है। वर्ष 1991 में यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र के ‘जन सूचना विभाग’ ने मिलकर इसे मनाने का निर्णय किया था।’संयुक्त राष्ट्र महासभा’ ने भी ‘3 मई’ को ‘अंतर्राष्ट्रीय पत्रकारिता स्‍वतंत्रता दिवस’ की घोषणा की थी। यूनेस्को महासम्मेलन के 26वें सत्र में 1993 में इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था। 


भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक जरूरत है। भारत में अक्सर प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर चर्चा होती रहती है। 3 मई को मनाए जाने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारत में भी प्रेस की स्वतंत्रता पर बातचीत होना लाजिमी है। प्रेस की आजादी से यह बात साबित होती है कि उस देश में अभिव्यक्ति की कितनी स्वतंत्रता है। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है। विश्व स्तर पर प्रेस की आजादी को सम्मान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया, जिसे विश्व प्रेस दिवस के रूप में भी जाना जाता है।


यूनेस्को द्वारा 1997 से हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम प्राइज भी दिया जाता है। यह पुरस्कार उस व्यक्ति अथवा संस्थान को दिया जाता है जिसने प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो। 1997 से अब तक भारत के किसी भी पत्रकार को यह पुरस्कार नहीं मिलने की एक बड़ी वजह कई वरिष्ठ पत्रकार पश्चिम और भारत में पत्रकारिता के मानदंडों में अंतर को बताते हैं। भारतीय पत्रकारित में हमेशा विचार हावी होता है, जबकि पश्चिम में तथ्यात्मकता पर जोर दिया जाता है। इससे कहीं न कहीं हमारे पत्रकारिता के स्तर में कमी आती है। इसके अलावा भारतीय पत्रकारों में पुरस्कारों के प्रति जागरूकता की भी कमी है, वे इसके लिए प्रयासरत नहीं रहते।


दुनिया के किसी भी देश के उदय और उसकी प्रगति में पत्रकारों की अहम भूमिका रही है। भारत की आजादी के वक्त भी पत्रकारों ने महत्वपूर्ण किरदार अदा किया है, जिसे आज भी भुलाया नहीं जा सकता। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस’ प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्यांकन, प्रेस की स्वतंत्रता पर बाहरी तत्वों के हमले से बचाव और प्रेस की सेवा करते हुए दिवंगत हुए पत्रकारों को श्रद्धांजलि देने का दिन है।



यूपी में परेशान करेगें आंधी-बरसात

लखनऊ। मौसम आज से एक बार फिर करवट बदल9 जा रहा है। देर शाम से मौसम में काफी बदलाव आने के आसार हैं और यह तीन-चार दिनों तक जारी रहेगा। चार-पांच मई को मेरठ सहित वेस्ट यूपी मे अंधड और बारिश के आसार हैं। कुछ स्थानों पर इस दौरान तेज बारिश हो सकती है। मौसम के इस बदलाव से फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका भी है। मौसम विभाग और निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के अनुसार आज देर शाम मैदानों के मौसम में बदलाव का नया दौर शुरू होगा, जो सात मई तक जारी रहेगा। इसमें चार और पांच मई को वेस्ट यूपी के अधिकांश हिस्सों में मौसमी गतिविधियां चरम पर रहेंगी।


बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल को नुकसान
श्रावस्ती,बलरामपुर और सुलतानपुर में बरसात ने से गेहूं की पकी फसल तो खराब हुई ही मेंथा व अन्य फसलें भी चौपट हो गईं। श्रावस्ती में सुबह से तेज हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बरसात से गेहूं व आम की फसल को नुकसान हुआ है। खेतों में मड़ाई के लिए पड़ी गेहूं की फसल भीग गई है। जिससे गेहूं के दाने खराब होने की आशंका है। किसानों का कहना है कि ऐसी हालत में गेहूं फसल की लागत भी आना मुश्किल है। मेंथा के किसानों को भी बरसात से काफी नुकसान हुआ है। खेतों में अधिक पानी भर जाने से मेंथा की फसल खराब होने की आशंका है। कई किसानों ने पंपिंग सेट से खेतों के पानी को बाहर निकाला। इसके अलावा लौकी,तोरई जैसी सब्जी उगाने वाले किसानों को भी नुकसान हुआ है।


बलरामपुर में भी मूसलाधार बरसात से गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। अधिकांश किसानों ने गेहूं फसल मड़ाई के लिए खेत में छोड़ रखा था। तेज वर्षा से खेत खलिहान में जलभराव हो गया जिससे गेहूं की फसल भीग गई है। किसानों का कहना है कि भीगी फसल को सुखाने में दो से तीन दिन लग जाएंगे। वहीं गेहूं के दाने भी खराब हो जाएंगे। जिला कृषि अधिकारी मंजीत कुमार बताते हैं कि जिले में करीब 20 प्रतिशत किसानों के गेहूं फसल का नुकसान हुआ है। सुलतानपुर में भी बारिश होने से सैकड़ों एकड़ गेहूं की फसल भीग गई है। इससे किसान बेहद परेशान हैं।


दिल्ली पुलिस का बड़ा अभियानः शाह

अकाशुं उपाध्याय


नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लॉकडाउन के दौरान किए गए कार्यों पर दिल्ली पुलिस की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि हम मिलकर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को जीतेंगे। दिल्ली पुलिस लॉकडाउन के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के अलावा कई तरह की मानवीय सहायता ऑपरेशन को अंजाम देने में भी जुटी हुई है। शाह ने दिल्ली पुलिस के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि दिल्ली पुलिस अपने ध्येय वाक्य शांति-सेवा और न्याय को जीती है। हमें दिल्ली पुलिस पर गर्व है। हम सब मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे। 


बता दें कि दिल्ली पुलिस ने रविवार को खाने के पैकेट्स की फोटो ट्वीट करते हुए लिखा था कि 1948 में स्थापना के बाद से दिल्ली पुलिस द्वारा सबसे बड़ा मानवीय राहत अभियान चलाया जा रहा है। शहरी गरीबों और बेघरों को अब तक पांच मिलियन फूड पैकेट वितरित किए गए हैं।


डॉक्टर को गृहमंत्री ने दिया आश्वासन

नई दिल्ली। स्वास्थ्यकर्मियों पर लगातार हो रहे हमलों को लेकर सांकेतिक प्रदर्शन का ऐलान करने वाले डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों से गृहमंत्री अमित शाह ने बातचीत की। उन्होंने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और डॉक्टरों से बात की और उनसे सांकेतिक विरोध प्रदर्शन न करने की अपील की है। गृहमंत्री ने डॉक्टरों को विश्वास दिलाया कि सरकार उनके साथ है।
गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टरों के साथ बातचीत की। अमित शाह ने सभी को भरोसा दिलाया कि सरकार पूरी तरह से उनके साथ है। उन्होंने डॉक्टरों से अपील की कि वे उनके द्वारा प्रस्तावित प्रतीकात्मक विरोध को न करें।
डॉक्टरों पर लगातार हो रहे हमलों से डॉक्टर खासे नाराज हैं. उन्होंने सरकार से इस मामले में सख्त केंद्रीय स्पेशल कानून बनाने की मांग की है। आईएमए भी पिछले काफी समय से इसी तरह की मांग करता रहा है। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2019 में एक ड्राफ्ट जारी कर डॉक्टरों पर हमले के आरोपी को 10 साल की जेल और 10 लाख रूपए के जुर्माने का प्रावधान भी किया था। इस ड्राफ्ट को कानून और वित्त मंत्रालय ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन मामला गृह मंत्रालय ने अटका दिया था। उसका कहना था कि अलग से कानून नहीं बनाया जा सकता है।


करंट लगने से बेटी की मौत, मां गंभीर

पंखे के करंट के चपेट में आने से बेटी की मौत, मां गंभीर


दोनों को सीएचसी में भर्ती कराया गया जहां पर चिकित्सक ने बेटी को घोषित किया मृत


काफी देर चले उपचार के बाद मां की हालत में सुधार हुआ तो परिजन घर ले गए


फतेहपुर। घर में लगे फर्राटा पंखे की चपेट में आ जाने से पुत्री की मौत हो गई जबकि मां की हालत गंभीर हो गई हालांकि परिजनों ने दोनों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया जहां पर चिकित्सक ने पुत्री को मृत घोषित कर दिया जबकि मां का इलाज काफी देर चला उपचार के बाद हालत में सुधार होने पर परिजन वापस घर ले गए घटना के बाद हड़कंप मचा रहा। जानकारी के अनुसार बकेवर थाना क्षेत्र के पंचमपुर गांव निवासी अयोध्या प्रसाद की पुत्री आरती देवी उम्र 20 वर्ष अपने घर के अंदर फर्राटा पंखा चलाते समय अचानक पंखे के करंट के चपेट में आ गई उसने शोर मचाया तो मां अनीता देवी उम्र 45 वर्ष उसके पास आई और पंखे के करंट के चपेट में आ गई पुत्री आरती देवी को हटाने लगी जिससे वह भी करंट की चपेट में आ गई। परिजन ग्रामीणों की सहायता से दोनों को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहां पर मौजूद चिकित्सक ने पुत्री आरती देवी को मृत घोषित कर दिया जबकि मां अनीता देवी का काफी देर उपचार चला जिसके बाद हालत में सुधार होने के बाद परिजन वापस घर ले गए इस घटना के बाद परिजनों में हड़कंप मचा रहा लोग रो-रोकर बेहाल रहे गांव में भी इस घटना को लेकर लोगों में शोक का माहौल रहा।


पुलिस पर पिटाई के गंभीर आरोप लगें

अतुल त्यागी, विनीत ठाकुर 


पुलिस की पिटाई से नाबालिक की छाती(सीने) में चोट


हापुड़। लॉकडाउन के दौरान एक विधवा ने अपने नाबालिक बेटे के साथ पुलिस पर मारपीट कर उसकी छाती(सीने) में बाल व चोट जैसे गम्भीर आरोप लगाया है। मामला हापुड़ नगर थाना क्षेत्र के हरिद्वारी नगर का है। जहाँ घायल नाबालिक को अस्पताल में उपचार के बाद घर लाया गया है। पीड़िता को अपनी आवाज उठाने में भी डर सता रहा है।पीड़िता एक विधवा है और किराए के मकान में रहकर अपना गुजारा कर रही है। पत्रकारो से बात करते हुए बताया कि घर में राशन खत्म होने पर मैंने अपने बेटे को राशन के लिए भेजा था। पुलिस के डर की वजह से गली-मोहल्ले में चोरी छिपे निकला आ रहा था। किस्मत इतनी खराब रही कि डिस्कवर बाइक पर सवार दरोगा जी ने बिना पूछ-ताछ करे उसकी सीने(छाती) पर जोरदार लाठी मार दी।जिसके बाद से मेरे बच्चे को कोई सुध नही रहा। फिर आनन-फानन में अपने बच्चे को हापुड़ के एक निजी अस्पताल देवनंदनी में दिखाया।जिससे बाद पता चला की बेटे की रीढ़ की छाती(सीने) में चोट आई। जैसे ही दारोगे जी को यह बात पता चली तुरन्त भागे-भागे आये और 500रुपये की रकम देकर मुँह बन्द रखने की बात कही। साथ में यह बोलकर भी धमकाया की तुम किराएदार हो,तुम लोग कहा-कहा रहे हो अब तक सब डिटेल्स निकालता हूँ। मकान मालिक व दारोगे जी के डर से महिला खौफ के मंजर में गुजारा कर रही है।


कोरोना के चलते पुलिस लोगों पर सख्ती से पेश आ रही है। पुलिस की ऐसी सख्ती से लोगों में रोष भी पनप रहा है।हापुड़ केशव नगर चौकी क्षेत्र के हरिद्वारी नगर से एक ऐसा ही मामला आया।हरिद्वारी नगर कॉलोनी में एक विधवा महिला किराए के मकान में रहकर गुजारा कर रही है। जिसके बेटे को केशव नगर चौकी पर तैनात दारोगे ने बेहरहमी से पिट-पीटकर बेसुध कर दिया।उसकी बेटे की गलती मात्र इतनी थी कि खाने को राशन खत्म हो गया था उसे लेने गया था।जाने से पहले उसने काफी बार पुलिस का डर बताया था।लेकिन भूख के मारे उसकी माँ ने एक ना सुनी। भेज दिया राशन लेने।आय दिन दारोगे जी के कारनामे सामने आते रहते है।पीछे भी एक दुकान में तोड़-फोड़ करते नजर आए।कुछ दिन पहले दस्तोई रोड पर विवादों में उलझ गए थे। दरोगा जी का बर्ताव शुरू से ऐसा रहा है लेकिन लॉकडाउन में तो बस अपनी मन मानी कर रहे है।दारोगे जी के खौफ के कारण कोई आवाज तक उठाने की कोशिश तक नही करता।आये दिन इनकी मनमानी का नजारा देखने को मिलता रहता है।क्या होगा पुलिस के ऐसे बर्ताव पर जब रक्षक बन जाएंगे भक्षक। 


हापुड़ में 9 मरीज मिलने से अफरा-तफरी

अतुल त्यागी


हापुड जनपद में 9 कोरोना के मरीज मिलने से मचा हड़कंप


हापुड़। जनपद हापुड़ में कोरोना वायरस बढ़ता ही जा रहा है। वर्तमान में 34 मरीज को रिपोजिट पॉजिटिव है। तथा 10 मरीज अब तक सही हो चुके हैं। जिलाधिकारी अदिति सिंह द्वारा आज ट्वीट कर कर यह जानकारी दी गई कि 9 नए मरीज जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनमें सात धौलाना के गांव कुराना केवल एक पिलखवा लैब टेक्नीशियन का बेटा 16 वर्षीय व एक मरीज 108 एंबुलेंस का ड्राइवर है। एक मरीज आज नेगेटिव आया। 9 मरीज पहले से सही हो चुके हैं। कुल मिलाकर अब जनपद में 10 मरीज सही हो चुके हैं। यह क्षेत्र पहले से ही हॉटस्पॉट्स में आते हैं तथा पूर्व में ही इन क्षेत्रों को सील किया हुआ है।


सीआरपीएफ में संक्रमण, मुख्यालय सील

दो कर्मचारियों के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद दिल्ली में सीआरपीएफ मुख्यालय सील


नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी के निजी कर्मी और एक बस चालक के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद यहां बल के मुख्यालय को सील कर दिया गया है। सीआरपीएफ की पांच मंजिला इमारत लोधी रोड पर सीजीओ कॉम्प्लेक्स में स्थित है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि मुख्यालय में विशेष महानिदेशक (एसडीजी) पद पर काम कर रहे अधिकारी का निजी सचिव संक्रमित पाया गया है। उन्होंने बताया कि साथ ही मुख्यालय में काम कर रहे कर्मचारियों को लाने-ले जाने वाला एक बस चालक भी संक्रमित पाया गया है। बल के प्रवक्ता ने बताया, ‘‘सीआरपीएफ मुख्यालय में तैनात एक चालक कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है। मुख्यालय को संक्रमण मुक्त करने के लिए बंद कर दिया गया है।


कानपुर में 17 नए मामले, मची खलबली

कानपुर। जिले में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। रविवार को एक बार फिर रिकार्ड 17 नए पॉजिटिव केस सामने आने से खलबली मच गई। इसमें वृद्धा के मरने के बाद कोरोना संक्रमण की पुष्ट होने के बाद प्रशासन ने अब रंजीत पुरवा को सील करने की तैयारी शुरू कर दी है। शहर में अबतक मिले कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 252 हो गई है, इसमें 19 स्वस्थ हो चुके हैं और पांच की मौत हो चुकी है। इस तरह मौजूदा समय में कोरोना पॉजिटिव 228 एक्टिव केस हैं।


रंजीत पुरवा निवासी 75 वर्षीय वृद्धा को बुखार एवं सांस लेने में तक्लीफ होने पर 29 अप्रैल को हैलट के कोविड-19 हॉस्पिटल की फ्लू ओपीडी में लाय गया था। गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें तत्काल न्यूरो साइंस सेंटर स्थित कोविड आइसीयू में शिफ्ट कर दिया था। 30 अप्रैल की सुबह नमूना जांच के लिए मेडिकल कॉलेज की कोविड लैब भेजा था। इलाज के दौरान सुबह उनकी मौत हो गई थी। कोरोना संदिग्ध होने की वजह से कोरोना प्रोटोकॉल के तहत दाह-संस्कार कराया गया था। उधर, रविवार सुबह कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी होने पर आइसीयू का सैनिटाइजेशन कराया गया है।


सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने बताया कि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से 158 और लखनऊ के केजीएमयू से 28 सैंपल की रिपोर्ट आई है। 186 नमूनों की जांच रिपोर्ट में 17 केस पॉजिटिव और 169 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसमें से मरने के बाद वृद्ध महिला की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है, उनका हैलट में इलाज चल रहा था। जिले में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या पांच हो गई है। हालात बहुत गंभीर हो चुके हैं, थाने-चौकी के बाद कोरोना वायरस पुलिस लाइन और अफसरों की चौखट तक पहुंच गया है। शनिवार को आई रिपोर्ट ने तो सबको चौंका ही दिया। इसमें एलआइयू की महिला इंस्पेक्टर, एसएसपी के पीआरओ समेत कुल 12 पुलिसकर्मी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। इसके अलावा कोरोना संक्रमित रायपुरवा थाने के सिपाही की तीन साल की पुत्री भी संक्रमित मिली। बच्ची में संक्रमण का यह पहला मामला है, वहीं एक निजी लैब की जांच में एक गर्भवती भी पीडि़त मिली है। जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 235 हो गई है। इनमें 19 लोग स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं, जबकि चार की मौत हो चुकी है। इस तरह शहर में कोरोना पॉजिटिव के 212 एक्टिव केस है।


हॉट स्पॉट क्षेत्रों की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों पर कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है। अब तक शहर में अनवरगंज, बजरिया, बेकनगंज, रायपुरवा थाने के पुलिस कर्मी, प्रतिसार निरीक्षक (आरआइ) समेत कई लोग चपेट में आ चुके हैं। सीएमओ डॉ. अशोक शुक्ला ने बताया कि शुक्रवार को कुल 293 लोगों के सैंपल जीएसवीएम मेडिकल कालेज भेजे गए थे। इसमें एलआइयू महिला इंस्पेक्टर, एसएसपी के पीआरओ, पुलिस लाइन के छह सिपाही व एक ट्रैफिक सिपाही समेत 12 पुलिस कर्मी संक्रमित मिले। इसके अलावा रायपुरवा थाने के सिपाही की तीन वर्षीय पुत्री भी कोरोना पीडि़त मिली। एक निजी लैब से कराई जांच में बाबूपुरवा न्यू लेबर कालोनी के पास रहने वाली गर्भवती भी पीडि़त मिली। हॉट स्पॉट में ड्यूटी वाले 24 संक्रमित हॉट स्पॉट क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे 24 पुलिसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं। इसमें चमनगंज, बेकनगंज, अनवरगंज, बजरिया एवं जाजमऊ चौकी के सिपाही, सब इंस्पेक्टर शामिल हैं।


आरोग्य सेतु पर राहुल ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अनिवार्य किए गए आरोग्य सेतु ऐप को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बाद अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी निजता और डेटा सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए हैं। राहुल ने कहा कि टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकता है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।


राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘आरोग्य सेतु ऐप एक अत्याधुनिक सर्विलांस सिस्टम है, जिसे प्राइवेट ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है और कोई संस्थागत निगरानी नहीं है, इससे डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी हो रही हैं। टेक्नॉलजी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन भय का लाभ उठाकर लोगों को उनकी सहमति के बिना ट्रैक नहीं किया जाना चाहिए।’ इससे पहले कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ‘आरोग्य सेतु से जुड़े एक सवाल पर वीडियो लिंक के जरिए संवाददाताओं से कहा, ”आरोग्य सेतु के संदर्भ में कई विशेषज्ञों ने निजता का मुद्दा उठाया है। कांग्रेस इस विषय पर विचार कर रही है और अगले 24 घंटे में समग्र प्रतिक्रिया देगी।”


एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर इसके जरिए लोगों का निजी डेटा हासिल करने का आरोप लगा दिया है। ओवैसी ने इस ऐप को संदेहास्पद बताया है। सरकार ने प्राइवेसी को लेकर लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि यह ऐप लोगों को आसपास कोई कोरोना संक्रमित मरीज होने पर अलर्ट करने के लिए सबसे अच्छा ऐप है। ओवैसी ने ट्वीट किया, ”केंद्र सरकार कोरोना वायरस से ताली, थाली, बिजली और एक बहुत संदेहास्पद ऐप से लड़ रही है। अब दिल्ली के सुल्तान ने एक फरमान जारी किया है कि जिसमें लोगों के पास कोई विकल्प नहीं है। उन्हें अपना प्राइवेट डेटा सरकार (और जिसके साथ सरकार चाहे) के साथ जरूर शेयर करना है।”गौरतलब है कि सरकार ने कोरोना संक्रमण को ट्रैक करने के लिए आरोग्य सेतु ऐप की शुरुआत की है। खबरों के मुताबिक इस ऐप को करोड़ों लोग डाउनलोड कर चुके हैं।


कश्मीर में पत्थरबाजों की हुई वापसी

जम्मू। दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा में घेराबंदी और तलाश अभियान (कासो) के दौरान सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच  मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को मार गिराया है। मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बोलों पर पत्थरबाजी भी हुई है। मुठभेड़ को लेकर सीआरपीएफ ने कहा है कि एनकाउंटर के दौरान पत्थरबाजी भी हुई थी। फिलहाल फायरिंग बंद हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आतंकवादियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना के आधार पर सेना, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और  पुलिस के विशेष अभियान समूह ने सुबह पुलवामा के डांगरपोरा में संयुक्त अभियान छेड़ा। सुरक्षा बल के जवान आतंकवादियों के छुपे होने की आशंका वाले इलाके की ओर बढ़ रहे थे। इसी दौरान आतंकवादियों ने स्वचलित हथियारों से गोलीबारी शुरू कर दी।


सुरक्षा बलों ने भी जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाई,  जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच मुठभेड़ प्रारंभ हो गया। उन्होंने बताया कि आतंकवादियों के भाग निकलने के प्रयासों को विफल  करने के लिए मौके पर पहुंचे अतिरिक्त सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है। दूसरी ओर से जम्मू कश्मीर के हंडवाड़ा में भी आंतकी और सुरक्षा बलों के भी मुठभेड़ जारी है। जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा पर सीमापार से पाकिस्तानी सैनिकों की गोलीबारी में घायल हुए  भारतीय सेना के दो जवान शहीद हो गए। रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने यूनीवार्ता को बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों ने दोपहर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए रामपुर सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर अकारण गोलीबारी की। भारतीय सैनिकों ने भी जवाबी कार्रवाई में  गोलियां चलाई। दोनों पक्षों के बीच चली गोलीबारी में भारतीय सेना के दो ॉजवान घायल हो गए।


त्रिपुरा में बीएसएफ के जवान संक्रमित

अगरतला। त्रिपुरा में अंबासा सीमा सुरक्षा बल (BSF) इकाई के दो लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 4 मामले सामने आए हैं। इनमें से दो लोग ठीक हो गए हैं। अब सिर्फ दो कोरोना पॉजिटिव केस बचे हैं. इससे पहले बिप्लव कुमार देव ने कहा था कि राज्य सरकार लॉकडाउन (बंद) को निकट भविष्य में खत्म करने पर विचार नहीं कर रही है। लेकिन चरणबद्ध तरीके से कुछ पाबंदियों में ढील दिए जाने के विकल्पों पर गौर करेगी। उन्होंने कहा कि तीन मई के बाद तुरंत अंतरराज्यीय बस, ट्रेन या विमान सेवा शुरू करना मुमकिन नहीं है।


राज्य सरकार द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक के बाद देव ने बुधवार शाम कहा, ‘हमें लॉकडाउन खत्म करने का कोई तरीका नहीं मिला क्योंकि कोरोना वायरस के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए यही एकमात्र उपाय है। ऐसा लगता है कि हमें लॉकडाउन जारी रखना होगा और हम चरणबद्ध तरीके से कुछ पाबंदियों को वापस लेंगे.’ देव ने कहा था, ‘तीन मई के बाद अंतरराज्यीय बस, ट्रेन या विमान सेवा बहाल करना मुमकिन नहीं है. लोगों को लॉकडाउन स्वीकार करना होगा. राज्य में सभी राजनीतिक दलों को प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति के बारे में अवगत करा दिया गया है.’ उन्होंने कहा कि ‘किसी भी राजनीतिक दल’ ने लॉकडाउन को तुरंत खत्म करने पर जोर नहीं दिया।


दिल्लीः खुलेंगे सरकारी-निजी कार्यालय

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि राजधानी में केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार ही लॉकडाउन में ढील दी जायेगी तथा सरकारी और निजी कार्यालय सोमवार से खुलेंगे। केजरीवाल ने रविवार को कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह किया जायेगा कि राजधानी में जो 97 निषिद्ध क्षेत्र हैं केवल उन्हीं को रेड जोन में रखा जाये और अन्य को खोलने की अनुमति दी जाये।


उन्होंने लाकडाउन के दौरान सरकार को कर प्राप्ति में आई बडी गिरावट का जिक्र करते.हुए कहा कि पहले तीन हजार करोड़ माह का राजस्व आता था और यह घटकर मात्र 300 करोड़ रह गया जिससे सरकार के समक्ष जरुरी सेवाओं के लिए भी संसाधन देना मुश्किल होता जा रहा है। गौरतलब है कि दिल्ली के सभी ग्यारह जिले रेड जोन में हैं। केजरीवाल ने कहा कि कोरोना संकट खत्म नहीं होने जा रहा है और इसके बीच हमें जीने को तैयार होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं के उचित प्रबंध किये गये हैं। उन्होंने माना की लाॅकडाउन नहीं होता तो भयावह स्थिति होती लेकिन अब इसके साथ जीने का जज्बा लाना होगा। सरकार के फैसले के अनुसार सोमवार से आवश्यक सेवाओं वाले सरकारी कार्यालय पूरी तरह खुलेंगे जबकि गैर जरुरी वाले कार्यालयों में उप सचिव स्तर से ऊपर के अधिकारी ही आयेंगे। निजी दफ्तरों में 33 प्रतिशत कर्मचारियों की अनुमति होगी। दिल्ली में स्पा,सैलून और जिम नहीं खुलेंगे। स्कूल, कालेज और प्रशिक्षण संस्थान भी बंद रहेंगे। शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक घर से निकलने पर रोक रहेगी। सार्वजनिक स्थानों पर थूकना प्रतिबंधित रहेगा। अंतरराज्यीय बस सेवा बंद रहेंगी। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के अलावा 65 वर्ष से ऊपर आयु के बुजुर्गों से घर से नहीं निकलने की अपील की गई है। केजरीवाल ने कहा कि सामाजिक और राजनीतिक कार्यक्रम पूरी तरह बंद रहेंगे। वित्तीय और कृषि क्षेत्र से जुड़ी सभी कंपनियां खुली रहेंगी।दिल्ली में लाकडाउन का तीसरा चरण सोमवार से शुरु होगा जो 17 मई तक चलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा,“हमने केंद्र सरकार को सुझाव दिया है कि कंटेन्मेंट जोन को छोड़कर बाकि दिल्ली को ग्रीन जोन में कर दिया जाए, ताकि दिल्ली की अर्थव्यवस्था को फिर से चालू किया जा सके।” उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के इस समय दो ही मकसद है। एक तो कोरोना से होने वाली मौतों को कम करना और दूसरा ज्यादा से ज्यादा जांच कर कोरोना मरीजों की पहचान करनी होगी।केजरीवाल ने कहा,“मेरा व्यक्तिगत मानना है कि लॉकडाउन के पीरियड को हमने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में इस्तेमाल करना चाहिए था जिसका हमने बखूबी लाभ उठाया। हमने पर्याप्त व्यवस्थाएं कर ली है, अस्पताल तैयार कर लिये हैं।” उन्होंने कहा दिल्ली में फार्मा कम्पनीज और अन्य जरूरी सामान बनाने वाली सारी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स खुली रहेंगी। पैकेजिंग मैटेरियल की यूनिट्स खुली रहेंगी। ई-कॉमर्स एक्टिविटी में सिर्फ जरूरत के सामान की अनुमति रहेगी। उल्लेखनीय है कि राजधानी में शनिवार को कोरोना संक्रमण के 384 नये मामले सामने आए थे और कुल संक्रमितों की संख्या 4122 है। देश में कोरोना वायरस के लिहाज से तीसरे स्थान पर दिल्ली में 64 की मृत्यु हो चुकी है जबकि 1256 लोग ठीक हुए हैं।


सभी जोन में खुलेगी शराब की दुकानें

सभी जोन में खुलेंगी शराब की दुकानें, 4 मई से क्या पाबंदी और क्या रहेगी छूट


नई दिल्ली। लॉकडाउन2.0 के खत्म होने से 2 दिन पहले ही केंद्र सरकार ने शुक्रवार को दो लॉकडाउन दो हफ्तों के लिए बढ़ा दिया है, लेकिन साथ ही बहुत सारे कामों की इजाजत दे दी है। इस दौरान रेड जोन में भी कंपनियां खुलेंगी, सिर्फ संक्रमण जोन में तमाम पाबंदियां रहेंगी। इतना ही नहीं, रात 7 बजे से सुबह 7 बजे तक गैर जरूरी गतिविधियों की इजाजत नहीं होगी। 10 साल से कम के बच्चे, बूढ़े या जिन्हें पहले से ही कोई बीमारी है, उन्हें बिना किसी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत के बाहर निकलने पर मनाही होगी। अगर राज्य चाहें तो उन्हें जहां लगे, वहां पाबंदी बढ़ा सकते हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने जो तय है उससे छूट नहीं दे सकते।
क्या-क्या खुलेगा?
रेड जोन में कोई टैक्सी नहीं चलेगी, लेकिन निजी कारें चल सकेंगी, जिसमें पीछे की सीट पर दो लोग बैठ सकते हैं। बाइक पर सिर्फ एक ही सवारी बैठ सकेगी।
प्राइवेट ऑफिस जैसे आर्किटेक्ट, वकील और आईटी फर्म 33 फीसदी स्टाफ के साथ काम कर सकेंगे। बाकी के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करते रहेंगे।
घर में काम करने वालों और स्थानीय वर्कर्स को भी सुबह 7 से रात 7 बजे तक काम करने की इजाजत होगी। हालांकि, इसमें अगर राज्य चाहें तो अपने हिसाब से कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं।
पान और शराब की दुकानें खुलेंगी, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के साथ। एक साथ दुकान पर 5 ग्राहक से अधिक होने पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, बार और रेस्टोरेंट अभी भी बंद ही रहेंगे।
प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी और आईटी सेवाएं, डेटा और कॉल सेंटर, कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग, प्राइवेट सिक्योरिटी और सेल्फ इंप्लॉइड लोगों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को इजाजत रहेगी, हालांकि, सलून पर पाबंदी रहेगी।
शहरी इलाकों में उद्योग, एसईजेड, ईओयू आदि कुछ पाबंदियों के साथ खुल सकेंगे।
जरूरी चीजें बनाने वाली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, जिसमें दवा, फार्मा कंपनियां, मेड डिवाइसेस, उनका कच्चा माल आदि के साथ-साथ जिन यूनिट्स को लगातार चलते रहना है, वह सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम करती रहेंगी।
शहरी इलाकों में उन जगहों पर निर्माण की इजाजत होगी, जहां मजदूरों के रहने की व्यवस्था हो, साथ ही रीन्युएबल एनर्जी प्रोजेक्ट चल सकेंगे।
सभी सरकारी ऑफिस चलेंगे, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी दफ्तर में आएंगे, लेकिन बाकी स्टाफ समेत कुल संख्या 33 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए।
ग्रामीण इलाकों में सभी इंडस्ट्रियल और कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी चल सकेंगी, जैसे मनरेगा, फूड प्रोसेसिंग यूनिट और ईंटें बनाने की यूनिट।
ग्रामीण इलाकों में सभी दुकानें खुलेंगी, सिर्फ शॉपिंग मॉल पर प्रतिबंध रहेगा।
आयुष समेत सभी स्वास्थ्य सेवाएं चालू रहेंगी।
सभी एग्रिकल्चर, पशु पालन और प्लांटेशन एक्टिविटी चालू रहेगी।
बैंक, एनबीएफसी, इंश्योरेंस और कैपिटल मार्केट एक्टिविटीज और को-ऑपरेटिव सोसाएटी खुली रहेंगी। बच्चों के किंडर गार्डन, बुजुर्गों के रहने की जगह, विधवाओं के जगह और आंगनबाड़ी खुले रहेंगे।
पब्लिक यूटिलिटी जैसे पानी, बिजली, टेलिकॉम, इंटरनेट, वेस्ट मैनेजमेंट, कूरियर और पोस्टल सेवाएं भी चलेंगी।
सभी जोन में ये चीजें रहेंगी बंद
हवाई, रेल, मेट्रो और सड़क मार्ग से अंतरराज्यीय आवागमन।
स्कूल-कॉलेड, कोचिंग और ट्रेनिंग सेंटर।
मॉल, सिनेमाहॉल और जिम, ताकि भीड़ न जुट सके।
आम लोगों के लिए मंदिर, मस्जिद, चर्च समेत सभी पूजा स्थल।
धार्मिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और खेलकूद से जुड़े जमावड़े पर रोक जारी रहेगी।
शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक जरूरी काम के बिना बाहर निकलने पर पाबंदी।
10 साल से छोटे बच्चों, 65 साल से अधिक के बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं के जरूरी काम के बिना बाहर जाने पर रोक रहेगी।
रेड जोन में इन पर पूरा प्रतिबंध
रिक्शा, ऑटो, टैक्सी और ओला-उबर जैसी टैस्की को चलाने की इजाजत नहीं होगी।
सैलून, स्पा, ब्यूटी पार्लर नहीं खुलेंगे और साथ ही यहां बसें भी नहीं चलेंगी।
देश में फिलहाल 130 जिले रेड, 284 ऑरेंज, 319 ग्रीन जोन में हैं।
सभी जोन में खुलेंगी शराब की दुकानें
शराब की दुकानें सभी जोन में खुलेंगी, मगर पान की दुकानों को सिर्फ ग्रीन जोन में खोलने की इजाजत रहेगी लेकिन कम से कम 6 फीट की दूरी के नियम का पालन करना होगा। दुकानों को राज्य सरकारें स्थिति का आकलन करके मंजूरी दे सकेंगी। मोहल्ले पड़ोस की दुकानें, रिहायशी कॉलोनी की दुकानें खुलेंगी। 
ग्रीन जोन्स में खुल सकती हैं सभी दुकानें
ग्रीन जोन्स में 4 मई से मोबाइल फोन्स, इलेक्ट्रॉनिक, इलेक्ट्रिक, हार्डवेयर, रिपेयरिंग शॉप्स, कपड़ों की दुकानें, रेस्तरां, हेयर कटिंग सैलून जैसी सेवाओं को भी खोलने की इजाजत दी जा सकती है। हालांकि, इन दुकानों पर भीड़ लगाने की इजाजत नहीं होगी और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करना होगा। पंजाब सरकार ने तो लॉकडाउन को दो हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है लेकिन उसने भी ग्रामीण इलाकों में सामान बेचने वाली सभी दुकानों को 50 फीसदी स्टाफ और कुछ अन्य शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दे दी है। हालांकि, वहां सैलून, स्पा जैसी सर्विस देने वाली दुकानों को इजाजत नहीं दी गई है। स्टैंडअलोन टी और सिगरेट की दुकानों को भी इजाजत दी जा सकती है।
फैक्ट्रियों, कंस्ट्रक्शन, उद्योगों को भी छूट
ग्रीन जोन्स में 4 मई से सभी फैक्ट्रियों में फिर से काम शुरू करने की इजाजत दी जा सकती है। इसके अलावा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को भी छूट दी जा सकती है। ईंट भट्टों को पहले ही छूट दी जा चुकी है। ग्रीन जिलों में निर्माण गतिविधियों पर लगा ब्रेक हट सकता है। कंस्ट्रक्शन का काम जोर पकड़ सकता है।
बसें, ऑटो, टैक्सी को भी इजाजत
ग्रीन जोन्स में ट्रांसपोर्ट को भी सीमित रूप से खोला जा सकता है। पश्चिम बंगाल में बसों और टैक्सियों को ग्रीन जोन्स के भीतर चलने की इजाजत दी जा सकती है। इंटर-स्टेट बस सर्विस बंद रहेगी। इसी तरह अन्य राज्यों में भी इस तरह की छूट मुमकिन है। हालांकि, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना जरूरी होगा।
शादी समारोह, धार्मिक आयोजन पर बैन
3 मई के बाद ग्रीन जोन्स में प्रतिबंधों के दायरे को सीमित जरूर किया जा सकता है लेकिन भीड़-भाड़ की इजाजत तब भी नहीं होगी। शादी समारोह, धार्मिक आयोजन, जुलूस जैसी भीड़भाड़ वाली गतिविधियों पर आगे भी रोक बरकरार रहेगी।
देश में 319 जिले ग्रीन जोन, जबकि 130 जिले रेड जोन में
गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई जिलों की सूची में तीन मई के बाद 130 जिलों को रेड, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। वहीं, देश के बड़े शहरों में शामिल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलूरू, अहमदाबाद को अब भी रेड जोन में ही रखा है। बता दें कि यहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
नहीं चलेंगी मेट्रो, रेल
देश में हवाई यात्रा, रेल परिचालन, मेट्रो परिचालन, सड़कों से एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवेश पर पाबंदी लागू रहेगी। स्पष्ट है कि 17 मई तक प्लेन, ट्रेन, मेट्रो और रोड ट्रांसपोर्ट का परिचालन शुरू नहीं होगा।
ऑटो रिक्शा पर प्रतिबंध
कोविड-19 रेड जोन के अंदर और कंटेनमेंट जोन के बाहर रिक्शा, ऑटो रिक्शा का परिचालन बंद रहेगा।
होटल, रेस्तरां सारे बंद
होटल, रेस्त्रां समेत आतिथ्य सेवा के सारे संस्थान बंद रहेंगे। सरकार ने स्पष्ट किया है कि भीड़भाड़ वाली जगहों को लॉकडाउन से छूट नहीं दी जा रही है।
जिम, मॉल पर भी पाबंदी
सिनेमा हॉल, मॉल, जिम, स्पोट्र्स कॉम्प्लेक्स जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों को 17 मई तक बंद रखा जाएगा। यह आदेश रेड, ऑरेंज और ग्रीन, तीनों जोनों के लिए लागू है।
सभी धार्मिक स्थल बंद
राजनीतिक, सांस्कृतिक आयोजन स्थल तथा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे आदि सभी धार्मिक स्थल 17 मई तक नहीं खुलेंगे। ध्यान रहे कि रमजान का महीना चल रहा है जो इस दौरान खत्म नहीं होगा।
बजुर्गों, गर्भवती महिलाओं का निकलना मना
सभी जोनों में 65 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों और डाइबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम्स जैसी समस्याओं से ग्रस्त लोगों, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों का बाहर निकलना मना रहेगा। ये सिर्फ जरूरी काम या स्वास्थ्य जरूरतों के लिए ही घर से निकल पाएंगे।
देश में 319 जिले ग्रीन जोन, जबकि 130 जिले रेड जोन में
गृह मंत्रालय द्वारा जारी की गई जिलों की सूची में तीन मई के बाद 130 जिलों को रेड, 284 को ऑरेंज और 319 जिलों को ग्रीन जोन में शामिल किया गया है। वहीं, देश के बड़े शहरों में शामिल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलूरू, अहमदाबाद को अब भी रेड जोन में ही रखा है। बता दें कि यहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।


लॉक डाउनः मेट्रो की गति पर ब्रेक नहीं

नई दिल्ली। पूर्णबंदी के कारण दिल्ली मेट्रो की सेवाएं यात्रियों के लिए भले ही बंद हो लेकिन राजधानी की जीवन रेखा कही जाने वाली मेट्रो की ट्रेनों ने इस दौरान विभिन्न लाइनों पर 3500 से भी ज्यादा फेरे लगाये हैं। दिल्ली मेट्रो की विभिन्न लाइनों पर हर रोज एक अलग ट्रेन यात्रियों के बिना ही सुबह और शाम आरंभिक स्टेशन से लेकर गंतव्य तक पूरा फेरा लगाती है। यह कोशिश की जाती है कि सभी ट्रेनों को बारी बारी से इस्तेमाल किया जा सके। इसका उद्देश्य ट्रेनों का रख रखाव और उनकी मशीनरी तथा अन्य प्रणालियों को चालू हालत में रखना है जिससे कि पूर्णबंदी हटते ही ट्रेनों को यात्री सेवाओं के लिए तुरंत चलाया जा सके। एयरपोर्ट और द्वारका मोड़ से नजफगढ तक की ग्रे लाइन पर इसकी फ्रीक्वेंसी थोडी कम है। पूर्णबंदी शुरू होने के बाद से दो मई तक मेट्रो की विभिन्न ट्रेनें अब तक 3500 से अधिक फेरे लगा चुकी हैं।


दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने अपनी यात्रा के, एक और उपलब्धिपूर्ण वर्ष के समापन पर 26वां स्थापना दिवस मनाया। हालांकि कोरोना वैश्विक महामारी के मद्देनजर पूर्णबंदी के कारण इस अवसर पर औपचारिक समारोह नहीं मनाया जा सका। दिल्ली मेट्रो ने एक वक्तव्य जारी कर कहा कि भले ही गत 22 मार्च से सेवाएं यात्रियों के लिए स्थगित हैं लेकिन दिल्ली मेट्रो पूर्णबंदी के दौरान मेट्रो को दुरुस्त और तैयार रखने के लिए कई तरह की कवायद कर रही है ताकि लॉकडाउन खुलते ही मेट्रो सेवाओं को यथाशीघ्र बहाल किया जा सके।


पूर्णबंदी के समय का बेहतर उपयोग करते हुए 2000 ट्रेन कोचों की हीटिंग, वेंटीलेशन तथा एयर कंडीशनिंग (एचवीएसी) सिस्टम की सघन जांच की गई है तथा विशेष रसायन से 1200 कोचों की एचवीएसी सिस्टम की सफाई का अभियान पहली बार चलाया गया। सामान्य परिस्थितियों में ट्रेन की अनुपलब्धता की वजह से यह काम देरी से हो पाता। सामान्य दिनों में जब ट्रेन रोज 20 घंटे से ज्यादा समय तक यात्री सेवा में रहती है तो इस प्रकार का बड़ा काम हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। इस तरह के सफाई अभियान से गर्मियों में बेहतर एयरकंडीशन वातावरण उपलब्ध हो सकेगा।


पत्र लिख डीएम को अवगत कराया

जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी एवं राहत प्रबंधन अधिकारी गाजियाबाद
अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। तहसील लोनी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट सुरेंद्र कुमार के द्वारा जिला अधिकारी को पत्र के माध्यम से जनता की समस्या से अवगत कराते हुए समाधान का अनुरोध किया। लोनी मे शासनिक प्रशासनिक राहत सामंग्री को जरुरतमद वचित प्रवासी लोगो को चिन्हित सरकारी आर्थिक सहायता राहत का वितरण सुनिश्चित करने हेतु
अवगत कराना है कि पूरे देश मे कारोना वायरस के संक्रमण से देशवासियो को बचाने के लिऐ राष्ट्रीयस्तर पर लाकडाउन घोषित किया गया है। लाकडाउन के कारण साधनहिन गरिब बेकार बेरोजगार परिवारो को भूखमरी व शोसलडिस्टेंंस की शारिरीक मानसिक पीडा जनहानि से बजाने के लिऐ शासनिक प्रशासनिक स्तर पर नकद आर्थिक सहायता व खादय सामंग्री के बटवारे के आदेश दिये गये है। आधार कार्ड या पहचान पत्र से भी आर्थिक सहायता देने , राशन कार्ड विहिन लोगो के आधार कार्ड पहचान पत्र के आधार पर राशन कार्ड बनाने के आदेश दिये है। राशन कार्ड के अभाव मे आधर कार्ड पहचान पत्र से समुचित राहत सहायता का निष्पक्ष पारदर्शिता पूर्ण वितरण सुनिश्चित करने के आदेश दिये गये।जिसमे बहुत से साधनहीन मजदूर बेरोजगार प्रवासी किरायेदार मजदूर गरीब लोग सरकारी नगद सहायता ,खादय राहत सामंग्री व राशन कार्ड से वचित है। राहत सामग्री वितरण मे जातिगत धार्मिक अमिर गरिब लोगो बस्तियो के आधार पर व राजनेतिक दलगत भेदभाव की शिकायते भी है। आर्थिक राहत सामंग्री वितरण मे पारदर्शिता का अभाव भी है। अभी बहुत से हजारो परिवार सरकारी आर्थिक सहायता से वचित है। 
हकीकत में गरीब मजदूर किराएदार भोजन के इंतजार मैं, इंतजार करते हैं तथा अधिकांश लोगों के राशन कार्ड नहीं बने है आर्थिक मदद भी नहीं मिली है ये गरीब साधनहिन प्रवासी किरायेदार अशिक्षित बेजुबान लोग है लाकडाउन मै आपसी सम्पर्क सवांदहिनता भेदभाव राजनैतिक पहुच के अभाव मे इनको आज तक ईनकी आवाज नहीं सुनी गयी है ,ईन लोगो का व ईनके परिजनो का भुखमरी के आसन्न संकट का सामना करना पड रहा है  सविधानिक सम्मान से जीवन जीने के अंदाज में ईनको खुशिया नही मिली ,भूख से तृप्ति नही मिली ,आत्मग्लानि निराशाजनक अंधकारमय भविष्य से चिंतित ऐसे ही कुछ लोगों ने देश मे आत्महत्या चुनी ?
सरकार के शासनिक प्रशासनिक जिम्मेदार अधिकारियो को जरुरत मद लोगो तक अविलम्ब राशन खर्चा ,साफ सफाई के लिऐ नहाने कपडे धोने के लिऐ साबुन सेनेटाईजर का वितरण बिना अमीर गरिब राजनैतिक भेदभाव के व्यवस्था करनी चाहीऐ ताकि जरुरतबंद साधनहिन गरिब व्यक्ति परिवार मे रहकर शान्ति से निश्चिंत होकर लाकडाउन का पालन करते हुऐ परिवार के साथ सम्मान के साथ भोजन बनाये ,पकाये,भोजन करे ,केवल खाली रहकर भोजन का ही ईंतजार न करे ,भोजन की आस मे,अपमानजन जोखिम उठाकर,लाकडाउन सोशल डिस्टेस के उल्लघन का सरकारी डंडा और मुकदमा झैलने का जोखिम न उठाये  ? एसे लोगो की संख्या लोनी मे ही प्रत्येक वार्ड मे हजारो की है ??जनहित मे उपरोक्त वचित लोगो को निष्पक्ष दलगत राजनिति से ऊपर ऊठकर चिन्हित करके सरकारी /शासनिक प्रशासनिक आर्थिक सहायता व खादय सामग्री वितरण के लिऐ आवश्यक पारदर्शी सुनिश्चित कानूनी की जानी आवश्यक है।
 लोकहित /जनहित मे सरकारी शासनिक प्रशासनिक आर्थिक सहायता/खादय राहत सामंग्री का जरूरतमद वचित लोगो मे वितरण करने की निष्पक्ष कानूनी व्यवस्था का पालन सुनिश्चित करे।
   


फिर गरीबों से निवाला छीनने का आरोप

प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ की घोषणा के बाद भी लोनी में सरकारी सस्ते गल्ले के दुकानदार गरीबों को उनका निवाला बांटने से इंकार कर रहे हैं


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। लोनी की बलराम नगर कॉलोनी में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर सोशल डिस्टेंस की धज्जियां तो उड़ाई जा ही रही है। दूसरी ओर अप्रैल माह में खाद विभाग द्वारा जारी किए गए राशन कार्ड पर किसी को भी राशन नहीं दिया जा रहा है। राशन डीलर जयप्रकाश बघेल का कहना है कि उनके पास अभी नए राशन कार्डों का राशन नहीं आया है। लोगों ने आरोप लगाया है की राशन डीलर अपने आपको भाजपा नेता बताता है और अप्रैल महीने  में प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत भी उन्हें 2 से 3 किलो राशन कम दिया था।
डिस्टिक सप्लाई ऑफीसर अभिनव का कहना है कि सभी कार्ड धारकों को राशन वितरित किया जाएगा।
प्रश्न यह उठता है कि राशन डीलर अप्रैल माह में जारी किए गए। राशन कार्ड धारकों को 15 मई के बाद का समय दे रहा है जबकि जनपद के डीएसओ एक-दो दिन में ही राशन बटवााने का आश्वासन दे रहे हैं आखिर इसको क्या समझा जाए।


डीएम-एसएसपी ने किया क्षेत्र का भ्रमण

अश्वनी उपाध्याय


गाज़ियाबाद। लाॅकडाउन के अंतर्गत कोविड-19(कोरोनावायरस) को मद्देनज़र रखते डीएम अजय शंकर पांडे और एसएसपी कलानिधि नैथानी द्वारा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि गाजियाबाद- बागपत, नोएडा के विभिन्न इलाकों में भ्रमण करते हुए स्थिति का जायजा लिया। इतना ही नहीं, उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में भी पीडीएस वितरण केंद्रों का भी भ्रमण करते हुए जायजा लिया। जहां, डीएम और एसएसपी के साथ एसपी ग्रामीण नीरज कुमार जादौन समेत काफी पुलिसकर्मियों का काफिला भ्रमण करते हुए नज़र आया।


आपको बताते चलें कि डीएम अजय शंकर पांडे और एसएसपी कलानिधि नैथानी ने विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में पीडीएस स्कीम के तहत अनाज, राशन वितरित करने वाली दुकानों पर भी भ्रमण करते हुए स्थिति का जायजा लिया। जबकि, वह मौके पर मौजूद मिले लोगों से उन्होंने विशेष तौर पर सोशल डिस्टेंसिंग पर विशेष ध्यान रखने की अपील की। इतना ही नहीं, उन्होंने आवश्यक रूप से मास्क लगाने और ग्लव्स इस्तेमाल करने को लेकर कड़ा जोर दिया। हालांकि, डीएम और एसएसपी ने भ्रमण के दौरान लोगों से उनकी परेशानियों के बारे में भी जानकारी की और तो और उन्होंने लोगों से लाॅकडाउन के नियमों का पालन करने की भी अपील की।


दरअसल, एसएसपी कलानिधि नैथानी ने समस्त क्षेत्राधिकारी व समस्त थाना प्रभारियों समेत अन्य सभी पुलिसकर्मियों को भी जनपद के विभिन्न संवेदनशील क्षेत्रों में नियंत्रण रूप से फ्लैग मार्च, पैदल मार्च करते रहने तथा अनावश्यक रूप से उन संवेदनशील क्षेत्रों में मिलने वाले पैदल राहगीरों, रिक्शावालों, साइकिलवालों समेत आदि की आवाजाही पर भी रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, संवेदनशील इलाकों में लाॅकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही करने को लेकर भी निर्देशित किया हैं।


ड्रोन कैमरे और ऐप से होगी निगरानी

घर पहुंचने के बाद मजदूरों, छात्रों की ड्रोन और ऐप से होगी निगरानी
नई दिल्ली। अलग प्रदेशों में फंसे मजदूर और छात्र सरकार की ओर से चलाए जाने वाली विशेष रेलगाडि़यों से अपने घर पहुंचने के बाद भी निगरानी में रहेंगे। ऐसे मजदूर, छात्र या तीर्थयात्री जिनको क्वारंटाइन या घर पर ही एकांतवास का निर्देश दिया जाएगा, उनकी नियमित निगरानी की जाएगी। इसके लिए राज्यों को ड्रोन और ऐप का उपयोग करने की सलाह दी गई है।


एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसको किसी भी तरह के बुखार, खांसी, स्वाद नहीं लगने के लक्षण होंगे वह अपने घर नहीं जा पाएंगे. उन्होंने बताया कि जब ये लोग अपने शहरों तक पहुंचेंगे तो इनकी एक बार फिर से जांच होगी और इनमें से अधिकतर को संस्थागत या घर पर ही क्वारंटाइन के नियम का अनुपालन करना पड़ेगा. ऐसे में इनकी निगरानी के लिए ड्रोन और ऐप की सहायता लेने की सलाह राज्यों को दी गई है।


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